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कौन भारतीय बिटकॉइन वॉलेट

कौन भारतीय बिटकॉइन वॉलेट
अपने वाहनों पर लगे फास्टटैग को आप मोबाइल वॉलेट के साथ साथ क्रिप्टोकरंसी से भी रिचार्ज कर सकेंगे। (Photo Source – PTI)

क्रिप्टो बैन: सही कदम या भूल

भारत में इन दिनों क्रिप्टोकरेंसी को लेकर चर्चा हरेक की जुबान पर है भले ही उसने इसमें कभी निवेश किया हो या नहीं. अब सरकार इस पर कानून लाने वाली है, लेकिन यह काम भी बड़ा उलझन भरा है. जाानिए क्यों?

भारतीय संसद के इस हफ्ते शुरू हुए शीतकालीन सत्र की खास बात कृषि या विकास संबंधी परियोजनाएं न होकर एक ऐसी करेंसी या मुद्रा रही जो न देखी जा सकती है, न छुई जा सकती है और जिसकी कीमत तेजी से घटती-बढ़ती रहती है. इसे क्रिप्टोकरेंसी या डिजिटल करेंसी कहते हैं, जिस पर सरकार या बैंक का नियंत्रण नहीं होता है. यह करेंसी ब्लॉकचेन तकनीक पर बनी होती है, जो किसी डेटा को डिजिटली सहेजता है.

अब जो करेंसी किसी के नियंत्रण में नहीं है, उस पर सरकार कानून कैसे ला सकती है? इसका जवाब हां और ना दोनों है. भले ही सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कोई कानून न बनाया हो, लेकिन भारत का आयकर विभाग क्रिप्टो निवेश पर होने वाली इनकम पर टैक्स लेता है. हालांकि क्रिप्टो टैक्स के नियम ज्यादा साफ नहीं हैं, लेकिन अगर किसी निवेश पर टैक्स लिया जा रहा है तो इसका मतलब है कि सरकार उसे आय का स्रोत मान रही है.

दूसरा पक्ष यह है कि सरकार इसे पेमेंट का माध्यम मानने से इनकार कर रही है. हाल ही में संसद की ओर से जारी एक बुलेटिन में कहा गया कि बिटकॉइन या इथेरियम जैसी अन्य क्रिप्टोकरेंसी को करेंसी का दर्जा नहीं दिया जा सकता है. यानि इनसे कोई भी दूसरा सामान नहीं खरीदा जा सकेगा.

नुकसानदेह हो सकता है सरकार का रवैया

सरकार की यह हिचक लंबे अर्से में नुकसान ही कराएगी क्योंकि कई छोटे-बड़े देशों ने क्रिप्टोकरेंसी को पेमेंट का माध्यम मान लिया है. मसलन, अमेरिका स्थित दुनिया के सबसे बड़े मूवी थिएटर चेन एएमसी ने कुछ क्रिप्टोकरेंसी से पेमेंट किए जाने को मंजूरी दे दी है. वहीं, कोरोना महामारी से बुरी तरह तबाह हो चुके टूरिज्म बिजनेस को दोबारा खड़ा करने के लिए थाइलैंड ने क्रिप्टो निवेशकों का स्वागत करते हुए कहा है कि वे उनके यहां आकर क्रिप्टो के जरिए सामान खरीद सकते हैं.

प्राइवेट बैंकों ने तो एटीएम भी लगा रखा हैतस्वीर: Christian Beutler/picture alliance/KEYSTONE/dpa

हालांकि, भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसी को एसेट क्लास यानि स्टॉक, बॉन्ड जैसा मानने को तैयार दिख रही है. इसका मतलब है कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी को करेंसी न मानकर निवेश का माध्यम मानने को तैयार है. संसद की ओर से जारी बुलेटिन की एक अन्य टिप्पणी भी भ्रम पैदा करने वाली है. सरकार ने कहा है कि वह प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगा देगी. यह प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी आखिर है क्या? सरकार ने इसे लेकर कोई व्याख्या नहीं दी है. क्रिप्टो जगत में प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी जैसी कोई चीज होती ही नहीं है क्योंकि सारी क्रिप्टोकरेंसी ‘प्राइवेट' ही हैं, ‘पब्लिक' या सरकार के नियंत्रण में तो हैं नहीं.

ब्लॉकचेन तकनीक से परहेज नहीं

एक अन्य मुद्दा जिस पर सरकार का रुख कन्फ्यूज कर रहा है वह है डिजिटल रुपये. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को ब्लॉकचेन तकनीक भा गई है क्योंकि इसकी वजह से रिकॉर्ड को सहेजना और करेंसी को जारी करना आसान है. सरकार को भले क्रिप्टोकरेंसी से दिक्कत हो, लेकिन वह खुद रुपये को डिजिटली जारी करना चाहती है. यानि हो सकता है कि भारतीय रुपया जल्द ही बिटकॉइन या डॉजकॉइन की तरह डिजिटल हो जाए.

