क्रिप्टोक्यूरेंसी में निवेश कैसे करें

बचत एवं निवेश की बुनियादी बातें

बचत एवं निवेश की बुनियादी बातें
हर किसी के लिए आपातकालीन निधि (एमर्जेंसी फंड) आवश्यक है - यानी जिसकी मदद से आप नौकरी छूटने, बीमार होने जैसी घटनाओं का सामना कर सकें। यह आपकी बचत ही है जिसे आप बचत एवं निवेश की बुनियादी बातें किसी अन्य परिस्थिति में नहीं छूते। प्रश्न यह है कि इसके लिए कितनी राशि पर्याप्त है? इसके लिए कोई निश्चित राशि तय नहीं है क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति की अपनी विशिष्ट आवश्यकता और जिम्मेदारी होती है। लेकिन शुरुआत करने वाले के लिए, एक ऐसा फंड बनाना अच्छा होगा जो आपकी मासिक डिस्पोजेबल इनकम का कम से कम तीन गुना हो, और फिर धीरे-धीरे इसे छह गुना तक बढ़ाने की कोशिश करें। चूंकि बैंक खातों या फिक्स्ड डिपॉजिट में बचत पर कम रिटर्न मिलता है, इसलिए इसमें बहुत सारा पैसा डालना समझदारी नहीं होगी क्योंकि यह आपके वेल्थ क्रिएशन को धीमा कर देगा। लेकिन यह भी आम तौर पर देखा जाता है कि बचत करने के लिए लोग इसमें 12-24 गुना तक पैसा डालते हैं।

पेंशन कैलकुलेटर

Axis Myzone Free Credit Card

फिंतरा का रिटायरमेंट प्लानिंग कैलकुलेटर कुल सेवानिवृत्ति कोष, सेवानिवृत्ति पर उपलब्ध मासिक पेंशन और चक्रवृद्धि की बुनियादी बातों का उपयोग करके आपके सेवानिवृत्ति लक्ष्य तक पहुंचने के लिए आवश्यक मासिक बचत की गणना करता है।

फिंतरा पेंशन प्लानर के बारे में - सेवानिवृत्ति योजना कैलकुलेटर भारत

जब आप अपने जीवन के सेवानिवृत्ति चरण की योजना बना रहे होते हैं, तो इसमें व्यक्तिगत और वित्तीय नियोजन का मिश्रण शामिल होता है। व्यक्तिगत नियोजन की बात करें तो यह उसके सेवानिवृत्त जीवन के दौरान की संतुष्टि को निर्धारित करता है। दूसरी ओर, वित्तीय नियोजन किसी की योजना के आधार पर आय और व्यय के बजट में मदद करता है।

फिंतरा का रिटायरमेंट प्लानिंग कैलकुलेटर उस राशि को निर्धारित करने के लिए चक्रवृद्धि ब्याज नियमों का उपयोग करता है जो एक व्यक्ति परिपक्वता के बाद किए गए निवेश के अनुसार जमा कर सकता है। अद्वितीय कैलकुलेटर की तुलना व्यवसाय के अन्य सर्वश्रेष्ठ कैलकुलेटरों से की जा सकती है।

फिंतरा पेंशन प्लानर - सेवानिवृत्ति योजना कैलकुलेटर भारत का उपयोग कैसे करें?

फिंतरा पेंशन प्लानर कैलकुलेटर प्रत्येक व्यक्ति को यह गणना करने में सहायता करने के लिए डिज़ाइन किया गया है कि उन्हें रिटायर होने के समय तक कितनी राशि जमा करनी होगी और वित्तीय रूप से खुद को सुरक्षित करने के लिए हर महीने कितनी धनराशि की आवश्यकता होगी।

कैलकुलेटर के लिए आपको अपनी सेवानिवृत्ति की सही गणना और योजना बनाने के लिए कुछ सवालों के जवाब देने होंगे। सटीक परिणाम प्राप्त करने के लिए आपको निम्नलिखित डेटा प्रदान करने की आवश्यकता है:

जब सभी डेटा पेंशन प्लानर कैलकुलेटर में भर दिया गया है, तो "सबमिट" पर क्लिक करें, और तुरंत परिणाम प्रदर्शित होंगे।

पूछे जाने वाले प्रश्न

फिंतरा की पेंशन योजना (सेवानिवृत्ति योजना) कैलकुलेटर के क्या लाभ हैं?

