एसएंडपी 500

शेयर बाजार धड़ामः सेंसेक्स 500 से अधिक अंक टूटा
ग्लोबल मार्केट के असर से भारतीय बाजार पर मंदी का साया हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन भी कायम है। शुक्रवार को बाजार खुलते समय सेंसेंक्स में लगभग 300 अंकों की गिरावट दिखी। देखते ही देखते यह गिरावट 600 अंक तक चली गई। हालाकि फिर इसमें सुधार देखा गया है। फिलहाल सेंसेक्स 520 अंक की गिरावट के साथ 58,599.60 के लेवल पर कारोबार कर रहा है। वहीं, निफ्टी भी 149 अंक टूटकर 17,480.17 के स्तर पर एसएंडपी 500 ट्रेड कर रहा है। बाजार में रुपये में बड़ी गिरावट देखने को मिली है। रुपया डॉलर के मुकाबले एसएंडपी 500 81 के लेवल को पार कर गया है।
बीएसई पर शुरुआती कारोबार में टाटा स्टील, इंफोसिह, सनफार्मा, हिन्दुस्तान यूनिलीवर, HCL टेक जैसे शेयरों में तेजी रही। वहीं, महिन्द्रा एंड महिन्द्रा के शेयर में सबसे अधिक गिरावट देखी गई। इसके अलावा पावर ग्रिड, HDFC, कोटक बैंक, HDFC Bank, इंडसइंड बैंक, एक्सिस बैंक, बजाज फाइनेंस, एसबीआई, एशियन पेंट, टेक महिन्द्रा, भारती एयरटेल, ICICI Bank, Titan, ITC, नेस्ले, बजाज फिनसर्व के शेयरों में गिरावट रही।
बाजार में मंदी के डर से अमेरिकी बाजार में लगातार तीसरे दिन कमजोरी नजर आई। डाऊ जोंस इस दौरान 107 अंक गिरकर 30,077 अंक तो नेस्डैक 153 अंक फिसलकर 11,067 अंकों के स्तर पर बंद हुआ। एसएंडपी 500 में भी 0.84 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। वहीं, एशिया के बाजार में भी कमजोरी दिख रही है। एसजीएक्स निफ्टी 70 अंक टूटकर 17,575 अंकों के लेवल पर कारोबार कर रहा है। डाऊ फ्येचर्स में करीब 50 अंकों की मजबूती है। एफआईआई में लॉन्ग पॉजिशन 34% से घटकर 29% हो गया है। इंडिया VIX में 3% घटकर 18.82 के लेवल पर है।
Share Market Tips : इन शेयरों में देखी जा रही भारी खरीदारी, कीमतों में आया उछाल, खेल सकते हैं दांव
नवभारत टाइम्स 10-10-2022
नई दिल्ली :
भारतीय शेयर बाजार (Share Market) हफ्ते के पहले कारोबारी दिन ही गिरावट के साथ खुला। कमजोर वैश्विक रुख के चलते बाजार में यह गिरावट आई। इस लेख में हम उन शेयरों के बारे में जानेंगे, जिनमें इस गिरते बाजार में भी अच्छी खरीदारी देखी जा रही है। कमजोर वैश्विक रुख के चलते निफ्टी-50 सोमवार को गिरावट के साथ 17,094.35 पर खुला। अमेरिका में रोजगार के आंकड़े घटे हैं। इसी के चलते शुक्रवार को अमेरिकी बाजारों में भारी गिरावट देखने को मिली।
इससे यूएस फेड द्वारा नीतिगत दरों में और बढ़ोतरी की संभावना चेज हो गई है। इसके चलते अमेरिकी अर्थव्यवस्था मंदी की चपेट में आ सकती है। शुक्रवार को नैस्डैक कंपोजिट में 3.8 फीसदी की गिरावट आई। डाउ जोन्स में 2.11 फीसदी की गिरावट आई। वहीं, एसएंडपी 500 2.8 फीसदी टूट गया।
सोमवार को सुबह 11 बजकर 26 मिनट पर निफ्टी-50 196.एसएंडपी 500 15 अंक या 1.13 फीसदी की गिरावट के साथ 17,118.5 पर ट्रेड करता दिखाई दिया। एसएंडपी 500 ब्रॉडर मार्केट सूचकांकों ने फ्रंटलाइन सूचकांकों की तुलना में मिला-जुला परफॉर्म किया। निफ्टी मिड कैप 100 इंडेक्स 1 फीसदी नीचे रही। जबकि निफ्टी स्मॉल कैप 100 इंडेक्स 0.62 फीसदी नीचे थी।
