Bitcoin का उपयोग

क्या है बिटकॉइन, कैसे काम करती है और कितनी सुरक्षित है, यहां मिलेगा जवाब
दुनिया भर में बिटकॉइन का वर्चस्व बढ़ रहा है। अब दुनिया की जानी मानी इलेक्ट्रिक कंपनी टेस्ला ने भी कह दिया है कि वह जल्द ही बिटकॉइन को अपने वाहनों के लिए भुगतान के रूप में स्वीकार करेगी। साथ ही उबर कंपनी भी बिटकॉइन की तरफ बढ रही है।
क्या है बिटकॉइन
बिटकॉइन वर्चुअल करेंसी है। इसकी शुरुआत साल 2009 में हुई थी, जो कि अब धीरे-धीरे इतनी लोकप्रिय हो गई है कि इसकी एक बिटकॉइन की कीमत लाखों रुपये में के बराबर पहुंच गई है। इसे क्रिप्टोकरेंसी भी कहा जाता है, क्योंकि भुगतान के लिए यह क्रिप्टोग्राफी का इस्तेमाल करता है। यानी, अब इस करेंसी को भविष्य की करेंसी भी कह सकते हैं।
कैसे होता है लेन-देन
बिटकॉइन के लेन-देन के लिए उपभोक्ता को प्राइवेट की (कुंजी) से जुड़े डिजिटल माध्यमों से भुगतान का संदेश भेजना पड़ता है, जिसे दुनिया भर में फैले विकेंद्रीकृत नेटवर्क के जरिये Bitcoin का उपयोग सत्यापित किया जाता है।
इसके जरिए होने वाला भुगतान डेबिट या क्रेडिट कार्ड के जरिए होने वाले भुगतान के विपरीत है। बिटकॉइन एक आभासी मुद्रा है, जिसका इस्तेमाल केवल ऑनलाइन लेनदेन के लिए किया जाता है। बिटकॉइन के मूल्यों में भारी उतार-चढ़ाव के कारण अक्सर यह सवाल उठता है कि क्या एक मुद्रा के रूप में कार्य करने में यह सक्षम है.
चूंकि यह किसी केंद्रीय बैंक द्वारा समर्थित नहीं है, इसलिए निजी तौर पर इसका विनिमय होता है। इसे 'माइनिंग' नामक एक प्रक्रिया के जरिये जेनरेट किया जाता है, जिसके लिए एक खास किस्म के सॉफ्टवेयर Bitcoin का उपयोग की जरूरत होती है। इसके लिए बेहतर प्रोसेसर एवं निर्बाध बिजली आपूर्ति की जरूरत है, जो हमारे देश में मुश्किल है।
क्या बिटकॉइन सुरक्षित है
यह क्रिप्टोकरेंसी अत्यधिक अस्थिर है और इसलिए बहुत जोखिम भरा है। उदाहरण के लिए, जनवरी में बिटकॉइन का मूल्य बढ़कर 42,000 डॉलर हो गया, और फिर 30,000 डॉलर तक गिर गया, फिर एक हफ्ते के दौरान फिर से बढ़कर 40,000 डॉलर हो गया था।
बिटकॉइन के लिए आपके पास एक ऐप होता है जिसके जरिए आप लेन देन करते हैं। मान कर चलिए कि सर्वर से आपकी फाइल हट गई या पासवर्ड गलत हो गया तो समझ लो आपके पैसे हमेशा के लिए खो गए। हाल ही में ऐसी खबरें आई थीं कि कुछ लोगों ने लाखों के बिटकॉइन इसलिए खो दिए क्योंकि उनके पास पासवर्ड नहीं है वह भूल गए।
भारत में क्रिप्टोकरेंसी खरीदने-बेचने पर थी 10 साल की जेल
क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध और आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विधेयक, 2019 के ड्राफ्ट में यह प्रस्ताव दिया गया था कि देश में क्रिप्टोकरेंसी की खरीद-बिक्री करने वालों को 10 साल की जेल की सजा मिलेगी। ड्राफ्ट के मुताबिक इसकी जद में वे सभी लोग आएंगे जो क्रिप्टोकरेंसी तैयार करेगा, उसे बेचेगा, क्रिप्टोकरेंसी रखेगा, किसी को भेजेगा या क्रिप्टोकरेंसी में किसी प्रकार की डील करेगा। इन सभी मामलों में दोषी पाए जाने वालों को 10 साल तक की जेल की सजा मिलती थी। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने यह प्रतिबंध हटा दिया है।
