बिटकॉइन ट्रेडिंग के नुकसान क्या हैं?

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क्रिप्टो करेंसी को देश में मिली व्यापार की मंजूरी, जानें आप कैसे कर सकते हैं ट्रेडिंग?
By: एबीपी न्यूज़ | Updated at : 04 Mar 2020 01:32 PM (IST)
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आज देश में क्रिप्टो करेंसी में व्यापार की अनुमति प्रदान कर दी है. इससे पहले 2018 में भारतीय रिजर्व बैंक ने इस पर प्रतिबंध लगा दिया था. भारत में क्रिप्टो करेंसी का कारोबार करने वालों की संस्था इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने इसे चुनौती देते हुए कहा था कि भारत सरकार ने क्रिप्टो करेंसी पर रोक नहीं लगाई है. आपने क्रिप्टो करेंसी के बारे में सुना होगा. ये डिजिटल पैसे लेन देन का एक बेहतरीन माध्यम है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि क्रिप्टो करेंसी के जरिए लेन देन या व्यापार कैसे होता कैसे है ?
क्रिप्टो करेंसी कैसे खरीदें ? आप डिजिटल कॉइन खरीकर शुरुआत कर सकते हैं. ये डिजिटल कॉइन आपके डिजिटल वॉलेट में जाएंगे. कॉइनबेस एक सुपर क्लीन यूजर इंटरफेस प्रदान करता है और अगर आपको क्रिप्टो करंसी में व्यापार का कोई एक्सपीरियंस नहीं है तो घबराने की जरूरत नहीं है. कई वेबसाइट्स हैं जो आपको क्रिप्टो करेंसी में व्यापार करने की सहूलियत देती हैं. इसके साथ ही आप जैसे ही इन वेबसाइट में लॉग इन करेंगे तो आपको तुरंत कुछ बिटकॉइन रिवॉर्ड के तौर पर मिल जाएंगे.
$20,000 से $4000 पर आया बिटकॉइन, आपके लिए क्या हैं सबक?
इसके साथ ही आपको यह भी पता है कि साल 2013 में बिटकॉइन का भाव 16 डॉलर था, जो मांग बढ़ने की वजह से 20,000 डॉलर तक पहुंचा, फिर गिरने लगा और कमजोरी अब तक जारी है.
इस वजह से बहुत से लोगों ने बिटकॉइन में काफी निवेश किया.
बेंगलुरु के आश्रित गोविंद ने तीन साल पहले बिटकॉइन में 3000 रुपये महीने का निवेश शुरू किया था जो इस साल के अक्टूबर में 30,000 रुपये महीने तक बिटकॉइन ट्रेडिंग के नुकसान क्या हैं? पहुंच गया था. इस हिसाब से अब तक उन्हें 30% सालाना का रिटर्न मिला था.
अब क्या है बिटकॉइन की हालत?
बिटकॉइन समेत अन्य क्रिप्टो करेंसी के लिए पिछला हफ्ता बहुत बुरा रहा है. निवेशकों को मोटा मुनाफा देने वाली क्रिप्टोकरेंसी (वर्चुअल करेंसी) क्रैश हो चुकी है. वर्चुअल करेंसी के तौर पर सबसे अधिक लोकप्रिय बिटकॉइन 4,000 डॉलर के नीचे चला गया.
क्रिप्टो और अधिकृत डिजिटल करेंसी में क्या फर्क है?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस बिटकॉइन ट्रेडिंग के नुकसान क्या हैं? में कहा कि रिजर्व बैंक डिजिटल करेंसी जारी करेगा। कोई भी मुद्रा 'करेंसी' तभी कहलाती है, जब केंद्रीय बैंक उसे जारी करता है। जो भी केंद्रीय बैंक के दायरे से बाहर है, उसे हम करेंसी नहीं कहेंगे। हम ऐसी 'करेंसी' पर टैक्स नहीं लगा रहे हैं, जिसे अभी जारी होना बाकी है। डिजिटल रुपये को RBI जारी करेगा, यही डिजिटल करेंसी कहलाएगी। इसके अलावा वर्चुअल डिजिटल दुनिया में जो कुछ है, वो संपत्तियां हैं। इसी तरह वित्त सचिव टीवी सोमनाथन कहते हैं कि भले ही क्रिप्टो पर टैक्स लेने का नियम बना है, तब भी ये वैध मुद्रा नहीं होगी।
आसान भाषा में कहें तो क्रिप्टोकरेंसी पर किसी भी देश के केंद्रीय बैंक का नियंत्रण नहीं है। वहीं, भारत में जारी होने वाली डिजिटल करेंसी को भारतीय रिजर्व बैंक नियंत्रित करेगा।
तो क्या क्रिप्टो में किए पूरे निवेश पर टैक्स देना होगा?
ऐसा नहीं है। आपको केवल क्रिप्टोकरेंसी से होने वाले मुनाफे पर टैक्स देना होगा। उदाहरण के लिए अगर आपने पांच हजार रुपये की क्रिप्टोकरेंसी खरीदी और उसे पांच हजार 500 रुपये में बेच दिया, तो आपको केवल 500 रुपये पर 30 फीसदी यानी 150 रुपये टैक्स देना होगा।
नहीं। वित्त मंत्री ने साफ कहा है कि जिसे क्रिप्टोकरेंसी मिलेगी उसे टैक्स देना होगा। यानी, अगर आप अपने किसी मित्र को एक बिटकॉइन गिफ्ट करेंगे तो उसे टैक्स देना होगा। हालांकि, अभी ये साफ नहीं है कि विरासत में मिली क्रिप्टोकरेंसी पर ये टैक्स लगेगा या नहीं। कुछ विशेषज्ञ कह रहे हैं कि यह नियम गिफ्ट टैक्स के तहत लगेगा। गिफ्ट टैक्स के नियम साफ हैं कि निकट रिश्तेदार यानी भाई-बहन को दिये तोहफे पर टैक्स नहीं चुकाना होता।
1% टीडीएस की बात भी तो कही गई है वो कैसे लगेगा?