सबसे विश्वसनीय ऑनलाइन पेंशन योजना और सेवानिवृत्ति योजना कैलकुलेटर की तरह, फिंतरा का कैलकुलेटर एक विशेष वित्तीय उपकरण है जिसे हर महीने बचाने के लिए आवश्यक सटीक रकम निर्धारित करने में आपकी सहायता करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह दीर्घकालिक निवेश योजना में भी सहायता करता है।

कुछ अन्य फायदे हैं:

* यह विश्वसनीय और उपयोग में आसान है।

*यह एक शांत सेवानिवृत्ति के लिए आवश्यक कोष का निर्धारण करने वाले एक मानकीकृत सूत्र का उपयोग करता है

यदि आप एक निजी स्वामित्व वाली कंपनी में काम कर रहे हैं, तो क्या आपके पास एक निजी सेवानिवृत्ति योजना होनी चाहिए?

इसका जवाब है हाँ। प्रत्येक व्यक्ति जो अपने भविष्य को सुरक्षित करने की योजना बना रहा है और सक्रिय सेवा से सेवानिवृत्त होने के बाद मन की शांति रखता है, उसके पास एक निजी सेवानिवृत्ति योजना होनी चाहिए।

आपको अपने भविष्य के लिए बचत करने के लिए आदर्श राशि क्या है?

भारत बचत एवं निवेश की बुनियादी बातें में थोक और खुदरा महंगाई दर बढ़ रही है और ब्याज दरें गिर रही हैं। इसलिए, आपकी सेवानिवृत्ति के लिए जल्द ही बचत शुरू करने का बुद्धिमानी भरा निर्णय है। फिंतरा के वित्तीय विशेषज्ञों का निष्कर्ष है कि लगभग रु। 1 करोड़ कम या ज्यादा पर्याप्त है। हालाँकि, इतना कुछ जमा करने में वर्षों लग जाते हैं और इस कारण से, समझदारी से निवेश करने की सलाह दी जाती है।

कुछ सबसे अनुशंसित निवेश उपकरण क्या हैं?

निम्नलिखित कुछ सुझाए गए निवेश विकल्प हैं जो अधिकतम रिटर्न सुनिश्चित करते हैं:

शेयर बाजार में निवेश करने से पहले इन 7 बातों का रखें ध्‍यान

Stock Market: अगर आप शेयर बाजार (Stock Market) में निवेश करने की योजना बना रहे हैं तो आपको कुछ बातों का ध्‍यान रखना जरूरी है.

  • Jaya Rai
  • Publish Date - April 7, 2021 / 01:14 PM IST

शेयर बाजार में निवेश करने से पहले इन 7 बातों का रखें ध्‍यान

सेंसेक्स में एचसीएल टेक दो प्रतिशत से अधिक की बढ़त के साथ शीर्ष पर था, वहीं इन्फोसिस, भारती एयरटेल, टेक महिंद्रा, एलएंडटी, रिलायंस इंडस्ट्रीज और आईसीआईसीआई बैंक के शेयरों में भी तेजी देखी गयी

अगर आप शेयर बाजार (Stock Market) में निवेश करने की योजना बना रहे हैं तो आपको कुछ बातों का ध्‍यान रखना जरूरी है. अगर इन बातों को जाने बिना आपने निवेश किया तो आपको नुकसान बचत एवं निवेश की बुनियादी बातें उठाना पड़ सकता है. शेयर बाजार (Stock Market) में अगर समझदारी से निवेश किया जाए तो आपको बेहतरीन रिटर्न मिलता है. वहीं कई बार जाने-अनजाने में निवेशकों को भारी नुकसान भी उठाना पड़ जाता है. ऐसे में शेयर बाजार (Stock Market) में निवेश करने से पहले उसके बारे में अच्‍छे से जान लेना बेहद जरूरी है. यहां हम आपको 7 ऐसी बातें बताने जा रहे हैं जिनका ध्‍यान रखने से आपको शेयर बाजार में अच्‍छा रिटर्न मिलेगा.

पहले मूल बात को समझें:
शेयर बाजार (Stock Market) में निवेश करने से पहले आपको इसके बारे में अच्‍छे से जानकारी होना जरूरी है. वहीं इससे भी ज्‍यादा जरूरी ये है कि आप जिस कंपनी के शेयर खरीदने जा रहे हैं उसके बारे में भी अच्‍छी जानकारी हो. इसी के साथ आपको इस बात का भी अंदाजा होना चाहिए कि शेयर बाजार में निवेश करने का सबसे अच्‍छा समय कौन सा है.

