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शेयर बाजार में निवेश के लिए कौन सा बैंक चुनें

शेयर बाजार में निवेश के लिए कौन सा बैंक चुनें
किस कंपनी के शेयर खरीदें और निवेश के लिये शेयर कैसे चुनें

Investment in Property: कॉमर्शियल या रेसिडेंशियल प्रॉपर्टी? कौन सी खरीदें जो अगले कुछ साल में पैसे बना कर भर दे आपकी जेब

Commercial vs Residential Property: अगर आप भी अपनी एक्‍स्‍ट्रा इनकम के लिए प्रॉपर्टी में निवेश करने की सोच रहे हैं तो यहां जानें कि आपके लिए कॉमर्शियल या फिर रेसिडेंशियल प्रॉपर्टी रहेगी फायदे का सौदा.

By: मनीश कुमार मिश्र | Updated at : 19 Oct 2022 11:59 AM (IST)

कॉमर्शियल बनाम रेसिडेंशियल प्रॉपर्टी

त्‍योहारों का सीजन (Festive Season) चल रहा है और इस दौरान हो सकता है ज्‍यादातर लोगों की तरह आप भी प्रॉपर्टी खरीदने (Buying Property) की सोच रहे हों. कुछ बैंक और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां भी त्‍योहारी सीजन के दौरान लोन की ब्‍याज दरों पर रियायत ऑफर कर रही हैं. प्रॉपर्टी में निवेश का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे आपकी आय का एक स्रोत खुल जाता है शेयर बाजार में निवेश के लिए कौन सा बैंक चुनें जिससे नियमित आय सुनिश्चित होती है. रियल एस्‍टेट (Real Estate) में निवेश आपको प्रॉपर्टी का स्‍वामित्‍व, इनकम टैक्‍स में लाभ और किराए से आय के साथ ही कई दूसरे महत्‍वपूर्ण लाभ उपलब्‍ध कराता है. दूसरी बात है कि प्रॉपर्टी मार्केट, शेयर बाजार की तुलना में कम अस्थिर भी है.

हालांकि, जब प्रॉपर्टी में इन्‍वेस्‍ट करने की बात आती है तो कॉमर्शियल (Commercial Property) और रेसिडेंशियल प्रॉपर्टी (Residential Property) दोनों के फायदे और नुकसान होते हैं. अजमेरा रियल्‍टी एंड इन्‍फ्रा लिमिटेड के डायरेक्‍टर धवल अजमेरा कहते हैं कि रेसिडेंशियल प्रॉपर्टी की तुलना में कुछ अधिक लागत के बावजूद, कॉमर्शियल प्रॉपर्टी अधिक रेंटल रिटर्न (Rental Return) देती हैं. जबकि रेसिडेंशियल रियल एस्टेट अक्सर व्यक्तिगत उपयोग और दीर्घकालिक निवेश दोनों के लिए खरीदी जाती है. आपूर्ति शेयर बाजार में निवेश के लिए कौन सा बैंक चुनें के साथ मांग के मामले में कॉमर्शियल रियल एस्टेट की मांग लगातार बढ़ रही है. नतीजतन, मूल्य बिंदु तेजी से बढ़ रहे हैं. कॉमर्शियल रियल एस्टेट मूल्य वर्तमान में पूंजी और किराये दोनों मामले में डेवलपमेंट कर्व पर बढ़ रहे हैं. नियामकीय परिवर्तनों के प्रभाव ने पिछले कुछ वर्षों के दौरान रेसिडेंशियल रियल एस्टेट में एक सामान्य गतिरोध पैदा कर दिया है.

