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इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज

इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज
मनसुखभाई दाफ्दा गुजरात के सुखपुर गांव के अपने कॉटन के खेत में, फाइल फोटो | रूही तिवारी, दिप्रिंट

Bakkt क्रिप्टो एक्सचें platform पर बड़ी कंपनियों ने 300 मिलियन डॉलर का किया निवेश

Bakkt वर्ष 2018 में स्थापित क्रिप्टोक्यूरेंसी ट्रेडिंग के लिए एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है और तब से महत्वपूर्ण नाम प्राप्त कर चुका है और तेजी से बढ़ा है, एक्सचेंज प्लेटफॉर्म के अपने वर्तमान मूल्य और विश्वसनीय प्रदर्शन के कारण, टॉप कंपनियों ने Bakkt प्लेटफॉर्म पर लगभग 300 मिलियन डॉलर का निवेश किया है।

Microsoft जैसी बड़ी कंपनियों ने भी Bakkt में भारी निवेश किया

शीर्ष निवेशकों में इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज शामिल हैं जिन्होंने बक्कट एक्सचेंज प्लेटफॉर्म पर बिटकॉइन फ्यूचर्स ट्रेडिंग को विकसित करने में मदद की थी; अगले शीर्ष निवेशकों में Microsoft के M12, PayU, Boston Consulting Group, Goldfinch Partners, CMT Digital और Pantera Capital शामिल हैं। बक्कट मंच का मुख्य उद्देश्य अपनी स्थापना के बाद से उपयोगकर्ताओं के बीच विश्वास पैदा करना और बनाना था और वित्तीय संस्थानों और उपयोगकर्ताओं को डिजिटल परिसंपत्तियों में मूल्य प्रदान करना था। साल 2019 में बक्कट, संस्थागत बिटकॉइन हिरासत की पेशकश के साथ बिटकॉइन के लिए पहली बार सहकर्मी विनियमित बाजार में लॉन्च किया गया।

इसी तरह, इस साल, बकेट की वेबसाइट को नई सुविधाओं के साथ अपडेट किया गया है। एक्सचेंज प्लेटफॉर्म पर आधारित नया ऐप भी इस साल की गर्मियों में जारी करने की योजना है। प्लेटफ़ॉर्म पर पंजीकृत ग्राहकों ने अब तक निष्ठा और रिवार्ड पॉइंट्स, इन-गेम एसेट्स, मर्चेंट स्टोर किए गए मूल्य और क्रिप्टोकरेंसी में वितरित की गई संपत्ति में लगभग $ 1 ट्रिलियन का निवेश किया है।

हालांकि इस विनम्र बाजार के साथ, कई लोगों को अभी भी डिजिटल संपत्ति तक पहुंचना मुश्किल है। बक्कट अपने उपयोगकर्ताओं को अपनी क्रिप्टो और डिजिटल संपत्ति बनाए रखने में जवाबदेही और स्वतंत्रता को पूरा करने का विकल्प देता है। बक्कट ऐप लॉन्च होने वाला नया आगामी अभी तक सभी क्रिप्टो और डिजिटल परिसंपत्तियों को एक वॉलेट के तहत संग्रहीत करने का लाभ प्रदान करेगा।

बक्कट ने हाल ही में सबसे महत्वपूर्ण और प्रमुख उद्योगों में अपने आवेदन प्रौद्योगिकी का लाभ उठाते हुए ब्रिज 2 सॉल्यूशंस का अधिग्रहण किया है। पिछले वर्ष, एक्सचेंज प्लेटफॉर्म पर एक बिटकॉइन फ्यूचर्स ट्रेडिंग शुरू की गई थी, जिसे इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज और न्यू यॉर्क स्टॉक एक्सचेंज द्वारा विकसित लोकप्रियता प्राप्त हुई थी। बक्कट मंच ने बिटकॉइन के साथ फ्यूचर्स ट्रेडिंग सेटलमेंट की सुविधा इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज दी जबकि सीएमई समूह ने अमेरिकी डॉलर का उपयोग करने की सुविधा दी। बक्कट अपनी उपस्थिति और वैश्विक अर्थव्यवस्था को सुविधाजनक बनाने के लिए अपने उन्मुख लक्ष्यों का विस्तार करने के लिए पूरी तरह तैयार है।

बक्कट क्रिप्टोक्यूरेंसी आपूर्ति श्रृंखला के सभी स्तरों, आकस्मिक निवेशकों से लेकर मेगा-व्यापारियों, स्टारबक्स की तरह सेवा करने की उम्मीद करता है।