हाल के दिनों में सरकार के रवैये ने आम भारतीय क्रिप्टो निवेशकों को खूब छकाया. भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज जैसे वजीरएक्स और कॉइनडीसीएक्स पर निवेशकों ने जल्दबाजी में अपनी करेंसी बेच डाली. पुराने और मंझे हुए क्रिप्टो निवेशकों ने इसका फायदा उठाया और गिरे हुए भाव पर दाव लगाकर क्रिप्टोकरेंसी को अपनी झोली में डाल लिया. ऐसा ही होता है क्रिप्टोकरेंसी बाजार में, जहां कीमत के गिरने का इंतजार कर रहे निवेशक झट से पैसे लगाकर प्रॉफिट लेकर चले जाते हैं.

कंपनियों को सरकार के फैसले का इंतजार

भारत में स्थित क्रिप्टो कंपनियां फिलहाल सरकार के बिल लाने का इंतजार कर रही हैं. वह कई वर्षों से सरकार के साथ बातचीत कर रही थीं क्योंकि उन्हें मालूम है कि रेगुलेशन और कानून आने से उन्हीं का फायदा होगा और क्रिप्टो को लेकर आम लोगों में विश्वास जगेगा. यही वजह है कि क्रिप्टो बिल को लेकर तमाम अटकलों के बावजूद अरबों की संपत्ति वाला क्रिप्टो एक्सचेंज कॉइनडीसीएक्स अब अपना आईपीओ शेयर बाजार में लाने वाला है. आईपीओ के जरिए उसे विस्तार मिलेगा और वह आम लोगों में अपने शेयर बेचकर धन की उगाही कर सकेगा.

कई देशों में बिटकॉइन के प्रचार की कोशिशें हो रही हैंतस्वीर: Salvador Melendez/AP Photo/picture alliance

भारत को लेकर बड़ी कंपनिया आश्वस्त हैं कि यहां चीन की तरह क्रिप्टो पर बैन लगाकर तानाशाही नहीं चलेगी. एनालिटिक फर्म चेनएनालिसिस ने भी भारत को क्रिप्टो का हब करार दिया है, जो बिना किसी गाइडलाइंस के देश ने हासिल किया है. यह बड़ी उपलब्धि है और सरकार को इसे गंवाना नहीं चाहिए.

फिलहाल सरकार को ब्लॉकचेन तकनीक से कोई दिक्कत नहीं, न ही क्रिप्टोकरेंसी इनकम पर मिलने वाले टैक्स से. लेकिन विडंबना यह है कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाने को भी आतुर है. यह वही बात हो गई है कि कमरे में हाथी रखा है और सबने उसकी अपनी तरह से व्याख्या की है. भारत सरकार को क्रिप्टोकरेंसी पर व्यापक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए. एक ऐसा देश जो आईटी सेक्टर का हब हो, जहां 50 करोड़ इंटरनेट यूजर्स हो और जिसने डिजिटल इंडिया का ख्बाव देखा हो, वह ब्लॉकचेन और क्रिप्टोकरेंसी के उदय के दौर में पिछड़ कर रह जाएगा.

ये भी देखिए: बिटकॉइन कैसे काम करता है और यह किस काम आता है

अब बिटकॉइन से भी रिचार्ज किए जा सकेंगे गाड़ियों के फास्टैग, इस भारतीय स्टार्टअप ने दी सुविधा

डिजिटल करंसी का उपयोग दुनिया में बढ़ता जा रहा है। एलन मस्क और जेफ बेजोस जैसे दुनिया के नामी व्यापारी इसकी तरफदारी भी कर रहे हैं। भारत में भी इसका उपयोग और दायरा बढ़ रहा है। एक स्टार्टअप ने तो क्रिप्टोकरंसी से गाड़ियों का फास्टैग रिचार्ज करने की सुविधा भी शुरू कर दी है।

अब बिटकॉइन से भी रिचार्ज किए जा सकेंगे गाड़ियों के फास्टैग, इस भारतीय स्टार्टअप ने दी सुविधा

अपने वाहनों पर लगे फास्टटैग को आप मोबाइल वॉलेट के साथ साथ क्रिप्टोकरंसी से भी रिचार्ज कर सकेंगे। (Photo Source – PTI)

अगर आपके पास चार पहिया या उससे बड़ा वाहन है तो निश्चित तौर पर आपने भी टोल नाकों पर पेमेंट करने के लिए फास्टैग लगावाया होगा। अभी तक इसे मोबाइल वॉलेट या ई-बैंकिंग द्वारा रिचार्ज किया जाता है। लेकिन एक देसी क्रिप्टो स्टार्टअप ने बिटकॉइन (Bitcoin) के जरिए फास्टैग (Fastag) को रिचार्ज करने की सुविधा शुरू की है।

