मुद्राओं को खरीदने और बेचने के बारे में जानें

Bitcoin
Digital Currency क्या है? ई-मुद्राओं के बारे में जानकारी
दोस्तों आपने कभी न कभी या अभी कुछ सालों पहले बिटकॉइन (Bitcoin) का नाम जरूर सुना होगा, और अगर नहीं सुना होगा, तो कोई बात नहीं है आज हमारे आर्टिकल Digital Currency क्या है? में आपको बिटकॉइन की भी जानकारी मिल जाएगी.
बिटकॉइन भी एक तरह से डिजिटल करेंसी है, दुनिया भर में सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाने वाली क्रिप्टोकरंसी बिटकॉइन है। फिलहाल इसके 16.8 मिलयन टोकन्स सर्कुलेशन में हैं। और अभी जिस भी व्यक्ति के पास बिटकॉइन है वो बहौत पैसे वाला है क्यूकी दोस्तों 1 Bitocoin की कीमत 30-50 लाख रुपये के बराबर है.
तो इससे आप समझ गए होंगे और आपको इसका अंदाज़ा भी होगया होगा की डिजिटल करेंसी की कितनी कीमत है. तो आइये इसी के साथ जानते हैं की आखिर ये Digital currency क्या है? और क्यू ये इतना चर्चा में है.
Digital Currency क्या है?
डिजिटल करेंसी को ई-मुद्रा या Cryptocurrency भी कहा जाता है, इसमें पेमेंट मेथड पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में किया जाता है। साइबर कैश कही जाने वाली इन मुद्राओं की चर्चा दुनिया भर में है। डिजिटल करेंसी को वर्चुअल करेंसी (Virtual Currency) भी कहा जा सकता है.
डिजिटल करेंसी एक तरह की Currency है, जो सिर्फ digital form में मौजूद होता है, और इसे ख़रीदा और बेचा भी ऑनलाइन किआ जाता है. डिजिटल करेंसी का उपयोग सिर्फ ऑनलाइन ही चीज़ों को खरीदने और बेचने के लिए यूज़ किआ मुद्राओं को खरीदने और बेचने के बारे में जानें जा सकता है, आप इसका इस्तेमाल ऑफलाइन चीज़ों के लिए यूज़ नहीं कर सकते हैं.
विदेशों में माल खरीदने-बेचने पर घरेलू कंपनियों को देना होगा GST, जानिए क्यों
AAR ने कहा है, GST का भुगतान देश में करना होगा. भले ही वह उत्पाद भारत की सीमा में नहीं आया हो.
अगर कोई घरेलू कंपनी विदेश से माल खरीदती है और इसे किसी अन्य देश में बेचती है तो इसके लिए उन्हें भारत में GST चुकाना है. एक आवेदन के जवाब में एडवांस रूलिंग प्राधिकरण (AAR) ने यह जानकारी दी है.
- भाषा
- Last Updated : June 18, 2020, 22:20 IST
नई दिल्ली. एडवांस रूलिंग प्राधिकरण (AAR) ने कहा है कि अगर कोई घरेलू कंपनी विदेश से माल खरीदती है और उसे किसी दूसरे देश में बेचती है, तो उसे ऐसे सौदे के लिये GST का भुगतान देश में करना होगा. भले ही वह उत्पाद भारत की सीमा में नहीं आया हो.
स्टरलाइट टेक्नोलॉजी के आवेदन पर AAR की गुजरात पीठ ने कहा है कि जहां देश से बाहर सीधे बिक्रेता से सामान लेकर ग्राहकों के परिसरों में पहुंचाया जाता है, वहां देश में जीएसटी भुगतान का मामला बनता है.