दुनिया भर में बिटकॉइन का वर्चस्व बढ़ रहा है। अब दुनिया की जानी मानी इलेक्ट्रिक कंपनी टेस्ला ने भी कह दिया है कि वह जल्द ही बिटकॉइन को अपने वाहनों के लिए भुगतान के रूप में स्वीकार करेगी। साथ ही उबर कंपनी भी बिटकॉइन की तरफ बढ रही है।
क्या है बिटकॉइन
बिटकॉइन वर्चुअल करेंसी है। इसकी शुरुआत साल 2009 में हुई थी, जो कि अब धीरे-धीरे इतनी लोकप्रिय हो गई है कि इसकी एक बिटकॉइन की कीमत लाखों रुपये में के बराबर पहुंच गई है। इसे क्रिप्टोकरेंसी भी कहा जाता है, क्योंकि भुगतान के लिए यह क्रिप्टोग्राफी का इस्तेमाल करता है। यानी, अब इस करेंसी को भविष्य की करेंसी भी कह सकते हैं।
कैसे होता है लेन-देन
बिटकॉइन के लेन-देन के लिए उपभोक्ता को प्राइवेट की (कुंजी) से जुड़े डिजिटल माध्यमों से भुगतान का संदेश भेजना पड़ता है, जिसे दुनिया भर में फैले विकेंद्रीकृत नेटवर्क के जरिये सत्यापित किया जाता है।
इसके जरिए होने वाला भुगतान डेबिट या क्रेडिट कार्ड के जरिए होने वाले भुगतान के विपरीत है। बिटकॉइन एक आभासी मुद्रा है, जिसका इस्तेमाल केवल ऑनलाइन लेनदेन के लिए किया जाता है। बिटकॉइन के मूल्यों में भारी उतार-चढ़ाव के कारण अक्सर यह सवाल उठता है कि क्या एक मुद्रा के रूप में कार्य करने में यह सक्षम है.
चूंकि यह किसी केंद्रीय बैंक द्वारा समर्थित नहीं है, इसलिए निजी तौर पर इसका विनिमय होता है। इसे 'माइनिंग' नामक एक प्रक्रिया के जरिये जेनरेट किया जाता है, जिसके लिए एक खास किस्म के सॉफ्टवेयर की जरूरत होती है। इसके लिए बेहतर प्रोसेसर एवं निर्बाध बिजली आपूर्ति की जरूरत है, जो हमारे देश में मुश्किल है।
क्या बिटकॉइन सुरक्षित है
यह क्रिप्टोकरेंसी अत्यधिक अस्थिर है और इसलिए बहुत जोखिम भरा है। उदाहरण के लिए, जनवरी में बिटकॉइन का मूल्य बढ़कर 42,000 डॉलर हो गया, और फिर 30,000 डॉलर तक गिर गया, फिर एक हफ्ते के दौरान फिर से बढ़कर 40,000 डॉलर हो गया था।
बिटकॉइन के लिए आपके पास एक ऐप होता है जिसके जरिए आप लेन देन करते हैं। मान कर चलिए कि सर्वर से आपकी फाइल हट गई या पासवर्ड गलत हो गया तो समझ लो आपके पैसे हमेशा के लिए खो गए। हाल ही में ऐसी खबरें आई थीं कि कुछ लोगों ने लाखों के बिटकॉइन इसलिए खो दिए क्योंकि उनके पास पासवर्ड नहीं है वह भूल गए।
भारत में क्रिप्टोकरेंसी खरीदने-बेचने पर थी 10 साल की जेल
क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध और आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विधेयक, 2019 के ड्राफ्ट में यह प्रस्ताव दिया गया था कि देश में क्रिप्टोकरेंसी की खरीद-बिक्री करने वालों को 10 साल की जेल की सजा मिलेगी। ड्राफ्ट के मुताबिक इसकी जद में वे सभी लोग आएंगे जो क्रिप्टोकरेंसी तैयार करेगा, उसे बेचेगा, क्रिप्टोकरेंसी रखेगा, किसी को भेजेगा या क्रिप्टोकरेंसी में किसी प्रकार की डील करेगा। इन सभी मामलों में दोषी पाए जाने वालों को 10 साल तक की जेल की सजा मिलती थी। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने यह प्रतिबंध हटा दिया है।
क्या है बिटकॉइन ? क्या है इसके फायदे
बिटकॉइन के बारे में जाने पूरी जानकारी
क्या है बिटकॉइन
क्या है इसके फायदे
क्या है बिटकॉइन के उपयोग
Bitcoin : भले ही कोई व्यक्ति Cryptocurrency के बारे में ना जनता हो लेकिन Bitcoin के बारे में सभी जानते हैं. Bitcoin एक प्रकार की क्रीप्टो करेंसी या फिर कहा जाए तो दुनिया की पहली सफल क्रीप्टो करेंसी है जो ब्लॉकचैन प्रणाली पर काम करती हैं.बिटकॉइन वर्चुअल करेंसी है जिसे न तो देखा जा सकता है और ना ही छुआ जा सकता है लेकिन इसके उपयोग किया जा सकता हैं, इसे खरीदा जा सकता है और बेचा भी जा सकता हैं.बिटकॉइन के डेबिट और क्रेडिट के ट्रांजेक्शन के रिकॉर्ड ब्लॉकचैन पर सेव होते है जो कि एक ओपन-सोर्स बुक मानी जा सकती हैं.
आज सभी को ये जानना है की आख़िर बिटकॉइन में निवेश कैसे करें? Crypto Currency एक नया शेयर बाजार बनता जा रहा हैं. क्रिप्टो करेंसी ब्लॉकचैन आधारित डिजिटल करेंसी होती है जिसकी वैल्यू घटती बढ़ती रहती हैं. जिस तरह से सोने की कीमत कम ज्यादा होती रहती है उसी तरह क्रिप्टो करेंसी की भी मांग और उपलब्धता के अनुसार कीमत बदलती रहती हैं.वर्तमान में बाजार में सैकड़ों क्रिप्टो करेंसी मौजूद हैं लेकिन इनमे से सबसे लोकप्रिय Bitcoin ही हैं. बिटकॉइन का आविष्कार 2009 में हुआ था. ब्लॉकचैन प्रणाली का आविष्कार भी 2009 में ही किया गया था. Bitcoin वर्तमान में सबसे महंगी और सबसे सुरक्षित क्रिप्टोकरेंसी हैं. वैसे तो क्रीप्टो करेंसी को कई देशों में ban किया हुआ है लेकिन अगर आप भारत मे रहते हो तो इसमे निवेश करने से डरने की जरूरत नहीं. लेकिन Bitcoin की एक खास बात यह हैं कि इसे खरीदा ही नही कमाया भी जा सकता हैं.सरल भाषा मे अगर Bitcoin को समझा जाए तो इसे Digital Currency कहा जा सकता हैं जिसे ऑनलाइन वालेट्स के माध्यम से ट्रांसफर किया जा सकता हैं, उपयोग किया जा सकता है, खर्चा जा सकता हैं.Bitcoin का उपयोग आप बिलकुल ऑनलाइन वॉलेट जैसे कि PayTm और PhonePe में मौजूद पैसो की तरह कर सकते हो
बिटकॉइन के उपयोग
बिटकॉइन के जरिये ऑनलाइन शॉपिंग जा सकती हैं.पूरी दुनिया मे कही भी और किसी भी काम के लिए पेमेंट की जा सकती हैं.बिटकॉइन को बेचकर पारम्परिक मुद्रा यानी कि डॉलर या रुपया प्राय किया जा सकता हैं. आजकल बिटकॉइन के जरिये वालेट्स की सहायता से मोबाइल रिचार्ज, डीटीएच रिचार्ज आदि सब कुछ किया जा सकता हैं.
बिटकॉइन के लाभ
बिटकॉइन के इकलौता और सबसे बड़ा लाभ यही हैं कि इसकी वैल्यू अस्थिर हैं. बिटकॉइन की कीमत कुछ सालों पहले तक इसकी कीमत कुछ हजार रुपये थी और आज एक बिटकॉइन 20 लाख रूपये से भी ज़्यादा हैं. बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टो करेंसी ने मिलकर एक तरह से एक नया शेयर बाजार पैदा किया है जिसमें निवेश करके काफी बेहतर रिटर्न प्राप्त किया जा सकता है.
बिटकॉइन के लाभ और उपयोग
बिटकोइन का उत्पादन कम्प्यूटर प्रोसेसिंग प्रणाली ‘Mining’ से किया जाता हैं. माइनिंग करने वाले लोग माइनर्स कहलाते हैं. माइनर्स विशिष्ट हार्डवेयर का उपयोग करके कई तरह की लेन-देन को पूरा करते हैं और नेटवर्क को सुरक्षित बनाने का काम करते हैं. यहाँ पे आप बिटकॉइन कैसे बेचें की जानकारी प्राप्त कर सकते है. इसके लिए उन्हें बिटकॉइन मिलते हैं. बिटकॉइन की तुलना सोने से की जा सकती हैं. वैसे तो यह सोने से भी ज्यादा महंगा हैं लेकिन सोने की तरह ही इसकी कीमत भी घटती बढ़ती रहती हैं. बिटकॉइन के कई उपयोग और लाभ हैं.
बिटकॉइन
बिटकॉइन (Bitcoin) एक केंद्रीय बैंक या एकल प्रशासक के बिना एक विकेन्द्रीकृत डिजिटल मुद्रा है (Decentralized digital currency). इसे किसी बिचौलिए के बिना पीयर-टू-पीयर बिटकॉइन नेटवर्क पर भेजा जा सकता है (peer-to-peer bitcoin network). इसके लेन-देन को क्रिप्टोग्राफी के माध्यम से नेटवर्क नोड्स द्वारा सत्यापित किया जाता है और बही खाता में लिखा जाता है जिसे ब्लॉकचेन कहते हैं. इस क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) का आविष्कार 2008 में एक अज्ञात व्यक्ति द्वारा सतोशी नाकामोटो (Satoshi Nakamoto) नाम का उपयोग करके किया गया था. इस मुद्रा का उपयोग ओपन-सोर्स सॉफ्टवेयर के रूप में जारी किए जाने के साथ 2009 में शुरू हुआ था.
बिटकॉइन को माइनिंग (Mining) के जरिए एक इनाम के रूप में बनाया या अर्जित किया जाता है. उसका अन्य मुद्राओं, उत्पादों और सेवाओं के लिए आदान-प्रदान किया जा सकता है. बिटकॉइन अवैध लेनदेन में इसके उपयोग को लेकर विवादों में भी रहा है. आमतौर पर लोग इसे एक निवेश के रूप में इस्तेमाल करते हैं. सितंबर 2021 में, अल सल्वाडोर (Al Salvador) ने आधिकारिक तौर पर बिटकॉइन को कानूनी निविदा (Legal tender) के रूप में अपनाया, ऐसा करने वाला वह पहला देश है.
बिटकॉइन सिस्टम के खाते की इकाई बिटकॉइन है. बिटकॉइन का मुद्रा कोड BTC और XBT हैं. इसका यूनिकोड वर्ण ₿ है. एक बिटकॉइन आठ दशमलव स्थानों के लिए विभाज्य है. हर बिटकॉइन वॉलेट के मालिक के पास एक प्राइवेट की यानी निजी कुंजी होती है (Private Key). अगर निजी कुंजी Bitcoin का उपयोग खो जाती है, तो बिटकॉइन नेटवर्क स्वामित्व के किसी अन्य प्रमाण को नहीं पहचान पाता है, जिससे कॉइन्स अनुपयोगी हो जाते हैं, और प्रभावी रूप से खो जाते हैं. 2013 में एक उपयोगकर्ता ने दावा किया था कि उसने 7,500 बिटकॉइन खो दिए, जिसकी कीमत 7.5 मिलियन डॉलर थी, जब उसने गलती से अपनी निजी कुंजी वाली हार्ड ड्राइव को फेंक दिया था. माना जाता है कि सभी बिटकॉइन का लगभग 20% खो गया है - जुलाई 2018 की कीमतों पर उनका बाजार मूल्य लगभग $20 बिलियन होगा.
