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अस्थिर शेयर बाजार में कहां करें निवेश?

अस्थिर शेयर बाजार में कहां करें निवेश?
शेयर बाजार में पहली बार निवेश करने से पहले जान लें इन 8 बातों को

Mutual Funds: अस्थिर शेयर बाजार में भी ऐसे बढ़ाएं अपने पैसे

इस समय शेयर बाजार (Stock Exchanges) में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। दरअसल, इस समय कच्चे तेल की कीमतें (Brent Crude Price) एक बार फिर से 110 डॉलर प्रति बैरल के पार चली गई हैं। इसके साथ ही कमोडिटी प्राइसेज (Commodity Prices) भी चढ़ रहे हैं। ऐसे माहौल में छोटे निवेशक (Small Investors) क्या करे? हम यहां इस सवाल का जवाब देने की कोशिश कर रहे हैं।

ups and downs in the stock market know where to invest(File Photo)

शेयर बाजार में उतार चढ़ाव के बीच यहां करें निवेश (File Photo)

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अभी घटेगी लेकिन बाद में बढ़ेगी कारपोरेट आमदनी
पाटिल का कहना इस समय दुनिया भर में जो हालात बने हैं, उस वजह से कमोडिटी की कीमतें खूब बढ़ गई हैंं इससे कारपोरेट जगत के मार्जिन पर असर पड़ रहा है। इसलिए अनुमान लगाया जा रहा है कि वित्त वर्ष 2023 के लिए ये कारण आमदनी में गिरावट का कारण बन सकती हैं। लेकिन, अगले 3 वर्षों में आशा करते हैं कि कॉर्पोरेट आमदनी 15% की सीएजीआर से बढ़ेगी। यह लंबी अवधि के औसत से अधिक है।

इक्विटी बाजार के सकारात्मक बने रहने की उम्मीद
उनका कहना है कि मध्यम से लंबी अवधि के आधार पर भारत के विकास का अनुमान बरकरार रहने की अस्थिर शेयर बाजार में कहां करें निवेश? उम्मीद है। इसलिए, भारतीय इक्विटी बाजार भी सकारात्मक बने रहेंगे। साथ ही उम्मीद करते हैं कि बाजार का उच्च स्तर पर आगे बढ़ना जारी रहेगा। इसलिए निवेशकों को आने वाले समय में बेहद सतर्क रहना चाहिए। उन्हें आगे सुधार की स्थिति में अपने इक्विटी एक्सपोजर में जोड़ने के लिए तैयार रहना चाहिए।

बैलेंस्ड फंड पर रखें ध्यान
महेश पाटिल के मुताबिक अधिकांश एबीएसएल फंड अस्थिर शेयर बाजार में कहां करें निवेश? जोखिम के नजरिए से अच्छी तरह से संतुलित हैं। ऐसे फंड शेयर बाजार की अस्थिरता के दौरान भी बेहतर रिटर्न देने में सक्षम होते हैं। ये मौजूदा अस्थिर वातावरण के लिए उपयुक्त हैं।

शेयर बाजार में पहली बार निवेश करने से पहले जान लें इन 8 बातों को

सही कौशल (Skill) और ज्ञान (Knowledge) के साथ शेयर बाजार (Stock Exchange) संपत्ति बनाने की एक बड़ी संभावना हो सकती है। स्टॉक निवेश (Stock Investment) से असाधारण रिटर्न अर्जित करने वाले लोगों की कहानियां सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। यदि आप अपने निवेश पर उच्च रिटर्न के लिए इक्विटी में निवेश करने के बारे में सोच रहे हैं, तो आपको केवल इन महत्वपूर्ण सबक का पालन करना होगा।

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शेयर बाजार में पहली बार निवेश करने से पहले जान लें इन 8 बातों को

रस्सी पर चलना सीखना होगा- बेसिक्स समझने होंगे

यह एक यूनिवर्सल नियम है। कुछ नया करने के लिए, बेसिक्स को जानना आवश्यक है। निवेश करना कोई अपवाद नहीं है। सबसे पहले, आपको अप्रेंटिस बनना होगा। वह हर आवश्यक चीज सीखनी होगी, जो सीखना आवश्यक है, क्योंकि ‘नॉलेज ही पॉवर है’। इस बीच, स्टॉक मार्केट, निवेश, और अन्य फाइनेंशियल कंसेप्ट्स के बेसिक्स सीखने के लिए आपको कई सारी जानकारियां जुटानी होंगी। इसमें इंटरनेट आपकी मदद करेगा। आपका डीमैट अकाउंट ऑपरेट करने वाले ब्रोकर से आप पर्याप्त जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

जानें कि कब और कैसे करें अपनी चाल चलना है - परफेक्ट टाइमिंग ही है कुंजी

जब बात निवेश की आती है, तो सही समय ही सब कुछ है। अच्छा आरओआई (Return on Investment) अर्जित करने का आपका मौका ही उस पर टिका है। कहते हैं कि बाजार जब अपने निचले स्तर पर कारोबार कर रहे हो, तभी प्रवेश करने का अस्थिर शेयर बाजार में कहां करें निवेश? सही समय होता है। इसी तरह, जब आप बाहर निकलें तब कीमतें अपने चरम पर होनी चाहिए। लेकिन, हमेशा याद रखें, आपको स्टॉक में पैसा लगाने से पहले तय करना होगा कि उसका चरम क्या होगा। उदाहरण के लिए, यदि आपने किसी विशेष स्टॉक पर 15% रिटर्न का लक्ष्य रखा है, तो उस समय लालची कतई न बनें। इसी तरह का नियम घाटे पर भी लागू होता है। यदि आपको अपने पसंदीदा स्टॉक पर 5% नुकसान का जोखिम उठाने की क्षमता है तो उस स्तर पर इसे बेचने के बारे में दो बार न सोचें।

निवेश से पहले एनालिस्ट की रिपोर्ट देखें - निर्णय बेहतर होगा

जिन कंपनियों में आप निवेश करना चुनते हैं, उनके बारे में उचित विकल्प चुनना आवश्यक है। आप हर्ड मानसिकता के साथ मिलकर अपने कदम सुरक्षा के साथ आगे बढ़ सकते हैं। इसके लिए आप पेशेवर ट्रेडर्स और एनालिस्ट की रिपोर्टों को देख सकते हैं। हालांकि, यह नजरिया आपको बाजार के कामकाज पर पकड़ बनाने में मदद कर सकता है। फिर भी आपको निवेश का निर्णय लेने से पहले विवेक का इस्तेमाल करना होगा।

अफवाहों से बचें - यह बेहतर रिटर्न कमाने में मदद करेगा

कई बार, शॉर्ट-टर्म में बाजार और प्रोफेशनल ट्रेडर तत्काल अफवाहों और समाचार के कई स्रोतों के आधार पर व्यवहार करते हैं जो स्टॉक के वास्तविक मूल्य को प्रतिबिंबित नहीं करते। इस तरह की सलाह सोशल मीडिया पर खूब मिलते हैं। एक निवेशक के रूप में आपको यह समझने के लिए लुभाया जा सकता है कि बाकी सभी क्या कर रहे हैं। लेकिन अगर आप, बाजारों और सेक्टर की अपनी समझ से स्टॉक पर लॉन्ग-टर्म अप्रौच लेने में सक्षम हैं, तो यह आपको दूसरों की तुलना में बेहतर रिटर्न कमाने में मदद करेगा।

निवेश राशि सुनिश्चित करें- यह आपके एक्सपोजर को बताएगा

यह जानना आवश्यक है कि आप इक्विटी में अपने लिए कितना एक्सपोजर चाहते हैं। यदि आप एक युवा निवेशक हैं, और आपके पास कम से कम 30 साल की वर्क-लाइफ है, तो लॉन्ग-टर्म निवेश के लिए अधिक पैसा लगाएं। आप विभिन्न सेक्टरों से संबंधित शेयरों का बड़ा पोर्टफोलियो बना सकते हैं। हालांकि, यदि आपने अपने 50 के दशक में शेयर बाजार में प्रवेश किया है, तो याद रखें, सावधानी रखना बेहद अहम है। स्थिर रिटर्न देने के इतिहास वाले शेयरों पर ही अपना दांव लगाएं।

