ब्रोकर फीस

सबसे अच्छा ब्रोकर कौन सा है?
इसे सुनेंरोकेंदोस्तों आप भी स्टॉक ब्रोकर बनना चाहते है तो स्टॉक ब्रोकर बनने के आप कोई भी financial market course कर सकते है। इसके साथ आपके पास commerce, economics, statistics, accountancy या Business Administrator की knowledge भी आपको मदद करेगी। आप इन subjects की graduation या post graduation की degree भी ले सकते है।
शेयर मार्केट में ब्रोकर क्या होता है?
इसे सुनेंरोकेंस्टॉक ब्रोकर एक विनियमित व्यावसायिक व्यक्ति होता है, जो आम तौर पर ब्रोकरेज फर्म या ब्रोकर-डीलर से जुड़ा होता है, जो बदले में शुल्क या कमीशन के लिए स्टॉक एक्सचेंज के माध्यम से या काउंटर पर रिटेल और संस्थागत ग्राहकों दोनों के लिए स्टॉक और अन्य प्रतिभूतियों को खरीदता है और बेचता है।
ब्रोकर कैसे काम करता है?
इसे ब्रोकर फीस सुनेंरोकेंयह मूल रूप से एक विशिष्ट ब्रोकरेज प्रतिशत आपके कुल ट्रेडिंग मूल्य के ऊपर लगाया जाता है और वह इसे आपके कुल ट्रेडिंग मूल्य (पोर्टफोलियो) में से काट लेता है । इस प्रकार, खरीद और बिक्री के इस विशेष निष्पादन के लिए आपको अपने स्टॉक ब्रोकर को ब्रोकरेज शुल्क के रूप में ₹4200 का भुगतान करना होगा।
Zerodha मुझे 1 लाख मुझे कितना चार्ज lagta hai?
इसे सुनेंरोकेंआपके सौदे की कुल कीमत हुई 1 लाख रुपये (100*1000)। जिस दिन आप ये सौदा करते हैं उसे ट्रेड डे या टी डे (T Day) कहते हैं। तो एक लाख रुपये के साथ 103.93 रुपये की फीस आपको देनी पड़ेगी, यानी कुल 100,103.93 रुपये की रकम आपके ट्रेडिंग अकाउंट से निकल जाएगी।
सबसे कम ब्रोकरेज कौन लेता है?
इनमें से कुछ छूट दलाल भारत में सबसे कम ब्रोकरेज शुल्क लेते हैं।…फ़िनवेज़िया
- नेस्ट: ₹149 प्रति सेगमेंट, ₹99 ब्रैकेट ऑर्डर प्रीमियम प्लान – ₹777 सभी सेगमेंट, ₹0 ब्रैकेट ऑर्डर।
- ए. एम. आई ब्रोकर: ₹299 प्रति माह असीमित व्यापार के लिए।
- प्रेस्टो: ₹1599 प्रति माह (लाइसेंस लागत अतिरिक्त) सेगमेंट में असीमित व्यापार के लिए।
कैसे एक शेयर दलाल बनने के लिए?
12वीं पास हैं तो आप बन सकते हैं शेयर बाजार में सब ब्रोकर, होगी…
- शैक्षणिक योग्यता आपकी न्यूनतम योग्यता 10 + 2 या हायर सेकंडरी सर्टिफिकेट होनी चाहिए।
- क्या क्या दस्तावेज चाहिए
- बुद्धिमानी से ब्रोकरेज फर्म चुनें
- आवश्यकताओं को जांच लें
- बुनियादी जानकारी ब्रोकर फीस दें
- रजिस्ट्रेशन फी और अकाउंट एक्टिवेशन
क्या एसटीटी शुल्क है?
