शेयर मार्केट की पूरी जानकारी हिंदी में

जब शेयर मार्केट गिरता है तो कहां जाता है आपका पैसा? यहां समझिए इसका गणित
Share market: जब शेयर मार्केट डाउन होता है, तो निवेशकों का पैसा डूबकर किसके पास जाता है? क्या निवेशकों के नुकसान से किसी को मुनाफा होता है. आइए इसका जवाब बताते हैं.
- शेयर मार्केट डिमांड और सप्लाई के फॉर्मूले पर काम करता है
- अगर कंपनी अच्छा परफॉर्म करेगी तो उसके शेयर के दाम बढ़ेंगे
- राजनीतिक घटनाओं का भी शेयर मार्केट पर पड़ता है असर
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नई दिल्ली: आपने शेयर मार्केट (Share Market) से जुड़ी तमाम खबरें सुनी होंगी. जिसमें शेयर मार्केट में गिरावट और बढ़त जैसी खबरें आम हैं. लेकिन कभी आपने सोचा है कि जब शेयर मार्केट डाउन होता है, तो निवेशकों का पैसा डूबकर किसके पास जाता है? क्या निवेशकों के नुकसान से किसी को मुनाफा होता है. इस सवाल का जवाब है नहीं. आपको शेयर मार्केट की पूरी जानकारी हिंदी में बता दें कि शेयर मार्केट में डूबा हुआ पैसा गायब हो जाता है. आइए इसको समझाते हैं.
कंपनी के भविष्य को परख कर करते हैं निवेश
आपको पता होगा कि कंपनी शेयर मार्केट में उतरती हैं. इन कंपनियों के शेयरों पर निवेशक पैसा लगाते हैं. कंपनी के भविष्य को परख कर ही निवेशक और विश्लेषक शेयरों में निवेश करते हैं. जब कोई कंपनी अच्छा प्रदर्शन करती है, तो उसके शेयरों को लोग ज्यादा खरीदते हैं और उसकी डिमांड बढ़ जाती है. ऐसे ही जब किसी कंपनी के बारे में ये अनुमान लगाया जाए कि भविष्य में उसका मुनाफा कम होगा, तो कंपनी के शेयर गिर जाते हैं.
डिमांड और सप्लाई के फॉर्मूले पर काम करता है शेयर
शेयर मार्केट डिमांड और सप्लाई के फॉर्मूले पर काम करता है. लिहाजा दोनों ही परिस्थितियों में शेयरों का मूल्य घटता या बढ़ता जाता है. इस बात को ऐसे लसमझिए कि किसी कंपनी का शेयर आज 100 रुपये का है, लेकिन कल ये घट कर 80 रुपये का हो गया. ऐसे में निवेशक को सीधे तौर पर घाटा हुआ. वहीं जिसने 80 रुपये में शेयर खरीदा उसको भी कोई फायदा नहीं हुआ. लेकिन अगर फिर से ये शेयर 100 रुपये का हो जाता है, तब दूसरे निवेशक को फायदा होगा.
कैसे काम करता है शेयर बाजार
मान लीजिए किसी के पास एक अच्छा बिजनेस आइडिया है. लेकिन उसे जमीन पर उतारने के लिए पैसा नहीं है. वो किसी निवेशक के पास गया लेकिन बात नहीं बनी और ज्यादा पैसे की जरूरत है. ऐसे में एक कंपनी बनाई जाएगी. वो कंपनी सेबी से संपर्क कर शेयर बाजार में उतरने की बात करती है. कागजी कार्रवाई पूरा करती है और फिर शेयर बाजार का खेल शुरू होता है. शेयर बाजार में आने के लिए नई कंपनी होना जरूरी नहीं है. पुरानी कंपनियां भी शेयर बाजार में आ सकती हैं.
शेयर का मतलब हिस्सा है. इसका मतलब जो कंपनियां शेयर बाजार या स्टॉक मार्केट में लिस्टेड होती हैं उनकी हिस्सेदारी बंटी रहती है. स्टॉक मार्केट में आने के लिए सेबी, बीएसई और एनएसई (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) में रजिस्टर करवाना होता है. जिस कंपनी में कोई भी निवेशक शेयर खरीदता है वो उस कंपनी में हिस्सेदार हो जाता है. ये हिस्सेदारी खरीदे गए शेयरों की संख्या पर निर्भर करती है. शेयर खरीदने और बेचने का काम ब्रोकर्स यानी दलाल करते हैं. कंपनी और शेयरधारकों के बीच सबसे जरूरी कड़ी का काम ब्रोकर्स ही करते हैं.
