ट्रेडिंग खाते

रिपाट्राइबल डीमैट खाता (Repatriable Demat Account) खुलवाने के लिए NRIs को पासपोर्ट की एक कॉपी, PAN कार्ड, वीजा, विदेश में अपना पता, पासपोर्ट साइज फोटो और साथ ही में FEMA डिक्लेरशन और NRE या NRO खाते का कैंसल्ड चेक भी देना होगा.
शेयर डीमेट खाता और आनलाइन शेयर ट्रेडिंग में बरते सावधानी: धोखाधड़ी आम बात
भारत में 1999 में शेयर की फिजिकल ट्रेडिंग बंद करते हुए पूरी प्रक्रिया को इलेक्ट्रॉनिक रूप दिया गया, जिसमें फिजिकल शेयरों को इलेक्ट्रॉनिक फार्म में रखना भी शामिल था और इसके लिए डीमेट खाता बनाया गया.
हम आप आज के समय शेयर को भी बैंकों में जमा पैसे की तरह डीमेट खाते से उपयोग कर सकते हैं. नेट बैंकिंग की तरह डीमेट खाता भी लाग इन आईडी और पासवर्ड से चलता है और इसी तरह हमारा शेयर ट्रेडिंग आकंउट भी ट्रेडिंग खाते चलता है.
डिजिटल रुप में सहुलियत तो बहुत है लेकिन उतनी सावधानी भी जरूरी है.
कोविड काल में शेयर बाजार में भारी उछाल और निवेश के विकल्पों की कमी के कारण लोगों का शेयर बाजार की तरफ आकर्षित होना स्वाभाविक ही था.
और शेयर बाजार ने भी इसका भरपूर फायदा उठाते हुए कई कंपनियों को पैसे उगाहने में मदद की, साथ ही लाखों नए डीमेट खाते और शेयर ट्रेडिंग आकंउट खुल गए. न केवल लोग अपनी जमा पूंजी का निवेश शेयर बाजार में जमकर करने लगे, बल्कि कई शेयर एक्सपर्ट, ट्रेडिंग, ब्रोकर और डीमेट की दुकानें आनलाइन सोशल मीडिया पर खुल गई.ट्रेडिंग खाते
शेयर खरीदने के लिए जरूरी है डीमैट खाता, जानिए कितनी तरह के होते हैं Demat Account
Demat Account: शेयर बाजार में ट्रेडिंग के लिए 3 तरह के डीमैट अकाउंट होते हैं. निवेशकों की प्रोफाइल के हिसाब से इन्हें तैयार किया जाता है. इसकी पूरी देख आपकी ब्रोकिंग फर्म करती है.
शेयर बाजार ट्रेडिंग खाते में एंट्री करने वाले निवेशकों के लिए रेगुलर डीमैट अकाउंट किया जाता है.
Demat Account: शेयर ट्रेडिंग (Share trading) के लिए डीमैट अकाउंट (Demat account) भी होगा. निवेश के लिए डीमैट खाता सबसे आम और अनिवार्य बात है. बिल्कुल बैंक अकाउंट की तरह (जहां पैसे सेफ रखे जाते हैं) डीमैट अकाउंट में भी आपके शेयर इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में रखे जाते हैं. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि भारतीय शेयर बाजारों में निवेश के लिए कुल कितने तरह के Demat account होते हैं?
रेगुलर डीमैट खाता (Regular Demat account)
शेयर बाजार में एंट्री करने वाले निवेशकों के लिए रेगुलर डीमैट अकाउंट किया जाता है. भारतीय निवेशक और ट्रेडर्स देश में ही रहते हैं और यहीं के शेयर बाजार में निवेश करते हैं. आप ये रेगुलर डीमैट खाता (Demat Account) किसी भी डिपॉजिट्री-CDSL या NSDL पर रजिस्टर्ड ब्रोकर के पास खुलवा सकते हैं. खाते से इलेक्ट्रॉनिकली शेयरों में निवेश और ट्रेड किया जाता है.
रिपाट्राइबल डीमैट अकाउंट्स नॉन-रेजिडेंट इंडियन्स (NRIs) के लिए होते हैं. इसके जरिए NRIs भारतीय शेयर बाजार में निवेश करते हैं. ट्रेडर्स और निवेशक इस अकाउंट के जरिए विदेश में फंड ट्रांसफर भी कर सकते हैं. लेकिन, फंड ट्रांसफर के लिए निवेशकों के पास NRE बैंक खाता भी होना चाहिए. इस खाते में ज्वाइंट होल्डर भी शामिल कर सकते हैं, जिन्हें भारतीय नागरिक होना चाहिए. हालांकि, वे कहां रह रहे हैं उस पर कोई पाबंदी नहीं है. इस डीमैट खाते में भी नॉमिनेशन सुविधा होती है.
