म्यूचुअल फंड्स के साथ अपना रिटायरमेंट कैसे प्लान करें?

एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड इन इंडिया (AMFI) की वेबसाइट पर 15 नवंबर तक के आंकड़ों के आधार पर आज हम आपको उन रिटायरमेंट म्यूचुअल फंड स्कीम की जानकारी दे रहे हैं, जिन्होंने अपनी स्थापना के बाद से सबसे ज्यादा रिटर्न दिया है.
दो तरीकों से इन्वेस्ट करने की सुविधा - लंपसम इन्वेस्टमेंट या सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी).
लंपसम और एसआईपी के लिए मात्र रु. 100 से अपना म्यूचुअल फंड इन्वेस्टमेंट शुरू करें.
आप हमारे प्लेटफॉर्म के माध्यम से 0% कमीशन के म्यूचुअल फंड्स के साथ अपना रिटायरमेंट कैसे प्लान करें? साथ डायरेक्ट प्लान में इन्वेस्ट कर सकते हैं.
म्यूचुअल फंड (एमएफ) इन्वेस्टमेंट अतियोग्य प्रोफेशनल्स द्वारा मैनेज किए जाते हैं. ये फंड कई इन्वेस्टर्स से पैसे जोड़कर बनाए जाते हैं और स्टॉक्स, बॉन्ड और शॉर्ट-टर्म डेट जैसी सिक्योरिटीज़ में इन्वेस्ट किए जाते हैं. फंड के दिशानिर्देशों के अनुसार इन्वेस्टमेंट किए जाते हैं.
एसेट क्लास के अनुसार, म्यूचुअल फंड को इक्विटी, डेट और हाइब्रिड फंड में वर्गीकृत किया जाता है. आप बजाज फाइनेंस के साथ म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट कर सकते हैं और अधिक लाभ और म्यूचुअल फंड्स के साथ अपना रिटायरमेंट कैसे प्लान करें? वृद्धि के अवसर प्राप्त कर सकते हैं.
एमएफ के लिए कैसे अप्लाई करें
डिस्क्लेमर
म्यूचुअल फंड निवेश बाज़ार जोखिमों के अधीन हैं; स्कीम से संबंधित सभी डॉक्यूमेंट ध्यान से पढ़ें.
बजाज फाइनेंस लिमिटेड ('बीएफएल') आरबीआई के साथ डिपॉजिट स्वीकार करने वाले नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल संस्थान के रूप में रजिस्टर्ड है, और एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया ("एएमएफआई") के साथ थर्ड पार्टी म्यूचुअल फंड (जिसे संक्षेप में 'म्यूचुअल फंड' कहा जाता है) के डिस्ट्रीब्यूटर के रूप में रजिस्टर्ड है.
डायरेक्ट म्यूचुअल फंड में इन्वेस्टमेंट करने में रुचि रखने वाले कस्टमर बजाज फिनसर्व डायरेक्ट लिमिटेड ("बीएफडीएल") के माध्यम से अपना इन्वेस्टमेंट करने पर विचार कर सकते हैं, जो बजाज फिनसर्व लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है और यह रजिस्ट्रेशन नंबर आईएनए000016083 के साथ इन्वेस्टमेंट एडवाइज़र के रूप में सेबी के साथ रजिस्टर्ड है. बीएफडीएल प्लेटफॉर्म पर म्यूचुअल फंड केवल निवासी भारतीयों के लिए उपलब्ध हैं और ये भारत के क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र के म्यूचुअल फंड्स के साथ अपना रिटायरमेंट कैसे प्लान करें? बाहर रहने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए उपलब्ध नहीं हैं. यहां पर यह भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि बीएफएल केवल संभावित कस्टमर को रेफर कर रहा है जो बीएफडीएल की डायरेक्ट म्यूचुअल फंड स्कीम में इन्वेस्ट करने में रुचि ले सकते हैं, इस मामले में बीएफएल स्वयं को सभी जोखिम और जिम्मेदारियों से मुक्त रखता है.
म्यूचुअल फंड्स के साथ अपना रिटायरमेंट कैसे प्लान करें?