सात अक्टूबर के आंकड़ों के अनुसार, एफआईआई शुद्ध बिकवाल रहे थे। जबकि डीआईआई शुद्ध खरीदार रहे थे। विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने 2250.77 करोड़ रुपये की कीमत के शेयर बेचे। वहीं, घरेलू सस्थागत निवेशकों ने 545.25 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। जिन शेयरों में प्राइस वॉल्यूम ब्रेकआउट देखने को मिली है, उनमें से टॉप निम्न हैं :
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Elon Musk बने दुनिया के तीसरे सबसे अमीर व्यक्ति, मार्क जुकरबर्ग को छोड़ा पीछे
टेस्ला एसएंडपी 500 कंपनी की लिस्ट में शामिल हो गई है। एलन मस्क की रॉकेट कंपनी ने हाल ही में चार एस्ट्रोनॉट्स को अंतरिक्ष में भेजा है। मस्क की कंपनी की इस उपलब्धि के चलते ही उनकी संपत्ति में यह उछाल देखने को मिला है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। टेस्ला और स्पेस एक्स के प्रमुख 49 वर्षीय एलन मस्क अब दुनिया के तीसरे सबसे अमीर आदमी बन गए हैं। उनकी संपत्ति करीब 110 बिलियन डॉलर हो गई है। इस तरह उन्होंने फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग को पीछे छोड़ दिया है। ब्लूमबर्ग बिलेनियर इंडेक्स के अनुसार, तेजी एसएंडपी 500 से ग्रोथ करते टेस्ला के शेयरों द्वारा 16 और 17 नवंबर को मस्क की संपत्ति में 7.6 बिलियन डॉलर जोड़ने से मस्क ने दुनिया के शीर्ष अमीर लोगों की सूची में मार्क जुकरबर्ग को पीछे छोड़ पाए है।
टेस्ला एसएंडपी 500 कंपनी की लिस्ट में शामिल हो गई है। एलन मस्क की रॉकेट कंपनी ने हाल ही में चार एस्ट्रोनॉट्स को अंतरिक्ष में भेजा है। मस्क की कंपनी की इस उपलब्धि के चलते ही उनकी संपत्ति में यह उछाल देखने को मिला है। मस्क की संपत्ति में सालाना आधार पर अब तक 82 बिलियन डॉलर का इजाफा हो चुका है।
इस साल मस्क की संपत्ति में भारी उछाल देखने को मिला है। सालाना आधार पर संपत्ति में बढ़ोत्तरी के मामले में एलन मस्क का नाम शीर्ष पर है। मस्क के बाद इस साल अमेजन के फाउंडर जेफ बेजोस की संपत्ति में सबसे अधिक इजाफा हुआ है। उनकी संपत्ति में इस साल लगभग 70 बिलियन डॉलर की बढ़ोत्तरी हुई है।
ये हैं दुनिया के टॉप-10 अमीर व्यक्ति
ब्लूमबर्ग बिलिनेयर इंडेक्स के मुताबिक, इस समय अमेजन के फाउंडर जेफ बेजोस दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति हैं। उनकी कुल संपत्ति 185 अरब डॉलर है। उनके बाद दुनिया के टॉप-10 अमीरों की सूची में माइक्रोसॉफ्ट के बिल गेट्स 129 अरब डॉलर, टेस्ला व स्पेस एक्स के एलन मस्क 110 अरब डॉलर, फेसबुक के मार्क जुकरबर्ग 104 अरब डॉलर, एलवीएमएच के बर्नार्ड अर्नाल्ट 102 अरब डॉलर, बर्कशायर हैथवे के वॉरेन बफेट 88 अरब डॉलर, गूगल के लैरी पेज 82.7 अरब डॉलर, गूगल के ही सर्जी ब्रिन 80 अरब डॉलर, माइक्रोसॉफ्ट एसएंडपी 500 के स्टीव बॉलमर 77.5 अरब डॉलर और रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के मुकेश अंबानी 75.5 अरब डॉलर के साथ शामिल हैं।
पी-वैल्यू क्या है?