ट्रेडिंग खाते का लाभ ( Trading Account Ke Labh )
ट्रेडिंग खाते के माध्यम से निर्धारित लाभ या हानि व्यवसाय का शुद्ध परिणाम नहीं है।
इसका मतलब यह है कि एक सवाल स्वाभाविक रूप से उठता है: ट्रेडिंग अकाउंट तैयार करने का क्या फायदा है? इसका उत्तर यह है कि एक ट्रेडिंग खाता आवश्यक है ट्रेडिंग खाते क्योंकि यह कई लाभ प्रदान करता है।
- सबसे पहले, एक ट्रेडिंग खाता सकल लाभ का खुलासा करता है जिसमें से व्यवसाय के वास्तविक लाभ (यानी, शुद्ध लाभ) का पता लगाने के लिए सभी खर्चों ट्रेडिंग खाते में कटौती की जाती है।
- किसी व्यवसाय का सकल लाभ डेटा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है क्योंकि सभी व्यावसायिक खर्चों को सकल लाभ का उपयोग करके पूरा किया जाता है। इसलिए, सकल लाभ की ट्रेडिंग खाते राशि सभी खर्चों को पूरा करने के लिए पर्याप्त होनी चाहिए।
- ट्रेडिंग खाते का एक अन्य लाभ यह है कि शुद्ध बिक्री की गणना एक नज़र में की जा सकती है। खाता बही में बिक्री खाते से सकल बिक्री का पता लगाया जा सकता है, लेकिन शुद्ध बिक्री प्राप्त नहीं की जा सकती है।
- किसी व्यवसाय की सच्ची बिक्री शुद्ध बिक्री होती है – सकल बिक्री नहीं। शुद्ध बिक्री सकल बिक्री से बिक्री रिटर्न घटाकर निर्धारित की जाती है। इसी तरह, ट्रेडिंग खाते के माध्यम ट्रेडिंग खाते से एक नज़र में शुद्ध खरीद की संख्या भी देखी जा सकती है।
- अंत में, पिछले वर्ष की बिक्री के साथ चालू वर्ष की शुद्ध बिक्री की तुलना करके किसी व्यवसाय की प्रगति या विफलता को समझना संभव है।
- यहां यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि पिछले वर्ष की तुलना में चालू वर्ष की शुद्ध बिक्री की मात्रा में वृद्धि हमेशा सफलता का संकेत नहीं हो सकती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि मूल्य स्तर में वृद्धि के कारण बिक्री बढ़ सकती है। इसके विपरीत, पिछले वर्ष की तुलना में चालू वर्ष की शुद्ध बिक्री में गिरावट मूल्य स्तर में गिरावट के कारण घट सकती है।
ट्रेडिंग खाता प्रारूप में आइटम
ट्रेडिंग खाते में निम्नलिखित विवरण होते हैं
- कच्चे माल, अर्द्ध-तैयार माल और तैयार माल का प्रारंभिक स्टॉक विवरण।
- कच्चे माल, अर्द्ध-तैयार माल और तैयार माल का अंतिम स्टॉक विवरण।
- माल की कुल खरीद कम खरीद प्रतिफल।
- माल की कुल बिक्री कम बिक्री प्रतिफल।
- माल की खरीद या बिक्री या निर्माण से संबंधित सभी प्रत्यक्ष व्यय।
आय की मदें (CR) पक्ष
- माल की कुल बिक्री कम बिक्री प्रतिफल
- माल का Closing Stock।
व्यय की मदें (DR) पक्ष
- माल का प्रारंभिक स्टॉक
- माल की कुल खरीद कम खरीद रिटर्न
- सभी प्रत्यक्ष व्यय जैसे ढुलाई आवक और माल ढुलाई व्यय, गोदाम या कारखाने के लिए किराया, बिजली और बिजली व्यय, श्रमिकों और पर्यवेक्षकों की मजदूरी, पैकिंग व्यय इत्यादि।
ट्रेडिंग ट्रेडिंग खाते खाता प्रारूप (Trading Account Formet)
निष्कर्ष :
आज आपने जाना Trading Account kya hai तथा इसे बनाने के क्या-क्या लाभ है साथ ही इसका फॉर्मेंट क्या है।
इस आर्टिकल से रिलेटेड कोई भी चीज़ समझ न आ रही हो या आप हमसे कुछ पूछना चाहते है। तो नीचे कमेंट बॉक्स में पूछ सकते है। अगर आपको हमारा यह लेख पसंद हो, तो इससे अपने दोस्तों में भी शेयर करें।
आपको दिन शुभ रहे।
शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं, तो जरूरी है Demat Account होना, जानें कैसे खुलता है, क्या होता है चार्ज
Demat Account : शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने के लिए जरूरी है डीमैट अकाउंट. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
शेयर बाजार में ट्रेडिंग (Share Market Trading) कर पैसा बहुत से लोग बनाना चाहते हैं लेकिन शेयर्स खरीदने और बेचने के लिए जिस डीमैट अकाउंट की जरूरत होती है, उसके बारे में कम ही जानकारी होती है. डीमैट अकाउंट कैसे काम करता है, इस खाते को खोलने के लिए जरूरी कागजात कौन से होते हैं और कितनी फीस डीमैट खाते को खोलने के लिए खर्च करनी पड़ती है. ऐसे बहुत सारे सवालों के जवाब हम आपको इस खबर की मदद से दे रहे हैं क्योंकि शेयर ट्रेडिंग के लिए डीमैट अकाउंट होना जरूरी है, इसके बिना ट्रेडिंग नहीं की जा सकती है.