निफ्टी और सेंसेक्स कैसे तय होते हैं?
इन दोनों सूचकाकों को तय करने वाला सबसे बड़ा फैक्टर है कंपनी का प्रदर्शन. अगर कंपनी अच्छा परफॉर्म करेगी तो लोग उसके शेयर खरीदना चाहेंगे और शेयर की मांग बढ़ने से उसके दाम बढ़ेंगे. अगर कंपनी का प्रदर्शन खराब रहेगा तो लोग शेयर बेचना शुरू कर देंगे और शेयर की कीमतें गिरने लगती हैं.
इसके अलावा कई दूसरी चीजें हैं जिनसे निफ्टी और सेंसेक्स पर असर पड़ता है. मसलन भारत जैसे कृषि प्रधान देश में बारिश अच्छी या खराब होने का असर भी शेयर मार्केट पर पड़ता है. खराब बारिश से बाजार में पैसा कम आएगा और मांग घटेगी. ऐसे में शेयर बाजार भी गिरता है. हर राजनीतिक घटना का असर भी शेयर बाजार पर पड़ता है. चीन और अमेरिका के कारोबारी युद्ध से लेकर ईरान-अमेरिका तनाव का असर भी शेयर बाजार पर पड़ता है. इन सब चीजों से व्यापार प्रभावित होते हैं.
Stock Market: शेयर बाजार क्या है?
अगर शाब्दिक अर्थ में कहें तो शेयर बाजार किसी सूचीबद्ध कंपनी में हिस्सेदारी खरीदने-बेचने की जगह है.
अगर शाब्दिक अर्थ में कहें तो शेयर बाजार (Stock Market) किसी सूचीबद्ध कंपनी में हिस्सेदारी खरीदने-बेचने की जगह है. भारत में बोम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) नाम के दो प्रमुख शेयर बाजार हैं.
BSE या NSE में ही किसी लिस्टेड कंपनी के शेयर ब्रोकर के माध्यम से खरीदे और बेचे जाते हैं. शेयर बाजार (Stock Market) में हालांकि बांड, म्युचुअल फंड और डेरिवेटिव का भी व्यापार होता है.
स्टॉक बाजार या शेयर बाजार में बड़े रिटर्न की उम्मीद के साथ घरेलू के साथ-साथ विदेशी निवेशक (FII या FPI) भी काफी निवेश करते हैं.
शेयर खरीदने का मतलब क्या है?
मान लीजिये कि NSE में सूचीबद्ध किसी कंपनी ने कुल 10 लाख शेयर जारी किए हैं. आप उस कंपनी के प्रस्ताव के अनुसार जितने शेयर खरीद लेते हैं आपका उस कंपनी में उतने हिस्से का मालिकाना हक हो गया. आप अपने हिस्से के शेयर किसी अन्य खरीदार को जब भी चाहें बेच सकते हैं.
कंपनी जब शेयर जारी करती है उस वक्त किसी व्यक्ति या समूह को कितने शेयर देना है, यह उसके विवेक पर निर्भर है. शेयर बाजार (Stock Market) से शेयर खरीदने/बेचने के लिए आपको ब्रोकर की मदद लेनी होती है.
ब्रोकर शेयर खरीदने-बेचने में अपने ग्राहकों से कमीशन चार्ज करते हैं.
किसी लिस्टेड कंपनी के शेयरों का मूल्य BSE/NSE में दर्ज होता है. सभी सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों का मूल्य उनकी लाभ कमाने की क्षमता के अनुसार घटता-बढ़ता रहता है. सभी शेयर बाजार (Stock Market) का नियंत्रण भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी या SEBI) के हाथ में होता है.
Sebi की अनुमति के बाद ही कोई कंपनी शेयर बाजार (Stock Market) में लिस्ट होकर अपना प्रारंभिक निर्गम इश्यू (आईपीओ या IPO) जारी कर सकती है.
