उत्तर अमेरिकी मुक्त व्यापार समझौता

nafta हिन्दी में
Commerce Secretary of India, Ms. Rita Teaotia: There were no specific suggestion of a trade agreement with India and I think that at this moment the focus of the administration would be on the immediate neighborhood i.e. NAFTA and that has been so stated.
भारत के वाणिज्य सचिव, सुश्री रीता टेयोतियाः भारत के साथ व्यापार समझौते का उत्तर अमेरिकी मुक्त व्यापार समझौता कोई विशेष सुझाव नहीं था और मुझे लगता है कि इस समय प्रशासन का फोकस तत्काल पड़ोस यानी नाफ्टा पर होगा और ऐसा कहा गया है।
Physical restructuring arrived when the North उत्तर अमेरिकी मुक्त व्यापार समझौता American Free Trade Agreement (NAFTA) made it easier for manufacturers to shift production facilities from the US to Mexico.
भौतिक पुनर्गठन को तब भारी प्रोत्साहन मिला जब उत्तर अमेरिकी मुक्त व्यापार समझौता (NAFTA) ने निर्माताओं के लिए अपनी उत्पादन सुविधाओं को अमेरिका से मेक्सिको स्थानांतरित करना आसान बना दिया।
TN-1 visas are part of the North American Free Trade Agreement (NAFTA), and are issued to Canadian and Mexican citizens.
टीएन-1 वीज़ा नॉर्थ अमेरिकन फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (North American Free Trade Agreement) (नाफ्टा ) के एक भाग के रूप में उपलब्ध हैं और ये वीज़ा कनाडा व मेक्सिकों के नागरिकों को जारी किये जाते हैं।
Compare this with NAFTA, where intra-regional trade is nearly 52% of total trade, or the EU, where it accounts for more than 55% of the total.
इसकी तुलना नाफ्टा से करिए जहां अंतर क्षेत्रीय व्यापार, कुल व्यापार का लगभग 52 % है अथवा यूरोपीय संघ से करिए जहां यह कुल निर्यात के 55 % से अधिक है ।
A virtual Asian Economic Community is emerging, which could be the third pole of the world economy, after the EU and the NAFTA.
असली एशियाई आर्थिक समुदाय उभर रहा है जो यूरोपीय संघ और नाफ्टा के बाद विश्व अर्थ व्यवस्था का तीसरा ध्रुव बन सकता है।
NAFTA has been a very bad deal for the United States, but we’ll make it better or we’ll have to do something else.
A lot changed in the 24 years since NAFTA was first put in place, and our goal is to achieve an outcome that rebalances उत्तर अमेरिकी मुक्त व्यापार समझौता that situation.
पहली बार NAFTA लागू होने के 24 वर्षों में बहुत कुछ बदल गया है, और हमारा लक्ष्य उस परिणाम को प्राप्त करना है जो उस परिस्थिति को पुन: संतुलित करें।
They also think trade agreements sometimes are unfair, like NAFTA and the Trans-Pacific Partnership, because these trade agreements allow companies to reimport those cheaply produced goods back into the US and other countries from where the jobs were taken.
वे यह भी सोचते हैं कि व्यापार समझौते कभी-कभी अनुचित हैं, जैसे नाफ्टा और ट्रांस-पॅसिफिक भागीदारी क्योंकि इन व्यापार समझौते कंपनियों को अनुमति देते हैं उन सस्ते उत्पादित सामान को फिर से वापस अमेरिका में आयात करने के लिए और अन्य देशों में जहां से नौकरियां ली गईं।
This community comprising half of the world’s population would be larger than the EU in terms of output, having trade higher than NAFTA and foreign exchange reserves greater than those of EU and NAFTA put together.
यह समुदाय जिसमें दुनिया की आधी जनसंख्या शामिल होगी, उत्पादन के संदर्भ में यूरोपीय संघ से भी बड़ी होगी, इसका व्यापार एनएएफटीए से भी अधिक होगा और विदेशी मुद्रा भंडार यूरोपीय संघ और एनएएफटीए दोनों के कुल विदेशी मुद्रा भंडार से भी अधिक होगा ।
It would account for half the world's population and it would hold foreign exchange reserves exceeding those of the EU and NAFTA put together”.