इसे सुनेंरोकेंएसटीटी निवेशकों और व्यापारियों द्वारा केंद्र सरकार को भुगतान किया जाने वाला एक नियामक शुल्क है। ब्रोकर द्वारा जारी किए गए अनुबंध नोट में एसटीटी लगाया जाता है और यह लेनदेन के समग्र मूल्य पर आधारित होता है।
शेयर दलाल क्या है?
इसे सुनेंरोकेंदलाल या तो विक्रेता या खरीदार का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं लेकिन एक ही समय पर दोनों को नहीं कर सकता । उदाहरण स्टॉक दलाल होगा, जो अपने ग्राहक की तरफ से प्रतिभूतियों की बिक्री या खरीद करता है। दलाल स्टॉक, बॉन्ड और अन्य वित्तीय सेवाओं की बिक्री में एक बड़ी भूमिका निभाते हैं। दलाल का उपयोग करने के फायदे हैं।
ब्रोकर को हिंदी में क्या बोलते हैं?
इसे सुनेंरोकेंBrokar Meaning in Hindi – ब्रोकर ब्रोकर फीस का मतलब हिंदी में ब्रोकर इंग्लिश [संज्ञा पुल्लिंग] वह जो कुछ पारिश्रमिक लेकर लोगों को सौदा ख़रीदने या बेचने में सहायता देता हो ; दलाल ; (एजेंट)। ब्रोकर – संज्ञा पुं [अंग्रेजी] वह व्यक्ति जो दूसरे के लिये सोदा खरीदता ओर जिसे सोदे पर सैकडे़ पीछे कुछ वंधी हुई दलाली मिलती है । दलाल ।
कैसे दलाली शुल्क की गणना के लिए?
इसे सुनेंरोकेंदलाली शुल्क कुल कारोबार का 0.05% है। मान लीजिए कि आपके द्वारा खरीदे गए शेयर की लागत 100 रुपये है। फिर दलाली शुल्क 100 रुपये का 0.05% है, जो 0.05 रुपये है। फिर, व्यापार पर कुल दलाली शुल्क 0.05+ 0.05 रुपये है, जो 0.10 रुपये (खरीदने और बेचने के लिए) है।
क्या ब्रोकरेज शुल्क है?
इसे सुनेंरोकेंब्रोकरेज शुल्क एक दलाल द्वारा लेनदेन निष्पादित करने या विशेष सेवाएं प्रदान करने के लिए शुल्क लिया जाता है। शुल्क बिक्री, खरीद, परामर्श और वितरण जैसी सेवाओं के लिए है। एक ब्रोकरेज शुल्क एक दलाल को लेनदेन निष्पादित करने के लिए क्षतिपूर्ति करता है। (यह आमतौर पर होता है, लेकिन हमेशा नहीं) लेन-देन मूल्य का प्रतिशत।
ब्रोकरेज मॉडल क्या है?
इसे सुनेंरोकेंभारतीय डिस्काउंट ब्रोकिंग की नींव ज़ेरोधा ने ही रखी थी। इसी कारण के सारे डिस्काउंट ब्रोकर में से ज़ेरोधा के पास सबसे ज्यादा क्लाइंट्स है। इक्विटी डिलीवरी पर ज़ेरोधा में शून्य ब्रोकरेज चार्ज किया जाता है। इसी प्रकार इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए फ्लैट 20 रूपये प्रति ट्रेड का चार्ज लगता है।
यहां प्रॉपर्टी बेचने के लिए ब्रोकरों को बनवाना होगा लाइसेंस, आसान भाषा में समझें क्यों उठाया यह कदम ?
