दुनिया की सबसे मज़बूत मुद्रा डॉलर

Most Expensive Currency: डॉलर नहीं, ये है दुनिया की सबसे महंगी करेंसी, रुपये से कई गुना है 'ताकतवर'
Most Powerful Currency: दुनिया की सबसे मजबूत मुद्रा यानी करेंसी कौन सी है? शायद आपको भी इस बात की गलतफहमी होगी कि इस सवाल का जवाब डॉलर है. लेकिन ये सच नहीं है. आइए जानते हैं दुनिया की सबसे शक्तिशाली करेंसी के बारे में.
जब भी हम दुनिया की सबसे महंगी करेंसी के बारे में सोचते हैं तो हमारे दिमाग में सबसे पहला नाम डॉलर का आता है. इसका कारण है कि ज्यादातर रुपये की तुलना डॉलर से की जाती है लेकिन डॉलर दुनिया की सबसे मजबूत करेंसी नहीं है.
आपको जानकर शायद हैरानी होगी कि कुवैती दीनार दुनिया की सबसे ज्यादा शक्तिशाली मुद्रा है. दरअसल कुवैत के पास ढेर सारा ऑयल रिजर्व है और बढ़ती तेल की मांग की वजह से कुवैती करेंसी की डिमांड भी काफी ज्यादा हाई है.
जहां एक कुवैती दीनार की कीमत 265 रुपये से भी ज्यादा है तो वहीं एक डॉलर की कीमत 82 रुपये है. हालांकि ये दुनिया की सबसे मज़बूत मुद्रा डॉलर रेट फ्लक्चुएट होता रहता है. फिर भी आप देख सकते हैं कि कुवैती दीनार और डॉलर के बीच कितना ज्यादा अंतर है.
डॉलर हुआ मजबूत, रुपए में आई रिकॉर्ड गिरावट, जानिए दुनिया की सबसे शक्तिशाली मुद्राओं के बारे में
राज एक्सप्रेस। सोमवार को डॉलर के मुकाबले रूपए में गिरावट आने से भारतीय मुद्रा अब तक के अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है। सोमवार को भारतीय मुद्रा डॉलर के मुकाबले 43 पैसे गिरकर 78.28 रूपए पर बंद हुई। इसी के साथ इतिहास में यह पहला मौका है जब भारतीय मुद्रा डॉलर के मुकाबले 78 रुपए के नीचे जा पहुंची है। रूपए में गिरावट का बड़ा कारण विदेशों में अमेरिकी मुद्रा की मजबूती को माना जा रहा है। ऐसे में आज हम आपको दुनिया की 5 सबसे मजबूत मुद्राओं के बारे में बता रहे हैं। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि इनमें दुनिया की सबसे लोकप्रिय मुद्रा अमेरिकी डॉलर का नाम शामिल नहीं है।
कुवैती दिनार :
अरब देश कुवैत की मुद्रा को कुवैती दिनार कहते हैं। यह दुनिया की सबसे शक्तिशाली मुद्रा है। अगर इसकी तुलना भारतीय मुद्रा से करें तो बता दें कि 1 कुवैती दीनार करीब 254 भारतीय रूपए के बराबर होती है।
बहरीन दीनार :
इस सूची में दूसरा नाम है अरब देश बहरीन की मुद्रा बहरीन दीनार का। यह दुनिया की दूसरी सबसे शक्तिशाली मुद्रा है। वहीं इसकी तुलना रूपए से करें तो 1 बहरीन दीनार का मूल्य करीब 207 भारतीय रूपए के बराबर होता है।
ओमान रियाल :
अरब देश ओमान की मुद्रा ओमान रियाल को दुनिया की तीसरी सबसे शक्तिशाली मुद्रा माना जाता है। 1 ओमान रियाल की कीमत करीब 202 भारतीय रूपए के बराबर होती है।
जॉर्डन दीनार :
जॉर्डन एक अरब देश है और इसकी आधिकारिक मुद्रा जॉर्डन दीनार है। यह दुनिया की चौथी सबसे शक्तिशाली मुद्रा है और इसकी वैल्यू 110 भारतीय रूपए के बराबर होती है।
ब्रिटिश पाउंड :
दुनिया की पांचवीं सबसे शक्तिशाली मुद्रा ब्रिटिश पाउंड है। यह ब्रिटेन की मुद्रा है। 1 ब्रिटिश पाउंड करीब 95 भारतीय रूपए के बराबर होता है।
