पैसे को ब्याज पर लगाने का सबसे अच्छा तरीका क्या है

Hair Fall In Winters : Hair Wash से लेकर मास्क लगाने तक जाने सबकुछ सर्दियों मे बालों को झड़ने से रोकना है तो ध्यान रखे ये बाते
Hair Fall: सर्दियों के आते ही कुछ महीनो के लिए ठंडी शुष्क हवाएं हमें घेर लेती है. यह मौसम वैसे चाहे कितना ही अच्छा लगे लेकिन बालो की शामत साथ लेकर आता है. ऐसे मे बालों को सही देखरेख (Hair Care) की जरूरत होती है नही तो बालों का झड़ना शुरू हो जाता है. वहीं, बालों मे बिल्ड अप जमना, डैंड्रफ, ग्रीस दिखना और दो मुंहे बाल होना भी इस मौसम में आम है. यहां जानिए हेयर केयर रूटीन मे किन बातों को ध्यान रखने पर बालों का झड़ना रोका जा सकता है. इन टिप्स से आप जानेंगे बालो को धोने (Hair Wash) से लेकर मास्क लगाने और मालिश करने तक का सही तरीका.
सर्दियो मे हेयर फॉल कैसे रोकें | How To Stop Hair Fall In Winters
ऑयल मसाज
बालों को सर्दियों मे तेल की बढ़िया मालिश दे. इससे ब्लड सर्कुलेशन मे मदद मिलती है और हेयर फॉलिकल्स मजबूत होते है. इसके लिए आप 2 से 3 चम्मच ऑलिव ऑयल, बादाम के तेल या फिर नारियल के तेल को हल्का गर्म करके सिर मे लगा सकते हैं. उंगलियों से स्कैल्प की मालिश करे और एक से डेढ़ घंटे बाद सिर धो ले.
डैंड्रफ हटाए
बालो से डैंड्रफ (Dandruff) दूर करने के लिए मालिश वाले तेल में ही कुछ टुकड़े कपूर के डालें और गर्म करके पिघला लें. इससे बालों की मालिश करके सिर धोने पर रूसी से छुटकारा मिल जाता है. इसके अलावा दही लगाकर 15 मिनट बाद बाल धोने पर भी अच्छा असर दिखता है.
हेयर वॉश का तरीका
बालों के लिए इस मौसम में सही हेयर प्रोडक्ट्स चुनना भी जरूरी है. शैंपू ऐसा चुनें जो बालों को क्लेंज करे और जिसमें अच्छा झाग बने. शैंपू को सिर्फ बालों की जड़ों पर लगाएं और पानी डालें जिससे झाग से पैसे को ब्याज पर लगाने का सबसे अच्छा तरीका क्या है ही बाल लंबाई तक साफ हो जाएं. बालों के सिरों पर शैंपू मलने की जरूरत नहीं होती. गर्म पानी से सिर धोने के बजाय गुनगुने या हल्के गर्म पानी का इस्तेमाल करें जो बालों को नुकसान ना पहुंचाएं. शैंपू के बाद कंडीशनर लगाएं जिससे बालों को झाड़ने में आसानी मिले.
डीप कंडीशनिंग मास्क
हफ्ते या हर 15 दिन में एकबार बालों को पर्याप्त प्रोटीन और पोषण देने के लिए हेयर मास्क (Hair Mask) का इस्तेमाल करें. इसके लिए आप एक केले में अंडा मिक्स करके पेस्ट बना सकते हैं. इस पेस्ट को बालों पर आधा घंटा लगाए रखने के बाद धो लें. आपको बालों में चमक नजर आएगी और बालों को मजबूती भी मिलेगी.
बालों को झड़ने से रोकने और उनकी ठीक तरह से सफाई के लिए एक कटोरी में एलोवेरा जैल, एक चम्मच तेल और उसमें नींबू का रस मिला लें. अच्छे से मिलाकर इस मिश्रण को बालों पर 20-25 मिनट लगाए रखने के बाद धो लें.
कोविड टीके के प्रतिकूल प्रभावों से हुई मौतों के लिए सरकार को ज़िम्मेदार नहीं ठहरा सकते: केंद्र
कोविड टीकाकरण के कथित प्रतिकूल प्रभावों से दो लड़कियों की मौत के मामले में उनके माता-पिता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. इस संबंध में केंद्र सरकार ने अदालत में पेश हलफ़नामे में कहा है कि टीकों के इस्तेमाल से मौत के मामलों के लिए सरकार को मुआवज़े के लिए जवाबदेह ठहराना क़ानूनन सही नहीं है. The post कोविड टीके के प्रतिकूल प्रभावों से हुई मौतों के लिए सरकार को ज़िम्मेदार नहीं ठहरा सकते: केंद्र appeared first on The Wire - Hindi.
