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विकल्प प्रकार

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हर लोन के पास होने की पप्रक्रिया अलग हो सकती है| कुछ प्रकार के लोन केवल कुछ विशिष्ट काम के लिए ही दिए जा सकते हैं| जैसे की, होम लोन केवल घर खरीदने या घर की मरम्मत के लिए मिलता है| कार लोन कार खरीदने और एजुकेशन लोन पढाई के लिए मिलता है|

जेईई एडवांस परीक्षा पैटर्न 2022 (JEE Advanced Exam Pattern 2022) - अंकन योजना, प्रश्न, कुल अंक यहाँ देखें

निर्णयन का अर्थ, परिभाषा, प्रकार, महत्व एवं प्रक्रिया

निर्णयन का शाब्दिक अर्थ, किसी निष्कर्ष पर पहुचने से लगाया जाता है। व्यवसाय में प्रवर्तन से समापन तक निर्णय ही लेने पड़ते हैं। प्रबन्धकों को उपलब्ध विभिन्न विकल्पों में से श्रेष्ठतम विकल्प का चयन करना पड़ता है जिससे न्यूनतम लागत पर, कम समय में, कुशलतापूर्वक कार्यों को सम्पन्न किया जा सके। पीटर एफ. ड्रकर के शब्दों में, ‘‘एक प्रबन्धक जो भी क्रिया करता है वह निर्णय पर आधारित होती है।उसे निर्णय लेकर ही अपने कर्तव्यों का निष्पादन करना पड़ता है। कब व्यवसाय प्रारम्भ करें? कितने लोगों को काम पर लगायें? किस वस्तु का उत्पादन करें? कच्चा माल कहॉं से क्रय करें? निर्मित माल की बिक्री कहाँ करें? आदि निर्णयन ही तो है।

  1. आर.एस.डाबर के शब्दों में ‘‘निर्णयन को दो या अधिक विकल्पों में से एक आचरण विकल्प का किसी सिद्धान्त के आधार पर चुनाव करने के रूप में परिभाषित किया जा सकता है।निर्णय लेने का आशय काम समाप्त करना या व्यावहारिक भाषा में किसी निष्कर्ष पर पहुँचना ।
  2. कून्टज एवं ओडोनेल के अनुसार, ‘‘शब्दों एक क्रिया को करने के विभिन्न विकल्पों में से किसी एक का वास्तविक चयन है। यह नियोजन की आत्मा है।’’
  3. जी.एल.एस. शेकैल के अनुसार, ‘‘निणर्य लेना रचनात्मक मानसिक क्रिया का वह केन्द्र बिन्दु होता है जहॉं ज्ञान विचार भावना तथा कल्पना कार्यपूर्ति के लिए एकत्र किये जाते हैं।
  4. अर्नेस्ट डेल - ‘‘प्रबधंकीय निर्णयों से आशय उन निर्णयों से है जो प्रबंध संबंधी प्रत्येक क्रिया नियोजन, संगठन, स्टाकिंग, नियंत्रण, नव प्रवर्तन तथा प्रतिनिधित्व करना आदि के निश्पादन के लिए आवश्यक होते हैं।’’
  5. जार्ज टैटी - ‘‘निर्णयन मापदण्डों पर आधारित दो या दो से अधिक संभावित विकल्पों में से किसी एक विकल्प का चयन है।’’
  6. हर्बर्ट साइमन - ‘‘निर्णयन के अन्तर्गत विकल्प प्रकार तीन प्रमुख अवस्थायें समाहित होती हैं - कार्य करने के अवसरों का पता लगाना, कार्य के सम्भावित क्रमों का पता लगाना तथा कार्य के सम्भावित क्रमों में से चयन करना।
  7. हाज एवं जॉनसन -’’उपलब्ध विभिन्न विकल्पों में से एक विशेष विकल्प का चयन करना ही निर्णयन कहलाता है।’’

निर्णयन के प्रकार

  1. प्रमुख व गौण निर्णय
  2. अनियोजित एवं नियोजित निर्णय
  3. संगठनात्मक एवं व्यक्तिगत निर्णय
  4. नैतिक एवं व्यूह रचना संबंधी निर्णय
  5. व्यक्तिगत एवं सामूहिक विकल्प प्रकार निर्णय
  6. नीति विषयक निर्णय एवं संचालन संबंधी निर्णय