कॉमर्शियल और रेसिडेंशियल प्रॉपर्टी में निवेश के बीच फर्क

जब रियल एस्टेट में निवेश की बात आती है तो खरीदार के पास अनिवार्य रूप से दो विकल्प होते हैं: या तो कॉमर्शियल, या फिर रेसिडेंशियल प्रॉपर्टी. दोनों ही विकल्‍प अपनी-अपनी जगह सही हैं लेकिन यह व्‍यक्ति विशेष की जरूरतों, लक्ष्‍य और उनके आर्थिक संसाधनों पर भी निर्भर करता है. अजमेरा कहते हैं कि एक खरीदार दोनों तरह की प्रॉपर्टी में निवेश करने का निर्णय ले सकता है, लेकिन अगर वे रखरखाव, किराएदारों के साथ बातचीत करने में समय व्यतीत करना, और अन्य कारकों शेयर बाजार में निवेश के लिए कौन सा बैंक चुनें शेयर बाजार में निवेश के लिए कौन सा बैंक चुनें पर विचार कर रहे हैं, तो एक रेसिडेंशियल प्रॉपर्टी को किराए पर देना एक कॉमर्शियल प्रॉपर्टी खरीदने की तुलना में अधिक झंझट भरा है. रेसिडेंशियल रियल एस्टेट के उलट कॉमर्शियल रियल एस्टेट में निवेश की प्रभावशीलता किसी भी अन्य निवेश विकल्प की तरह ही लक्ष्यों और जोखिमों पर निर्भर करती है.

कॉमर्शियल प्रॉपर्टी चुनें या फिर रेसिडेंशियल प्रॉपर्टी?

अजमेरा कहते हैं कि किसी निवेशक का कॉमर्शियल या रेसिडेंशियल प्रॉपर्टी में निवेश दो प्रमुख कारकों से प्रभावित होता है: इसमें शामिल जोखिम और ध्यान में रखें गए लक्ष्य. चूंकि किराए अधिक स्थिर होते हैं और लीज अग्रीमेंट अक्सर ज्‍यादा स्‍पेसिफिक और लंबे समय के लिए होते हैं इसलिए कॉमर्शियल प्रॉपर्टी में किरायेदार ज्‍यादातर आसानी से उपलब्‍ध होते हैं. कॉमर्शियल प्रॉपर्टी आम तौर पर ज्‍यादा ग्रॉस रिटर्न जेनरेट करती हैं. रेसिडेंशियल प्रॉपर्टी के मामले में किरायेदारों को न कुछ मॉर्गेज करना होता है और न ही ब्‍याज का भुगतान करना होता है. ऐसे में देश के कई हिस्‍सों में रेसिडेंशियल प्रॉपर्टी भी अच्‍छा रिटर्न देती है. कॉमर्शियल प्रॉपर्टीकी तुलना में रेसिडेंशियल प्रॉपर्टी में ज्‍यादा बड़ी पूंजी भी नहीं लगानी होती है.

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यह मुख्य रूप से एक खरीदार पर निर्भर करता है जिसकी प्राथमिकता या तो अपने रहने के लिए एक घर खरीदना है या एक रिकरिंग एसेट में निवेश करना है. अजमेरा कहते हैं कि आम तौर पर घर खरीदार एक रेसिडेंशियल एसेट रखना पसंद करेगा यदि यह उसका पहला निवेश है. ताकि वे जीवन भर सुरक्षित रहें और वे इसे सुरक्षा के रूप में रखें. हालांकि, अगर किसी व्यक्ति की व्यक्तिगत आय की क्षमता में वृद्धि होती है और वे रिकरिंग एसेट या रिकरिंग इन्कम चाहते हैं. ऐसे में वे शायद कॉमर्शियल रियल एस्टेट चुनेंगे क्योंकि इससे उन्हें रेसिडेंशियल रेंटल की तुलना में बेहतर रिटर्न मिलेगा. रेसिडेंशियल की तुलना में कॉमर्शियल प्रॉपर्टी का किराया बेहतर है. हालांकि, यह पूरी तरह से इस बात पर निर्भर करता है कि आवश्यकता कैसी है.

