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ऑनलाइन ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान

ऑनलाइन ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान

शेयर बाजार के फायदे और नुकसान

इन दिनों शेयर मार्केट के बारे में हर कोई चर्चा कर रहा है, हो सकता है आप भी अपना पैसा स्टॉक मार्केट में लगाने के बारे में सोच रहे हों। आज हम शेयर बाजार के फायदे और नुकसान के बारे बात करने वाले हैं। शेयर बाजार एक ऐसी जगह है जहाँ से आप अच्छा-ख़ासा पैसा कमा सकते हैं लेकिन इसके विपरीत भी हो सकता है यानी आपको नुकसान भी उठाना पड़ सकता है।

ताजा उदाहरण देखें तो हाल ही में आये कोरोना महामारी की वजह से स्टॉक मार्केट बुरी तरह से गिर गया था सभी निवेशकों के पोर्टफोलियो में 80-90% तक का नुकसान दिखाई दे रहा था इस स्थिति में जिन लोगों ने घबराहट में अपने स्टॉक्स बेच दिए उन्हें नुकसान उठाना पड़ा है।

लेकिन यह महामारी शेयर बाजार के जानकारों के लिए एक सुनहरा अवसर लेकर आया था। बड़े निवेशकों को ऐसे मौके का इंतजार होता है और इस मौके पर अच्छी कंपनियों के स्टॉक्स को बहुत कम भाव में खरीद पाते हैं। कोरोनाकाल के बाद मार्केट बड़ी तेजी से ऊपर जाता हुआ दिखा और अपने उच्चतम स्तर को भी तोड़कर आगे बढ़ चुका है। इस प्रकार से स्टॉक मार्केट के अपने फायदे भी है और नुकसान भी आइये शेयर बाजार के फायदे और नुकसान के बारे में विस्तार से जानते हैं।

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शेयर बाजार के फायदे

कम समय में अच्छा मुनाफा कमाने की संभावना: शेयर बाजार निवेश का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इसमें कम समय के निवेश में भी अधिक लाभ कमाए जा सकते हैं। यदि हम बैंक एफडी, बचत खाते आदि की बात करें तो ये सभी लम्बे अवधि के निवेश में एक निर्धारित रिटर्न दे पाते हैं लेकिन स्टॉक मार्केट में कम अवधि में अच्छा मुनाफा मिल सकता है यह पूरी तरह से निवेश किये गये कम्पनी के कामकाज और मार्केट के माहौल पर निर्भर करती है।

अधिक रिटर्न मिलने की संभावना: चूंकि अधिकांश सूचीबद्ध शेयर इक्विटी शेयर हैं, उनका मूल्य सीधे कंपनी के मूल्य से संबंधित है, इस प्रकार जब कोई कंपनी अच्छा प्रदर्शन कर रही है तो कंपनी के शेयरों के मूल्य में पर्याप्त वृद्धि होती है जो अच्छा रिटर्न प्रदान करती है।

कंपनी में हिस्सेदारी मिलती है: जब आप किसी कंपनी के शेयर खरीदते हैं तो आप उस कंपनी के हिस्सेदार बन जाते हैं। चाहे आपके पास कितने भी शेयर क्यों न हो आप कंपनी के ग्रोथ में भागीदार होते हैं और बदले में आपको वोटिंग अधिकार, लाभांश, बोनस आदि प्राप्त हो सकते हैं।

कभी भी शेयर खरीद और बेच सकते हैं: स्टॉक मार्केट पैसा लगाना और निकालना बहुत आसान है। आप कभी भी किसी भी लिक्विड स्टॉक को खरीद और बेच सकते हैं। आप कभी भी फायदे या नुकसान में अपना पैसा बाहर निकाल सकते हैं। बैंक एफडी या सरकारी बॉन्ड की तरह यहाँ कोई निर्धारित निवेश अवधि नहीं होती है।

महंगाई से बचने का उपाय: मुद्रास्फीति से बचने के लिए शेयर बाजार में निवेश एक अच्छा उपाय है, क्योंकि शेयर बाजार में निवेश थोड़े समय के दौरान उतार-चढ़ाव हो सकता है, लेकिन लंबी अवधि में सामान्य पूंजी वृद्धि के कारण शेयर का मूल्य महंगाई दर से अधिक बढ़ता है। उदाहरण के लिए, जून 2020 में महंगाई की दर 6% है और स्टॉक मार्केट निवेश पर औसत रिटर्न दर 16% रही है।

