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डेट फंड्स में किसे निवेश करना चाहिए?

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मुंबई- पिछले एक साल से भारत और वैश्विक स्तर पर शेयर बाजार अस्थिर रहे हैं। लगातार बढ़ती महंगाई का मुकाबला करने के लिए ब्याज दरों में वृद्धि जारी है। इन चुनौतियों और अस्थिर बाहरी वातावरण के बावजूद एक सकारात्मक बात यह है कि भारत में अर्थव्यवस्था स्थिर है। भारत एक साल या पांच साल के आधार पर लगभग सभी उभरते बाजारों से बेहतर प्रदर्शन करते हुए सभी प्रमुख बाजारों में एक अलग मुकाम बनाए हुए है। नतीजतन, भारतीय बाजारों में गिरावट नियंत्रण में है। इससे भारतीय बाजार का मूल्यांकन अभी भी उसके लंबे समय के औसत और दूसरे बाजारों की तुलना में अच्छा रहा है। इसके बावजूद, जोखिम के प्रति सचेत रहना समझदारी है क्योंकि बाजार का मूल्यांकन सस्ता नहीं है।

आज दुनिया पहले की तुलना में बहुत अधिक आपस में जुड़ी हुई है। इस लिहाज से अगर दुनिया में कोई समस्या आती है तो भारत में इक्विटी निवेशकों के लिए सफर इतना आसान भी नहीं हो सकता है। विकसित दुनिया के मंदी के दौर से गुजरने पर भी भारत पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा। शेयर बाजार में गिरावट हो तो हमें अत्यधिक चिंतित नहीं होना चाहिए, क्योंकि भारत दुनिया के सबसे संरचनात्मक बाजारों में से एक है। इसके अतिरिक्त, भू-राजनीतिक अनिश्चितता भी एक संभावित कारक है। रूस-यूक्रेन संघर्ष के बाद से, यूरोप और एशिया ने भी भू-राजनीतिक चुनौतियों का सामना किया। बाजार ने अब तक इस तरह के किसी भी मामले पर ध्यान नहीं दिया है। इसलिए यह देखना होगा कि भू-राजनीतिक घटनाक्रम कैसे सामने आता है और आगे बढ़ता है।

Debt Fund क्या हैं? हिंदी में

Debt fund एक म्यूचुअल फंड योजना है जो निश्चित आय के साधनों में निवेश करती है, जैसे कि कॉर्पोरेट और सरकारी बॉन्ड, कॉर्पोरेट डेट फंड्स में किसे निवेश करना चाहिए? ऋण प्रतिभूतियां, और मुद्रा बाजार के उपकरण आदि जो पूंजी की सराहना करते हैं। Debt Fund को फिक्स्ड डेट फंड्स में किसे निवेश करना चाहिए? इनकम फंड या बॉन्ड फंड के रूप में भी जाना जाता है।

Debt fund में निवेश के कुछ प्रमुख लाभ हैं Low cost structure, relatively stable returns, relatively high liquidity और proper security.

Debt fund उन निवेशकों के लिए आदर्श हैं जो नियमित आय का लक्ष्य रखते हैं, लेकिन जोखिम से दूर रहते हैं। Debt fund कम अस्थिर होते हैं और इसलिए, इक्विटी फंड की तुलना में कम जोखिम वाले होते हैं। यदि आप डेट फंड्स में किसे निवेश करना चाहिए? बैंक जमा जैसे पारंपरिक निश्चित आय उत्पादों में बचत कर रहे हैं, और कम अस्थिरता के साथ स्थिर रिटर्न की तलाश कर रहे हैं, तो डेट म्यूचुअल फंड एक बेहतर विकल्प हो सकता है, क्योंकि वे आपके वित्तीय लक्ष्यों को अधिक कर कुशल तरीके से प्राप्त करने में मदद करते हैं और इसलिए रिटर्न बेहतर कमाते हैं।

Debt Fund कैसे काम करते हैं? [How do Debt Funds work? In Hindi]

Debt fund अपनी क्रेडिट रेटिंग के आधार पर कई तरह की प्रतिभूतियों में निवेश करते हैं। एक सुरक्षा की क्रेडिट रेटिंग ऋण साधन जारीकर्ता द्वारा वादा किए गए रिटर्न को संवितरित करने में डिफ़ॉल्ट के जोखिम को दर्शाती है। डेट फंड का फंड मैनेजर यह सुनिश्चित करता है कि वह उच्च रेटिंग वाले क्रेडिट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करे। एक उच्च क्रेडिट रेटिंग का मतलब है कि इकाई नियमित रूप से ऋण सुरक्षा पर ब्याज का भुगतान करने के साथ-साथ परिपक्वता पर मूलधन का भुगतान करने की अधिक संभावना है।

