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जगह रोक आदेश

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नई दिल्ली, 4 दिसंबर (आईएएनएस)। गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि उसके 2003 के कानून, जिसे 2021 में मजबूत किया गया था, में यह सुनिश्चित करने के लिए सावधानियां शामिल हैं कि एक धर्म को छोड़ने और दूसरे को अपनाने की प्रक्रिया वास्तविक, स्वैच्छिक और प्रामाणिक है।

VHP नेता दिनेश शर्मा ने शाही ईदगाह में हनुमान चालीसा पढ़ने के लिए योगी आदित्यनाथ को खून से खत लिख मांगी अनुमति, मथुरा में निषेधाज्ञा लागू

अखिल भारत हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष दिनेश शर्मा ने एक वीडियो जारी कर शुक्रवार को जानकारी दी कि उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपने खून से पत्र लिखकर श्रीकृष्ण जन्मभूमि परिसर में स्थित शाही ईदगाह में छह दिसंबर को हनुमान चालीसा का पाठ करने की अनुमति मांगी है।

Mathura Hindu Mahasabha seeks permission to recite Hanuman Chalisa at Shahi Idgah prohibitory orders imposed | VHP नेता दिनेश शर्मा ने शाही ईदगाह में हनुमान चालीसा पढ़ने के लिए योगी आदित्यनाथ को खून से खत लिख मांगी अनुमति, मथुरा में निषेधाज्ञा लागू

VHP नेता दिनेश शर्मा ने शाही ईदगाह में हनुमान चालीसा पढ़ने के लिए योगी आदित्यनाथ को खून से खत लिख मांगी अनुमति, मथुरा में निषेधाज्ञा लागू

Highlights VHP ने शाही ईदगाह में छह दिसंबर को हनुमान चालीसा का पाठ करने की अनुमति मांगी है। मांग के मद्देनजर एक दिसंबर से निषेधाज्ञा लागू कर दी गयी है, जो अगले वर्ष 28 जनवरी तक लागू रहेगी।

मथुराः अखिल भारत हिन्दू महासभा ने मथुरा जनपद में श्रीकृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह परिसर में लड्डू गोपाल का छह दिसंबर को जलाभिषेक करने एवं हनुमान चालीसा पाठ करने की अनुमति मांगी है। अखिल भारत हिन्दू महासभा इस परिसर के प्राचीन श्रीकृष्ण मंदिर का गर्भगृह होने का दावा करती है। राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष दिनेश शर्मा ने कहा कि उन्होंने योगी आदित्यनाथ को खून से खत लिखा है।

इस बीच, मथुरा प्रशासन ने जिले में बिना अनुमति के किसी भी राजनीतिक, सामाजिक या धार्मिक संगठन द्वारा पांच या पांच से अधिक लोगों के समूह के एकत्र होकर सभा, धरना और प्रदर्शन आदि पर रोक लगा दी है। यह रोक अगले वर्ष 28 जनवरी तक प्रभावी रहेगी।

एक दिसंबर से निषेधाज्ञा लागू कर दी गयी है, जो अगले वर्ष 28 जनवरी तक लागू रहेगी

प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, अयोध्या के बाबरी ढांचा ढहाए जाने के 30 साल पूरे होने पर अखिल भारत हिन्दू महासभा के ईदगाह में हनुमान चालीसा पाठ के ऐलान एवं नगर निकाय संबंधी चुनाव आदि कुछ विशेष गतिविधियों के मद्देनजर एक दिसंबर से निषेधाज्ञा लागू कर दी गयी है, जो अगले वर्ष जगह रोक आदेश 28 जनवरी तक लागू रहेगी।

जमावड़ा, धरना, प्रदर्शन आदि पर लगी रोक

जिलाधिकारी पुलकित खरे के आदेश से जारी निषेधाज्ञा में कहा गया है कि राजनीतिक, सामाजिक या धार्मिक संगठन आदि बिना अनुमति के पांच अथवा पांच से अधिक लोगों का किसी भी प्रकार का जमावड़ा, धरना, प्रदर्शन आदि नहीं कर सकेंगे और इसका उल्लंघन करने पर व्यक्ति अथवा व्यक्तियों के प्रति दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 188 के तहत कठोर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

योगी आदित्यनाथ को हिंदू महासभा ने खून से लिखा खत

अखिल भारत हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष दिनेश शर्मा ने एक वीडियो जारी कर शुक्रवार को जानकारी दी कि उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपने खून से पत्र लिखकर श्रीकृष्ण जन्मभूमि परिसर में स्थित शाही ईदगाह में छह दिसंबर को हनुमान चालीसा का पाठ करने की अनुमति मांगी है।

एयरपोर्ट्स पर C-बैंड में 5G रोल आउट पर लगाई गई रोक, अल्टीमीटर फिल्टर्स हो रहे हैं रिप्लेस

