शुरुआती के लिए रणनीतियाँ

वित्तीय बाजार सहभागियों

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AMarkets के बारे में

कंपनी के अस्तित्व के वर्षों में, पत्र ए ने कई अलग-अलग अर्थ प्राप्त किए हैं, जो अब हमारे मिशन और दर्शन को आकार देते हैं:

उन्नत, उच्च अंत प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके, हम व्यावहारिक निष्पादन के साथ संयुक्त नवाचार प्रदान करते हैं

14 से अधिक वर्षों के काम के लिए, हमने व्यापक, व्यापक अनुभव प्राप्त किया, और सेवाओं के निष्पादन के लिए एक योग्य दृष्टिकोण का काम किया

हमारे ग्राहकों के प्रति जवाबदेह होने के नाते, यह सुनिश्चित करना कि वे हमारे उत्पादों और सेवाओं से खुश हैं, अपने हितों को पहले रखना हमारी नंबर एक प्राथमिकता है

हम वित्तीय बाजारों में उपयोगी सहयोग सुनिश्चित करने के लिए व्यापारियों और भागीदारों के साथ एक मजबूत गठबंधन बनाते हैं

कंपनी का इतिहास

लैटिन अमेरिका, एशिया और सीआईएस में ब्रोकरेज सेवाएं प्रदान करते हुए, एमारकेट्स अपने ग्राहकों और भागीदारों को उच्च गुणवत्ता वाली सेवाओं और व्यापक समर्थन की पेशकश करने पर ध्यान केंद्रित करता है। हमारी पेशेवर टीम अभिनव समाधान खोजने और नई तकनीकों को पेश करने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि दुनिया भर के एमारकेट ग्राहकों को सर्वोत्तम व्यापारिक स्थिति मिल सके। हमारे विशेषज्ञ विभिन्न उद्योग सम्मेलनों और कार्यक्रमों में सक्रिय भाग लेते हैं, जहां वे वित्तीय बाजारों के रुझानों और संभावनाओं पर चर्चा करते हैं।

1 अक्टूबर 2007 - AMarkets कंपनी की स्थापना की गई

हमने पहला कार्यालय खोला, वेबसाइट लॉन्च की और तरलता प्रदाता के साथ एक पुल स्थापित किया। मेटा ट्रेडर 4 ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर ग्राहकों को मुफ्त पहुंच मिली

कंपनी ने एक विदेशी प्रदर्शनी में विदेशी मुद्रा एक्सपो में भाग लिया और प्रदर्शनी के मेहमानों के लिए एक विशेष उत्पाद ट्रेडरबॉक्स बनाया

हमने वित्तीय बाजार सहभागियों विभिन्न व्यापारिक अनुभव वाले प्रतिभागियों के लिए वित्तीय बाजारों पर अपना पहला शैक्षिक वेबिनार आयोजित किया

गुणवत्ता विश्लेषण पर विशेष ध्यान देते हुए, हमने दैनिक आर्थिक समीक्षा पेश की

कंपनी ने दुनिया भर में अपनी उपस्थिति का विस्तार करना शुरू किया

वैश्विक वित्तीय संकट के दौरान ग्राहकों का व्यापार कारोबार 100% बढ़ गया

हमारे ग्राहकों में से एक ने एक दिन में $ 20,000 का रिकॉर्ड लाभ दिखाया

कंपनी ने 1000 वां ग्राहक मनाया

कंपनी नामांकन में IAFT अवार्ड्स की लौरी बन गई 'डिस्कवरी ऑफ द ईयर'

सीआरएम-सिस्टम बाजार में दुनिया के नेता - सेल्सफ्रेड सीआरएम-सिस्टम का उपयोग करके, एक पूर्ण ग्राहक विभाग बनाया गया था

कंपनी के ग्राहकों को ट्रेडिंग सेंट्रल और ऑटोकार्टिस्ट तक मुफ्त पहुंच मिलती है - सर्वोत्तम विश्लेषणात्मक सेवाएं, और विश्लेषणात्मक विभाग से अद्वितीय सामग्री के लिए भी