कोविड टीकाकरण के कथित प्रतिकूल प्रभावों से दो लड़कियों की मौत के मामले में उनके माता-पिता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. इस संबंध में केंद्र सरकार ने अदालत में पेश हलफ़नामे में कहा है कि टीकों के इस्तेमाल से मौत के मामलों के लिए सरकार को मुआवज़े के लिए जवाबदेह ठहराना क़ानूनन सही नहीं है.
(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)
नई दिल्ली: केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि कोविड-19 रोधी टीके लगाए जाने के बाद ‘टीकाकरण पश्चात प्रतिकूल प्रभाव’ (एईएफआई) की किसी घटना से मौत के लिए सरकार मुआवजा देने के लिए जवाबदेह नहीं हो सकती.
केंद्र सरकार देश में कोविड महामारी से निपटने के लिए शुरू से ही जोरशोर के साथ टीकाकरण अभियान चला रही है और ताजा रिपोर्ट के अनुसार, देशभर में अभी तक 219.92 करोड़ खुराक दी जा पैसे को ब्याज पर लगाने का सबसे अच्छा तरीका क्या है चुकी हैं. इस तथ्य के मद्देनजर केंद्र द्वारा शीर्ष अदालत में दायर हलफनामे को महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
कोविड टीकाकरण के बाद कथित रूप से प्रतिकूल प्रभावों से दो लड़कियों की मौत के मामले में उनके माता-पिता की याचिका के जवाब में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने हलफनामा दाखिल किया गया. याचिकाकर्ताओं की बेटियों की उम्र 19 और 20 साल थी.
इसमें दावा किया गया कि तीसरे पक्षों द्वारा निर्मित टीकों की सफल नियामक समीक्षा हो चुकी है और सरकार को मुआवजे के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराना कानून सम्मत नहीं है.
हलफनामे के अनुसार, ‘इन तथ्यों के मद्देनजर पूरी विनम्रता से कहा जाता है कि टीकों के इस्तेमाल से एईएफआई के कारण अत्यंत दुर्लभ मौत के मामलों के लिए सीधे सरकार को मुआवजे के लिए जवाबदेह ठहराना कानूनन सही नहीं है.’
इसमें कहा गया कि केंद्र ने महामारी द्वारा उत्पन्न अत्यंत चुनौतीपूर्ण हालात के बीच में इससे निपटने के लिए सुरक्षित तथा प्रभावी टीकाकरण कार्यक्रम को चलाने में महत्वपूर्ण प्रयास किए हैं.
हलफनामे के मुताबिक, 19 नवंबर 2022 तक देश में कोविड-19 टीकों की 219.86 करोड़ खुराकें दी जा चुकी हैं. अब तक प्रतिकूल प्रभावों के 92,114 (0.0042%) मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से 89,332 (0.0041%) मामले ‘मामूली’ हैं. शेष 2,782 (0.00013%) मामले गंभीर हैं.
स्क्रोल की रिपोर्ट के मुताबिक, वैक्सीन के प्रतिकूल प्रभावों से 1,148 मौतें हो चुकी हैं.
सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि तीसरे पक्ष द्वारा निर्मित टीकों की सफलतापूर्वक विनियामक समीक्षा की गई थी और मुआवजा प्रदान करने के लिए राज्य को सीधे तौर पर उत्तरदायी ठहराना कानूनी रूप से सही नहीं हो सकता.
इसमें कहा गया है, ‘टीकाकरण कार्यक्रम के तहत उपयोग किए जाने वाले टीके तीसरे पक्ष पैसे को ब्याज पर लगाने का सबसे अच्छा तरीका क्या है द्वारा निर्मित किए जाते हैं और भारत के साथ-साथ अन्य देशों में सफलतापूर्वक पूरी तरह से विनियामक समीक्षा की जाती है, जिन्हें विश्व भर में सुरक्षित और प्रभावी माना जा रहा है.’
हलफनामे में कहा गया है, ‘जिस तरह एक दवा के दुष्प्रभाव होते हैं, उसी तरह दुनिया में हर टीके के संबंध में एईएफआई के मामले सामने आते हैं. एक वैक्सीन लाभार्थी के पास हमेशा यह विकल्प होता है कि वह टीकाकरण स्थल पर स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं (हेल्थ वर्कर्स) से या अपने डॉक्टर से वैक्सीन और इसके संभावित प्रतिकूल प्रभावों के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर ले.’
