शुरुआती के लिए रणनीतियाँ

डॉलर और रुपये के बीच चल क्या रहा है

डॉलर और रुपये के बीच चल क्या रहा है
तेलंगाना राष्ट्र समिति के प्रवक्ता वाईएसआर ने भी प्रधानमंत्री मोदी को टैग करते हुए उनके भाषण वाला एक वीडियो ट्वीट किया है। जब रुपये 77.20 पर पहुँचा था तभी ट्वीट कर उन्होंने लिखा था, 'रुपया अब तक के सबसे निचले स्तर पर 77.20 प्रति फॉलो के पार कारोबार कर रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी जी, मुख्यमंत्री मोदी को सुनें जो कहते हैं कि रुपये का गिरना केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों की विफलता को दर्शाता है।'

रुपये पांच पैसे और टूटकर 81.79 प्रति डॉलर पर

मुंबई, 21 नवंबर (भाषा) घरेलू शेयर बाजार में कमजोरी के रुख और विदेशी बाजारों में डॉलर के मजबूत होने से अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में सोमवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया पांच पैसे की गिरावट के साथ 81.79 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।

कोविड-19 के बढ़ते मामले और उसके पश्चात चीन में लगाये गये प्रतिबंधों के कारण सुरक्षित निवेश के रूप में मांग बढ़ने से विदेशी बाजारों में डॉलर में तेजी आई।

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया तेजी के साथ 81.84 पर खुला। कारोबार के दौरान रुपया 81.74 के दिन के उच्चस्तर और 81.91 के निचले स्तर को छूने के बाद अंत में अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले पांच पैसे की गिरावट के साथ 81.79 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।

रुपया शुक्रवार को 10 पैसे की गिरावट के साथ 81.74 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।

बीएनपी पारिबा बाय शेयरखान में अनुसंधान विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा कि कमजोर घरेलू बाजारों और मजबूत डॉलर के कारण रुपये में गिरावट आई। विदेशी संस्थागत निवेशकों की निकासी से रुपये पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा।

पीएम मोदी ले रहे हैं बहुत बड़ा रिस्क, हिल जाएगी पूरी दुनिया, रुपया मजबूत करने के लिए लगाएंगे डॉलर की लंका

Updated Nov 9, 2022 | 11:24 PM IST

पीएम मोदी ले रहे हैं बहुत बड़ा रिस्क, हिल जाएगी पूरी दुनिया, रुपया मजबूत करने के लिए लगाएंगे डॉलर की लंका

टीचर, डॉक्टर और वकील को गांव के लोग भगवान मानते थे, संविधान दिवस पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का इमोशनल स्पीच

News Ki Pathshala Sushant Sinha PM Modi Rupee Dollar

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) बहुत बड़ा रिस्क ले रहे हैं और यकीन मानिए जो रिस्क पीएम मोदी ले रहे हैं उससे पूरी दुनिया हिल जाएगी। पूरी दुनिया अमेरिका के डॉलर के पीछे भागती है। सरकारें हों, कंपनियां हों, मार्केट हो। किसी का काम डॉलर के बिना नहीं चलता। दुनिया में देश कोई भी हो, उसकी करेंसी की वैल्यू डॉलर (Dollar) के मुकाबले ही देखी जाती है। इंटरनेशनल ट्रेड में किसी को सुई भी खरीदनी होती है तो पेमेंट डॉलर में होता है। यानी डॉलर का ऐसा रुतबा है, ऐसा दबदबा है, कि दुनिया भर में इसी की दादागीरी चलती है। इसके सामने दूसरी करेंसी बेबस हो जाती है। इसके सामने दुनिया के दूसरे देश बेबस हो जाते हैं। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसे बदलना चाहते हैं। कैसे वो बहुत बड़ा रिस्क ले रहे हैं।

भारत की आजादी के वक्‍त एक डॉलर की कीमत थी चार रुपये, आज करीब 80, पढ़ें 75 वर्ष में कैसे हुआ बदलाव

भारत की आजादी के वक्‍त एक डॉलर की कीमत थी चार रुपये, आज करीब 80, पढ़ें 75 वर्ष में कैसे हुआ बदलाव

रुपये ने डॉलर तोड़ा अपना पिछला रिकॉर्ड कर 79.99 के निचले स्तर पर पहुंच गया है।

Rupee’s Journey Since India’s Independence: भारत अपनी आजादी के 75वें वर्ष (75th Independence Day) का जश्न मना रहा है और आने वाले वर्षों के दौरान आर्थिक विकास को ऊंचाइयों पर ले जाने के सपने देख रहा है। अर्थव्यवस्था के अन्य पहलुओं को किनारे रखते हुए आइए देखते हैं कि भारतीय रुपया का 1947 के बाद से अब तक का सफर कैसा रहा है।