100 रुपए से 10 हजार तक का रिचार्ज
भारत के सबसे पहले क्रिप्टो स्टार्टअप में से कौन भारतीय बिटकॉइन वॉलेट एक यूनोकॉइन (Unocoin) ने हाल ही में एक ब्लॉग पोस्ट में फास्टैग रिचार्ज के बारे में बताया है। पोस्ट के मुताबिक उनके ऐप में एक नया फीचर जोड़ा गया है। इसके तहत यूजर अपने खाते में रखे बिटकॉइन का इस्तेमाल कर फास्टैग को रिचार्ज कर सकते हैं। कंपनी का कहना है कि यदि यह प्रयोग सफल रहेगा तो भविष्य में बिटकॉइन के अलावा अन्य क्रिप्टोकरेंसी (Cryptos) को भी इसमें शामिल किया जा सकता है।

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कंपनी ने ब्लॉग पोस्ट में बताया कि यूजर फिलहाल कम से कम 100 रुपये और अधिकतम 10 हजार रुपये के बिटकॉइन का इस्तेमाल कर पाएंगे। इसके लिए यूनोकॉइन पर खरीदे गए बिटकॉइन के साथ ही अन्य वॉलेट से ट्रांसफर किए गए क्रिप्टो का भी इस्तेमाल किया जा सकेगा।

एक जनवरी से अनिवार्य हो चुका है Fastag
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने हाईवे पर टोल जमा करने की प्रक्रिया को इलेक्ट्रॉनिक बनाने के लिए फास्टैग की शुरुआत की है। इसे इसी साल जनवरी से सभी वाहनों के लिए अनिवार्य कर दिया गया है।

कंपनी ने बताया कि वह बिटकॉइन से फास्टैग रिचार्ज करने में सिर्फ मध्यस्थ की भूमिका निभाएगी। कंपनी यूजर के बिटकॉइन को रुपये में बदलकर आगे भुगतान प्रोसेस करेगी। यूजर को इस प्रक्रिया में बिटकॉइन के उस समय के रेट के हिसाब से रुपये मिलेंगे।

Unocoin के 14 लाख यूजर
यूनोकॉइन के संस्थापक सात्विक विश्वनाथ बताते हैं कि अभी उनकी कंपनी के पास करीब 14 लाख यूजर हैं। यूनोकॉइन ने डोमिनोज, कैफे कॉफी डे, बास्किन रॉबिन्स जैसी कंपनियों के साथ भी गठजोड़ किया है। कंपनी अपने यूजर को बिटकॉइन बेचकर इनके बदले गिफ्ट कार्ड्स खरीदने की सुविधा भी दे रही है। इस तरह यूनोकॉइन के यूजर क्रिप्टो से पिज्जा से लेकर कॉफी और आइसक्रीम तक खरीद सकते हैं।

बिटकॉइन (Bitcoin) मुद्रा क्या है और कैसे काम करती है?

वर्तमान समय में सबसे ज्यादा चर्चा में रहने वाली मुद्रा बिट कॉइन (Bitcoin) है. बिटकॉइन डिजिटल मुद्रा का एक रूप है सरल शब्दों में, यह एक गणितीय संरचना है जो एल्गोरिदम पर चलता है. इसे किसने विकसित किया था इसके बारे में कोई भी ठोस सबूत नही है लेकिन छदम रूप से इसके संस्थापक का नाम ‘सोतशी नाकामोतो’ माना जाता हैl जिस तरह रुपए, डॉलर और यूरो खरीदे जाते हैं, उसी तरह बिटकॉइन की भी खरीद होती है। ऑनलाइन भुगतान के अलावा इसको पारम्परिक मुद्राओं में भी बदला जाता है.

Bitcoin currency

बिटकॉइन एक तरह की एक डिजिटल मुद्रा (digital currency) और स्वतन्त्र मुद्रा है | इस पर किसी भी संस्था या देश का अधिकार नहीं है| इसका मालिक, भौतिक (physical) रूप से चीजों की खरीदारी नहीं कर सकता बल्कि बिटकॉइन का उपयोग ऑनलाइन ही क्या जा सकता है.

इसका अधिग्रह होने पर अधिकारी सिर्फ ऑनलाइन शॉपिंग या हस्तांतरण के लिए इसका उपयोग कर सकते हैं| इसका उत्पादन स्वतन्त्र रूप से कंप्यूटर प्रोसेसिंग प्रणाली “Mining” के द्वारा किया जाता है| Miners विशेष प्रकार के हार्डवेयर का उपयोग करके विभिन्न प्रकार के लेन देन को पूरा करते है और नेटवर्क को सुरक्षित करते है जिनके बदले में नए बिटकॉइन बनते कौन भारतीय बिटकॉइन वॉलेट है जो miners को मिलते है|

जिस तरह रुपए, डॉलर और यूरो खरीदे जाते हैं, उसी तरह बिटकॉइन की भी खरीद होती है। ऑनलाइन भुगतान के अलावा इसको पारम्परिक मुद्राओं में भी बदला जाता है। बिटकॉइन की खरीद-बिक्री के लिए एक्सचेंज भी हैं, लेकिन उसका कोई औपचारिक रूप नहीं है। जबकि गोल्‍डमैन साक्‍स और न्‍यूयॉर्क स्‍टॉक एक्‍सचेंज तक ने इसे बेहद तेज और कुशल तकनीक कहकर इसकी तारीफ की है।