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दुनिया की सबसे मज़बूत मुद्रा डॉलर

Costliest Currencies of World: ये है दुनिया की 6 सबसे महंगी करेंसी
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कई लोगों को लगता है की डॉलर ही दुनिया की सबसे महंगी करेंसी है
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कुवैती को दुनिया की सबसे मजबूत मुद्रा के दुनिया की सबसे मज़बूत मुद्रा डॉलर रूप में जाना जाता है, यह दुनिया के कर-मुक्त देशों में से एक है
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बहरीन दुनिया की दूसरी सबसे मजबूत मुद्रा है
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ओमान रियाल सबसे दुनिया की सबसे मज़बूत मुद्रा डॉलर मजबूत मुद्राओं की सूची में तीसरे स्थान पर है, इसका करेंसी कोड OMR है
डॉलर हुआ मजबूत, रुपए में आई रिकॉर्ड गिरावट, जानिए दुनिया की सबसे शक्तिशाली मुद्राओं के बारे में
राज एक्सप्रेस। सोमवार को डॉलर के मुकाबले रूपए में गिरावट आने से भारतीय मुद्रा अब तक के अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है। सोमवार को भारतीय मुद्रा डॉलर के मुकाबले 43 पैसे गिरकर 78.28 रूपए पर बंद हुई। इसी के साथ इतिहास में यह पहला मौका है जब भारतीय मुद्रा डॉलर के मुकाबले 78 रुपए के नीचे जा पहुंची है। रूपए में गिरावट का बड़ा कारण विदेशों में अमेरिकी मुद्रा की मजबूती को माना जा रहा है। ऐसे में आज हम आपको दुनिया की 5 सबसे मजबूत मुद्राओं के बारे में बता रहे हैं। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि इनमें दुनिया की सबसे लोकप्रिय मुद्रा अमेरिकी डॉलर का नाम शामिल नहीं है।
कुवैती दिनार :
अरब देश कुवैत की मुद्रा को कुवैती दिनार कहते हैं। यह दुनिया की सबसे शक्तिशाली मुद्रा है। अगर इसकी तुलना भारतीय मुद्रा से करें तो बता दें कि 1 कुवैती दीनार करीब 254 भारतीय रूपए के बराबर होती है।
बहरीन दीनार :
इस सूची में दूसरा नाम है अरब देश बहरीन की मुद्रा बहरीन दीनार का। यह दुनिया की दूसरी सबसे शक्तिशाली मुद्रा है। वहीं इसकी तुलना रूपए से करें तो 1 बहरीन दीनार का मूल्य करीब 207 भारतीय रूपए के बराबर होता है।
ओमान रियाल :
अरब देश ओमान की मुद्रा ओमान रियाल को दुनिया की तीसरी सबसे शक्तिशाली मुद्रा माना जाता दुनिया की सबसे मज़बूत मुद्रा डॉलर है। 1 ओमान रियाल की कीमत करीब 202 भारतीय रूपए के बराबर होती है।
जॉर्डन दीनार :
जॉर्डन एक अरब देश है और इसकी आधिकारिक मुद्रा जॉर्डन दीनार है। यह दुनिया की चौथी सबसे शक्तिशाली मुद्रा है और इसकी वैल्यू 110 भारतीय रूपए के बराबर होती है।
ब्रिटिश पाउंड :
दुनिया की पांचवीं सबसे शक्तिशाली मुद्रा ब्रिटिश पाउंड है। यह ब्रिटेन की मुद्रा है। 1 ब्रिटिश पाउंड करीब 95 भारतीय रूपए के बराबर होता है।
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डॉलर की मजबूती के आगे फीके पड़े बड़े देशों के विदेशी मुद्रा भंडार, अमेरिका और जापान के मुकाबले कहां है भारत
