गुप्त धन

वह बेधड़क आग में घुस गया और सोते हुए बच्चे को में गोद में लेकर बाहर निकल आया। विधवा स्त्री ने बच्चे को गोद में ले लिया और उसके कोमल गालों को बार-बार चूमकर आँखों में आँसू भर लाई और बोली–महाराज, तुम जो कोई हो, मैं आज अपना प्यारा बच्चा तुम्हें भेंट करती हूँ। तुम्हें ईश्वर ने और भी लड़के दिए होंगे, उन्हीं के साथ इस अनाथ की भी खबर लेते रहना।
Astrology: कुंडली में ग्रहों की ऐसी स्थिति से व्यक्ति को प्राप्त होता है आकस्मिक धन, देखें- कहीं आपकी कुंडली में तो नहीं बन रहा यह संयोग
Dhan Yog In Kundli: आप लोगों ने देखा होगा कि किसी- किसी व्यक्ति को अचानक से आकस्मिक धन की प्राप्ति होती है। साथ ही किसी को गुप्त धन की भी प्राप्ति होती है। जिसके बारे में उनको पता तक नहीं होता है। दरअसल वैदिक ज्योतिष के अनुसार व्यक्ति की कुंडली में ग्रहों की स्थिति और कुछ ऐसे शुभ योग होते हैं, जिनके प्रभाव से व्यक्ति को गुप्त और आकस्मिक धन की प्राप्ति होती है। साथ ही जिन ग्रहोंं की वजह से आकस्मिक धन योग (Dhan Yog In Horoscope) का योग बन रहा है। उस योग का फल व्यक्ति को तब प्राप्त होता है। जब उस ग्रह की दशा व्यक्ति के ऊपर चलती है। आइए जानते हैं कुंडली में ऐसे कौन से योग होते हैं, जिससे व्यक्ति को आकस्मिक और गुप्त धन की प्राप्ति होती है…
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Details About गुप्त धन Gupt Dhan Hindi Book PDF
Hindi Title: | गुप्त धन |
PDF Name: | Gupt Dhan |
Book By: | Premchand |
Language: | Hindi |
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गुप्त धन Gupt Dhan Book Review in Hindi
प्रेमसिंह दुनिया में बिलकुल अकेला था। उसकी सारी उम्र लड़ाइयों में खर्च हुई थी। मगर जब जिन्दगी की शाम आई और वह सुबह की जिन्दगी के टूटे-फूटे झोंपड़े में फिर आया तो उसके दिल में एक अजीब ख्वाहिश पैदा हुई। अफसोस, दुनिया में मेरा कोई नहीं! काश, मेरे भी कोई बच्चा होता! जो ख्वाहिश शाम के वक्त चिड़ियों को घोंसले में खींच लाती है और जिस ख्वाहिश से बेकरार होकर जानवर शाम को अपने थानों की तरफ चलते हैं, वही ख्वाहिश प्रेमसिंह के दिल में मौजें मारने लगी।
ऐसा कोई नहीं, जो सुबह के वक्त दादा कहकर उसके गले से लिपट जाए। ऐसा कोई नहीं, जिसे वह खाने के वक्त कौर बना-बनाकर खिलाए। ऐसा कोई नहीं, जिसे वह रात के वक्त लोरियाँ सुना-सुनाकर सुलाए । यह आकांक्षाएँ प्रेमसिंह के दिल में कभी न पैदा हुई थीं। मगर सारे दिन का अकेलापन इतना उदास करने वाला नहीं होता जितना शाम का। एक दिन प्रेमसिंह बाजार गया हुआ था। रास्ते में उसने देखा कि एक घर में आग लगी हुई है।
गुप्त धन Gupt Dhan Book Review in English
Prem Singh was all alone in the world. All his life was spent in battles. But when the evening of life came and he returned to the broken huts of morning life, a strange desire arose in his heart. Alas, I have none in the world! I wish I had a child too! The desire which attracts the birds to the nest in the evening and the desire with which the animals walk towards their police stations in the evening, the same desire started to strike Prem Singh’s heart.
There is no one who can hug him by calling him Dada in the morning. There is no one whom he can feed into a mouthful at the time of eating. There is no one whom he can put to sleep by reciting lullabies during the night. These aspirations were never born in Prem Singh’s heart. But the loneliness of the whole day is not so depressing as the evening. One day Prem Singh had gone to the market. On the way, he saw that a house was on fire.
गुप्त धन
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चंद्रमा बृहस्पति का साथ जातक को दिलाता हैं गुप्त धन
अगर किसी मनुष्य की जन्म कुण्डली में बृहस्पति और सूर्य ग्रह युग्म में स्थित हो तो ऐसे जातक को धन पर्याप्त रूप से प्राप्त होता हैं उसे धन कमाने में किसी बड़ी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता हैं। किसी व्यक्ति की जन्म कुण्डली में बृहस्पति और शनि ग्रह एक साथ हो तो ऐसे जातक को धन औसत रूप में मिलता हैं उसे धन कमाने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती हैं वही अगर व्यक्ति की जन्म कुण्डली में बृहस्पति सूर्य और शनि ग्रह युग्म में स्थित होते हैं तो ऐसे जातक को राजधन हासिल होता हैं।
धन कमाने के लिए हर कोई मेहनत करता हैं क्योंकि जीवन को गुप्त धन सुगमता से जीने के लिए यह बहुत ही जरूरी माना जाता हैं आपको पता हैं कि गुप्त धन मिलने और न मिलने के बारे में काफी जानकारी ग्रहों की चाल पर निर्भर करती हैं कुछ ग्रह तो जातक को गुप्त धन दिलाने वाले भी होते हैं।
गुप्त धन
आकस्मिक गुप्त धन धन का योग कैसे बनता है जानिये -ज्योतिषी मनोज व्यास से
आकस्मिक धन प्राप्ति के योग-
कहते हैं भाग्य बदलते देर नही लगती, आपने अपने आस पास कई ऐसे लोगों को देखा होगा, जिनकी कल तक दयनीय स्थिति थी लेकिन आज वें सम्पन्नता की जिंदगी यापन कर गुप्त धन रहे हैं। बिना किसी विशेष योग्यता के भी राजा के समान स्थिति में रह रहें हैं। ये सब कुंडली के धन योगों का कमाल हैं।
आकस्मिक धन प्राप्ति के कई कारण हो सकते हैं, जैसे इनाम, भेंट, वसीयत, रेस-लॉटरी, भू-गर्भ धन, स्कॉलरशिप आदि से प्राप्त धन है, कुंडली में पंचम स्थान से इनाम, लॉटरी, स्कॉलरशिप आदि का विचार किया जाता है, जबकि अष्टम भाव गुप्त भू-गर्भ, वसीयत, अनसोचा या अकल्पित धन दर्शाता है, धन संपत्ति प्रारब्ध में होती है, तब ही व्यक्ति उसे प्राप्त कर सकता है, भाग्यशाली लोगों को ही बिना परिश्रम के अचानक धन प्राप्त होता है, इसलिए कुंडली में नवम भाग्य भाव त्रिकोण का भी विशेष महत्व है, इस प्रकार अचानक आकस्मिक धन-संपत्ति प्राप्ति के लिए कुंडली में द्वितीय धनभाव, एकादश लाभभाव, पंचम प्रारब्ध एवं लक्ष्मी भाव, अष्टम गुप्तधन भाव तथा नवम भाग्य भाव एवं इनके अधिपति तथा इन भावों में स्थित ग्रहों के बलाबल के आधार पर संभव है। नवम भाव, नवमेश भाग्येश, राहु केतु तथा बुध ये सब ग्रह भी शीघ्र अचानक तथा दैवयोग द्वारा फल देते हैं।
आकस्मिक धन प्राप्ति के योग-
अनिल अंबानी पर 420 करोड़ की टैक्स चोरी का आरोप: 2 स्विस बैंक खातों में गुप्त धन रखने पर IT डिपार्टमेंट ने भेजा नोटिस
रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी के खिलाफ इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने काला धन अधिनियम के तहत मुकदमा चलाने की मांग की है। आयकर विभाग ने अनिल पर दो स्विस बैंक खातों में रखे 814 करोड़ रुपए से अधिक के अघोषित धन पर 420 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी करने का आरोप लगाया है।
अनिल को महीने की शुरुआत में दिया था कारण बताओ नोटिस
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने 63 साल गुप्त धन के अनिल अंबानी पर टैक्स चोरी का आरोप लगाते हुए कहा है कि उन्होंने जानबूझकर भारतीय टैक्स ऑफिसर्स को अपने विदेशी बैंक खातों और फाइनेंशियल इंटरेस्ट की जानकारी नहीं दी थी। इस संदर्भ में अंबानी को इस महीने की शुरुआत में कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था।