बिटकॉइन विकेंद्रीकृत है क्योंकि इसका कोई केंद्रीय अधिकार नहीं है (No Central Authority). बिटकॉइन नेटवर्क पीयर-टू-पीयर है, इसका कोई केंद्रीय सर्वर नहीं है (Without Central Servers). नेटवर्क में कोई केंद्रीय भंडारण भी नहीं है (No Central Storage). इसका खाता बही सार्वजनिक है, कोई भी इसे कंप्यूटर पर स्टोर कर सकता है. इसका कोई एकल प्रशासक नहीं है, बहीखाता का रखरखाव समान रूप से विशेषाधिकार प्राप्त माइनर्स के एक नेटवर्क द्वारा किया जाता है.
डोमेन नाम bitcoin.org 18 अगस्त 2008 को पंजीकृत किया गया था. 31 अक्टूबर 2008 को, बिटकॉइन: ए पीयर-टू-पीयर इलेक्ट्रॉनिक कैश सिस्टम (Bitcoin: A Peer-to-Peer Electronic Cash System) शीर्षक से सतोशी नाकामोटो द्वारा लिखित एक पेपर का लिंक एक क्रिप्टोग्राफी मेलिंग सूची में पोस्ट किया गया था. नाकामोटो ने बिटकॉइन सॉफ्टवेयर को ओपन-सोर्स कोड के रूप में लागू किया और जनवरी 2009 में इसे जारी किया. नाकामोटो की पहचान अज्ञात बनी हुई है. ब्लॉकचेन विश्लेषकों का अनुमान है कि नाकामोटो ने 2010 में गायब होने से पहले लगभग एक मिलियन बिटकॉइन की माइनिंग की थी.
3 जनवरी 2009 को, बिटकॉइन नेटवर्क बनाया गया था जब नाकामोटो ने श्रृंखला के शुरुआती ब्लॉक को माइन किया, जिसे उत्पत्ति ब्लॉक (Genesis Block) के रूप में जाना जाता है. पहले बिटकॉइन लेन-देन को हासिल करने वाले हैल फिनी थे (Hal Finney). फिनी ने अपनी रिलीज़ की तारीख पर बिटकॉइन सॉफ्टवेयर डाउनलोड किया, और 12 जनवरी 2009 को नाकामोटो से दस बिटकॉइन प्राप्त किए. 2010 में, बिटकॉइन का उपयोग करने वाला पहला ज्ञात वाणिज्यिक लेनदेन पापा जॉन के दो पिज्जा खरीदकर किया था.
फोर्ब्स ने बिटकॉइन को 2013 का सर्वश्रेष्ठ निवेश बताया था. 2015 में, बिटकॉइन ब्लूमबर्ग की मुद्रा तालिका में सबसे ऊपर था.