इसमें आगे कहा गया है कि टीकाकरण कराने को लेकर कोई कानूनी बाध्यता नहीं थी और यह विशुद्ध रूप से स्वैच्छिक था.
इसमें कहा गया है, ‘सूचित सहमति की अवधारणा वैक्सीन जैसी दवा के स्वैच्छिक उपयोग के मामले में अनुपयुक्त है. हालांकि, भारत सरकार ने सभी पात्र व्यक्तियों को जनहित में टीकाकरण कराने के लिए प्रोत्साहित किया था, लेकिन इसके पैसे को ब्याज पर लगाने का सबसे अच्छा तरीका क्या है लिए कोई कानूनी बाध्यता नहीं है.’
केंद्र सरकार ने आगे कहा कि कोविड-19 टीकाकरण के संबंध में सभी प्रासंगिक जानकारी वैक्सीन निर्माताओं और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध कराई गई थी और याचिकाकर्ता वैक्सीन के संभावित प्रतिकूल प्रभावों के बारे में स्वयं से ही अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए स्वतंत्र थे.
मुआवजे की मांग के अलावा, याचिकाकर्ताओं ने यह भी प्रार्थना की कि उनकी बेटियों की मौत की जांच के लिए एक पैसे को ब्याज पर लगाने का सबसे अच्छा तरीका क्या है स्वतंत्र विशेषज्ञ मेडिकल बोर्ड नियुक्त किया जाए.
लाइव लॉ के मुताबिक, याचिका में मेडिकल बोर्ड को कोविड-19 टीकों के कारण हुए एईएफआई का जल्द पता लगाने और समय पर इलाज के लिए एक प्रोटोकॉल तैयार करने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है.
शी जिनपिंग ने बिगाड़ा चीन का खेल, अब भारत बन रहा दुनिया की नई उम्मीद
नई दिल्ली: चीन (China) में फिर से कोविड (Covid) अपने पांव पसार रहा है. रोज 40 हजार से ज्यादा केस सामने आ रहे हैं. जिसकी वजह से चीनी सरकार ने कड़े प्रतिबंध लगाने शुरू कर दिए हैं. सख्त कोविड पॉलिसी (Policy) की वजह से चीनी लोग परेशानी का सामना रहे हैं. अब तो शंघाई में लोग सड़कों पर हैं और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के (China President Xi Jinping) खिलाफ नारे लग रहे हैं और इस्तीफे की डिमांड हो रही है.
इसी सख्त पॉलिसी की वजह से दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनियों में से एक एप्पल (Apple Inc) अब धीरे-धीरे अपने कारोबार को समेट रहा है. सबसे बड़ी एप्पल मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट को बार-बार बंद करना पड़ रहा है. विदेशी निवेशकों का रुख चीन से कम होता जा रहा है. कोविड को लेकर चीन के अडिय़ल रुख का फायदा भारत को होता हुआ दिखाई दे रहा है.
एप्पल अब अपने कारोबार को समेटकर भारत ला रही है. जिसकी शुरुआत कुछ साल पहले हो गई थी. विदेशी निवेशकों का रुख भारत की ओर बढ़ा है. नवंबर के महीने में विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार में 30 हजार करोड़ रुपये का निवेश भी किया है. भारत के रियल एस्टेट मार्केट में भी बूम आया है. चीन में लॉकडाउन या स्लोडाउन का फायदा भारत को क्रूड ऑयल में भी देखने को मिलेगा. चीन की ओर से डिमांड कम होने पर इंटरनेशनल मार्केट में इसका असर पड़ेगा और रुपये पर दबाव कम देखने को मिलेगा.
रूस-यूक्रेन वॉर और ताइवान के प्रति चीन कड़े तेवर के अलावा कोविड पॉलिसी के कारण लगने वाले लॉकडाउन की वजह से अमेरिका और यूरोपीय देशों ने चीन से छिटकना शुरू कर दिया है. पश्चिमी देश चीन पर अपनी निर्भरता कम करने और अपने सोर्सिंग बेस को एक्सपैंड करने का विचार कर रहे हैं. जिसका फायदा भारत को होता हुआ दिखाई दे रहा है. भारत मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को और ज्यादा मजबूत कर सकता है. साथ ही आने वाले दिनों में चीन की तुलना में भारत में अमेरिका और दूसरी यूरोपीय देशों की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स खुलती हुई दिखाई दे सकती हैं.