Published at : 19 Oct 2022 11:45 AM (IST) Tags: Real Estate Commercial property Residential property Investment in Property Rental Return हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

शेयर बाजार का बनना है खिलाड़ी! सबसे पहले खुलवाएं डीमैट अकाउंट, जान लीजिए पूरी प्रक्रिया

Demat Account: पिछले कुछ सालों में निवेश के तौर तरीकों को लेकर बड़े पैमाने पर बदलाव देखने को मिला है. आम निवेशक भी अब बैंक, डाक घर आदि के निवेश विकल्पों के साथ-साथ शेयर बाजार का भी रुख कर रहे हैं.

शेयर बाजार का बनना है खिलाड़ी! सबसे पहले खुलवाएं डीमैट अकाउंट, जान लीजिए पूरी प्रक्रिया

What is Demat Account: पिछले कुछ सालों में निवेश के तौर तरीकों को लेकर बड़े पैमाने पर बदलाव देखने को मिला है. आम निवेशक भी अब बैंक, डाक घर आदि के निवेश विकल्पों के साथ-साथ शेयर बाजार का भी रुख कर रहे हैं. नई तकनीक के साथ चीजें अधिक डाइनामिक हो गई हैं. आज के समय में ई-कॉमर्स धीरे-धीरे पसंदीदा विकल्प बन रहा है और स्टॉक मार्केट के लिए भी ऐसा ही है. आप हर दिन जो काम करते हैं, उन्हें देखते हुए इक्विटी या डेट जैसे फाइनेंसेस को मैनेज करना आसान नहीं है. बाजार में निवेश को आसान और सुविधाजनक बनाने की दिशा में एक बड़ा बदलाव डिपॉजिटरी एक्ट 1996 के जरिए हुआ. इसमें सभी के लिए अपनी फाइनेंशियल सिक्योरिटीज का मैनेजमेंट केवल कुछ क्लिक जितना आसान बना शेयर बाजार में निवेश के लिए कौन सा बैंक चुनें दिया है. शेयरों या अन्य सिक्योरिटीज की फिजिकल कॉपी प्राप्त करने के बजाय उसे डिजिटल फॉर्म में एक डीमैट अकाउंट में रखने की सुविधा मिल गई. डीमैट अकाउंट आपको ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का लाभ उठाने में मदद करता है जहां आप एक स्टैंडर्डाइज्ड इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम पर अपने फाइनेंशियल सिक्योरिटी रखते हैं.

डीमैट अकाउंट क्या है?

डीमैट अकाउंट एक बैंक खाते की तरह होता है. अंतर सिर्फ इतना है कि यह इलेक्ट्रॉनिक रूप में नकदी के बजाय स्टॉक से जुड़ा है. डीमैट खाता अपने ऑपरेटिव फंक्शन के लिए डीमैटरियलाइजेशन के कंसेप्ट का इस्तेमाल शेयर बाजार में निवेश के लिए कौन सा बैंक चुनें करता है. डीमैटरियलाइजेशन वह प्रक्रिया है जिसमें फिजिकल शेयर सर्टिफिकेट इलेक्ट्रॉनिक रूप में परिवर्तित हो जाते हैं. इस तरह, डीमैट अकाउंट एक छत की तरह है जिसके नीचे निवेशक के सभी शेयरों को कलेक्ट करने के लिए तकनीक का उपयोग करता है. इनमें सरकारी सिक्योरिटी, म्यूचुअल फंड्स, शेयर, बॉन्ड आदि शामिल हैं.

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डीमैट अकाउंट को ऑनलाइन कैसे खोल सकते हैं?

  • सबसे पहले, अपने पसंदीदा डिपॉजिटरी पार्टिसिपंट (ब्रोकर) की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं.
  • सरल लीड फॉर्म भरें, जिसमें पूछे गए अनुसार अपना नाम, फोन नंबर और निवास स्थान की जानकारी दें. फिर शेयर बाजार में निवेश के लिए कौन सा बैंक चुनें आपको अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी प्राप्त होगा.
  • अगले फॉर्म को पाने के लिए ओटीपी दर्ज करें. अपने केवाईसी डिटेल्स जैसे जन्म तिथि, पैन कार्ड डिटेल्स, कॉन्टेक्ट डिटेल्स, बैंक अकाउंट डिटेल्स आदि भरें.
  • अब आपका डीमैट अकाउंट खुल गया है. आपको अपने ईमेल और मोबाइल पर डीमैट अकाउंट नंबर जैसे डिटेल्स प्राप्त होंगे.