स्टॉप लॉस का करें इस्‍तेमाल:
यह शेयर बाजार में आपके नुकसान को कम करने के सबसे अच्‍छे तरीकों में से एक है. ये बाजार में आपके मुनाफे को बनाए रखता है. आप अपने स्टॉक के लिए स्टॉप लॉस को ठीक कर सकते हैं. इसके इस्‍तेमाल से विशेष स्टॉप लॉस के स्तर पर कीमत हिट होने पर आपका स्टॉक अपने आप बिक जाएगा. वहीं अगर शेयर की कीमत गिरती है तो आपको ज्‍यादा नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा.

अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाएं:
केवल एक कंपनी या एक सेक्टर में निवेश करना कभी भी अच्छा विचार नहीं है. इसे ऐसे समझें कि अगर कंपनी अच्‍छा प्रदर्शन नहीं करती है तो आपको नुकसान होगा. ऐसे में छोटे, मध्‍य और बड़े-कैप शेयरों में निवेश करना हमेशा अच्‍छा होता है. इससे शेयर बाजार में आपके मुनाफा कमाने की संभावना ज्‍यादा होती है.

एक स्थापित व्यवसाय में करें निवेश:
निवेश करने से पहले समझदारी बेहद जरूरी है. हमेशा व्यापार में निवेश न करें बल्कि बचत एवं निवेश की बुनियादी बातें उन व्यवसायों में निवेश करें जो टर्नअराउंड कंपनियों के लिए जाने के बजाय अच्छी तरह से स्थापित हैं. निवेश करने से पहले कंपनी की बुनियादी बातों के साथ भविष्य के विकास और क्षमता को समझें. वहीं किसी शेयर के मूल्यांकन पर ध्यान दें.

लांग टर्म पर दें ध्‍यान:
कई बार लोग जब शेयर बाजार में प्रवेश करते हैं तो तुरंत मुनाफा कमाने की सोचने लगते हैं. लेकिन शेयर बाजार में जल्‍दबाजी ठीक नहीं है. शॉर्ट टर्म के लिए शेयर बाजार में सोचने की जगह इसमें लांग टर्म के लिए निवेश करने के बारे में सोचे. हमेशा लांग टर्म में मिलने वाले रिटर्न को ध्‍यान में रखकर शेयर खरीदने के बारे में सोचे. इसकी वजह है कि शेयर बाजार में लांग टर्म के लिए निवेश लंबे समय में अन्य परिसंपत्तियों की तुलना में काफी बेहतर प्रदर्शन करते हैं.

अफवाहों से बचे:
शेयर बाजार में हमेशा अपनी योजना से चलना अच्‍छा होता है. शेयर बाजार में निवेश कर रहे हैं तो कभी भी स्टॉक और उनके प्रदर्शन के बारे में अफवाहों पर ध्‍यान न दें और इसके आधार पर निर्णय न लें. अफवाहों से दूर रहना हमेशा अच्‍छा होता है. हमेशा ही ऐसे एक विशेष स्टॉक को खरीदें या बेचे जिसे आप प्रभावित हुए बिना समझते हैं.

ब्रोकर को चुनने में बरतें सावधानी:
जब शेयर बाजार में ट्रेडिंग या निवेश करते हैं, तो आपको ब्रोकर चुनने में बहुत सावधानी बरतनी होती है. हमेशा उनके साथ अपना ट्रेडिंग खाता खोलने से पहले ब्रोकर की पृष्ठभूमि या प्रतिष्ठा की जांच करें. ब्रोकर चुनने में सावधानी बरतने से आपको बाद में किसी तरह की समस्‍या नहीं होगी.

जरूरत से ज्यादा बचत एवं जमाखोरी से मिलते हैं लाभ या होती है हानि, यहां पढ़ें

केवल अपने पैसे को बैंक खाते में सहेजने से आपको अपना धन बढ़ाने में मदद नहीं मिलेगी. अपनी बचत को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने के लिए इस आर्टिकल में प्रस्तुत कुछ आसान और प्रभावी ट्रिक्स पर जरुर गौर करें.