इसमें विश्व की आधी से अधिक जनसंख्या रहेगी और इसका विदेशी मुद्रा भण्डार यूरोपीय संघ और नाफटा के समग्र भण्डार से अधिक होगा।''
One tangible example where the limits of economic models allegedly collided with reality, but were nevertheless accepted as "evidence" in public policy debates, involved models to simulate the effects of NAFTA, the North American Free Trade Agreement.
आर्थिक मॉडल की सीमा वास्तविकता से टकरा गई, लेकिन फिर भी नाफ्टा, उत्तर अमेरिकी मुक्त व्यापार समझौते के प्रभाव का अनुकरण करने के लिए सार्वजनिक नीति बहस, शामिल मॉडल में "सबूत" के रूप में स्वीकार कर लिया गया है, जहां एक ठोस उदाहरण है।
Some economists think that the creation of great, new supranational trading areas, such as those of the North American Free Trade Agreement (NAFTA) and Asia-Pacific Economic Cooperation (APEC), may also give impetus to the world economy.
कुछ अर्थशास्त्री सोचते हैं कि बड़े, नए अधिराष्ट्रीय व्यापारिक क्षेत्रों की रचना, जैसे कि उत्तर अमरीकी मुक्त व्यापार समझौता (नाफता) और एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (एपैक) की रचना, भी शायद विश्व अर्थव्यवस्था को बल प्रदान करे।
The North American Free Trade Agreement (NAFTA) is an agreement between Canada, Mexico and the United States to eliminate tariffs on goods traded between themselves.
उत्तर अमेरिका मुक्त व्यापार समझौता (नाफ़्टा) कनाडा, मेक्सिको और अमेरिका के बीच हुआ एक समझौता है जिसका उद्देश्य सदस्यों के बीच सामानों (माल) प्रशुल्क समाप्त करना है।
Question: If the idea is to have a South Asia Economic Forum on the lines of the European Union and African Union and ASEAN and NAFTA, are we working with a time limit in mind as to when it is going to be a reality considering that at the moment intra-SAARC trade is less than five per cent or around 20 million dollars or whatever?
प्रश्न: मैं समझता हूं कि यदि हम यूरोपीय संघ और अफ्रीकी संघ तथा आसियान और नाफ्ता की तर्ज पर दक्षिण एशिया आर्थिक मंच बनाने की परिकल्पना कर रहे हैं तो क्या इसके लिए हम किसी निर्धारित समयसीमा के भीतर कार्य कर रहे हैं ताकि निर्धारित समय के भीतर इसे अमली जामा पहनाया उत्तर अमेरिकी मुक्त व्यापार समझौता जा सके। उल्लेखनीय है कि फिलहाल अंतर-सार्क व्यापार 5 प्रतिशत से कम अथवा लगभग 20 मिलियन अमरीकी डालर के बराबर है।
It is just about five per cent compared to NAFTA or EU which is more than 25 per cent, or even ASEAN which is 26 per cent.
नाफ्टा अथवा यूरोपीय संघ जिसका व्यापार 25 % से अधिक है अथवा आसियान जिसका व्यापार भी 26 % से अधिक है, के मुकाबले यह मात्र लगभग 5 % है ।
Such a community would be the third pole of the world economy after the European Union and the North American Free Trade Area (NAFTA).
ऐसा समुदाय, यूरोपीय संघ और उत्तरी अमेरिका मुक्त व्यापार क्षेत्र के बाद विश्व अर्थव्यवस्था का तीसरा ध्रुव होगा ।
Indian exporters, investors and business partners are already taking advantage of its strategic position, connecting it with NAFTA, as well as markets in South America, Central America and the Caribbean.
भारतीय निर्यातक, निवेशक और व्यापार भागीदार पहले से ही, नाफ्टा और दक्षिण अमेरिका, मध्य अमेरिका और कैरेबियाई मं़ बाजार के साथ जोड़ते हुए इसकी सामरिक स्थिति का लाभ ले रहे हैं।
Our NAFTA negotiating teams are working closely with our Canadian and Mexican counterparts, and I am very hopeful that in the coming weeks, we will be able to announce that we have agreements that I think the world will view as significantly better for the global economy.