इसलिए दुनियाभर के बिजनेसमैन और कई कंपनियां फाइनैंशियल ट्रांजेक्‍शन के लिए इसका इस्‍तेमाल खूब कर रहे हैं। इसे किसने विकसित किया था इसके बारे में कोई भी ठोस सबूत नही है लेकिन छदम रूप से इसके संस्थापक का नाम सोतशी नाकामोतो माना जाता हैl

(बिटकॉइन के संस्थापक सोतशी नाकामोतो)

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Image source:Daily Mail

1- इसकी शुरुआत 3 जनवरी 2009 को हुई थी।

2- यह विश्व का प्रथम पूर्णतया खुला भुगतान तंत्र है।

3- इस समय दुनिया भर में 1 करोड से अधिक बिटकाइन हैं, जिनका मूल्य 55 हज़ार करोड रुपए है।

बिटकॉइन का इस्तेमाल कौन कर रहा है ?

दुनिया का पहला ओपन पेमेंट नेटवर्क बिटकॉइन चर्चा में है। क्‍योंकि, फाइनैंशियल ट्रांजैक्‍शन के लिए यह सबसे तेज और कुशल मानी जा रही है। इसलिए बिटकॉइन को वर्चुअल करंसी भी कहा जाता है।

दरअसल बिटकॉइन एक नई टेक्नोलॉजी है जि‍सका इस्तेमाल ग्लोबल पेमेंट के लिए किया जा सकता है। हजारों कंपनियों, लोगों और गैर लाभकारी संगठन ने ग्लोबल बिटकॉइन सिस्टम को अपनाया है। हालांकि इस मुद्रा का व्यापार, निर्माण और नियंत्रण अन्य बिटकॉइन उपयोगकर्ताओं द्वारा किया जाता है l

कोई केंद्रीय संस्था नहीं है

बिटकॉइन को किसी संस्था द्वारा नियंत्रित नही किया जाता है जिसका अर्थ है कि इसके ऊपर सरकार या बैंक का कोई अधिकार नही हैl इनका उपयोग या खरीदारी किसी के द्वारा भी की जा सकती हैl चूंकि इनके व्यापार को रोका नही जा सकता है इसलिए कोई भी बैंक या प्राधिकरण आपको इंटरनेट द्वारा किसी और को अपने बिटकॉन्स भेजने से रोक नही सकता है। लेकिन इसमें एक दुविधा यह भी है कि यदि आपके साथ कोई धोखा होता है तो आप किसी के पास भी इसके बारे में शिकायत दर्ज नही करा सकते हैं l

इसका मूल्य कितना होता है ?

दुनिया भर में Bitcoins के वितरण की सीमा मात्र 210,00000 है यानि कि कुल मिलकर पूरे विश्व में 210,00000 ही बनाए जाएँगे उसके बाद इसका उत्पादन बंद हो जाएगा| कुछ ऐसी भी मूलभूत प्रक्रियाएं हैं जो इसे जटिल बनाती हैं और अधिकृत व्यक्ति को इसे समझने के लिए तकनीकी जानकारी होना आवश्यक हो जाता हैl

जैसा कि पहले ही बताया गया है कि यह एक छदम मुद्रा है जिसने 2013 में बहुत प्रसिद्धि पाकर अंतरराष्ट्रीय बाजार में उठा पटक मचा दी थी l दरअसल तीन साल पहले वजूद में आई बिटकॉइन दुनिया की सबसे महंगी करंसी बन गई है। इस समय एक बिटकॉइन को ऑनलाइन या बाजार में तकरीबन 790676 रुपये में बेचा जा सकता है। इसका मूल्य इसकी मांग और पूर्ती के बीच के समन्वय पर पड़ता है या खरीदने वाला जितना मूल्य देने को तैयार हो जाये l

(वर्तमान में बिट कॉइन का मूल्य इस प्रकार है)

bitcoin price 2017

इसकी कीमत हर देश में अलग अलग होती हैl चूँकि इसका चलन विश्व बाज़ार में है, इसलिए इसकी कीमत हर देश में इसकी मांग के अनुसार होती है| इस समय एक बिटकॉइन का खरीदी मूल्य 790676 रूपए है वहीँ अमेरिका में एक बिटकॉइन की कीमत $604 है आज बिटकॉइन का चलन विश्व बाज़ार में बहुत तेज़ी पर हैl लेकिन इस बाजार में अस्थिरता बहुत अधिक होती हैl

बिटकॉइन की बिक्री और खरीद कैसे की जाती है?