हमारे विश्लेषकों के पूर्वानुमान वित्तीय बाजार सहभागियों व्यापारियों के बीच एक भगोड़ा हिट बन जाते हैं और प्रमुख मीडिया में प्रकाशित होते हैं

भागीदार नेटवर्क बढ़ रहा है और व्यापारियों को वित्तीय बाजारों के लिए आकर्षित करने के लिए साझेदारी कार्यक्रम विभाग नए तरीकों पर काम कर रहा है

कंपनी अनाथालयों के बच्चों का समर्थन करने के लिए एक सामाजिक कार्यक्रम में भाग लेती है

कंपनी वित्तीय बाजारों के नियमन पर आयोग के सदस्य बन गए वित्तीय बाजार सहभागियों प्रतिभागियों के रिश्ते (KROUFR)

एक पूरी तरह से विकसित विश्लेषणात्मक विभाग ने अपना काम शुरू किया। ग्राहकों को अब दैनिक पूर्वानुमान और बाजार समीक्षा प्रदान की जाती है।

कंपनी शीर्ष स्तरीय तरलता प्रदाताओं के साथ साझेदारी करती है: ड्यूश बैंक, क्रेडिट सुइस, बार्कलेज, यूबीएस, मॉर्गन स्टेनली और बीएनपी परिबास

नो डीलिंग डेस्क तकनीक सभी ग्राहकों के लिए उपलब्ध हो जाती है

कंपनी एशियाई क्षेत्र के ग्राहकों के लिए पहला ट्रेडिंग खाता खोलती है

कंपनी ने अपने मूल शैक्षिक कार्यक्रमों के लिए KROUFR प्रमाणपत्र प्राप्त किया और 'ShowFx World' में नामांकन 'सर्वश्रेष्ठ विदेशी मुद्रा शैक्षिक कार्यक्रम 2011' में जीता। खुला मतदान

कंपनी ने ShowFx World को प्रायोजित किया, जो विश्व स्तर पर प्रसिद्ध प्रदर्शनी है

विदेशी मुद्रा कंपनियों के अधिकारियों के लिए Сompany ने "मुद्रा व्यापार की समस्याएं और संभावनाएं" वैज्ञानिक और व्यावहारिक सम्मेलन में भाग लिया।

कंपनी इंटरफेक्स के अनुसार सबसे बड़ी विदेशी मुद्रा-दलालों की रेटिंग में 11 वां स्थान लेती है

आरबीआई ने आठ एनबीएफसी के पंजीकरण प्रमाणपत्र रद्द किये

Opportunity India Desk

भारतीय रिजर्व बैंक ने आठ गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के पंजीकरण प्रमाणपत्र (सीओआर) रद्द किये। कंपनियां भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम 1934 की धारा 45-I के खंड (ए) में परिभाषित गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थान में कारोबार का लेन-देन नहीं करेगी।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने आठ गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के पंजीकरण प्रमाणपत्र (सीओआर) रद्द किये। केंद्रीय बैंक ने एक विज्ञप्ति में कहा कि चार एनबीएफसी ने अपना पंजीकरण प्रमाणपत्र आरबीआई को सौंप दिया है। वह चार एनबीएफसी हैं अश्विनी इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड, आरएम सिक्योरिटीज प्राइवेट लिमिटेड, एमिटी फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड और मैट्रिक्स मर्चेंडाइज लिमिटेड।

आरबीआई ने अलग से अन्य चार एनबीएफसी एसआरएम प्रॉपर्टीज एंड फाइनेंस कंपनी प्राइवेट लिमिटेड, वित्तीय बाजार सहभागियों नॉर्थ ईस्ट रीजन फिनसर्विसेज लिमिटेड, सोजेनवी फाइनेंस लिमिटेड और ओपल फाइनेंस लिमिटेड के प्रमाण पत्र रद्द किये। केंद्रीय बैंक ने कहा उपरोक्त कंपनियां भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम 1934 की धारा 45-I के खंड (ए) में परिभाषित गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थान में कारोबार का लेन-देन नहीं करेगी।

एनबीएफसी लाइसेंस रद्द करने के कुछ दिनों बाद वित्त मंत्रालय ने पिछले महीने कहा था कि देश में प्लेटफार्म अवैध रूप से चल रहे है। आरबीआई उन खातों की निगरानी करेगा जिनका उपयोग मनी लॉन्ड्रिंग के लिए किया जा सकता है। आरबीआई ने कहा कि दुरुपयोग से बचने के लिए एनबीएफसी की समीक्षा को रद्द भी करेगा। नियमित बैंकिंग चैनलों के बाहर संचालित "अवैध लोन ऐप" से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में एक बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया।

नई दिल्ली स्थित अश्विनी इन्वेस्टमेंट ने 2002 में अपना लाइसेंस प्राप्त किया, जबकि आरएम सिक्योरिटीज, एमिटी फाइनेंस और मैट्रिक्स मर्चेंडाइज ने क्रमशः 2001, 2000 और 2008 में अपने पंजीकरण प्रमाणपत्र वित्तीय बाजार सहभागियों प्राप्त किया। आरबीआई के अनुसार, अब उन्हें एनबीएफसी के कारोबार में लेन-देन करने की अनुमति नहीं है।

आरबीआई ने जानकारी दी है कि पूंजी बाजार नियामक सेबी ने 6 अक्टूबर, 2022 को क्रेडिट रेटिंग वित्तीय बाजार सहभागियों एजेंसी ब्रिकवर्क रेटिंग्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के पंजीकरण प्रमाणपत्र (सीओआर) को रद्द कर दिया है। रेटिंग एजेंसी को छह महीने में अपने परिचालन को बंद करने का निर्देश दिया गया है और वह कोई नया ग्राहक या नया आवेदन नही लेगा।

आरबीआई ने कहा विनियमित संस्थाओं या बाजार सहभागियों को सूचित किया जाता है कि रिज़र्व बैंक द्वारा जारी किसी भी दिशा-निर्देश के अनुसार आवश्यक रेटिंग या क्रेडिट मूल्यांकन के संबंध में, तत्काल प्रभाव से उपर्युक्त रेटिंग एजेंसी से ऐसी कोई नई रेटिंग या मूल्यांकन प्राप्त नहीं किया जाएगा।
आरबीआई ने पिछले महीने एनबीएफसी की एक सूची जारी की थी। ढांचे की परिकल्पना है कि संपत्ति के आकार के मामले में शीर्ष 10 एनबीएफसी अपर लेयर में रहेंगे।

आरबीआई की शीर्ष सूची में एनबीएफसी एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस, बजाज फाइनेंस, श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनेंस कंपनी, टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड, एलएंडटी फाइनेंस, इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस, पिरामल कैपिटल एंड हाउसिंग फाइनेंस, चोलामंडलम इन्वेस्टमेंट एंड फाइनेंस कंपनी, सांघवी फाइनेंस, महिंद्रा एंड महिंद्रा हैं। फाइनेंशियल सर्विसेज, पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस, टाटा कैपिटल फाइनेंशियल सर्विसेज, आदित्य बिड़ला फाइनेंस, एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज, मुथूट फाइनेंस और बजाज हाउसिंग फाइनेंस। एनबीएफसी की शीर्ष 10 सूची में परिसंपत्ति आकार में आने के बावजूद, एचडीएफसी लिमिटेड को विलय प्रक्रिया के कारण एनबीएफसी-यूएल की सूची में शामिल नहीं किया गया है।

भारतीय लेखा मानक 113 के बारे में सब कुछ (इंड एएस 113)

भारतीय लेखा मानक 113 (इंड एएस 113) कंपनियों को उनके वित्तीय विवरणों की घोषणा करते समय परिसंपत्तियों के उचित मूल्य को परिभाषित करने के लिए एक एकीकृत प्रक्रिया के साथ मदद करता है। मानक, उचित मूल्य को मापने के लिए एक एकल ढांचा स्थापित करने के अलावा, उचित मूल्य माप के प्रकटीकरण के तरीकों को भी निर्धारित करता है।

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नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और यूनिसेफ ने उद्योगपतियों और कॉरपोरेट्स से बच्चों और युवाओं में निवेश करने का आग्रह किया

Children take over the National Stock Exchange to raise their voice in solidarity for protecting and promoting children's rights.

मुंबई, भारत, 05 अक्टूबर 2018: यूनिसेफ की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर हेनरीएटा फोर ने आज यहां नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनएसई) में 'क्लोजिंग बेल' बजाकर आने वाले समय में बच्चों और युवाओं में निवेश करने की आवश्यकता पर बल दिया।

इस समारोह में श्री विक्रम लिमये, प्रबंध निदेशक, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज; डॉ यास्मीन अली हक, राष्ट्र प्रतिनिधि, यूनिसेफ इंडिया; और श्री रितेश अग्रवाल, ओयो रूम्स के संस्थापक और सीईओ, भी मौजूद थे।

इस मौके पर सुश्री फोर ने कहा, "भारतीय व्यापार समूह में यह समझ बढ़ रही है कि साझी मान्यताएं - जो इस विचार से उत्पन्न होती है कि परोपकार ही अच्छा व्यापार है - स्वस्थ, बेहतर शिक्षित, और अधिक संपन्न जन समूह को समर्थन देकर विकसित की जा सकती है। व्यापार जगत के लिए यह अनिवार्य नहीं कि उसका मुनाफा समुदाय हित की अनदेखी कर के ही प्राप्त किया जाए। वास्तव में, उनका मुनाफा स्थानीय समुदाय और वहां रहने वाले लोगों की बेहतर सेवा और मदद करके भी कमाया जा सकता है। एक पैनल चर्चा के दौरान पैनलिस्ट्स ने चर्चा की, कि कैसे व्यवसायी और उद्योगपति यूनिसेफ और एनएसई जैसे संगठनों के साथ मिलकर बच्चों और युवाओं के हित के लिए समाधान खोज सकते हैं। चर्चा में इस बात पर भी प्रकाश डाला गया कि किस तरह व्यवसाय लिंग भेद का मुकाबला करने के लिए अधिक कार्य कर सकते हैं, और ऐसी सामाजिक बाधाओं का विरोध कर सकते हैं जो कार्यस्थल में लैंगिक असमानताओं को मजबूत करती हैं। पैनलिस्टों ने इस बात पर भी गौर किया कि विश्व में किशोरों और युवाओं की तेज़ी से बढ़ती आबादी को ध्यान में रखते हुए कार्यकुशलता में कमी को पूरा करने के लिए शिक्षा और कौशल प्रशिक्षण में तत्काल निवेश की आवश्यकता है।

एनएसई के एमडी और सीईओ, श्री विक्रम लिमये ने कहा, “आने वाले समय में नवीन सामाजिक उद्यमों, सहकारी समितियों, स्वयं सहायता समूहों, पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप जैसे सब को साथ लेकर चलने वाले व्यापार मॉडलों पर एक केंद्रित रणनीति तैयार करने कि आवश्यकता है, जिससे महिलाओं, बुजुर्गों और हाशिए पर रहने वाले अन्य वंचित वर्गों का वित्तीय सशक्तिकरण होगा। इस तरह के निष्पक्ष व्यवसाय मॉडल की नवरचना देश के आर्थिक विकास को एक नयी दिशा देगी, ताकि कारोबार का लाभ समाज के हर वर्ग तक पहुंचे। एनएसई फाउंडेशन के माध्यम से एनएसई दृढ़ता से उन नए और केंद्रित कदमों का समर्थन करने में विश्वास रखता है जो हाशिए और वंचित समुदायों के सबसे गरीब लोगों को प्रभावित करते हैं, जो आज भारत के विकास की तस्वीर का हिस्सा हैं।"

ओयो रूम्स के सीईओ और संस्थापक श्री रितेश अग्रवाल ने कहा, “हम जैसे युवा जो कर सकते हैं, उसकी क्षमता की कोई सीमा नहीं है। हमें ज़रूरत है सही अवसर और कौशल की। मैं हर तरह से यूनिसेफ के प्रयासों का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध हूं।" वर्तमान परिवेश में युवा लोगों में समान निवेश ही सबसे अच्छा और मूल्यवान लम्बी अवधि का निवेश है, जो सरकारें और व्यवसाय कर सकते हैं। युवा लोगों में निवेश करना वास्तव में उपयोगी है, क्योंकि इससे अर्थव्यवस्था और समाज को सकारात्मक लाभ मिलते हैं।

इस सप्ताह की शुरुआत में नई दिल्ली में यूनिसेफ ने नीति आयोग के साथ मिलकर 'युवाह!' का शुभारंभ किया। यह युवाओं, सरकार, नागरिक समाज और निजी क्षेत्र को एक साथ लाने वाला मंच है, जिसका उद्देश्य है ऐसे समाधान खोजना जो युवाओं के लिए आवश्यक बदलावों में तेजी ला सके।

संपादकों के लिए टिपप्णी

सुश्री फोर, जो 1 जनवरी 2018 को संयुक्त राष्ट्र बाल कोष की सातवीं कार्यकारी निदेशक बनीं, उन्हें सार्वजनिक विकास, निजी क्षेत्र और गैर-लाभकारी क्षेत्र में आर्थिक विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, मानवीय सहायता और आपदा राहत में अपने काम व नेतृत्व के लिए जाना जाता है।

अपने चार दशक से अधिक के कार्यकाल में, सुश्री फोर ने 2007 से 2009 तक एडमिनिस्ट्रेटर ऑफ़ यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (वित्तीय बाजार सहभागियों यूएसएआईडी) और डायरेक्टर ऑफ़ यूनाइटेड स्टेट्स फॉरेन असिस्टेंस के रूप में कार्य किया। 2009 में उन्हें डिस्टिंग्विशड सर्विस अवार्ड (विशिष्ट सेवा का पुरस्कार) मिला, जो कि संयुक्त राज्य अमरीका के सेक्रेटरी ऑफ़ स्टेट द्वारा दिया जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार है।

2005 से 2007 तक, उन्होंने अंडर सेक्रेटरी ऑफ़ स्टेट फॉर मैनेजमेंट के रूप में काम किया, जो कि डिपार्टमेंट ऑफ़ स्टेट के चीफ ऑपरेटिंग अफसर हैं।

कृपया उनके शैक्षिक अभिलेख और कार्य अनुभव के लिए यह लिंक (link to her CV) देखें।

अमित शाह ने कहा- आतंकवाद सबसे बड़ा खतरा, लेकिन इसे किसी धर्म, राष्ट्रीयता या समूह से न जोड़ें

अमित शाह ने आतंकवाद के वित्त पोषण को आतंकवाद से बड़ा खतरा बताते हुए कहा कि इसे किसी धर्म, राष्ट्रीयता या समूह से नहीं जोड़ा जा सकता है और ना ही जोड़ा जाना चाहिए.

Updated: November 18, 2022 4:27 PM IST

अमित शाह ने कहा- आतंकवाद सबसे बड़ा खतरा, लेकिन इसे किसी धर्म, राष्ट्रीयता या समूह से न जोड़ें

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने आतंकवाद के वित्त पोषण को आतंकवाद से बड़ा खतरा बताते हुए कहा कि इसे किसी धर्म, राष्ट्रीयता या समूह से नहीं जोड़ा जा सकता है और ना ही जोड़ा जाना चाहिए. राजधानी स्थित होटल ताज पैलेस में आतंकवाद-रोधी वित्तपोषण पर ‘आतंक के लिए कोई धन नहीं’ (नो मनी फॉर टेरर) विषय पर आयोजित तीसरे मंत्रिस्तरीय सम्मेलन के प्रथम सत्र को अमित शाह ने संबोधित किया. इस दौरान अमित शाह ने कहा कि आतंकवादी को संरक्षण देना, आतंकवाद को बढ़ावा देने के बराबर है और यह सभी देशों की सामूहिक जिम्मेदारी है कि ऐसे तत्व तथा ऐसे देश अपने इरादों में कभी सफल न हो सकें. उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवादी हिंसा करने, युवाओं को कट्टरपंथ की ओर धकेलने और वित्तीय संसाधन जुटाने के लिए लगातार नए तरीके खोज रहे हैं, वे साइबर अपराध के उपकरणों का इस्तेमाल कर और अपनी पहचान छिपाकर कट्टरपंथ की सामग्री फैला रहे हैं.

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केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि क्रिप्टो करेंसी जैसी वर्चुअल संपत्तियों का उपयोग भी बढ़ रहा है और साइबर अपराध के उपकरणों के माध्यम से होने वाली गतिविधियों के तौर-तरीकों को भी समझना होगा तथा उसके उपाय ढूंढ़ने होंगे. शाह ने कहा, ‘‘निस्संदेह, आतंकवाद वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर खतरा है. लेकिन मेरा मानना है कि आतंकवाद का वित्तपोषण आतंकवाद से भी ज्यादा खतरनाक है क्योंकि इस तरह के वित्तपोषण से आतंकवाद के ‘साधन और तरीके’ पोषित होते हैं. इसके अलावा, आतंकवाद का वित्तपोषण दुनिया के देशों की अर्थव्यवस्था को कमजोर करता है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम यह भी मानते हैं कि आतंकवाद का खतरा किसी धर्म, राष्ट्रीयता या किसी समूह से जुड़ा नहीं हो सकता है और न ही होना चाहिए.’’

शाह ने कहा कि आतंकवाद का “डायनामाइट से मेटावर्स’ और ‘‘एके-47 से वर्चुअल एसेट्स’’ तक का परिवर्तन, दुनिया के देशों के लिए निश्चित ही चिंता का विषय है. उन्होंने सभी देशों से साथ वित्तीय बाजार सहभागियों मिलकर इसके खिलाफ साझा रणनीति तैयार करने का आह्वान किया. शाह ने कहा कि आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए भारत ने सुरक्षा ढांचे के साथ-साथ कानूनी और वित्तीय प्रणालियों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है. उन्होंने कहा, ‘‘यह हमारे निरंतर प्रयासों का परिणाम है कि भारत में आतंकवादी घटनाओं में अत्यधिक कमी हुई है और इसके परिणामस्वरूप आतंकवाद के कारण होने वाले आर्थिक नुकसान में भी भारी कमी हुई है.’’

पाकिस्तान और चीन पर परोक्ष रूप से हमला करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि दुर्भाग्य से कुछ देश ऐसे भी हैं, जो आतंकवाद वित्तीय बाजार सहभागियों से लड़ने के लिए सामूहिक प्रयासों को कमजोर और नष्ट करना चाहते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘कुछ देश आतंकवादियों का बचाव करते हैं और उन्हें पनाह भी देते हैं. आतंकवादी को संरक्षण देना, आतंकवाद को बढ़ावा देने के बराबर है. यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है कि ऐसे तत्व और ऐसे देश, अपने इरादों में कभी सफल न हो सकें.’’ शाह ने आतंकवादियों के पनाहगाहों या उनके संसाधनों की अनदेखी नहीं करने को लेकर सभी देशों को आगाह किया और कहा कि ऐसे तत्त्वों को सभी को उजागर करना चाहिए.

उन्होंने कहा कि इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि यह सम्मेलन, सहभागी देश और संगठन, इस क्षेत्र की आतंकवादी चुनौतियों के बारे में चयनित या आत्मसंतुष्टि वाला दृष्टिकोण न रखे. शाह ने कहा कि आज आतंकवादी या आतंकवादी समूह आधुनिक हथियार, सूचना प्रौद्योगिकी और साइबर तथा वित्तीय दुनिया को अच्छी तरह से समझते हैं और उसका उपयोग भी करते हैं.

अफगानिस्तान में हुए सत्ता परिवर्तन का उल्लेख करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि 21 वित्तीय बाजार सहभागियों अगस्त 2021 के बाद दक्षिण एशिया में स्थिति बदल गई है और अल कायदा व आईएसआईएस का बढ़ता प्रभाव क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती के रूप में उभर कर सामने वित्तीय बाजार सहभागियों आया है. उन्होंने कहा, ‘‘इन नए समीकरणों ने आतंकी वित्त पोषण की समस्या को और अधिक गंभीर बना दिया है. तीन दशक पूर्व ऐसे ही एक सत्ता परिवर्तन के गंभीर परिणाम पूरी दुनिया को सहने पड़े और अमेरिका के ट्विन टावर (9/11) जैसे भयंकर हमले को हम सभी ने देखा है.’’ उन्होंने कहा कि इस पृष्ठभूमि में पिछले साल दक्षिण एशिया क्षेत्र में हुआ परिवर्तन सभी के लिए चिंता का विषय है. उन्होंने कहा कि अल कायदा के साथ-साथ दक्षिण एशिया में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे गुट बेखौफ होकर आज भी आतंक फ़ैलाने की फ़िराक में हैं.

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि भारत आतंकवाद के सभी रूपों और प्रकारों की निंदा करता है और उसका स्पष्ट मानना है कि निर्दोष लोगों की जान लेने जैसे कृत्य को उचित ठहराने का कोई भी कारण स्वीकार नहीं किया जा सकता है. उन्होंने कहा, ‘‘हमें इस बुराई से कभी समझौता नहीं करना चाहिए.’’ शाह ने कहा कि भारत कई दशकों से सीमा-पार से प्रायोजित आतंकवाद का शिकार रहा है और भारतीय सुरक्षा बलों और आम नागरिकों को गंभीर आतंकवादी हिंसा की घटनाओं से जूझना पड़ा है. उन्होने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय का एक सामूहिक रुख है कि आतंकवाद के सभी रूपों की निंदा की जानी चाहिए.

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि भारत का मानना है कि आतंकवाद से निपटने का सबसे प्रभावी तरीका अंतरराष्ट्रीय सहयोग और राष्ट्रों के बीच रियल-टाइम तथा पारदर्शी सहयोग ही है. शाह ने कहा कि वैश्विक स्तर पर मादक पदार्थों के अवैध व्यापार के उभरते चलन और नार्को-आतंकवाद जैसी चुनौतियों से आतंकवाद के वित्तपोषण को एक नया आयाम मिला है. उन्होंने कहा कि इसे देखते हुए सभी राष्ट्रों के बीच इस विषय पर घनिष्ठ सहयोग की आवश्यकता है. उन्होंने कहा, ‘‘संयुक्त राष्ट्र जैसी बहुपक्षीय संस्थाएं और फाइनेंशियल एक्शन टास्क फ़ोर्स (एफएटीएफ) जैसे आम सहमति वाले मंचों की मौजूदगी आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने में सबसे अधिक प्रभावी हैं.’’ उन्होंने कहा कि एफएटीएफ धन शोधन और आतंकवादियों के वित्तपोषण को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.

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