इंदौर जिला प्रशासन ने शहर में प्रॉपर्टी ब्रोकरों के लिए लाइसेंसिंग व्यवस्थाओं को लागू करने की तैयारी कर ली है. अब शहर में लाइसेंस के जरिए है किराए पर मकान मिल सकेगा. आएये आसान भाषा में समझते हैं कि इंदौर जिला प्रशासन ने क्यों उठाया यह कदम और कैसे करेगा काम-
इंदौर। प्रॉपर्टी के लिहाज से प्रदेश के सबसे महंगे शहर में अब बिना लाइसेंस (license for property dealer in indore) के दलालों को प्रॉपर्टी के सौदे करना मुश्किल होगा. संपत्तियों की खरीदी बिक्री अवैध तरीके से होने के कारण लोगों के साथ हो रही धोखाधड़ी के चलते इंदौर जिला प्रशासन ने प्रॉपर्टी ब्रोकर के लिए भी लाइसेंसिंग की व्यवस्था को लागू करने की तैयारी कर ली है. अब संपत्तियों की खरीदी-बिक्री से लेकर किराए पर दिलाने के लिए दलालों को नगर निगम से लाइसेंस लेना होगा. इसके बाद ही वे संपत्तियों के सौदा करा सकेंगे.
अब से पहले क्या हो रहा था ?
इंदौर में करीब तीन दशकों से कच्चे बिलों अथवा डायरी पर प्लॉटों की खरीदी बिक्री होती रही है. डायरी पर संपत्तियों के खरीदी का कोई वैधानिक रिकॉर्ड नहीं होने के कारण कॉलोनाइजर से लेकर ब्रोकर (new rule for property broker in indore) तक प्रॉपर्टी खरीदने वाले ग्राहकों के साथ मनमानी करते रहे हैं.
क्यों उठाया ब्रोकर फीस कदम ?
हाल ही में जिला प्रशासन को ऐसी भी शिकायतें मिलीं थीं, जिसके चलते संपत्तियों की डायरी के आधार पर ब्याज संपत्तियां गिरवीं रखने से लेकर ब्याज का धंधा किया जा रहा था. इसके अलावा डायरी के आधार पर ही प्लॉट खरीदने वालों से दलाल 12% की दर से संपत्ति की बाकी राशि वसूल रहे थे.
ब्रोकर से जिला प्रशासन से की सीधी बात
इंदौर जिला प्रशासन ने इस तरह की अवैध संपत्तियों की सौदेबाजी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए करीब एक दर्जन दलालों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किए हैं. आज इस मामले में इंदौर जिला प्रशासन ने शहर के प्रॉपर्टी ब्रोकर ब्रोकर फीस एसोसिएशन (indore property broker association) के करीब 150 और इंदौर रिटेलर वेलफेयर एसोसिएशन के 80 से ज्यादा सदस्यों से डायरी पर संपत्तियों के सौदा नहीं करने को लेकर सीधा संवाद किया.
अब कैसे काम करेंगे ब्रोकर ?
इस दौरान दलालों को स्पष्ट रूप से निर्देश दिए गए कि अब इंदौर जिले में कोई भी सौदा बिना विधिक पंजीयन के नहीं हो सकेगा. इसके अलावा जो दलाल संपत्तियों का सौदा बिक्री कर आते हैं, उन्हें भी अब संपत्तियों के क्रय विक्रय की तमाम वैधानिक शर्तों को पूरा करना होगा. इसके अलावा उन्हें खुद भी संपत्तियों को किराए पर देने अथवा अन्य रूप से हस्तांतरित ब्रोकर फीस करने की पात्रता दर्शाने के लिए इंदौर नगर निगम से एक निर्धारित शुल्क जमा करके लाइसेंस बनवाना होगा.
लाइसेंस नहीं लिया तो क्या होगा ?
नतीजतन शहर में अब जिस प्रॉपर्टी ब्रोकर के पास लाइसेंस होगा, वही संपत्तियों का ब्रोकरेज कर सकेगा, जो लोग इस नियम का पालन नहीं करेंगे. उन्हें प्रॉपर्टी बिक्री के बाजार से बाहर होना पड़ेगा या फिर रेरा के दायरे के अनुसार कालोनियों की तमाम अनुमति या एवं वैधानिक प्रक्रिया के तहत ही संपत्तियों के सौदा करने होंगे. इसके अलावा कॉलोनाइजर को भी संपत्तियों की तमाम अनुमति सार्वजनिक रूप से लेनी होंगी.