अपनी गलतियों से सीखें - त्रुटियों से निराश न हों

अपने पोर्टफोलियो की समीक्षा करें और अपनी गलतियों को नियमित रूप से पहचानें। यह एक्शन आपको भविष्य में वही गलतियां करने से बचने में मदद करेगी। इसके अलावा, अधिक अनुभव प्राप्त करने के लिए, आपको विभिन्न क्षेत्रों में निवेश करना चाहिए और उस एंटरप्राइज से जितना हो सके उतना सीखना चाहिए। कहते हैं कि अनुभवी पेशेवर भी गलतियां करते हैं। जब आप कोई त्रुटि करते हैं तो निराश न हों। निरंतर सीखना यात्रा का एक हिस्सा है। हर गलती अनुभवी निवेशक बनने की ओर अस्थिर शेयर बाजार में कहां करें निवेश? एक कदम है।

अपने वित्तीय लक्ष्यों के बारे में स्पष्ट रहें - शॉर्ट-टर्म या लॉन्ग-टर्म?

निवेश करते समय, आपको अपने लक्ष्य और उस धन को वापस निकालने को लेकर भविष्य में संभावित समय के बारे में स्पष्टता होना चाहिए। यदि आप अपेक्षाकृत कम वर्षों में अपना आरओआई चाहते हैं, तो आपको कम अस्थिर शेयरों में निवेश करना होगा। लेकिन, यदि आप एक लॉन्ग-टर्म योजना बना रहे हैं, जैसे आपके बच्चों की विदेश शिक्षा या ड्रीम होम खरीदना, तो आपको उसके अनुसार निवेश करना होगा।

अपनी व्यक्तिगत जरूरत और वरीयता को जानें

एक निवेशक के रूप में आपको क्षेत्रों और शेयरों पर अंतिम फैसले से पहले अपनी व्यक्तिगत जरूरतों और वरीयताओं के बारे में जानना होगा। आप देखें, सभी कंपनियां लाभदायक नहीं हैं। उस कारण से आपको बहुत समझदारी से चयन करना होगा, और सूचित निर्णय लेना महत्वपूर्ण है। यदि आप पर्याप्त मेहनत के साथ रिसर्च करते हैं, तो निश्चित ही आप एक शानदार शुरुआत कर सकेंगे। यह आपको शेयर बाजार में निवेश के संबंधित जोखिमों को कम करने और विजेता के रूप में सामने आने में मदद करेगा।

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शेयर बाजार में अस्थिरता के दौरान निवेश के इन मंत्रों का रखें ध्‍यान, हो सकता है ज्‍यादा मुनाफा

How to Invest in Volatile Stock Market to Earn Better Return (PC: pixabay)

इस वर्ष मुद्रास्फीति के दबाव से कारण रुपये का मूल्य ह्रास होगा - खासकर इसलिए कि भारत ने अभी ब्याज दरें नहीं बढ़ाई हैं जबकि विश्‍व के कई अन्य देशों में मुद्रास्फीति पर काबू लाने के लिए ब्याज दरें बढ़ रही हैं