एक निवेशक के कई डीमैट खाते हो सकते हैं. यह एक ही डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स (डीपी), या अलग-अलग डीपी के साथ हो सकते हैं. जब तक निवेशक सभी एप्लिकेशंस के लिए आवश्यक केवाईसी डिटेल्स प्रदान कर सकता है, तब तक वह आवेदक कई डीमैट अकाउंट ऑपरेट कर सकता है.

(स्रोत: एंजेल ब्रोकिंग)

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किस कंपनी के शेयर खरीदें

किस कंपनी के शेयर खरीदें और निवेश के लिये शेयर कैसे चुनें जिनमें कम रिस्क हो और लाभ की संभावना अधिक हो। ऐसे शेयर चुनना वाकई कठिन हो सकता है जिनमें लाभ की संभावना आधिक हो और जोखिम बहुत ही कम हो। हम ऐसे तरीके सीख सकते हैं जिससे कि हमें अपने निवेश में मुंह की ना खानी पड़े और हमारा पैसा और निवेश बढ़ता ही रहे। सावधानी से चलेंगे तो यहां शेयर मार्केट में आप अच्छा पैसा बना सकते हैं बस आपको पता होना चाहिये कि निवेश के लिये शेयर कैसे चुनें और वह कौन सा तरीका है जिससे कम रिस्क में अधिक पैसा बनाया जा सके।

निवेश के लिये किस कंपनी के शेयर खरीदें

किस कंपनी के शेयर खरीदें और निवेश के लिये शेयर कैसे चुनें

किस कंपनी के शेयर खरीदें। How you can select Shares for investment for high returns and low risk.

किस कंपनी के शेयर खरीदें

हमने आपको पहले भी कई बार बताया है कि कभी भी टिप्स के आधार पर निवेश ना करें। दोस्तों, रिश्तेदारों के बताये टिप्स की अवहेलना करना ही बेहतर होता है। इसी प्रकार आपके ब्रोकर या अन्य कई वेब साइट आपको निवेश के टिप्स और मैसेज भेजते होंगे। सबसे अच्छा तो यह है कि आप स्वयं स्टडी करें और अपने निवेश को समझें। आपको बताते हैं कि फंडामेंटल यानी आधारभूत रूप में मजबूत शेयर कैसे चुन सकते हैं।

आधारभूत रूप में मजबूत किस कंपनी के शेयर खरीदें

जब आप यह सोच रहे हैं कि किस कंपनी के शेयर खरीदें तो आपको इसमें यह देखना होगा कि कंपनी लगातार अच्छे फायनेंशल नतीजे दे रही है कि नहीं। आप तीन से पांच साल तक के नतीजे देख सकते हैं। कंपनी यदि आधारभूत रूप में मजबूत नहीं है तो उसमें निवेश ना करें। इसके लिये आपको जांचना होगा। निवेश के लिये शेयर चुनते हुए निम्न मानकों को जरूर परखें।

EPS ईपीएस

कंपनी कि प्रति शेयर आय की जाँच करें। सालाना ही नहीं आप तिमाही नतीजों में भी देख सकते हैं कि कंपनी का ईपीएस लागातार बढ़ रहा है या नहीं। इसका सीधा अर्थ है कि कंपनी की कमाई बढ़ रही है तो शेयर भी बढ़ेगा ही।

PE Ratio पी/ई रेशो

शेयर की कीमत का प्रति शैयर आय के अनुपात को चेक करें। यदि कंपनी का पीई रेशो अपने उद्योग में दूसरी कंपनियों के मुकाबले कम है तो Sahre के बढ़ने की संभावना आधिक हो सकती है।

