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बाजार के रुझान

बाजार के रुझान

बाजार के रुझान

डिजिटल डेस्क, मुंबई। ज्यादातर लोगों के लिए अपना घर होना, उनका सबसे बड़ा सपना होता है। यहां तक ​​कि जब उनके पास पर्याप्त पैसे होते हैं ,और उस स्तर पर पहुंच जाते हैं जहां वे अपने लिए एक अलग घर बना सकते हैं, तो भी घबराहट और संदेह महसूस करते हैं कि चीजें कैसी होंगी।

वे जिस तनाव से गुज़रते हैं, उसके पीछे एक प्रमुख कारण घर बनाने में शामिल जटिल प्रक्रियाएँ हैं | ऐसे में एक कंपनी ने बिना किसी परेशानी या कठिनाई के लोगों के लिए अपना घर बनाना संभव कर दिया है।

भारत में लोगों के लिए 'हैप्पी होम्स' बनाने के बाजार के रुझान सिद्धांत पर आधारित कंपनी हैप्पो घर बनाने के लिए वन-स्टॉप समाधान देने के आधार पर काम करती है। बाजार के रुझान कंपनी ने 400 से अधिक घरों के प्रोजेक्ट्स पर काम किया है और सफलतापूर्वक सभी घरों को तैयार किया है|

हैप्पो ने अब तक सभी विभिन्न आकारों और बजट के घर प्रोजेक्ट को पूरा करके बड़ी दक्षता दिखाई है। जब आप हैप्पो को चुनते हैं, तो आप सुनिश्चित हो सकते हैं कि आपके घर के निर्माण से जुड़ी हर जिम्मेदारी का ख्याल रखा जा रहा है।आप ये सोच रहे होंगे कि इस क्षेत्र में हैप्पो को अन्य कंपनियों से अलग क्या करता है, इस बारे में विस्तार से बताते हुए, इसके सह-संस्थापक विनोद सिंह ने कहा, “ हम अलग तरीके से काम करते हैं , हम ग्राहक के सपनो बाजार के रुझान के घर को प्रभावी तरीके वास्तविकता में निर्मित करने का काम करते हैं |

हम यह सुनिश्चित करते हैं कि वे किसी भी संकट या असुविधा से न गुजरें जो निर्माण कार्य में शामिल हो , यह ग्राहक तय कर सकता है कि वह परियोजना से संबंधित दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों में किस हद तक शामिल होना चाहता है। हम ग्राहक द्वारा प्रदान किए गए संक्षिप्त विवरण के आधार पर परामर्श प्रदान करते हैं और फिर सब कुछ का विश्लेषण करने के बाद उन्हें अनुमान देते हैं।

हम पारदर्शी मूल्य निर्धारण मॉडल बाजार के रुझान पर काम करते हैं और लागत प्रभावी तरीके से काम करने के लिए जाने जाते हैं। एक प्रस्ताव को एक साथ रखते हुए, हम 2-d डिज़ाइन योजना तैयार करते हैं और यह सुनिश्चित करने के लिए 3-आयामी (3d) डिज़ाइन प्रस्तुत करते हैं कि ग्राहक को इस बारे में अच्छी जानकारी हो कि उनका घर कैसा आकार लेगा ।

यह डिज़ाइन और बिल्ड सॉल्यूशन , सरकारी परेशानियां से निजात के साथ हमारे ग्राहक के लिए इस जगह में वास्तव में एंड-टू-एंड समाधान प्रदान करता है” “एक बार प्रोजेक्ट को ग्राहक द्वारा स्वीकृति मिलने के बाद, हम इसके लिए स्पष्ट एवम परिभाषित योजना को संचालित करने की दिशा में काम करना शुरू कर देते हैं। हम अपने विशेषज्ञों के माध्यम से नये प्रस्ताव लाते हैं और फिर, निर्माण परियोजना के उद्देश्य के लिए आवश्यक सरकारी संपर्क, परमिट और प्रमाणन प्राप्त करने की प्रक्रिया शुरू करते हैं।

हमारी टीम में पेशेवर इंजीनियर और आर्किटेक्ट हैं जो यह सुनिश्चित करते हैं कि काम सुचारू रूप बाजार के रुझान से चल रहा है और समय पर पूरा हो जायेगा हम यह सुनिश्चित करने के लिए कुछ निर्माताओं के साथ भी काम कर रहे हैं कि हमें सामग्री पर सर्वोत्तम मूल्य मिले और ग्राहकों को लाभ मिले”एक ही समय में कई ग्राहकों के साथ काम करने के बावजूद हैप्पो यह सुनिश्चित करता है कि ​​काम की गुणवत्ता में तो कोई समझौता नहीं किया जायेगा । हैप्पो द्वारा दिया जाने वाला हर निर्माण प्रोजेक्ट 5 साल की सर्विस वारंटी के साथ आता है। कंपनी अपनी कोर टीम की नींव पर टिकी हुई है जो अत्यधिक अनुभवी और कुशल है। जबकि हैप्पो का मुख्य कार्यालय पुणे में स्थित है, कंपनी ने भारत के विभिन्न शहरों और कस्बों में निर्माण परियोजनाओं को सफलतापूर्वक पूरा किया है।