Is it too much Saving or Hoarding, read details

इस आर्टिकल को पढ़ने से पहले एक बार इस बात पर जरुर विचार करें कि, क्या आप अपनी सीमा से अधिक बचत कर रहे हैं? इसे अनावश्यक कारणों से जमाखोरी या धन संचय करना कहते हैं जो आपके लिए फायदे से कहीं ज्यादा नुकसान पहुंचाता है. लेकिन, सबसे पहले तो आप बचत और जमाखोरी में अंतर को अच्छी तरह से जरुर समझ लें. बचत करना एक बात है और पैसे के लिए पागल होकर, अपनी जरूरतों को भी नजरअंदाज करके बचत करना बिलकुल दूसरी बात है. जमाखोरी के कुछ लक्षण हैं: पैसा खर्च करने में घबराहट, किसी और को पैसे देने में (यहां तक ​​कि सही कारण के लिए भी) असमर्थता, बचाए गए धन का रिकॉर्ड रखने में असमर्थता और अपनी बचत को व्यवस्थित करने में असमर्थता, बचत एवं निवेश की बुनियादी बातें पैसा खर्च करते समय संदेह होना और पैसा खर्च करते समय निर्णय लेने की क्षमता में कमी.

किसी जमाखोर (कंजूस) के लिए धन की बचत उसके जीवन का आधार होती है. हालांकि, प्रत्येक माह कुछ बचत करना महत्त्वपूर्ण है लेकिन, पैसे खर्च करने के मामले में ऐसी संदिग्ध राय रखना कि, इसे खर्च करना एक मनोवैज्ञानिक विकार है.

आइए इस आर्टिकल में हम पहले किसी जमाखोर के लक्षणों के बारे में जानकारी हासिल करें और समय रहते इन लक्षणों से खुद को बचा लें:

कभी न करें सिर्फ बचत के लिए ही बचत

सबसे पहले, आप खुद से यह से पूछें कि, क्या आप किसी उद्देश्य के लिए बचत कर रहे हैं या सिर्फ बचत करने के लिए ही अपने पैसे बचा रहे हैं? मान लीजिए, आप 50,000 रुपये प्रति माह कमा रहे हैं. लेकिन, आप हरेक माह अपनी सारी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए मात्र एक छोटी राशि अर्थात 10,000 रुपये ही खर्च करते हैं और अपनी अनेक ज़रूरतों से समझौता कर लेते हैं ताकि आप शेष सारी राशि बचा सकें. यह एक गंभीर समस्या है.

इसलिए, आप हरेक माह अपना बजट जरुर तैयार करें, अपनी बुनियादी और विविध जरूरतों का पता लगाएं और फिर, अपनी सभी जरूरतों को ठीक से पूरा करने के लिए खर्च और बचत करना शुरू करें. यह आपको अपना वर्तमान जीवन खुशी से जीने में मदद करेगा और भविष्य के बचत लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए भी आप हरेक माह कुछ बचत अवश्य कर सकेंगे.

जरूरत से ज्यादा पैसा बचाने के हैं लाभ या हानि

क्या आप भविष्य की जरूरतों के लिए लॉकर में पहले से ही पर्याप्त धन होने पर भी बचत के लिए धन इकट्ठा करते रहते हैं? यह आपकी बिल्कुल भी अच्छी आदत नहीं है, क्योंकि इस धन का उपयोग वर्तमान में किसी अन्य महत्त्वपूर्ण चीज के लिए किया जा सकता है. अपनी कमाई के अनुसार, बचत योजनाओं का पता लगाने के लिए ऑनलाइन बचत और निवेश कैलकुलेटर का उपयोग करना शुरू करें. इस तरह आप रिटायरमेंट के समय मासिक खर्च और भविष्य की बचत के लिए बजट प्लान कर पाएंगे. ऐसा करने से आप अपने वर्तमान जीवन की सही तरह से देखभाल कर सकते हैं और भविष्य की जरूरतों के लिए भी पैसे बचा सकते हैं. आइये अब अत्यधिक बचत या जमाखोरी के लक्षणों को समझें:

