विकल्प के प्रकार

विभिन्न प्रकार के लोन
हर लोन के पास होने की पप्रक्रिया अलग हो सकती है| कुछ प्रकार के लोन केवल कुछ विशिष्ट काम के लिए ही दिए जा सकते हैं| जैसे की, होम लोन केवल घर खरीदने या घर की मरम्मत के लिए मिलता है| कार लोन कार खरीदने और एजुकेशन लोन पढाई के लिए मिलता है|
अलग तरह के लोन पर ब्याज दर अलग हो सकती है|
#1 होम लोन (Home Loan)
घर खरीदने या बनाने के लिए ज़्यादातर लोगों को लोन लेना पड़ता है| होम लोन की ब्याज दर दूसरे लोन के मुकाबले कम भी होती है|
होम लोन के भुगतान पर आपको टैक्स बेनिफिट भी मिलते हैं| होम लोन लेते समय इन कुछ बातों का भी ख्याल रखें| इस पोस्ट में आप भारतीय स्टेट बैंक से मिलने वाले विभिन्न होम लोन के बारे में जान सकते हैं|
होम लोन पर आप प्रधान मंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत ब्याज पर सब्सिडी (subsidy) भी पा सकते हैं|
#2 पर्सनल लोन (Personal Loan)
पर्सनल लोन एक असुरक्षित (Unsecured) लोन होता है| इसीलिए ब्याज दर भी ज्यादा होती है| परन्तु यह लोन आपको काफी जल्दी मिल सकता है| पर हाँ, लोन देने से पहले बैंक आपकी आय और क्रेडिट स्कोर अवश्य चेक करेगा| अगर क्रेडिट स्कोर या CIBIL स्कोर कम है, तो शायद आपको लोन नहीं मिलेगा|
पर्सनल लोन के बारे में पूरी जानकारी पाने के लिए इस पोस्ट को पढ़ें|
#3 इंश्योरेंस पालिसी से लोन (Loan against Insurance Policy)
अगर आपने पारंपरिक जीवन बीमा प्लान लिया है, तो आप उस पालिसी की सहायता से भी लोन ले सकते हैं| ध्यान दें यह लोन आपको टर्म प्लान और यूलिप (ULIP) पर नहीं मिलेगा| केवल ट्रेडिशनल लाइफ इंश्योरेंस प्लान (पारंपरिक जीवन बीमा प्लान) पर ही मिलेगा|
क्योंकि आप अपनी पालिसी से ही लोन लें रहे हैं, आपको लोन आसानी से मिल जाना चाहिए| मैंने एक दूसरी पोस्ट में चर्चा करी है की कैसे आप अपनी एलआईसी पालिसी से लोन ले सकते हैं|
#4 गोल्ड लोन (Gold Loan)
अगर आप लोन की आवश्यकता है और घर में सोने के आभूषण हैं, तो आप उन सोने के विकल्प के प्रकार आभूषण को गिरवी रख कर लोन ले सकते हैं| आभूषण में सोने के मूल्य के 60-75% मूल्य का आपको लोन मी जाएगा|
पर ध्यान दें गोल्ड लोन कम अवधि के होते हैं| अगर आप लोन का भुगतान नहीं कर पाते है, तो बैंक या गोल्ड लोन कंपनी आपके आभूषण को बेच कर अपना लोन वसूल लेगा|
गोल्ड लोन के बारे में विस्तृत जानकारी के लिए इस पोस्ट को पढ़ें|
#5 प्रॉपर्टी लोन (Property Loan)
आपके पास कोई मकान या प्रॉपर्टी है, उसको गिरवी रख कर आप बैंक से लोन ले सकते हैं| पर ध्यान रखें, अगर लोन का भुगतान नहीं कर पाए, तो बैंक आपकी प्रॉपर्टी बेच सकता है|
प्रॉपर्टी लोन के बारे में पूरी जानकारी के लिए आप इस पोस्ट को पढ़ सकते हैं|
#6 पीपीएफ खाते से लोन (PPF Loan)