शेयर बाजार में तेजी से बढ़ रहे निवेशक, सिर्फ 3 माह में खोले गए 48 लाख डिमैट अकाउंट

देश में जैसे-जैसे वित्तीय साक्षरता दर बढ़ रही है वैसे-वैसे शेयर बाजार के प्रति लोगों का रुझान भी बढ़ रहा है। एशिया की पहली और एकमात्र सूचीबद्ध डिपॉजिटरी सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज इंडिया ने वित्तीय वर्ष 2022-23 की सितंबर तिमाही के आंकड़े जारी किए हैं। इस आंकड़े के अनुसार इस वर्ष जुलाई, अगस्त और सितंबर महीने में देश में 48 लाख डिमैट अकाउंट खोले गए हैं। यह आंकड़े उस दौर में जारी किए गए हैं जब देश सदी की सबसे बड़ी महामारी कोरोना को झेलने का पाद पटरी पर लौट रहा है।

1 महीने में खोले गए 7 करोड़ अकाउंट्स

जारी किए गए आंकड़ों से साफ पता चलता है कि देश में लोग तेजी से शेयर मार्केट में भाग ले रहे हैं। CDSL ने ऐतिहासिक रिकॉर्ड दर्ज करते हुए अगस्त 2022 के महीने में 7 करोड़ डिमैट अकाउंट्स को रजिस्टर किया है। भारी संख्या में शेयर बाजार की ओर बढ़ते रुझान की वजह से इस डिपॉजिटरी बॉडी को बड़ा मुनाफा हुआ है। पिछले हफ्ते सेंट्रल डिपॉजिटरी ने 30 सितंबर 2022 को खत्म हुई छमाही के अपने फाइनेंशियल रिजल्ट्स की अनाउंसमेंट की थी इस दौरान CDSL को टोटल इनकम साल दर साल आधार पर 7% बढ़कर ₹370 हो गई बाजार के रुझान जबकि नेट प्रॉफिट 8% घटकर 138 करोड़ रुपए रहा।

क्या करती है CDSL ?

CDSL हमारे देश की ही नहीं बल्कि पूरे एशिया की सबसे पहली और पुरानी डिपॉजिटरी बॉडी है। CDSL इन्वेस्टर्स के शेयर, बॉन्ड, डिवेंचर और सिक्योरिटी को कागज के बजाए इलेक्ट्रॉनिक रूप से सुरक्षित रखती है। क्या डिपॉजिटरी मुंबई स्टॉक एक्सचेंज के लिए काम करती है साथ ही यह भारत की दूसरी सबसे बड़ी भी डिपॉजिटरी है। CDSL को शेयरों का बैंक भी कहा जाता है।

हर साल बढ़ रहे हैं आंकड़े

वित्तीय वर्ष 2018-19 के दौरान 3 लाख 59 हजार डिमैट अकाउंट खोले गए थे जो कि वित्तीय वर्ष 2017-18 के मुकाबले 39 फीसद अधिक था। इसी तरह वित्तीय वर्ष 2019-20 में 4 लाख 9 हजार डिमैट अकाउंट खोले गए जो पिछले साल के मुकाबले 50 फीसदी की वृद्धि दर्शाती है। वहीं अगर साल 2020-21 और 2021-22 (अक्टूबर) तक के आंकड़ों को देखें तो क्रमशः 5 लाख 51 हजार और 7 लाख 38 हजार है।

खुदरा निवेशक अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश की सबसे बड़ी डिपॉजिटरी बॉडी नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड के रजत जयंती समारोह को संबोधित करते हुए कहा था कि भारतीय खुदरा निवेशकों ने अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है विशेष रूप से पिछले 2 वर्षों के दौरान उनका योगदान अभूतपूर्व है। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया था कि वित्तीय वर्ष 2019-20 में जहां 4 लाख डिमैट अकाउंट हर साल खोले जा रहे थे वहीं वित्तीय वर्ष 2020-21 में 12 लाख खाते हुए हर महीने खोले गए।

डिमैट अकाउंट खुलवाना है आसान

डिमैट अकाउंट देश में बहुत सरल तरीके से खोले जा रहे हैं। मूल रूप से दो डिपॉजिटरी बॉडी है NSDL और CDSL यहां आप अपना डिमैट अकाउंट खोल सकते हैं। डिमैट अकाउंट खोलने के बाद आप किसी ब्रोकरेज हाउस के पास अपना ट्रेडिंग अकाउंट खोल पाएंगे। हालांकि लोगों को अकाउंट खोलने में दिक्कत न हो इस वजह से ब्रोकरेज हाउस ही डिमैट अकाउंट खोलने में लोगों की मदद कर रहा है। डिमैट अकाउंट खोलने के लिए पैन, एक बैंक अकाउंट, आईडेंटिटी कार्ड और एक एड्रेस प्रूफ का डॉक्यूमेंट का होना जरूरी है।