लगातार 11वें दिन बढ़े पेट्रोल-डीजल के दाम, जानें आज की कीमत

अंतर्राष्ट्रीय वायदा बाजार इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज यानी आईसीई पर बुधवार को अगस्त डिलीवरी ब्रेंट क्रूड के वायदा अनुबंध में पिछले सत्र से 1.12 फीसदी की कमजोरी के साथ 40.50 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था।

नई दिल्ली। पेट्रोल और डीजल की महंगाई का सिलसिला बुधवार को 11वें दिन जारी रहा, जबकि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के भाव में नरमी बनी रही। लगातार 11 दिनों की बढ़ोतरी के बाद देश की राजधानी दिल्ली में पेट्रोल 6.02 रुपए प्रति लीटर महंगा हो गया है और डीजल की कीमत 6.इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज 42 रुपये प्रति लीटर बढ़ गई है। तेल विपणन कंपनियों ने बुधवार को दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल की कीमतों में क्रमश: 55 पैसे 53 पैसे, 53 पैसे, 49 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि की। वहीं, डीजल के दाम में चारों महानगरों में क्रमश: 60 पैसे, 54 पैसे, 57 पैसे और 52 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई।

petrol Diesel

इंडियन ऑयल की वेबसाइट के अनुसार, दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल की कीमत बढ़कर क्रमश: 77.28 रुपये, 79.08 रुपये, 84.15 रुपये और 80.86 रुपये प्रति लीटर हो गई। डीजल का दाम भी चारों महानगरों में बढ़कर क्रमश: 75.79 रुपये, 71.38 रुपये, 74.32 रुपये और 73.69 रुपये प्रति लीटर हो गया है।

petrol diesel price

अंतर्राष्ट्रीय वायदा बाजार इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज यानी आईसीई पर बुधवार को अगस्त डिलीवरी ब्रेंट क्रूड के वायदा अनुबंध में पिछले सत्र से 1.12 फीसदी की कमजोरी के साथ 40.50 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था।

वहीं, न्यूयार्क मर्के टाइल एक्सचेंज यानी नायमैक्स पर अमेरिकी लाइट क्रूड वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट यानी डब्ल्यूटीआई के जुलाई डिलीवरी अनुबंध पिछले सत्र से 1.69 फीसदी की नरमी के साथ 37.73 डॉलर प्रति बैरल पर कोराबार चल रहा था।

पेट्रोल, डीजल के दाम स्थिर, कच्चे तेल में तेजी जारी

पेट्रोल, डीजल के दाम स्थिर, कच्चे तेल में तेजी जारी

पेट्रोल, डीजल के दाम स्थिर, कच्चे तेल में तेजी जारी

नई दिल्ली, 8 अप्रैल (आईएएनएस)| पेट्रोल और डीजल के दाम में एक दिन की गिरावट के बाद सोमवार को स्थिरता दर्ज की गई, हालांकि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज में लगातार तीसरे दिन तेजी का सिलसिला जारी रहा। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में इजाफा होने से आने वाले दिनों में भारत में पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ने की संभावना बनी हुई है।

अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में आई तेजी से घरेलू वायदा बाजार एमसीएक्स पर भी कच्चे तेल के सौदों में उछाल दर्ज किया गया है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें करीब पांच महीने के ऊंचे स्तर पर बनी हुई हैं।

इंडियन ऑयल की वेबसाइट के अनुसार, दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में सोमवार को पेट्रोल के दाम पूर्ववत क्रमश: 72.85 रुपये, 74.87 रुपये, 78.42 रुपये और 75.61 रुपये प्रति लीटर रहे। चारों महानगरों में डीजल भी बिना किसी बदलाव के क्रमश: 66.11 रुपये, 67.85 रुपये, 69.19 रुपये और 69.80 रुपये प्रति लीटर बना रहा।

अंतर्राष्ट्रीय वायदा बाजार इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज (आईसीई) पर ब्रेंट क्रूड के जून डिलीवरी अनुबंध का भाव पिछले सत्र के मुकाबले सोमवार को 0.51 फीसदी की तेजी के साथ 70.70 डॉलर प्रति बैरल पर बना रहा, जबकि कारोबार के दौरान भाव 70.87 डॉलर प्रति बैरल तक उछला।

अमेरिकी लाइट क्रूड वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (डब्ल्यूटीआई) का मई डिलीवरी अनुबंध पिछले सत्र के मुकाबले 0.52 फीसदी की तेजी के साथ 63.41 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था, जबकि इससे पहले भाव 63.53 डॉलर प्रति बैरल तक उछला।

वहीं, भारतीय वायदा बाजार मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर अप्रैल एक्सपायरी कच्चे तेल के अनुबंध में 59 रुपये यानी 1.35 फीसदी की तेजी के साथ 4,421 रुपये प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था, इससे पहले 4,432 रुपये प्रति बैरल का ऊपरी स्तर रहा।