डेट फंड जो उच्च-रेटेड प्रतिभूतियों में निवेश करते हैं, कम-रेटेड प्रतिभूतियों की तुलना में कम अस्थिर होते हैं। इसके अतिरिक्त, परिपक्वता भी फंड मैनेजर की निवेश रणनीति और अर्थव्यवस्था में समग्र ब्याज दर व्यवस्था पर निर्भर करती है। गिरती ब्याज दर व्यवस्था फंड मैनेजर को लंबी अवधि की प्रतिभूतियों में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करती है। इसके विपरीत, बढ़ती ब्याज दर व्यवस्था उसे अल्पकालिक प्रतिभूतियों में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करती है। Closed-End Fund क्या है?

Debt fund में किसे निवेश करना चाहिए? [Who should invest in Debt fund? In Hindi]

मध्यम जोखिम में रुचि रखने वाले निवेशकों के लिए डेट फंड सबसे उपयुक्त हैं। Debt mutual fund में निवेश का जोखिम इक्विटी फंड की तुलना में कम होता है। अगर आपको जोखिम लेने की कम भूख है, तो ये फंड आपके लिए सही विकल्प हो सकते हैं।

अगर आपके पास सरप्लस फंड है तो आप डेट फंड में भी निवेश कर सकते हैं। डेट फंड में निवेश करने का दूसरा कारण अपने निवेश पोर्टफोलियो में विविधता लाना है। यदि आपके पोर्टफोलियो में अधिक इक्विटी आवंटन है तो समग्र पोर्टफोलियो जोखिम को कम करने का यह एक अच्छा तरीका हो सकता है। ऋण घटक रिटर्न के किसी भी नकारात्मक जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है।

Balanced Fund Kya Hai? | डेट फंड्स में किसे निवेश करना चाहिए? जानिए बैलेंस्ड फंड्स में निवेश के फायदे और किसे करना चाहिए इन्वेस्ट?

Balanced Fund in Hindi: इन दिनों बैलेंस्ड फंड बहुत ही लोकप्रिय हो रहे है, इसलिए इस लेख में हम आपको बताएंगे कि Balanced Fund Kya Hai? (What is Balanced Fund in Hindi) इसके फायदें क्या है (Benefits of Balanced Fund in hindi) और किसे करना चाहिए निवेश।

Balanced Fund in Hindi: इन दिनों म्यूच्यूअल फंड में बैलेंस्ड फंड (Balanced Fund) बहुत लोकप्रिय हो रहे है। Balanced Fund ऐसे फंड होते है जिन्हें अलग-अलग एसेट क्लास में बैलेंस रेश्यो में आवंटित किया जाता है जिससे स्थिर रिटर्न मिलता है। यह एक तरह के हाइब्रिड फंड (Hybrid Fund) हैं, यानी ग्रोथ और इनकम मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स का कॉम्बिनेशन। यह इक्विटी फंड के रिस्क को कम करते है और डेट सिक्योरिटीज मार्केट के उतार-चढ़ाव के खिलाफ एक कुशन के रूप में कार्य करते हैं। साथ ही Balanced Fund प्योर डेट फंडों की तुलना में अधिक रिटर्न देते हैं क्योंकि इक्विटी सेगमेंट बुल मार्केट में अच्छा रिटर्न कमाते हैं।

एसबीआई के यह पांच म्‍यूचुअल फंड करा सकते हैं एफडी से ज्‍यादा कमाई, जानिए कितना मिलेगा ब्‍याज

एसबीआई के यह पांच म्‍यूचुअल फंड करा सकते हैं एफडी से ज्‍यादा कमाई, जानिए कितना मिलेगा ब्‍याज

तीन महीने में 5 म्‍यूचुअल फंड ने बैंक एफडी के मुकाबले 5 गुना से ज्‍यादा रिटर्न दिया है। जिसमें एक फंड एसबीआई का शामिल है। ( Express Photo by Anand Singh )