प्रमुख व गौण निर्णय -

जब किसी महत्वपूर्ण विष्ज्ञय पर निणर्य लिये जाते हैं तो इसे प्रमुख निर्णय कहते हैं। इसे आधारभूत निर्णय या महत्वपूर्ण निर्णय भी कहते हैं। भूमि क्रय करना, संयंत्र क्रय करना, वस्तु का मूल्य निर्धारित करना आदि निर्णय इस वर्ग में आते हैं। ऐसे निर्णयों के लिये अत्यधिक सावधानी की आवश्यकता होती है। जब सामान्य मामलों के संबंध में निर्णय लिये जाते हैं जिसके लिए अधिक सोच विचार करने की आवश्यकता नहीं होती है तो ऐसे निर्णयों को गौण निर्णय कहते हैं। इनमें स्टेशनरी क्रय करना, फोन के बिलों का भुगतान करना आदि आते हैं।

निर्णयन का महत्व

सभी क्षेत्रों में निर्णयन की आवश्यकता पड़ती है। प्रत्येक परिस्थिति में प्रबंधकों द्वारा लिये गये निर्णय सही होने चाहिए तथा जिस उद्देश्य की पूर्ति हेतु निर्णय लिये गये हैं उनकी पूर्ति होनी चाहिए। एक गलत निर्णय जीवन को संकट में ला सकता है। सही निर्णयन क्षमता ही व्यावसायिक विकल्प प्रकार सफलता का आधार होती है। लिये गये सटीक निर्णय प्रगति के पथ पर ले जाते हैं ।

  1. समस्या को परिभाषित करना
  2. समस्या का विश्लेषण करना
  3. वैकल्पिक हलों पर विचार करना
  4. सर्वश्रेष्ठ विकल्प का चयन करना

समस्या को परिभाषित करना -

निर्णयन का प्रथम चरण समस्या को परिभाषित करना है। समस्या की प्रकृति कैसी है? इसका स्वरूप कैसा है? यह कितनी मात्रा में संगठन को प्रभावित करती है? आदि प्रमुख बिन्दु पर विचार किया जाता है। समस्या को परिभाषित करना ठीक उसी प्रकार है जिस प्रकार किसी बीमारी को पता लगाने हेतु चिकित्सकीय परीक्षण किये जाते हैं और बीमारी का सही सही पता लगाया जाता है। इसके पश्चात ही बीमारी के उपचार हेतु औषधि दी जाती है। इसी प्रकार निर्णयन के प्रथम चरण में समस्या को सुपरिभाषित किया जाता है जिससे समस्या के सम्बन्ध में सही सही निर्णय लिये जा सकें।

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वाक्य के प्रकार

वाक्य- शब्दों का ऐसा व्यवस्थित रूप जिससे मनुष्य अपने विचारों का आदान प्रदान करता है उसे वाक्य कहते हैं। एक सामान्य वाक्य में क्रमशः कर्ता, कर्म और क्रिया होते हैं।
वाक्य का वर्गीकरण दो प्रकार से होता है-

  1. रचना के आधार पर
  2. अर्थ के आधार पर

1. रचना के आधार पर-
रचना के आधार पर वाक्य के तीन भेद होते हैं-

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S.N वाक्य के तीन भेद वर्णन
सरल वाक्य सरल वाक्य में एक उद्देश्य के साथ-साथ केवल एक ही विधेय होता है, सरल वाक्य कहलाते हैं। उदाहरण:- राम खेलता है।
संयुक्त वाक्य दो या दो से अधिक सरल वाक्य योजक शब्दों के द्वारा जुड़कर बनते हैं, संयुक्त वाक्य को विभाजित करने पर पुनः सरल वाक्य प्राप्त होते हैं। उदाहरण:- सीता आई और सो गई।
मिश्र वाक्य जिन वाक्यों में एक मुख्य या प्रधान वाक्य हो और अन्य आश्रित उपवाक्य हों, उन्हें मिश्रित वाक्य कहते हैं। उदाहरण- यदि परिश्रम करोगे तो उत्तीर्ण हो जाओगे।

#2 पर्सनल लोन (Personal Loan)

पर्सनल लोन एक असुरक्षित (Unsecured) लोन होता है| इसीलिए ब्याज दर भी ज्यादा होती है| परन्तु यह लोन आपको काफी जल्दी मिल सकता है| पर हाँ, लोन देने से पहले बैंक आपकी आय और क्रेडिट स्कोर अवश्य चेक करेगा| अगर क्रेडिट स्कोर या CIBIL स्कोर कम है, तो शायद आपको लोन नहीं मिलेगा|