डिजिटल करंसी बिटकॉइन का उपयोग करने वाले बिजनेसमैन की संख्‍या लगभग 30 लाख बताई जा रही है और जूपिटर रिसर्च के मुताबिक यह संख्‍या 2019 तक 50 लाख तक पहुंच सकती है।

बिटकॉइन को हासिल करने के लिए आपको बहुत मेहनत करने की ज़रूरत नहीं है आप खनन (mining ) जैसे विभिन्न तरीकों के माध्यम से डिजिटल मुद्रा कमा सकते हैं ( बिटकॉइन की संरचना करने के लिए एक विशेष सॉफ़्टवेयर की मदद ली जा सकती है जिसे बिटकॉइन बनाने वाला सॉफ्टवेयर कहा जाता (Bitcoin Miner) है l यह सॉफ्टवेयर बिटकॉइन नेटवर्क में आपके लिए एक जगह को सुरक्षित कर लेगाl

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Image source:How-To Geek

कम्प्यूटर नेटवर्कों के जरिए इस मुद्रा से बिना किसी माध्यम के ट्रांजेक्‍शन किया जा सकता है। वहीं, इस डिजिटल करंसी को डिजिटल वॉलेट में रखा जाता है। बिटकॉइन को क्रिप्टोकरेंसी भी कहा जाता है। जबकि जटिल कम्‍प्‍यूटर एल्गोरिथम्स और कम्‍प्‍यूटर पावर से इस मुद्रा का निर्माण किया जाता है जिसे माइनिंग कहते हैं।

बिटकॉइन को किसी को अपनी सेवा देकर भी सैलरी के रूप में कमाया जा सकता है l यदि आप चाहें तो इसे वास्तविक मुद्रा जैसे डॉलर और यूरो से भी बदल सकते हैं l

साधारण मुद्रा की तरह बिटकॉइन को भी आसानी से खर्च किया जा सकता है l इसका इस्तेमाल आप सामान खरीदने के लिए, कुछ गैर-सरकारी संगठनों को दान करने या उन्हें किसी और को भेजने के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हैं l कुछ ऐसी विभिन्न साइटें जैसे विकिलीक्स, पी 2 पी फाउंडेशन, वर्डप्रेस.कॉम और बिटकॉइन.ट्रेवल हैं जो बिटकॉइन को स्वीकार करते हैं l अभी हाल ही में दुनिया में आतंक मचाने वाले रैन्समवेयर वायरस को बनाने वाले हैकरों ने फिरौती के तौर पर bitcoin मुद्रा की ही मांग की हैl

भारत में भारतीय रिज़र्व बैंक लोगों को इस मुद्रा में निवेश करने से रोक रहा है लेकिन फिर भी लोग इसमें बड़ी संख्या में निवेश कर रहे हैं लेकिन भारत सरकार इस bitcoin मुद्रा के दोषों को देखते हुए इसके वाणिज्यिक प्रसार को रोकने के लिए जल्दी ही कानून बनाने की बात सोच रही है l ज्ञातब्य है कि भारतीय रिज़र्व बैंक पहले से ही इस मुद्रा में किसी भी प्रकार के निवेश को गैर कानूनी बताता आया है और उसने लोगों को इस मुद्रा से दूर रहने की सलाह भी दी है क्योंकि यह मुद्रा, बैंकिंग नियमन अधिनियम,1934 के नियमों का पालन भी नही करती है l

Explainer: क्रिप्टोकरेंसी में निवेश क्या घाटे का सौदा है, जानें एक्सपर्ट की राय?

क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency in India) में ज्यादा रिस्क के बावजूद तेजी से मुनाफा और रिटर्न का मिलता है. इसकी वजह भारत में लोग ऐसी करेंसी में अपना पैसा लगा रहे हैं.

क्रिप्टोकरेंसी में होता है खूब उतार-चढ़ाव (फाइल फोटो: Getty Images)

सरबजीत कौर

  • नई दिल्ली ,
  • कौन भारतीय बिटकॉइन वॉलेट
  • 07 अक्टूबर 2021,
  • (अपडेटेड 07 अक्टूबर 2021, 4:54 PM IST)
  • क्रिप्टोकरेंसी भारत में भी लोकप्रिय
  • निवेश के लिए कई प्लेटफॉर्म मौजूद

भारत में पिछले कुछ साल में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर निवेशकों में काफी ज्यादा उत्साह देखने को मिल रहा है. इसका मुख्य कारण यह है कि अन्य करेंसी के मुकाबले क्रिप्टोकरेंसी में रिस्क के बावजूद निवेश से तेजी से मुनाफा और रिटर्न मिलता है. Bitcoin, Ethereum, Tether, Cardano, Ripple, Polka Dot जैसी कई करेंसी हैं, जहां भारत के लोग अपना पैसा लगा रहे हैं.

आइए जानते हैं कि क्या है क्रिप्टो करेंसी और इसमें निवेश से पहले किन बातों का ध्यान देना जरूरी है? साथ ही यह भी कि एक निवेशक को कितना रिस्क और रिटर्न क्रिप्टों में निवेश से मिल सकता है?

क्या है क्रिप्टोकरेंसी?

पूरे दुनिया के लोगों या फिर यूं कहें की किसी संस्था को असल में अपनी बेसिक जरूरतों को सही तरीके से पूरा करने के लिए और किसी से भी आपसी लेनदेन करने के लिए करेंसी की जरूरत होती है, जिसे हम मुद्रा भी कहते हैं. हर देश की मुद्रा को हम अलग-अलग नाम से जानते हैं. जैसे कि भारत में रुपया, अमेरिका में डॉलर, सऊदी अरब में रियाल, यूरोपीय देशों में यूरो आदि.