शेयर मार्केट में तेजी से भाग ले रहे हैं लोग

परंपरागत पैसे कमाने के तरीकों से अलग शेयर मार्केट के प्रति लोगों का रुझान तेजी से बढ़ता जा रहा है। शेयर बाजार में निवेशकों की संख्या बढ़ने की एक और वजह यह भी है कि देश में वित्तीय साक्षरता बढ़ रही है और इस वजह से लोग शेयर बाजार को भी एक कैरियर के रूप में देख रहे हैं। आज के नौजवानों के पास शेयर बाजार से करोड़ों रुपए कमाने का बेहतरीन रास्ता उपलब्ध है।

वैश्विक रुझानों, विदेशी निवेशकों के रुख से इस हफ्ते तय होगा शेयर बाजार: विश्लेषक

रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के उपाध्यक्ष अजीत मिश्रा ने कहा कि इस सप्ताह वायदा सौदों के निपटान के लिए प्रतिभागी व्यस्त रहेंगे। इसके अलावा अमेरिका से वैश्विक संकेत और विदेशी निवेश की आवक पर भी बाजार की नजर रहेगी। पिछले हफ्ते सेंसेक्स 183.37 अंक या 0.30 प्रतिशत और निफ्टी 60.30 अंक या 0.34 प्रतिशत चढ़ा।

बाजार का रुख कैसा भी हो, निवेश करते रहें: शेयर बाजार निचले स्तर पर हो या ऊंचाई पर, धैर्य हो तो हर हाल में होता है फायदा

रिटेल निवेशक आम तौर पर इक्विटी में निवेश से कतराते हैं। धैर्य, जिज्ञासा और जानकारी का अभाव इसकी वजह होती है। ऐसे में वे सही तरीके से पैसा कमाने के इस शानदार जरिए का पूरा फायदा नहीं उठा पाते। कुछ लोग इक्विटी में निवेश के बारे सोचते भी हैं तो बाजार में उतार-चढ़ाव को लेकर सीमित समझ उन्हें ऐसा करने से रोक देती है।

ज्यादातर लोगों को लगता है कि "सस्ता खरीदो और महंगा बेचो'' का नियम शेयर बाजार में काम नहीं करता है। कभी-कभार भारी उतार-चढ़ाव इसकी वजह होती है। लेकिन यह समझ गलत है क्योंकि शेयरों के मामले में यह नियम लंबी अवधि में काम करता है। असल में कोई भी निवेशक या विश्लेषक इस बात का सटीक अंदाजा नहीं लगा सकते कि बाजार कब चढ़ेगा और किस लेवल से इसमें गिरावट शुरू होगी। इसलिए बाजार का रुख कैसा भी हो, निवेश करते रहेंगे तो निश्चित तौर पर जोरदार कमाई होगी। यूनियन म्यूचुअल फंड के सीईओ जी प्रदीप कुमार आपको इक्विटी इन्वेस्टमेंट की बारीकियों को समझा रहे हैं.

पहली स्थिति: मान लीजिए कि एक निवेशक ने 2002 में सालाना 1 लाख रुपए का निवेश तब शुरू किया था, जब निफ्टी-50 निचले स्तर पर था। उसने लगातार 10 साल यानी 2011 तक निवेश जारी रखा। फिर 2011 से लेकर 2022 तक कोई निवेश नहीं किया। लेकिन पहले किया गया निवेश भी नहीं भुनाया। अभी उसकी 10 लाख रुपए की पूंजी बढ़कर 1.09 करोड़ रुपए हो गई है।

सबक: हालात कैसे भी हों, लंबे समय तक टिके रहने वाले निवेशकों को शेयर बाजार मालामाल कर देता है। शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव को नजरअंदाज करते हुए धैर्य रखना इसके लिए जरूरी है।

दूसरी स्थिति: बाजार की बारीकियों से अनजान एक निवेशक ने 2002 में सालाना 1 लाख का निवेश तब शुरू किया था, जब निफ्टी-50 अपने सबसे ऊंचे स्तर पर था। उसने लगातार 10 साल यानी 2011 तक निवेश किया। फिर 2022 तक कोई निवेश नहीं किया। लेकिन पहले किया गया निवेश भी नहीं भुनाया। अभी उसकी भी 10 लाख की पूंजी बढ़कर 67.86 लाख रुपए हो गई है।

सबक: आप शेयर बाजार के सबसे बदकिस्मत निवेशक ही क्यों न हों, लेकिन अगर आपने लंबी अवधि के लिए निवेश कर रखा है तो अंत में आपको बाजार से कई गुना अधिक रिटर्न जरूर मिलेगा।

गिरावट का इंतजार न करें
निवेश के लिए बाजार नीचे आने का इंतजार न करें। बाजार जब चढ़ रहा हो तो कई निवेशक यह सोचकर शेयर नहीं खरीदते कि अभी निवेश महंगा साबित होगा। उन्हें लगता है कि बाजार जल्द गिर सकता है। ऐसे लोग दर्शक बने रह जाते हैं। उनके लिए निवेश का सही वक्त कभी नहीं आता।

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