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अतिरिक्त आय

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अतिरिक्त आय के साधन कैसे बनाएँ | 2 genuine way of making extra income

आज का विषय है “अतिरिक्त आय के साधन कैसे बनाएँ” । आज के समाज में, आपके पास इतना धन हो जाता की बिलों के भुगतान करने के लिए आप ज्यादा नहीं सोचते, परन्तु व्यावहारिक रूप से दैनिक आवश्यकताओं की वस्तुओं की बढ़ती कीमतों और बाहरी वित्तीय दायित्वों को केवल एक नौकरी के साथ पूर्ण करना सअसंभव लगता है।

वर्तमान में आप जो भी सामान खरीदते हैं तो उसके भुगतान के लिए सबसे पहले हमारा हाथ क्रेडिट कार्ड की ओर जाता है। हम अपने सैलरी का बड़ा हिस्सा ऋण के मासिक भुगतान करने में ही पहले ही खत्म कर चुके होते है। यही कारण है कि आज के समय में, आय के एक मात्र साधन के ऊपर भरोसा करना तेजी से डरावना होता जा रहा है क्योंकि अर्थव्यवस्था इतनी अस्थिर है की कौन जाने कब वह एक जीवन रेखा लड़खड़ा जाए?

बहुत से लोग यह खोज रहे हैं कि आज के इस तेजी से उतार-चढ़ाव वाले बाजार में आय के अन्य स्रोतों का उपयोग करके अपने आप को वित्तीय रूप से सुरक्षित रखने का कौन सा बेहतर तरीका है? इसका सीधा सा मतलब है कि विभिन्न स्थानों से धन प्राप्त करना।

अतिरिक्त आय के साधन कैसे बनाएँ

1. अतिरिक्त आय के साधन बढ़ाने के लिए इंटरनेट एक माध्यम

टेबल ऑफ कंटेन्ट

यह एक प्लैटफ़ार्म है जो बहुत से लोगों को उनके शेड्यूल के अनुसार सुविधाजनक लगता है और वे अपने आय के स्रोत बढ़ाने में इंटरनेट द्वारा प्रस्तावित व्यवसाय माध्यमों का उपयोग करते हैं । चूंकि बहुत से लोग अपने इंटरनेट व्यवसायों का उपयोग केवल आय के कई स्रोतों में से एक के रूप में कर रहे हैं, वे इसे केवल अंशकालिक आधार पर करते हैं।

इंटरनेट पर कमाई करने के लिए बहुत सारे विकल्प हैं जिसमें एक You Tube पर विडियो बनाना, एक Affiliate कार्यक्रम में भाग लेना, फ्रीलांस काम के लिए संपर्क बनाना और एक ईबुक लिखना और बेचना शामिल है। इंटरनेट पर व्यवसाय करने का लचीलापन उन लोगों के लिए लाभप्रद साबित हो रहा है, जो अन्य नौकरियों में भी काम करते हैं, अतिरिक्त आय और विशेष रूप से उन लोगों के लिए जिन्हें अपने परिवार के साथ रहते हुए उनकी देखभाल करने की आवश्यकता होती है।

2. पारंपरिक अतिरिक्त आय के साधन

पारंपरिक अतिरिक्त आय प्राप्त करने के लिए आपको पहले अपने धन का कुछ हिस्सा उस क्षेत्र में निवेश करने की जरूरत होती है जैसे यदि आपने अपने मकान का कोई हिस्सा किराए पर देना है तो पहले उस हिस्से का निर्माण करना पड़ेगा, मूलभूत चीजों को उसमे स्थापित करना पड़ेगा तब आपके किसी किराए दार के आने के बाद आपको अतिरिक्त आय का लाभ प्राप्त होगा।

इस विधि द्वारा बहत से लोग कई माध्यमों से अतिरिक्त आय प्राप्त करते हैं , उनमें हैं रियल एस्टेट, एक छोटा स्वतंत्र स्वामित्व वाला व्यवसाय शुरू करना, मेल और फोन-आधारित फ्रीलांस काम और चाइल्ड कैअर शामिल हैं। ऐसे अतिरिक्त आय के स्रोत दीर्घकालिक और स्थायी होते हैं जो आगे चलकर आपके आय का मुख्य स्रोत भी बन सकते हैं।