कमोडिटी बाजार विश्लेषकों के अनुसार, कच्चे तेल के प्रमुख उत्पादक देशों का समूह ओपेक और रूस इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज द्वारा उत्पादन में कटौती करने के साथ-साथ ईरान और वेनेजुएला पर अमेरिकी प्रतिबंध से तेल के दाम को सपोर्ट मिल रहा है।

विश्लेषकों का कहना है कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में अगर तेल के दाम में तेजी का सिलसिला जारी रहा तो आने वाले दिनों में पेट्रोल और डीजल के दाम में फिर लगातार बढ़ोतरी का दौर देखने को मिलेगा।

(ये खबर सिंडिकेट फीड से ऑटो-पब्लिश की गई है. हेडलाइन को छोड़कर क्विंट हिंदी ने इस खबर में कोई बदलाव नहीं किया है.)

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कच्चे तेल में 2 दिनों से तेजी जारी, पेट्रोल-डीजल के दाम तीसरे दिन स्थिर

कच्चे तेल में 2 दिनों से तेजी जारी, पेट्रोल-डीजल के दाम तीसरे दिन स्थिर

अमेरिका में कच्चे तेल का भंडार घटने और कोरोना महामारी के कहर से निजात दिलाने के लिए इसके टीके की खोज की दिशा में हो रहे सकारात्मक प्रयासों से आर्थिक गतिविधियों में तेजी की उम्मीदों से कच्चे तेल के दाम में तेजी देखी जा रही है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में गुरुवार को लगातार दूसरे दिन तेजी का सिलसिला जारी रही, जबकि देश में पेट्रोल और डीजल के दाम में लगातार तीसरे दिन स्थिरता बनी रही।

बाजार के जानकारों के अनुसार कच्चे तेल की कीमतें 45 डॉलर प्रति बैरल के ऊपर जाने के बाद ही पेट्रोल और डीजल के दाम में बढ़ोतरी हो सकती है क्योंकि पेट्रोल और डीजल का भाव पहले ही काफी बढ़े हुए हैं। बेंचमार्क कच्चा तेल ब्रेंट क्रूड का इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज भाव 42 डॉलर के ऊपर बना हुआ है और आगे तेजी का रुख माना जा रहा है।

अंतर्राष्ट्रीय वायदा बाजार इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज (आईसीई) पर बेंचमार्क कच्चा तेल ब्रेंट क्रूड का सितंबर वायदा अनुबंध पिछले सत्र से 0.57 फीसदी की तेजी के साथ 42.27 डॉलर प्रति बैरल पर बना हुआ था। वहीं, न्यूयार्क मर्केंटाइल एक्सचेंज (नायमैक्स) पर अमेरिकी लाइट क्रूड वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (डब्ल्यूटीआई) के अगस्त वायदा अनुबंध में पिछले सत्र से 0.58 फीसदी की बढ़त के साथ 40.05 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था।

अमेरिका में कच्चे तेल का भंडार कम होने से कीमतों को सपोर्ट मिल रहा है

अमेरिकी एजेंसी यूएस एनर्जी इन्फोरमेशन एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा बुधवार को जारी हुए आंकड़ों के अनुसार अमेरिका में कच्चे तेल का भंडार पिछले सप्ताह 72 लाख बैरल कम हो गया। एंजेल ब्रोकिंग के इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज डिप्टी वाइस प्रेसीडेंट (करेंसी व एनर्जी रिसर्च) अनुज गुप्ता ने कहा कि अमेरिका में कच्चे तेल का भंडार कम होने से कच्चे तेल के दाम में बीते सत्र में सपोर्ट मिला। इसके बाद कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए टीके तैयार करने के प्रयास चल रहे हैं जिससे आने वाले दिनों में आर्थिक गतिविधयां तेज होंगी तो तेल की खपत बढ़ेगी। यही कारण है कि कीमतों में तेजी है।

ब्रेेंट क्रूड 45 डॉलर प्रति बैरल से नीचे है, इसलिए अभी पेट्रोल और डीजल में तेजी की उम्मीद नहीं

हालांकि उन्होंने कहा कि ब्रेेंट क्रूड की कीमत जब तक 45 डॉलर प्रति बैरल से नीचे है तब तक पेट्रोल और डीजल की कीमतों में अब ज्यादा बढ़ोतरी की संभावना नहीं है। तेल विपणन कंपनियों ने गुरुवार को लगातार तीसरे दिन पेट्रोल और डीजल के दाम में कोई बदलाव नहीं किया। इंडियन ऑयल की वेबसाइट के अनुसार, दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल का भाव बिना किसी बदलाव के क्रमश: 80.43 रुपये, 82.10 रुपये, 87.19 रुपये और 83.63 रुपये प्रति लीटर बना हुआ है। डीजल का दाम भी चारों महानगरों में पूर्ववत क्रमश: 80.53 रुपये, 75.64 रुपये, 78.83 रुपये और 77.72 रुपये प्रति लीटर बना हुआ है।

आईएएनएस एजेंसी इनपुट

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हमारे कॉटन की मांग दुनिया में 36 फीसदी घटी और आयात दोगुना हुआ

कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीएआई) ने बु़धवार को 2018-19 में भारत में कॉटन की खपत और आपूर्ति होने वाले अपने मासिक आंकड़े को जारी किया.