दातर लोग रिटायरमेंट के करीब आने तक अपने रिटायरमेंट के बारे में नहीं सोचते। पूरी ज़िंदगी एक के बाद दूसरी ज़रूरतों को पूरा करने में खर्च हो जाती है, गाड़ी खरीदने से लेकर, घर खरीदने, परिवार का भरण-पोषण, बच्चों की पढाई से लेकर उनकी शादी तक। जब ये ज़िम्मेदारियां खत्म हो जाती हैं, हम रिटायरमेंट जो कि बस आने ही वाला है, के लिए कितने पैसे बचे म्यूचुअल फंड्स के साथ अपना रिटायरमेंट कैसे प्लान करें? हैं देखना शुरू कर देते हैं। इसी समय लोग अपने जीवन भर की बचत को किसी ऐसी चीज़ में निवेश करने की सोचते हैं जो रिटायरमेंट का दौर शुरू होने से पहले कम समय में ज़्यादा मुनाफ़ा दे सके। जीवन के उस दौर के लिए ऐसी प्लानिंग करना गलत तरीका है जहाँ आपको सबसे ज़्यादा आराम, सुरक्षा, अच्छी सेहत और बिना किसी रेगुलर इनकम के 15 से 30 साल तक सहारे की ज़रूरत है।
इस दौर की प्लानिंग करना जितना जल्दी शुरू कर दें उतना अच्छा। भले ही आपकी कमाई और लाइफस्टाइल कैसी भी हो, आप अपने सारे ख़र्चों को पूरा म्यूचुअल फंड्स के साथ अपना रिटायरमेंट कैसे प्लान करें? करने के बाद हमेशा पैसे बचा सकते हैं और आपके सारे बिल और दूसरी ज़रूरी चीज़ों को पूरा करने के बाद जैसे कार की ईएमआई, होम लोन की ईएमआई, बच्चों के लिए किये गए इन्वेस्टमेंट, इमरजेंसी फंड आदि जैसी आपकी फिनेंशिअल कमिटमेंट को पूरा करने के बाद आपके पास ज़रूर महीने के आखिर में कुछ पैसे बचते होंगे।
रिटायरमेंट के लिए बनाना है बड़ा फंड तो इन Mutual Funds में लगाएं पैसा, अब तक दिया है बढ़िया रिटर्न
पिछले कुछ वर्षों में कई रिटायरमेंट बेनिफिट फंडों ने निवेशकों को अच्छा रिटर्न दिया है.
Mutual Fund investment- रिटायरमेंट के बाद की जिंदगी तभी सूकून से गुजरेगी, जब आप वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर होंगे. रिटा . अधिक पढ़ें
- News18 हिंदी
- Last Updated : November 18, 2022, 08:10 IST
म्यूचुअल फंड में बैंक एफडी से ज्यादा रिटर्न मिलता है.
अच्छा फंड बनाने के लिए म्यूचुअल फंड एक सही निवेश विकल्प है.
म्यूचुअल फंड्स में धीरे-धीरे निवेश बढ़ रहा है.
नई दिल्ली. अगर आप रिटायरमेंट के बाद के जीवन के लिए पैसों का इंतजाम करना चाहते हैं तो आपको म्यूचुअल फंड भी इनवेस्टमेंट करना चाहिए. म्यूचुअल फंड में रिटर्न ज्यादा मिलता है. हालांकि, छोटी बचत योजनाओं और एफडी के मुकाबले म्यूचुअल फंड में जोखिम ज्यादा होता है. बचत के साथ ही इन फंड में निवेशक करने पर निवेशकों को इनकम बेनिफिट्स भी मिलते हैं. पिछले कुछ सालों में कई रिटायरमेंट बेनिफिट फंडों ने निवेशकों को अच्छा रिटर्न दिया है.
रिटायरमेंट के बाद भी रहेंगे 'ठाठ' से! अगर चुनेंगे सॉल्यूशन ऑरिएंटेड फंड्स
अगर आपने अपना पोस्ट रिटायरमेंट प्लान नहीं किया है तो अब भी देर नहीं हुई है. आप जितना जल्दी अपनी रिटायरमेंट की प्लानिंग करेंगे, आपको सेवानिवृत्ति के समय उतना ज्यादा फायदा होगा.