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Btc की जानकारी
Btc डॉक्टर द्वारा लिखी जाने वाली दवा है, जो टैबलेट के रूप में उपलब्ध है। इसे मुख्यतः कान में संक्रमण, टॉन्सिल, निमोनिया के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। Btc का उपयोग कुछ अन्य स्थितियों के लिए भी किया जा सकता है, जिनके बारे में नीचे बताया गया है।
आयु, लिंग और रोगी की पिछली स्वास्थ्य जानकारी के अनुसार Btc की खुराक दी जाती है। इसकी खुराक मरीज की समस्या और दवा देने के तरीके पर भी आधारित की जाती है। इस बारे में और अधिक जानने के लिए खुराक वाले खंड में पढ़ें।
Btc के सबसे सामान्य दुष्प्रभाव मतली या उलटी, दस्त, सिरदर्द हैं। Btc के कुछ अन्य नुकसान भी हैं जो साइड इफेक्ट के खंड में लिखे गए हैं। Btc के ये दुष्प्रभाव आमतौर पर अस्थायी होते हैं और इलाज के पूरा होने के साथ ही समाप्त हो जाते हैं। अपने डॉक्टर से संपर्क करें अगर ये साइड इफेक्ट और ज्यादा बदतर हो जाते हैं या फिर लंबे समय तक रहते हैं।
गर्भवती महिलाओं पर Btc का प्रभाव मध्यम होता है और स्तनपान कराने वाली महिलाओं पर इस दवा का प्रभाव मध्यम है। आगे Btc से जुड़ी चेतावनियों के सेक्शन में बताया गया है कि Btc का लिवर, हार्ट, किडनी पर क्या असर होता है।
अगर आपको पहले से कुछ चिकित्सीय समस्याएं हैं जैसे लिवर रोग, एनीमिया तो Btc दवा की सलाह नहीं दी जाती है, इससे दुष्परिणाम हो सकते हैं। आगे ऐसी अन्य समस्याएं भी बताई गई हैं जिनमें Btc लेने से आपको दुष्प्रभाव अनुभव हो सकते हैं।
इन उपरोक्त परिस्थितियों के अलावा Btc कुछ अन्य दवाओं के साथ लिए जाने पर गंभीर प्रतिक्रिया कर सकती है। इन प्रतिक्रियाओं की विस्तृत सूची नीचे दी गई है।
उपरोक्त सभी जानकारीयों के साथ-साथ यह भी ध्यान रखें कि ड्राइविंग करते समय Btc दवा लेना असुरक्षित है। यह भी ध्यान रखें कि इस दवा की लत नहीं लग सकती है।
Crypto Trading : कैसे करते हैं क्रिप्टोकरेंसी में निवेश और कैसे होती है इसकी ट्रेडिंग, समझिए
Crypto Trading : क्रिप्टोकरेंसी ट्रेड ब्लॉकचेन तकनीक पर काम करती है और निवेश को सुरक्षित रखने के लिए एन्क्रिप्शन कोड का इस्तेमाल करती है. आप अपने क्रिप्टो टोकन या तो सीधे बायर को बेच सकते हैं या फिर ज्यादा सुरक्षित रहते हुए एक्सचेंज पर ट्रेडिंग कर सकते हैं.
Cryptocurrency Trading : क्रिप्टोकरेंसी में निवेश को लेकर है बहुत से भ्रम. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एन्क्रिप्शन के जरिए सुरक्षित रहने वाली एक डिजिटल करेंसी है. माइनिंग के जरिए नई करेंसी या टोकन जेनरेट किए जाते हैं. माइनिंग का मतलब उत्कृष्ट कंप्यूटरों पर जटिल गणितीय समीकरणों को हल करने से है. इस प्रक्रिया को माइनिंग कहते हैं और इसी तरह नए क्रिप्टो कॉइन जेनरेट होते हैं. लेकिन जो निवेशक होते हैं, वो पहले से मौजूद कॉइन्स में ही ट्रेडिंग कर सकते हैं. क्रिप्टो मार्केट में उतार-चढ़ाव का कोई हिसाब नहीं रहता है. मार्केट अचानक उठता है, अचानक गिरता है, इससे बहुत से लोग लखपति बन चुके हैं, लेकिन बहुतों ने अपना पैसा भी उतनी ही तेजी से डुबोया है.
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अगर आपको क्रिप्टो ट्रेडिंग को लेकर कुछ कंफ्यूजन है कि आखिर यह कैसे काम करता है, तो आप अकेले नहीं हैं. बहुत से लोग यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि वर्चुअल करेंसी में कैसे निवेश करें. हम इस एक्सप्लेनर में यही एक्सप्लेन करने की कोशिश कर रहे हैं कि आप क्रिप्टोकरेंसी में कैसे निवेश कर सकते हैं, और क्या आपको निवेश करना चाहिए.
क्रिप्टोकरेंसी क्या है?