एप्पल ने भारत में बढ़ाई पहुंच
वहीं दूसरी ओर एप्पल ने भारत में अपने कारोबार को बढ़ाने का फैसला कर लिया है. चेन्नई स्थित फॉक्सकॉन कंपनी एप्पल के प्रोडक्शन को बढ़ाने का काम कर रही है. आने वाले दिनों में भारत में प्रोडक्शन में और इजाफा इसलिए भी देखने को मिल सकता है क्योंकि दुनिया की सबसे बड़ी एप्पल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट चीन में लॉकडाउन की भेंट चढ़ी हुई है. जिसका असर एप्पल की सप्लाई पर साफ देखने को मिल रहा है.
कच्चे तेल की कीमतें होंगी कम भारत को होगा फायदा
चीन दुनिया का सबसे ज्यादा क्रूड ऑयल आयातक है. चीन में लॉकडाउन और क्राइसिस की वजह से डिमांड कम होगी और जिसका असर इंटरनेशनल मार्केट में देखने को मिलेगा और क्रूड ऑयल की कीमत कम होने का फायदा भारत को मिलेगा और रुपये को मजबूती मिलेगी और भारत की इकोनॉमी को फायदा मिलेगा. भारत का आयात बिल कम होगा और विदेशी मुद्रा भंडार में इजाफा देखने को मिलेगा. चीन में लॉकडाउन के कारण ही ब्रेंट क्रूड के दाम करीब 3 फीसदी की गिरावट देखने को मिल रही है. मार्च के हाई से ब्रेंट क्रूड करीब 40 फीसदी टूट चुका है.
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रियल एस्टेट सेक्टर को मिला बूस्ट
चीन के रियल एस्टेट बबल के फटने के बाद भारत को इसका बड़ा फायदा मिलता हुआ दिखाई दे रहा है. चीन के रियल एस्टेट सेक्टर के डूबने के चीन की जीडीपी अनुमान 5.5 फीसदी फिसलता हुआ दिखाई देने लगा है. वहीं चीन की नेगेटिव पॉपुलेशन ग्रोथ रेट के कारण भी रियल एस्टेट सेक्टर को नुकसान पहुंचा है. कई रियल एस्टेट कंपनियां दिवालिया हो चुकी हैं. जिसका फायदा भारत को मिलता हुआ दिखाई दे रहा है. चीन में मंदी के कारण भारत में पहले 6 महीनों में घरों की बिक्री साल 2013 की पहली छमाही के बाद सबसे ज्यादा देखने को मिली. भारत में कैलेंडवर वर्ष 2021 की दूसरी छमाही तुलना में यह डिमांड 19 फीसदी ज्यादा थी.
सेमिकंडक्टर का हब बनने की राह पर चला भारत
पूरी दुनिया ने कोविड के दौरान सेमिकंडक्टर की कमी देखी, जिसका सबसे ज्यादा नुकसान दुनिया की ऑटो कंपनियों को सबसे ज्यादा हुआ. चीन दुनिया में सेमी कंडक्टर का सबसे बड़ा हब है, जहां पर अब भी कोविड लॉकडाउन जारी है. ऐसे में भारत दुनिया में सेमीकंडक्टर हब बनने की राहत पर चल पड़ा है. बीते सप्ताह मिनिस्टर ऑफ स्टेट आईटी एंड इलेक्ट्रोनिक्स राजीव चंद्रशेखर की ओर से बताया गया कि भारत सेमिकंक्टर और इलेक्ट्रोनिक्स में 30 बिलियन डॉलर का निवेश करेगी. उन्होंने बंगलूरू में हुए टेक समिट में कहा था कि दुनिया अब चीन पर डिपेंड नहीं रहना चाहती है. पिछले तीन वर्षों में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग में 66 फीसदी एफडीआई भारत में आया है.
एफआईआई का भरोसा बढ़ा
वहीं दूसरी ओर कभी चीन पर भरोसा दिखाने वाले विदेशी निवेशकों ने अब भारत की ओर रुख कर लिया है. दुनियाभर में बढ़ती महंगाई और सेंट्रल बैंकों की ओर से ब्याज दरों में इजाफे की वजह से एफआईआई ने भी भारत के बाजारों से पैसा निकाला था, लेकिन नवंबर के महीने में एफआईआई ने 31 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा निवेश किया है. जिसके और भी बढऩे की उम्मीद की जा रही है. जानकारों की मानें तो कोविड लॉकडाउन के कारण चीनी बाजारों में लगातार गिरावट की ओर है, जबकि भारतीय बाजारों में लगातार तेजी आई है.