3. अतिरिक्त आय के साधन जरूरी क्यों है

यदि आप अपने बिलों के बढ़ते ढेर के नीचे नहीं दबना चाहते हो तो आय के कई स्रोतों का उपयोग करने की योजना बना सकते हो, यहाँ याद रखें कि अपनी व्यक्तिगत जरूरतों के बारे में भी सोचना महत्वपूर्ण है। सुनिश्चित करें अतिरिक्त आय कि आपके पास अभी भी सोने, खाने और प्रियजनों के साथ क्वालिटी टाइम बिताने के लिए पर्याप्त समय है। समय की दक्षता बहुत महत्वपूर्ण है, इसलिए घर से मल्टी-टास्किंग करके, केवल एक ही काम पर आने-जाने में कटौती करने के बारे में सोचें। हालांकि यह अकेले एक काम पर निर्भर रहने से कहीं अधिक जटिल है परंतु आय की अन्य स्रोतों का उपयोग करना आपकी वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने का एक प्रभावी तरीका हो सकता है।

दोस्तों आपको यह जानकारी कैसी लगी हमें कमेंट करें और हमारे ब्लॉग में बने रहें । *धन्यवाद*

आपकी अतिरिक्त आय का साधन बन सकता अतिरिक्त आय है बैकयार्ड मुर्गी पालन, लागत कम, मुनाफा ज्यादा, जानिए कैसे?

आपकी अतिरिक्त आय का साधन बन सकता है बैकयार्ड मुर्गी पालन, लागत कम, मुनाफा ज्यादा, जानिए कैसे?

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तेजी से बढ़ती आबादी और घटते रोजगार का समाधान स्वरोजगार अपनाकर किया जा सकता है। पुरातनकाल से भारत को एक कृषि प्रधान देश माना जाता है। यहां की आबादी का एक बड़ा हिस्सा खेती और पशुपालन से अपनी आजीविका का प्रबंध करने में विश्वास रखता था। समय बदलने के साथ लोगों का रुझान नौकरी की तरफ बढ़ने लगा, लेकिन अब फिर से युवा खेती और पशुपालन में काफी हद तक अपनी रुचि दिखा रहे हैं।

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ऐसे में अगर आप भी कम लागत में अधिक मुनाफे वाले व्यवसाय की तलाश में हैं तो बैकयार्ड मुर्गी पालन का व्यवसाय आपकी उम्मीदों पर खरा उतर सकता है। जैसा कि इसके नाम से ही जाहिर है कि बैकयार्ड अर्थात घर के पीछ खाली पड़ी जगह पर आप कुछ मुर्गियों को पालकर उन्हें अपनी आमदनी का जरिया बना सकते हैं।

आप अपनी नौकरी के साथ या कोई अन्य मुख्य काम करते हुए बैकयार्ड मुर्गी पालन को अपनी अतिरिक्त आय का जरिया बना सकते हैं। आज हम आपको बैकयार्ड मुर्गी पालन के बारे कुछ अहम जानकारी देने जा रहे हैं जिससे आपको यह व्यवसाय करने में सहूलियत मिल सकती है।

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जानिए बैकयार्ड मुर्गी पालन के कुछ फायदे

1. लघु सीमांत और भूमिहीन किसानों, जिनके पास बजट कम होता है, वे आसानी से कम लागत में अतिरिक्त पैसे कमा सकते हैं।

2. पोषक तत्वों से भरपूर अंडा प्रोटीन का सबसे अच्छा स्रोत है जो घर-परिवार पोषण स्तर में भी सुधार करता है।

3. रसोई से निकले हुए अवशिष्ट पदार्थ जिन्हें फेंक दिया जाता है, बैकयार्ड मुर्गी पालन में इसका उपयोग मुर्गियों के चारे के लिए किया जा सकता है।

4. घर के आस-पास पड़े खाली स्थानों का सद्पयोग होता है और आर्थिक आवश्यकताओं को पूरी करने में योगदान देता है।

5. देसी मुर्गे-मुर्गी का बाजार मूल्य ज्यादा और मांग भी अधिक होती है।

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अब अगर बात करें इस व्यवसाय को शुरू करने की तो 20 से 30 देसी मुर्गियों से इस व्यवसाय को शुरू किया जा सकता है। इन मुर्गियों के 1 दिन के चूजों की कीमत लगभग 30 से 60 रुपये तक हो सकती है। देसी मुर्गियों में अंडे सेने का गुण होता है, जिसका लाभ यह होता है कि किसानों को बार-बार चूजे खरीदने की आवश्यकता नहीं पड़ती है।

देसी मुर्गी साल में 160 से 180 अंडे देती हैं, जिनका बाजार में मूल्य अधिक होता है। देसी मुर्गी के अंडे की मांग भी बहुत ज्यादा है। आजकल इसको जैविक अंडा के रूप मे इस्तेमाल किया जा रहा है। इसकी कीमत आमतौर पर साधारण अंडे के मुकाबले ज्यादा होती है और इसकी मार्केटिंग मे कोई परेशानी नहीं होती है।

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अब बात आती है कि बैकयार्ड मुर्गी पालन में किस तरह की मुर्गियों को पालें। तो हम आपको बता दें कि बैकयार्ड मुर्गी पालन में असील, कड़कनाथ, ग्रामप्रिया, स्वरनाथ, केरी श्यामा, निर्भीक, श्रीनिधि, वनराजा, कारी उज्जवल और कारी उत्तम जैसी नस्लों की मुर्गियों का पालन किया जा सकता है।

मुर्गी पालन के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने और ई फीड से जुड़ने के लिए अपने मोबाइल में अभी इंस्टॉल करें ई फीड का एप। त्वरित जानकारी के लिए आप ई फीड के टोल फ्री नंबर 18002707065 पर भी कॉल कर सकते हैं।

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अतिरिक्त आय के लिए कॉलेज छात्र करें ये जॉब

अतिरिक्त आय के लिए कॉलेज छात्र करें ये जॉब

अक्सर कॉलेज छात्रों को पैसों की कमी हो जाती है। उनके अतिरिक्त खर्चे बढ़ने के कारण उन्हें अपने निजी खर्चों को प्रबंधित करना काफी मुश्किल हो जाता है। इसलिए उन्हें अतिरिक्त आय अर्जित करने के लिए कुछ पार्ट टाइम जॉब्स करने की आवश्यकता होती है। पार्ट टाइम जॉब्स के तौर पर वे विभिन्न विकल्पों को चुन सकते हैं। इस लेख में हम उन्हीं पार्ट पार्ट टाइम जॉब्स के बारे में चर्चा करेंगे जिन्हें कॉलेज छात्र घर बैठे कर सकते हैं।

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एक छात्र के लिए आर्थिक रूप से स्वतंत्र होने की चाह रखना काफी महत्वपूर्ण है। इसमें कोई संशय नहीं की कॉलेज छात्रों college students के पास अक्सर पैसों की कमी होती है। कॉलेज में जाते ही उनके अतिरिक्त खर्चे बढ़ जाते हैं फिर चाहे वह फीस का भुगतान हो, बिल भरना हो‌ या फिर घूमना फिरना हो, उनके खर्च किसी ना किसी तरह से बढ़ ही जाते हैं। ऐसे में उन्हें कुछ अतिरिक्त ‌आय additional income की ज़रूरत होती है जिससे वे अपने खर्चों को प्रबंधित कर सकें। अतिरिक्त आमदनी के लिए कॉलेज छात्रों के लिए पार्ट टाइम जॉब करना सबसे बेहतरीन उपाय है जिससे वे अपनी पढ़ाई के साथ-साथ आमदनी भी बना सकते हैं। अगर आप भी एक कॉलेज के छात्र हैं और अपने लिए अतिरिक्त आय का साधन ढूंढ रहे हैं तो आज हम आपको कुछ ऐसे ही पार्ट टाइम जॉब के बारे में बताएंगे जिसे आप अपनी कॉलेज की पढ़ाई के साथ कर सकते हैं।