प्रत्येक तिमाही/छमाही या सालाना आधार पर कंपनियां मुनाफा कमाने पर हिस्साधारकों को लाभांश देती है. कंपनी की गतिविधियों की जानकारी SEBI और BSE/NSE की वेबसाइट पर भी उपलब्ध होती है.
कोई कंपनी BSE/NSE में कैसे लिस्ट होती है?
शेयर बाजार (Stock Market) में लिस्ट होने के लिए कंपनी को शेयर बाजार से लिखित समझौता करना पड़ता है. इसके बाद कंपनी पूंजी बाजार नियामक SEBI के पास अपने सभी जरूरी दस्तावेज जमा करती है. SEBI की जांच में सूचना सही होने और सभी शर्त के पूरा करते ही कंपनी BSE/NSE में लिस्ट हो जाती है.
इसके बाद कंपनी अपनी हर गतिविधि की जानकारी शेयर बाजार (Stock Market) को समय-समय पर देती रहती है. इनमें खास तौर पर ऐसी जानकारियां शामिल होती हैं, जिससे निवेशकों के हित प्रभावित होते हों.
शेयरों के भाव में उतार-चढ़ाव क्यों आता है?
किसी कंपनी के कामकाज, ऑर्डर मिलने या छिन जाने, नतीजे बेहतर रहने, मुनाफा बढ़ने/घटने जैसी जानकारियों के आधार पर उस कंपनी का मूल्यांकन होता है. चूंकि लिस्टेड कंपनी रोज कारोबार करती रहती है और उसकी स्थितियों में रोज कुछ न कुछ बदलाव होता है, इस मूल्यांकन के आधार पर मांग घटने-बढ़ने से उसके शेयरों की कीमतों में उतार-चढाव आता रहता है.
अगर कोई कंपनी लिस्टिंग समझौते से जुड़ी शर्त का पालन नहीं करती, तो उसे सेबी BSE/NSE से डीलिस्ट कर देती है.
शायद आपको पता न हो, विश्व के सबसे अमीर व्यक्तियों में शामिल वारेन बफे भी शेयर बाजार (Stock Market) में ही निवेश कर अरबपति बने हैं.
आप कैसे कर सकते हैं शेयर बाजार में निवेश की शुरूआत?
आपको सबसे पहले किसी ब्रोकर की मदद से डीमैट अकाउंट खुलवाना होगा. इसके बाद आपको डीमैट अकाउंट को अपने बैंक अकाउंट से लिंक करना होगा.
बैंक अकाउंट से आप अपने डीमैट अकाउंट में फंड ट्रांसफर कीजिये और ब्रोकर की वेबसाइट से खुद लॉग इन कर या उसे आर्डर देकर किसी कंपनी के शेयर खरीद लीजिये.
इसके बाद वह शेयर आपके डीमैट अकाउंट में ट्रांसफर हो जायेंगे. आप जब चाहें उसे किसी कामकाजी दिन में ब्रोकर के माध्यम से ही बेच सकते हैं.
