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दिन के अंत में समाप्ति के साथ विकल्प

दिन के अंत में समाप्ति के साथ विकल्प
वासन ने आगे कहा, ‘आपके सामने कप्तान के दो विकल्प हैं- हार्दिक पंड्या और ऋषभ पंत.’ भारत की सेमीफाइनल में हार पर बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘मुझे अभी तक समझ नहीं आ रहा कि क्या हुआ. मुझे लग रहा था कि भारत ने ऐडिलेड में बल्लेबाजी की और इंग्लैंड ने शारजाह में.’

क्या है Bankruptcy? किसी कंपनी या व्यक्ति को कब दिवालिया घोषित किया जाता है- जानिए सबकुछ

बैंकरप्सी (Bankruptcy) को एक लीगल कंडीशन के रूप में देख सकते है. जिसमें कोई इंसान या बिजनेस अपने कर्ज को चुकाने में सक्षम नहीं होता. ज्यादातर कंडीशन में इसे लोन को देने वाला शुरु करता है. जिसे कोर्ट के आदेश पर घोषित किया जाता है. इसको इस तरह से समझ सकते हैं, कोई एक इंसान या बिजनेस खुद को कॉर्पोरेट या इंडिविजुअल बैंकरप्सी के तहत दिवालिया होने की घोषणा कर सकता है. भारत की कानूनी प्रणाली में बैंकरप्सी का कानून, सेशन बोनारम के रोमन प्रिंसिपल पर आधारित है. जिसका मतलब है डेटर अपने क्रेडिटर के फायदे के लिए इम्युनिटी के बदले अपने सामान को सरेंडर करता है. इस लॅा को ब्रिटिश इंडिया में लाया गया था. इसमें दो कानून हैं जो कंज्यूमर इनसॉल्वेंसी से निपटते हैं. इसे द प्रेसीडेंसी-टाउन इन्सॉल्वेंसी एक्ट ऑफ 1909 (The Presidency-Towns Insolvency Act of 1909) और द प्रोविंशियल इनसॉल्वेंसी एक्ट ऑफ़ 1920 (The Provincial Insolvency Act of 1920) के माध्यम से एप्लाई किया गया था. वहीं कॉरपोरेट इनसॉल्वेंसी को कंपनी एक्ट 1956 के तहत डील किया जाता है.

बिजनेस के लिए इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड 2016

इसमें ये माना गया है कि कॉरपोरेट देनदारों के लिए इनसॉल्वेंसी प्रक्रिया शुरू करने के लिए कम से कम 100,000 रुपये का डिफॉल्ट होना चाहिए.

इसमें न्यूनतम डिफॅाल्ट की राशि 1000 रुपये है. इस तरह के व्यक्तियों और अनलिमिटेड पर्टनरशिप के सभी मामलों पर इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड लागू होता है.

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T20 में रोहित शर्मा का दौर खत्म हो चुका है, नए युग में लेकर जाएंगे ये दो खिलाड़ी: पूर्व क्रिकेटर

Published: November 15, 2022 12:59 PM IST

T20 में रोहित शर्मा का दौर खत्म हो चुका है, नए युग में लेकर जाएंगे ये दो खिलाड़ी: पूर्व क्रिकेटर

टी20 वर्ल्ड कप में भारतीय टीम के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद अब टीम इंडिया में बदलाव की बात शुरू हो गई है. सुनील गावस्कर से लेकर कपिल देव तक यह बात कह चुके हैं कि अब भारत को अगले वर्ल्ड कप की तैयारी के लिए किसी युवा खिलाड़ी के नेतृत्व में युवा खिलाड़ियों की टीम तैयार की जाए. इस कड़ी में टीम इंडिया के पूर्व तेज गेंदबाज अतुल वासन भी शामिल हो गए हैं. उन्होंने कहा कि अब क्रिकेट के इस सबसे छोटे फॉर्मेट में रोहित शर्मा के दौर का अंत हो गया है.

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ऑस्ट्रेलिया में आयोजित हुए इस टी20 वर्ल्ड कप में भारतीय टीम ने सुपर 12 राउंड में बेहतरीन खेल दिखाया था. उसने अपने 5 में 4 मुकाबले जीतकर ग्रुप 2 में पहले स्थान पर रहते हुए सेमीफाइनल में जगह पक्की की थी. लेकिन एडिलेड में इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए सेमीफाइनल में टीम इंडिया बेहद साधारण साबित हुई और उसे इंग्लैंड के खिलाफ 10 विकेट से हार का सामना करना पड़ा.

