परिचालन जोखिम

सूचना का गैर-प्रकटीकरण
सर्वोच्च न्यायालय ने अपने आदेश का पालन करने के लिये भारतीय रिज़र्व बैंक को अंतिम अवसर दिया है। गौरतलब है कि सर्वोच्च न्यायालय के इस आदेश के मुताबिक, भारतीय रिज़र्व बैंक को सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम के तहत वार्षिक निरीक्षण रिपोर्ट और विलफुल डिफॉल्टरों की सूची का खुलासा करना है।
ISO 31000 एंटरप्राइज रिस्क मैनेजमेंट सिस्टम कैसे स्थापित करें
जोखिम प्रबंधन का उद्देश्य किसी जोखिम या नुकसान का विश्लेषण प्रदान करना है, जिससे कंपनी को लाभ या हानि का आकलन करने के लिए नकारात्मक प्रभावों को नियंत्रण में रखना और नुकसान को कम से कम करना है। जोखिम प्रबंधन, जोखिमों और खतरों के बिना संभावित जोखिमों का प्रबंधन है, व्यवस्थित रूप से, प्राप्त आंकड़ों के संभावित नुकसान को कम करके। जोखिम उद्यम के भीतर पहले निर्धारित किया जाना चाहिए। वर्गीकृत करने के लिए जोखिम बहुत विविध हैं। बाजार में जोखिम, ऋण जोखिम, कानूनी जोखिम, प्रतिष्ठा जोखिम, पर्यावरण जोखिम, परिचालन जोखिम, व्यावसायिक दुर्घटना जोखिम, व्यावसायिक बीमारी जोखिम और कई अन्य जोखिम हो सकते हैं, जिनमें से सभी कई प्रकार के नुकसान का कारण बन सकते हैं। इन जोखिमों का निर्धारण करते समय, श्रेणी के आधार पर जोखिम अध्ययन करने से जोखिम वाले क्षेत्रों को भुला दिया जाता है। उदाहरण के लिए, इकाई को उत्पाद इनपुट, उत्पादन प्रक्रिया, वित्तीय बाजार की स्थितियों, कानूनों और नियमों में बदलाव और कर मुद्दों से जोखिम की पहचान करनी चाहिए।
किसी कंपनी को अपने व्यवसाय में ISO 31000 एंटरप्राइज रिस्क मैनेजमेंट सिस्टम स्थापित करने के लिए कई कदम उठाने पड़ते हैं। यह विशेषज्ञता का विषय है कि ये चरण सही तरीके से पूरे हुए हैं और इस प्रणाली को स्थापित करने के लिए परामर्श सेवा प्राप्त करना उचित होगा।
अध्ययन किए जाने का आधार जोखिम विश्लेषण करना और फर्म को जोखिमों के प्रभावों को प्रकट करना है। हालांकि, सबसे पहले, इन अध्ययनों को शुरू करने से पहले, परिचालन जोखिम वरिष्ठ प्रबंधन को किए जाने वाले कार्यों पर विश्वास करना चाहिए और पढ़ाई के हर चरण में अपना समर्थन दिखाना चाहिए। नतीजतन, यह प्रणाली भी एक गुणवत्ता प्रणाली है, और शीर्ष प्रबंधन और सभी कर्मचारियों की भागीदारी के बिना, काम अपेक्षित लाभ प्रदान नहीं करता है।
सबसे पहले, जोखिम प्रबंधन योजना विकसित की जानी चाहिए। जोखिम प्रबंधन योजना जोखिम, जोखिम के घटकों और संसाधनों के प्रबंधन के दृष्टिकोण को दर्शाती है। आईएसओ 31000 मानकों के अध्ययन के लिए जोखिम प्रबंधन योजना के निर्माण की आवश्यकता होती है ताकि जोखिम की पहचान हो सके और उनके प्रभावों की पहचान की जा सके। इस योजना में, इसमें जोखिम प्रबंधन प्रक्रियाओं को निर्धारित करने, कार्यान्वयन निर्देश तैयार करने, कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को स्पष्ट करने और समानांतर में कर्मचारियों के नौकरी विवरण को अपडेट करने जैसी गतिविधियों की एक श्रृंखला शामिल परिचालन जोखिम होगी।