आवेदनकर्ता ने यह जानना चाहा था कि क्या वस्तु व्यापार लेनदेन (MTT) पर जीएसटी बनता है. AAR ने व्यवस्था दी, ‘‘ऐसा लगता है कि सौदा अंतरराज्यीय आपूर्ति के दायरे में आता है और यह न तो सेवा निर्यात में आता है और न ही इस पर छूट है. . ऐसे में हम इस निष्कर्ष पर पहुंचते हैं कि इस प्रकार की आपूर्ति पर एकीकृत जीएसटी (IGST) शुल्क मुद्राओं को खरीदने और बेचने के बारे में जानें मुद्राओं को खरीदने और बेचने के बारे में जानें लग सकता है.’’
पुराने नोट या सिक्के बेचकर घर बैठे कमाएं लाखों रुपये, बस करना होगा ये छोटा सा काम
- अगर आप लाखों रुपये कमाना चाहते हैं, तो ये खबर आपके लिए बेस्ट है।
- आप घर बैठे रातों रात लखपति बन सकते हैं।
- आजकल नोट को सेल करने के लिए कई वैबसाइट्स उपलब्ध हैं।
नई दिल्ली। अगर आपको ऐसा लगता है कि पुराने नोटों का आज कोई मूल्य नहीं है और वे किसी कबाड़ से कम नहीं हैं, तो आप गलत हैं। जी हां, कुछ पुराने करेंसी नोट और सिक्के आपको पलक झपकते ही अमीर बना सकते हैं। पुरानी करेंसी (Old Currency) आपके बैंक बैलेंस में लाखों रुपये जोड़ सकती है। कई लोग पुरानी मुद्रा और सिक्कों से पहले ही अमीर बन चुके हैं। अगर आपको भी सही तरीका पता हो तो आप भी लखपति बन सकते हैं। इसके लिए आपको बस यह चेक करना होगा कि आपके पास कोई पुरानी मुद्रा है या नहीं।
चार सप्ताह बाद विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ा में मुद्राओं को खरीदने और बेचने के बारे में जानें इजाफा, जानें कितना है स्वर्ण भंडार
मुंबई: विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने एक बार फिर से भारतीय बाजार का रूख किया है। इसका असर देश के विदेशी मुद्रा भंडार पर भी दिखा। 29 जुलाई को समाप्त सप्ताह के दौरान भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 2.4 अरब डॉलर का इजाफा हुआ। इससे पहले लगातार चार सप्ताह तक इसमें कमी हुई थी।
चार सप्ताह बाद आई यह खबर
29 जुलाई को समाप्त सप्ताह के दौरान शेयर बाजार में लगभग हर रोज तेजी रही। उस मुद्राओं को खरीदने और बेचने के बारे में जानें सप्ताह फॉरेन पोर्टफोलियो इंस्वेस्टर्स (FII) नेट इनवेस्टर (Net Investor) थे। रिजर्व बैंक से मिली सूचना के अनुसार 29 जुलाई 2022 को समाप्त सप्ताह के दौरान देश मुद्राओं को खरीदने और बेचने के बारे में जानें का विदेशी मुद्रा भंडार 573.875 अरब डॉलर पर पहुंच गया। बीते 15 जुलाई को समाप्त सप्ताह के दौरान अपना विदेशी मुद्रा भंडार 7.541 अरब डॉलर घटा था। यदि 22 जुलाई को समाप्त सप्ताह की बात करें तो यह 571.5 अरब डॉलर पर था। आठ जुलाई को समाप्त सप्ताह के दौरान, विदेशी मुद्रा भंडार 8.062 अरब डॉलर घटकर 580.252 अरब डॉलर रह गया था। इसी महीने एक जुलाई को भी विदेशी मुद्रा भंडार 5.008 अरब डॉलर घटा था। उस समय अपना विदेशी मुद्रा भंडार 588.314 अरब डॉलर पर था।
29 जुलाई को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में जो बढ़ोतरी हुई, उसमें फॉरेन करेंसी असेट का बढ़ना भी शामिल है। यह कुल मुद्रा भंडार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसके अलावा स्वर्ण आरक्षित भंडार बढ़ने से भी विदेशी मुद्रा भंडार में इजाफा हुआ है। भारतीय रिजर्व बैंक के शुक्रवार को जारी किये गये भारत के साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार समीक्षाधीन सप्ताह में विदेशी मुद्रा आस्तियां (FCA) 1.121 अरब डॉलर बढ़ कर 511.257 अरब डॉलर पर पहुंच। बीते 22 जुलाई को समाप्त सप्ताह के दौरान इसमें 1.426 अरब डॉलर में कमी हुई थी। अमेरिकी डॉलर में अभिव्यक्त विदेशी मुद्रा भंडार में रखे जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियों में यूरो, पौंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं में मूल्यवृद्धि अथवा मूल्यह्रास के प्रभावों को शामिल किया जाता है।
क्या है करेंसी मॉनिटरिंग लिस्ट?