DoT की मानते हुए एयरपोर्ट्स के पास C-बैंड में Jio, Vi, और Airtel की 5G सेवाएं बंद की गई हैं।

Directorate General of Civil Aviation (DGCA) द्वारा एयरोप्लेन्स में जगह रोक आदेश altimeter filtersको रिप्लेस करने का निर्णय लिया गया है।

अल्टीमीटर्स 4.2 - 4.4 GHz की एक स्पेसिफिक रेंज में चलते हैं।

एयरपोर्ट्स पर C-बैंड में 5G रोल आउट पर लगाई गई रोक, अल्टीमीटर फिल्टर्स हो रहे हैं रिप्लेस

नवंबर की शुरुआत में, Federal Aviation Administration (FAA) ने सेफ्टी कंसर्न के कारणों से Federal Communications Commission (FCC) से रिक्वेस्ट की थी कि, एयरपोर्ट्स के पास मिड-बैंड और C-बैंड में 5G रोल आउट पर रोक लगाई जाए। इसलिए भारत ने Department of Telecommunications (DoT) की मानते हुए एयरपोर्ट्स के पास C-बैंड में Jio, Vi, और Airtel की 5G सेवा देना बंद करना ही सही समझा है। इन टेलिकॉम कंपनियों को एयरपोर्ट के 2.1km जगह रोक आदेश के अंदर 3 GHz to 3.67 GHz फ्रीक्वन्सी में 5G ऑफर न करने का आदेश दिया है ताकि इससे एयरक्राफ्ट उपकरणों में कोई कोई इंटरफेयर न हो।

Altimeter filters को रिप्लेस किया जा रहा है

इन परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए कुछ संभव प्रयास किए जा रहे हैं जैसे कि, Directorate General of Civil Aviation (DGCA) ने एयरोप्लेन्स में Altimeter filters को रिप्लेस करने का निर्णय लिया है। यह काम पूरा होने के बाद टेलिकॉम जायंट्स इन क्षेत्रों में भी 5G नेटवर्क रोल आउट करने में सक्षम हो सकेंगे।

अभी के लिए यह जानना आवश्यक है कि अल्टीमीटर्स 4.2 - 4.4 GHz की एक स्पेसिफिक रेंज में काम करते हैं, इसलिए ये 5G नेटवर्क्स द्वारा एमिट की गई फ्रीक्वन्सी में ठीक तरह से काम नहीं कर पाते। अल्टीमीटर्स का डिसरप्ट होना खराब हो सकता है क्योंकि ये डिवाइस पायलेट को प्लेन और जगह रोक आदेश लैंड के बीच की दूरी समझने में मदद करता है ताकि सेफ लैंडिंग सुनिश्चित हो सके।

भारत में 5G नेटवर्क्स

रिलायंस जियो ने हाल ही में अपने 5G नेटवर्क को पूरे गुजरात में True5G करके लॉन्च कर दिया है, हालांकि इसके पहले पुणे भी इस सेवा का सफलता पूर्वक लॉन्च हो चुका है। एयरटेल ने भी अपना 5G नेटवर्क लॉन्च कर दिया है और यह बिना किसी अतिरिक्त चार्ज के सभी ग्राहकों के लिए उपलब्ध है।

वनडे सीरीज से एक दिन जगह रोक आदेश पहले टीम इंडिया को बड़ा झटका, तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी बाहर

मुंबई। कल यानी चार दिसंबर से बांग्लादेश के खिलाफ शुरू हो रही वनडे सीरीज से पहले टीम इंडिया को बड़ा झटका लगा है। तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी इंजर्ड हो गए हैं, उन्हें कंधे पर चोट लगी है। ऐसे में उनका खेलना मुश्किल लग रहा है। बांग्लादेश के साथ टीम इंडिया ने तीन एकदिवसीय मैच और दो टेस्ट मैच खेलने हैं।

बीसीसीआई ने ट्वीट कर यह जानकारी दी है। उनकी जगह अब उमरान मलिक को टीम में जगह मिली है। भारत का बांग्लादेश के खिलाफ पहला वनडे चार दिसंबर को ढाका, दूसरा सात दिसंबर को ढाका और तीसरा एकदिवसीय मैच भी ढाका में 10 दिसंबर को खेला जाएगा। इसके बाद चटगांव में 14 से 18 दिसंबर तक पहला टेस्ट और फिर 22 से 26 दिसंबर को दूसरा टेस्ट ढाका में खेला जाएगा।

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गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, हाईकोर्ट के स्थगनादेश से अवैध धर्मातरण के खिलाफ 2003 के कानून के प्रावधान विफल

