फिक्स्ड डिपॉजिट में इन्वेस्ट कैसे करें

Published on: August 10, 2022 13:17 IST
ये बैंक सीनियर सिटीजंस को फिक्स्ड डिपॉजिट पर दे रहे हैं ज्यादा ब्याज
आरबीएल बैंक भी तीन साल के एफडी पर सीनियर सिटीजंस को 6.8 फीसदी इंट्रेस्ट ऑफर कर रहा है। इस बैंक में एक लाख रुपये का निवेश तीन साल में 1.22 लाख रुपये हो जाता है
सीनियर सिटीजंस अपनी सेविंग का कुछ हिस्सा फिक्स्ड डिपॉजिट में रखते हैं। इससे उन्हें अच्छी लिक्विडिटी के साथ ब्याज कमाने का मौका मिलता है। हालांकि, अभी ज्यादातर बैंक एफडी पर अट्रैक्टिव ब्याज ऑफर नहीं कर रहे हैं। लेकिन कुछ स्मॉल प्राइवेट बैंक तीन साल के एफडी पर 7 फीसदी तक का रिटर्न सीनियर सिटीजंस को दे रहे हैं।
यस बैंक और बंधन बैंक सीनियर सिटीजंस को तीन साल के एफडी पर 7 फीसदी तक ब्याज ऑफर कर रहे हैं। इन बैंकों की एफडी स्कीम में इन्वेस्ट किया गया एक लाख रुपये तीन साल में 1.23 लाख रुपये हो जाता है। आरबीएल बैंक भी तीन साल के एफडी पर सीनियर सिटीजंस को 6.8 फीसदी इंट्रेस्ट ऑफर कर रहा है। इस बैंक में एक लाख रुपये का निवेश तीन साल में 1.22 लाख रुपये हो जाता है।
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आईडीएफसी फर्स्ट बैंक सीनियर सिटीजंस को तीन साल के एफडी पर 6.5 फीसदी इंट्रेस्ट ऑफर कर रहा है। इस बैंक की एफडी स्कीम में एक लाख रुपये डालने पर तीन साल में बढ़कर 1.21 लाख रुपये हो जाता है। डीसीबी बैंक भी तीन साल के एफडी पर बुजुर्गों को 6.45 फीसदी इंट्रेस्ट ऑफर कर रहा है। इस बैंक के एफडी में एक लाख रुपये का निवेश तीन साल में 1.21 लाख रुपये हो जाता है।
एक्सिस बैंक तीन साल के एफडी पर बुजुर्गों को 6.05 फीसदी इंट्रेस्ट दे रहा है। इस बैंक की एफडी स्कीम में एक लाख रुपये का निवेश तीन साल में 1.19 लाख रुपये हो जाता है। छोटे प्राइवेट बैंक डिपॉजिट बेस बढ़ाने के लिए एफडी पर ज्यादा इंट्रेस्ट ऑफर कर रहे हैं। एफडी स्कीम में इन्वेस्टमेंट पर डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन 5 लाख रुपये तक गांरटी देती है।
Post Office FD Scheme: डाकघर की इस स्कीम में केवल एक साल के लिए करें निवेश, मिलेगा अच्छा रिटर्न
Post Office Fixed Deposit Scheme में आप एक, दो, तीन और 5 सालों के लिए एफडी करवा सकते हैं। इस फिक्स डिपॉजिट यानी एफडी के तहत सालाना आधार पर ब्याज दिया जाता है लेकिन इसकी गणना तिमाही आधार पर की जाती है। पोस्ट ऑफिस में फिक्स्ड डिपॉजिट में इन्वेस्ट कैसे करें फिक्स्ड डिपॉजिट अकाउंट कैश या चेक के माध्यम से कोई भी व्यक्ति खुलवा सकता है।
Post Office FD Scheme: प्रधान डाकघर के सहायक पोस्टमास्टर राजेश शर्मा ने बताया कि अब भारतीय डाकघरों (Post Office) में फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) खोलना बहुत आसान काम है। जब भी इच्छा हो अपने घर के पास किसी भी करीबी पोस्ट ऑफिस पर जाकर वहां सुविधाओं और अपनी जरूरतों के अनुसार डाकघर में फिक्स्ड डिपॉजिट का खाता खोल सकते हैं। उन्होंने कहा कि देखा जाए तो भारतीय डाक विभाग जनता के हित में और उसके फायदे के लिए एक से बढ़कर एक फायदेमंद स्कीम लेकर आता रहता है। पोस्टऑफिस की इन स्कीम में निवेश करना आपके लिए और आपकी रकम के लिए सुरक्षित और लाभदायक होता है। अगर आप कम समय में बेहतर रिटर्न (Return) चाहते हैं तो आप पोस्ट ऑफिस की फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) में इन्वेस्ट कर सकते हैं।
सहायक पोस्टमास्टर बताते हैं कि पोस्ट ऑफिस की फिक्स्ड डिपॉजिट (Post Office Fixed Deposit Scheme) से आपको एक नहीं कई तरह के अनेक लाभ मिल सकते हैं। डाकघर की FD स्कीम में रकम निवेश करने पर यह आपको मुनाफे की गारंटी तो देते ही हैं। इसके साथ ही सरकारी स्कीम होने के कारण पैसे डूबने का खतरा नहीं रहता है। इस स्कीम में रकम निवेश करने पर कोई रिस्क नहीं उठाना पड़ता है।
Post Office की ये स्कीम बहुत कम समय में रकम कर देती है दोगुनी
तिमाही आधार पर मिलता है ब्याज
इस स्कीम में जमा रकम पर आपको तिमाही के आधार पर रेट ऑफ इंटरेस्ट (Rate of Interest) मिलता है। उन्होंने कहाकि आपको बता दें कि पोस्ट ऑफिस में अब FD कराना बहुत आसान काम है। पोस्ट ऑफिस में आप अपनी रकम को एक साल के लिए, दो साल के लिए, तीन साल के लिए और 5 साल के लिए अपनी जरूरत के अनुसार FD करा सकते हैं।
Fixed Deposit: अलग-अलग बैंकों में करें FD, ज्यादा ब्याज समेत मिलेंगे ये 4 फायदे
Fixed Deposit: अलग-अलग बैंकों में करें FD, ज्यादा ब्याज समेत मिलेंगे ये 4 फायदे Fixed Deposit invest money in different banks FD more interest along with four benefits
Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published on: August 10, 2022 13:17 IST
Photo:INDIA TV Fixed Deposit
Highlights
- एफडी दो तरह की होती हैं बैंक एफडी और कॉरपोरेट एफडी
- कॉरपोरेट एफडी में बैंक के मुकाबले ज्यादा जोखिम होता है
- एफडी पर आपको जो भी ब्याज मिलेगा, वह टैक्सेबल है
Fixed Deposit: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा रेपो रेट में लगातार तीन वृद्धि के बाद बैंकों ने एफडी पर ब्याज दर बढ़ाना शुरू कर दिया है। इसके चलते एक बार फिर FD के प्रति निवेशकों का रुझान बढ़ा है। श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनेंस ने एफडी पर 8.75 प्रतिशत तक का ब्याज देने का ऐलान किया है। Yes Bank समेत दूसरे निजी बैंकों ने एफडी पर ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है। ऐसे में अगर आप एफडी कराने की तैयारी कर रहे हैं तो हम आपको पांच जरूरी जानकारी दे रहे हैं। इसको फॉलो कर न सिर्फ आप ज्यादा ब्याज पा सकेंगे बल्कि कई दूसरे भी फायदे ले सकेंगे।
1. अलग-अलग बैंकों में करें एफडी
अलग-अलग बैंकों में इन्वेस्टमेंट से रिस्क कम हो जाता है। एफडी में अनिश्चितता बनी रहती है क्योंकि ब्याज दरें घटती-बढ़ती रहती हैं। इससे बचने के लिए ऐसे फिक्स्ड डिपॉजिट्स करिए जिनकी अवधि अलग-अलग हो। मसलन अगर आपके पास इन्वेस्ट करने के लिए चार लाख रुपये हैं, तो इस रकम को फिक्स्ड डिपॉजिट में इन्वेस्ट कैसे करें 1-1 लाख रुपये की चार डिपॉजिट में बांट लीजिए। फिर इन्हें 1, 2, 3 और चार साल के लिए फिक्स कर दीजिए। जब 1 साल वाली