इस योजना के ढांचे के भीतर किए जाने वाले कार्यों के साथ प्रणाली स्थापित होने के बाद, इस प्रणाली को लागू करना और आवश्यक सुधारात्मक और निवारक कार्यों को जारी रखना बहुत महत्वपूर्ण है। एक तरफ, सिस्टम को सुधारने के लिए हमेशा यह देखना आवश्यक है कि क्या सिस्टम की स्थापना के दौरान अपनाई गई धारणाएं अभी भी मान्य हैं, और यह निर्धारित करने के लिए कि क्या उभरती परिस्थितियों में नए जोखिम हैं।
रेल परिचालन बंद, जान जोखिम में डाल कर पुल से पैदल यात्रा कर रहे हैं लोग
मुंगेर: रेलवे प्रशासन की उदासीनता के कारण हजारों यात्रियों को जान जोखिम में डाल कर यात्रा करने के लिए विवश होना पड़ रहा है। जमालपुर में सेंट्रल रूट रिले सिस्टम के तहत नन इंटरला¨कग का कार्य चल रहा है। इस कारण जमालपुर मुंगेर तिलरथ एवं जमालपुर मुंगेर खगड़िया डीएमयू ट्रेन का परिचालन भी बंद कर दिया गया है। इसके कारण लगभग प्रतिदिन इस ट्रेन से सफर करने वाले दस हजार यात्री पैदल ही जान जोखिम में डालकर पुल पार करने को विवश हैं।
5 किलोमीटर के लिए करना पड़ रहा है डेढ़ सौ किलोमीटर का सफर
मुंगेर से खगड़िया या बेगूसराय के लिए ट्रेन मार्ग से लोग 1 घंटे में ही खगड़िया और बेगूसराय पहुंच जाते थे। ट्रेन बंद होने के बाद अब लोगों को 4 घंटे से 5 घंटे तक का सफर तय करना पड़ रहा है। लोग लखीसराय, राजेंद्र सेतु होते हुए बेगूसराय और खगड़िया पहुंच रहे हैं। शादीपुर के रंजीत कुमार ने कहा कि रेलवे प्रशासन की उदासीनता के कारण हम लोगों को 5 किलोमीटर की जगह 150 किलोमीटर का यात्रा करना पड़ रहा है।
जान जोखिम में डालकर पैदल पुल पार कर रहे परिचालन जोखिम हैं लोग खगड़िया या बेगूसराय जाने के लिए वैकल्पिक मार्ग में लोग पूर्व में नाव का उपयोग करते थे। लेकिन प्रशासन ने पिछले महीनों से ही गंगा में नाव परिचालन पर रोक लगा दिया है । इसके कारण खगड़िया बेगूसराय जाने के लिए सभी मार्ग बंद है। मजबूरी में लोग जान जोखिम में डाल कर पैदल गंगा पुल पार कर रहे हैं। मंगल बाजार के मिथुन कुमार अपनी पत्नी और तीन बच्चों के साथ किसी तरह गंगा पुल पर चढ़ तो गया लेकिन आगे फिसलन होने के वजह से 1 घंटे रुका रहा है। बारिश के कारण पुल पर फिसलन साफ दिख रही थी। थोड़ी सी भी सावधानी हटी तो लोग जान से हाथ धो बैठेंगे। लेकिन लोग जान जोखिम में डालकर सैकड़ों की तादाद में प्रतिदिन पुल पार कर हैं। लोगो को लाने पहुंचाने के लिए अस्थाई रूप से पुल के नीचे ऑटो स्टैंड भी बन गया है। प्रतिदिन लगभग सैकड़ों की संख्या में लोग पैदल ही पुल पार करने को मजबूर हैं।
जनसेवा एक्सप्रेस जो 5 दिन के लिए मेगा ब्लॉक के दौरान चल सकती है तो डीएमयू क्यों नहीं रेलवे की उदासीनता को देखें तो डीएमयू ट्रेन मुंगेर स्टेशन से वापस होकर तिलरथ -खगड़िया के लिए चलाई जा सकती है। व्यवसायी राजेश चंद्रा ने कहा कि मुजफ्फरपुर भागलपुर जनसेवा एक्सप्रेस मेगा ब्लॉक के दौरान ही 24 सितंबर से 29 सितंबर तक चलाई जा सकती है तो इस मार्ग पर डीएमयू बंद कर देना कहीं से उचित नहीं है ।यह तो यात्रियों को परेशान करने वाली बात हुई।
सांसद वीणा देवी ने कहा कि मैं मालदा के डीआरएम से बात कर रही हूं। एक-दो दिन में इस पर पॉजिटिव रिजल्ट आ जाएगा।
बोले मुंगेर स्टेशन मास्टर एपी साहू