आंकड़ों के संदर्भ में, पी-वैल्यू एक सांख्यिकीय परिकल्पना परीक्षण के परिणाम प्राप्त करने की संभावना है, यह मानते हुए कि शून्य परिकल्पना दोषरहित है। पी-वैल्यू का उपयोग आम तौर पर विभिन्न अस्वीकृति बिंदुओं के विकल्प के रूप में किया जाता है ताकि सबसे छोटे स्तर की पर्याप्तता की पेशकश की जा सके जहां शून्य परिकल्पना खारिज हो सकती है।
एक छोटा पी-मान दर्शाता है कि वैकल्पिक परिकल्पना के पक्ष में काम कर रहे मजबूत सबूत का एक टुकड़ा है।
पी-वैल्यू की गणना को समझना
आमतौर पर, पी-मान पी-वैल्यू टेबल या सांख्यिकीय/स्प्रेडशीट सॉफ़्टवेयर का उपयोग करके पाए जाते हैं। इस तरह की गणना एक निश्चित आंकड़े के ज्ञात या अनुमानित संभावित वितरण पर आधारित होती है जिसका परीक्षण किया जा रहा है।
चयनित संदर्भित मान और प्रेक्षित मान के बीच विचलन से, P-मानों की गणना तभी की जाती है, जब कोई संभावित आँकड़ा वितरण हो। साथ ही, इन दोनों मूल्यों के बीच भारी अंतर कम पी-मान का संकेत देता है।
गणित के संदर्भ में, पी-मान की गणना उस क्षेत्र से एक अभिन्न कलन के साथ की जाती है जो संदर्भ मूल्य से दूर के सभी आँकड़ों के लिए संभाव्यता वितरण वक्र के तहत उपलब्ध है।
कुल मिलाकर, दो देखे गए एसएंडपी 500 मानों के बीच का अंतर जितना बड़ा होगा, यादृच्छिक अवसर के कारण अंतर होने की संभावना उतनी ही कम होगी। और, यह वही है जो कम पी-मूल्य दर्शाता है।
पी-वैल्यू का उदाहरण
मान लीजिए anइन्वेस्टर ने दावा किया है कि उनके निवेश पोर्टफोलियो का प्रदर्शन स्टैंडर्ड एंड पूअर्स (एसएंडपी) 500 इंडेक्स के बराबर है। इसे समझने के लिए, निवेशक दो-पूंछ वाला परीक्षण करता है।
शून्य परिकल्पना दर्शाती है कि पोर्टफोलियो का रिटर्न एक विशिष्ट समय अवधि में एसएंडपी 500 के रिटर्न के बराबर है। दूसरी ओर, वैकल्पिक परिकल्पना कहती है कि पोर्टफोलियो का रिटर्न एसएंडपी 500 के रिटर्न के बराबर नहीं है।
पी-वैल्यू परिकल्पना के लिए पूर्व-चयनित आत्मविश्वास के स्तर का उपयोग करना आवश्यक नहीं है, जहां निवेशक को शून्य परिकल्पना को रीसेट करना होगा कि रिटर्न बराबर है। इसके विपरीत, यह एक उपाय प्रस्तुत करता है कि अशक्त परिकल्पना को त्यागने के लिए कितना प्रमाण है।
ध्यान रखें कि P-मान जितना कम होगा, शून्य परिकल्पना के विरुद्ध प्रमाण उतना ही अधिक होगा। इसलिए, यदि निवेशक को पता चलता है कि 0.001 पी-वैल्यू है, तो शून्य परिकल्पना के खिलाफ एक मजबूत सबूत होगा। और, निवेशक अपने पोर्टफोलियो रिटर्न के बारे में आश्वस्त हो सकता है कि वह एसएंडपी 500 के रिटर्न के बराबर एसएंडपी 500 न हो।
