कमाई रोबोट

- रूस के राष्ट्रपति: व्लादिमीर पुतिन; रूस की राजधानी: मास्को।
- रूस की मुद्रा: रूसी रूबल; रूस के पीएम:कमाई रोबोट दिमित्री मेदवेदेव
रजनीकांत और अक्षय कुमार की ‘2.0’ ने 7 दिनों में बनाए यह 7 जबरदस्त रिकॉर्ड, देखें पूरी लिस्ट
फिल्म '2.0' ने बॉक्स ऑफिस पर अब 7 दिनों का सफर तय कर लिया है।
- By BollywoodLife
- Published: December 06 2018, 15:51 PM IST
एक बार फिर रजनीकांत के नाम से बॉक्स ऑफिस
रजनीकांत और कमाई रोबोट अक्षय कुमार की फिल्म ‘2.0’ को बॉक्स ऑफिस पर अब तक केवल 7 ही दिन हुए हैं और इसने कई रिकॉर्ड्स तोड़ जाले हैं। फिल्म ने अपनी शानदार कमाई के जरिए यह साबित कर दिया है कि 'थलाइवा' के आगे कोई भी नहीं टिक सकता है। फिल्म बॉक्स ऑफिस पर लगातार जबरदस्त प्रदर्शन कर रही है। अपनी इस रिपोर्ट में हम आपके सामने लेकर आए हैं रजनीकांत की इस फिल्म के 7 ऐसे रिकॉर्ड्स, जिनको भविष्य में तोड़ पाना किसी भी फिल्म के लिए आसान नहीं होगा।
Rajnikath-2.0
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अब कमाई रोबोट रोबोट बताएगा फसलों में लगी बीमारियों और मिट्टी में मौजूद तत्व, किसानों को होगा फायदा
कानपुरः आइआइटी और चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (CSA ) ने मिलकर एक ऐसा अनोखा रोबोट तैयार किया है, जो कि फसलों में लगी बीमारियों और मिट्टी में मौजूद पोषक तत्वों का पता लगाने में सहायता करेगा। उनका कहना है कि इस रोबोट की मदद से किसानों को फायदा होगा। जिसके कुछ विशेष ट्रायल के बाद अगले दो महीने में इस रोबोट को लांच करने को कहा गया है।
सीएसए के प्रधान ने बताया कि अलग-अलग मौसम में फसलों को कई तरह की बीमारियां लगने का खतरा रहता है। जिसके लिए विभिन्न रसायनों का छिड़काव की जरुरत होती है, लेकिन हमें पता नहीं चल पाता कि कब फसल को बीमारी लगने वाली है , इसकी जानकारी होने पर काफी समय लग जाता है। इसी समस्या के देखते हुए आइआइटी ने सेंसर प्रणाली पर आधारित रोबोट का आविष्कार किया है। इस रोबोट में लगे सेंसर मिट्टी में मौजूद कणों जैसे नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटेशियम आदि पोषक तत्वों का पता लगाने में और मौसम के अनुसार पौधों व पत्तियों की फोटो खींचकर पौधे में लगी बीमारियों का पहले ही पता लगा सकेगा। जिससे किसान पहले ही अपनी फसल को बीमारी लगने से बचा पाएंगे और इससे उनकी फसल का नुकसान भी नहीं होगा।
सूचना के अनुसार, आइआइटी की तरफ से दो तरह के रोबोट तैयार किए जा रहे हैं। ये रोबोट पूरी तरह से रिमोट संचालित होगा। जिसमें एक रोबोट की ऊंचाई करीब डेढ़ फीट और दूसरे रोबोट की 3 से 4 फीट ऊंचाई बताई जा रही है।संयुक्त निदेशक शोध डॉ. एसके विश्वास ने बताया कि रिमोट से इन रोबोट को खेत के विभिन्न हिस्से में चलाया जा सकेगा। जिन खेतों में पौधे लाइन में लगे होते हैं, उनमें रोबोट को आसानी से चलाया जा सकता है, लेकिन जिन खेतों में पौधे लाइन में नहीं होते, उनमें मेड़ पर चलाया जाएगा।