मुंगेर स्टेशन मास्टर एपी साहू ने कहा कि सभी ट्रेनें इस रूट से बंद है ।24 से 29 तक सूचना मिली है कि भागलपुर मुजफ्फरपुर इंटरसिटी सेवा इंटरसिटी जाएगी। वहीं 29 तारीख को एक सप्ताहिक ट्रेन गुजरेगी। इसके अलावा सभी ट्रेनें इस रूट पर बंद है।
डीएम आनंद शर्मा ने कहा कि यात्रियों को परेशानी हो रही है। वैकल्पिक मार्ग पर प्रशासन ने 10 जोड़ी बस चलाया है। पुल पर सुरक्षा के लिए परिचालन जोखिम सीसीटीवी कैमरा लगाने व जवान तैनात के लिए डीआरएम को कहा गया है।
लापरवाही: जान जोखिम में डाल हर दिन ओवरलोड नावों का हो रहा परिचालन
नगर निगम क्षेत्र के जहाज घाट से प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में लोग अपनी जान जोखिम में डाल नाव के माध्यम से गंगा पार करते है। इस क्रम में बड़ी संख्या में नाव पर यात्रियों का दो पहिया वाहन भी लदा रहता है। वहीं ओवरलोडिंग इस कदर होती है कि इसमें सोशल डिस्टेंसिंग का नामोनिशान नहीं रह जाता है। ऐसे में किसी भी समय बड़ी दुर्घटना के घटित होने से इंकार नहीं किया जा सकता है। नगर निगम के द्वारा जहाज घाट की बंदोवस्ती की जाती है। पहले तो गंगा पर निर्मित रेल सह सड़क सेतु पर सवारी गाड़ी का परिचालन आरंभ होने के कारण कई बार निविदा प्रकाशित होने के बाद भी किसी व्यक्ति ने निविदा में भाग नहीं लिया। लेकिन वर्ष 19 के सितंबर माह में किसी प्रकार इसकी निविदा प्रक्रिया पूरी की गई। इसके बाद फेरी सेवा की शुरू हुई। लेकिन इन नावों से क्षमता से अधिक लोगों तथा दर्जनों बाइक को एक साथ सवार कर लिया जाता है। फोटो एंड कटेंट: चेतन कुमार झा
एक बार फिर सभी संबंधित को किया जाएगा नोटिस
पिछले वर्ष ही नोटिस जारी किया जा चुका है। एक बार फिर से परिचालन जोखिम सभी संबंधित को नोटिस जारी किया जाएगा। इसके बाद भी यदि ऐसा होता है तो कार्रवाई की जाएगी। खुशबू गुप्ता, एसडीओ सदर
लापरवाही: जान जोखिम में डाल हर दिन ओवरलोड नावों का हो रहा परिचालन
नगर निगम क्षेत्र के जहाज घाट से प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में लोग अपनी जान जोखिम में डाल नाव के माध्यम से गंगा पार करते है। इस क्रम में बड़ी संख्या में नाव पर यात्रियों का दो पहिया वाहन भी लदा रहता परिचालन जोखिम है। वहीं ओवरलोडिंग इस कदर होती है कि इसमें सोशल डिस्टेंसिंग का नामोनिशान नहीं रह परिचालन जोखिम जाता है। ऐसे में किसी भी समय बड़ी दुर्घटना के घटित होने से इंकार नहीं किया जा सकता है। नगर निगम के द्वारा जहाज घाट की बंदोवस्ती की जाती है। पहले तो गंगा पर निर्मित रेल सह सड़क सेतु पर सवारी गाड़ी का परिचालन आरंभ होने के कारण कई बार निविदा प्रकाशित होने के बाद भी किसी व्यक्ति ने निविदा में भाग नहीं लिया। लेकिन वर्ष 19 के सितंबर माह में किसी प्रकार इसकी निविदा प्रक्रिया पूरी की गई। इसके बाद फेरी सेवा की शुरू हुई। लेकिन इन नावों से क्षमता से अधिक लोगों तथा दर्जनों बाइक को एक साथ सवार कर लिया जाता है। फोटो एंड कटेंट: चेतन कुमार झा
एक बार फिर सभी संबंधित को किया जाएगा नोटिस
पिछले वर्ष ही नोटिस जारी किया जा चुका है। एक बार फिर से सभी संबंधित को नोटिस जारी किया जाएगा। इसके बाद भी यदि ऐसा होता है तो कार्रवाई की जाएगी। खुशबू गुप्ता, एसडीओ सदर