मुद्रा निगरानी सूची व्यवस्था के तहत प्रमुख व्यापार भागीदारों के मुद्रा को लेकर गतिविधियों तथा वृहत आर्थिक नीतियों पर करीबी नजर रखी जाती है.
मुद्रा निगरानी सूची के तहत किसी देश को रखने का अर्थ यह होगा कि वह देश दूसरों पर अनुचित लाभ प्राप्त करने के लिए अपनी मुद्रा के मूल्य को कृत्रिम रूप से कम कर रहा है. ऐसा इसलिए है क्योंकि मुद्रा के कम मूल्य से उस देश से निर्यात लागत में कमी आएगी.
इस रिपोर्ट में, अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने जून 2022 तक की चार तिमाहियों के दौरान प्रमुख अमेरिकी व्यापारिक मुद्राओं को खरीदने और बेचने के बारे में जानें साझेदारों की नीतियों की समीक्षा की और उनका आकलन किया, जिसमें माल और सेवाओं में लगभग 80 प्रतिशत अमेरिकी विदेशी व्यापार शामिल था.
भारत के लिए इसका मतलब क्या है?
अमेरिका की मुद्रा निगरानी सूची में किसी देश को 'करेंसी मैनिपुलेटर' माना जाता है. एक करेंसी मैनिपुलेटर एक डेजिगनेशन है जो अमेरिकी सरकार के अधिकारियों द्वारा उन देशों पर लागू किया जाता है जो व्यापार लाभ के लिए "अनुचित मुद्रा प्रथाओं" में संलग्न हैं.
ग्रांट थॉर्नटन भारत में पार्टनर और लीडर (वित्तीय सेवा जोखिम) विवेक अय्यर ने कहा कि अब मुद्रा मैनिपुलेटर के रूप में टैग हुए बिना अमेरिका की मुद्रा निगरानी सूची से हटाने का मतलब है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) अब विनिमय दरों को प्रबंधित करने के लिए मजबूत उपाय कर सकता है. यह बाजार के नजरिए से एक बड़ी जीत मुद्राओं को खरीदने और बेचने के बारे में जानें है और वैश्विक विकास में भारत की बढ़ती भूमिका को भी दर्शाता है."
बता दें कि, रुपये में गिरावट के बीच विनिमय दरों को प्रबंधित करने के मुद्राओं को खरीदने और बेचने के बारे में जानें लिए, आरबीआई ने हाल ही में अतिरिक्त इनफ्लो के समय डॉलर खरीदने और आउटफ्लो के समय डॉलर बेचने जैसी कार्रवाई की.
चीन अभी भी निगरानी में
रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन अपने विदेशी विनिमय हस्तक्षेप को प्रकाशित करने में विफल रहने और अपनी विनिमय दर तंत्र में पारदर्शिता की कमी के चलते वित्त विभाग की नजदीकी निगरानी में है. चीन के साथ ही जापान, कोरिया, जर्मनी, मलेशिया, सिंगापुर और ताइवान भी इस लिस्ट में बने हुए हैं.
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