एफडी मच्योर हो, तो उसे 4 साल की एफडी में दोबारा इनवेस्ट कर दीजिए। ऐसा करके कुछ निश्चित समय के बाद ब्याज दर के ऊंचा या नीचा होने का मामला संतुलित हो जाएगा। इसके दो फायदे होंगे। आपको नकदी मिलती रहेगी क्योंकि एक-एक साल के बाद आपकी एफडी मच्योर होती रहेंगी। वहीं, अलग-अलग बैंक में एफडी पर ब्यज की दर एक समान नहीं होती है। किसी बैंक में आपको एफडी पर ज्यादा ब्याज मिलेगा। ऐसे में आप ज्यादा रिटर्न पा सकेंगे।
2. FD में टाइम मैनेजमेंट जरूरी
एफडी में इन्वेस्ट करने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि आपने निवेश की अवधि सही चुनी है। शुरू में ही अगर आपने लंबी अवधि के लिए इन्वेस्ट कर दिया और बीच में आपको एफडी तोड़नी पड़ गई तो बहुत कम रिटर्न मिलेगा। मान लीजिए, आपका बैंक 1 साल की एफडी पर 5 फीसदी का रिटर्न ऑफर कर रहा है और पांच साल की एफडी पर 7 फीसदी रिटर्न दे रहा है। ऐसे में अगर आपको लगता है कि आपको पांच साल से पहले पैसे की जरूरत पड़ सकती है तो लंबी अवधि वाली एफडी में पैसा लगाने से बचें। अगर आपने पांच साल की एफडी कराने के बाद उसे एक साल के बाद तोड़ दिया तो आपको ब्याज दर उतनी ही मिलेगी जितनी एक साल की एफडी पर मिलती है। साथ ही आप पर पेनल्टी भी लगाई जा सकती है।
3. देना होता है टैक्स, ऐसे समझें
एफडी पर आपको जो भी ब्याज मिलेगा, वह पूरी तरह टैक्सेबल है। अगर एक साल में ब्याज की रकम 10 हजार रुपये से ज्यादा बढ़ जाती है तो रकम आपको यह टैक्स कटने के बाद ही मिलेगी। अगर आप हायर इनकम ग्रुप में हैं (सालाना आमदनी 5 लाख से ज्यादा), तो आपको इस आमदनी पर ज्यादा टैक्स देना होगा। अगर टीडीएस नहीं भी काटा गया है तो आपको बॉन्ड्स और एफडी से होने वाली अपनी आमदनी को अपने टैक्स रिटर्न में दिखाना चाहिए। टैक्स आपको हर साल के आधार पर अदा करना होगा। दूसरी तरफ अगर आपकी आमदनी उस आमदनी से कम है, जिस पर टैक्स नहीं लगता तो आप रिटर्न जमा करके उस रकम का रिफंड ले सकते हैं जो टीडीएस के तौर पर काटी जा चुकी है।
4. एफडी को न समझें पूरी तरह सेफ
एफडी दो तरह की होती हैं बैंक एफडी और कॉरपोरेट एफडी। कॉरपोरेट डिपॉजिट असुरक्षित लोन होते हैं, जिनमें कोई गारंटी नहीं होती। बैंकों के मामले में डिपॉजिट इंश्योरेंस ऐंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन (डीआईसीजीसी) एक कस्टमर के अधिकतम 5 लाख रुपए की गारंटी देता है और यह नियम बैंकों की हर ब्रांच के लिए लागू है। ऐसे में अगर आपके पास 20 लाख रुपए इनवेस्ट करने के लिए हैं तो इस रकम को अलग-अलग बैंकों में तीन-चार जगह इन्वेस्ट करना बेहतर रहता है।
'फिक्स्ड डिपॉजिट'
रिटायरमेंट ले चुके लोगों के लिए अपने निवेश से नियमिट आय प्राप्त करना उनकी टॉप प्रायोरिटी होता है. यहां तक कि जो पार्ट टाइम काम कर रहे हों, वे भी यह कोशिश करते ही हैं कि रेग्युलर इनकम का सोर्स जरूर हो ताकि आमद बनी रही. ऐसे में बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) बेहतरीन ऑप्शन माना जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपके पास पारंपरिक एफडी से इतर भी कई शानदार विकल्प मौजूद हैं.
होली के मौके पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने ग्राहकों तोहफा दिया है. बैंकिंग प्रणाली में ब्याज दरों में मजबूती के संकेत देते हुए देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने विभिन्न अवधि की खुदरा और थोक जमा पर ब्याज दरों में 0.75% तक वृद्धि कर दी है.
साविधि जमा योजना यानी फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) आज भी बैंकों में पैसा जमा करवाने जा रहे लोगों के लिए निवेश का एक लोकप्रिय विकल्प है. हालांकि पिछले कुछ समय में एफडी की ब्याज दरों में कमी हुई है यानी इससे होने वाला लाभ कम हुआ है लेकिन फिर भी जब बात एकजमा रकम एक निश्चित समय के लिए बैंक में रखने की आती है तो आम आदमी इस ऑप्शन को जरूर खंगालता है.
यदि आप जल्द ही किसी बैंक में एफडी करवाने की सोच रहे हैं तो आपको पता होना चाहिए कि फिक्स्ड डिपॉजिट में इन्वेस्ट कैसे करें किस बैंक में कितने समय की जमा पर कितना ब्याज दिया जा रहा है.
क्या आप फिक्सड डिपॉजिट करने का मन बना रहे हैं? यदि हां तो यह खबर आपके काम की है. सार्वजनिक क्षेत्र के आईडीबीआई बैंक ने 31 दिन से दो साल की परिपक्वता अवधि की खुदरा मियादी जमाओं पर ब्याज दरों में 0.5 प्रतिशत की कटौती की है.
बैंक डिपॉजिट से लेकर क्रेडिट कार्ड बिलों की पेमेंट तक, एफडी (फिक्स्ड डिपॉजिट) से लेकर प्रॉपर्टी की खरीद फरोख्त तक एक निश्चित सीमा से अधिक के सभी ट्रांजैक्शन इनकम टैक्स विभाग को रिपोर्ट किए जाने की बैंकों की इंस्ट्रक्शन हैं. 17 जनवरी के नोटिफिकेशन में टैक्स विभाग ने ये बातें कहीं. आइए जानें कि वे कौन कौन से ट्रांजैक्शन व डिपॉजिट हैं, जिन पर टैक्स विभाग की कड़ी नजर है और कुछ संदिग्ध महसूस करने पर वह आपसे सवाल जवाब कर सकता है.
कई बैंकों ने अपने यहां फिक्स्ड डिपॉजिट पर दिए जाने वाले ब्याज की दरें घटा दी हैं. विमुद्रीकरण के चलते इन ब्याज दरों में अभी और कटौती होनी बाकी है. ऐसे में कम जोखिम लेने वाले निवेशकों के लिए क्या विकल्प शेष हैं, यह एक बड़ा सवाल है.
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने बुधवार को एक से 10 करोड़ रुपये की मियादी जमाओं पर ब्याज दर में 1.9 प्रतिशत तक की कटौती कर दी. नोटबंदी के बाद जमा में वृद्धि के बाद बैंक ने ब्याज दर में कमी की है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 8 नवंबर को किए गए नोटबंदी के ऐलान के कुछ परिणाम सामने आ गए हैं और कुछ आने बाकी हैं. स्पष्ट हो चुके परिणामों के बाद यह जानना बेहद जरूरी है कि किस प्रकार बदलते हालातों को समझा जाए और उसी के हिसाब से निवेश संबंधी फैसले लें ताकि आपको अधिक से अधिक मुनाफा हो. कुछ टिप्स लें.
नोटबंदी के बाद जमाओं में अप्रत्याशित उछाल को देखते हुए आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक और केनरा समेत कई बैंकों ने मियादी जमाओं पर ब्याज दरें एक प्रतिशत तक घटा दीं.