इस हार के बाद भारतीय टीम के टॉप ऑर्डर पर गहरे सवाल उठे हैं. टीम इंडिया ने इस पूरे टूर्नामेंट में पावरप्ले में बहुत ही निराशाजनक प्रदर्शन किया. भारत ने पावरप्ले में सबसे ज्यादा 46 रन बनाए और वह भी नीदरलैंड जैसी कमजोर टीम के सामने. भारतीय टीम पर पुराने ढर्रे का टी20 इंटरनैशनल क्रिकेट खेलने का आरोप लगा.

इस हार के बाद कई पूर्व क्रिकेटर भारतीय टीम में बदलाव की बात रहे हैं. कहा जा रहा है कि रोहित शर्मा अब 35 साल के हो चुके हैं और अगला वर्ल्ड कप यहां से 2 साल दूर है तो ऐसे में रोहित शर्मा के नेतृत्व में इस वर्ल्ड कप की प्लानिंग करने का कोई मतलब नहीं है.

क्या है Bankruptcy? किसी कंपनी या व्यक्ति को कब दिवालिया घोषित किया जाता है- जानिए सबकुछ

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Zee Business हिंदी 1 दिन पहले ज़ीबिज़ वेब टीम

बैंकरप्सी (Bankruptcy) को एक लीगल कंडीशन के रूप में देख सकते है. जिसमें कोई इंसान या बिजनेस अपने कर्ज को चुकाने में सक्षम नहीं होता. ज्यादातर कंडीशन में इसे लोन को देने वाला शुरु करता है. जिसे कोर्ट के आदेश पर घोषित किया जाता है. इसको इस तरह से समझ सकते हैं, कोई एक इंसान या बिजनेस खुद को कॉर्पोरेट या इंडिविजुअल बैंकरप्सी के तहत दिवालिया होने की घोषणा कर सकता है. भारत की कानूनी प्रणाली में बैंकरप्सी का कानून, सेशन बोनारम के रोमन प्रिंसिपल पर आधारित है. जिसका मतलब है डेटर अपने क्रेडिटर के फायदे के लिए इम्युनिटी के बदले अपने सामान को सरेंडर करता है. इस लॅा को ब्रिटिश इंडिया में लाया गया था. इसमें दो कानून हैं जो कंज्यूमर इनसॉल्वेंसी से निपटते हैं. इसे द प्रेसीडेंसी-टाउन इन्सॉल्वेंसी एक्ट ऑफ 1909 (The Presidency-Towns Insolvency Act of 1909) और द प्रोविंशियल इनसॉल्वेंसी एक्ट ऑफ़ 1920 (The Provincial Insolvency Act of 1920) के दिन के अंत में समाप्ति के साथ विकल्प माध्यम से एप्लाई किया गया था. वहीं कॉरपोरेट इनसॉल्वेंसी को कंपनी एक्ट 1956 के तहत डील किया जाता है.

क्या है बैंकरप्सी एक्ट

काफी समय से व्यापार के दिवालिया होने से लेकर व्यक्तियों के बैंकरप्ट होने से रिलेटेड कई पुराने कानूनों में सुधार की जरुरत देखी जा रही थी. इस कारण भारत सरकार ने इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड 2016 पेश किया. इसके तहत पुराने कानूनों को बदल दिया गया. इसमें व्यक्तियों, कंपनियों, सीमित देयता भागीदारी और साझेदारी फर्मों को भी शामिल किया गया है. इसके लागू होने से पहले खुद को दिवालिया घोषित करने और कंपनी को बंद करने की प्रोसेस काफी लंबी थी. लेकिन इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड 2016 के आने के बाद ये Debt Recovery Tribunal के तहत इंडिविजुअल और पर्टनरशिप फर्मों के लिए फैसला करता है. जबकि राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (The National Company Law Tribunal) कंपनियों और लिमिटेड लाएबिलिटी पार्टनरशिप के मामलों में फैसला करता है.

इसमें ये माना गया है कि कॉरपोरेट देनदारों के लिए इनसॉल्वेंसी प्रक्रिया शुरू करने के लिए कम से कम 100,000 रुपये का डिफॉल्ट होना चाहिए.

इंडिविजुअल के लिए इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड 2016

इसमें न्यूनतम डिफॅाल्ट की राशि 1000 रुपये है. इस तरह के व्यक्तियों और अनलिमिटेड पर्टनरशिप के सभी मामलों पर दिन के अंत में समाप्ति के साथ विकल्प इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड लागू होता है.

