शुरुआती के लिए रणनीतियाँ

ADRs का वास्तविक

ADRs का वास्तविक
कलेक्टर के निर्देशानुसार अपर कलेक्टर संजय कन्नौजे के द्वारा सभी समिति प्रबंधकों, डाटा एन्ट्री ऑपरेटरों एवं नोडल अधिकारियों को समीक्षा बैठक में निर्देशित किया गया कि साफ-सुथरी मानक गुणवत्ता के धान की खरीदी सुनिश्चित की जाए, जिसमें नमी की मात्रा निर्धारित 17 प्रतिशत से कम हो। जिले में अवैध धान परिवहन एवं फर्जी धान विक्रय को रोकने हेतु 06 चेक पोस्ट (जांच नाका) स्थापित किया गया है, जिसमें 24 घंटे कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। समिति प्रबंधकों एवं डाटा एंट्री ऑपरेटरों को भी सख्त निर्देश दिया गया कि केवल वास्तविक कृषकों से ही धान की खरीदी की जाये। समीक्षा बैठक में धान खरीदी कार्य को सुचारू ढंग से संचालित करने हेतु अनुविभागीय अधिकारी (रा.), दन्तेवाड़ा एवं बड़ेबचेली को सतत मॉनिटरिंग करने हेतु निर्देश दिए। कृषकों को धान विक्रय करने हेतु खरीदी केन्द्रों में आवश्यक सुविधा की समुचित व्यवस्था की गई है। धान विक्रय के दौरान कृषकों को किसी प्रकार की समस्या होने पर समिति प्रबंधकों एवं नोडल अधिकारियों को निराकरण हेतु आवेदन प्राप्त करने एवं उचित निराकरण करने के निर्देश दिये गये हैं, सभी धान खरीदी केन्द्रों में पर्याप्त मात्रा में नये एवं पुराने ADRs का वास्तविक बारदाने की व्यवस्था की गई है।

केशापुर में धान खरीदी केंद्र खुलने से 14 ADRs का वास्तविक गांव के किसानों को धान विक्रय में सुविधा जिले में धान खरीदी की समीक्षा बैठक संपन्न

दंतेवाड़ा, 23 नवम्बर। छत्तीसगढ़ शासन की जन हितैषी एवं सर्वाधिक महत्वपूर्ण योजना समर्थन मूल्य पर धान खरीदी वर्ष 2022-23 का शुभारंभ 01 नवम्बर 2022 से हो चुका है, जो 31 जनवरी 2023 तक चलेगा। इस वर्ष धान एवं मक्का के समर्थन मूल्य में बढ़ोत्तरी करते हुए शासन द्वारा धान का समर्थन मूल्य धान कॉमन 2040/- रू. प्रति क्विंटल तथा धान पेड-ए 2060/-रु. प्रति क्विंटल एवं मक्का का समर्थन मूल्य 2040/- रू. प्रति क्विंटल घोषित किया गया है।

वर्तमान में खरीफ वर्ष 2022-23 में जिले में कुल 13286 पंजीकृत कृषकों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की जाएगी, जिसमें से 2150 नये पंजीकृत कृषक है, जो कि विगत वर्ष की तुलना में 19 प्रतिशत अधिक है समर्थन मूल्य पर धान खरीदी हेतु जिले के सभी धान खरीदी केन्द्रों में सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई है तथा आज तक 04 खरीदी केन्द्रों में कुल 476.80 क्विंटल धान की खरीदी की जा चुकी है। धान विक्रय हेतु टोकन जारी ADRs का वास्तविक करने हेतु समिति स्तर पर तथा मोबाइल एप ’’किसान टोकन तुंहर हाथ’’ दोनों ही माध्यम से व्यवस्था की गई है। टोकन जारी करने हेतु सीमांत एवं लघु कृषकों को प्राथमिकता दी जा रही है। जिला प्रशासन का प्रयास है कि लघु एवं सीमांत कृषकों का धान एक अथवा अधिकतम दो टोकन में पूर्ण करा ली जावे, ताकि उन्हें बार-बार खरीदी केन्द्र तक आने की आवश्यकता न हो।

देश के पहले पीएम नेहरू की गलती को सुधारने और आतंकवाद की कमर तोड़ने के लिए भारतीय सेना PoK में कार्रवाई को तैयार, लांच पैड पीर पंजाल में छिपे बैठे हैं 160 आतंकी

भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की एक गलती का दंश आज 75 साल के बाद भी देश भुगत रहा है। नेहरू के गलती पीओके के रूप में देश ADRs का वास्तविक के सामने है, जिसकों आतंकियों का लांचिंग पैड बनाकर पाकिस्तान हमारे देश में उनकी घुसपैठ कराता है। दरअसल, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) भारत का ही वह हिस्सा है,जो पाकिस्तान के साथ लगता है। 1947 में बंटवारे के बाद पाकिस्तान ने कबीलाई विद्रोहियों की मदद से जम्मू-कश्मीर के इस हिस्से पर कब्जा कर लिया था। तब भारतीय फौज इस हिस्से को वापस लेने के लिए दमदार तरीके से लड़ रही थी। भारतीय सेना के जांबाज अफसर तभी पीओके को अपने कब्जे में ले लेते, मगर उसी समय भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू कश्मीर के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र संघ (UN) में चले गए। संयुक्त राष्ट्र ने दखल देकर दोनों देशों के बीच युद्ध विराम करवा दिया और ‘जो जहां था, वहीं काबिज हो गया।’ कश्मीर में अनुच्छेद 370 के खात्मे के बाद PoK के लिए भी देश की उम्मीदें और जवां
पहले प्रधानमंत्री की इसी गलती का नतीजा है कि उसी समय से दोनों देशों की फौजें इंटरनेशनल सरहद की जगह लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) के दोनों तरफ डटी हैं। LoC दोनों मुल्कों के बीच खींची गई 840 किलोमीटर लंबी सीमा रेखा है। केंद्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार आने के बाद से ये उम्मीद जगी है कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर, जो वास्तविक रूप से भारत का ही वह हिस्सा है, वह फिर से भारत में शामिल हो जाएगा। इसी हिस्से में प्राचीन शक्तिपीठों में से एक शारदा शक्तिपीठ भी है, जो पाकिस्तान सरकार की अनदेखी के चलते अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रही है। मोदी सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के खात्मे के फैसले के बाद
देश की उम्मीदें और जवां हो गई हैं। इसके बाद ही PoK को वापस लेने की मांग जोर-शोर से उठती रही है। प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा- PoK पर कार्रवाई के लिए सेना तैयार
भारतवासियों को आशा को सेना के एक बयान के और बल मिला है। उत्तरी कमांड के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने पुरजोर अंदाज में ऐलान किया है कि सेना पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर पर कार्रवाई करने ADRs का वास्तविक करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने कहा कि PoK के विषय पर संसद में प्रस्ताव पास हो चुका है। भारतीय सेना सरकार के हर आदेश के लिए पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने कहा कि सरकार जब भी आदेश देगी सेना अपनी पूरी तैयारी के साथ आगे बढ़ेगी। भारत में घुसपैठ के लिए पाकिस्तानी लॉन्चपैड पर करीब 160 आतंकवादी मौजूद
दरअसल, पीओको में कार्रवाई इसलिए भी जरूरी हो गई है, क्योंकि पाकिस्तानी आका और आईएसआई भारत में घुसपैठ के लिए इसे लॉंचपैड के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। उत्तरी कमांड के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने बताया कि भारत में घुसपैठ के लिए पाकिस्तानी लॉन्चपैड पर करीब 160 आतंकवादी बैठे हैं, जिनमें पीर पंजाल के उत्तर में 130 और पीर पंजाल के दक्षिण में 30 आतंकी मौजूद हैं। पूरे भीतरी इलाकों में कुल 82 पाकिस्तानी आतंकवादी और 53 स्थानीय आतंकवादी बैठे हैं। इसके अलावा पाकिस्तान लगातार ड्रग्स भेजने की कोशिश कर रहा है। हाल ही में ही हमने करोड़ों रुपए की ड्रग्स पकड़ी है। यहां तक कि हम जो आतंकी बॉर्डर पर मार रहे हैं उनको भी यह लोग कहते हैं कि आप स्मगलर मार रहे हो। इसका मतलब साफ है कि पाकिस्तान ड्रग्स बेचने के प्रयास आए दिन कर रहा है। हम पाक के मंसूबे कामयाब नहीं होने देंगे। हर भारतीय की आस पीओके अब भारत में चाहिए, पाकिस्तान ने इसे दो हिस्सों में बांटा
काबिले जिक्र है कि इसी माह तीन नवंबर को हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह एक रैली को संबोधित कर रहे थे। इसी दौरान भीड़ में से लोगों ने कहा- PoK भी अब भारत में चाहिए। इस पर रक्षा मंत्री ने कहा…धैर्य रखिए, धैर्य रखिए। राजनाथ हिमाचल के वीर जवानों को लेकर बात कर रहे थे। इस दौरान रैली में मौजूद लोगों ने PoK चाहिए के नारे लगा दिए। पाकिस्तान, PoK को छोड़ने के लिए तैयार नहीं है और उसे आजाद कश्मीर बताता है। मौजूदा समय में पाकिस्तान ने PoK को गिलगिट और बाल्टिस्तान, दो हिस्सों में बांट रखा है। भारत सरकार समय-समय पर PoK को वापस लेने की बात कहती रही है। पाकिस्तान और आईएसआई की साजिश के चलते 20 साल से कम उम्र 35 पर्सेंट आतंकी
उत्तरी कमांड के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा पाकिस्तान और आईएसआई 35 पर्सेंट ऐसे युवाओं को आतंकी बना रहा है, जिनकी आयु 20 साल से कम हैं। 55 प्रतिशत जो युवा हैं, वो 20-30 साल के बीच में आतंकी बनाए जा रहे हैं। मोदी सरकार अब युवाओं को एजुकेटेड बना रही है और सेना भी हर प्रयास कर रही है ताकि युवा रेडिकलाइज ना हो सकें। ADRs का वास्तविक पुंछ में लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि आतंकवाद को हमने बहुत हद तक कंट्रोल किया है। पाकिस्तान की तरफ इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि हमारा पड़ोसी पिस्टल को यहां लाने, ड्रग्स बेचने और ग्रेनेड को भेजने की कोशिश कर रहा है। लेकिन हम पीओके के आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई करके उसके नापाक मंसूबों को पूरा नहीं होने देंगे। अनुच्छेद 370 हटने से जम्मू-कश्मीर में काफी बदलाव आया, आतंकवादी इससे बौखलाए
लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने जम्मू-कश्मीर में हो रही टार्गेट किलिंग पर कहा कि राज्य में आतंकवाद को रोकने के लिए काफी काम किया गया है। इससे बौखलाए आतंकियों की तरफ से कभी पिस्टल कभी हथियार इस तरह भेजने के प्रयास किए जाते हैं और निहत्थे लोगों को टारगेट किया जाता है, लेकिन आतंकी अपने मंसूबों में कभी कामयाब नहीं हो पाएंगे। उन्होंने दावा किया कि धारा अनुच्छेद हटने के बाद से जम्मू-कश्मीर में काफी बदलाव आया है। राज्य में आतंकवाद पर लगाम लगी है।

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