हमारी NAFTA वार्ता टीमें हमारे कनाडाई और मैक्सिकन समकक्षों के साथ मिलकर काम कर रही हैं, और मैं बहुत आशान्वित हूं कि आने वाले सप्ताहों में हम घोषणा करने में सक्षम हो जाएंगे कि हमारे पास ऐसे समझौते हैं जिन्हें मैं समझता हूं कि दुनिया वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए काफी बेहतर रूप में देखेगी।
Such a community would be roughly the size of the European Union in terms of income, and bigger than NAFTA in terms of trade.
Other bilateral and multilateral trade agreements, including sections of Europe's Maastricht Treaty and the North American Free Trade Agreement (NAFTA) have also been signed in pursuit of the goal of reducing tariffs and barriers to trade.
अन्य द्विपक्षीय और बहुपक्षीय व्यापार उत्तर अमेरिकी मुक्त व्यापार समझौता समझौते जिसमें मास्ट्रिच संधि और उत्तरी अमेरिका मुक्त व्यापार समझौते (एन ऐ एफ टी ऐ) शामिल हैं, इसका लक्ष्य भी व्यापार के अवरोधों और मूल्यों को कम करना है।
निम्नलिखित में से कौन सा देश उत्तर अमेरिकी मुक्त व्यापार समझौते (NAFTA) का सदस्य है?
IBPS RRB Clerk Provisional Allotment List (CRP-RRBs-X) released on 22nd September 2022. Earlier, the IBPS RRB Clerk Prelims Scorecard (CRP RRBs XI) was released on 13th September 2022. The Mains Examination will be held on 24th September 2022. The IBPS RRB Clerk Admit Card for the Mains Exam (CRP-RRB-XI). has also been released and candidates can download the same by 24th September 2022. The final selection of the candidates will be based on their scores in the Mains Exam. A total number उत्तर अमेरिकी मुक्त व्यापार समझौता of 4483 vacancies are released for the RRB Office Assistant 2022. With a decent pay scale of Rs. 11,765 to Rs. 31,540, it is a golden opportunity for job seekers. Prepare well for your excam with the help of IBPS RRB Clerk books.
"NAFTA" शब्दकोश में अंग्रेज़ी का अर्थ
उत्तरी अमेरिका के मुक्त व्यापार समझौते, उत्तरी अमेरिका में एक त्रिपक्षीय नियम-आधारित व्यापार गुट बनाने, कनाडा, मैक्सिको और संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा हस्ताक्षरित एक समझौता है। यह समझौता 1 जनवरी, 1 99 4 को लागू हुआ। यू.एस. और कनाडा के बीच यह कनाडा-संयुक्त राज्य मुक्त व्यापार समझौता छोड़ गया। नाफ्टा में दो पूरक हैं: पर्यावरण सहयोग पर उत्तर अमेरिकी समझौता और श्रम सहयोग पर उत्तर अमेरिकी समझौता। 2013 के रूप में, अपने सदस्यों उत्तर अमेरिकी मुक्त व्यापार समझौता की संयुक्त क्रय शक्ति समानता जीडीपी के संदर्भ में व्यापार गुट दुनिया में सबसे बड़ा और साथ ही नाममात्र सकल घरेलू उत्पाद की तुलना में है The North American Free Trade Agreement is an agreement signed by Canada, Mexico, and the United States, creating a trilateral rules-based trade bloc in North America. The agreement came into force on January 1, 1994. It superseded the Canada–United States Free Trade Agreement between the U.S. and Canada. NAFTA has two supplements: the North American Agreement on Environmental Cooperation and the North American Agreement on Labor Cooperation. In terms of combined purchasing power parity GDP of its members, as of 2013 the trade bloc is the largest in the world as well as by nominal GDP comparison.
अंग्रेज़ीशब्दकोश में NAFTA की परिभाषा
The definition of NAFTA in the dictionary is North American Free Trade Agreement.