एसबीआई डेट फंड्स द्वारा डेट और मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स का निवेश किया जाता है। ये फंड निवेशकों को आयमें स्थिरता लाने के साथ-साथ उनके रुपयों को सुरक्षा डेट फंड्स में किसे निवेश करना चाहिए? प्रदान करते हैं। लंबी अवधि के लिए निवेश करने वाले निवेशकों के लिए भी यह फंड काफी अच्‍छे हैं। एसबीआई म्यूचुअल फंड में भारत के कुछ बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले डेट फंड हैं। सर्वश्रेष्ठ एसबीआई योजनाओं को उनके पिछले प्रदर्शन, एयूएम और अन्य कारकों के आधार पर चुना गया है। जो निवेशक निवेश करना चाहते हैं, वे इन फंडों में ऐसा कर सकते हैं और स्थिर आय बनाने के लिए डेट मार्केट से लाभ उठा सकते हैं।

Investment tips : मार्केट-लिंक्ड इंस्ट्रुमेंट्स में निवेश करने जा रहे हैं? पहले जान लें ये 5 महत्वपूर्ण डेट फंड्स में किसे निवेश करना चाहिए? बातें

टाइम्स नाउ डिजिटल

Five important things to understand before investing in market-linked instruments

मार्केट-लिंक्ड निवेश इंस्ट्रुमेंट्स किसी निवेशक के वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने में, अधिक पैसा जमा करने में और लंबे समय में इंफ्लेशन को हराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आयु, जोखिम उठाने की क्षमता, रिटर्न की उम्मीदें और लक्ष्यों से जुड़ी ज़रूरतों पर निर्भर करते हुए, व्यक्ति को पोर्टफोलियो के पर्याप्त हिस्से को समझदारी से मार्केट-लिंक्ड इंस्ट्रुमेंट्स में आंबटित करना चाहिए। उदाहरण के लिए, यदि आप ऐसे युवा निवेशक हैं जो अधिक जोखिम उठा सकते हैं, आपकी सीमित देयताएं हैं और आप अपने भविष्य के लिए विशाल कॉर्पस का सृजन करना चाहते हैं, तो आप मार्केट-लिंक्ड निवेश को नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं।

किस प्रकार के मार्केट-लिंक्ड इंस्ट्रुमेंट्स उपलब्ध हैं?

मार्केट में उपलब्ध कुछ जाने पहचाने मार्केट-लिंक्ड इंस्ट्रुमेंट्स में म्यूचल फंड्स, यूनिट-लिंक्ड प्लान (यूलिप), डायरेक्ट ईक्विटीज़ तथा राष्ट्रीय पेंशन स्कीम (एनपीएस) शामिल हैं। ये मार्केट मार्केट-लिंक्ड इंस्ट्रुमेंट्स उच्च रिटर्न दे सकते हैं, लेकिन सावधि आय प्रोडक्ट की तुलना में इनके साथ जोखिम भी अधिक जुड़ा रहता है। यदि आप जोखिम को पसंद न करने वाले निवेशक हैं, तो आपको केवल मार्केट-लिंक्ड इंस्ट्रुमेंट्स में निवेश करने से बचना चाहिए।

यदि आप युवा हैं, आपकी सीमित देयताएं हैं, और उच्च रिटर्न पाने के लिए आप अधिक जोखिम उठाने के लिए तैयार हैं, तो आपके लिए मार्केट-लिंक्ड इंस्ट्रुमेंट बहुत ही आकर्षक निवेश विकल्प हो सकता है। यह कहने के बाद, बड़ी उम्र के निवेशक, जिनकी सीमित देयताएं हैं और जिन्होंने स्वस्थ फाईनेंस सुरक्षा उपाय जैसे पर्याप्त बीमा सुरक्षा आदि प्राप्त किए हुए हैं, वे भी मार्केट-लिंक्ड प्रोडक्ट्स में अपने फंड्स के छोटे हिस्से का समझदारी से निवेश करने पर विचार कर सकते डेट फंड्स में किसे निवेश करना चाहिए? हैं। कहने का उद्देश्य यह है कि मार्केट-लिंक्ड इंस्ट्रुमेंट्स इंफ्लेशन की तुलना में अधिक रिटर्न दे सकते हैं और उनसे उच्च रियल रेट ऑफ रिटर्न (यानि लागू कर, निवेश चार्ज आदि को कम करके नॉमिनल रिटर्न) प्राप्त किया जा सकता है। लेकिन, यदि आप अल्प अवधि में किसी महत्वपूर्ण लक्ष्य को प्राप्त करना चाहते हैं, तो संभवत: आप मार्केट-लिंक्ड इंस्ट्रुमेंट्स में निवेश करना नहीं चाहेंगे। आमतौर पर दीर्घकालिक लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए मार्केट-लिंक्ड इंस्ट्रुमेंट में निवेश करना सुरक्षित रहता है। साथ ही, कुछ डेट- ओरिऐंटेड मार्केट-लिंक्ड निवेश, ईक्विटी-ओरिऐन्टेड मार्केट-लिंक्ड निवेश की तुलना में कम जोखिम भरे होते हैं।