अर्थशास्त्री नूरील रूबिनी की डरावनी भविष्यवाणी, 2022 के अंत तक विश्वस्तर पर आयेगी आर्थिक मंदी
नूरील रूबिनी वही अर्थशास्त्री हैं, जिन्होंने 2008 में आये वित्तीय संकट की भविष्यवाणी पहले ही कर दी थी. रूबिनी ने 2007-2008 में हाउसिंग बबल के क्रैश होने के कारण आये संकट को लेकर पहले ही बता दिया था.
LagatarDesk : एसएंडपी 500 2008 के आर्थिक संकट की भविष्यवाणी करने वाले अर्थशास्त्री नूरील रूबिनी ने एक बार फिर विश्वस्तर पर आर्थिक मंदी का पूर्वानुमान लगाया है. नूरील रूबिनी ने 2022 के अंत तक विश्वस्तर पर एक “लंबी और बेहद खराब” आर्थिक मंदी की भविष्यवाणी की है. रूबिनी का मानना है कि यह आर्थिक मंदी 2022 के अंत से शुरू होकर 2023 के आखिर तक चल सकती है. (पढ़ें, रक्तदान शिविर का आयोजन करने वाले संस्थाओं को सदर अस्पताल में किया गया सम्मानित)
एसएंडपी 500 इंडेक्स में 30-40 फीसदी की आ सकती है गिरावट
नूरील रूबिनी ने केवल आर्थिक मंदी की ही नहीं बल्कि स्टैंडर्ड एंड पुअर्स 500 को लेकर भी पूर्वानुमान जताया है. उन्होंने कहा कि अगर हल्की म एसएंडपी 500 में 30 प्रतिशत तक की गिरावट देखी जा सकती है. इतना ही नहीं एसएंडपी 500 इंडेक्स में 40 फीसदी तक की भी गिरावट आ सकती है.
1970 की तरह ऋण संकट हो सकता है पैदा
नूरील रूबिनी ने कहा कि जब दुनिया मंदी की चपेट में आ जायेगी तो सरकारी प्रोत्साहन वाले उपायों की उम्मीद खत्म हो जायेगी. क्योंकि बहुत अधिक कर्ज वाली सरकारों के पास वैसा करने के लिए कुछ बचा नहीं होगा. रूबिनी ने यह भी पूर्वानुमान जताया है कि साल के अंत में फेड फंड रिजर्व ब्याज दर को बढ़ाकर 4-4.25 फीसदी तक ले जायेगी. ब्याज दर बढ़ने से विश्वस्तर पर वित्तीय संकट के रूप में 1970 के दशक की तरह ऋण संकट पैदा होगी.
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2008 में आये वित्तीय संकट की की थी सटीक भविष्यवाणी
बता दें कि कि नूरील रूबिनी वही अर्थशास्त्री हैं, जिन्होंने 2008 में आये वित्तीय संकट की भविष्यवाणी पहले ही कर दी थी. रूबिनी ने 2007-2008 में हाउसिंग बबल के क्रैश होने के कारण आये संकट को लेकर पहले ही बता दिया था. इसके बाद नूरील रूबिनी का नाम चर्चा में था. इस भविष्याणी के बाद उन्हें डॉक्टर डूम के नाम से जानने लगे थे.