ध्यान दें: परिभाषा का अंग्रेज़ीमें स्वचालित अनुवाद किया गया है। अंग्रेज़ी में «NAFTA» की मूल परिभाषा देखने के लिए क्लिक करें।
भारत-ताईवान मुक्त व्यापार समझौते से बढ़ी चीन की परेशानी
चीन के साथ तनातनी के चलते ताईवान का जो भी बचा-खुचा व्यापार और विनिर्माण का काम चीन में चल रहा था, अब वह उसे भी वहां से समेटने में जुट गया है। कोरोना महामारी के समय ताईवान ने पहले ही अपनी बहुत सारी विनिर्माण इकाइयों को चीन से हटाकर दूसरे देशों में स्थानांतरित कर दिया था। ताईवान को थोड़ी-बहुत उम्मीद थी कि चीन के साथ संबंध सामान्य होने पर ताईवान विनिर्माण का काम चीन में चलने देगा, लेकिन जिस तरह के हालात चीन ने पैदा कर दिए हैं, उससे नहीं लगता कि चीन-ताईवान संबंध सामान्य होंगे।
ताईवान तकनीकी तौर पर चीन से बहुत उन्नत है। विश्व में सबसे बड़ा माइक्रोचिप और सैमीकंडक्टर निर्माता और सप्लायर ताईवान ही है। ताईवान की उन्नत तकनीक के चलते उसने पूरी दुनिया में अपनी बढ़त बनाई हुई है। अगर ताईवान अपना सारा व्यापार चीन से समेट लेता है उत्तर अमेरिकी मुक्त व्यापार समझौता तो इसका सबसे बड़ा नुक्सान भी चीन को होगा, क्योंकि ताईवान अपना विनिर्माण चीन से हटाकर भारत, वियतनाम, इंडोनेशिया, थाइलैंड, फिलीपींस और पूर्वी यूरोप के किसी भी देश में लगा सकता है। इसके बाद चीन की ऑटोमोबाइल, मोबाइल फोन, कम्प्यूटर, कैमरा, स्मार्ट घडिय़ों जैसे तमाम इलैक्ट्रॉनिक उत्पादों के लिए माइक्रोचिप मिलनी मुश्किल हो जाएगी।
नैन्सी पेलोसी की ताईवान यात्रा के दौरान चीन ने ताईवान जलडमरू मध्य में सैन्य अभ्यास किया और ताईवान के तटों के नजदीक मिसाइलें भी दागीं। इतना ही नहीं, चीन ने जापान पर अपना गुस्सा दिखाते हुए 5 मिसाइलें जापान के तटों पर भी दागीं थीं। पेलोसी के चले जाने के बाद चीन ताईवान का समुद्री रास्ता रोकने की कोशिश कर रहा है और उसका वैश्विक व्यापार खत्म करना चाहता है। ताईवान से पहले जहां रोजाना 250 और 300 कंटेनरशिप बाहर जाते थे, आज सिर्फ 15 से 20 जा रहे हैं।
इससे ताईवान के विदेशी व्यापार को नुक्सान तो पहुंच रहा है, लेकिन इससे भी बड़ा नुक्सान तो चीन को हो रहा है। सैमीकंडक्टर की कमी से चीन में गाडिय़ों का निर्माण रुक जाएगा। दरअसल, माइक्रोचिप और सैमीकंडक्टर के निर्माण के क्षेत्र में चीन ताईवान की जगह लेना चाहता है लेकिन यह उच्च तकनीकी गुणवत्ता का क्षेत्र है और इसमें रातों-रात सफलता मिलना बहुत मुश्किल है। इसके लिए चीन को पैसा और समय दोनों लगाना और साथ ही संयमित होकर काम करना पड़ेगा। लेकिन उस समय तक ताईवान तकनीकी तौर पर और आगे निकल जाएगा।
वहीं दूसरी तरफ भारत और ताईवान का व्यापार समय के साथ बढ़ रहा है। वर्ष 2021 में दोनों देशों के बीच 7 अरब डालर का व्यापार हुआ था। इस समय भारत में 120 ताईवानी कंपनियां काम कर रही हैं और इन्होंने भारत में अब तक 2.3 अरब डालर का निवेश किया है। भारत और ताईवान के बीच मुक्त व्यापार अनुबंध भी है। ताईवान द्वारा यह अनुबंध खासतौर पर भारत को सैमीकंडक्टर विनिर्माण के केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए किया गया है।
