अंतरराष्ट्रीय म्युचुअल फंड में निवेश क्यों करें

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म्युचुअल फंड और स्टॉक्स के बीच 9 मुख्य अंतर
हमारे पिछले लेखों में, हमने म्यूचुअल फंड और उनके विभिन्न लाभों के बारे में लिखा है। एक निवेशक के रूप में, आप सोच सकते है: इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश से अलग शेयरों को सीधे अलग कैसे खरीदा जाता है? खैर, कई अंतर हैं, और हमने यहां इनमें से नौ म्यूचुअल फंड और स्टॉक से जुडी बातों को रेखांकित किया है।
अधिकांश अंतरराष्ट्रीय म्युचुअल फंड में निवेश क्यों करें लोग सही स्टॉक को सही समय पर खरीदने के लिए खोजना चुनौतीपूर्ण मानते हैं । जब आप बहुत समय स्टॉक में रहने अंतरराष्ट्रीय म्युचुअल फंड में निवेश क्यों करें के लिए तैयार नहीं होते हैं, तब आपके इस परेशानी से बहार निकलने का एक शॉट तरीका म्यूचुअल फंड होता है।
लेकिन याद रखें सीधे स्टॉक में निवेश करने के लिए आपको उन शेयरों के बारे में जानने की जरूरत तो हैं जिसमें आप रुचि रखते हैं, लेकिन उन उद्योगों की अर्थव्यवस्था की स्थिति, और यहां तक कि अंतरराष्ट्रीय घटनाओं को भी जानने की जरूरत हैं।
2. किसमें निवेश आसान है?
इस बात का कोई शक नहीं है कि म्यूचुअल फंड में निवेश करना सीधे शेयरों में निवेश करने से बहुत आसान है। सीधे निवेश करने के लिए, आपको एक ट्रेडिंग खाते और डीमैट खाते की आवश्यकता होती हैं।
म्यूचुअल फंड में निवेश करते समय आपको डीमैट खाते की कोई आवश्यकता नहीं होती है।
3. छोटी निवेश से शुरूआत
जब म्यूचुअल फंड की बात आती है, तो बता दे कि आप म्यूचुअल फंड में न्यूनतम राशि का निवेश कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, यदि आप एक व्यवस्थित निवेश योजना (एसआईपी) के माध्यम से म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं, तो आप प्रति माह 100 रुपये के रूप में कम निवेश कर सकते हैं! आप कॉस्ट एवरेजिंग से भी लाभ उठा सकते हैं। इससे आपको प्रति यूनिट बेहतर औसत लागत पर अधिक इकाइयाँ प्राप्त करने में मदद मिलती है।
जब म्यूचुअल फंड और स्टॉक कॉन्टेस्ट में चुनाव की बात आती है, तो किसमें निवेश करना बेहतर है? यह निस्संदेह अंतरराष्ट्रीय म्युचुअल फंड में निवेश क्यों करें म्युचुअल फंड होता है|
Investment Tips : विदेशी शेयर बाजार में पैसा लगाने से पहले समझें जरूरी बातें, फिर यूं करें शुरुआत
विदेशी बाजार में पैसा लगाने से पहले कुछ जरूरी बातें जरूर समझ लें.
निवेशक जागरूक हुए हैं और डायवर्सिफिकेशन के लिए विदेशों बाजारों में पैसा लगाना पसंद कर रहे हैं. आरबीआई के आंकड़ों को देख . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : October 24, 2022, 17:30 IST
भारत के लोगों का विदेशी बाजारों में निवेश लगाता बढ़ रहा है.
तकनीक ने ओवरसीज़ निवेश करना काफी आसान बना दिया है.
भारत में कई म्यूचुअल फंड हाउस विदेशी निवेश का विकल्प मुहैया कराते हैं.
नई दिल्ली. निवेशक इन दिनों विदेशी शेयरों में भी निवेश कर रहे हैं. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के आंकड़ों के हिसाब से 2021-22 में भारतीयों ने 19,611 मिलियन डॉलर का निवेश विदेशी बाजारों में किया है. इससे पिछले साल यह महज 12,684 मिलियन डॉलर था.
