शेयर बाज़ार मे स्पलीट करने का मतलब क्या है

4. निवेशकों के लिहाज से भी बोनस शेयर काफी अच्छे माने जाते हैं. एक तो ये टैक्स फ्री होते हैं, साथ ही लंबी अवधी के निवेशकों के लिए फायदेमंद भी होते हैं. निवेश को कई गुना बढ़ाने की ताकत बोनस शेयर में होती है.
स्टॉक स्प्लिट के बाद Tata Steel में 5% की रैली, क्या खरीदारी के लिए बना मौका?
Tata Steel shares : टाटा स्टील के शेयर 29 जुलाई की रिकॉर्ड डेट से एक दिन पहले गुरुवार को एक्स-स्प्लिट हो गए। यानी इसके शेयर में विभाजन के बाद ट्रेडिंग शुरू हो गई है। इसके साथ ही टाटा स्टील के शेयर दोपहर 12 बजे एनएसई पर लगभग 5 फीसदी मजबूत होकर 100.85 रुपये पर कारोबार कर रहे हैं।
कंपनी ने अपने इक्विटी शेयरों को 10:1 के रेश्यो में विभाजित करने का ऐलान किया था। टाटा स्टील ने स्टॉक स्प्लिट के लिए 29 जुलाई की रिकॉर्ड डेट तय की थी। इस प्रकार 10 रुपये फेस वैल्यू वाले एक शेयर के बदले में शेयरहोल्डर्स को 1 रुपये फेस वैल्यू 10 शेयर दिए जाएंगे।
एक के बदले 10 में स्प्लिट हुए शेयर
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टाटा स्टील के स्टॉक का 10:1 के रेश्यो में विभाजन का मतलब है कि शेयरहोल्डर्स को एक शेयर के बदले में 10 शेयर मिलेंगे और इसी क्रम में गुरुवार को शेयरों की कीमत घट गई है। इसका मतलब है कि शेयरहोल्डर्स के पास अब ज्यादा शेयर होंगे।
टाटा स्टील के मामले में, शेयर विभाजन से कंपनी के शेयरों की लिक्विडिटी बढ़ जाएगी। इस प्रकार, कमोडिटी की कीमतों में बढ़ोतरी का असर एक हद तक प्रॉफिटेबिलिटी पर कम हो जाएगा। यह देखा गया है कि जब किसी कंपनी के शेयरों की कीमत बढ़ जाती है तो शेयर विभाजन किया जाता है जिससे छोटे इनवेस्टर्स के लिए शेयर अफोर्डेबल हो जाता है।
11 रुपये वाला शेयर 86000 के पार, जानिए MRF क्यों है भारत का सबसे महंगा स्टॉक!
स्वराज श्रीवास्तव
- नई दिल्ली,
- 14 नवंबर 2022,
- (अपडेटेड 14 नवंबर 2022, 8:24 PM IST)
शेयर बाजार (Share Market) में निवेश कर हर कोई करोड़पति बनना चाहता है. अक्सर लोगों को लगता है कि शेयर बाजार पैसे बनाने की मशीन है, और इसी वजह से 90 फीसदी रिटेल निवेशक पैसे बना नहीं पाते हैं. इसके अलावा सस्ते शेयर के चक्कर में फंस जाते हैं और अपनी गाढ़ी कमाई शेयर बाज़ार मे स्पलीट करने का मतलब क्या है गवां देते हैं. अधिकतर रिटेल निवेशक महंगे शेयर खरीदने से कतराते हैं. लेकिन रिटर्न देने में महंगे शेयर पीछे नहीं रहते. आज हम आपको देश के सबसे महंगे शेयर के बारे में बताने वाले हैं. हालांकि देश के सबसे महंगे शेयर MRF के भाव में भारी गिरावट देखने को मिल रही है. गुरुवार यानी 10 नवंबर को इसका शेयर करीब 9 फीसदी तक टूटकर 87470 रुपये पर बंद शेयर बाज़ार मे स्पलीट करने का मतलब क्या है हुआ था. दरअसल इस गिरावट की वजह कंपनी के दूसरी तिमाही के नतीजे हैं.
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इसे ऐसे समझिये कि अगर आज से 29 साल पहले किसी ने MRF में 1 लाख रुपये निवेश किये होते तो आज की तारीख में उसकी कीमत करीब 78 करोड़ रुपये होती. कुछ साल पहले एक निजी बिजनेस चैनल के कार्यक्रम में कॉल करके किसी दर्शक ने बताया था कि उसके दादा ने 1990 में MRF के 20000 शेयर खरीदे थे, जिन्हें वो बेचना चाहता था. सिर्फ कल्पना कीजिये कि अगर उस व्यक्ति ने अब तक शेयर नहीं बेचे होंगे, तो उनकी कीमत लगभग 172 करोड़ रुपये हो गई होगी.