अगर आपके पास पीपीएफ खाता है, तो आप अपने पीपीएफ खाते से भी लोन ले सकते हैं| ध्यान दें आप अपनी जमा राशि के कुछ हिस्से का ही लोन ले सकते हैं| आप तीसरे से छठे साल तक ही लोन सकते हैं| तो बहुत सारे बंधन हैं पीपीएफ लोन में|
आप पीपीएफ खाते से लोन के बार में अधिक जानकारी के लिए इस पोस्ट को पढ़ सकते हैं|
#7 कार लोन (Car Loan)
कार लेने के लिए आप कार लोन ले सकते हैं| आप पुरानी कार खरीदने के लिए भी कार लोन ले सकते हैं| लोन की अवधि अमूमन 3-5 वर्ष होती है|
कार लोन के बारे में अधिक जानकारी के लिए यहाँ पढ़ें|
#8 एजुकेशन लोन (शिक्षा लोन)
अगर आपको उच्च शिक्षा के लिए पैसे की ज़रुरत है, तो आप शिक्षा लोन या एजुकेशन लोन ले सकते हैं| शिक्षा लोन पर ब्याज दर भी कम होती है और शिक्षा लोन के भुगतान विकल्प के प्रकार पर आपको टैक्स बेनिफिट भी मिलते हैं|
पढाई के दौरान आपको ब्याज चुकाने की आवश्यकता भी नहीं है| पढाई पूरी होने के बाद आप लोन का भुगतान शुरू कर सकते हैं|
SBI एजुकेशन लोन के बारे में अधिक जानकारी के लिए इस पोस्ट को पढ़ें|
#9 Loan against Securities
यहाँ अगर आपके पास शेयर, बांड या म्यूच्यूअल फण्ड यूनिट्स हैं, उनको प्लेज (pledge) करके भी आप लोन ले सकते हैं| आपको आपकी सिक्योरिटीज (securities) के मूल्य के 50-60% राशि का लोन ही मिलेगा|
ध्यान दें अगर आपके शेयर का मूल्य गिरने लगा, तो बैंक आपके निवेश को बेच कर अपना पैसा वसूल सकता है| और हाँ, लोन का भुगतान करने से पहले आप अपने निवेश को बेच नहीं सकते|
मेरे अनुसार इस तरह का लोन लेना बेवकूफी है| बेहतर होगा की आप अपने निवेश को बेच कर पैसे का इस्तेमाल करें| अधिक जानकारी के लिए इस पोस्ट (अंग्रेजी) में पढ़ें|
#10 Peer-to-Peer loan (P2P loan)
अगर कहीं लोन की बात नहीं बनी, तो P2P लोन आपका आखिरी विकल्प हो सकता है| P2P लोन में आप किसी बैंक या वित्तीय संस्थान से पैसा नहीं लेते| परन्तु आप अपने जैसे ही किसी व्यक्ति से उधार लेते हैं|
बहुत सारी वेबसाइट हैं जहाँ पर जा कर आप ऐसे लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं| लोन की ब्याज दर काफी ज्यादा होती है| अधिक जानकारी के लिए इस पोस्ट (अंग्रेजी) को पढ़ें|
लोन के बारे में अन्य पोस्ट
ध्यान दें इस पोस्ट में मैंने ऐसे लोन पर चर्चा करी है जो की आप अपने विकल्प के प्रकार निजी काम ले लिए ले सकते हैं| व्ययसाय से लिए मिलने वाले लोन जैसे की मुद्रा लोन योजना या अन्य बिज़नस लोन पर चर्चा नहीं करी है|
अफगान मसले पर किसी भी प्रकार की चुनौती से निपटने के लिए रूस के पास हैं कई विकल्प
अफगान में अनेक आतंकी संगठनों के बीच जारी वर्चस्व की आशंकाओं ने भारत समेत आसपास के तमाम देशों के लिए खतरा बढ़ा दिया है। ऐसे में विकल्प के प्रकार रूस अपनी अफगान नीति में निरंतर बदलाव कर रहा है लिहाजा वह इस मोर्चे पर बेहद सक्रिय है।