भारत सरकार की लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (LRS) के तहत एक भारतीय एक वित्त वर्ष में 2,50,000 (ढाई लाख) डॉलर विदेश भेज सकता है. रिजर्व बैंक ने समय के साथ इस सीमा में बढ़ोतरी की है. साल 2004 में जब यह स्कीम शुरू हुई थी, तब इसकी सीमा महज 25 हजार डॉलर थी. म्यूचुअल फंड में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निवेश करना आसान अंतरराष्ट्रीय म्युचुअल फंड में निवेश क्यों करें हो गया है. इसका प्रोसेस कुछ यूं है…
अंतरराष्ट्रीय फंडों में निवेश कर पोर्टफोलियो में ला सकते हैं विविधता
पोर्टफोलियो में भौगोलिक रूप से विविधता लाना समझदारी है. भारतीय अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहने पर ये विदेशी फंड आपको अच्छा रिटर्न दे सकते हैं.
ऑटोमोबाइल, टेक्नोलॉजी, इंटरनेट की कई वैश्विक कंपनियां अमेरिका और यूरोप से आती अंतरराष्ट्रीय म्युचुअल फंड में निवेश क्यों करें हैं. इंटरनेशनल फंडों में निवेश आपको इस तरह की दिग्गज कंपनियों में निवेश का अवसर देता है. इसमें अमेजन, एपल, वीजा, एल्फाबेट, फेसबुक, माइक्रोसॉफ्ट और मास्टरकार्ड जैसे नाम शामिल हैं.
प्रश्न: भारतीय निवेशकों के लिए कौन-कौन से इंटरनेशनल फंड मौजूद हैं?
उत्तर: भारतीय निवेशकों के लिए कई प्रकार के इंटरनेशनल फंड बाजार में मौजूद हैं. इस अंतरराष्ट्रीय म्युचुअल फंड में निवेश क्यों करें श्रेणी के फंड मुल्क आधारित, क्षेत्र आधारित अथवा थीम आधारित हो सकते हैं, जो क्रमश: किसी मुल्क (अमेरिका, ब्राजील आदि), निश्चित क्षेत्र (यूरोपीय संघ) या विषय (टेक्नोलॉजी आदि) में निवेश करते हैं.अंतरराष्ट्रीय म्युचुअल फंड में निवेश क्यों करें
सेबी ने दी अनुमति, म्युचुअल फंड अंतरराष्ट्रीय शेयरों में फिर से शुरू कर सकते हैं निवेश
Updated: June 21, 2022 3:09 PM IST
Mutual Fund Investment in International Shares: पूंजी बाजार नियामक सेबी (अंतरराष्ट्रीय म्युचुअल फंड में निवेश क्यों करें Sebi) ने म्यूचुअल फंडों को फिर से विदेशी शेयरों में निवेश करने की अनुमति दी है. यह निवेश उद्योग के लिए सात अरब अमेरिकी डॉलर की कुल अनिवार्य सीमा के भीतर किया जा सकेगा. यह फैसला अंतरराष्ट्रीय शेयरों का मूल्यांकन नीचे आने के मद्देनजर किया गया.
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सेबी ने जनवरी में म्यूचुअल फंड घरानों से कहा था कि वे विदेशी शेयरों में निवेश करने वाली योजनाओं में नये ग्राहक बनाना बंद कर दें.
ग्राहक बनाने पर रोक का निर्देश मुख्य रूप से म्यूचुअल फंड उद्योग द्वारा विदेशी निवेश के लिए तय सात अरब अमेरिकी डॉलर की अनिवार्य सीमा को पार करने के कारण जारी किया गया था.
वैश्विक शेयरों में हालिया मंदी ने सभी म्यूचुअल फंड घरानों द्वारा एक साथ किए गए निवेश के संचयी मूल्य को कम कर दिया.
सेबी ने शुक्रवार को एम्फी को भेजे एक संचार में कहा, ‘‘म्यूचुअल फंड योजनाएं एक फरवरी 2022 को म्यूचुअल फंड स्तर पर विदेशी निवेश के लिए तय सीमा का उल्लंघन किए बिना सब्सक्रिप्शन फिर से शुरू कर सकती हैं और विदेशी फंड/प्रतिभूतियों में निवेश कर सकती अंतरराष्ट्रीय म्युचुअल फंड में निवेश क्यों करें हैं.’’
नियामक ने साथ ही भारतीय म्यूचुअल फंड संघ (AMFI) से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि प्रत्येक एएमसी या म्यूचुअल फंड द्वारा विदेशी निवेश फरवरी के स्तर तक सीमित रहे.
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नियामक ने साथ ही भारतीय म्यूचुअल फंड संघ (AMFI) से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि प्रत्येक एएमसी या म्यूचुअल फंड द्वारा विदेशी निवेश फरवरी के स्तर तक सीमित रहे.