क्रिप्टोकरेंसी क्या है, ये समझने के लिए समझिए कि यह क्या नहीं है. यह हमारा ट्रेडिशनल, सरकारी करेंसी नहीं है, लेकिन इसे लेकर स्वीकार्यता बढ़ रही है. ट्रेडिशनल करेंसी एक सेंट्रलाइज्ड डिस्टिब्यूशन यानी एक बिंदु से वितरित होने वाले सिस्टम पर काम करती है, लेकिन क्रिप्टोकरेंसी को डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नॉलजी, ब्लॉकचेन, के जरिए मेंटेन किया जाता है. इससे इस सिस्टम में काफी पारदर्शिता रहती है, लेकिन एन्क्रिप्शन के चलते एनॉनिमिटी रहती है यानी कि कुछ चीजें गुप्त रहती हैं. क्रिप्टो के समर्थकों का कहना है कि यह वर्चुअल करेंसी निवेशकों को यह ताकत देती है कि आपस में डील करें, न कि ट्रेडिशनल करेंसी की तरह नियमन संस्थाओं के तहत.
क्रिप्टो एक्सचेंज का एक वर्चुअल माध्यम है. इसे प्रॉडक्ट या सर्विस खरीदने के लिए इस्तेमाल में लिया जा सकता है. जो क्रिप्टो ट्रांजैक्शन होते हैं. उन्हें पब्लिक लेज़र यानी बहीखाते में रखा जाता है और क्रिप्टोग्राफी से सिक्योर किया जाता है.
क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग कैसे होती है?
इसके लिए आपको पहले ये जानना होगा कि यह बनता कैसे है. क्रिप्टो जेनरेट करने की प्रक्रिया को माइनिंग कहते हैं. और ये काम बहुत ही उत्कृष्ट कंप्यूटर्स में जटिल क्रिप्टोग्राफिक इक्वेशन्स यानी समीकरणों को हल करके किया जाता है. इसके बदले में यूजर को रिवॉर्ड के रूप में कॉइन मिलती है. इसके बाद इसे उस कॉइन के एक्सचेंज पर बेचा जाता है.
कौन कर सकता है ट्रेडिंग?
ऐसे लोग जो कंप्यूटर या टेक सैवी नहीं हैं, वो कैसे क्रिप्टो निवेश की दुनिया में प्रवेश कर सकते हैं? ऐसा जरूरी नहीं है कि हर निवेशक क्रिप्टो माइनिंग करता है. अधिकतर निवेशक बाजार में पहले से मौजूद कॉइन्स या टोकन्स में ट्रेडिंग करते हैं. क्रिप्टो इन्वेस्टर बनने के लिए माइनर बनना जरूरी नहीं है. आप असली पैसों से एक्सचेंज पर मौजूद हजारों कॉइन्स और टोकन्स में से कोई भी खरीद सकते हैं. भारत में ऐसे बहुत सारे एक्सचेंज हैं तो कम फीस या कमीशन में ये सुविधा देते हैं. लेकिन यह जानना जरूरी है कि क्रिप्टो में निवेश जोखिम भरा है और मार्केट कभी-कभी जबरदस्त उतार-चढ़ाव देखता है. इसलिए फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स निवेशकों से एक ही बार में बाजार में पूरी तरह घुसने की बजाय रिस्क को झेलने की क्षमता रखने की सलाह देते हैं.
यह समझना भी जरूरी है कि सिक्योर इन्वेस्टमेंट, सेफ इन्वेस्टमेंट नहीं होता है. यानी कि आपका निवेश ब्लॉकचेन में तो सुरक्षित रहेगा लेकिन बाजार में उतार-चढ़ाव का असर इसपर होगा ही होगा, इसलिए निवेशकों को पैसा लगाने से पहले जरूरी रिसर्च करना चाहिए.
क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल क्या है?
यह डिजिटल कॉइन उसी तरह का निवेश है, जैसे हम सोने में निवेश करके इसे स्टोर करके रखते हैं. लेकिन अब कुछ कंपनियां भी अपने प्रॉडक्ट्स और सर्विसेज़ के लिए क्रिप्टो में पेमेंट को समर्थन दे रही हैं. वहीं, कुछ देश तो इसे कानूनी वैधता देने पर विचार कर रहे हैं.