क्यों इतने महंगे हैं MRF के शेयर?
अब आपके भी मन में भी ये सवाल आ रहा होगा कि निवेशकों को करोड़पति बनाने वाले MRF के शेयर की कीमत इतनी ज्यादा क्यों हैं? दरअसल इसके पीछे की वजह है- शेयरों को स्प्लिट (Stock Split) ना करना. एंजल वन के मुताबिक 1975 के बाद से ही MRF ने आज तक अपने शेयरों को कभी स्प्लिट नहीं किया है. इसके पहले साल 1970 में 1:2 और 1975 में 3:10 के अनुपात में MRF ने बोनस शेयर इशू किये थे.
Explainer: शेयर बाजार में बोनस vs स्प्लिट, दोनों में क्या है फर्क और निवेशकों को किसमें है ज्यादा लाभ?
नायका अपने निवेशकों को बोनस शेयर देने का ऐलान कर चुकी है.
पिछले महीने बजाज फिनसर्व ने अपने निवेशकों को स्प्लिट (Split) और बोनस शेयर (Bonus Shares) का तोहफा एक साथ दिया. अब नायका अपने निवेशकों को बोनस शेयर देने का ऐलान कर चुकी है. आखिर बोनस और स्प्लिट में फर्क क्या है? समझिए.
- News18Hindi
- Last Updated : October 03, 2022, 15:08 IST
शेयर बाजार में बोनस और स्प्लिट अलग-अलग कैसे हैं?
कंपनी अपने निवेशकों को खुश होकर मुफ्त शेयर बांटती है, जिसे बोनस कहते हैं.
बोनस शेयर बाज़ार मे स्पलीट करने का मतलब क्या है की तरह शेयर स्प्लिट में कोई भी नया शेयर जारी नहीं होता है.
नई दिल्ली. नायका मार्केटप्लेस का संचालन करने वाली एफएसएन ई-कॉमर्स वेंचर्स (FSN E Commerce Ventures) के शेयरों में आज (3 शेयर बाज़ार मे स्पलीट करने का मतलब क्या है अक्टूबर को) दमदार रैली देखने को मिल रही है. 1270 रुपये पर खुलने बाद इसने 1,414 रुपये का हाई बनाया है. क्या आप जानते हैं शेयर में इस तेजी का कारण क्या है? कारण है कंपनी द्वारा बोनस शेयर्स जारी करने की घोषणा. तो बोनस शेयर्स ऐसा क्या करिश्मा करते हैं कि शेयर उड़ने लगते हैं? शेयर बाजार में बोनस और स्प्लिट अलग-अलग कैसे हैं? अधिकतर निवेशक इन दोनों चीजों में कन्फ्यूज रहते हैं. तो चलिए आज आपके सारे सवालों का जवाब जान लीजिए.
जीरोधा के नितिन कामत ने बताया स्टॉक स्प्लिट से क्यों घबरा जाते हैं निवेशक, शेयर खरीदने से पहले जान लें
कल यानी 14 सितंबर को बजाज फिनसर्व के शेयरों की स्प्लिट और बोनस के लिए रेकॉर्ड डेट है. बोर्ड ने 1:5 के अनुपात में स्टॉक स्प्लिट और 1:1 के अनुपात में बोनस शेयर की मंजूरी दी है.
Bajaj Finserv Ltd के शेयरों में आज मंगलवार शेयर बाज़ार मे स्पलीट करने का मतलब क्या है को एक तगड़ी तेजी देखने को मिली. इस तेजी की वजह ये है कि 14 सितंबर, बुधवार को कंपनी के शेयरों की स्प्लिट (Stock Split) और बोनस (Bonus Share) के लिए रेकॉर्ड डेट (Record Date) है. यही वजह है कि 13 सितंबर को कंपनी के शेयरों में करीब 5 फीसदी की तेजी देखने को मिली और शेयर ने 1844 रुपये के स्तर को छू लिया. हालांकि, बाद में शेयर बाज़ार मे स्पलीट करने का मतलब क्या है शेयर बाज़ार मे स्पलीट करने का मतलब क्या है शेयरों में थोड़ी गिरावट आई और वह 1784 रुपये के स्तर पर बंद हुए. कंपनी ने अप्रैल-जून 2022 के नतीजों की घोषणा करते हुए कहा कि बोर्ड ने 1:5 के अनुपात में स्टॉक स्प्लिट और 1:1 के अनुपात में बोनस शेयर की मंजूरी दी है.