पर्सनल लोन के बारे में पूरी जानकारी पाने के लिए इस पोस्ट को पढ़ें|

#3 इंश्योरेंस पालिसी से लोन (Loan against Insurance Policy)

अगर आपने पारंपरिक जीवन बीमा प्लान लिया है, तो आप उस पालिसी की सहायता से भी लोन ले सकते हैं| ध्यान दें यह लोन आपको टर्म प्लान और यूलिप (ULIP) पर नहीं मिलेगा| केवल ट्रेडिशनल लाइफ इंश्योरेंस प्लान (पारंपरिक जीवन बीमा प्लान) पर ही मिलेगा|

क्योंकि आप अपनी पालिसी से ही लोन लें रहे हैं, आपको लोन आसानी से मिल जाना चाहिए| मैंने एक दूसरी पोस्ट में चर्चा करी है की कैसे आप अपनी एलआईसी पालिसी से लोन ले सकते हैं|

#4 गोल्ड लोन (Gold Loan)

अगर आप लोन की आवश्यकता है और घर में सोने के आभूषण हैं, तो आप उन सोने के आभूषण को गिरवी रख कर लोन ले सकते हैं| आभूषण में सोने के मूल्य के 60-75% मूल्य का आपको लोन मी जाएगा|

पर ध्यान दें गोल्ड लोन कम अवधि के होते हैं| अगर आप लोन का भुगतान नहीं कर पाते है, तो बैंक या गोल्ड लोन कंपनी आपके आभूषण को बेच कर अपना लोन वसूल लेगा|

गोल्ड लोन के बारे में विस्तृत जानकारी के लिए इस पोस्ट को पढ़ें|

जेईई एडवांस परीक्षा पैटर्न 2022 (JEE Advanced Exam Pattern 2022) - अंकन योजना, प्रश्न, कुल अंक यहाँ देखें

जेईई एडवांस परीक्षा पैटर्न 2023 - उम्मीदवार इस पेज से विस्तृत जेईई एडवांस 2023 परीक्षा पैटर्न (JEE Advanced 2023 exam pattern) की जांच कर सकते हैं। जेईई एडवांस्ड परीक्षा पैटर्न 2023 (exam pattern of JEE Advanced 2023) से उम्मीदवारों को पेपर का तरीका, प्रश्नों की संख्या, प्रश्नों के प्रकार, अंकन योजना आदि जैसी जानकारी प्राप्त होती है। संयुक्त प्रवेश परीक्षा एडवांस के लिए उपस्थित होने वाले उम्मीदवारों को नीचे दिए गए जेईई एडवांस पेपर पैटर्न 2023 (JEE Advanced paper pattern 2023) से परिचित होना चाहिए।

Latest Updates for JEE Advanced

जोसा काउंसलिंग 2022 राउंड 2 आवंटन जारी कर दिया गया है, चेक करें आवंटित संस्थान, फीस और डॉक्यूमेंट वेरीफिकेशन सेंटर।

Uttarakhand Jaati Praman Patra 2022

उत्तराखंड जाति प्रमाण पत्र बनवाने के लिए वह सभी नागरिक आवेदन कर सकते हैं जो उत्तराखंड के मूल निवासी हैं एवं अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़े वर्ग से संबंधित है। इस प्रमाण पत्र के माध्यम से प्रदेश के नागरिक विभिन्न प्रकार की योजनाओं का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा नागरिकों को पात्रता में छूट का लाभ भी प्रदान किया जाता हैं। यह प्रमाण पत्र विभिन्न प्रकार की योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज के रूप में भी उपयोग किया जाता है। जिसके माध्यम से सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली सभी सुविधाओं का लाभ प्राप्त किया जा सकता है।

यह प्रमाण पत्र अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अन्य पिछड़े वर्ग से जुड़े समुदाय के नागरिकों को विशेष प्रोत्साहन प्रदान करने के उद्देश्य से बनवाया जाता है। राज्य के नागरिकों द्वारा जाति प्रमाणपत्र ऑनलाइन तथा ऑफलाइन दोनों माध्यमों से बनवाया जा सकता है। यदि नागरिक ऑनलाइन आवेदन करना चाहते हैं तो यह आवेदन e-district पोर्टल के माध्यम से घर बैठे किया जा सकता है।

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