जोखिम को कम कैसे करें?

आप ऑप्टिमल डायवर्सिफिकेशन तथा सिस्टेमिक निवेश योजना (एसआईपी/SIP) विधि द्वारा मार्केट-लिंक्ड प्रोडक्ट्स में निवेश करके जोखिम को कम कर सकते हैं। एक ही मार्केट-लिंक्ड इंस्ट्रुमेंट में संपूर्ण पूंजी का निवेश करने की बजाए, आपको भिन्न-भिन्न एस्सेट क्लासेज़ वाले अलग-अलग प्रकार के इंस्ट्रुमेंट्स में निवेश को डायवर्सिफाई करना चाहिए। उदाहरण के लिए, आप ईक्विटी म्यूचल फंड्स, डेट फंड्स आदि में निवेश कर सकते हैं। आप ईक्विटी और डेट श्रेणियों के अंतर्गत भिन्न-भिन्न कंपनियों द्वारा ऑफर की जाने वाली अलग-अलग प्रकार की स्कीमों में डायवर्सिफिकेशन कर सकते हैं। डायवर्सिफिकेशन से मार्केट जोखिम को कम करने और पोर्टफोलियो पर उतार-चढ़ाव के प्रभाव को कम से कम करने में सहायता मिलती है। सिस्टेमिक निवेश एप्रोच जैसे एसआईपी (SIP) के ज़रिए मार्केट-लिंक्ड इंस्ट्रुमेंट्स में निवेश करने से उतार-चढ़ाव जोखिम को कम करने में सहायता मिलती है और निवेशक को दीर्घकाल में रूपये की लागत की एवरेजिंग करने का लाभ भी प्राप्त होता है। आपके वित्तीय लक्ष्य के अनुसार, और जोखिम उठाने की क्षमता के अनुसार इंस्ट्रुमेंटस के सही कम्बीनेशन को चुनने से जोखिम के स्तर में और भी अधिक कमी संभव हो सकती है।

आपको कितना निवेश करना चाहिए?

निवेश आवंटन आपके वित्तीय लक्ष्यों और आपकी लिक्विडिटी ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए ही किया जाना चाहिए। अल्पकालिक निवेश की तुलना में दीर्घकाल में मार्केट-लिंक्ड निवेश से आकर्षक रिटर्न प्रदान करने की बेहतर संभावना होती है। ऐसे लोग जो अपने पूरे पैसे को मार्केट-लिंक्ड इंस्ट्रुमेंट में निवेश कर देते हैं, उनको हानि उठानी पड़ सकती है, यदि वे लिक्विडिटी की कमी के कारण अल्प अवधि में निवेश से बाहर निकलते हैं। इसलिए, यह कहना उचित होगा कि आपके लिए अपनी बचतों के उस हिस्से को मार्केट-लिंक्ड इंस्ट्रुमेंट में निवेश करना बेहतर होगा जिसकी आपको अल्प काल में ज़रूरत नहीं होगी। यह कहने के बाद, जब आप युवा हैं, तो मार्केट-लिंक्ड इंस्ट्रुमेंट्स में आवंटन अधिक होना चाहिए, और जैसे-जैसे आपकी आयु बढ़ती है, तो इसे धीरे-धीरे कम किया जाना चाहिए।

(इस लेख के लेखक, BankBazaar.डेट फंड्स में किसे निवेश करना चाहिए? com के CEO आदिल शेट्टी हैं)
(डिस्क्लेमर: यह जानकारी एक्सपर्ट की रिपोर्ट के आधार पर दी जा रही है। बाजार जोखिमों के अधीन होते हैं, इसलिए निवेश के पहले अपने स्तर पर सलाह लें।) ( ये लेख सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसको निवेश से जुड़ी, वित्तीय या दूसरी सलाह न माना जाए)

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