डा. संदीप कुमार। अफगानिस्तान धीरे-धीरे ही सही एक बुरे सपने की तरह दुनिया के सामने दिखने लगा विकल्प के प्रकार है। वहीं दूसरी तरफ उसकी इस दुर्दशा के लिए अमेरिका की जमकर आलोचना हो रही है। हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने यह कहते हुए अपना पल्ला झाड़ लिया है कि अफगानिस्तान भौगोलिक तौर पर इतिहास में कभी एकजुट नहीं रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपनी नाकामी का ठीकरा अफगानिस्तान के नागरिकों पर फोड़ दिया है। ऐसी दशा में अफगानियों की नजर रूस, भारत सहित अन्य पड़ोसी देशों की ओर जाना स्वाभाविक है।
दूसरी तरफ चीन और पाकिस्तान को अफगानिस्तान के नागरिक अपनी मुश्किलों का कारण मानते हैं। ऐसे में भारत और ईरान पर उनको भरोसा रहा है, परंतु दिक्कत यह है कि अफगानिस्तान में इन देशों की भूमिका सीमित रही है। ऐसे में उनकी नजर रूस पर जा टिकती है। उन्हें पता है कि रूस अगर उनकी मदद के लिए आगे आता है तो भारत और ईरान भी विकल्प के प्रकार मदद के लिए आगे आ सकते हैं। बहरहाल, अफगान के रोज बदलते हालात में किसी भी प्रकार के निष्कर्ष पर पहुंचना अभी किसी भी देश के लिए मुश्किल हो रहा है।
वैसे यह कहना गलत नहीं होगा कि अफगानिस्तान लगभग पूरी दुनिया के आतंकियों की शरणस्थली बनने जा रहा है। समूचे दक्षिण एशिया के लिए आतंकवाद एक बड़ी चुनौती बनने जा रहा है और भारत व रूस के लिए ये खतरा ज्यादा बड़ा है। अगर रूस की स्थिति को समङों तो पाएंगे कि उसके लिए अफगान के वर्तमान हालात संभावनाएं कम और अनिश्चितता व खतरे ज्यादा लेकर आया है। जहां तक चुनौती की बात की जाए तो रूस, अफगानिस्तान में अमेरिका के लंबे समय तक बने रहने को लेकर पहले से ही काफी सकते में था। लेकिन रूस के लिए सुखद स्थिति है कि अमेरिका बिना किसी निष्कर्ष पर पहुंचे अफगानिस्तान से लौट गया। रूस की विदेश नीति के लिए यह एक प्रकार से वैचारिक और नीतिगत जीत है।
रूस की चिंता यह नहीं है कि अफगानिस्तान के संघर्ष में कौन जीता और कौन हारा। रूस की चिंता इस बात को लेकर ज्यादा है कि अमेरिका के बाद कौन अफगान में नियंत्रण स्थापित करेगा। इस चिंता के पीछे कारण है कि कैसे मध्य एशिया के देशों में आतंकवाद के प्रसार को रोका जाए, जिसे वह अपना प्रभाव क्षेत्र मानता रहा है। रूस के लिए बड़ी चुनौती नशीले पदार्थ का मध्य एशिया के माध्यम से उनके बाजारों में पहुंचने को लेकर भी है। रूस दक्षिणी और पूर्वी अफगान में सक्रिय इस्लामिक स्टेट्स के लड़ाकों को लेकर भी संशय की स्थिति में है। इस कारण से वह मध्य एशिया के देशों को भी शरणार्थी लेने के प्रति आगाह कर रहा विकल्प के प्रकार है। रूस का मानना है कि शरणार्थी के रूप में ये आइएस लड़ाके मध्य एशिया में प्रवेश पाकर उनके लिए एक बड़ा खतरा बन सकते हैं। इन हालातों के मद्देनजर देखें तो रूस तालिबान को अफगान में उनके लिए बड़ा खतरा नहीं मान रहा है, बल्कि अन्य आतंकी संगठन ज्यादा खतरनाक हैं।