इंदौर नगर निगम में कई सालों से प्रॉपर्टी ब्रोकर के लाइसेंस बनाने का प्रावधान है. हालांकि अब नए सिरे से इंदौर जिला प्रशासन ने नगर निगम को निर्देशित किया है कि जिन प्रॉपर्टी ब्रोकर के लाइसेंस नहीं है, उन्हें लाइसेंस प्रक्रिया के दायरे में लाया जाए. अब एक निर्धारित लाइसेंस फीस वसूल कर ब्रोकरों को लाइसेंस प्रदान किए जाएंगे. इसके अलावा जो बाहरी ब्रोकर संपत्तियों के किराए अथवा अन्य रूप से हस्तांतरण करने का काम करते हैं उन्हें भी लाइसेंस प्रक्रिया के ब्रोकर फीस अधीन लाया जाएगा.
एक रियल एस्टेट एजेंट, एक ब्रोकर और एक रियाल्टार के बीच अंतर क्या हैं? | निवेशकिया
बनाम ब्रोकर रियल एस्टेट एजेंट (अद्यतन) (नवंबर 2022)
अचल संपत्ति उद्योग से अपरिचित बहुत से लोग शर्तों का इस्तेमाल रियल एस्टेट एजेंट, दलाल और रियाल्टार एक दूसरे के लिए करते हैं। इन तीन खिताबों में मतभेद हैं, तथापि, अचल संपत्ति सेवाओं की जरूरत वाले लोगों के लिए प्रत्येक अचल संपत्ति पेशेवर ऑफर सेवाएं सबसे महत्वपूर्ण हैं।
एक रीयल एस्टेट एजेंट एक रीयल एस्टेट पेशेवर है जिसने सभी आवश्यक अचल संपत्ति वर्गों को ले लिया है और पास किया है और राज्य में अचल संपत्ति लाइसेंस परीक्षा उत्तीर्ण की है जिसमें वह काम करना चाहता है। यह शीर्षकों का सबसे अधिक शामिल है क्योंकि यह सबसे अचल संपत्ति पेशेवरों के लिए शुरुआती बिंदु है। एजेंटों को भी रीयल एस्टेट सहयोगियों के रूप में जाना जाता है
एक रीयल एस्टेट ब्रोकर ने अपनी शिक्षा को अचल संपत्ति एजेंट स्तर से आगे बढ़ा दिया है और रियल एस्टेट ब्रोकर लाइसेंस परीक्षा उत्तीर्ण की है। रियल एस्टेट ब्रोकर स्वतंत्र रीयल एस्टेट एजेंट के रूप में काम कर सकते हैं या उनके लिए काम कर रहे अन्य एजेंट हैं। एक रियल एस्टेट एसोसिएट ब्रोकर एक पेशेवर है जिसने दलाल लाइसेंसिंग परीक्षा पास की है लेकिन किसी दूसरे ब्रोकर के लिए काम करना चुनता है। एक एसोसिएट ब्रोकर विशिष्ट एजेंट कमिशन से ऊपर और उससे आगे ब्रोकरेज मुनाफे में हिस्सा ले सकता है।
एक रियाल्टार एक रीयल एस्टेट प्रोफेशनल है जो नेशनल एसोसिएशन ऑफ रियल्टीर्स (एनएआर) का सदस्य है। एक सदस्य बनने के लिए, एक रीयल एस्टेट पेशेवर को संघ के मानदंडों का पालन करने और इसके कोड नैतिकता को बनाए रखने के लिए सहमत होना होगा।
तीनों में सबसे बड़ा अंतर यह है कि एक दलाल खुद पर काम कर सकता है, जबकि किसी एजेंट को लाइसेंसधारी दलाल के तहत काम करना पड़ता है।
कैसे रियल एस्टेट एजेंट और ब्रोकर शुल्क कार्य | निवेशकिया
घर खरीदने या बेचने? अचल संपत्ति एजेंट और ब्रोकर फीस के बारे में आपको क्या जानने की ज़रूरत है
करियर तुलना: रियल एस्टेट एजेंट या बंधक ब्रोकर
यदि आप इनमें से किसी एक कैरियर पर विचार कर रहे हैं, यह लेख आपको दो के बीच एक ब्रोकर फीस तार्किक विकल्प बनाने में मदद करने के लिए बनाया गया है।
क्या रियल एस्टेट एजेंट किरायेदारों की संपत्ति ढूंढने में मदद कर सकते हैं?
रियल एस्टेट एजेंट एक नया घर की खोज करते समय एक पट्टे पर हस्ताक्षर करते समय सशक्त लाभ प्रदान करते हैं, साथ ही साथ वार्ता के लिए शक्ति प्रदान करते हैं।
Share Broker या Stock Broker क्या होता है? Stock Broker कैसे बने? जानिए Stock Broker बनने से जुड़ी सभी जानकारी हिंदी में
आज हम जानेंगे स्टॉक ब्रोकर (Stock Broker) कैसे बने पूरी जानकारी (How to Become Share Broker/Stock Broker In Hindi) के बारे में क्योंकि आपने कभी ना कभी टीवी पर या फिर अखबारों में शेयर मार्केट, स्टॉक ब्रोकर, स्टॉक एक्सचेंज, सेंसेक्स या फिर निफ़्टी के बारे में अवश्य सुना होगा। ऐसे कई लोग हैं, जो कम समय में ज्यादा पैसा कमाने के लिए स्टॉक एक्सचेंज में अपने पैसे इन्वेस्ट करते हैं। स्टॉक एक्सचेंज को सामान्य भाषा में शेयर मार्केट कहा जाता है। दुनिया के अधिकतर विकसित और विकासशील देशों में शेयर बाजार होता है, जिसे हिंदी में शेयर बाजार और अंग्रेजी में Share Market कहा जाता है।
शेयर मार्केट में एक पोस्ट होती है Stock Broker की। स्टॉक ब्रोकर शेयर मार्केट में पैसे इन्वेस्ट करने वाले और शेयर मार्केट बाजार के बीच एक मेडिएटर का काम करता है। अगर आप स्टॉक ब्रोकर बनना चाहते हैं या फिर शेयर ब्रोकर बनना चाहते हैं, तो आर्टिकल को ब्रोकर फीस अंत तक पढ़े। आज के इस लेख में जानेंगे कि Stock Broker Kaise Bane, स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए क्या करे, Stock Broker Meaning In Hindi, Stock Broker Kaun Hota Hai, स्टॉक ब्रोकर बनने का तरीका, Stock Broker Kaise Bante Hain, आदि की सारी जानकारीयां विस्तार में जानने को मिलेंगी, इसलिये पोस्ट को लास्ट तक जरूर पढे़ं।
RTO बोले तो रिश्वत टेकिंग ऑफिस
Gorakhpur: रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस (आरटीओ) गोरखपुर के दफ्तर में घूस नहीं देने पर युवक की पिटाई की घटना यहां के घूसखोरों की गुंडई की न तो कोई पहली घटना है और न ही आखिरी? हां ये जरूर है कि घूसखोरी और गुंडई के इस मामले में पहली बार एफआईआर दर्ज की गई है और मामले की सीओ स्तर पर जांच शुरू हुई है. वरना लोगों की मानें तो सच तो यह है कि आरटीओ मतलब रिश्वत टेकिंग ऑफिस है. जहां बिना घूस दिए कोई काम नहीं होता है. फिर चाहे ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना हो या फिर फिटनेस प्रमाण पत्र लेना हो. हर सुविधा के लिए जैसे सरकारी फीस फिक्स होती है, उसी तरह यहां घूस का रेट भी फिक्स है. हर काम के लिए पब्लिक से घूस वसूली जाती है. मजेदार बात ये है कि घूस का यह खेल यहां खुलेआम चलता है. घूस की वसूली के लिए आरटीओ के पूरे कैंपस में ब्रोकर मौजूद हंै. काम के हिसाब से फीस भी तय है. सरकारी फीस से दोगुना पैसा सुविधा शुल्क के नाम पर लिया जाता है. सबकुछ खुला है फिर चाहे बाबू हो या फिर अफसर सबका रेट फिक्स है.