Book Value बुक वेल्यू

शेयर की बुक वेल्यू और प्राईज/बुक वेल्यू देखें। अपने उद्योग में दूसरी कंपनियों के मुकाबले कम है या नहीं। तेज़ी से विकास कर रही कंपनी के शेयर की यदि बुक वैल्यू अधिक है तो कंपनी बोनस भी दे सकती है।

Dividend लाभांश

कंपनी लगातार लाभांश यानि Dividend दे रही हो। लाभांश दर यदि प्रति वर्ष बढ़ रही है तो यह एक निवेश करने लायक कंपनी हो सकती है।

यदि यह सब सूचनायें अच्छीं हैं तो कंपनी की बैलेंस शीट भी पढ़ें।

आंकड़े अच्छी तरह समझने के लिये TTM वित्तीय आंकड़े भी देखें।

कंपनी क्या काम करती है

यह समझना बहुत जरूरी है कि जिस Share में आप Invest कर रहे हैं वह कंपनी क्या बनाती है या कौन सी सेवायें देती है। कई प्रॉडक्टस ऐसे होते हैं जो हमारे रोज मर्रा के काम में हम प्रयोग करते हैं, उनके बारे में हमें अच्छी समझ होती है। आप जिस कंपनी के शेयर को खरिदना चाहते हैं वह कंपनी क्या करती है इसकी अपको बहुत अच्छे से समझ होनी चाहिये। कई बार कंपनी के वास्तविक काम को समझने में गलतफहमी हो सकती है। याद रखिये मोबाइल निर्माता और मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनियां अलग अलग होतीं हैं। उसी प्रकार मोबाइल सेवा प्रदाता और मोबाइल टॉवर मैनटेनेंस कंपनियां अलग अलग होतीं हैं। उसी प्रकार तेल प्रोसेस कंपनियां और तेल मार्केटिंग कंपनियां भी अलग अलग होतीं हें। इस यरह की गलतफहमी से बचने के लिए कंपनी के बिजनेस को समझना बहुत आवश्यक है।

जिस कंपनी के शेयर खरीद रहे हैं उसका भविष्य भी देखें

जो कंपनी भूत काल में अच्छी थी उस कंपनी का भविष्य कैसा होगा यह भी समझ लें। क्या कंपनी का उत्पाद लंबे समय तक प्रयोग होने वाला होगा। कंपनी कोई ऐसा उत्पाद तो नहीं बनाती जो कुछ सालों में प्रयोग होना ही बंद हो जाये। बदलती तकनीक के जमाने में यह जानना बहुत आवश्यक है। कभी किसी ने सोचा था कि टापराइटर म्यूजियम में रखने की चीज बन जायेंगे?

अपने उद्योग में लीडर

ऐसी कंपनी जिसको उसके कंपीटीटर हरा ना सकते हों। अपने आसपास देखिये, कई प्रॉडक्टस मिल जायेंगे जो घर घर में प्रयोग होते हैं। जैसे कि सर्फ, यहां तक कि वाशिंग पॉवडर की जगह सर्फ ही बोला जाता है। ऐसी कई कंपनियां मिल जायेंगी जिनका अपने उद्योग में बोलबाला है और कोई प्रतिद्वंद्वी उनके नजदीक नहीं पहुंच पाता है। अधिकतर ब्लूचिप शेयर और FMCG शेयर इसी श्रेणी में आते हैं।

कंपनी क्या अनोखा कर रही है

ऐसा काम जो कोई शेयर बाजार में निवेश के लिए कौन सा बैंक चुनें नहीं कर रहा उस उद्योग में। कोई सर्विस सैंटर का नेटवर्क या कोइ प्रॉडक्ट का कॉपीराइट जिसे कोई दूसरा बना नहीं सकता। जैसे मारुति उद्योग का सर्विस नेटवर्क देश भर में फैला है। ऐसी कंपनियां अपने उद्योग में लीडर बन जातीं हैं।