लंबी अवधि के निवेश के लिए रिटायरमेंट फंड ही सबसे उपयुक्त इंस्ट्रूमेंट है. (Reuters)
अगर आपने अपना पोस्ट रिटायरमेंट प्लान नहीं किया है तो अब भी देर नहीं हुई है. आप जितना जल्दी अपनी रिटायरमेंट की प्लानिंग करेंगे, आपको सेवानिवृत्ति के समय उतना ज्यादा फायदा होगा. दरअसल, लंबी अवधि के निवेश के लिए रिटायरमेंट फंड ही सबसे उपयुक्त इंस्ट्रूमेंट है. इसमें किया जाने वाला निवेश रिटायरमेंट बाद की जरूरतें पूरी करता है. यह फंड सॉल्यूशन ऑरिएंटेड फंड की कैटगरी का है. आइए जानते हैं कि सॉल्यूशन ऑरिएंटेड फंड क्या होता है और इसमें कैसे निवेश कर आप अपना रिटायरमेंट या अन्य जरूरतों का खर्च पूरा कर सकते हैं?
Mutual Fund में कैसे मिलेगा दमदार रिटर्न? निवेश से पहले जान लीजिए कुछ कॉमन सवालों के जवाब
Mutual Fund Investment tips: म्यूचुअल फंड में निवेश आज के समय में काफी आसान है. कई ऐसे अप्लीकेशन और डिजिटल प्लेटफॉर्म हैं, जहां ऑनलाइन KYC पूरी कर निवेश शुरू किया जा सकता है. इसमें निवेशक महज 100 रुपये की SIP (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) से भी निवेश शुरू कर सकते हैं.
Mutual Fund Investment: बाजार में जारी उतार-चढ़ाव के बावजूद म्यूचुअल फंड में निवेशकों का भरोसा मजबूत बना हुआ है. मार्च 2022 के दौरान इक्विटी म्यूचुअल फंड्स (Mutual Fund) में रिकॉर्ड 28,463 करोड़ रुपये का इनफ्लो हुआ. यह इक्विटी फंड्स का ऑल टाइम हाई निवेश है. एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के आंकड़ों के मुताबिक, मार्च में लगातार 13वें महीने इक्विटी फंड्स में निवेश आया. म्यूचुअल फंड में निवेश आज के समय में काफी आसान है. कई ऐसे अप्लीकेशन और डिजिटल प्लेटफॉर्म हैं, जहां ऑनलाइन KYC पूरी कर निवेश शुरू किया जा सकता है. इसमें निवेशक महज 100 रुपये की SIP (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) से भी निवेश शुरू कर सकते हैं. हालांकि, म्यूचुअल फंड में निवेश को लेकर कई तरह के ऊहापोह दिमाग में चलते हैं, जैसेकि रेग्युलर प्लान में जाएं या डायरेक्ट निवेश करें. एडलवाइस म्यूचुअल फंड्स के साथ अपना रिटायरमेंट कैसे प्लान करें? वेल्थ मैनेजमेंट के प्रेसिडेंट एंड हेड (पर्सनल वेल्थ) राहुल जैन से म्यूचुअल फंड में निवेश से पहले के कॉमन सवालों के जवाब जानते हैं.
डायवर्सिफाइड या कन्संट्रेटेड स्कीम
कुछ फंड्स का पोर्टफोलियो 50-60 कंपनियों में फैला होता है. जबकि, कुछ स्कीम्स का काफी कॉम्पैक्ट होता है, उनके पोर्टफोलियो में 25-30 स्टॉक्स ही होते हैं. एक कन्संट्रेटेड पोर्टफोलियो बाजार की रैली में रिटर्न बढ़ा सकता है, लेकिन एक डायवर्सिफाइड फंड मार्केट की गिरावट में मुनाफे को प्रोटेक्ट करता है. बतौर निवेशक, आपको डायवर्सिफाइड फंड्स में अपनी कोर होल्डिंग रखनी चाहिए. साथ ही कन्संट्रेटेड फंड में अपना कुछ निवेश सप्लीमेंट्री तौर पर करना चाहिए. इस स्ट्रैटजी से आपको मार्केट की तेजी और गिरावट दोनों ही स्थिति के लिए आपका पोर्टफोलियो बेहतर साबित होगा.