सिर्फ 30 रुपये है फीस
आरटीओ में ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के लिए सरकारी फीस मात्र 30 रुपये है जबकि लाइसेंस के नाम पर तीन सौ से ज्यादा ब्रोकर फीस रुपए वसूला जाता है। लर्निंग लाइसेंस की सरकारी फीस 30 रुपए है और इसके लिए फॉर्म ए और बी की कीमत मात्र दो रुपए है, लेकिन लाइसेंस बनवाने वाले से 8 से 10 रुपए तक फॉर्म की कीमत वसूली जाती है। वहीं लर्निंग लाइसेंस के लिए तीन सौ रुपए और एक मंथ बाद परमानेंट लाइसेंस के लिए साढ़े चार सौ वसूला जाता है, जबकि उसकी फीस मात्र 150 रुपए है। पचास रुपए किताब के नाम पर और 50 रुपए बाबू के साथ 50 रुपए आरआई का। बाकी बचा दलाल के हिस्से में जाता है।
हर सुविधा के लिए रेट फिक्स
आरटीओ डिपार्टमेंट में हर सुविधा के लिए रेट फिक्स है। फिर चाहे ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना हो, रिन्युअल करवाना हो या फिर पेनाल्टी केस। हैवी लाइसेंस का हर तीन साल में रिन्युअल होता है, जिसकी सरकारी फीस पचास रुपए है जबकि घूस के रूप में दो सौ रुपए वसूले जाते हैं। एक सुविधा और है अगर लाइसेंसधारी रिन्युअल के लिए खुद नहीं आता तो फीस बढ़कर साढ़े तीन से चार सौ तक वसूली जाती है। यदि आप लाइसेंस बनवाने के लिए आरटीओ ऑफिस तक जाने की जहमत नहीं उठाना चाहते हैं तो आपको सुविधा शुल्क का डबल रेट देना होगा। गाड़ी के रजिस्ट्रेशन के लिए सरकारी फीस के रूप में गाड़ी की कीमत का 7 प्रतिशत जमा करना होता है। रजिस्ट्रेशन के लिए सुविधा शुल्क का रेट दो सौ रुपए तय है।
जितनी बड़ी गाड़ी उतना बड़ा रेट
आरटीओ का सबसे बड़ा खेल कॉमर्शियल व्हीकल में होता है। उसकी फिटनेस का केस हो या परमिट का या फिर पेनाल्टी का। परमिट के लिए सरकारी फीस चार हजार, फिटनेस के लिए चार हजार और पैनाल्टी के लिए रूल्स के अनुसार अलग-अलग सरकारी फीस है लेकिन सरकारी फीस के साथ-साथ हर कार्रवाई के लिए डेढ़ से दो हजार रुपए सुविधा शुल्क वसूला जाता है। अगर कोई व्यक्ति प्राइवेट फीस न देकर सरकारी फीस पर खुद अपना काम करवाना चाहता है तो उसे लंबी लाइन और कई दिन तक अलग-अलग डिपार्टमेंट के चक्कर काटने पड़ते हंै। एक काम के लिए कभी-कभी सात-सात दिन तक चक्कर लगाने पड़ते हंै। अगर सुविधा शुल्क दिया जाए तो वही काम एक से दो दिन में हो जाता है।