रूस की तैयारी को इस खतरे के संदर्भ में देखा जाए तो वह लगातार मध्य एशिया के देशों के साथ अफगान के मुद्दे पर संपर्क में है। वह तालिबान और अन्य खतरों को लेकर किसी दुविधा में नहीं है। वह लगातार मध्य एशिया के देशों के साथ अफगान से लगी सीमाओं पर सैन्य अभ्यास बढ़ा रहा है। इसी कवायद के तहत रूस ने अगस्त में ताजिकिस्तान में 5000 से ज्यादा सैनिकों को लेकर एक साझा युद्ध अभ्यास किया है। रूस आसन्न खतरों के लिए खुद को तैयार कर रहा है। रूस बड़ी मात्र में हथियार मध्य एशिया के देशों को मुहैया करा रहा है। ऐसा भी नहीं कि रूस का ये कोई अचानक से लिया गया फैसला है। इतना ही नहीं, किर्गिज़स्तान में भी रूस ने 2003 में एक सैन्य बेस बनाया था जो 2027 तक उसके नियंत्रण में रहेगा। ये सारे प्रयास मध्य एशिया को सुरक्षित करने के लिए ही किए गए थे जिसका महत्व बदली परिस्थितियों में बढ़ गया है।
रूस सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन के माध्यम से भी मध्य एशिया के अन्य देशों के साथ इस क्षेत्र में सक्रिय रहा है। रूस की इच्छा है कि उजबेकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान को सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन में लाया जाए और अफगान के बदलते हालात में मध्य एशिया को सुरक्षित रखने का संगठित प्रयास हो। आने वाले दिनों में इनकी सक्रियता और भी ज्यादा बढ़ने वाली है। देखा जाए तो रूस के मन में कहीं न कहीं तालिबान और अन्य आतंकी संगठनों को लेकर विश्वास की कमी है, जिसको दूर करने का प्रयास तालिबान अपने बयानों में कर रहा है। पर किसी भी विश्लेषक के लिए यह दावा करना मुश्किल है कि रूस इतनी जल्दी तालिबान को लेकर किसी निष्कर्ष पर पहुंचेगा।
रूस के अधिकारियों की मानें तो खतरा उन इस्लामिक आतंकी संगठनों से ज्यादा विकल्प के प्रकार है जो अफगानिस्तान के नहीं हैं। कई आतंकी जो मध्य एशिया के देशों के नागरिक हैं, वे मौके का फायदा उठाकर आएंगे और इस क्षेत्र में अस्थिरता को बढ़ा सकते हैं। कमोबेश मध्य एशिया के देशों में इस चुनौती को लेकर आम सहमति है। इन चुनौतियों के मद्देनजर देखा जाए तो रूस एक तरफ जहां अपने प्रभाव क्षेत्र में अपनी तैयारी को मजबूत कर रहा है, वहीं उसने तालिबान से बातचीत का दरवाजा भी खुला रखा है। रूस, चीन और पाकिस्तान से भी अफगान के मामले पर संपर्क में है। वहीं दूसरी तरफ अमेरिका और चीन के साथ मिलकर भी अफगान के मसले पर आम सहमति बनाने की कोशिश कर रहा है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पुतिन से संपर्क किया है और अफगान को लेकर अपने हितों को साझा किया है। रूस भी मानता है कि सामरिक साझेदार के रूप में भारत के हितों का ख्याल भी जरूरी है। ऐसा इस कारण से भी है कि ये दोनों देश अफगान को लेकर लंबे समय से एक साथ एक मंच पर खड़े रहे हैं।