Foreign Reserve डॉलर की मजबूती के कारण पिछले कुछ महीनों में यूरो ब्रिटिश पाउंड और येन की कीमत में दुनिया की सबसे मज़बूत मुद्रा डॉलर तेजी के गिरावट हुई है जिससे दुनिया के बड़े केंद्रीय बैंकों का विदेशी मुद्रा भंडार बड़ी मात्रा में गिरा है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। डॉलर के लगातार मजबूत रहने के कारण वैश्विक विदेशी मुद्रा भंडार में बड़ी गिरावट देखने को मिली है। भारत ही नहीं, यूरोप के बड़े देशों के विदेशी मुद्रा भंडार तेजी से नीचे गिरे हैं। इसके पीछे का कारण इन देशों की ओर से अपनी मुद्रा को सहारा देने के दुनिया की सबसे मज़बूत मुद्रा डॉलर लिए डॉलर को बड़ी संख्या में खर्च करना है।
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल की शुरुआत से अब तक दुनिया के कुल विदेशी मुद्रा भंडार में 1 ट्रिलियन डॉलर की कमी आ चुकी है और यह घटकर 12 ट्रिलियन डॉलर रह गया है। ब्लूमबर्ग की ओर से 2003 से आंकड़े एकत्रित किए जाने के बाद से अब तक की यह सबसे बड़ी गिरावट है।
डॉलर दो साल की ऊंचाई पर
अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेड की ओर से ब्याज दर लगातार तीसरी बार 0.75 प्रतिशत बढ़ाने के एलान के बाद से डॉलर पूरी दुनिया की मुद्राओं के मुकाबले लगातार मजबूत हो रहा है। डॉलर, यूरो और येन जैसी मजबूती मुद्राओं के सामने 20 सालों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है।
विदेशी मुद्रा भंडार कमी का कारण
डॉलर की मजबूती के कारण दुनिया के विभिन्न देशों के पास विदेशी मुद्रा भंडारों में मौजूद अन्य विदेशी मुद्राओं जैसे यूरो और पाउंड की कीमत में तेजी से गिरावट हुई हैं। इसके कारण दुनिया के विदेशी मुद्रा भंडारों का मूल्यांकन गिरा है। वहीं, दुनिया के सभी देशों के विदेशी मुद्रा भंडार में कमी का एक अन्य बड़ा कारण डॉलर के सामने अपने देश की मुद्रा के अवमूल्यन में कमी लाने के लिए बड़ी मात्रा में डॉलर को बेचना है।
उदाहरण के लिए, भारत का विदेश मुद्रा भंडार इस साल की शुरुआत से दुनिया की सबसे मज़बूत मुद्रा डॉलर अब तक 96 बिलियन डॉलर गिरकर 538 बिलियन डॉलर पहुंच गया है। इसमें 67 प्रतिशत गिरावट दुनिया की अन्य मुद्राओं में कमी के कारण है, जबकि बाकी की गिरावट भारतीय रुपये में गिरावट रोकने के लिए डॉलर खर्च करने के कारण हुई है। इस साल की शुरुआत से अब तक डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में 10 प्रतिशत की गिरावट आ चुकी है।
जापान अपनी मुद्रा येन को संभालने के लिए करीब 20 बिलियन डॉलर की राशि को खर्च कर चुका है। 1998 के बाद यह पहला मौका था, जब जापान ने डॉलर के मुकाबले येन की स्थिति को संभालने के लिए करेंसी मार्केट में हस्तक्षेप किया था। इस साल से अब तक डॉलर के मुकाबले येन की कीमत में 19 प्रतिशत की गिरावट हुई है। यूरोपीय देश चेक रिपब्लिक दुनिया की सबसे मज़बूत मुद्रा डॉलर के विदेशी मुद्रा भंडार में भी 19 प्रतिशत की गिरावट हुई है।
भारत के पास पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार
रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत के पास अपनी जरूरतों को दुनिया की सबसे मज़बूत मुद्रा डॉलर पूरा करने के लिए पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार है। यह अभी भी 2017 के स्तर से 49 प्रतिशत अधिक है, जो कि नौ महीने के आयात के लिए काफी है।