नई दिल्‍ली, देविना मेहरा। How To Invest in Volatile Stock Market: 2021 एक बेहतरीन साल था, जहां अगर आपने कुछ न्यूनतम प्रयास के साथ भी निवेश किया होता, तो प्रदर्शन अच्छा ही होता। यह वह साल था जब बहुत सारे नौसिखिए निवेशकों ने भी अच्छा पैसा कमाया। 2022 की शुरुआत में ही यह स्पष्ट था कि इस वर्ष निवेश के लिए उद्योगों या व्यापारिक क्षेत्रों के चुनाव में अधिक ध्यान देना पड़ेगा। और यह तो तब की बात है जब किसी को यह नहीं मालूम था कि राष्ट्रपति पुतिन की योजना क्या है! अब प्रश्न यह है ऐसे समय में कहां और कैसे निवेश किया जाए और दूसरी बात यह कि जब अस्थिरता का समय हो तो निवेश करने के क्या सिद्धांत होने चाहिए। अभी क्या करना है इसको समझने के लिए अगर हम लोग इतिहास पर नजर डालें तो यह सामने आता है हमने पिछले 40 वर्षों में ऐसे सभी प्रकरणों को देखा जब किसी प्रकार का भू-राजनीतिक (geopolitical) संकट आया हो या कोई आतंकवादी हमला हुआ हो जैसे कि दोनों खाड़ी युद्ध, अफगानिस्तान के संघर्ष, अमेरिका द्वारा लीबिया की बमबारी, 9/11 की घटना आदि।

हमने पाया कि संकट के एक साल बाद, भारत और अमेरिका जैसे देशों के शेयर बाजारों, तथा युद्ध या संकट से दूर अन्य प्रतिभूति बाजारों, पर कोई स्पष्ट प्रभाव नहीं दिखाई पड़ता और ऐसा केवल औसतन ही नहीं बल्कि हर एक बार हुआ है। यानी इस प्रकार के संकट पर प्रतिभूति बाजार उस समय तो गिरते हैं पर यह गिरावट बहुत दिन नहीं रहती है। एक वर्ष बाद भी जिन वस्तुओं के मूल्य में कुछ हद तक प्रभाव नजर आता है वह हैं कच्चा तेल और सोना। शायद इसलिए भी कि ऐसे बहुत से संघर्ष ऐसे देशों में हुए हैं जो कच्चे तेल का उत्पादन करते हैं।

यह तो हुई इतिहास की बात। लेकिन रूस-यूक्रेन के संघर्ष में जो बात अलहदा किस्म की है। वह यह कि कई कमोडिटीज सीधे-सीधे प्रभावित हुए हैं क्योंकि उन बाजारों में रूस और यूक्रेन बड़े उत्पादक हैं। इनमें न केवल तेल और प्राकृतिक गैस शामिल हैं, बल्कि कई कृषि पदार्थ जैसे गेहूं, मक्का, खाद्य तेल और पोटाश (जो खाद यानी उर्वरक में इस्तेमाल होता है) भी हैं। निकल और एल्‍युमीनियम से लेकर पैलेडियम तक धातुएं भी रही हैं जहां रूस या यूक्रेन महत्वपूर्ण खिलाड़ी हैं। इन सभी कमोडिटीज की कीमतों में बदलाव का असर इन वस्तुओं के उपयोगकर्ता या विक्रेता कंपनियों पर पड़ेगा।

भारत में, जो कंपनियां इनका उपयोग अपना उत्पाद बनाने में करती हैं उनके लिए लागत और खर्च बढ़ेगा और मार्जिन यानी मुनाफे पर दबाव आएगा। दूसरी तरफ, एल्युमीनियम और बेसिक केमिकल जैसी वस्तुओं का उत्पादन करने वाली कंपनियों को फायदा हो रहा है क्योंकि वहां अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कीमतें बढ़ गई हैं और रुपये के मूल्यह्रास (depreciation) से और मदद मिल रही है।

हमारा यह भी अनुमान है कि इस वर्ष मुद्रास्फीति के दबाव से कारण रुपये का मूल्य ह्रास होगा - खासकर इसलिए कि भारत ने अभी ब्याज दरें नहीं बढ़ाई हैं जबकि विश्‍व के कई अन्य देशों में मुद्रास्फीति पर काबू लाने के लिए ब्याज दरें बढ़ रही हैं। भारत में राजकोषीय घाटा (fiscal deficit) भी पिछले कुछ वर्षों के बनिस्पत अधिक है।