किसी देश की मुद्रा उसके आर्थिक विकास का आकलन करने का एक मुख्य घटक होती है। बीते 75 सालों में हमारे देश ने अपार प्रगति की है और लगातार प्रगति के पथ पर अग्रसर है। लेकिन, देश की मुद्रा रुपये में लगातार गिरावट दर्ज हो रही है। रुपये के अवमूल्यन का नतीजा यह है कि आज रुपया लगभग 80 रुपये प्रति डॉलर के स्तर पर पहुंच गया है।

रुपये के 81.09 प्रति डॉलर पहुंचने के बाद वित्त मंत्री बोलीं- दूसरी मुद्राओं की तुलना में मज़बूत है

डॉलर के मुकाबले रुपये की क़ीमत के रिकॉर्ड स्तर पर डॉलर और रुपये के बीच चल क्या रहा है गिरने के बाद भारतीय मुद्रा की स्थिति को लेकर जताई जा रही चिंताओं के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि गिरावट के मौजूदा दौर में डॉलर के मुक़ाबले अन्य मुद्राओं की स्थिति पर भी अध्ययन करने की ज़रूरत है. The post रुपये के 81.09 प्रति डॉलर पहुंचने के बाद वित्त मंत्री बोलीं- दूसरी मुद्राओं की तुलना में मज़बूत है appeared first on The Wire - Hindi.

डॉलर के मुकाबले रुपये की क़ीमत के रिकॉर्ड स्तर पर गिरने के बाद भारतीय मुद्रा की स्थिति को लेकर जताई जा रही चिंताओं के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि गिरावट के मौजूदा दौर में डॉलर के मुक़ाबले अन्य मुद्राओं की स्थिति पर भी अध्ययन करने की ज़रूरत है.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण. (फोटो: पीटीआई)

पुणे: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि दुनिया की अन्य मुद्राओं की तुलना में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले कहीं अधिक मजबूती से खड़ा रहा है.

डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत के रिकॉर्ड स्तर पर गिर जाने के बाद भारतीय मुद्रा की स्थिति को लेकर जताई जा रही चिंताओं के बीच सीतारमण ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और वित्त मंत्रालय रुपये की स्थिति पर लगातार करीबी नजर रखे हुए हैं.

विपक्ष ने साधा था मोदी सरकार पर निशाना

गुरुवार को कांग्रेस ने डॉलर के मुकाबले रुपये के अपने सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंचने के बाद नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा और भारतीय रिजर्व बैंक के एक कथित परिपत्र (सर्कुलर) का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि मोदी सरकार अपने कदमों से स्थिति सुधारने की बजाय आग में घी डाल रही है.

पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने दावा किया था कि मोदी सरकार के उस फैसले से रुपया लगातार नीचे की ओर जा रहा है जिसमें मुनाफा कमाने वाली कंपनियों को एक अरब डॉलर के मूल्य तक की भारतीय मुद्रा को अमेरिकी मुद्रा में तब्दील करवाने की अनुमति दी गई है.

वल्लभ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा था, ‘मोदी जी आप कहते थे कि रुपया गिरता है तो सरकार की साख गिरती है, अब आप बताइए कि कितनी साख गिरेगी?’’

उनका कहना था, ‘रिजर्व बैंक ने एक 22 अगस्त को एक परिपत्र जारी किया जिसके अनुसार, पिछले तीन साल तक मुनाफे में रहने वाली कंपनी एक अरब डॉलर तक की कीमत में रुपये को अमेरिकी मुद्रा में बदलवा सकती है. इससे मध्यवर्ग पर असर पड़ेगा, उपचार महंगा होगा, पेट्रोल-डीजल महंगा हो जाएगा.’

रुपया आईसीयू में- पीएम का ही पुराना भाषण दिखाकर डॉलर और रुपये के बीच चल क्या रहा है बोली कांग्रेस

सत्य हिंदी ऐप डाउनलोड करें

कहते हैं इतिहास दोहराता है। वैसे, 8 साल पहले की बात उतनी पुरानी भी नहीं कि इतिहास कहा जाए! लेकिन रुपये की क़ीमत गिरने पर जैसी राजनीतिक प्रतिक्रिया 2014 से पहले हो रही थी अब उसी प्रतिक्रिया को दोहराया जा रहा है! प्रधानमंत्री मोदी के विरोधियों और उनकी नीतियों के आलोचकों ने अब सोशल मीडिया पर उनके ही भाषण साझा किए हैं। तब तत्कालीन मुख्यमंत्री के तौर पर मोदी एक डॉलर की क़ीमत 58 रुपये या इससे कम होने पर ही भाषण देते फिर रहे थे।

युवा कांग्रेस के नेता श्रीनिवास बीवी ने प्रधानमंत्री मोदी के सत्ता में आने से पहले के एक डॉलर और रुपये के बीच चल क्या रहा है भाषण को ट्वीट करते हुए तंज में लिखा है, 'ओ माई गॉड! मोदी जी किसकी आबरू गिरने के बारे में यहाँ बात कर रहे हैं?'

रेटिंग: 4.22
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 344
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *