क्रिप्टो ब्रोकर क्या है

क्या है क्रिप्टोकरेंसी?
फॉरेक्स गेम क्रिप्टो आणि स्टॉक 17+
- क्या आप क्रिप्टो / फॉरेक्स ट्रेडिंग और स्टॉक में शुरुआत कर रहे हैं?
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हमारा ऐप न केवल आपको वास्तविक फॉरेक्स बाजार वातावरण प्रदान करता है जहां आप क्रिप्टोक्यूरेंसी या मुद्राएं खरीदे और बेचे सकते हैं, बल्कि हम आपके साथ साझा की जाने वाली शैक्षिक सामग्री और युक्तियों से भी सीख सकते हैं।
गेम शुरू करते समय आपको ट्रेडिंग शुरू करने के लिए $1000 मिलते हैं। उदाहरण के लिए, आप इसके साथ बिटकॉइन की तरह क्रिप्टोक्यूरेंसी ख़रीद सकते हैं, जो मुफ्त बिटकॉइन की तरह लगेगा
खेलते समय आप सीखेंगे:
क्रिप्टो ट्रांजेक्शन पर 1 जुलाई से कटेगा 1% TDS, नए नियम की क्या है खास बातें?
केंद्रीय बजट 2022 में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि 1 जुलाई से वर्चुअल असेट्स की बिक्री के लिए किए गए भुगतान पर 1% का टीडीएस लगाया जाएगा. इसके अतिरिक्त, क्रिप्टो लेनदेन से आय पर 30% टैक्स भी वर्तमान वित्तीय वर्ष से लागू होगा.
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (Central Board of Direct Taxes - CBDT) ने आज नई धारा 194S के संबंध में कठिनाइयों को दूर करने के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं. यह 1 जुलाई 2022 से प्रभावी होंगे.
धारा 194S को वित्त अधिनियम 2022 (Finance Act 2022) के माध्यम से आयकर अधिनियम (Income Tax Act) में रखा गया था. यह क्रिप्टो और दूसरी वर्चुअल डिजिटल असेट्स के ट्रांसफर पर 1% TDS की कटौती को अनिवार्य करता है.
Explainer: क्रिप्टोकरेंसी में निवेश क्या घाटे का सौदा है, जानें एक्सपर्ट की राय?
- नई दिल्ली ,
- 07 अक्टूबर 2021,
- (अपडेटेड 07 अक्टूबर 2021, 4:54 PM IST)
- क्रिप्टोकरेंसी भारत में भी लोकप्रिय
- निवेश के लिए कई प्लेटफॉर्म मौजूद
भारत में पिछले कुछ साल में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर निवेशकों में काफी ज्यादा उत्साह देखने को मिल रहा है. इसका मुख्य कारण यह है कि अन्य करेंसी के मुकाबले क्रिप्टोकरेंसी में रिस्क के बावजूद निवेश से तेजी से मुनाफा और रिटर्न मिलता है. Bitcoin, Ethereum, Tether, Cardano, Ripple, Polka Dot जैसी कई करेंसी हैं, जहां भारत के लोग अपना पैसा लगा रहे हैं.
Cryptocurrency awareness: क्रिप्टो करेंसी पर जागरूकता में भारत ने ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी को पीछे छोड़ा, टॉप 10 देशों में हुआ शामिल
भारत में बिटकॉइन समेत अन्य क्रिप्टोकरेंसी को लेकर लोगों का क्रेज बना हुआ है.
Crypto-currency awareness : भले ही मोदी सरकार क्रिप्टोकरेंसी की निगरानी के लिए विधेयक लाने की तैयारी कर रही है, लेकिन फिर भी भारत में बिटकॉइन समेत अन्य क्रिप्टोकरेंसी को लेकर लोगों का क्रेज बना हुआ है. पिछले 12 महीनों में कुल ग्लोबल सर्चेज़, क्रिप्टो मालिकों की संख्या, ग्लोबल क्रिप्टो एडॉप्शन इंडेक्स और अन्य फैक्टर्स के आधार पर भारत फिलहाल सातवा सबसे ज्यादा ‘क्रिप्टो अवेयर’ (crypto-aware) क्रिप्टो ब्रोकर क्या है देश है. ब्रोकर डिस्कवरी और कंपैरिजन प्लेटफॉर्म BrokerChooser की हालिया रिपोर्ट में यह बात सामने आई है. रिपोर्ट के अनुसार, देश के लोगों में क्रिप्टो के संबंध में जागरूकता को लेकर किए गए इस अध्ययन में दुनिया के 50 देशों को शामिल किया गया था.
क्या कहती है रिपोर्ट
रिपोर्ट के मुताबिक, क्रिप्टो अवेयरनेस स्कोर में भारत ने 10 में से 4.39 अंक हासिल किए. भारत ने इस मामले में ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी और जापान जैसे देशों को पीछे छोड़ दिया. इस चार्ट में यूक्रेन 7.97 अंकों के साथ सबसे ऊपर क्रिप्टो ब्रोकर क्या है है. इसके बाद रूस, अमेरिका, केन्या, दक्षिण अफ्रीका और यूके का स्थान है. क्रिप्टोकरेंसी को लेकर ग्लोबर स्तर पर सर्च किए जाने वाले वाक्य हैं – cryptocurrency, what cryptocurrency to invest in, cryptocurrency to buy, cryptocurrency trading, cryptocurrency trends, और cryptocurrency brokers.
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रोजगार में क्रिप्टो निभा रहा है अहम भूमिका
इसके अलावा, रोजगार सृजन के मामले में भी क्रिप्टो अहम भूमिका निभा रहा है. नैसकॉम ने क्रिप्टो एक्सचेंज वज़ीरएक्स के साथ साझेदारी में पिछले महीने प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा था कि इंडस्ट्री में साल 2030 तक 8 लाख से ज्यादा नौकरियां पैदा करने की क्षमता है, वहीं 2030 तक इंडस्ट्री का आकार 241 मिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है. अब तक, भारतीय खुदरा निवेशकों द्वारा क्रिप्टो में 6.6 बिलियन डॉलर का निवेश किया गया है.
(Article : Sandeep Soni)
(इस स्टोरी में क्रिप्टोकरेंसी के बारे में सुझाव/सिफारिशें संबंधित कमेंटेटर/रिपोर्ट द्वारा दी गई हैं. फाइनेंशियल एक्सप्रेस ऑनलाइन उनकी सलाह के लिए कोई जिम्मेदारी नहीं लेता है. क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने से पहले कृपया अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह लें.)
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युवाओं की पसंद
इनमें एक हैं मीत शाह जो 15 साल की उम्र से क्रिप्टो की खरीद-बिक्री करते हैं. 2012 में जब लोग कम ही क्रिप्टो के बारे में जानते थे, मीत शाह तब क्रिप्टो कॉइन के साथ खेलना शुरू कर चुके थे. देश के सबसे पुराने एक्सचेंज जेबपे में उन्होंने 300 रुपये लगाकर बिटकॉइन (bitcoin) की खरीदारी की. 300 रुपये लगाकर मीत शाह आज 65,000 रुपये से ज्यादा का निवेश कर चुके हैं. उनका मानना है कि कोई भी क्रिप्टोकरंसी (cryptocurrency) इतने कम दिन में ऐसा रिटर्न नहीं दे सकती.
शाह बताते हैं कि उन्होंने खेल-खेल में बिटकॉइन खरीद लिया था, लेकिन आज यह बात नहीं है. तब बिटकॉइन अभी स्टार्ट ही हुआ था. शाह जैसे कई लोग हैं जिन्होंने बेमन या मजाक में बिटकॉइन, इथीरियम और लोटकॉइन जैसी साइबर करंसी खरीद ली हो. आज जिस तेजी से इन क्रिप्टोकरंसी के दाम बढ़ रहे हैं, इसका अंदाजा लगाना उनके लिए भी मुश्किल है.
बिटकॉइन के धंधे में तेजी
बिटकॉइन (bitcoin) मई 2016 में 523 डॉलर का था जो अब 35 हजार डॉलर पर है. अभी कुछ दिन पहले 65 हजार डॉलर पर गया था, लेकिन चीन में पांबदी और एलॉन मस्क के ट्वीट ने इसका बेड़ागर्क कर दिया. फिर भी 2016 की तुलना में यह बहुत आगे है. क्रिप्टोकरंसी की इस तेजी को देश के युवाओं ने पकड़ा और आज वे अच्छा लाभ कमा रहे हैं.
युवाओं की बात सुनें तो पता चलेगा कि जैसे लॉटरी में लोग पैसा लगाते थे, आज युवा क्रिप्टो में पैसा लगाते हैं. उनका मानना है कि रिटर्न आए तो ठीक नहीं तो पैसा डूबने वाला नहीं है. भारत में आज 70 परसेंट निवेशक 30 साल से नीचे के हैं. ये युवा ऐसे हैं जो अपने को स्टॉक मार्कट में नहीं खपा सकते. उनका मानना है कि स्टॉक की जानकारी नहीं, एनालिसिस भी नहीं कर सकते और रिसर्च की बात तो दूर है. ब्रोकर बनकर निवेश करना तो और भी टेढ़ी खीर है.क्रिप्टो ब्रोकर क्या है
स्टॉक में पैसे लगाना मुश्किल
स्टॉक और फंड की तुलना में इन युवाओं को क्रिप्टो एक्सचेंज में पैसे लगाना ज्यादा सुविधाजनक लगता है. भारत के युवा क्रिप्टोकरंसी (cryptocurrency) के लिए जेबपे, वजीरएक्स, बिनेंस, कॉइनबेस और क्रैकेन के जरिये पैसा लगाते हैं. युवाओं को ये एक्सचेंज आसान और ओपन सोर्स होने के चलते निवेश के लिए सही लगते हैं. इस बीच इंटरनेट कंप्यूटर नाम की नई क्रिप्टोकरंसी आ गई जिसने पूरे बाजार को बदल कर रख दिया. इंटरनेट कंप्यूटर ने क्रिप्टो की बड़ी-बड़ी कंपनियों को चुनौती दे दी है. यह कंपनी अब लोगों को खुद की क्रिप्टोकरंसी (cryptocurrency) माइनिंग करने और उसे बेचकर कमाने का मौका दिया है. इसका नया आइडिया लोगों को इतना पसंद आया कि रातों रात कंपनी 45 अरब डॉलर पर पहुंच गई.
इन सबके बीच इथीरियम (ethereum) का उदाहरण सबसे चौंकाने वाला है. इथीरियम ब्लॉकचेन का नाम है जबकि उसकी डिजिटल करंसी इथर है. आज की तारीख में इथीरियम अपने ब्लॉकचेन से ज्यादा कमाई करती है न कि इथर से. इथीरियम ब्लॉकचेन पर नॉन फंजीबल टोकन का बिजनेस भी होता है. इथीरियम आज लोगों को एक साथ कई तरह का धंधा करने का विकल्प दे रहा है. इन सबके बावजूद क्रिप्टोकरंसी का धंधा अभी बहुत ज्यादा खुला और बिना डर का नहीं है. जानकार मानते हैं कि इसमें पैसा लगाएं लेकिन सावधानी के साथ.