तो आइए जानते हैं डीमैट खाते से जुड़ी हर जरूरी जानकारी.
जिस तरह से बैंक अकाउंट होता है. इसी तरह से डीमैट अकाउंट भी बैंक खाते की तरह काम करता है. शेयर बाजार को रेगुलेट करने वाली संस्था SEBI के साफ निर्देश हैं कि बिना डीमैट खाते ट्रेडिंग खाते के शेयरों को किसी भी अन्य तरीके से खरीदा और बेचा नहीं जा सकता है.
डीमैट खाते की सबसे अच्छी बात होती है ये जीरो अकाउंट बैलेंस के साथ भी खोला जा सकता है. इसमें मिनिमम बैलेंस रखने की जरूरत नहीं होती है. शेयर बाजार में निवेश के लिए निवेशक के पास बैंक अकाउंट, ट्रेडिंग अकाउंट और डीमैट खाता होने चाहिए क्योंकि डीमैट खाते में आप शेयरों को डिजिटल रूप से अपने पास रख सकते है. तो वहीं ट्रेडिंग अकाउंट से मदद से शेयर, म्युचुअल फंड और गोल्ड में निवेश किया जा सकता है.
कैसे खोलें डीमैट खाता
- शेयरों में ऑनलाइन निवेश करने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी डीमैट खाता होता है. आप इसे HDFC सिक्योरिटीज, ICICI डायरेक्ट, Axis डायरेक्ट जैसे किसी भी ब्रोकरेज के पास खुलवा सकते हैं.
- ब्रोकरेज फर्म का फैसला लेने के बाद आप उसकी वेबसाइट पर जाकर डीमैट अकाउंट ओपन करने का फॉर्म सावधानी से भरने के बाद उसकी KYC प्रोसेस को पूरा करें.
- KYC के लिए फोटो आईडी प्रूफ, एड्रेस प्रूफ के लिए डॉक्यूमेंट की जरूरत पड़ेगी. जब ये प्रोसेस पूरी हो जाएगा तो उसके बाद इन-पर्सन वेरिफिकेशन होगा. संभव है जिस फर्म से आप डीमैट अकाउंट खुलवा रहे हों, वो अपने सर्विस प्रोवाइडर के दफ्तर आपको बुलवाएं.ट्रेडिंग खाते
- इस प्रोसेस को पूरा होने के बाद आप ब्रोकरेज फर्म के साथ टर्म ऑफ एग्रीमेंट साइन करते है. ऐसा करने के बाद आपका डीमैट अकाउंट खुल जाता है.
- फिर आपको डीमैट नंबर और एक क्लाइंट आईडी दी जाएगी.
कौन खोलेगा डीमैट खाता
इंडिया में डीमैट खाता खोलने का काम दो संस्थाएं करती है. जिसमें पहली है NSDL (National Securities Depository Limited) और दूसरी है CDSL (central securities depository limited). 500 से अधिक एजेंट्स इन depositories के लिए काम करते है, जिनको आम भाषा में डीपी भी कहा जाता है. इनका काम डीमैट अकाउंट खोलना होता है.
डीमैट अकाउंट खोलने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी शर्त होती है कि जो व्यक्ति शेयर ट्रेडिंग के लिए डीमैट अकाउंट खुलवा रहा हो उसकी उम्र 18 साल से ज्यादा होनी चाहिए. साथ ही इसके लिए उस व्यक्ति के पास ट्रेडिंग खाते पैन कार्ड, बैंक अकाउंट आइडेंटिटी और एड्रेस प्रूफ होना जरूरी है.
शेयर ब्रोकर बिना बताए कर रहे हैं आपके अकाउंट से ट्रेडिंग
पंकज भारती, इंदौर। ब्रोकिंग फर्म के कर्मचारी ग्राहक को बताए बगैर उनके डीमेट से ट्रेडिंग कर रहे हैं। कई बार इस प्रकार की ट्रेडिंग से ग्राहक का खाता हजारों रुपए के नुकसान में चला जाता है और ब्रोकिंग फर्म वाले ग्राहक पर उसकी भरपाई करने का दबाव बनाते हैं।
नेशननल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) की इन्वेस्टर ग्रिवेएंश रिसोल्युएशन पैनल (निवेशक शिकायत समाधान पैनल, आईजीआरपी) ने भी इस प्रकार की ट्रेडिंग को गलत मानकर शहर के दो निवेशकों को राहत दी है।
सुखलिया में रहने वाले संजय जायसवाल ने 1 फरवरी 2011 में आईडीबीआई कैपिटल मार्केट में डीमेट अकाउंट खुलवाया (खाता संख्या 10560007)। चूंकि संजय का ई-मेल नहीं था, अत: ब्रोकिंग फर्म ने ही उनका ई-मेल बनाया, लेकिन उसका पासवर्ड संजय को नहीं दिया। संजय ने फर्म को बगैर सूचना दिए ट्रेडिंग करने से मना किया था।