वित्त मंत्री ने बजट पेश करने बाद की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि हर क्रिप्टो ट्रांजेक्शन पर 1% का टीडीएस लगेगा। ये टीडीएस ट्रांसफर करने वाले को देना होगा।
दरअसल, सरकार इतना टैक्स लगाकर कर क्रिप्टोकरेंसी में होने वाले निवेश को हतोत्साहित करना चाहती है। हालांकि, क्रिप्टो वर्ल्ड से जुड़े लोग सरकार के इस कदम को डिजिटल असेट को मुख्यधारा में शामिल करने के एक कदम के रूप में देख रहे हैं। वहीं, कॉइनस्विच के आशीष सिंघल इसे पूरे क्रिप्टो वर्ल्ड के लिए एक सकारात्मक कदम मानते हैं।
क्या मैं एक डिजिटल असेट में हुए नुकसान की भरपाई दूसरे से कर सकूंगा?
अगर इथेरियम में नुकसान हुआ, तो इसकी भरपाई बिटक्वाइन में हुए लाभ से नहीं कर सकेंगे। हर असेट यानी यूनिट अलग काम करेगी, उस पर हुए मुनाफे पर टैक्स लगेगा। नुकसान की भरपाई नहीं हो सकेगी।
नहीं। टैक्सेशन की दरें अगले वित्त वर्ष से लागू होगी। ऐसे में टैक्स से बचने के लिए 31 मार्च से पहले बड़े स्तर पर बिकवाली निकल सकती है। अगर ऐसा हुआ तो क्रिप्टो करेंसी में अस्थिरता आएगी। सरकार की ओर से क्रिप्टो करेंसी की वैधता को लेकर अब तक कोई स्पष्टीकरण नहीं आया है और रिजर्व बैंक इसके खिलाफ है। ऐसे में वर्चुअल रुपये को लाकर क्रिप्टो को पूरी तरह बैन करने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। क्रिप्टो में निवेश पर अगर घाटा होता है तो इसकी कोई जवाबदारी सरकार की नहीं होगी।
क्रिप्टोमार्केट: 3 महीने में बिटकॉइन की कीमत 18 लाख रुपए गिरी, उतार-चढ़ाव होने से डिजिटल करेंसी के खत्म होने का खतरा बढ़ रहा
डिजिटल क्रिप्टोकरेंसी का बढ़ना आश्चर्यजनक है। एकसाल पहले वेबसाइट कॉइनमार्केटकैप पर 6,000 करेंसी लिस्टेड थी। आज 11,145 करेंसी लिस्ट हैं। उनका कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन 2.44 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर आज 11.86 लाख करोड़ रुपए हो गया है। डिजिटल करेंसी की बिटकॉइन ट्रेडिंग के नुकसान क्या हैं? 63% ट्रेडिंग संस्थाएं और कंपनियां कर रही हैं। इसके बावजूद क्रिप्टोकरेंसी के बाजारों में जबर्दस्त उथल-पुथल मची है। इससे डिजिटल करेंसी के खत्म होने की आंशकाओं ने जन्म लिया है।
बिटकॉइन की कीमत अप्रैल में 47 लाख रुपए से घटकर मई में 22 लाख रुपए रह गई थी। आज यह 29 लाख रुपए के आसपास है। 29 जुलाई को तो बिटकॉइन का बाजार कीमत 21 लाख रुपए पर आ गई थी। गिरावट के बाद निवेशकों को डर है कि कहीं ये गिरावट भारी न पड़ जाए। क्योंकि उनका क्रिप्टोकरेंसी में बहुत कुछ दांव पर लगा है।
क्रिप्टो एक्सचेंज कैसे बनाएं?
क्रिप्टो क्षेत्र हाल के वर्षों की सबसे उल्लेखनीय सफलताओं में से एक है, और नए खिलाड़ियों के पास अभी भी तेजी से बढ़ती रुचि को भुनाने की संभावना है। क्रिप्टो एक्सचेंजों की कुल संख्या लगातार 400 की ओर बढ़ रही है; इस बीच, व्यापार मालिकों की भीड़ अपने स्वयं के ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म चलाने के अवसर के बारे में सोच रही है। क्रिप्टो एक्सचेंज कैसे शुरू करें, और किन महत्वपूर्ण मानदंडों को ध्यान में रखना है? अपनी गलतियों और नुकसान को रोकने के उद्देश्य से व्यापक मार्गदर्शिका जानें।
इस प्रक्रिया में कई महत्वपूर्ण चरण और नुकसान हैं, लेकिन मूल चरण इस प्रकार हैं:
निर्णय करे कि सेवाएं कहां प्रदान करें।
एक निश्चित देश की कानूनी आवश्यकताओं के बारे में गहराई से जाने।
एक बैंकिंग संस्थान या पेमेंट गेटवे कनेक्ट करें।
एक बैंकिंग संस्थान या पेमेंट गेटवे कनेक्ट करें।