ऐसी स्थिति में उन कंपनियों को लाभ होगा जो या तो निर्यात उन्मुख हैं या फिर ऐसा उत्पाद बनाती हैं जो आयातित पदार्थ का विकल्प है। टेक्नोलॉजी यानी कि आईटी सर्विसेज ऐसा क्षेत्र है जहां सेवाओं का निर्यात होता है,यह ऐसा सेक्टर है जिसे हम डेढ़ साल से अधिक समय से पसंद कर रहे हैं। कुछ अन्य क्षेत्र या सेक्टर हैं जहां आपको थोड़ा सावधानी से चयन करना होगा लेकिन जहां कुछ निवेश करने लायक कंपनियां मिलेंगी हैं - रसायन, कपड़ा, पूंजीगत सामान, तेल, धातु इत्यादि। एक सिद्धांत जिस पर आपको इस वर्ष खासा जोर देना होगा वह यह कि निवेश करने के लिए प्रतिभूतियों का चयन बहुत ध्यान से करें। यह तो हुई मौजूदा स्थिति की बात लेकिन कुछ महत्वपूर्ण दिशा निर्देश हैं जो अस्थिर बाजारों में सदैव मार्गदर्शन करते हैं।

एक, अलग-अलग परिसंपत्ति वर्गों (इक्विटी, निश्चित आय यानी फिक्स्ड इनकम, अचल संपत्ति, सोना आदि) में निवेश करें, केवल एक में नहीं। विभिन्न देशों में भी सिर्फ एक देश में निवेश करना खतरे से खाली नहीं होता, चाहे वह वही देश हो जहां आप निवास करते हों - इस बात का इतिहास गवाह है। अर्थात भारत की सीमाओं के बाहर भी निवेश के अवसर देखिए।

दूसरा, इक्विटी बाजारों में भी सही क्षेत्रों और कंपनियों को चुनने के लिए विस्तृत विश्लेषण करें। उदाहरण के तौर पर मौजूदा स्थिति का कुछ क्षेत्रों पर नकारात्मक और अन्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

तीसरा, जोखिम नियंत्रण यानी रिस्क कंट्रोल महत्वपूर्ण है। इसमें सचमुच का विविधीकरण यानी डायवर्सिफिकेशन शामिल है जिसका अर्थ है विभिन्न क्षेत्रों में 20-30 स्टॉक खरीदना; स्मॉल कैप में बहुत ही सीमित निवेश करना क्योंकि इनमें लिक्विडिटी रातोंरात गायब हो सकती है और stop-loss पर सख्ती से अमल करना।

इसका अर्थ है कि अगर कोई शेयर 30-40 प्रतिशत गिर जाए तो फिर आप उसको पकड़ कर बैठे ना रहे इससे आपकी जमा पूंजी को बहुत नुकसान हो सकता है। ऐसे बहुत सेक्टर या क्षेत्र रहे हैं जो लंबे समय तक निवेशक को कोई रिटर्न नहीं देते हैं। आश्चर्य कि इनमें ऐसे शेयर भी हैं जिनको डिफेंसिव या रक्षात्मक क्षेत्र माना जाता है। उदाहरण के लिए, FMCG जिसके सेक्टर इंडेक्स ने 2021 की तेजी में मार्केट से कम रिटर्न दिया और 2022 की मंदी में मार्केट से अधिक गिरा।

जब अचानक बाजार में कोई अप्रत्याशित घटना होती है तब इन रिस्‍क कंट्रोल यानी जोखिम नियंत्रण के सिद्धांतों की जरूरत समझ में आती है। सबसे महत्वपूर्ण, जब अस्थिर शेयर बाजार में कहां करें निवेश? आप कोई निवेश करते हैं, तो अपने आप को बताएं कि यह निर्णय गलत हो सकता है, ताकि आवश्यकता पड़ने पर दिशा बदलने में संकोच न हो।

(लेखिका फर्स्ट ग्लोबल अस्थिर शेयर बाजार में कहां करें निवेश? की चेयरपर्सन और मैनेजिंग डायरेक्टर हैं। प्रकाशित विचार उनके निजी हैं। निवेश करने से पहले अपने निवेश सलाहकार की राय अवश्‍य लें।)

Investment Tips: निवेश को लेकर हैं कनफ्यूज, कहां और कैसे लगाएं पैसे? ताकि मिले बेहतर रिटर्न

Best investment options: निवेशकों को बाजार की गिरावट का इस्‍तेमाल करना चाहिए. गिरावट के दौर में आपको आकर्षक वैल्यूएशन पर शेयर मिलते हैं.