Zee Business Hindi Live TV यहां देखें

T20 में रोहित शर्मा का दौर खत्म हो चुका है, नए युग में लेकर जाएंगे ये दो खिलाड़ी: पूर्व क्रिकेटर

Published: November 15, 2022 12:59 PM IST

T20 में रोहित शर्मा का दौर खत्म हो चुका है, नए युग में लेकर जाएंगे ये दो खिलाड़ी: पूर्व क्रिकेटर

टी20 वर्ल्ड कप में भारतीय टीम के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद अब टीम इंडिया में बदलाव की बात शुरू हो गई है. सुनील गावस्कर से लेकर कपिल देव तक यह बात कह चुके हैं कि अब भारत को अगले वर्ल्ड कप की तैयारी के लिए किसी युवा खिलाड़ी के नेतृत्व में युवा खिलाड़ियों की टीम तैयार की जाए. इस कड़ी में टीम इंडिया के पूर्व तेज गेंदबाज अतुल वासन भी शामिल हो गए हैं. उन्होंने कहा कि अब क्रिकेट के इस सबसे छोटे फॉर्मेट में रोहित शर्मा के दौर का अंत हो गया है.

Also Read:

ऑस्ट्रेलिया में आयोजित हुए इस टी20 वर्ल्ड कप में भारतीय टीम ने सुपर 12 राउंड में बेहतरीन खेल दिखाया था. उसने अपने 5 में 4 मुकाबले जीतकर ग्रुप 2 में पहले स्थान पर रहते हुए सेमीफाइनल में जगह पक्की की थी. लेकिन एडिलेड में इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए सेमीफाइनल में टीम दिन के अंत में समाप्ति के साथ विकल्प इंडिया बेहद साधारण साबित हुई और उसे इंग्लैंड के खिलाफ 10 विकेट से हार का सामना करना पड़ा.

इस हार के बाद भारतीय टीम के टॉप ऑर्डर पर गहरे सवाल उठे दिन के अंत में समाप्ति के साथ विकल्प हैं. टीम इंडिया ने इस पूरे टूर्नामेंट में पावरप्ले में बहुत ही निराशाजनक प्रदर्शन किया. भारत ने पावरप्ले में सबसे ज्यादा 46 रन बनाए और वह भी नीदरलैंड जैसी कमजोर टीम के सामने. भारतीय टीम पर पुराने ढर्रे का टी20 इंटरनैशनल क्रिकेट खेलने का आरोप लगा.

इस दिन के अंत में समाप्ति के साथ विकल्प हार के बाद कई पूर्व क्रिकेटर भारतीय टीम में बदलाव की बात रहे हैं. कहा जा रहा है कि रोहित शर्मा अब 35 साल के हो चुके हैं और अगला वर्ल्ड कप यहां से 2 साल दूर है तो ऐसे में रोहित शर्मा के नेतृत्व में इस वर्ल्ड कप की प्लानिंग करने का कोई मतलब नहीं है.

नारीवादी संघर्षों को नुकसान पहुंचा रहे हिन्दुत्ववादी, ‘लव जेहाद’ के सांप्रदायिक दलदल से लड़ना जरूरी

फोटो: सोशल मीडिया

एक ओर जहां पुलिस और अभियोजन पक्ष श्रद्धा के साथी और हत्यारे को दोषी ठहराने के लिए सबूत इकट्ठा करने में जुटे हैं, आम लोग सदमे, हैरानी और गुस्से के मिलेजुले भाव में हैं। इसके साथ ही यह सवाल भी उठता है कि इससे बचने का उपाय क्या था? क्या महिलाओं के खिलाफ इस तरह की हत्या और हिंसा को रोका जा सकता है? इस मामले में समाज और संस्थाएं क्या कर सकती हैं?

समय पर कार्रवाई: मैंने ऐसे तमाम सोशल मीडिया पोस्ट पढ़े हैं जिन पर विश्वास करना मुश्किल हो रहा है। इन पोस्ट में कहा गया है दिन के अंत में समाप्ति के साथ विकल्प कि श्रद्धा और आफताब में प्यार था, वे कई सालों से साथ रह रहे थे और एक दिन जब श्रद्धा ने शादी की बात की तो आफताब ने अचानक गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी। मुझे यकीन है, यह ‘अचानक’ नहीं हुआ होगा। आम तौर पर बॉय दिन के अंत में समाप्ति के साथ विकल्प दिन के अंत में समाप्ति के साथ विकल्प फ्रेंड/पति औरत को लंबे समय तक प्रताड़ित करने के बाद ही उसकी हत्या करते हैं। औरत को घरेलू हिंसा के रूप में इसका संकेत काफी पहले से मिलने लगता है और समय पर होशियार हो जाने से औरत की जान बच सकती है। अफसोस की बात है कि घरेलू हिंसा को आम तौर पर ‘निजी मामला’ या फिर यह मानकर कि ‘प्रेमी जोड़ा’ झगड़ रहा है, ज्यादातर लोग इसमें नहीं पड़ते हैं और न ही इसकी रिपोर्ट करते हैं।

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