  1. अपनी किसी जरूरत के लिए भी पैसा खर्चने की अनिच्छा

अगर आपको अपनी किसी जरूरत के लिए भी अपना पैसा खर्च करने में दर्द या कठिनाई महसूस होती है, तो आपको इसे जल्दी ही ठीक कर लेना चाहिए. यह हमेशा याद रखें कि, पैसे का इस्तेमाल सावधानी से करना चाहिए, लेकिन इसका यह मतलब कदापि नहीं है कि, आपको अपनी जरूरतों पर भी अपना पैसा खर्च करना बंद कर देना चाहिए. भविष्य के लिए बचत भी भविष्य की जरूरतों के लिए खर्च की जाएगी, लेकिन आपको अपने धन को हरेक हाल में आखिर खर्च करना ही होगा. अपने भविष्य और वर्तमान की सभी जरूरतों के बीच संतुलन बनाए रखने की आदत डालें और उसी के अनुसार, आप अपने पैसे खर्च करना और बचत करना शुरू करें. यह आपके जीवन को एक ही समय में बेहतर, सुखी और सुरक्षित बना बचत एवं निवेश की बुनियादी बातें देगा. पैसे कमाएं, खर्च करें और फिर, प्रत्येक माह कुछ पैसे जरुर बचाएं.

  1. धन संबंधी निर्णय लेते समय होती है अनावश्यक चिंता

बेशक! आपका पैसा महत्त्वपूर्ण है, लेकिन हर बार जब आप इसे खर्च करने के बारे में सोचते हैं तो इसके प्रति अत्यंत चिंताग्रस्त या जुनूनी होना बिल्कुल गलत है. यह स्वाभाविक है कि अगर आप हमेशा अपने पैसे या बचत के बारे में ही सोचते रहते हैं, तो आपको पैसे के मामलों में कोई भी महत्त्वपूर्ण निर्णय लेने में कठिनाई होती है और यह आपके लिए जरुर गहन चिंता और तनाव का कारण बनेगा. इसलिए, पैसे के बारे में हमेशा चिंता बचत एवं निवेश की बुनियादी बातें करना बंद करें, और अपनी वर्तमान और भविष्य की जरूरतों का पता लगाने के लिए अपनी खुद की वित्तीय योजना तैयार करने के बारे में सोचें. इस योजना के आधार पर आप अपने जीवन में स्थिरता और स्वतंत्रता लाने के लिए अपने पैसे खर्च भी करें और बचाएं भी. इसके अलावा, बिना किसी उद्देश्य के धन संचय न करें, अपनी आवश्यकताओं के अनुसार इसका उपयोग करें और फिर अपनी भविष्य की जरूरतों को देखते हुए कुछ बचत भी जरुर करें.

जरूरत से ज्यादा बचत और जमाखोरी को अपने लाइफ स्टाइल में न करें शामिल

आप कभी भी जरूरत से ज्यादा बचत करने के लिए अपने मौजूदा लाइफ स्टाइल से समझौता न करें. अकारण धन संचय करके आप अपनी वर्तमान जरूरतों के साथ अनावश्यक समझौता करने के अलावा कुछ नहीं कर रहे हैं. इससे आपको बेकार का तनाव और चिंता हो सकती है. इसलिए, अपनी वर्तमान जरूरतों के लिए पैसा खर्च करते समय डरें नहीं और फिर, बचे हुए पैसे को भविष्य के लिए सहेजना शुरू करें. इस तरह आप एक ही समय में अपना भविष्य सुरक्षित करते हुए, तनाव मुक्त और खुश रह सकेंगे.

Financial Tips : नए साल में पालन करें पैसे से जुड़े ये 5 नियम, नहीं होगी आर्थिक परेशानी

टाइम्स नाउ डिजिटल

आपकी स्थिति चाहे जो भी हो, लेकिन अपनी प्रगति के लिए मानदंड निर्धारित करना उचित है। इससे यह पता चल पाएगा कि अत्यंत कम प्रयासों से न्यूनतम लक्ष्य की प्राप्ति हो रही है या नहीं।

Follow these 5 rules related to money in 2021, there will be no financial trouble