सभी म्यूचुअल फंड्स (Mutual Funds) में डायरेक्ट और रेग्युलर वेरिएंट्स हैं. डायरेक्ट प्लान में कोई इंटरमीडियरी नहीं होता है. इसलिए एक्सपेंश रेश्यो कम होता है. वहीं, रेग्युलर प्लान इससे अलग होता है. इसमें एक्सपेंस रेश्यो ज्यादा हाता है, क्योंकि उसमें इंटरमीडियरीज शामिल होता है. लॉन्ग टर्म में कम एक्सपेंश रेश्यो हायर रिटर्न ट्रांसलेट होता है. इसके साथ ही कम्पाउंडिंग के चलते लो म्यूचुअल फंड्स के साथ अपना रिटायरमेंट कैसे प्लान करें? एक्सपेंश रेश्यो से डायरेक्ट प्लान में गेन्स ज्यादा होता है. हालांकि, डायरेक्ट प्लान में तभी निवेश करना चाहिए, जब आपको मार्केट की समझ अच्छी हो और मार्केट के टर्म को अच्छी तरह समझते है. वर्ना, रेग्युलर प्लान में निवेश करना चाहिए.
एक्टिव या पैसिव फंड्स
एक्टिव फंड्स अपने बेंचमार्क इंडेक्स से बेहतर रिटर्न देने की क्षमता रखते हैं. दूसरी ओर, पैसिव फंड्स बामुश्किल से अपने बेंचमार्क इंडेक्स के बराबर रिटर्न दे पाते हैं. एक्टिव फंड्स की फीस ज्यादा होती है, जबकि पैसिव फंड्स में फंड मैनेजर्स की जरूरत नहीं होती है. अगर सबकुछ ठीक रहता है, तो एक्टिव फंड्स बेहतर रिटर्न दे सकते हैं. हालांकि, जब मार्केट कंडीशन बेहतर न हो, तो इनका रिटर्न बेंचमार्क इंडेक्स से कम रहता है. हालांकि, इस कौन-सा फंड चुनें इस बात का फैसला आपके इन्वेस्टमेंट गोल पर तय होता है.
अगर आप दमदार रिटर्न जेनरेट करना चाहते हैं तो एक्टिव फंड चुनें. दूसरी ओर, अगर आप किसी इंडेक्स के बराबर परफॉर्मेंस चाहते हैं, तो पैसिव फंड बेहतर ऑप्शन हैं. डायवर्सिफिकेशन के लिए निवेशक को पोर्टफोलियो में एक्टिव और पैसिव दोनों ही फंड रखने चाहिए.
बड़ा या छोटा फंड
फंड कितना बड़ा है या छोटा, यह कोई मायने नहीं रखता है. इसकी बजाय निवेश से पहले लॉन्ग टर्म में फंड की परफॉर्मेंस कैसी रही है, इसका एनॉलसिस जरूर करना चाहिए. अगर काई फंड लंबी अवधि में हाई रिस्क एडजस्टेड रिटर्न देता है, तो वह निवेश के लिए बेहतर च्वाइस हो सकता है. दूसरी ओर, अगर फंड का लॉन्ग टर्म रिटर्न अच्छा नहीं है, तो उसमें निवेश से बचना चाहिए. कई ऐसी स्माल म्यूचुअल फंड स्कीम्स है, जिनकी परफॉर्मेंस बड़े फंड्स से बेहतर रही है.
अगर आप किसी ओपन-एंडेड म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं, तो आप किसी भी समय एंट्री या एग्जिट कर सकते हैं. आप जरूरत पर आसानी से आंशिक रूप से निकासी कर सकते हैं या अपना निवेश अमाउंट बढ़ा सकते हैं. हालांकि, क्लोज-एंडेड फंड्स में आप ऐसा नहीं कर सकते हैं. इसमें निवेशकों को एकमुश्त निवेश करना होता है.
(डिस्क्लेमर: म्यूचुअल फंड में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है. निवेश संबंधी फैसला लेने से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें.)