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शेयर मार्केट टिप्स इन हिंदी | Share market tips in Hindi
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Share market सब को शेयर मार्केट की पूरी जानकारी हिंदी में अपनी और आकर्षित करता है, क्योंकि शेयर मार्केट वो जगह है, जहां पर लोग रातों-रात पैसे वाले हो जाते हैं, वहीं पर कई लोग stock market tips in hindi को बिना जाने कैसे लगाते हैं और अपने पैसे डूबा देते हैं।
शेयर मार्केट क्या है ? ( What is share market in Hindi )
में आज मैं आपको कुछ टिप्स दूंगा, जो Share market के सफर में आपको बहुत ही काम आएगी क्योंकि किसी कार्य को करने से पहले उसके बारे में पूरी जानकारी अर्जित करना बहुत ही आवश्यक होता है।
- शेयर मार्केट की जानकारी हासिल करें
अक्सर हम देखते हैं कि लोग बिना कुछ पढ़े कुछ सीखें Share market में एंटर करते हैं, और ज्यादा पैसे मार्केट में लगा देते हैं, बाद में बहुत बड़ी नुकसान हाथ लगती है। आपको यह कार्य बिल्कुल नहीं करना है, पहले कोई अच्छे टीचर या फिर ऑनलाइन जाकर पूरी तरह मार्केट को समझें और बाद में ही शेयर मार्केट में एंटर करे।
जब भी आप Share market में शेयर खरीदते हो, तो पहले ज्यादा कोंटेटी में शेयर बिल्कुल ना खरीदे, पहले अनुभव करने और सीखने के लिए थोड़ी-थोड़ी कोंटेटी में शेयर खरीदे, जिससे अगर आपको नुकसान भी हो तो ज्यादा ना हो पर आप शेयर मार्केट में बने रहे।
Share market में आने वाले लोग अक्सर कहते हैं, कि हमारे पास तो थोड़े पैसे ही है। तो क्या करें? अगर थोड़े पैसे हो तो बहुत अच्छी बात है, क्योंकि जब भी कोई मार्केट में आता है शेयर मार्केट की पूरी जानकारी हिंदी में तो पहले साल तो नुकसान ही होता है, उससे आप सीखेंगे।अगर थोड़े पैसे हैं तो थोड़ा ही नुकसान होगा, और बाद में धीरे धीरे आप सीख जाओगे अगर थोड़ा नुकसान होगा तो आप मार्केट से बाहर नहीं जाओगे।
99% लोग मार्केट में एंटर होते हैं, तो वह इंट्राडे ट्रेडिंग ही करते हैं। लेकिन यह काम बहुत ही रिस्की है, क्योंकि वहां पर आप थोड़े से चुके तो बड़ा नुकसान उठाना पड़ता है,शेयर मार्केट को जानने वाले लोग कभी भी इंट्राडे ट्रेडिंग नहीं करते इसीलिए वह सफल बन पाते हैं।
बड़ी कंपनी के शेयर ही खरीदें
आपको पहले यह पता नहीं होता कि कौन सी कंपनी अच्छी है और कौन-कौन सी कंपनी बुरी, इसलिए आप अपने जीवन में जिस कंपनी से के साधन, वस्तु, या खाद्य पदार्थ को यूज करते हैं, उसी कंपनी के शेयर खरीदे क्योंकि इस कंपनी को आप बहुत समय से जानते हो।
Share market में सफल होने का सबसे आसान फार्मूला है निवेश, वह भी लंबे समय के लिए, जो भी लोग स्टॉक मार्केट में सफल हुए हैं वो निवेश करके ही हुए हैं, ट्रेडिंग करके भी आप सफल हो सकते हो, परंतु इसके लिए आपको बहुत सीखना होगा, सीखने के बाद भी नुकसान का डर तो हमेशा रहेगा, इस से अच्छा है कि आप अच्छे निवेशक बने।
अतिरिक्त पैसे ना लगाएं
ज्यादातर लोग स्टॉक मार्केट में नुकसानी के बाद निराश हो जाते हैं, और पैसे को वापस लाने के लिए बहुत ज्यादा नुकसान करते हैं, कहीं बार तो लोग व्याज से पैसे लाते हैं और नुकसान करते हैं। ऐसा बिल्कुल ना करें, जो भी आपकी सैलरी या और कोई इनकम हो, उसमें से सारे खर्च निकालकर जो पैसे बचते हैं उससे ही मार्केट में लगाई।
- अपना नुकसान निर्धारित करें