डिविडेंड आय: कंपनियां शेयरधारकों को लाभांश के रूप में प्रति वर्ष आय भी प्रदान करती हैं जो की सीधे उनके बैंक खाते में ट्रान्सफर हो जाते हैं। हालांकि यह राशि हर वर्ष अलग-अलग हो सकती है, कंपनी के मुनाफे के अनुसार यह कम या अधिक हो सकता है। जहां कंपनी को कोई लाभ नहीं तो डिविडेंट नहीं मिल सकता है।

डायवर्सिफिकेशन: शेयर बाजार के फायदे की लिस्ट में डायवर्सिफिकेशन का एक महत्वपूर्ण स्थान है। इसका मतलब यह है की निवेशक अपने पोर्टफोलियो में अलग-अलग सेक्टर और उद्योग के अनुसार अलग-अलग कंपनी के स्टॉक में निवेश कर सकता है। डायवर्सिफिकेशन जोखिम को कम करता है और मुनाफे की संभावना को बढ़ाता है।

निवेश करना आसन और सुविधाजन है: शेयर बाजार में निवेश करना सबसे अधिक सुविधाजन निवेशों में से एक है। आप बड़ी आसानी से ट्रेडिंग अकाउंट खोल सकते हैं और अपने कंप्यूटर या मोबाइल से ऑनलाइन शेयर खरीद सकते है।

शेयर बाजार के नुकसान

अस्थिर निवेश: शेयर बाजार अत्यंत अस्थिर (volatile) है इसमें लगातार उतार-चढाव होते रहते हैं। शेयर का भाव कभी भी बढ़ सकता है या घट सकता है। शेयरों के मूल्य को प्रभावित करने वाले कोई एक नही बल्कि कई सारे कारक हैं जैसे: बजट, सरकारी नीतियां, क्षेत्रीय घटनाएँ, महामारी या आपदाएं, कंपनी के लाभ-हानि, कंपनी के प्रबंधन में परिवर्तन आदि।

जानकारी का आभाव: स्टॉक मार्केट में ज्यादातर निवेशक किसी ब्रोकर या अन्य व्यक्ति की राय से अपना पैसा निवेश कर देते हैं जो की सही नही है। निवेश करने से पहले निवेशक को स्वयं शेयर बाजार का ज्ञान लेना जरुरी है। हालांकि सेबी और स्टॉक एक्सचेंजों के द्वारा कंपनियों को निवेशकों के लाभ के लिए सम्बंधित जानकारी का खुलासा करने का निर्देश होता है। लेकिन इसके बावजूद अधिकांश निवेशक अपने लाभ के लिए इस जानकारी का विश्लेषण और उपयोग करने में असमर्थ हैं। निवेशकों को इसके लिए प्रशिक्षण और अभ्यास की बहुत ज्यादा आवश्यकता है।

समय लग सकता है: निवेश करने के लिए हमें अच्छे स्टॉक्स की जरुरत होती है। एक अच्छे स्टॉक को सही समय पर खरीदना जरुरी है इसके लिए हमें एनालिसिस करना आना चाहिए। आपको शेयर बाजार पर भी नजर रखनी होगी, क्योंकि बाजार के गिरावट में सबसे अच्छी कंपनी की कीमत भी गिर सकती है। सही शेयर को ढूंढना, सही भाव का इंतजार करना और उसमे निवेशित रहना इसमें काफी समय लग सकता है।

निवेशक को अंतिम में भुगतान किये जाते हैं: जैसे किसी बिज़नेस के मालिक को अंत में पैसे मिलते हैं ठीक उसी तरह निवेशको को अंतिम में भुगतान किये जाते हैं क्योंकि स्टॉक एक व्यवसाय के स्वामित्व का प्रतिनिधित्व करते हैं। एक कंपनी को पहले अपने कर्मचारियों, आपूर्तिकर्ताओं, लेनदारों को भुगतान करना होता है। इसके अलावा व्यवसाय को चलाने के लिए जरुरी सुविधाओं और टैक्स के लिए भुगतान करना पड़ता है। फिर बचा हुआ कोई भी पैसा उसके मालिकों के बीच वितरित किया जाता है।