नया साल नई शुरुआत करने का अवसर प्रदान करता है। यह अपनी व्यक्तिगत आर्थिक स्थिति का मूल्यांकन करने का अच्छा समय भी है, यानी आप अभी आर्थिक रूप से कहां खड़े हैं और वहां से कहां जाना चाहते हैं। जब धन प्रबंधन की बात आती है, तो हर व्यक्ति इसे अपनी विशिष्ट जरूरत के अनुसार तय करता है। लोगों को अपने जीवन की स्थिति के अनुसार बचत, निवेश, बीमा करना चाहिए या उधार लेना चाहिए। आपकी स्थिति चाहे बचत एवं निवेश की बुनियादी बातें जो भी हो, लेकिन अपनी प्रगति के लिए मानदंड निर्धारित करना उचित है। इससे यह पता चल पाएगा कि अत्यंत कम प्रयासों से न्यूनतम लक्ष्य की प्राप्ति हो रही है या नहीं। इस संबंध में, आपके लक्ष्य की सामान्य दिशा में 'अनुभव पर आधारित सामान्य नियमों' द्वारा मार्गदर्शन प्राप्त करना प्रायः उपयोगी साबित होता है। परिभाषा के अनुसार, सामान्य नियम अनिश्चित हो सकते हैं। ये ऐसे व्यापक सिद्धांत हैं जिनके कोई स्थापित मानक नहीं होते। यह अपेक्षित है कि लोग इस सिद्धांत की अहमियत समझें और उसी अनुसार अपने जीवन की स्थिति के लिए मानक तय करें। यहां कुछ सामान्य नियम दिए जा रहे हैं, जिन्हें आप अपने जीवन के आर्थिक पहलू के लिए लागू कर सकते हैं।

50-30-20 का नियम

यह एक आनुपातिक नियम है जो दर्शाता है कि आपको अपनी डिस्पोजेबल इनकम का कितना प्रतिशत हिस्सा अपनी जरूरतों, इच्छाओं और बचत के लिए निर्धारित करना चाहिए। इस नियम के अनुसार, आपकी आय का 50% हिस्सा आपकी बुनियादी आवश्यकताओं जैसे कि किराया, ईएमआई, बीमा, भोजन, यूटिलिटी, परिवहन आदि के निमित्त होना चाहिए। अन्य 30% हिस्सा आपके डिस्क्रेशनरी (कम जरूरी) खर्चों जैसे कि बाहर खाना, खरीदारी, यात्रा और इसी तरह के अन्य खर्चों के लिए निर्धारित होना चाहिए। और कम से कम 20% हिस्से को आपातकालीन स्थिति और धन-सृजन (वेल्थ क्रिएशन) के लिए आवश्यक बचत और निवेश में लगाना चाहिए। मेरा सुझाव है 30% और 20% हिस्से की आपस में अदला-बदली करें - यानी डिस्क्रेशनरी खर्चे को कम कर कम-से-कम 30% हिस्से को बचत और निवेश में लगाएं। आप जितनी ज्यादा बचत करते हैं, उतना ही आप अपने वित्तीय लक्ष्यों को हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ेंगे। ये बजटिंग के लिए कुछ व्यापक सुझाव हैं, लेकिन आप अपनी आर्थिक दशा के अनुसार यह तय कर सकते हैं कि सही अनुपात क्या हो।

पीपीएफ नियम

यह परंपरागत निवेशकों के लिए काफी सरल और उपयोगी नियम है। सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ), सरकार द्वारा समर्थित एक स्मॉल सेविंग स्कीम है जिसमें आप हर वर्ष 1.5 लाख रुपये तक का निवेश कर सकते है और 7.1% प्रति वर्ष ब्याज पर रिटर्न भी कमा सकते हैं, यह एक टैक्स मुक्त और जोखिम-रहित निवेश का विकल्प है। इसलिए, यह लंबी अवधि के लिए एक उपयोगी के लिए निवेश विकल्प है, खास तौर पर उस समय जब ब्याज दरों में गिरावट के साथ ही निवेश बाजार में भारी अस्थिरता देखी जा रही है। यदि आप लंबे समय के लिए डेब्ट निवेशक बनने जा रहे हैं, तो यह जानना महत्वपूर्ण है कि आपके पसंदीदा विकल्प पर टैक्स-कटौती के बाद कम-से-कम पीपीएफ के बराबर रिटर्न मिलेगा या नहीं। यदि ऐसा नहीं है, तो आप इसे क्यों खरीद रहे हैं?