लेकिन क्रिप्टोकरेंसी इन मुद्राओं से अलग होती है. क्रिप्टो वो मुद्रा है जिसे आप देख या छू नहीं सकते जो छुपा हुआ होता है. ये एक प्रकार का डिजिटल रुपया है जिसे आप छू नहीं सकते लेकिन रख सकते हैं, वो भी ऑनलाइन. भौतिक रूप से क्रिप्टोकरेंसी का मुद्रण नहीं किया जाता है. पिछले कुछ सालों में क्रिप्टोकरेंसी लोगों के बीच काफी चर्चा में है. क्रिप्टोकरेंसी कंप्यूटर एल्गोरिद्म पर बनी हुई है. इसका कोई रेगुलेटर नहीं और कोई क्रिप्टोकरेंसी को कंट्रोल नहीं करता.

यानी बाकी किसी मुद्रा की तरह कोई सरकार इसे संचालित नहीं करती. इसके प्रयोग के लिए क्रिप्टोग्राफी का इस्तेमाल किया जाता है. साल 2009 में शुरू होने के बाद क्रिप्टो की कीमत अब आसमान को पार कर रही है. यही कारण है कि निवेशकों को क्रिप्टो में काफी रुचि होने लगी है. अब 1000 से ज्यादा क्रिप्टोकरेंसी में कारोबार हो रहा है.

क्रिप्टोकरेंसी को आप कैसे खरीद या बेच सकते हैं?

आज की तारीख में क्रिप्टोकरेंसी की लोकप्रियता को देखते हुए पूरी दुनिया में बहुत सारे क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज प्लेटफॉर्म हैं. क्रिप्टोकरेंसी की खास बात यह है कि इसमें चौबीसोंं घंटे कारोबार होता है. शेयर बाजार की तरह यह हर दिन एक तय समय पर बंद नहीं होता. इसमें निवेश से आप हफ्ते में या दिन में किसी भी समय रकम निकाल, डाल सकते हैं और खरीद-बिक्री कर सकते हैं. भारत में कॉइनस्विच कुबेर, कॉइन्डिसिएक्स, वज़ीरएक्स, ज़ेबपे जैसे प्लैटफॉर्म के नाम से शामिल है जिनके जरिए आप क्रिप्टो में खरीद-बिक्री कर सकते हैं.

इसकी खरीद-बिक्री के लिए प्रक्रिया काफी आसान है. आपको किसी भी ऑनलाइन ट्रांजेक्शन की तरह साइन-अप करना होगा. उसके बाद केवाईसी अपडेट कर आपको अपने वॉलेट से उसमें मनी ट्रांसफर करना होगा. साथ ही, क्रिप्टो खरीदारी करने से पहले आप जैसे शेयर्स में स्टॉपलॉस या टार्गेट तय करते हैं उसी प्रकार क्रिप्टो में प्रि-डिसाइड लिमिट तय कर सकते हैं.

आप किसी भी छोटे अमाउंट से खरीद-बिक्री शुरू कर सकते हैं. लेकिन, दिक्कत यह है कि कई बैंक ऐसे एक्सचेंज के साथ काम करने के लिए तैयार नहींं हैं, यही कारण है कि, खरीद-बिक्री में दिक्कत होती है. क्रिप्टो में बैंकों द्वारा पी2पी यानी पर्सन टू पर्सन ट्रांजेक्शन और लेनदेन की प्रक्रिया होती है. क्रिप्टो ट्रांजेक्शन के लिए अभी यूपीआई सपोर्ट नहीं करता, इसलिए पी2पी के जरिए ही लेन-देन किया जा सकता है. क्रिप्टोकरेंसी में निवेश से आप कुछ खरीद नहीं सकते है. ये सोने और चांदी की तरह आपको वैल्यू क्रिएट और बढ़ाने का एक माध्यम है.

क्रिप्टो में निवेश से पहले किन बातों का रखें ध्यान

क्रिप्टो में निवेश से पहले हमेशा यह ध्यान रहे कि किसी तरह के लालच में आकर ज्यादा पैसे एक साथ न लगाएं. क्रिप्टो एक वोलाटाइल यानी उतार-चढ़ाव वाला एसेट क्लास है. ऐसे में क्रिप्टो में कभी भी बिना किसी चेतावनी के गिरावट देखने को मिल सकती है और भारी नुकसान हो सकता है, क्योंकि, अभी तक क्रिप्टो को लेकर कोई रेगुलेटर नहीं बना, ऐसे में पैसा डूबने का खतरा हो सकता है.

हमेशा किसी ऑथेन्टिक या किसी नामी प्लेटफॉर्म के जरिए ही क्रिप्टो में पैसा लगाएं. सही चुनाव करना बहुत जरूरी है. साथ ही, किसी अच्छे जानकार की मदद लें ताकि आपको ये पता रहे कि आप किस क्रिप्टो में पैसा लगा रहे हैं. फिलहाल सबसे ज्यादा लोग बिटकॉइन खरीद रहे है. लेकिन इसके अलावा बाजार में Ethereum, Cardano, Dogecoin, Ripple और Litecoin जैसे क्रिप्टोकरेंसी में भी आप पैसा लगा सकते हैं.

