बाजार का समय

आज़ादी के बाद देश संभलने की कोशिश में लगा हुआ था वहीं 10 साल बाद साल 31 अगस्त 1957 को बीएसई (बाजार का समय BSE) को सरकार ने सिक्योरिटी एक्ट के तहत लाया. जिसके बाद 1980 में BSE को दलाल स्ट्रीट पर शिफ्ट किया गया. 1986 में एक्सचेंज में एसएनपी (SNP), बीएसई (BSE) और सेंसेक्स (SENSEX)बाजार का समय जैसे इंडेक्स बनाए गए.
बाजार खुलने का समय बढ़ेगा, वीकेंड कर्फ्यू की घट सकती है अवधि, आज जारी होगी गाइडलाइन
राज्य सरकार ने कोरोना संक्रमण में गिरावट को देखते हुए बाजार खुलने का समय बढ़ाने और वीकेंड कर्फ्यू की अवधि घटाने की तैयारी कर ली है। अब दोपहर 12 बजे बाद से अगली सुबह 5 बजे तक लागू कर्फ्यू में राहत देकर नाइट कर्फ्यू की व्यवस्था शुरू की जा सकती है।
पत्रिका न्यूज नेटवर्क
जयपुर। राज्य सरकार ने कोरोना संक्रमण में गिरावट को देखते हुए बाजार खुलने का समय बढ़ाने और वीकेंड कर्फ्यू की अवधि घटाने की तैयारी कर ली है। अब दोपहर 12 बजे बाद से अगली सुबह 5 बजे तक लागू बाजार का समय कर्फ्यू में राहत देकर नाइट कर्फ्यू की व्यवस्था शुरू की जा सकती है। शाम 7 से अगली सुबह 5 बजे तक का कर्फ्यू लागू हो सकता है।
कैसे हुआ Share Market का 'जन्म'? यहां पढ़िए पूरी कहानी
डीएनए हिंदी: सोमवार से शुक्रवार के बीच सुबह के जैसे ही 9:15 बजते हैं सभी शेयरधारक स्क्रीन के सामने नजरें गड़ाकर बैठ जाते हैं लेकिन क्या आपको यह पता है कि इस मार्केट का जन्म हमारे देश को आजादी मिलने के 107 साल पहले ही हो गई थी. हालांकि उस समय किसी भी तरह की टेक्नोलॉजी (Technology) का विकास नहीं हुआ था तो ट्रेडिंग का तरीका थोड़ा ज्यादा अलग था. चलिए जानते हैं कैसे शुरू हुआ यह मार्केट जिसने अब तक करोड़ों लोगों की किस्मत बदल डाली.
शेयर बाजार के जन्म की कहानी
Stock Market Tips : शेयर बाजार से अगले कुछ समय तक निवेशकों को दूर रहने बाजार का समय की सलाह क्यों दे रहे हैं एक्सपर्ट श्रीनिवास राव
अप्रैल की तरह मई महीने में भी भारतीय शेयर बाजार में कमजोरी जारी हैण् अगर बात हफ्ते के तीसरे कारोबारी दिन बुधवार की करें तो दोपहर के कारोबार में सेंसेक्स में करीब 300 अंकों की कमजोरी थी जबकि निफ्टी 71 अंक नीचे कारोबार कर रहा थाण् पिछले कुछ दिनों से शेयर बाजार में लगातार जारी कमजोरी के बीच सेंसेक्स 54000 अंक पर आ गया हैए जबकि निफ्टी 16170 अंक के लेवल पर है।
शेयर बाजार के मौजूदा रुख के जारी रहने की आशंका हैण् पीजीआइएम इंडिया म्युचुअल फंड के सीईओ और शेयर बाजार में बाजार का समय 24 साल का एक्सपीरियंस रखने वाले श्रीनिवास राव ने कहा है कि इस मौके पर छोटे निवेशकों को शेयर बाजार से दूर रहना चाहिए।
Stock Market: शुरुआत के समय बाजार में हुई बढ़त, सेंसेक्स बाजार का समय में 500 अंक की हुई उछाल
by Anzar Hashmi
(Stock Market) Source: Zee Biz
मुंबई: सेंसेक्स और निफ्टी हफ्ते के दूसरे कारोबारी (Stock Market) दिन मंगलवार को बढ़त करने के बार कारोबार जारी है। सेंसेक्स करीब 500 पॉइंट की बढ़त के साथ 53,500 पहुंचकर जबकि निफ्टी 180 अंक उछाल करने के बाद 16000 पर कारोबार चल रहा है।
फार्मा और रियल्टी सेक्टर वाले में हुई तेजी
निफ्टी के सभी 11 सेक्टोरल इंडेक्स में बढ़त होना शुरु हो गई है। इसमें सबसे अधिक बढ़त मेटल में 4% पहुंच गय है। वहीं IT, FMCG में 1% से ज्यादा की उछाल हो चुकी है। जबकि PSU बैंक, रियल्टी, बैंक, ऑटो, फार्मा, मीडिया और फाइनेंशियल सर्विस के स्टॉक्स फ्लैट में कारोबार जारी है।
ज्योतिष में शेयर मार्केट का महत्व (Jyotish aur Share Market)
शेयर मार्केट एक बहुत बड़ा बाजर है, जिसमें करोड़ों लोग अपनी किस्मत आजमाते हैं। जहां एक तरफ कुछ लोगों का भाग्य उनका साथ देता है वहीं दूसरी तरफ भाग्य की कमी के कारण कुछ लोगों को शेयर मार्केट में नुकसान का सामना करना पड़ता है। यह बाजार किसी लॉटरी से कम नहीं होता। लेकिन इसमें जातक के भाग्य का भी काफी महत्व होता है।
आपको बता दें कि राहु और चंद्रमा का बुरा प्रभाव शेयर मार्केट में व्यक्ति का पैसा डूबा करता है। गुरु और बुध का सकारात्मक प्रभाव से जातक को काफी मुनाफा होता है। इसीलिए ज्योतिष शास्त्र अनुसार शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करने से पहले उसके नियम आदि जानना बेहद जरूरी है। आपको बता दें कि बहुत से लोग शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करने से पहले ज्योतिष की सलाह लेते हैं ताकि उन्हें लाभ हो सकें।
शेयर मार्केट और ग्रह दशा
- आपको बता दें कि व्यक्ति की कुंडली में पांचवें, आठवें और 11 भाव में अचानक धन लाभ के योग बनते हैं।
- इसी के साथ अगर किसी व्यक्ति कि कुंड़ली में यह भाव मजबूत मौजूद रहे है, तो शेयर मार्केट में आने वाला उछाल जातक लिए काफी लाभदायक साबित होता है।
- जातक की कुंडली में पांचवा भाव मजबूत होना चाहिए। और शेयर बाजार लाभ पाने के लिए इस भाव का मजबूत होना बेहद जरूरी है। इस भाव में ऐसे ग्रह की शुभ नजर होनी चाहिए जो शेयर मार्केट का कारक माने जाते हैं।
- आपको बता दें कि राहु और चंद्रमा से शेयर बाजार के लाभ और हानि निर्धारित होने के योग बनते हैं।
- साथ ही बुध और बृहस्पति ग्रह का प्रभाव शेयर बाजार पर बाजार का समय देखने को मिलता है।
- ऐसा माना जाता है कि जिस व्यक्ति बाजार का समय की कुंडली में बृहस्पति और बुध की दशा अच्छी होती है वह व्यक्ति शेयर मार्केट से खूब पैसा कमाता है।
- आपको बता दें कि राहु को वैसे तो छाया ग्रह कहा जाता है और पापी ग्रह के नाम से भी जाना जाता है। लेकिन जातक बाजार का समय की कुंडली में राहु की स्थिति मजबूत होती है, तो यह शेयर मार्केट में जातक को अधिक लाभ देता है।
इन ग्रहों के सहयोग से बनते हैं शेयर मार्केट में लाभ और हानि के योग (Share market me labh aur hani ke yog)
- यदि कुंडली में पंचम भाव और इसका स्वामी मजबूत होता है, तो शेयर मार्केट में जातक को खूब सफलता मिलती है।
- इसी के साथ अगर राहु अनुकूल दशा में होता है, तो व्यक्ति को शेयर मार्केट में बड़ी सफलता मिलती है।
- वही बृहस्पति के अनुकूल होने बाजार का समय पर व्यक्ति को कॉमेडीटी के बाजार में लाभ होता है।
- आपको बता दें कि बुध के अनुकूल होने पर व्यक्ति शेयर संबंधित अच्छी सलाह देता है। साथ ही शेयर बाजार का अच्छा व्यवसाय भी करता है। लेकिन कुछ शेयर बाजार में बहुत सफल नहीं होता।
- यदि कुंडली में सूर्य राहु चंद्र राहु या गुरु राहु का योग बनता है, तो शेयर बाजार से दूर ही रहना चाहिए। बाजार का समय यह जातक के लिए सहयोग नहीं है।
- इसी के साथ अगर धन भाव में राहु होता है, तो शेयर बाजार में जाने पर व्यक्ति आर्थिक रूप से निराशा का सामना करता है। और उसे बर्बादी का सामना भी करना पड़ता है।
- आपको बता दें राहु केंद्र स्थान में मौजूद हो, तो एक समय व्यक्ति शेयर बाजार में बड़ी सफलता पाता है। लेकिन उसके बाद वह दरिद्र हो जाता है।