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रूस ने अपने पहले ह्यूमनॉइड रोबोट फेडोर को अंतरिक्ष में भेजा
रूस ने Fedor(फाइनल एक्सपेरिमेंटल डिमॉन्स्ट्रेशन ऑब्जेक्ट रिसर्च) नामक एक मानवकद रोबोट ले जाने वाले मानव रहित रोबोट को लॉन्च किया है। यह एक सिल्वर एंथ्रोपोमोर्फिक रोबोट है जिसकी लंबाई 1.80 मीटर (5 फुट 11 इंच) है और इसका वजन 160 किलोग्राम (353 पाउंड) है।
फेडर कमाई रोबोट अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर अंतरिक्ष यात्रियों की सहायता करने के लिए 10 दिन तक सीखेंगे। कजाकिस्तान में रूस के बैकोनूर कोस्मोड्रोम से एक Soyuz MS-14 अंतरिक्ष यान में इसे भेजा गया है।
उपरोक्त समाचार से RRB NTPC/IBPS RRB Main 2019 परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण तथ्य-
- रूस के राष्ट्रपति: व्लादिमीर पुतिन; रूस की राजधानी: मास्को।
- रूस की मुद्रा: रूसी रूबल; रूस के पीएम: दिमित्री मेदवेदेव
अब रोबोट बताएगा फसलों में लगी बीमारियों और मिट्टी में मौजूद तत्व, किसानों को होगा फायदा
कानपुरः आइआइटी और चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (CSA ) ने मिलकर एक ऐसा अनोखा रोबोट तैयार किया है, जो कि फसलों में लगी बीमारियों और मिट्टी में मौजूद पोषक तत्वों का पता लगाने में सहायता करेगा। उनका कहना है कि इस रोबोट की मदद से किसानों को फायदा होगा। जिसके कुछ विशेष ट्रायल के बाद अगले दो महीने में इस रोबोट को लांच करने को कहा गया है।
सीएसए के प्रधान ने बताया कि अलग-अलग मौसम में फसलों को कई तरह की बीमारियां लगने का खतरा रहता है। जिसके लिए विभिन्न रसायनों का छिड़काव की जरुरत होती है, लेकिन हमें पता नहीं चल पाता कि कब फसल को बीमारी लगने वाली है , इसकी जानकारी होने पर काफी समय लग जाता है। इसी समस्या के देखते हुए आइआइटी ने सेंसर प्रणाली पर आधारित रोबोट का आविष्कार किया है। इस रोबोट में लगे सेंसर मिट्टी में मौजूद कणों जैसे नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटेशियम आदि पोषक तत्वों का पता लगाने में और मौसम के अनुसार पौधों व पत्तियों की फोटो खींचकर पौधे में लगी बीमारियों का पहले ही पता लगा सकेगा। जिससे किसान पहले ही अपनी फसल को बीमारी लगने से बचा पाएंगे और इससे उनकी फसल का नुकसान भी नहीं होगा।
सूचना के अनुसार, आइआइटी की तरफ से दो तरह के रोबोट तैयार किए जा रहे हैं। ये रोबोट पूरी तरह से रिमोट संचालित होगा। जिसमें एक रोबोट की ऊंचाई करीब डेढ़ फीट और दूसरे रोबोट की 3 से 4 फीट ऊंचाई बताई जा रही है।संयुक्त निदेशक शोध डॉ. एसके विश्वास ने बताया कि रिमोट से इन रोबोट को खेत के विभिन्न हिस्से में चलाया जा सकेगा। जिन खेतों में पौधे लाइन में लगे होते हैं, उनमें रोबोट को आसानी से चलाया जा सकता है, लेकिन जिन खेतों में पौधे लाइन में नहीं होते, उनमें मेड़ पर चलाया जाएगा।
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