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मनसुखभाई दाफ्दा गुजरात के सुखपुर गांव के अपने कॉटन के खेत में, फाइल फोटो | रूही तिवारी, दिप्रिंट

मुंबई : अंतर्राष्ट्रीय बाजार के मुकाबले भारत में कॉटन का दाम ऊंचा होने के कारण चालू कॉटन सीजन 2018-19 (अक्टूबर-सितंबर) के दौरान देश में कॉटन के निर्यात में पिछले साल के मुकाबले कमी आई जबकि आयात तकरीबन दोगुना बढ़ गया. उद्योग संगठन के अनुमान के अनुसार, 30 सितंबर 2019 को समाप्त होने वाले कॉटन सीजन में कॉटन का निर्यात पिछले साल से 36 फीसदी कम रह सकता है.

कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीएआई) ने बु़धवार को 2018-19 में भारत में कॉटन की खपत व आपूर्ति के अपने मासिक आंकड़े जारी किए. एसोसिएशन के आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2018 से लेकर 31 अगस्त 2019 तक भारत ने 43 लाख गांठ (170 किलो) कॉटन का निर्यात किया जबकि पूरे सीजन में यानी 30 सिंतबर 2019 तक 44 लाख गांठ कॉटन का निर्यात होने का अनुमान है, जो कि एसोसिएशन के पिछले महीने के अनुमान से तो सिर्फ दो लाख गांठ कम है, लेकिन पिछले साल के मुकाबले 25 लाख गांठ यानी 36 फीसदी कम है.

वहीं, आयात की बात करें तो चालू सीजन में 31 अगस्त 2019 तक भारत ने 23 लाख गांठ कॉटन का आयात किया है और कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया की मानें तो 30 सितंबर तक कुल आयात 29 लाख गांठ तक जा सकता है, जबकि पिछले साल भारत ने 15 लाख गांठ कॉटन का आयात किया था. इस प्रकार, आयात तकबरीन दोगुना रहने का अनुमान है.

डीडी कॉटन प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक अरुण इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज शेखसरिया ने आईएएनएस से बताया कि अमेरिका-चीन व्यापारिक तनाव को लेकर इस साल अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कॉटन के दाम में आई भारी गिरावट का असर भारत पर भी पड़ा.

उन्होंने बताया कि अक्टूबर से फरवरी तक भारतीय कॉटन की कीमत अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कम थी लेकिन मार्च के बाद अंतर्राष्ट्रीय बाजार में जब कॉटन के भाव में भारी गिरावट आई उसके बाद से भारतीय कॉटन महंगा हो गया जिसके कारण निर्यात घट गया, जबकि विदेशी बाजार में भाव कम होने से भारतीय मिलों की आयात में दिलचस्पी बढ़ गई. शेखसरिया इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज ने बताया कि इस समय अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भारतीय कॉटन का भाव करीब 74 सेंट प्रति पौंड पड़ता है जबकि भारत से आयात करने वालों को तकबरीन चार सेंट प्रति पौंड का खर्च ढुलाई व नौवहन पर पड़ता है.

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वहीं, अंतर्राष्ट्रीय वायदा बाजार इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज पर बुधवार को दिसंबर डिलवरी कॉटन के अनुबंध में 59.39 सेंट प्रति पौंड पर कारोबार चल रहा था.

कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया के सितंबर अनुमान के अनुसार, 2018-19 में कॉटन की कुल आपूर्ति 374 लाख गांठ रहेगी जो कि पिछले महीने के अनुमान से दो लाख गांठ कम है. इसमें 33 लाख गांठ पिछले साल का बकाया स्टॉक, 29 लाख गांठ आयात और 312 लाख गांठ घरेलू उत्पादन शामिल है.

वहीं, घरेलू मिलों की खपत 315 लाख गांठ, निर्यात 44 लाख गांठ को मिलाकर कुल खपत 359 लाख गांठ रहने का अनुमान है. इस प्रकार अगले सीजन 2019-20 के लिए बकाया स्टॉक 15 लाख गांठ रहेगा.

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