टैक्स: शेयर बाजार में निवेश करने पर आपको स्टॉक की खरीदी-बिक्री और इनकम पर टैक्स देना पड़ता है। यहाँ तक की यदि आप अपने निवेश किये गये शेयर को नुकसान में भी बेचते हैं तो भी आपको टैक्स देने पड़ सकते हैं।

ब्रोकरेज: जब कोई निवेशक शेयर खरीदता या बेचता है तो उसे ब्रोकर को ब्रोकरेज शुल्क के रूप में एक निश्चित अनुपात का भुगतान करना होता है। चाहे आप लाभ में हो या घाटे में आपको ब्रोकरेज फीस देनी ही पड़ती है।

भावनाओं को काबू में रखना जरुरी है: स्टॉक की कीमतें लगातार हर सेकंड बढ़ती और गिरती हैं। लोग अपनी भावनाओं को नियंत्रित नही कर पाते हैं और स्टॉक को बढ़ता हुआ देख लालच के कारण अधिक मात्रा में खरीदते हैं, और गिरने पर डर के कारण बेच देते हैं। सबसे अच्छा तरीका है कि निवेश करने से पहले जोखिम को ध्यान में रख कर निवेश करें और शेयरों की कीमतों में उतार-चढ़ाव को लगातार न देखें।

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निष्कर्ष

शेयर बाज़ार में निवेश करना फायदेमंद तो है ही लेकिन इसमें जोखिम भी शामिल हैं। आप अपना पैसा किसी स्टॉक क्यों निवेश कर रहे हैं यह आपको पता होना चाहिए। नये लोगों को हमेशा निवेश करने से पहले शेयर बाजार के बारे में सीखने की सलाह दी जाती है। यदि आप पहली बार शेयर बाजार में निवेश करने का निर्णय लेते हैं, तो केवल वही राशि निवेश करें जिसे आप नुकसान के रूप में देख पायें। जोखिम और लाभ दोनों को समझने के लिए आपको अपना शोध ठीक से करने की भी आवश्यकता है। हमेशा एक रणनीति या योजना बनाकर ही निवेश करे जिससे आप शेयर बाजार में खुश और समृद्ध रहेंगे।

ई-फार्मेसी से नफा या नुकसान

By SA Gayatri
Published: Friday 08 March 2019

हाल में दिल्ली और मद्रास उच्च न्यायालय द्वारा दवाओं की ऑनलाइन बिक्री पर तब तक के लिए प्रतिबंध लगा दिया है, जब तक केंद्र सरकार द्वारा ऑनलाइन फार्मेसी के नियमन के लिए कोई नियम नहीं बन जाते। अदालतों के इन फैसले के बाद कई तरह के सवाल उठ रहे हैं।

फार्मेसी ने कोर्ट में इस प्रतिबंध को हटाने की अपील करते हुए कहा है कि उनके पास जरूरी लाइसेंस हैं और वे किसी तरह की अवैध बिक्री नहीं कर रही हैं।

ऑनलाइन बिक्री पर प्रतिबंध की याचिका डर्मालॉजिस्ट जहीर अहमद ने दायर की थी। अपनी याचिका में उन्होंने कहा कि ड्रगिस्ट और डॉक्टर जहीर अहमद द्वारा ऑनलाइन दवाओं और दवाओं की अवैध बिक्री पर रोक लगाने के लिए याचिका दायर की गई थी। याचिका में उन्होंने कहा कि "दवाओं की ऑनलाइन बिक्री एक दवा महामारी, नशीली दवाओं के दुरुपयोग और आदत बनाने और नशीली दवाओं के गलत उपयोग को बढ़ावा देगी"।

याचिकाकर्ता ने दावा किया कि राज्य दवा नियंत्रक के निर्देश के बावजूद ऑनलाइन बिक्री जारी रही और उन्होंने ड्रग्स एवं कॉसमेटिक्स एक्ट के प्रावधानों का पालन नहीं किया। इसके अलावा ऑनलाइन दवाओं की बिक्री पर किसी तरह का कोई नियत्रंण नहीं है।

याचिका में कहा गया कि कई वेबसाइट लाखों रुपए की दवाइयां रोजाना बेच रही हैं। इतना ही नहीं, डॉक्टरों के बिना पर्चे के केवल दवाओं की तस्वीरों के आधार पर वेबसाइट दवाएं सप्लाई कर रही हैं। कई देशों में हाल ही में ऑनलाइन फार्मेसी की निगरानी और नियमन के लिए कई कदम उठाए हैं।

आंकड़ों के मुताबिक, चीन खाद्य एवं दवा प्रशासन ने इस साल मार्च में 991 कंपनियों को इंटरनेट मेडिसन ट्रेडिंग सर्विस क्वालिफिकेशन के तहत उपयुक्त पाया है। इसके बाद राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग और पारंपरिक चीनी दवाओं के राष्ट्रीय प्रशासन ने इंटरनेट बेस्ड मेडिकल सर्विसेज और टेलीमेडिसन के लिए तीन नियम बनाए हैं। इसके तहत, इन कंपनियों को रजिस्ट्रेशन कराना होगा, उनको लाइसेंस दिया जाएगा और उनकी निगरानी की जाएगी।

पुर्तगाल सरकार ने भी दावा किया है कि इस तरह की निगरानी के बाद गलत दवाओं की खरीद के कारण होने वाली मौतों की संख्या घटी है।

इस बारे में स्वयंसेवी संगठन पहल के संस्थापक शम्स आलम कहते हैं कि ऑनलाइन दवाओं की बिक्री पर प्रतिबंध का असर गरीबों पर नहीं पड़ेगा, बल्कि उन लोगों पर पड़ेगा, जो ऑनलाइन दवाइयां खरीदने में सक्षम हैं। साथ ही, दवाओं का दुरुपयोग करने वाले बच्चों और किशोरों पर भी इसका असर पड़ेगा।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के वित्त सचिव विमल कुमार मोंगा ने कहा, "ऑनलाइन दवाओं की बिक्री को लेकर एक गाइडलाइंस होनी चाहिए, ताकि दवाओं की बिक्री पर नजर रखी जी सके। ऑनलाइन दवाइयां खरीदना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। क्योंकि दवाओं के एक जैसे नाम खरीदार को संशय में डाल सकते हैं और वह गलत दवा खरीद सकता है। इतना ही नहीं, डॉक्टरों की उचित सलाह न होने के बावजूद दवाओं की बिक्री कई तरह की समस्याएं बढ़ा सकती है।

अभी देश भर में लगभग 19 लाख फार्मेसी हैं और लगभग 50 लाख परिवार इन दवा दुकानों में काम कर रहे हैं या जुड़े हैं। ऑनलाइन फार्मेसी पूरी तरह कमर्शियल हैं और अधिक से अधिक पैसा कमाना चाहती हैं, इसलिए वह निगरानी में नहीं रहना चाहतीं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन अदालत के फैसले से खुश है। इससे दवा बाजार पर बुरा असर पड़ और हमारे उद्योग भी इस तरह के अचानक बदलाव के लिए तैयार नहीं हैं"।

इंडिया ई-फार्मेसी मार्केट ऑप्च्युर्निटी आउटलुक 2024 की रिपोर्ट के मुताबिक, वर्तमान में 8.50 लाख से अधिक फार्मेसी रिटेल स्टोर हैं, जो अब तक कुल घरेलू मांग का 60 फीसदी पूरा करते हैं। यह पारंपरिक रिटेल फार्मेसी दवाओं की कुल का 99 फीसदी बिक्री करते हैं, जबकि ऑनलाइन बिक्री का हिस्सा केवल 1 फीसदी है।

अपोलो फार्मेसी, हैदराबाद के बिक्री विभाग के मुखिया संतोष कुमार ने कहा, "ई फार्मेसी के नियमन की जरूरत है, क्योंकि कई लोग हैं, खासकर बुजुर्ग जो दवाएं लेने के लिए दवा दुकानों तक नहीं जा सकते। उनके घर तक दवाएं पहुंचने से उनकी मदद होगी। प्रतिबंध बुरा नहीं है, यदि व्यापार पूरी तरह साफ हो, यह ग्राहक तक अच्छी सुविधाएं पहुंचाने में मदद करेगा। विश्वनीय कंपनियां ऑनलाइन बुकिंग से आयु प्रमाण के लिए कहती हैं, तब दवाओं की आपूर्ति करती हैं, ऐसे में बच्चों तक गलत दवाएं पहुंचने की बात खारिज की सकती है और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का दुरुपयोग रोका जा सकता है"।

अहमद की याचिका अदालत से यह भी निवेदन किया गया है कि प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिया जाए कि वे इंटरनेट से दवाओं का प्रदर्शन या बिक्री करने वाले संगठनों और संस्थानों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें।

हालांकि कुमार कहते हैं कि ई-फार्मेसी वास्तव में विश्वनीय हैं। यदि सभी कंपनियां अपने ग्राहक को बिल देती हैं तो गलत होने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है और बिल को निकट भविष्य में सबूत के तौर पर पेश किया जा सकता है। फिर भी यदि निगरानी की व्यवस्था होती है तो फर्जी वेबसाइट के माध्यम से उद्योग को भी नुकसान नहीं पहुंचाया जा सकेगा। इन विश्वनीय वेबसाइट्स पर डॉक्टर का लाइसेंस नंबर और जीएसटी नंबर की पहचान की जानी चाहिए और यदि वे फर्जी निकलते हैं तो उनकी सेवाओं पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए।

यह अभी भी देखा जाना है कि दवा कंपनियां इस फैसले से कैसे निपटेंगी, क्योंकि पारंपरिक दवा विक्रेताओं के बीच चिंता है कि नया उद्योग उनकी जगह ले लेगा।

दिल्ली फार्मेसिस्ट इम्प्लॉयज एसोसिएशन के महासचिव संजय बजाज ने कहा, इस फैसले से दवा कंपनियों को सहायता मिलेगी, क्योंकि उनके साथ काम कर रहे दवा विक्रेताओं को अपनी नौकरी खोने की चिंता सता रही थी। ई-फार्मेसी उतनी विश्वनीय नहीं है, जितना कि एक दुकान पर खड़ा दवा विक्रेता, जो डॉक्टर की पर्ची देख कर दवा देता है और साथ ही यह भी समझाताा है कि कौन सी दवा कब लेनी है। यदि ऑनलाइन कंपनियों को नियमों में बांधा जाता है तो वे उत्तरदायी साबित होंगी।

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पेपर ट्रेडिंग क्या होता है | पेपर ट्रेडिंग कैसे करे [2022]

आपने शेयर मार्केट में ट्रेडिंग का नाम तो जरूर सुना होगा जब कोई नया आदमी बिना सीखे ट्रेडिंग करना शुरू कर देता है तो उसको लॉस हो सकता है इसलिए उसे पहले पेपर ट्रेडिंग करके शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करना सीखना चाहिए ।

मार्केट में ऐसे कई सारे ऐप्स है जिनका नाम आपने सुना होगा जिन पर अकाउंट बनाने पर आपको कुछ पॉइंट मिलता है जिनसे आप पेपर ट्रेडिंग कर सकते हैं जैसे – eToro , AvaTrade

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हमने आपको बता दिया कि पेपर ट्रेडिंग क्या होता है अब हम जान लेते हैं कि पेपर ट्रेडिंग को कैसे करते हैं और पेपर ट्रेडिंग के क्या फायदे हैं और क्या नुकसान हैं ?

[2022] में पेपर ट्रेडिंग कैसे करे

पेपर ट्रेडिंग करने के दो मुख्य तरीके होते हैं –

1. ऑनलाइन पेपर ट्रेडिंग

2. ऑफलाइन पेपर ट्रेडिंग

ऑनलाइन पेपर ट्रेडिंग क्या होता है ?

इंटरनेट पर ऐसे कई सारे ऐप्स है और वेबसाइट है जहां पर आप अपना Demo अकाउंट बनाकर पेपर ट्रेडिंग कर सकते हैं जिसे ऑनलाइन पेपर ट्रेडिंग कहा जाता है ।

ऑनलाइन पेपर ट्रेडिंग में आपको वेबसाइट या एप के द्वारा बहुत सारा पैसा दिया जाता है जिससे कि आप पेपर ट्रेड कर सकते हैं ।

ऑनलाइन पेपर ट्रेंड करने के कुछ प्लेटफार्म के नाम –

जैसा कि मैंने आपको पहले ही बताया कि हम पेपर ट्रेडिंग इसलिए करते हैं ताकि हम ट्रेडिंग सीख पाए लेकिन एप हमें इतने सारे पैसे देते हैं तो कई सारे लोग सिर्फ बहुत सारा पैसा लगा के पेपर ट्रेड करते हैं वह मार्केट या ट्रेडिंग को सीखने में ध्यान नही देते हैं ।

ऑफलाइन पेपर ट्रेडिंग क्या होता है ?

ऑफलाइन पेपर ट्रेडिंग पहले के समय में ज्यादा किया जाता था जिसमें हम पेन और पेपर लेकर उस ऑनलाइन ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान पर रियल टाइम में मार्केट ट्रेड करते हैं और ट्रेडिंग सीखते हैं ।

पेपर ट्रेड कैसे कर सकते हैं ?

सबसे पहले आपको एक पेन और पेपर लेकर बैठना है उसमें आपको उन स्टॉक्स का नाम लिखना है जिसके ऊपर आप ट्रेड करेंगे ।

उसके बाद आप उस पेपर पर लिखे कि आप किस प्राइस पर उस स्टॉक को खरीदेंगे और किस प्राइज पर आप उसको बेचने वाले हैं और कौन सा स्टॉप लॉस उसमें लगाना है ।

इसमें स्टॉपलॉस लगाना बहुत जरूरी होता है ताकि आपको पता चले कि कहां पर आपका कितना लॉस हो रहा है जिससे कि आप अच्छे से सीख पाए।

आपको जितने दिन में ट्रेडिंग सीखना है अब उतने दिन तक पेपर ट्रेडिंग करके प्रैक्टिस करते रहें , आप जितना ज्यादा दिन पेपर ट्रेडिंग करके प्रैक्टिस करेंगे आप जब रियल ट्रेडिंग करने जाएंगे तो आपको वह एक्सपीरियंस बहुत ज्यादा काम देगा ।

आपको कम से कम 30 दिनों के लिए पेपर ट्रेडिंग करना चाहिए उसके बाद आपको देखना होगा कि आपने इन 30 दिनों में कितना टारगेट हिट किया है और कितना स्टॉप लॉस हिट किया है जिससे कि आपको पता चलेगा कि आपने ट्रेडिंग की कितनी skill सीख ली है ।

अगर आपने इन तीस दिनों में ज्यादा स्टॉपलॉस हिट किया हैं तो आप पेपर ट्रेडिंग को आगे जारी रखे जिससे की आप ज्यादा सिख पाए ।

हमने आपको बता दिया कि पेपर ट्रेडिंग क्या होता है और पेपर ट्रेडिंग कैसे करें अब हम जानेंगे कि पेपर ट्रेडिंग के फायदे क्या है और इसके नुकसान क्या है ।

पेपर ट्रेडिंग के फायदे

1. पेपर ट्रेडिंग का पहला फायदा है कि आप यहां पर ट्रेडिंग को एक्सपीरियंस कर सकते हैं और उसे सीख सकते हैं वह भी बिना पैसा लगाए जिससे आपका लॉस नहीं होता है ।

2. पेपर ट्रेडिंग का दूसरा फायदा है कि आप चाहे जितने दिनों तक ट्रेडिंग करो या सीखो तो आपको कोई पैसा नहीं देना होता हैं ।

3. पेपर ट्रेडिंग में आप अलग-अलग स्ट्रेटजी आजमा कर देख सकते हैं , जिससे अगर आप रियल ट्रेडिंग करने जाएंगे तो आपको फायदा मिल पाएगा ।

पेपर ट्रेडिंग करने के नुकसान –

1. पेपर ट्रेडिंग में रियल मनी नहीं होता है इसलिए आप बहुत सारा पैसा लगाकर पेपर ट्रेडिंग करते हो लेकिन जब आप रियल ट्रेडिंग करेंगे तो आपको अपना बजट भी तय करना होता है।

2. पेपर ट्रेडिंग में अगर हमें स्टॉपलॉस हिट हो जाता है तो हमें ज्यादा फर्क नहीं ऑनलाइन ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान पड़ता है लेकिन अगर हम रियल ट्रेनिंग में उस स्ट्रेटजी पर काम करेंगे और स्टॉपलॉस हिट होगा तो हमें रियल मनी खोना पड़ेगा।

निष्कर्ष –

हमने इस पोस्ट में आपको पेपर trading क्या होता है ,पेपर ट्रेडिंग कैसे करें और पेपर ट्रेडिंग के क्या फायदे हैं पेपर ट्रेडिंग के क्या नुकसान है इन सभी टॉपिक के बारे में डिटेल में जानकारी दी है ।

मुझे उम्मीद है मेरे द्वारा दी गई पेपर ट्रेडिंग के बारे में यह जानकारी आपको पसंद आई होगी अगर आपको ऐसे और किसी टॉपिक पर जानकारी चाहिए तो आप हमें कमेंट करके जरूर बताएं ।

दिवालिया क्रिप्टो एक्सचेंज के अकाउंट से ग्राहकों के ₹8000 करोड़ गायब

नई दिल्ली: कंगाल हो चुके क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफॉर्म एफटीएक्स से ग्राहकों के 1 अरब डॉलर (8054 करोड़ रुपये) गायब हो गए हैं. एक्सचेंज के संस्थापक सैम बैंकमैन फ्रायड ने ग्राहकों के करीब 10 अरब डॉलर अपनी ट्रेडिंग कंपनी अलामेडा रिसर्च में ट्रांसफर किए थे. रॉयटर्स के अनुसार, तब ही से इस अमाउंट के एक बड़े हिस्से का कुछ पता नहीं चला है. मामले से जुड़े लोगों के अनुसार, ये रकम 1.7 अरब डॉलर है. वहीं, कई लोग इसे 1 अरब से 2 अरब डॉलर के बीच मान रहे हैं.

बैंकमैन फ्रायड ने अन्य अधिकारियों के साथ पिछले रविवार को कंपनी के वित्तीय आंकड़े साझा किए थे जिसमें यह गड़बड़ सामने आई है. रॉयटर्स ने एफटीएक्स में ऊंचे पदों पर बैठे 2 लोगों के हवाले से ये जानकारी दी है. उन लोगों का कहना है कि फ्रायड ने कंपनी की मौजूदा स्थिति के बारे में वित्तीय जानकारी मुहैया कराने के दौरान ये आंकड़े दिए थे.

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दिवालिया हो चुकी है कंपनी
इस हफ्ते एफटीएक्स से भारी संख्या में निकासी हुई थी जिसके बाद कंपनी ने शुक्रवार को बैंक्रप्सी के लिए दस्तावेज जमा कर दिए. एक दूसरे क्रिप्टो एक्सचेंज बिनांस के साथ कंपनी की रेस्क्यू डील भी पूरी नहीं हो पाई. रॉयटर्स द्वाका 10 अरब डॉलर ट्रांसफर किए जाने के सवाल पर बैंकमैन फ्राइड ने कहा कि ये कोई गुप्च ट्रांसफर नहीं था. उन्होंने कहा कि गलत लेबलिंग होने के कारण ये असमंजमस की स्थिति पैदा हुई थी. उन्होंने शुक्रवार को एक ट्वीट में कहा कि इस हफ्ते जिस तरह से घटनाक्रम सामने आए उन्हें देखकर हैरान हूं. बकौल बैंकमैन, वह जल्द ही इस मामले पर पूरी विवरण लिखेंगे.

एक दिन में सर्वाधिक पैसे गंवाने वाले अरबपति
एफटीक्स को बिनांस द्वारा खरीदे जाने की घोषणा के बाद मंगलवार को उनकी संपत्ति में जबरदस्त गिरावट आई. वह एक दिन में 15.2 अरब डॉलर से लुढ़कर 99 करोड़ डॉलर पर पहुंच गए. यह किसी भी अरबपति की संपत्ति में एक दिन में आई सबसे बड़ी गिरावट थी. आपको बता दें कि फ्रायड अमेरिका स्थित मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट के ऑफ टेक्नोलॉजी के छात्र रहे हैं. उन्होंने 2017 में क्रिप्टो की दुनिया में कदम रखा लेकिन इससे पहले वह वॉल स्ट्रीट पर ब्रोकर के तौर पर काम कर चुके थे.

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