नई दिल्ली, 4 दिसंबर (आईएएनएस)। गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि उसके 2003 के कानून, जिसे 2021 में मजबूत किया गया था, में यह सुनिश्चित करने के लिए सावधानियां शामिल हैं कि एक धर्म को छोड़ने और दूसरे को अपनाने की प्रक्रिया वास्तविक, स्वैच्छिक और प्रामाणिक है।

गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, हाईकोर्ट के स्थगनादेश से अवैध धर्मातरण के खिलाफ 2003 के कानून के प्रावधान विफल

नई दिल्ली, 4 दिसंबर (आईएएनएस)। गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि उसके 2003 के कानून, जिसे 2021 में मजबूत किया गया था, में यह सुनिश्चित करने के लिए सावधानियां शामिल हैं कि एक धर्म को छोड़ने और दूसरे को अपनाने की प्रक्रिया वास्तविक, स्वैच्छिक और प्रामाणिक है।

गुजरात सरकार ने कहा कि धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार में अन्य लोगों को किसी विशेष धर्म में परिवर्तित करने का मौलिक जगह रोक आदेश अधिकार शामिल नहीं है। इस अधिकार में निश्चित रूप से किसी व्यक्ति को धोखाधड़ी, धोखे, जबरदस्ती, प्रलोभन या ऐसे अन्य माध्यमों से परिवर्तित करने का अधिकार शामिल नहीं है।

गुजरात सरकार ने जगह रोक आदेश एक लिखित जवाब में कहा, यह विनम्रतापूर्वक प्रस्तुत किया गया है कि 2003 का अधिनियम (गुजरात धर्म की स्वतंत्रता अधिनियम, 2003) एक वैध रूप से गठित कानून है और विशेष रूप से, 2003 के अधिनियम की धारा 5 का प्रावधान, जो पिछले 18 वर्षो से है और इस प्रकार कानून का एक वैध प्रावधान है, ताकि 2003 के अधिनियम के उद्देश्य को प्राप्त जगह रोक आदेश किया जा सके और महिलाओं और आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़े वर्गो सहित समाज के कमजोर वर्गो के पोषित अधिकारों की रक्षा करके गुजरात राज्य के भीतर सार्वजनिक व्यवस्था को बनाए रखा जा सके।

राज्य सरकार ने कहा कि गुजरात उच्च न्यायालय ने 2003 के अधिनियम की धारा 5 के संचालन पर रोक लगा दी, जो वास्तव में एक व्यक्ति को अपनी इच्छा से एक धर्म से दूसरे धर्म में परिवर्तित होने के लिए एक सक्षम प्रावधान है। राज्य सरकार ने कहा कि 19 अगस्त, 2021 और 26 अगस्त, 2021 को उच्च न्यायालय के आदेशों पर कानून के प्रावधानों पर रोक लगा दी गई थी, यहां तक कि उन मामलों में भी जहां एक धर्म के व्यक्ति द्वारा दूसरे धर्म के व्यक्ति के साथ बिना जबरदस्ती या जगह रोक आदेश प्रलोभन या धोखाधड़ी के विवाह किया जाता है।

इसमें कहा गया है कि साथ ही पूर्व अनुमति लेने की कवायद भी जबरन धर्मातरण को रोकती है और देश के सभी नागरिकों को गारंटीकृत अंतरात्मा की स्वतंत्रता की रक्षा करती है। इसमें निर्धारित कदम यह सुनिश्चित करने के लिए सावधानियां हैं कि एक धर्म को त्यागने और दूसरे धर्म को अपनाने की प्रक्रिया वास्तविक, स्वैच्छिक और प्रामाणिक है और साथ ही, किसी भी बल, प्रलोभन, धोखाधड़ी के साधनों से मुक्त है।

राज्य सरकार की प्रतिक्रिया वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय द्वारा दायर एक याचिका पर आई है, जो धोखे, धमकाने, उपहार और मौद्रिक लाभों के माध्यम से धर्म परिवर्तन के खिलाफ है, क्योंकि यह अनुच्छेद 14, 21 और 25 का उल्लंघन करता है। 14 नवंबर को, शीर्ष अदालत ने कहा था कि जबरन धर्म परिवर्तन का मामला एक बहुत गंभीर मुद्दा है और नागरिकों के विवेक की स्वतंत्रता के अधिकार और धर्म को अबाध रूप से मानने, आचरण करने और प्रचार करने के अधिकार का उल्लंघन करता है।

राज्य सरकार ने कहा कि उच्च न्यायालय इस बात की सराहना करने में विफल रहा कि 2003 के अधिनियम की धारा 5 के संचालन पर रोक लगाने से अधिनियम का पूरा उद्देश्य प्रभावी रूप से विफल हो गया। इसमें कहा गया है कि 2003 के कानून को मजबूत करने के लिए गुजरात धर्म स्वतंत्रता अधिनियम, 2021 पारित किया गया था।

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