बचत का 3X नियम

हर किसी के लिए आपातकालीन निधि (एमर्जेंसी फंड) आवश्यक है - यानी जिसकी मदद से आप बचत एवं निवेश की बुनियादी बातें नौकरी छूटने, बीमार होने जैसी घटनाओं का सामना कर सकें। यह आपकी बचत ही है जिसे आप किसी अन्य परिस्थिति में नहीं छूते। प्रश्न यह है कि इसके लिए कितनी राशि पर्याप्त है? इसके लिए कोई निश्चित राशि तय नहीं है क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति की अपनी विशिष्ट आवश्यकता और जिम्मेदारी होती है। लेकिन शुरुआत करने वाले के लिए, एक ऐसा फंड बनाना अच्छा होगा जो आपकी मासिक डिस्पोजेबल इनकम का कम से कम तीन गुना हो, और फिर धीरे-धीरे इसे छह गुना तक बढ़ाने की कोशिश करें। चूंकि बैंक खातों या फिक्स्ड डिपॉजिट में बचत पर कम रिटर्न मिलता है, इसलिए इसमें बहुत सारा बचत एवं निवेश की बुनियादी बातें पैसा डालना समझदारी नहीं होगी क्योंकि यह आपके वेल्थ क्रिएशन को धीमा कर देगा। लेकिन यह भी आम तौर पर देखा जाता है कि बचत करने के लिए लोग इसमें 12-24 गुना तक पैसा डालते हैं।

30% का क्रेडिट कार्ड नियम

क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो आपके उपलब्ध क्रेडिट का वह प्रतिशत होता है जिसे आप किसी भी समय पर उपयोग कर रहे होते हैं। उदाहरण के लिए, यदि आपके क्रेडिट कार्ड की लिमिट 1 लाख रुपये है, और आपने एक महीने में उस पर 50,000 रुपये खर्च कर दिए हैं तो आपका सीयूआर 50% होगा। आम तौर पर इसे 30% से कम रखना उचित है। उच्च सीयूआर का मतलब है कि आप कर्ज लेने में ज्यादा रुचि (क्रेडिट-हंग्रीनेस) रखते हैं, जिससे आपके क्रेडिट स्कोर में कमी आती है, नतीजतन आपको नए ऋण हासिल करने में समस्या आएगी यानी आपके आवेदन को अस्वीकार किया जा सकता है या फिर आपसे अधिक ब्याज दर का भुगतान करने के लिए कहा जा सकता है। चाहे आपने क्रेडिट कार्ड का जो भी उपयोग किया हो, हर महीने ब्याज-मुक्त अवधि में अपने बकाये का भुगतान करें। आपका सीयूआर जितना अधिक होगा, उतना ही आपके क्रेडिट स्कोर में गिरावट हो सकती है। यह समझने के लिए अपनी क्रेडिट रिपोर्ट की मासिक जांच करें कि आपके क्रेडिट कार्ड का उपयोग आपके क्रेडिट स्कोर को कैसा रूप दे रहा है यदि आपका स्कोर 750 से कम है, तो आपको सुधारात्मक कदम उठाने चाहिए।

लाइफ कवर का 20X नियम

यदि आपका जीवनसाथी, बच्चे या बचत एवं निवेश की बुनियादी बातें माता-पिता आप पर आर्थिक रूप से निर्भर हैं, तो आपके पास पर्याप्त लाइफ कवरेज होना चाहिए। दुर्भाग्यवश आपकी असमय मृत्यु हो जाती है तो वह कवरेज न सिर्फ आपकी आय के बदले में काम करेगा, बल्कि आपके आश्रितों को बिना किसी आर्थिक तनाव के अपना जीवन-यापन करने में भी मदद करेगा। कितनी राशि का कवरेज पर्याप्त है? फिर से, किसी भी दो लोगों के जीवन में एक जैसा जोखिम, देनदारी और जिम्मेदारियाँ नहीं होती हैं, इसलिए इसका उत्तर एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के लिए अलग होगा। इसका सामान्य नियम यह है कि आपका लाइफ कवर आपकी सालाना आय के 10-20 गुना के बराबर होना चाहिए, साथ ही उसमें होम लोन जैसी देनदारियों के लिए अलग से राशि जोड़ लें। उदाहरण के लिए, यदि आपकी सालाना आय 10 लाख रुपये है और आपके होम लोन का बैलेंस 30 लाख रुपए है, तो आपका कवरेज 1.30 करोड़ रुपए से लेकर 2.30 करोड़ रुपए तक होना चाहिए। इस कवरेज से आपके आश्रितों को भविष्य में अपनी आय संबंधी जरूरतें पूरी करने में मदद मिलेगी।

रेटिंग: 4.92
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 550
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *