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निवेश की रकम

निवेश की रकम

निवेश की रकम कम है तो लक्ष्य पाने के लिए आपको क्या करना चाहिए?

जब लक्ष्य करीब हो तो इक्विटी और अन्य ग्रोथ एसेट में एलोकेशन को बढ़ाना पोर्टफोलियो को जोखिम में डाल सकता है.

investment

एक विकल्प इक्विटी और रियल एस्टेट में निवेश बढ़ाने का है. इनसे पूर्व में उन्हें अच्छे रिटर्न मिले हैं. क्या वे जिन विकल्पों के बारे में सोच रहे हैं, वे ठीक हैं?

जब लक्ष्य करीब हो तो इक्विटी और अन्य ग्रोथ एसेट में एलोकेशन को बढ़ाना पोर्टफोलियो को जोखिम में डाल सकता है. चूंकि संकल्प जोड़ी गई रकम का इस्तेमाल 45 साल का होने पर करना चाहते हैं. इसलिए इक्विटी और रियल एस्टेट में गिरावट आने पर उनके लिए चीजों को संभालना मुश्किल हो जाएगा.

समस्या संकल्प की उम्र नहीं है. दिक्कत निवेश की अवधि के साथ है. इन दोनों ही विकल्पों में निवेश बचे हुए तीन सालों में कुछ खास नहीं बदलेगा.

इस स्थिति में संकल्प को कारोबार करने की योजना को कुछ सालों के लिए टालना चाहिए. इससे उनके निवेश को बढ़ने का समय मिल जाएगा. इसके दो फायदे हैं. पहला, अतिरिक्त समय में उनके निवेश को चक्रवृद्धि ब्याज का लाभ मिलेगा. दूसरा, जुड़ रही रकम खर्च नहीं होगी निवेश की रकम क्योंकि जब तक वह नौकरी में हैं, उनकी सैलरी से खर्चे पूरे होंगे.

संकल्प को अपने इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए निवेश बढ़ाने पर भी विचार करना चाहिए. चूंकि अभी उनकी इनकम खर्चों से ज्यादा है. इसलिए वह जितनी रकम जोड़ना चाहते हैं, उसके लिए बड़े आराम से बचत बढ़ा पाएंगे.

पैसे की जरूरत नजदीक आने पर उन्हें जोड़ी गई रकम को कम जोखिम वाले विकल्पों में शिफ्ट कर देना चाहिए. लक्ष्य को पाने का समय बढ़ाकर उसके लिए ज्यादा निवेश करने से वह उद्यमी बनने के सपने को बेहतर तरीके से पूरा कर पाएंगे.

इस पेज का कंटेंट सेंटर फॉर इंवेस्टमेंट एजुकेशन एंड लर्निंग (सीआईईएल) के सौजन्य से. गिरिजा गादरे, आरती भार्गव और लब्धि मेहता का योगदान.

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'निवेश की रकम'

इनकम टैक्स के "ऑपरेशन बाबू साहब " की तफ्तीश में दीपक सिंघल का नाम सामने आया है. उन पर अवैध तौर पर अर्जित करीब 50 करोड़ की रकम को दिल्ली , नोएडा , आगरा में निवेश करने का आरोप लगा है.

PPF Small Savings Scheme: जब आप 60 साल के होंगे, यानी रिटायर होंगे, तब आपके PPF खाते में कुल राशि 2,26,97,857 रुपये जमा होगी, जिसमें आपका निवेश कुल 52,50,000 रुपये होगा, जबकि ब्याज की रकम 1,74,47,857 रुपये होगी.

PPF Account: जब आप 60 साल के होंगे, तब आपके PPF खाते में कुल राशि 2,26,97,857 रुपये जमा होगी, जिसमें आपका निवेश कुल 52,50,000 रुपये होगा, जबकि ब्याज की रकम 1,74,47,857 रुपये होगी.

एफबीआई ने लोगों को अज्ञात कॉलर्स की क्रिप्टो-पेमेंट रिक्‍वेस्‍ट पर विचार नहीं करने की सलाह दी है। यह भी कहा है क‍ि लोग ऐसे कॉलर्स को अपनी पर्सनल इन्‍फर्मेशन शेयर नहीं करें।

शिकायतकर्ता से निवेश की राशि लेने के बाद आरोपियों ने न तो कार्यक्रम आयोजित किया और न ही शिकायतकर्ता की मूल रकम वापस की. इन्‍होंने इस राशि को अपने निजी उपयोग के लिए अपने बैंक खातों में जमा कर दिया और शिकायतकर्ता को धोखा दिया. पुलिस ने केस दर्ज कर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.

आरबीआई के बोर्ड ने 31 मार्च 2021 को बीते नौ महीने की लेखा अवधि के लिए सरकार को अधिशेष यानी सरप्लस के रूप में 99,122 करोड़ रुपए के ट्रांसफर को मंजूरी दी है.

डायरेक्टर ने लोगों को बताया कि अगर आप लोग उसके प्रोडक्शन हाउस में निवेश करेंगे तो हर साल उन्हें निवेश की गई रकम का 60 फीसदी तक पैसा वापस मिल जाएगा.

दरअसल बैंक में वित्तीय गड़बड़ियों की वजह से RBI ने खाता धारकों को हज़ार रुपये से ज़्यादा देने रोक लगा दी है, जिसकी वजह से बैंक के हर ब्रांच में भीड़ लगी है. RBI का ये प्रतिबंध 6 महीने तक जारी रहेगा. इसके तहत बैंक न तो लोन दे सकता है और न ही कोई निवेश कर सकता है.

सुनिश्चित निवेश कर करोड़पति बनने का सपना सभी का होता है. इतना ही नहीं लोग, खासतौर पर नौकरीपेशा, यह चाहते हैं कि रिटायरमेंट तक करोड़पति बन जाऊं. असल ज़िन्दगी में ऐसा कोई तरीका नहीं होता, जिसमें कुछ हज़ार रुपये का निवेश हमें करोड़ों रुपये का रिटर्न दे सके. अगर कुछ ऐसा होगा भी, तो हाथ आने वाले करोड़ों रुपये पर टैक्स देना पड़ेगा, और रकम फिर कम हो जाएगी. आप कानूनी तरीके से करोड़ों रुपये की कमाई कर सकते हैं, लेकिन अब यह टैक्स फ्री नहीं रही है. इस बार बजट में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस पर टैक्स लगा दिया है.

साविधि जमा योजना यानी फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) आज भी बैंकों में पैसा जमा करवाने जा रहे लोगों के लिए निवेश का एक लोकप्रिय विकल्प है. हालांकि पिछले कुछ समय में एफडी की ब्याज दरों में कमी हुई है यानी इससे होने वाला लाभ कम हुआ है लेकिन फिर भी जब बात एकजमा रकम एक निश्चित समय के लिए बैंक में रखने की आती है तो आम आदमी इस ऑप्शन को जरूर खंगालता है.

निवेश करने के 7 फायदे क्या हैं?

बचत की रकम को बढ़ाने के लिए निवेश करना जरूरी है. निवेश के सही विकल्पों में पैसा लगाने से आप लंबी अवधि में काफी संपत्ति जुटा सकते हैं.

invest- (3)

अगर आपने 25 साल की उम्र से निवेश की निवेश की रकम निवेश की रकम शुरुआत कर दी तो सिर्फ एक लाख रुपये सालाना का निवेश आपको 60 साल की उम्र में पांच करोड़ रुपये का मालिक बना देगा.

निवेश का सही विकल्प चुनने से आपको बुढ़ापे के दौरान आय का स्रोत विकसित करने में मदद मिलती है.

2. संपत्ति बनाना
हर व्यक्ति अमीर बनना चाहता है. भविष्य की जरूरतों के लिए लोग छोटी-मोटी बचत तो कर लेते हैं, लेकिन बचत और निवेश का सही तरीका पता नहीं होने की वजह से वे अमीर नहीं बन पाते. अगर आप निवेश में अनुशासन बनाये रखें तो आप भी करोड़पति बन सकते हैं.

इक्विटी म्युचुअल फंड में नियमित निवेश कर लंबी अवधि में अपने वित्तीय लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं. म्युचुअल फंड से मिलने वाला रिटर्न हालांकि शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव पर निर्भर करता है, लेकिन लंबी अवधि में एसआईपी (SIP)के जरिए किया गया निवेश अच्छा रिटर्न देने में कामयाब रहा है.

अगर आपने 25 साल की उम्र से निवेश की शुरुआत कर दी तो सिर्फ एक लाख रुपये सालाना का निवेश आपको 60 साल की उम्र में पांच करोड़ रुपये का मालिक बना देगा. इसके लिए 12% सालाना रिटर्न का अनुमान लगाया गया है. अगर निवेश में 10 साल की देर हो जाये तो इतनी ही संपत्ति जुटाने के लिए आपको सालाना निवेश 3.5 लाख रुपये करना पड़ेगा.

3. वित्तीय लक्ष्य पूरा करना
आपको अपने वित्तीय लक्ष्य को ध्यान में रख कर निवेश करना चाहिए. यह अनुमान लगाना सबसे अहम है कि वित्तीय लक्ष्य के लिए आपको कितनी रकम चाहिए. आज से 10 साल बाद 1 करोड़ उतनी निवेश की रकम बड़ी रकम नहीं होगी, जितनी आज है. आपको महंगाई, क्रय क्षमता और जरूरतों को ध्यान में रखकर ही अपना लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए.

इसलिए लक्ष्य के चयन से पहले कुछ गुणा-भाग कर लेना अक्लमंदी है. आपके आने वाले कल के लिए आज बेहद अहम है. मान लीजिए कि आज आपका बेटा उच्च शिक्षा के लिए जा रहा निवेश की रकम है. इसका खर्च 5 लाख रुपये है.

मान लीजिए कि आपके बच्चे को 15 साल बाद उच्च शिक्षा की आवश्यकता होगी. आपको यह जानना है कि 15 साल बाद आपको आज के 5 लाख रुपये के मुताबिक कितनी रकम की जरूरत होगी. उस समय तक महंगाई कितनी होगी. यह वित्तीय लक्ष्य का महज एक उदाहरण है.

यदि हम महंगाई दर को 9 फीसदी मानें, तो 15 साल बाद उस कोर्स की कीमत 5 लाख के बजाय 18.21 लाख रुपये तक पहुंच जाएगी. अपने वित्तीय लक्ष्य की रकम प्राप्त करने के लिए जरूरी है कि आप महंगाई के असली आंकड़ें लें.

4. रिटायरमेंट प्लानिंग
रिटायरमेंट के लिए बचत और उसका बेहतरीन रिटर्न वाले विकल्प में निवेश जरूरी है. रिटायरमेंट प्लान के लिए सिर्फ ईपीएफ योगदान पर निर्भरता सही नहीं है. रिटायरमेंट के बाद आपको हर महीने कितने पैसे की जरूरत पड़ेगी, सबसे पहले इसका आंकलन करना होगा.

आप सामान के मौजूदा मूल्यों के आधार पर मासिक खर्च को निकालें. फिर 6 फीसदी की दर से सालाना महंगाई मानते हुए इसे बढ़ा दें. इससे आपको उस मासिक खर्च के बारे में पता चल जाएगा जिसकी जरूरत आपको रिटायरमेंट के बाद होगी.

अब यह देखें कि इसके लिए अभी से आपको कितने पैसों की बचत करने की जरूरत पड़ेगी. इंटरनेट पर इस तरह के कई कैलकुलेटर उपलब्ध हैं जो आपकी इसमें मदद कर सकते हैं.

अंत में उन निवेश उत्पादों के बारे में पता करें जिनमें आपको निवेश करना है. आप अपने रिटायरमेंट की खातिर धन जुटाने के लिए इक्विटी म्यूचुअल फंड का विकल्प चुन सकते हैं.निवेश की रकम

5.आर्थिक आजादी
अगर आप पैसे से जुड़ी जरूरतों के लिए अपने बच्चे या रिश्तेदारों पर निर्भर रहना नहीं चाहते तो आपको बेहतर रिटर्न देने वाले विकल्पों में निवेश करना चाहिए. अगर आप वरिष्ठ नागरिक बनने के बाद भी अपने जरूरी खर्च अपनी जेब से कर सकें तो यह आपके लिए आर्थिक आजादी है.

आपको इसके लिए इस तरह का निवेश करना होगा जिससे कि आपकी जरूरत के लायक रकम आपके पास नियमित रूप से आती रहे और आपकी पूंजी सुरक्षित रहे. आर्थिक आजादी के लिए आपको जॉब की शुरुआत करते ही निवेश शुरू कर देना चाहिए और लंबी अवधि की प्लानिंग करनी चाहिए.

6. महंगाई से मुकाबला
अगर आप निवेश के सही विकल्प चुनते हैं तो महंगाई की औसत दर के बाद भी कुछ सालों बाद आपके हाथ में आपकी जरूरत के लायक पैसे आते रहेंगे और आपकी पूंजी बची रहेगी.

मसलन निवेश के बेहतर विकल्प में आपको लंबी अवधि में सालाना 14-15% तक रिटर्न मिल सकता है. अगर किसी वजह से एक-दो साल में महंगाई की दर 8-10 फीसदी रहती है, तब भी आपके निवेश पर रिटर्न इससे अधिक मिलता रहेगा. वास्तव में आप इस तरह के विकल्प के माध्यम से महंगाई के असर को नजरंदाज कर अपने खर्च जारी रख सकते हैं.

7. कंपाउंडिंग का फायदा
अगर आप लंबी अवधि के लिए किसी Mutual Fund के ग्रोथ प्लान में निवेश करते हैं तो इसमें कंपाउंडिंग का फायदा मिलता है. मान लीजिये कि आपने 10,000 रुपये का निवेश किया और आपको पहले साल इस पर 8% रिटर्न मिला. इस हिसाब से आपके निवेश पर पहले साल का ब्याज 800 रुपये हुआ.

अब दूसरे साल में आपके निवेश की रकम 10,800 रुपये हो गयी. अगर इस पर भी आपको 8 फीसदी निवेश की रकम ही रिटर्न मिले तो आपके रिटर्न की रकम 864 रुपये हो गयी. अब तीसरे साल में आपके निवेश की रकम 11,664 रुपये हो गयी.

अब इस निवेश पर अगर आपको 10 फीसदी रिटर्न मिला तो आपका सालाना रिटर्न 1166 रुपये हुआ. इस हिसाब से चौथे साल में आपके निवेश की रकम 12,830 रुपये हो गयी. अब इस पर आपको सालाना ब्याज/रिटर्न मिलेगा.

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निवेश करने के 7 फायदे क्या हैं?

बचत की रकम को बढ़ाने के लिए निवेश करना जरूरी है. निवेश के सही विकल्पों में पैसा लगाने से आप लंबी अवधि में काफी संपत्ति जुटा सकते हैं.

invest- (3)

अगर आपने 25 साल की उम्र से निवेश की शुरुआत कर दी तो सिर्फ एक लाख रुपये सालाना का निवेश आपको 60 साल की उम्र में पांच करोड़ रुपये का मालिक बना देगा.

निवेश का सही विकल्प चुनने से आपको बुढ़ापे के दौरान आय का स्रोत विकसित करने में मदद मिलती है.

2. संपत्ति बनाना
हर व्यक्ति अमीर बनना चाहता है. भविष्य की जरूरतों के लिए लोग छोटी-मोटी बचत तो कर लेते हैं, लेकिन बचत और निवेश का सही तरीका पता नहीं होने की वजह से वे अमीर नहीं बन पाते. अगर आप निवेश में अनुशासन बनाये रखें तो आप भी करोड़पति बन सकते हैं.

इक्विटी म्युचुअल फंड में नियमित निवेश कर लंबी अवधि में अपने वित्तीय लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं. म्युचुअल फंड से मिलने वाला रिटर्न हालांकि शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव पर निर्भर करता है, लेकिन लंबी अवधि में एसआईपी (SIP)के जरिए किया गया निवेश अच्छा रिटर्न देने में कामयाब रहा है.

अगर आपने 25 साल की उम्र से निवेश की शुरुआत कर दी तो सिर्फ एक लाख रुपये सालाना का निवेश आपको 60 साल की उम्र में पांच करोड़ रुपये का मालिक बना देगा. इसके लिए 12% सालाना रिटर्न का अनुमान लगाया गया है. अगर निवेश में 10 साल की देर हो जाये तो इतनी ही संपत्ति जुटाने के लिए आपको सालाना निवेश 3.5 लाख रुपये करना पड़ेगा.

3. वित्तीय लक्ष्य पूरा करना
आपको अपने वित्तीय लक्ष्य को ध्यान में रख कर निवेश करना चाहिए. यह अनुमान लगाना सबसे अहम है कि वित्तीय लक्ष्य के लिए आपको कितनी रकम चाहिए. आज से 10 साल बाद 1 करोड़ उतनी बड़ी रकम नहीं होगी, जितनी आज है. आपको महंगाई, क्रय क्षमता और जरूरतों को ध्यान में रखकर ही अपना लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए.

इसलिए लक्ष्य के चयन से पहले कुछ गुणा-भाग कर लेना अक्लमंदी है. आपके आने वाले कल के लिए आज बेहद अहम है. मान लीजिए कि आज आपका बेटा उच्च शिक्षा के लिए जा रहा है. इसका खर्च 5 लाख रुपये है.

मान लीजिए कि आपके बच्चे को 15 साल बाद उच्च शिक्षा की आवश्यकता होगी. आपको यह जानना है कि 15 साल बाद आपको आज के 5 लाख रुपये के मुताबिक कितनी रकम की जरूरत होगी. उस समय तक महंगाई कितनी होगी. यह वित्तीय लक्ष्य का महज एक उदाहरण है.

यदि हम महंगाई दर को 9 फीसदी मानें, तो 15 साल बाद उस कोर्स की कीमत 5 लाख के बजाय 18.21 लाख रुपये तक पहुंच जाएगी. अपने वित्तीय लक्ष्य की रकम प्राप्त करने के लिए जरूरी है कि आप महंगाई के असली आंकड़ें लें.

4. रिटायरमेंट प्लानिंग
रिटायरमेंट के लिए बचत और उसका बेहतरीन रिटर्न वाले विकल्प में निवेश जरूरी है. रिटायरमेंट प्लान के लिए सिर्फ ईपीएफ योगदान पर निर्भरता सही नहीं है. रिटायरमेंट के बाद आपको हर महीने कितने पैसे की जरूरत पड़ेगी, सबसे पहले इसका आंकलन करना होगा.

आप सामान के मौजूदा मूल्यों के आधार पर मासिक खर्च को निकालें. फिर 6 फीसदी की दर से सालाना महंगाई मानते हुए इसे बढ़ा दें. इससे आपको उस मासिक खर्च के बारे में पता चल जाएगा जिसकी जरूरत आपको रिटायरमेंट के बाद होगी.

अब यह देखें कि इसके लिए अभी से आपको कितने पैसों की बचत करने की जरूरत पड़ेगी. इंटरनेट पर इस तरह के कई कैलकुलेटर उपलब्ध हैं जो आपकी इसमें मदद कर सकते हैं.

अंत में उन निवेश उत्पादों के बारे में पता करें जिनमें आपको निवेश करना है. आप अपने रिटायरमेंट की खातिर धन जुटाने के लिए इक्विटी म्यूचुअल फंड का विकल्प चुन सकते हैं.

5.आर्थिक आजादी
अगर आप पैसे से जुड़ी जरूरतों के लिए अपने बच्चे या रिश्तेदारों पर निर्भर रहना नहीं चाहते तो आपको बेहतर रिटर्न देने वाले विकल्पों में निवेश करना चाहिए. अगर आप वरिष्ठ नागरिक बनने के बाद भी अपने जरूरी खर्च अपनी जेब से कर सकें तो यह आपके लिए आर्थिक आजादी है.

आपको इसके लिए इस तरह का निवेश करना होगा जिससे कि आपकी जरूरत के लायक रकम आपके पास नियमित रूप से आती रहे और आपकी पूंजी सुरक्षित रहे. आर्थिक आजादी के लिए आपको जॉब की शुरुआत करते ही निवेश शुरू कर देना चाहिए और लंबी अवधि की प्लानिंग करनी चाहिए.

6. महंगाई से मुकाबला
अगर आप निवेश के सही विकल्प चुनते हैं तो महंगाई की औसत दर के बाद भी कुछ सालों बाद आपके हाथ में आपकी जरूरत के लायक पैसे आते रहेंगे और आपकी पूंजी बची रहेगी.

मसलन निवेश के बेहतर विकल्प में आपको लंबी अवधि में सालाना 14-15% तक रिटर्न मिल सकता है. अगर किसी वजह से एक-दो साल में महंगाई की दर 8-10 फीसदी रहती है, तब भी आपके निवेश पर रिटर्न इससे अधिक मिलता रहेगा. वास्तव में आप इस तरह के विकल्प के माध्यम से महंगाई के असर को नजरंदाज कर अपने खर्च जारी रख सकते हैं.

7. कंपाउंडिंग का फायदा
अगर आप लंबी अवधि के लिए किसी Mutual Fund के ग्रोथ प्लान में निवेश करते हैं तो इसमें कंपाउंडिंग का फायदा मिलता है. मान लीजिये कि आपने 10,000 रुपये का निवेश किया और आपको पहले साल इस पर 8% रिटर्न मिला. इस हिसाब से आपके निवेश पर पहले साल का ब्याज 800 रुपये हुआ.

अब दूसरे साल में आपके निवेश की रकम 10,800 रुपये हो गयी. अगर इस पर भी आपको 8 फीसदी ही रिटर्न मिले तो आपके रिटर्न की रकम 864 रुपये हो गयी. अब तीसरे साल में आपके निवेश की रकम 11,664 रुपये हो गयी.

अब इस निवेश पर अगर आपको 10 फीसदी रिटर्न मिला तो आपका सालाना रिटर्न 1166 रुपये हुआ. इस हिसाब से चौथे साल में आपके निवेश की रकम 12,830 रुपये हो गयी. अब इस पर आपको सालाना ब्याज/रिटर्न मिलेगा.

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