कंपनी पर कर्ज

कंपनियां अपने विस्तार के लिये कर्ज लेती ही हैं और क़र्ज़ लेने में कोई बुराई भी नहीं है। देखने वाली बात है कि कंपनी कितना ब्याज दे रही है वह उसके लाभ के मुकाबले कितना है। आधिक कर्ज वाली कंपनियों से बच कर रहना ही श्रेयकर है।

मेनजमेंट

एक अच्छी मेनजमेंट टीम ही एक अच्छी कंपनी और नतीजे दे सकती है। अच्छी टीम अचानक आने वाले संकटों से भी बचाती है और कंपनी को नई उंचाइयों पर ले जाने में सक्षम होती है। इसके लिए आप उस कंपनी की ग्रुप कंपनियाँ भी देख सकते हैं। जैसे आमतौर पर टाटा ग्रुप की सभी कंपनियाँ अच्छे नतीजे देतीं हैं।

कंपनी का बोनस और डिविडेंड का रिकार्ड भी देखें। यदि मेनजमेंट की नीति लगातार Bonus Share देने की रही है तो यह ना सिर्फ मेनजमेंट के आत्मविश्वास का परिचायक है बल्कि यह कंपनी के भविष्य में भी ऐसा ही करने की संभावनाओं का प्रतीक भी हो सकता है।

किस कंपनी के शेयर खरीदें कैसे निर्धारित करें

किस कंपनी के शेयर खरीदें और निवेश के लिये शेयर कैसे चुनें यह पूरी गारंटी के साथ ऐसे लेख में तो बता पाना मुश्किल है पर यदि आप इन सब बातों का ख्याल रखेंगे जो हमने इस लेख में बताईं हैं तो आपके लाभ की संभावना अवश्य बढ़ जायेगी।

शेयर बाजार में बढ़ा उतार-चढ़ाव से न हों परेशान: ये वक्त लालच-घबराहट दोनों से बचे रहने का, खुद से ये 5 सवाल पूछकर ले सकेंगे निवेश का सही फैसला

शेयर बाजारों में इन दिनों भारी उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है। इसके चलते निवेशकों के लिए रणनीति बनाना मुश्किल हो गया है। खास तौर पर ऐसे निवेशक ज्यादा परेशान हैं, जिन्होंने 2021 में सेंसेक्स-निफ्टी के आल टाइम हाई पर पहुंचने के बाद शेयर बाजार का रुख किया था। इनकी तादाद काफी बड़ी है क्योंकि बीते साल लगभग 1.5 करोड़ नए लोगों ने शेयरों में निवेश शुरू किया है।

यहां गौर करने वाली बात यह है कि दिसंबर 2021 के मध्य में कई शेयरों ने वास्तविक वैल्यू से ऊपर ट्रेड किया। इसके चलते करेक्शन (अत्यधिक तेजी के बाद स्वाभाविक गिरावट) को लेकर चिंता बढ़ गई है। ऐसे माहौल में आपको दो रास्ते नजर आएंगे। भारी गिरावट के बाद आकर्षक वैल्युएशन पर मिल रहे शेयरों शेयर बाजार में निवेश के लिए कौन सा बैंक चुनें में निवेश करना और चढ़ते हुए बाजार में मौजूदा होल्डिंग के कुछ शेयरों में मुनाफा काट लेना। हो सकता है कि दोनों मामलों में आप गलती कर बैठें।

ओवर वैल्यूएशन ने बाजार में उथल-पुथल बढ़ाई
हाल ही में लिस्टेड कुछ कंपनियों के ओवर वैल्यूएशन ने बाजार में उथल-पुथल बढ़ा दिया है। पेटीएम और जोमैटो जैसे शेयरों के निवेशक ओवरवैल्यूएशन की तपिश महसूस कर रहे हैं। ऐसे निवेशकों को थोड़ा ठहरने की जरूरत है। एक्सिस सिक्युरिटीज के एमडी और सीईओ बी. गोपकुमार कहते हैं कि अगर आप निवेश को लेकर निर्णय नहीं ले पा रहे हैं तो आपको खुद से ये 5 सवाल पूछने चाहिए।