सबसे अहम बात है कि, बिना सोचे-समझे कभी भी निवेश न करें. आज की तारीख में हर कोई कम समय में ज्यादा कमाने के लिए क्रिप्टो में पैसा लगा रहा है. लेकिन जब तक आपको क्रिप्टो की पूरी जानकारी न हो आप इसमें पैसा न लगाएं. अपनी प्लानिंग हमेशा फैक्ट्स से जोड़ें और तभी निवेश करें.

कॉइनडीसीएक्स (CoinDCX) के एक्जीक्यूटिव वीपी (ग्रोथ एंड स्ट्रैटेजी) मृणाल ठकराल का मानना है कि-‘क्रिप्टो प्रारंभिक अवस्था में है लेकिन एक उभरता हुआ संपत्ति वर्ग बन गया है. यह देखते हुए कि इस क्षेत्र में कीमतों में उतार-चढ़ाव है, पहली बार निवेश करने वाले निवेशकों को किसी परियोजना में निवेश करने से पहले सावधान रहने की जरूरत है. एक निवेशक को अपना उचित शोध करना चाहिए और परियोजना के विभिन्न पहलुओं को समझना चाहिए. किसी परियोजना के टोकन, टोकनोमिक्स की उपयोगिता जैसे कारकों को समझना और यह समझना कि परियोजना का उद्देश्य किसी विशेष समस्या को कैसे हल करना है, महत्वपूर्ण है. एक निवेशक अपने धन के एक छोटे से हिस्से से शुरुआत कर सकता है और लंबी अवधि की मानसिकता के साथ निवेश कर सकता है.

मुद्रेक्स (Mudrex) के सीईओ एवं को-फाउंडर एडुल पटेल का कहना है कि- ‘किसी भी तरह के एसेट क्लास में निवेश से पहले डाइवर्सिफिकेशन का ध्यान देना जरूरी होता है. हर व्यक्ति के लिए ये जरूरी है कि एक साथ पूरा पैसा कभी भी क्रिप्टो में न लगाएं. कई रिटेल निवेशक आज की तारीख में ये सोचते हैं कि वो क्रिप्टो में पैसा लगाकर बहुत जल्द अमीर बन जाएंगे, तो ऐसा नहीं है. ऐसे निवेशकों को अक्सर भारी नुकसान उठाना पड़ता है. साथ ही, 4-7 फीसदी ही पैसा क्रिप्टो में लगाएं उससे ज्यादा नहीं. अगर किसी व्यक्ति के पास 1000 रुपये हैं तो वो सिर्फ 40 से 70 रुपये ही क्रिप्टो में निवेश करें. रिटर्न की बात करें तो क्रिप्टो में अगर समझदारी से निवेश किया जाए तो एक व्यक्ति हर महीने 4-5 फीसदी तक का रिटर्न प्राप्त कर सकता है. साथ ही, सालाना 60 फीसदी तक का भी रिटर्न मिलने की संभावना होती है.’

बैंक बाजार (bankbazaar) के सीईओ आदिल शेट्टी के मुताबिक- ‘किसी भी प्रकार के निवेश से पहले अच्छी तरह से रिसर्च जरूर करें. अगर आप डिजिटल करेंसी में नए हैं तो सबसे पहले ये जानें कि क्रिप्टो करेंसी में डिजिटल की दुनिया में काम कैसे होता है. साथ ही जो ज्यादा नामचीन, अच्छीी करेंसी हैं उसके बारे जानने की कोशिश करें. ऑनलाइन क्रिप्टो कम्युनिटी के लोगों से जुड़ें ताकि आपको सभी क्रिप्टो से जुड़ी खबरों के बारे पता लगता रहे. हमेशा ध्यान दें कि क्रिप्टो करेंसी बहुत वोलाटाइल होता है इसलिए कई बार आपका पैसा एक साथ डूब भी सकता है. कई दिग्गज लोग हैं जिन्होंने एक साथ अपना पैसा बनाया है. ऐसे में हमेशा ध्यान से और सोच समझकर पैसा लगाएं.’

रहना होगा सचेत

हालांकि, यह ध्यान रखने की बात है कि बहुत से लोग इस कारोबार के जरिए अपने काले धन को व्हाइट मनी के रूप में बदलते हैं. क्योंकि क्रिप्टो को कोई रेगुलेटर नहीं कंट्रोल करता, इसलिए लोगों के लिए खरीद-बिक्री में बड़ी आसानी होती है.

क्रिप्टो में निवेश घाटे का सौदा नहीं है लेकिन, बिना रिसर्च और जानकारी के करने पर भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है. इन सबसे हट के देखा जाए तो हमेशा ट्रांजैक्शन करने के लिए क्रिप्टो के पूरे ब्लॉकचेन को समझना पड़ता है. पैसा कमाना कोई बुरी बात नहीं, लेकिन बिना सही जांच, रिसर्च और सलाह से कभी भी किसी भी एसेट क्लास में निवेश नहीं करना चाहिए, चाहे क्रिप्टो करेंसी ही क्यो न हो.