1. ऑनलाइन ट्यूटर Online tutor

कॉलेज छात्रों के लिए शिक्षण एक सबसे अधिक किया जाने वाला काम है। आज के समय में शिक्षा सिर्फ चार दीवारियों तक सीमित नहीं रह गई है। कॉलेज छात्र अपने पार्ट टाइम में ऑनलाइन ट्यूटोरिंग का जॉब सबसे अच्छा विचार हो सकता है। अपने मोबाइल या लैपटॉप की सहायता से छात्र इस काम को कर सकते हैं। यह न केवल आपको अतिरिक्त आय प्रदान करेगा बल्कि कुछ नया सीखने के लिए भी प्रेरित करेगा।

2. कंटेंट लेखक content writer

जो लोग लिखने का शौक रखते हैं वे पार्ट टाइम कंटेंट राइटर बनने के लिए सोच सकते हैं। यह आपको एक अच्छा अनुभव प्रदान करेगा और आगे आपकी करियर में भी सहायक होगा। यह भविष्य में आपके नौकरी पाने की संभावना को बढ़ा सकता है। यह एक आकर्षक पार्ट टाइम जॉब विकल्प हो सकता है। जिसे आप भविष्य में फुल टाइम ले लिए भी कर सकते हैं।

3. ग्राफिक डिजाइनर graphic designer

अगर आप कला में रुचि रखते हैं और अतिरिक्त आय वेबसाइट website, ब्रोशर brochure या विज्ञापन advertisement डिजाइन करना पसंद करते हैं तो ग्राफिक डिजाइन आपके लिए सबसे उत्तम हो सकता है। यह एक लाभदायक पार्ट टाइम जॉब है जो आपको अच्छा पैसे दिला सकता है। अमूमन व्यवसायियों को अपनी वेबसाइट या विज्ञापन डिजाइन करने के लिए उत्कृष्ट डिजाइनरों की आवश्यकता होती है और इसके लिए वह फ्रीलांसरों freelancers को अच्छा भुगतान करने के लिए तैयार रहते हैं।

4. एफिलिएट मार्केटिंग affiliate marketing

अगर आप अपनी पढ़ाई करते हुए अधिक पैसे कमाना चाहते हैं तो एफिलिएट मार्केटिंग सबसे अच्छा विचार है। इसके लिए आप अमेजॉन या फ्लिपकार्ट जैसे एफिलिएट प्रोग्राम से जुड़ सकते हैं। इसके द्वारा आपको सिर्फ उनके उत्पादों को प्रमोट करना होता है। यह अधिकार जोखिम मुक्त काम होता है। यह भी आपके लिए एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है।

5. ऑनलाइन सलाहकार online consultant

अगर आप उनमें से एक है जो किसी विशेष क्षेत्र के बारे में अच्छी जानकारी रखते हैं, तो आप ऑनलाइन सलाहकार बनने का प्रयास कर सकते हैं। यह लगभग ऑनलाइन ट्यूशन के सामान ही है। इसे आप घर बैठे भी कर सकते हैं। यह जॉब विकल्प भी आपके लिए एक अच्छा उपाय हो सकता है।

ऊपर‌ हमने आपको जिन ‌पार्ट‌-टाइम जॉब्स के बारे में बताया जिसे आप अपनी ‌अतिरिक्त आय कमाने के लिए चुन‌ सकते हैं। आशा‌ है कि यह आपके लिए सहायक अतिरिक्त आय होगा।

अतिरिक्त आय के लिये पशुपालन अपनाएं किसान : मंत्री लाखन सिंह यादव

अतिरिक्त आय के लिये पशुपालन अपनाएं किसान : मंत्री लाखन सिंह यादव
भोपाल। मध्यप्रदेश के पशुपालन, मत्स्य विकास एवं मछुआ कल्याण मंत्री श्री लाखन सिंह यादव ने किसानों से कहा है कि पशुपालन अपनाकर अतिरिक्त आय प्राप्त करें। उन्होंने कहा कि पशुधन बीमा योजना लागू होने से पशुपालन व्यवसाय में पशुधन हानि की भरपाई संभव हो गई है। श्री यादव ने बताया कि यह योजना प्रदेश के सभी जिलों में लागू की गई है।

मंत्री श्री यादव ने बताया कि पशुधन बीमा योजना में दुधारू पशु के साथ सभी श्रेणी के पशुधन का भी बीमा कराया जा सकता है। एक हितग्राही अधिकतम 5 पशुओं का बीमा करा सकता है। उन्होंने कहा कि भेड़, बकरी, शूकर आदि में 10 पशुओं की संख्या को एक पशु इकाई माना जाएगा। इससे यह आशय है कि भेड, बकरी एवं शूकर पालक एक बार में 50 पशुओं का बीमा करा सकेंगे। बीमा प्रीमियम पर एपीएल श्रेणी को 50 प्रतिशत तथा बीपीएल, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति श्रेणी के पशुपालकों को 70 प्रतिशत तक अनुदान मिलेगा। शेष राशि हितग्राही द्वारा वहन की जायेगी।

मंत्री श्री लाखन सिंह यादव ने कहा कि बीमा प्रीमियम की अधिकतम दर एक वर्ष के लिये 3 प्रतिशत तथा तीन वर्ष के लिये 7.50 प्रतिशत देय होगी। प्रदेश में वर्तमान में 2.45 प्रतिशत तथा 5.95 प्रतिशत दर लागू है। पशुपालक अपने पशुओं का बीमा एक वर्ष से लेकर तीन वर्ष तक के लिये करा सकेंगे।

मंत्री श्री यादव ने बताया कि बीमित पशुओं के पालकों को पशु की मृत्यु की सूचना 24 घंटे के भीतर बीमा कंपनी को देना होगी। पशुपालन विभाग के चिकित्सक शव का परीक्षण करेंगे और रिपोर्ट में मृत्यु के कारणों का उल्लेख करेंगे। बीमा कंपनी को अधिकारी एक माह के अंदर दावे संबंधी प्रपत्र प्रस्तुत करेंगे। उसके बाद कंपनी 15 दिन में दावे का निराकरण करेगी।

सूकरपालन किसानों के अतिरिक्त बेहतर आय का सुगम साधन : डॉ सुशील प्रसाद

बिरसा कृषि विश्वविद्यालय एवं आईसीएआर-भारतीय कृषि जैविक प्रोद्योगिकी संस्थान, रांची के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित 5 दिवसीय सूकरपालन प्रशिक्षण कार्यकम का समापन मंगलवार को हुआ। सूकरपालन की वैज्ञानिक विधि विषयक इस प्रशिक्षण में झारखंड के सिमडेगा, गुमला, खूंटी एवं रांची जिले, उड़ीसा के राउरकेला और बिहार के नवादा जिले के 50 किसानों ने भाग लिया।

बतौर मुख्य अतिथि डीन वेटनरी डॉ सुशील प्रसाद ने कहा की झारखंड के ग्रामीण परिस्थिति में सूकरपालन किसानों के लिए अतिरिक्त आय ओर बेहतर आय का सुगम व्यवसाय साबित हो रहा है। सूकरपालन का वैज्ञानिक विधि से प्रबंधन से कम लागत में अधिक आय ली जा सकती है। सूकर व्यवसाय की सफलता उसकी उत्पादन क्षमता एवं आहार प्रबंधन पर निर्भर करती है। सस्ता संतुलित एवं पोष्टिक आहार सूकरों को छोटे उम्र से ही उपलब्ध कराकर किसान अधिक से अधिक लाभ ले सकते है।

उन्होंने प्रतिभागियों से प्रशिक्षण के अनुभवों को साझा किया। कहा कि इस उद्यम में किसी भी समस्या के समाधान के लिए किसी समय सबंधित वैज्ञानिक से परामर्श हासिल कर सकते है। मौके पर सभी प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र प्रदान किया।

स्वागत में प्रशिक्षण समन्यवयक डॉ आलोक कुमार पांडेय ने पूरे प्रशिक्षण के विषयों का सार प्रस्तुत किया। धन्यवाद विषय विशेषज्ञ डॉ रविन्द्र कुमार ने दी। मौके पर डॉ पंकज कुमार, वीरेंद्र कुमार साह एवं अमित बैठा भी मौजूद थे।

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