जैविक खाद बनाने का भरोसेमंद एवं सस्ता विकल्प है ‘प्रोम’ (PROM) Reading Time : 7 minutes -->
क्या आप जानते हैं फसल के उत्पादन में फॉस्फेट तत्व का प्रमुख योगदान होता है! रासायनिक उर्वरकों के लगातार उपयोग करने से खेती की लागत भी बढ़ती जा रही है, जमीन सख्त हो रही है, भूमि में पानी सोखने की क्षमता घटती जा रही है। वहीं दूसरी तरफ भूमि तथा उपभोक्ताओं के स्वास्थ पर प्रतिकूल असर भी पड़ रहा है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए नया उत्पाद विकसित किया गया है, जिसमें कार्बनिक खाद के साथ-साथ रॉक फॉस्फेट की मौजूदगी भी होती है। जिसे हम प्रोम के नाम से जानते हैं।
‘प्रोम’ को विस्तार पूर्वक समझते हैं
प्रोम (फॉस्फोरस रिच आर्गेनिक मैन्योर) तकनीक से जैविक खाद घर पर भी तैयार की जा सकती है। प्रोम, जैविक खाद बनाने की एक नई तकनीक है। जैविक खाद बनाने के लिए गोबर तथा रॉक फॉस्फेट को प्रयोग में लाया जाता है। रॉक फॉस्फेट की मदद से रासायनिक क्रिया करके सिंगल सुपर फॉस्फेट (SSP) तथा डाई अमोनियम फॉस्फेट (DAP) रासायनिक उर्वरक तैयार किए जाते हैं।
प्रोम में विभिन्न फॉस्फोरस युक्त कार्बनिक पदार्थों जैसे- गोबर खाद, फसल अपशिष्ट, चीनी मिल का प्रेस मड, जूस उद्योग का अपशिष्ट पदार्थ, विभिन्न प्रकार की खली और ऊन के कारखानों का अपशिष्ट पदार्थ आदि को रॉक फॉस्फेट के साथ कम्पोस्टिंग करके बनाया जाता है। प्रोम मिनरल उर्वरक एवं जैविक खाद का मिश्रण है जो केवल कृषि में उपयोग के लिये काम में लाया जाता है। प्रोम का उपयोग पौधों को फॉस्फोरस (फॉस्फोरस पादप पोषक तत्व) उर्वरक प्रदान करने के लिए किया जाता है। जीवाणु राॅक फोसफोरस को पचा कर उसे गोबर में उपलब्ध करते हेै इस कारण प्रोम शुद्व रुप से जैविक है।
प्रोम से क्या-क्या फायदे हैं :
- जैविक खाद से अनाज, दालें, सब्जी व फलों की गुणवत्ता बढ़ाने से अच्छा स्वाद मिलता है।
- रोगों में रोधकता आने से मानव के स्वास्थ्य पर बुरे प्रभाव नहीं पड़ते हैं।
- प्रोम तकनीक से जैविक खाद बनाने की विधि बहुत ही सरल है।
- प्रत्येक किसान, जिसके यहां गोबर उपलब्ध है, आसानी से अपने घर पर जैविक खाद बनाकर तैयार कर सकता है।
- किसान DAP व SSP खरीदने पर जितने पैसा खर्च करता है उससे कम पैसे में प्रोम तकनीक से जैविक खाद बनाकर भरपूर फसल पैदा कर सकता है।
- प्रोम मिट्टी को नरम बनाने के साथ-साथ पोषक तत्वों की उपलब्धता लंबे समय तक बनाये रखता है।
- प्रोम लवणीय व क्षारिय भूमि में भी प्रभावी रूप में काम करता है जबकि DAP ऐसी भूमि मे काम नहीं करता है।
जैविक खाद को घर पर बनाने की प्रक्रिया :