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Cryptocurrency: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के क्रिप्टोकरेंसी पेमेंट पर बैन हटाने के बाद भारत में क्रिप्टोकरेंसी का काफी क्रेज बड़ गया है. लेकिन, क्रिप्टोकरेंसी को रखने वाले वॉलेट के बारे में कम ही लोग जानते हैं. अगर आपके मन में भी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश का ख्याल आया है तो पहले समझिए क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट (Cryptocurrency Wallet) क्या होता है.

Cryptocurrency एक डिजिटल करेंसी होती है, जो ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित है. इस करेंसी में कोडिंग तकनीक का इस्तेमाल होता है. इस तकनीक से करेंसी ट्रांजैक्शन का पूरा लेखा-जोखा होता है, इसे हैक करना बहुत मुश्किल है. लेकिन, क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल को देश का केंद्रीय बैंक रेगुलेट नहीं करता है, जो कि इसकी सबसे बड़ी खामी है.

अब जानते हैं क्या है क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट?
जैसा नाम से पता चलता है. इस वॉलेट में क्रिप्टो एसेट्स और टोकन स्टोर करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. वॉलेट आपके फोन पर एक अलग डिवाइस या एक सॉफ्टवेयर प्रोग्राम की तरह हो सकता है. वहीं, ब्लॉकचैन तकनीक इसे सुरक्षित रखने में मदद करती है. Cryptocurrency को भेजने और रिसीव करने की सुविधा भी देता है.

कितने तरह के होते हैं वॉलेट?
Cryptocurrency Wallets को खास तौर पर हॉट एंड कोल्ड वॉलेट (Hot and Cold Wallets) में कैटेगरीज किया जा सकता है. हॉट वॉलेट इंटरनेट से जुड़े होते हैं और इन्हें कभी भी एक्सेस किया जा सकता है. इनमें ऑनलाइन क्लाउड वॉलेट, मोबाइल वॉलेट, सॉफ्टवेयर वॉलेट और क्रिप्टो एक्सचेंज शामिल हैं. कोल्ड वॉलेट इंटरनेट से कनेक्ट नहीं होते हैं और आपको अपने क्रिप्टो ऑफलाइन स्टोर करने होते हैं. कोल्ड वॉलेट में हार्डवेयर और पेपर वॉलेट शामिल हैं.

Hardware Wallets: एक हार्डवेयर वॉलेट क्रिप्टो स्टोर करते समय सुरक्षा और सुविधा के बीच बैलेंस बनाने में मदद करता है. हार्डवेयर वॉलेट को आपकी प्राइवेट की (Private Key) को स्टोर करने के ऑनलाइन तरीकों से बचाने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जैसे कि कंप्यूटर और फोन पर, जिसे हैकर से एक्सेस किया जा सकता है. आपकी प्राइवेट-की डिवाइस को कभी नहीं छोड़ती है, इसलिए इसे हैक नहीं किया जा सकता है. अगर आपका हार्डवेयर वॉलेट खो जाता है या टूट जाता है, तो आप अपने बिटकॉइन को एक नए डिवाइस से एक्सेस कर सकते हैं जब तक कि आप अपने रिकवरी सीड वर्ड्स को नहीं जानते हैं.

Paper Wallets: पेपर वॉलेट्स को पेपर की प्रिंटेड शीट पर स्टोर किया जाता है और यह सबसे सुरक्षित ऑप्शन में से एक है. Cryptocurrency को प्राइवेट की दर्ज करके या कागज पर QR कोड को स्कैन करके मूव किया जा सकता है. कंप्यूटर या मोबाइल पर सेव नहीं होने के वजह से उन्हें डिजिटल रूप से हैक या चोरी नहीं किया जा सकता है. आपको किसी थर्ड पार्टी सर्वर पर निर्भर होने की भी जरूरत नहीं है. यूजर अपने फोन का इस्तेमाल करके अपने पेपर वॉलेट या सीड वर्ड्स की तस्वीर कभी नहीं लेनी चाहिए.

वॉलेट में क्रिप्टो को कब होल्ड करना चाहिए?
कोल्ड वॉलेट आपकी Cryptocurrency को स्टोर करने का सबसे सुरक्षित तरीका है. वे ऑनलाइन वायरस और हैकर्स से बचाने में मदद करता हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि आप अपने डेटा को स्टोर करने के लिए किसी थर्ड पार्टी पर निर्भर नहीं हैं.

रिस्क क्या है?
ऑनलाइन अटैक या स्कैम के लिए ऑनलाइन या वेब वॉलेट सबसे ज्यादा रिस्की होते हैं. अगर आप क्रिप्टो एक्सचेंज का इस्तेमाल करते हैं, तो आपको यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि आप अपनी एसेट्स के साथ उन पर भरोसा कर सकते हैं.

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