शेयर मार्केट की भाषा में इसे स्टॉपलॉस कहते हैं यानी आपने कोई शेयर खरीदा है, तो उस शेर में आप कम से कम कितना नुकसान उठा सकते हैं, यह निर्धारित करन बहुत ही आवश्यक है। खास करके इंट्राडे ट्रेडिंग में तो स्टॉप लॉस बहुत ही जरूरी है इससे आपका पैसा सुरक्षित रहेगा।
मन को कंट्रोल में रखें
कोई शेयर आपने खरीदा हुआ है, और उसकी कीमत नीचे जा रही है तो आपका मन कहेगा थोड़ी देर रुको वापस कीमत उठेगी।लेकिन आपको यह नहीं करना है, आपने जो स्टॉपलॉस निर्धारित किया है, उस कीमत पर शेयर बेच दे।वैसे ही अगर शेयर की कीमत बढ़ गई है तो मन कहेगा कि थोड़ी देर रुको कीमत और बढ़ेगी , लेकिन आपको यह भी नहीं करना है, डर और लालच दोनों को छोड़कर मार्केट में प्रवेश करे
मार्केट में आजकल बहुत गुरु हो गए हैं, लेकिन आपको इन सब से बचना है, उन्हीं लोगों के बीच बैठे जिसके पास अनुभव बहुत हो, जो मार्केट में सफल बने हो, उसी की बातों को फॉलो करें, जिससे आप भी सफल हो सके।
पैसे की कीमत समझे।
दोस्तों आपने पैसा कैसे कमाया वह आपको ही पता है। कितनी मेहनत के बाद आपकी जेब में पैसा आता है उसे किसी के कहने पर कहीं पर मत लगाओ, जिसके बारे में आप जानते हो उसी जगह पर अपने पैसे को निवेश करें।
Share Meaning in Hindi शेयर क्या होते हैं
Share meaning in Hindi शेयर क्या होते हैं और इनका अर्थ। Share की जानकारी विस्तार से समझते हैं, IPO के बारे में, शेयर की फेस वैल्यू और मार्केट वैल्यू, प्रोमोटर ओर इनवेस्टर में अंतर आसान हिंदी में। शेयर बाजार के बारे में अधिक जानकारी और अन्य पहलुओं को जानने के लिये शेयर मार्केट हिंदी में विस्तार से पढ़ें।
Share Meaning in Hindi
Share Meaning in Hindi शेयर क्या होते हैं
अंश यानी हिस्सा यदि आपके पास किसी कंपनी के Share है तो आप उस कंपनी के उतने हिस्से के मालिक बन जाते हैं जितने शेयर आपके पास हैं. इसे हिंदी में अंश कहते हैं और शेयरहोल्डर को अंशधारक. स्टॉक एक्सचेंज से शेयर खरीद कर आप भी वहां लिस्टेड किसी भी कंपनी के मालिक बन सकते हैं. आप जितना शेयर खरीदेंगे उस कंपनी में आप उतने ही हिस्से के मालिक बन जाएंगे. सभी शेयर कंपनी द्वारा घोषित किये गए सभी डिविडेंड अथवा बोनस के अधिकारी होते हैं. किसी कंपनी के Share खरीद लेने से आपको वो सब अधिकार मिल जाते हैं जो शेयरहोल्डर के आधिकार होते हैं।
Share Meaning in Hindi कंपनी को शुरू करने के लिए शेयर
किसी भी कंपनी को शुरू करने के लिए बहुत बड़ी पूंजी की आवश्यकता होती है यह बहुत कठिन है कि इतनी बड़ी पूंजी कोई एक व्यक्ति अपने पास से उस कंपनी में लगा सके यदि उस बड़ी पूंजी को छोटे-छोटे अंशों अथवा Shares में बांट दिया जाए तो बहुत से व्यक्ति उस कंपनी में हिस्सेदारी खरीदकर उस कंपनी के मालिक बन सकते हैं कोई भी व्यक्ति अपनी क्षमता के अनुसार Share खरीद कर कंपनी के उतने ही हिस्से का मालिक बन सकता है जितनी उसकी क्षमता है.
IPO of Shares in Hindi
कोई भी व्यक्ति आसानी से किसी कंपनी के Share खरीद सके इसके लिए आवश्यक है कि वह कंपनी किसी ना किसी स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड हो. एक बार यदि कोई कंपनी किसी स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड हो जाती है तो उस कंपनी के शेयरों की ट्रेडिंग स्टॉक एक्सचेंज में शुरू हो जाती जिससे कि कोई भी निवेशक उन्हें खरीद सकता है। इसके लिए कम्पनियां आईपीओ ले कर आतीं हैं. यहाँ आप दुनिया के बड़े स्टॉक एक्सचेंज और उनके बारे में पूरी जानकारी पढ़ सकते हैं.