1. क्या अपनी वित्तीय योजना से भटक रहे हैं?
वित्तीय भविष्य सुरक्षित करने का प्रयास कर रहे रिटेल निवेशकों के लिए लक्ष्य-आधारित निवेश सबसे अच्छी रणनीति होती है। यह रणनीति कहती है कि बेहद आकर्षक एसेट में भी निवेश से पहले यह विचार करना चाहिए कि यह आपकी वित्तीय योजना के अनुरूप शेयर बाजार में निवेश के लिए कौन सा बैंक चुनें है या नहीं? यदि लक्ष्य लंबी अवधि का है तो शेयर भी वैसा ही चुनें जो लंबी अवधि में तगड़ा रिटर्न देने में सक्षम हों।

2. एसेट एलोकेशन से समझौता तो नहीं कर रहे हैं?
निवेश में एसेट एलोकेशन बहुत मायने रखता है। रिस्क उठाने की अपनी क्षमता के हिसाब से तय करें कि इक्विटी जैसे ज्यादा रिस्की एसेट में कितना निवेश करना है। वैसे समय ज्यादा हो तो इक्विटी रिस्की एसेट नहीं रह जाता, क्योंकि लंबी अवधि में इक्विटी का सबसे बेहतर रिटर्न देने का इतिहास है। अलग-अलग एसेट्स में सही तरीके से निवेश बांटने से पोर्टफोलियो बाजार के उतार-चढ़ाव से महफूज रहता है। इसलिए लालच में पड़कर समझौता न करें।

3. क्या आप शॉर्ट टर्म रिटर्न के पीछे भाग रहे हैं?
यदि आप अभी इक्विटी में निवेश शुरू कर रहे हैं, तो यह तय करना मुश्किल हो सकता है कि कौन सा शेयर खरीदें। यदि आपको लगता है कि इसकी समझ आपको नहीं है, शेयर बाजार में निवेश के लिए कौन सा बैंक चुनें तो बेहतर होगा कि एसआईपी के रास्ते इक्विटी में निवेश करें।

4. क्या आप बाजार को समझते हैं?
यदि आप अभी इक्विटी में निवेश शुरू कर रहे हैं, तो यह तय करना मुश्किल हो सकता है कि कौन सा शेयर खरीदें। यदि आपको लगता है कि इसकी समझ आपको नहीं है, तो बेहतर होगा कि एसआईपी के रास्ते इक्विटी में निवेश करें।

5. क्या आप अनावश्यक रूप से प्रभावित हो रहे हैं?
सोशल मीडिया जैसे कई प्लेटफॉर्म्स पर इन दिनों बाजार के नए शिखर छूने के अनुमान या भारी गिरावट की आशंकाएं भारी पड़ी रहती हैं। यदि आप इनके प्रभाव में फैसले करते हैं तो यकीनन खुद को जोखिम में डाल रहे हैं। आपके लिए यह आसान भी है। ऐसे एप्स की भरमार है, जहां एक क्लिक पर ट्रेडिंग की जा सकती है। शेयरों में निवेश के मामले में भावनाओं में बहकर किए फैसले अकसर गलत होते हैं।

बेहतर विकल्प हो सकता है मॉडल पोर्टफोलियो
यदि आप लंबी अवधि में बेहतर रिटर्न के लिए थोड़ा जोखिम उठाकर इक्विटी में निवेश करना चाहते हैं, लेकिन शेयर बाजार के बारे में सीमित समझ के चलते झिझक रहे हैं तो मॉडल पोर्टफोलियो अपना सकते हैं। इसमें जोखिम उठाने की क्षमता के हिसाब से रेडीमेड पोर्टफोलियो का चयन किया जाता है। इसमें निवेशक को शेयर चुनने या पोर्टफोलियो को रिबैलेंस करने की चिंता नहीं होती।

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