नितिन कामत बोले- 'स्प्लिट से घबरा जाते हैं निवेशक'
नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी बजाज फिनसर्व अपने एक शेयर को 5 शेयरों में बांटने की तैयारी कर रही है. ऐसे में ब्रोकरेज फर्म Zerodha के फाउंडर नितिन कामत ने ट्विटर पर स्टॉक स्प्लिट का मतलब बताया है. साथ ही बताया था कि रिटेल निवेशकों पर इसका क्या असर हो सकता है.
नितिन कहते हैं कि जब भी एक कंपनी स्टॉक स्प्लिट की घोषणा करती है तो कई निवेशकों में एक पैनिक या लालच पैदा हो जाता है, क्योंकि उन्हें लगता है कि इससे शेयर सस्ते हो जाएंगे. उन्हें डर होता है कि इससे उन्हें नुकसान हो रहा है. वह कहते हैं कि बोनस या स्प्लिट शेयर होना ठीक वैसा ही है, जैसे 100 ग्राम की एक चॉकलेट के बजाय 50-50 ग्राम की दो चॉकलेट होना. यानी उससे कोई बड़ा असर नहीं पड़ता.
स्टॉक स्प्लिट का मतलब है एक शेयर को कई शेयरों में बांट देना. इससे शेयर किफायती बन जाते हैं और पहले की तुलना में अधिक लोग शेयरों में निवेश कर पाते हैं. जैसे 100 रुपये के शेयर को 1:10 के अनुपात में बांटें तो एक शेयर 10 रुपये का हो जाएगा, जिससे अधिक लोग शेयरों में निवेश कर पाएंगे.
आम प्रैक्टिस हैं स्टॉक स्प्लिट और बोनस
कामत बताते हैं कि स्टॉक स्प्लिट और बोनस तमाम कंपनियों में इस्तेमाल होने वाली आम प्रैक्टिस है, लेकिन निवेशक अक्सर इससे कनफ्यूज हो जाते हैं. इन मामलों में दो तारीखें बहुत ही अहम होती हैं, रेकॉर्ड डेट और एक्स-डेट. रेकॉर्ड डेट वह तारीख होती है, जिस पर या उससे पहले आपके पास शेयर होना जरूरी है, तभी फायदा मिलेगा. वहीं एक्स-डेट रेकॉर्ड डेट से एक दो दिन पहले की तारीख होती है, ताकि उस तारीख पर अगर आप शेयर खरीदें तो रेकॉर्ड डेट तक वह शेयर बाज़ार मे स्पलीट करने का मतलब क्या है शेयर आपके डीमैट अकाउंट में आ जाएं.
नितिन कामत कहते हैं कि स्टॉक स्प्लिट के जरिए एक कंपनी अपने शेयरों की संख्या को बढ़ाती है, जिससे स्टॉक की फेस वैल्यू घट जाती है. कंपनियां स्टॉक स्प्लिट इसलिए करती हैं, ताकि स्टॉक की कीमत घटाई जा सके. कीमत कम होने की वजह से छोटे रिटेल निवेशक भी उसे आसानी से खरीद पाते हैं, जिससे लिक्विडिटी बढ़ती है.
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गौरतलब है कि Hindustan Foods ने अपने 10 रुपये फेस वैल्यू के 1 इक्विटी शेयर को 5 रुपये फेस वैल्यू 2 शेयरों में विभाजित करने के लिए 22 जुलाई 2022 को रिकॉर्ड डेट तय किया है। स्टॉक स्प्लिट के इस खबर के चलते ही यह शेयर जोश में नजर आ रहा है।
क्या होता है स्टॉक स्प्लिट?शेयर बाज़ार मे स्पलीट करने का मतलब क्या है शेयर बाज़ार मे स्पलीट करने का मतलब क्या है
स्टॉक स्प्लिट का मतलब होता है शेयरों का विभाजन। आमतौर पर जब शेयरों की कीमत अधिक हो जाती है, तो कंपनी छोटे निवेशकों को आकर्षित करने के लिए अपने शेयरों को कई भाग में शेयर बाज़ार मे स्पलीट करने का मतलब क्या है विभाजित कर देती है। इससे शेयरों की कीमत सस्ती हो जाती है और कंपनी के कुल शेयरों की संख्या बढ़ा दी जाती है। हालांकि इससे कंपनी की मार्केट वैल्यू पर कोई असर नहीं पड़ता है।