क्या विदेशी मुद्रा बाजार दुर्घटनाग्रस्त हो सकता है?

न हम हवाई जहाज चला रहे थे, न सवार थे
क्या विदेशी मुद्रा बाजार दुर्घटनाग्रस्त हो सकता है?
October 17, 2022 8:29 am by: Dharm Path Category: ख़बरें अख़बारों-वेब से, विश्व Comments Off on रुपया गिर नहीं रहा है, बल्कि डॉलर मज़बूत हो रहा है: वित्त मंत्री सीतारमण A+ / A-
वाशिंगटन: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोर होती स्थिति के संबंध में एक सवाल का जवाब देते हुए रविवार को कहा कि रुपया कमजोर नहीं हो रहा है, बल्कि डॉलर मजूबत हो रहा है.
भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियाद को मजबूत बताते हुए उन्होंने कहा कि अमेरिकी डॉलर की मजबूती के बावजूद भारतीय रुपये में स्थिरता बनी हुई है.
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि दुनिया के अन्य हिस्सों की तुलना में भारत में मुद्रास्फीति कम है और मौजूदा स्तर पर उससे निपटा जा सकता है.
अपने आधिकारिक अमेरिकी दौरे पर सीतारमण ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियाद अच्छी है, व्यापक आर्थिक बुनियाद भी अच्छी है. विदेशी मुद्रा भंडार अच्छा है. मैं बार-बार कह रही हूं कि मुद्रास्फीति भी इस स्तर पर है जहां उससे निपटना संभव है.’
राज्यपाल के प्लेन क्रैश के बाद क्यों उठा नोटों की बरसात का प्रलाप, जानिए पूर्व आइएएस अधिकारी तरुण श्रीधर से
9 जुलाई1994 को हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल सुरेंद्र नाथ का प्लेन मंडी जिले के अंतर्गत कमरूनाग की पहाडि़यों में क्रैश हो गया उसके बाद एक शोर मचा कि कितने पैसे मिले। उसी घटना का वह ब्योरा जो अब तक सामने न आ सका था।
'कितने पैसे थे?', शोले के गब्बर सिंह के अंदाज में जज साहब ने प्रश्न किया। उत्तर में था मेरा भाव शून्य चेहरा, अत: प्रश्न दोहराया गया, 'जो बैग इत्यादि और अन्य सामान आप ले कर आए, उसमें नोट कितने थे?' नोट शब्द का उच्चारण क्या विदेशी मुद्रा बाजार दुर्घटनाग्रस्त हो सकता है? जोर देकर किया गया। मौका था हवाई दुर्घटना की न्यायिक जांच।
9 जुलाई, 1994 को मंडी के कमरूनाग मंदिर के ऊपर हुई इस दुर्घटना में पंजाब और हिमाचल के तत्कालीन राज्यपाल सुरेंद्र नाथ व उनके परिवार के सदस्यों की मृत्यु हुई थी। आज 28 वर्ष बाद भी जब इसका जिक्र होता है तो यही टिप्पणी सुनने को मिलती है, 'सुना है वहां भारी मात्रा में नकदी मिली थी', 'कहते क्या विदेशी मुद्रा बाजार दुर्घटनाग्रस्त हो सकता है? हैं दुर्घटना के समय चारों ओर नोटों की बरसात हो रही थी' । अब तक तो समझा-समझा कर थक गया कि बरसात तो मूसलधार हो रही थी, पर बरस केवल पानी रहा था, नोट नहीं। इस उत्तर पर निगाह आज भी अविश्वास की ही मिलती है। जज साहब नोटों की बात को साबित तो नहीं कर पाए, लेकिन औरों की तरह उन्हें भी तत्कालीन एसपी ओंकार चंद ठाकुर और डीसी, यानी मुझ पर संदेह रहा कि जिले के कर्णधार संभवत: लालच का शिकार हो गए।
Dollar Vs Rupee : शुरूआती कारोबार में डॉलर के मुकाबले रुपया 67 पैसे चढ़कर 82.14 रुपये पर पहुंचा
Dollar Vs Rupee : डॉलर सूचकांक के अपने ऊंचे स्तर से पीछे हटने के बीच अमेरिकी मुद्रा की तुलना में रुपया बृहस्पतिवार को शुरुआती कारोबार में 67 पैसे चढ़कर 82.14 पर पहुंच गया.
अंतरबैंक विदेशी मु्द्रा विनिमय बाजार में रुपया, डॉलर के मुकाबले 82.15 पर खुला और फिर मजबूती के साथ 82.14 के स्तर पर आ गया, जो पिछले बंद भाव के मुकाबले 67 पैसे क्या विदेशी मुद्रा बाजार दुर्घटनाग्रस्त हो सकता है? अधिक है.
रुपया पिछले कारोबारी सत्र में शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले सात पैसे टूटकर 82.81 पर बंद हुआ था.
दीपावली बालीप्रतिपदा के अवसर पर बुधवार को विदेशी मुद्रा बाजार बंद था.
इस बीच छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.06 प्रतिशत चढ़कर 109.76 पर आ गया.
वहीं, वैश्विक तेल सूचकांक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.26 प्रतिशत बढ़कर 95.94 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर था.
युआन में कमजोरी
बीजिंग, | चीन की मुद्रा युआन की केंद्रीय समता दर में सोमवार को गिरावट दर्ज की गई। चीन विदेशी मुद्रा विनिमय व्यापार प्रणाली (सीएफईटीएस) के अनुसार, युआन 196 आधार अंक की कमजोरी के साथ प्रति डॉलर 6.4824 पर है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के हाजिर विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में युआन को प्रत्येक कारोबारी दिन केंद्रीय समता मूल्य से अधिकतम दो फीसदी कमजोर होने या मजबूत होने दिया जा सकता है।
डॉलर के मुकाबले युआन का केंद्रीय समता मूल्य प्रत्येक कारोबारी दिन अंतरबैंक बाजार खुलने से पहले बाजार के विविध घटकों द्वारा पेश मूल्य के भारित औसत के बराबर होता है।
हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने में किन 7 बातों का रखें ध्यान?
लगातार बढ़ते मेडिकल खर्च के इस दौर में मेडिक्लेम पॉलिसी जल्द से जल्द ले लेने में ही समझदारी है. कुछ दिन पहले बाइक से हुई दुर्घटना में वैभव राठी के पैर की हड्डी टूट गयी. जब वे अस्पताल पहुंचे तो उन्हें पता लगा उनके सिर में हेयर लाइन फ्रैक्चर भी हुआ है. दोनों के इलाज का खर्च दो-तीन लाख रुपये आ सकता है. राठी को यह पैसा अपनी जेब से खर्च करना पड़ा.
स्वास्थ्य पर खर्च लगातार बढ़ रहा है और अब मामूली बीमारियों के इलाज में भी लाखों रुपये खर्च हो रहे हैं. ऐसे में समय से हेल्थ इंश्योरेंस लेना जरूरी है. यह आपकी जेब पर पड़ने वाले भार को कम करने में मदद करता है.