इस समय ताईवान से भारत को होने वाला सबसे बड़ा निर्यात सैमीकंडक्टर और इलैक्ट्रॉनिक उपकरणों का है और विश्व की 10 प्रतिशत शिपिंग कंटेनर सप्लाई पर उसका प्रभुत्व है। हालांकि अभी तक के तनाव से भारत को सैमीकंडक्टर सप्लाई में किसी तरह की बाधा नहीं आई है, लेकिन यदि फिर से तनाव बढ़ता है तो भारत को सैमीकंडक्टरों की सप्लाई बाधित हो सकती है।
भारत और ताईवान का आपसी व्यापार इस समय चीन के आक्रामक रुख के कारण नहीं बढ़ पा रहा। चीन की नौसेना ने ताईवान के तटों को तीन तरफ से घेर लिया है। इस तरह से चीन ताईवान से बाहर जाने वाले किसी भी व्यापारी जहाज का रास्ता रोक कर उसके आॢथक हितों को नुक्सान पहुंचाना चाहता है। वहीं दूसरी तरफ भारत ताईवान की विशेषज्ञता वाले क्षेत्र में दक्षता हासिल करना चाहता है। भारत और ताईवान के बीच मुक्त व्यापार समझौता कार्यान्वित होने के बाद भारत अमरीका के बाद दूसरा सबसे बड़ा सैमीकंडक्टर और माइक्रोचिप निर्माता और निर्यातक बन जाएगा।
मुक्त व्यापार समझौते के बाद ताईवान अपना माइक्रोचिप और सैमीकंडक्टर निर्माण का काम चीन से समेटता है तो इसका सबसे बड़ा लाभ भारत को मिलेगा, क्योंकि भारत में उसे कुशल कारीगर, अंग्रेजी भाषा में काम करने वाले तकनीकी रूप से दक्ष श्रमिक और बहुत बड़ा ऑटोमोबाइल और इलैक्ट्रॉनिक उत्पादों का बाजार उत्तर अमेरिकी मुक्त व्यापार समझौता मिलेगा। इसके साथ ही भारत में उत्पादन लागत कम होने के चलते ताईवान को इसका लाभ निर्यात बाजार में भी मिलेगा।
FTA क्या है, जिस पर भारत-ब्रिटेन जोर दे रहे हैं? दोनों देशों के बीच क्या बदल जाएगा?
ऋषि सुनक के प्रधानमंत्री बनने के बाद अब माना जा रहा है कि भारत और ब्रिटेन के बीच व्यापार को लेकर कई अहम फैसले लिए जा सकते हैं, जिसमें एफटीए भी शामिल है. तो जानते हैं ये क्या है और इसका क्या असर होने वाला है.
TV9 Bharatvarsh | Edited By: मोहित पारीक
Updated on: Oct 29, 2022 | 9:26 AM
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के कार्यभार संभालने के साथ ही भारत, ब्रिटेन के साथ अच्छे रिश्तों की उम्मीद कर रहा है. अब एक बार फिर से उत्तर अमेरिकी मुक्त व्यापार समझौता मुक्त व्यापार संधि यानी एफटीए की चर्चा फिर से शुरू हो गई है और माना जा रहा है कि जल्द ही इस पर बात बन सकती है. भारत और ब्रिटेन के उत्तर अमेरिकी मुक्त व्यापार समझौता बीच एफटीए होने के बाद एक बार फिर दोनों देशों की अर्थव्यवस्था को बूस्ट मिल सकता है और दोनों देशों के व्यापार में काफी बढ़ोतरी हो सकती है.
ऐसे में आज हम आपको बता रहे हैं कि आखिर एफटीए क्या होता है और अगर अगर दोनों देश इस पर राजी हो जाते हैं तो इसका किस तरह से फायदा मिल सकता है. तो जानते हैं एफटीए से जुड़ी हर एक बात और इससे व्यापार पर पड़ने वाले असर के बारे में…
FTA क्या है?
