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मार्जिन क्या है

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” आप तो सिंपल सी बात जान लिजिये डॉक्यूमेंट पेज के चारों तरफ बिना टाइप या मार्जिन क्या है खाली जगह को MARGIN कहा जाता है “

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आज से 100% मार्जिन रूल लागू, जानिए क्या है पीक मार्जिन और ट्रेडर्स पर क्या होगा इसका असर

सेबी ने पीक मार्जिन का नियम आज से पूरी तरह लागू किया, जानिए क्या होगा ट्रेडिंग पर असर

1 सितंबर यानी आज से सेबी ने पीक मार्जिन के नियमों को बदल दिया है। आज से ट्रेडिंग के मार्जिन क्या है लिए 100% मार्जिन अपफ्रंट रखने की जरूरत होगी। पहले यह सिर्फ 75% था। यानी शेयर खरीदने या बेचने के लिए 75% अपफ्रंट मार्जिन की जरूरत थी। आज से इंट्राडे पोजीशन में भी 100% मार्जिन की जरूरत होगी।

जानिए इस नियम का ट्रेडर्स पर क्या असर होगा?

फ्यूचर एंड ऑप्शन (F&O) में ट्रेडिंग करने वालों को अब मार्जिन के तौर पर ज्यादा फंड रखना होगा। अब पीक मार्जिन के तौर पर 100% मार्जिन अपफ्रंट रखना होगा। एक ही दिन में शेयर खरीदकर बेचने वाले यानी इंट्राडे करने वालों को भी 100% मार्जिन की जरूरत होगी। पहले 75% मार्जिन अपफ्रंट की जरूरत होती थी।

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आसान शब्दों में कहें तो अगर कोई ट्रेडर 10 लाख रुपए का निफ्टी कॉन्ट्रैक्ट खरीदना चाहता है तो अब उसे बतौर 20% मार्जिन 2 लाख रुपए रखना होगा। लेकिन पहले सिर्फ 1.50 लाख रुपए मार्जिन रखने की जरूरत होती थी।

क्या है पीक मार्जिन?

पिछले साल तक कारोबारी सत्र के अंत में मार्जिन वसूला जाता था। उदाहरण के तौर पर अगर आपने कल 1 करोड़ मार्जिन क्या है रुपए F&O में निवेश किया तो आज के मार्केट सत्र में भी अतिरिक्त 1 करोड़ रुपए का निवेश कर सकते थे। पुराने सिस्टम में 1 करोड़ रुपए के अतिरिक्त निवेश पर अलग से कोई मार्जिन नहीं चुकाना पड़ता था। यानी कल के मार्केट सत्र से लेकर आज के मार्केट सत्र के बीच सिर्फ 1 करोड़ रुपए के मार्जिन पर आप 2 करोड़ रुपए F&O में निवेश कर सकते थे। लेकिन नए नियम के मुताबिक, आपको अतिरिक्त 1 करोड़ रुपए पर भी मार्जिन देना होगा।

सेबी ने पीक मार्जिन सिस्टम पिछले साल लागू किया था। इसे चार चरणों में लागू किया गया है। पहले चरण में अतिरिक्त 1 करोड़ रुपए पर 25% मार्जिन वसूला गया। दूसरे चरण में 50%, तीसरे चरण में 75% और चौथा चरण 1 सितंबर से लागू हो गया। इसमें 100% अपफ्रंट मार्जिन चुकाना होगा।

होम लोन में मार्जिन मनी क्या है?

होम लोन में मार्जिन मनी, वह राशि है जो एक उधारकर्ता डाउन पेमेंट के रूप में चुकाता है। संपत्ति खरीदते समय, कुल लागत का वह हिस्सा जिसे खरीदारों के अपने फंड से वित्तपोषित किया जाना होता है, मार्जिन मनी कहा जाता है और यह 10% से 25% तक भिन्न हो सकता है। इसका भुगतान बैंक या गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी (एनबीएफसी) को भी किया जा सकता है, जहां से संभावित घर खरीदार होम लोन मांग रहा है।

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Margin मीनिंग : Meaning of Margin in Hindi - Definition and Translation

  1. ShabdKhoj
  2. margin Meaning
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MARGIN MEANING IN HINDI - EXACT MATCHES

Usage : Leave wide margins.
उदाहरण : जब कोई वस्तु किश्तों में खरीदी जाए तो उस पर लगाए जाने वाली अतिरिक्त राशि।

उदाहरण : नाकारापन की हद- लड़का: मम्मी एक ग्लास पानी देना. मां: खुद ले लो. लड़का: प्लीज दे दो ना. मां: अब मांगा ना तो थप्पड़ दूंगी. लड़का: ओके, जब थप्पड़ मारने आओगी तो पानी लेते मार्जिन क्या है आना !

OTHER RELATED WORDS

Usage : These are marginal points and can be discussed later.
उदाहरण : परंतु ऐसे अवसर बहुत कम और कभी-कभार होने चाहिए।

Usage : the book was covered with marginalia.
उदाहरण : पुस्तक को पार्श्व-टिप्पणी के साथ आवृत किया गया था|

Usage : The focus is mainly on marginalised and assetless women, female - headed households and women of other dispossessed groups.

Definition of Margin

  • the boundary line or the area immediately inside the boundary
  • an amount beyond the minimum necessary; "the margin of victory"
  • the amount of collateral a customer deposits with a broker when borrowing from the broker to buy securities

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Information provided about margin:

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MARGIN क्या है और पेज का MARGIN कैसे Set करते है

MARGIN क्या है और पेज का MARGIN कैसे Set करते है?

  • Post category: Basic Computer Hindi
  • Post comments: 1 Comment
  • Reading time: 3 mins read

दोस्तों बहुत से ऐसे कंप्यूटर यूजर है जिन्हे कंप्यूटर के अंदर MARGIN की बिल्कुल भी जानकारी नहीं है जब वो कंप्यूटर के अंदर डॉक्यूमेंट बनाते है तो उन्हें यह नहीं समझ आता आखिर मार्जिन क्या होता है डॉक्यूमेंट पेज के अंदर तो इसी बात को ध्यान में रखते हुए हम आपको बतायेगें की MARGIN क्या है ?

जब आप कंप्यूटर में अपने लिए या किसी अन्य के लिए कोई डॉक्यूमेंट बनाते हो तो बहुत से डॉक्यूमेंट बनाने वाले लोग कहते है की पेज का MARGIN इतना छोड़ना या पेज का MARGIN उतना छोड़ना तो वो आपसे डॉक्यूमेंट पेज के चारों तरफ के खाली जगह को पेज के अंदर छोड़ने की बात कह रहा है।

आपने कभी ना कभी कंप्यूटर से बने कोई डॉक्यूमेंट या कोई डिज़ाइन तो देखा होगा तो आप उस डॉक्यूमेंट या कोई डिज़ाइन को ध्यान से देखें की उसके चारों तरफ कुछ खाली जगह होती है जो आपके टाइप किये मेटर से एक इंच या आधा इंच की दूरी पर होती है बस उसे ही MARGIN कहा जाता है,

जब आप कंप्यूटर के अंदर अपने लिए या किसी अन्य के लिए डॉक्यूमेंट बना रहे हो और डॉक्यूमेंट बनाते समय पेज में MARGIN एडजेस्ट करने की बात हो रही है तो आप समझ लेना बो डॉक्यूमेंट पेज के चारों तरफ छूटे खाली जगह (SPACE) एडजेस्ट करने की बात हो रही है.

” आप तो सिंपल सी बात जान लिजिये डॉक्यूमेंट पेज के चारों तरफ बिना टाइप या खाली जगह को MARGIN कहा जाता है “

कंप्यूटर के अंदर डॉक्यूमेंट पेज में MARGIN क्यों सेट किया जाता है –

जब आप अपने कंप्यूटर के अंदर को डॉक्यूमेंट या डिज़ाइन तैयार करते है तो हमे उस डॉक्यूमेंट या डिज़ाइन का प्रिंट निकाल ने के लिए पेज के MARGIN को सेट किया जाता है जिससे हमारे डॉक्यूमेंट या डिज़ाइन लिखे मेटर पर प्रिंटर का कोई भी प्रभाव ना पड़े और हमारे डॉक्यूमेंट या डिज़ाइन का पेज अच्छे तरीके से प्रिंट हो जाये

और बहुत से कंप्यूटर यूजर अपने डॉक्यूमेंट पेज में MARGIN इसलिए छोड़ते है क्योंकि उन्हीं बाद में कुछ एक्स्ट्रा लिखना होता है और वहीं बात की जाये तो लेटर हेड पर प्रिंट निकालने ले लिए डॉक्यूमेंट पेज में बहुत मार्जिन छोड़ा जाता है जिससे डॉक्यूमेंट पेज उस लेटर पर ठीक से प्रिंट हो जाये और लेटर में लिखा मेटर बिल्कुल भी ख़राब ना हो।

“ध्यान दें – DOCUMENT के अंदर MARGIN क्या है और किसे कहा जाता है अब भी आपको समझ नहीं आया है तो इसमें कोई चिंता की बात नहीं हमने डॉक्यूमेंट MARGIN से सम्बंधित एक वीडियो बना दिया है आप उस पर क्लिक करके डॉक्यूमेंट पेज MARGIN के बारे में और अच्छे से जान सकते है और साथ ही साथ MARGIN को डॉक्यूमेंट पेज में कैसे सेट कर सकते है यह भी सिख सकते है आप इस नीचे दिये गये वीडियो पर क्लिक किजिये -“

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