‘फॉस्फोरस रिच जैविक खाद’ घर पर भी रॉक फॉस्फेट के द्वारा बनाई जा सकती है। रॉक फॉस्फेट के अलग-अलग रंग होते हैं, रॉक फॉस्फेट एक तरह का पत्थर है जिसके अंदर 22 फीसदी फॉस्फोरस मौजूद है जो कि फिक्स फोम में होता है। प्रोम बनाने के लिए कमर्शियल में 10 फीसदी के आसपास फॉस्फोरस मेंटेन किया जाता है लेकिन हम घर पर बनाने के लिए 18%,19% या 20 फीसदी तक फॉस्फोरस इस्तेमाल में ले सकते हैं। इसे बनाने के लिए किसी भी जानवर का गोबर ले सकते हैं, घर में मौजूद कूड़ा-कर्कट या फिर फसलों के अवशेष जिससे खाद बनाते हैं (प्लांट बेस्ड) वो भी ले सकते हैं।
प्रोम बनाने के लिए सबसे पहले गाय या भैंस का 500 किलो गोबर लीजिए, इसके ऊपर से सूखी पत्तियां डाल दीजिए, बाद में ऊपर से 500 किलो रॉक फॉस्फेट का (पाउडर फोम में) छिड़काव करें, फिर वेस्ट डी कंपोजर का छिड़काव करें और इसे कम से कम 30 से 35 दिनों तक ढ़ककर रखें, जिसके बाद जैविक खाद तैयार हो जाएगी।
प्रोम को DAP और SSP के पूरक के तौर पर किसान अपनी फसल के लिए खेत में प्रयोग कर सकते हैं और प्रोम खेत की उर्वरा शक्ति को बनाये रखते हैं। जिससे वह आने वाली नई पीढ़ी के किसानों को स्वस्थ भूमि प्रदान कर सकें।
वेस्ट डी कंपोजर क्या है ?
वेस्ट डी-कंपोजर जैविक खेती कर रहे किसानों के लिए जैविक खाद का बेहतर विकल्प है। कम खर्च में किसान इसकी मदद से स्वयं खाद बना सकते हैं। इसके उपयोग के बाद किसान को फसल में रासायनिक कीटनाशक और उर्वरक देने की जरूरत नहीं रहती है। खास बात है कि यह जड़ और तना संबंधी बीमारियों के नियंत्रण में उपयोगी पाया गया है।
निम्नलिखित बहुवैकल्पिक प्रश्न के दिए गए उत्तरों में से उचित विकल्प चुनकर लिखिए। a, b, c भुजावाले त्रिभुज में यदि a2 + b2 = c2 हो तो वह त्रिभुज किस प्रकार का होगा? - Mathematics 2 - Geometry [गणित २ - ज्यामिति]
a, b, c भुजावाले त्रिभुज में यदि a 2 + b 2 = c 2 हो तो वह त्रिभुज किस प्रकार का होगा?
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Ms Word में पेज नंबर कैसे जोड़े Add Page Number In Ms Word
दोस्तों आप की पोस्ट में हम आपको MS word में पेज नंबर जोड़ने के बारे में बताने वाले है कई बार हमे अपने डॉक्यूमेंट में पेज नंबर लिखने की जरुरत होती है जिससे हम अपने पेज को काउंट कर सके और उनको एक क्रम में सेट कर सके ms word में पेज नंबर जोड़ना बहुत आसान है इसके लिए आपको कुछ आसान से स्टेपो को फॉलो करना होगा
Ms Word में पेज नंबर कैसे जोड़े Add Page Number In Ms Word
MS word में पेज विकल्प के प्रकार नंबर जोड़ने के लिए आपको कुछ आसान से स्टेपो को फॉलो करना होगा
1. सबसे पहले आपको ms word ओपन करना है इसके बाद आपको Insert के ऑप्शन में क्लिक करना है
3. इसके बाद आपको Header & Footer के ऑप्शन के अंतर्गत पेज नंबर वाले विकल्प में क्लिक करना है जैसा की चित्र में दर्शाया गया है
3. आज जैसे ही क्लिक करते है आपके सामने बहुत से विकल्प प्रदर्शित होते है जैसे –
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