Liquidity in Share Market
Share in Hindi शेयर क्या होते हैं
लिस्टिंग के बाद उस कंपनी के शेयरधारक अपने Share उस स्टॉक एक्सचेंज पर बेच सकते है तथा उसे खरीदने के इच्छुक व्यक्ति उसी स्टॉक एक्सचेंज से उसे खरीद सकते हैं. जब किसी कंपनी का शेयर आसानी से बिकने या खरीदने के लिए उपलब्ध रहता है तो उसे कंपनी की शेयरों की लिक्विडिटी अथवा तरलता कहा जाता है।
फेस वैल्यू और मार्केट वैल्यू शेयर मार्केट की पूरी जानकारी हिंदी में में अंतर Face Value and Market Value of Shares
किसी भी Share की वास्तविक बाजार कीमत उसके फेस वैल्यू से अधिक अथवा कम हो सकती है और यह कीमत उसकी की मांग और पूर्ति पर निर्भर करती है. यह इस बाजार का साधारणता नियम है कि जिस शेयर की मांग अधिक होती है उसकी कीमत बढ़ती है और जिस शेयर की मांग नहीं होती है उसे शेयरहोल्डर बेचना चाहते है तो उसकी कीमत घट जाती है.
प्रमोटर कौन होता है Promoters
Share in Hindi में अब अपको बताते हैं कि प्रमोटर कौन होता है। जो व्यक्ति अथवा व्यत्क्तियों का समूह किसी कंपनी को शुरू करने की योजना बनाते है उन्हें प्रमोटर कहा जाता है. प्रमोटर एक हिस्सा उन शेयरों में अपने पास रखते है और बाकी हिस्सा पब्लिक को पेश किया जाता है. जो हिस्सा प्रमोटरों के पास रहता है आमतौर पर वह हिस्सा मार्केट में ट्रेड होने के लिए नहीं आता. स्टॉक एक्सचेंज में वही हिस्सा ट्रेड होता है जो पब्लिक के पास होता है.
Investors in Share Market in Hindi
आमतौर पर Share में निवेश करने वाले को निवेशक कहा जाता है मगर बहुत से लोग डे ट्रेडिंग में काम करते है. मेरे हिसाब से वास्तविक निवेशक वही है जो शेयर खरीदने के बाद उसे कम से कम तीन वर्ष के शेयर मार्केट की पूरी जानकारी हिंदी में लिए अपने पास रखें.
डे ट्रेडिंग क्या है Day Trading of Shares
डे ट्रेडिंग में शेयर को खरीदने अथवा बेचने के बाद उसी दिन सौदे को वापस कर दिया जाता है. यानी कि यदि कोई डे ट्रेडर यह सोच कर की आज Reliance इंडस्ट्रीज का शेयर बढ़ने वाला है मार्केट में ट्रेडिंग के शुरुआत में उसे खरीद लेता है और मार्केट बंद होने से पहले ही वापस बेच देता है तो उसे डे ट्रेडिंग कहेंगे.
मेरे हिसाब से डे ट्रेडिंग बहुत ही खतरनाक खेल है और एक तरह से जुआ ही है इसलिए इससे अधिकतर निवेशकों को दूर ही रहना चाहिए. हो सकता है कि जब आप किसी ब्रोकर अथवा बैंक के पास अपना ट्रेडिंग अकाउंट खोलें तो वहां का स्टाफ आपको डे ट्रेडिंग के लिए निमन्त्रित करें. आप इस बात को समझ लीजिए कि आप जितनी बार भी ट्रेडिंग करेंगे तो ब्रोकर को अपनी ब्रोकरेज मिलेगी.
Review your Portfolio of Shares
जरूरी नहीं है की हर सौदे में आपको प्रॉफिट ही हो इसलिए जब भी निवेश करें लंबी अवधि के बारे में सोच कर ही निवेश करें और अपने फैसले पर विश्वास रखें. बार बार शेयरों को स्विच करना फायदेमंद नहीं होता. हर तीन से छः महीने में अपने पोर्टफोलियो का आकलन जरूर कर लें.
यह पाठ उनके लिए है जिनके लिए यह मार्केट एक दम अबूझ है और नहीं जानते कि Share क्या होते हैं ऐसे हो लोगों को यहाँ Share meaning in Hindi समझाने की कोशिश की गयी है.