Agra अपराध नियंत्रण ने बनाई तीन नए जिलों की राह, आगरा को क्यों चुना गया
उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क . लखनऊ, नोएडा, कानपुर एवं वाराणसी में आयुक्त प्राणाली लागू होने से कानून व्यवस्था और अपराध नियंत्रण में गुणात्मक सुधार हुआ है. उसी को आधार बनाकर तीन नए जनपदों में यह व्यवस्था लागू कराई गई है. इसके लाभों का प्रस्ताव में विशेष जिक्र किया गया.
अधिकारी उन्मुख पुलिसिंग की बात करें तो अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस उप महानिरीक्षक एवं पुलिस अधीक्षक पद के उच्च अधिकारी द्वारा अपराध नियंत्रण एवं कानून व्यवस्था को सुदृढ़ एवं प्रभावी बनाए रखने में अधिक संवेदनशील एवं जवाबदेह रहे. महिला एवं बच्चों के विरुद्ध हो रहे अपराधों में तत्परतापूर्वक कार्रवाई हेतु महिला पुलिस अधिकारियों की नियुक्ति की गई. पुलिस अधिकारियों को कार्यपालक मजिस्ट्रेट, अपर जिला मजिस्ट्रेट तथा जिला मजिस्ट्रेट की शक्तियां मिलने से कानून व्यवस्था मजबूत हुई.
अपराध में लगातार गिरावट आई. प्रदेश में निवेश के मार्ग प्रशस्त हुए. साथ ही माफिया, गैंग, कुख्यात अपराधियों उनके सहयोगियों एवं शरणार्थियों के खिलाफ समयबद्ध रूप से प्रभारी कार्रवाई की गई. इतना ही नहीं सांप्रदायिक/उपद्रवी तत्वों और प्रदर्शनकारियों के खिलाफ तत्परतापूर्वक लोक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई करने से सार्थक परिणाम सामने आए.
ये हुए सुधार
नागरिक सेवाएं और लोक शिकायत निवारण की बात करें तो जनशिकायत निवारण की गुणवत्ता में प्रभावी कार्रवाई में काफी सुधार हुआ. आईजीआरएस शिकायतों के निकट पर्यवेक्षण एवं सतत निगरानी के निस्तारण में सुधार हुआ. विभाग प्रकार के सत्यापनों के जारी करने की समयावधि में भारी कमी आई. जुलूस एवं रैली की अनुमति हेतु कार्यरत सिंगल विंडो क्लीयरेंस बहुत दक्ष रूप से प्रभावी कार्य कर रही है.
मामलों की प्रगति
अपराध नियंत्रण और कानून व्यवस्था की लिहाज से गहन पर्यवेक्षण और मामलों की प्रगति की अनवरत व नियमित निगरानी के कारण जघन्य अपराधों की गुणवत्ता में भी काफी सुधार आया. इतना ही नहीं विभिन्न निर्वाचित जनप्रतिनिधियों से समन्वय, राजकीय विभागों से समन्वय और कार्यलयी कार्यप्रणाली में भी सुधार दर्ज किया गया.
पुलिस कमिश्नर प्रणाली मूल रूप से दस लाख से अधिक की आबादी के लिए है लेकिन आगरा की आबादी लगभग 50 लाख है. पर्यटन और औद्योगिक नगरी होने के कारण देश-विदेश के लोगों की खूब आवाजाही रहती है. आपराधिक स्थिति एवं कानून व्यवस्था को बेहतर तरीके से निपटने तथा देहात क्षेत्र को अलग करने से राजस्व संबंधी समस्याओं के मद्देनजर आयुक्त प्रणाली आवश्यक है. संवेदनशील शहर में बेहतर समन्वय के लिए इस पर मुहर लगाने का आग्रह किया गया. ऐसे ही प्रस्ताव में गाजियाबाद और प्रयागराज को भी चिन्हित किया गया. गाजियाबाद की जनसंख्या (2011) के अनुसार 4661452 तथा प्रयागराज की जनसंख्या (2011) के अनुसार 5954390 है. गाजियाबाद औद्योगिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है. वहीं प्रयागराज धार्मिक नगरी और हाईकोर्ट को आधार बनाया गया.