Investment Tips: निवेश को लेकर हैं कनफ्यूज, कहां और कैसे लगाएं पैसे? ताकि मिले बेहतर रिटर्न

Where to Invest: साल 2022 में अबतक भले ही बाजार पॉजिटिव हैं, लेकिन अनिश्चितताएं बनी हुई हैं.

Make Your Portfolio Strong: शेयर बाजार में कभी तेजी आ रही है तो कभी गिरावट. साल अस्थिर शेयर बाजार में कहां करें निवेश? 2022 में अबतक भले ही बाजार पॉजिटिव हैं, लेकिन अनिश्चितताएं बनी हुई हैं. इसके पीछे कई तरह के ग्लोबल फैक्‍टर ज्यादा जिम्मेदार हैं. जैसे महंगाई, रट हाइक, मंदी की आशंका और जियो पॉलिटिकल टेंशन. फिलहाल इस बीच निवेशक अपने निवेश को लेकर या तो कनफ्यूज हो रहे हैं या डरे हुए हैं. आखिर मौजूदा हालात में उन्हें कहां निवेश करना अस्थिर शेयर बाजार में कहां करें निवेश? चाहिए. इस बारे में हमने बड़ौदा बीएनपी परिबा म्यूचुअल फंड के CEO, सुरेश सोनी से बात की है.

भारतीय बाजारों का आउटलुक बेहतर

बड़ौदा बीएनपी परिबा म्यूचुअल फंड के CEO, सुरेश सोनी का कहना है कि अभी दुनिया भर के बाजारों अस्थिरता है. बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में पिछले 4 दशक में महंगाई का उच्चतम लेवल है. सेंट्रल बैंक ब्‍याज दरों में बढ़ोतरी कर रहे हैं. इससे मंदी की आशंका बढ़ रही है और कैपिटल मार्केट में अस्थिरता भी.

हालांकि इस दौरान भारतीय बाजारों ने बेहतर प्रदर्शन किया है. भारत में महंगाई है, लेकिन मैनेजबल है. देश की अर्थव्यवस्था पर ग्लोबल मंदी का कम प्रभाव पड़ने की उम्‍मीद है. अच्‍छी बात है कि इक्विटी बाजार में घरेलू निवेशकों की भागीदारी बढ़ी है.

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स्मॉल कैप स्पेस में क्‍या करना चाहिए?

स्मॉल कैप फंड अधिक वोलेटाइल होते हैं और कभी-कभी इनमें तेज गिरावट दिखती है. हालांकि, समय के साथ उनके पास लार्ज कैप की तुलना में अधिक रिटर्न देने की क्षमता होती है. इन कंपनियों की ग्रोथ रेट अधिक हो सकती है और उनमें से कुछ को रीसेट किया जा सकता है. स्मॉल कैप फंडों में निवेश लंबी अवधि के लिए होना चाहिए, मसलन 5 साल से अधिक.

निवेशक याद रखें ये मंत्र

निवेशकों को बाजार की गिरावट का इस्‍तेमाल करना चाहिए. गिरावट के दौर में आपको आकर्षक वैल्यूएशन पर शेयर मिलते हैं. बाजार हमेशा के लिए नीचे नहीं आते हैं. इसलिए लंबी अवधि के निवेशक के लिए, करेक्‍शन का दौर इक्विटी में पैसे लगाने और लंबी अवधि के पैसा बनाने के अवसर की तरह होता है. निवेशक अपना एसेट एलोकेशन तय करें और निवेश में बने रहें. रोज रोज कीमतों में होने वाले उतार-चढ़ाव पर ध्यान न दें.

मौजूदा और नए निवेशक क्‍या करें?

इक्विटी बाजार लंबी अवधि के लिए आपकी दौलत में इजाफा करते हैं. इक्विटी निवेश के जरिए बड़े रिटर्न के लिए आपको लंबी अवधि तक अपने निवेश को बनाए रखना होगा.

इसलिए एसेट एलोकेशन सही करें. रिस्‍क लेने की क्षमता और निवेश के लक्ष्य को देखकर निवेश करें. इक्विटी निवेश को कम से कम 3-5 साल के लक्ष्‍य के साथ शुरू करें. छोटी अवधि के लिए, आप बैंक डिपॉजिट और डेट फंड पर विचार कर सकते हैं.

सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIPs) और सिस्टमैटिक ट्रांसफर प्लान (STPs) का इस्तेमाल करें.

किन सेक्टर्स को लेकर पॉजिटिव

भारत की अर्थव्यवस्था अन्य अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में मजबूत बनी रहेगी, मुख्य रूप से घरेलू खपत और खर्च के चलते. इसलिए डोमेस्टिक ओरिएंटेड सेक्‍टर्स जैसे फाइनेंशियल, कंज्‍यूमर, इंडस्ट्रियल और हेल्‍थकेयर पर ओवरवेट हैं. कमोडिटी की कीमतों में नरमी से भारत को फायदा हो सकता है. कैपेक्स साइकिल के रिवाइवल के शुरुआती संकेत भी दिख रहे हैं.

पैसिव फंड्स (इंडेक्स फंड्स) पर क्‍या है सलाह

पैसिव फंड्स इंडस्‍ट्री में निवेशकों की भागीदारी बढ़ी है. यह इंडस्‍ट्री एक्टिव फंडों की तुलना में तेजी से बढ़ रहा है, हालांकि अभी इसका बेस कम है. पैसिव फंड में ग्रोथ काफी हद तक EPFO / अन्य PF ट्रस्टों के अस्थिर शेयर बाजार में कहां करें निवेश? साथ-साथ एचएनआई और अन्य संस्थागत निवेशकों द्वारा ड्राइव की गई है. अभी पैसिव फंड कुल इंडस्‍ट्री एसेट का 15 फीसदी हिस्सा है और आगे मार्केट शेयर में और बढ़ोतरी की उम्मीद है. पैसिव फंडों की डिमांड मजबूत रहेगी.

म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में किस तरह के बदलाव

भारतीय म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री तेजी से बढ़ रही है. साल दर साल ग्रोथ देखने को मिली है. रिटेल निवेशक अब इंस्टीट्यूशनल इन्‍वेस्‍टर्स की तुलना में AuM के बड़े हिस्से का योगदान करते हैं. पिछले 12 महीनों में म्यूचुअल फंड अन्य डीआईआई के साथ बाजारों में नेट इन्‍वेस्‍टर रहे हैं, जबकि FPIs ने भारी मात्रा में पैसा निकाला है. मंथली बेसिस पर SIP AuM और अकाउंट में बढ़ोतरी इंडस्‍ट्री के लिए एक बड़ा और सपोर्ट देने वाला फैक्‍टर रहा है.

म्यूचुअल फंड में नए निवेशक क्‍या करें?

म्यूचुअल फंड में निवेश आपके फाइनेंशियल गोल, इन्‍वेस्‍टमेंट हॉरिजॉन के साथ रिस्‍क लेने की क्षमता पर बेस होना चाहिए. जोखिम ले सकते हैं और लंबी अवधि का लक्ष्य है तो एसेट के अधिक रेश्‍यो को इक्विटी जैसे एसेट क्लास में रखना चाहिए.

म्यूचुअल फंड में नए निवेशकों को एसआईपी या हाइब्रिड फंड जैसे बैलेंस्ड एडवांटेज फंड या लार्ज कैप डायवर्सिफाइड इक्विटी फंड में निवेश करने पर विचार करना चाहिए. निवेश के पहले अपने स्तर पर एडवाइजर से सलाह लें ताकि उनका पोर्टफोलियो बेहतर बन सके.

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