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पोजिशनल ट्रेडिंग क्या है

पोजिशनल ट्रेडिंग क्या है
तो अब आप उस पोस्ट को पढ़कर समझ ही गये होंगे कि Trading Kya Hai और ट्रेडिंग कितने प्रकार के होते है. शेयर मार्केट से जुड़ी ऐसी ही जानकारी के लिए हमारे साथ जुड़े रहे.

ETMarkets ट्रेड टॉक: आर्ट और निफ्टी बैंक चार्ट में क्या समानता है? इस पुणे विकल्प व्यापारी से पूछो

स्टॉप लॉस, पोजिशनल ट्रेडिंग और ऑप्शन स्केलिंग जैसी शब्दावली कला के शब्दकोश से संबंधित नहीं हैं, लेकिन शेयर बाजार सभी प्रकार पोजिशनल ट्रेडिंग क्या है की पृष्ठभूमि के लोगों को आकर्षित करता है। जब पुणे के कला डिजाइनर प्रणव दाउरे ने कुछ अतिरिक्त आय प्राप्त करने के लिए व्यापार करना शुरू किया, तो उन्हें पता था कि उन्हें डेटा को समझने और त्वरित खरीद और बिक्री कॉल निर्णय लेने के लिए प्रशिक्षित नहीं किया गया था।

ड्यूरे, जिन्होंने फिल्मों में तकनीकी निदेशक के रूप में काम किया है, हालांकि रचनात्मक कलाओं में उनकी पृष्ठभूमि को देखते हुए चार्ट्स, रंगों, चालों और उनके व्यापार टर्मिनल पर रूपों से संबंधित होना आसान पाया। वर्षों के अभ्यास के बाद, राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान (एनआईडी), अहमदाबाद के स्नातक, अब एक सफल निफ्टी बैंक विकल्प खरीदार हैं। एक स्केल्पर के रूप में, उनकी स्क्रिप्ट सरल है – गुरुवार की समाप्ति को छोड़कर, किसी भी दिन 1% वापसी करने के बाद सिस्टम को बंद कर दें।

पोजिशनल ट्रेडिंग क्या है

जब भी कोई ब्रेकआउट देखा जाता है तो ट्रेडर्स लॉन्ग पोजीशन लेते हैं यदि ऊपर की ओर हुआ हो और नीचे की ओर अगर होता है तो वे शॉर्ट पोजीशन लेते हैं।

आपको ब्रेकआउट कैंडल से ऊपर ही प्रवेश लेना चाहिए। ब्रेकआउट कैंडल की ऊंचाई से नीचे कभी पोजिशनल ट्रेडिंग क्या है भी खरीदारी न करें

Breakout trading stop loss

आपको स्टॉप लॉस को ब्रेकआउट कैंडल के लो के नीचे रखना चाहिए। यदि कैंडल बहुत बड़ी है तो आप ब्रेकआउट कैंडल के 50-60% पर स्टॉप लॉस लगा सकते हैं।

यदि ट्रेड 1:2 रिस्क रिवॉर्ड दे रहा है तो ट्रेड को ही लें अन्यथा ट्रेड को छोड़ दें या अलग ट्रेड की तलाश करें। लाभ को अधिकतम करने के लिए टारगेट पर 75% पोजीशन से बाहर निकलें और डे कैंडल के निचे स्टॉप लॉस के साथ शेष 25% पोजीशन आगे बढ़ाये |

Trading Kya Hai in Hindi | Trading Meaning in Hindi [2022]

आज हम जानेगे Trading Kya Hai, Trading Meaning in Hindi और ट्रेडिंग कितने प्रकार के होते है. दोस्तो शेयर बाजार में दो तरह के लोग हिस्सा लेते है Investor और Trader. जो व्यक्ति अपने पैसे का बड़ा हिस्सा निवेश करता है उसे Investor कहा जाता है. सरल भाषा में ट्रेडिंग का अर्थ है लाभ कमाने की आशा से कोई भी सामान या सेवा खरीदना और पोजिशनल ट्रेडिंग क्या है बेचना, यह एक प्रकार का बिजनेस ही होता है.

आपके अपार्टमेंट या आपकी गली में सब्जी बेचने आने वाले चाचा एक तरह से इन्वेस्टर है. वह भी सब्जी बेचने का धंधा करते है. क्योंकि वह बाजार से थोड़े कम दाम में सब्जियां खरीदते है और फिर आपको थोड़े ज्यादा दाम में बेचते है.

इससे दो काम हो जाते हैं, लोगों को घर बैठे सब्जी मिल जाती है और वही चाचा भी थोड़ी कमाई कर लेते है. यदि हम अपने चारों ओर देखें तो अधिकांश व्यापार का ही होता है. उस चाचा की तरह किराने की दुकान में जहां से आप किराने का सामान खरीदते है.