FTA का पूरा नाम फ्री ट्रेड एग्रीमेंट है यानी मुक्त व्यापार संधि. इसके जरिए दो देशों के बीच एक एग्रीमेंट किया जाता है और दोनों देशों के बीच के व्यापार को सरल बनाने पर काम किया जाता है. जब दो देशों के बीच एफटीए साइन होता है तो उन देशों के बीच आयात-निर्यात के तहत उत्पादों पर सीमा शुल्क, नियामक कानून, सब्सिडी और कोटा आदि में छूट दी जाती है या नियमों को आसान बना दिया जाता है. इससे दोनों देशों के बीच लागत कम होती है और वैश्विक स्तर पर दोनों देशों की रेट कम हो जाती है. इससे व्यापार में काफी ज्यादा बढ़ोतरी होती है.
इतिहास में बहुत से देशों ने आपस में यह संधि की है और इसका फायदा भी मिला है. हालांकि, कई बार उसके दुष्परिणाम भी देखने को मिलते हैं. जैसे उत्तर अमेरिकी मुक्त व्यापार समझौता में मैक्सिको निर्यात से 200,000 नई नौकरियां पैदा करने वाला था, लेकिन घाटे में बढ़ोतरी हुई और कई रोजगार खत्म हो गए. हालांकि, अधिकतर इससे व्यापार को बढ़ाने में मदद मिलती है और अर्थव्यवस्था को गति मिलती है. इस समझौते में सामान, सेवाएं, निवेश, बौद्धिक संपदा आदि शामिल होते हैं.
भारत ने किन-किन देशों के साथ किया है एफटीए?
रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत ने सबसे पहले पूर्वी एशिया के देशों के साथ एफटीए किया था. इसके बाद भारत ने आसियान और सार्क देशों के साथ भी एफटीए किया. भारत के पास दक्षिण एशियाई मुक्त व्यापार क्षेत्र और नेपाल, भूटान, थाईलैंड, सिंगापुर, जापान व मलेशिया सहित 13 एफटीए थे.
दोनों देशों के बीच क्या बदलेगा?
बता दें कि पिछले साल भारत और यूके के बीच 25.7 बिलियन पाउंड का व्यापार हुआ है. अगर एफटीए हो जाता है तो आने वाले सालों में दोनों देशों के बीच 2000 अरब रुपये से ज्यादा का व्यापार हो सकता है. अभी ये व्यापार 2000 अरब रुपये के करीब है. एफटीए आने से भारत से होने वाले निर्यात में काफी बढ़ोतरी होगी, जिससे अर्थव्यवस्था को सीधे फायदा होगा. इससे चमड़ा, कपड़ा, आभूषण और कृषि उत्पादों के निर्यात में बढ़ोतरी संभव है.
साथ ही इस समझौते से ब्रिटेन के निर्माताओं और उत्पादकों के लिए नया बाजार खुलेगा और बड़ी संख्या में रोजगार में बढ़ोतरी होगी. आयात शुल्क आदि में कमी होने से कई सामानों के दाम कम होंगे. इससे भारत का विदेशी घाटा भी कम हो सकता है.
अभी कहां तक पहुंची है बात?
भारत-यूके एफटीए को लेकर बातचीत लगातार हो रही है और तेजी से आगे बढ़ रही है. ऋषि सुनक से पहले हर प्रधानमंत्रियों ने भी इसे लेकर कदम उठाया था और माना जा रहा था कि अक्टूबर तक इस पर कोई फैसला हो सकता है. लेकिन, ब्रिटेन में चल रही राजनीतिक उठापटक के चलते इस पर काम नहीं हो पाया. जब बोरिस जॉनसन पीएम थे, तब उन्होंने इस पर अपनी सहमति जताई थी.
अब ऋषि सुनक के पीएम बनने के बाद से इस पर फिर चर्चा हो रही है. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुनक बधाई दी और कहा है कि हम अपनी व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए मिलकर काम करेंगे. हम एक व्यापक और संतुलित एफटीए के शीघ्र निष्कर्ष के महत्व पर भी सहमत हुए. इसके बाद से माना जा रहा है कि फिर से एफटीए पर वार्ता होगी और जल्द ही इसे फाइनल किया जा सकता है.