Trading Meaning in Hindi

Trading Kya Hai – शेयर बाजार में ट्रेडिंग का मतलब है मुनाफा कमाने की उम्मीद के साथ किसी कंपनी के स्टॉक यानि शेयरों की खरीद-बिक्री करना.

जैसे किसी कंपनी के शेयर खरीदे और फिर कुछ समय बाद उसे बेच दिया जब उसकी कीमत बढ़ गई. यह समय कुछ मिनटों से लेकर कुछ हफ्तों तक हो सकता है. जी हां, शेयर बाजार में चंद मिनटों में भी शेयर खरीदना और बेचना संभव है. क्योंकि दिन भर शेयर बाजार में कारोबार करने वाली कंपनियों के बारे में अच्छी और बुरी खबरें आती रहती है.

जिससे शेयर बाजार में उन कंपनियों के शेयरों के भाव हर सेकेंड में भी कई बार बदलते रहते है. इसका फायदा उठाकर कई लोग मिनटों पोजिशनल ट्रेडिंग क्या है में भी शेयर खरीद-बिक्री करते है. लेकिन इतनी जल्दी खरीद-फरोख्त के कारण जैसे खरीद-बिक्री में लाभ मिनटों में हो सकता है, वैसे ही नुकसान भी मिनटों में हो सकता है. इस कारण पोजिशनल ट्रेडिंग क्या है इस प्रकार के व्यापार को बहुत जोखिम भरा माना जाता है.

ट्रेडिंग कितने प्रकार के होते है

मिला जुलाकर ट्रेडिंग पांच प्रकार के होते है लेकिन मुख्य रूप से इन तीन प्रकार के स्टॉक ट्रेडिंग को कहा जाता है

Intraday Trading,
Positional Trading
Short Term Trading या Swing Trading

Trading Kya Hai के इस पोस्ट मे हम सबसे पहले बात करेंगे इंट्राडे ट्रेडिंग की जिसे OneDay Trading भी कहते है. इस प्रकार की ट्रेडिंग काफी रिस्क वाली होती पोजिशनल ट्रेडिंग क्या है है.

Intraday Trading Kya Hai

यदि शेयर ट्रेडिंग करने वाला कोई ट्रेडर एक ही दिन में शेयर खरीद और बेच सकता है तो उस ट्रेडिंग को वन-डे या इंट्राडे ट्रेडिंग कहा जाता है.

भारत का शेयर बाजार सुबह 9:15 बजे से दोपहर 3:30 बजे तक खुला रहता है. अगर इन दोनों के बीच के समय में कोई शेयर खरीदा और बेचा जाता है, तो वह इंट्रा डे ट्रेडिंग हो जाएगा. हमने मिनटों में किए गए उपरोक्त ट्रेडिंग के बारे में जो बात की, वह भी इंट्राडे ट्रेडिंग है.

एक इंट्राडे ट्रेडर का लक्ष्य बाजार में आने वाली खुशखबरी से स्टॉक में तेज उतार-चढ़ाव का फायदा उठाना होता है. जिससे वह कम समय में मुनाफा कमा सके. लेकिन यह आवश्यक नही है कि वह केवल लाभ ही कमाता है, उसे हानि भी हो सकती है.

बल्कि इंट्राडे ट्रेडिंग में कुछ सफल ट्रेडर्स को छोड़कर ज्यादातर लोगों को नुकसान उठाना पड़ता है. इस कारण इंट्रा डे ट्रेडिंग में सफल होना एक बहुत ही मुश्किल काम है. हालांकि उन सफल व्यापारियों को भी नुकसान होता है, लेकिन उनका मुनाफा उनके नुकसान से काफी ज्यादा होता है. जिससे उन्हें सब कुछ मिलाकर तो ज्यादातर संजोगो में पोजिशनल ट्रेडिंग क्या है ही मुनाफ़ा मिलता है.

ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है ( Types of Trading in hindi )

Share Market में trading को चार भागों में विभाजित किया गया है।

  1. इंट्रा-डे ट्रेडिंग ( Intraday Trading )
  2. स्विंग ट्रेडिंग या शार्ट टर्म ट्रेडिंग (Swing Trading or Short Term Trading )
  3. स्कैल्पर ट्रेडिंग ( Scalper Trading)
  4. पोज़िशनल ट्रेडिंग ( Positional Trading )

Intraday Trading क्या है?

Intraday Trading में एक ही दिन पोजिशनल ट्रेडिंग क्या है में शेयर खरीद कर उसे बेच दिया जाता है, यानी मतलब यह हुआ कि वह traders जो Market (9:15 am) के पोजिशनल ट्रेडिंग क्या है खुलने के बाद शेयर खरीद लेते हैं और मार्केट बंद (3:30 pm) होने से पहले शेयर को बेच देते है। ऐसे ट्रेडर्स को इंट्रा-डे ट्रेडर्स कहा जाता है। बता दू कि इसे डे-ट्रेडिंग, MIS (Margin Intra day Square off) आदि भी कहते है।

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