प्रतियोगिता के स्तर का अध्ययन

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5 जून को डी. ए .वी शताब्दी महाविद्यालय फरीदाबाद में, विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर समाज को और विशेष तौर पर छात्र छात्राओं को पर्यावरण के महत्व से अवगत कराने हेतु कई ऑनलाइन कार्यक्रमों का आयोजन किया गया | महाविद्यालय की कार्यवाहक प्राचार्या डॉ सविता भगत के संरक्षण एवं दिशा निर्देश में “Value of Nature / प्रकृति का महत्व” विषय पर एक राष्ट्रीय स्तर की निबंध प्रतियोगिता आयोजित हुई | इस प्रतियोगिता में हरियाणा सहित देश के कुल आठ राज्यों से 185 छात्रों के रजिस्ट्रेशन प्राप्त हुए | क्योंकि यह प्रतियोगिता कोविड के समय में ऑनलाइन कराई गई इसिलये ईमेल के जरिये पीडीएफ फॉरमेट पर उनके निबंध आमंत्रित किये गए| देश के कई विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों एवं अन्य शिक्षण संस्थानों से उपरोक्त विषय पर कुल 95 निबंध प्राप्त हुए | मुख्य तौर पर एंट्रीज दिल्ली,राजस्थान, झारखंड ,पंजाब,यूपी, म. प्र , हरियाणा, उत्तराखंड इत्यादि से प्राप्त हुए | निर्णायक मंडल में कुछ अन्य साहित्य के प्राध्यापकों के साथ मिल कर डॉ शुभ तनेजा जो की हिंदी की प्रोफेसर और साहित्यकार रही हैं उन्होंने मुख्य निर्णायक की भूमिका निभाई और निर्णायक मंडली के साथ मिलकर निबंध अध्ययन एवं उनके आकलन जैसे कठिन कार्य को अंजाम दिया क्योंकि उनके अनुसार निबंध लेख अधिक मात्रा में प्राप्त हुए थे और स्तरीय भी थे |
कार्यक्रम के संयोजक डॉ नीरज सिंह ने बताया कि निर्णायक मंडली के सुझाव के अनुसार कई उत्कृष्ट एवं उच्च स्तर के निबंध होने के कारण तथा उनके अंक समान होने की वजह से पोज़िशन्स को ब्रैकेट करके अधिक प्रतिभागियों को पुरस्कार सूची में शामिल किया गया | जिसका विवरण इस प्रकार इस प्रकार है :
निबंध -अंग्रेज़ी भाषा श्रेणी:
1st Positions :
स्नेह कुमारी , सेंट ज़ेवियर महाविद्यालय रांची, झारखंड , ज्योत सिफ़त कौर ,एच एम वी कॉलेज , जालंधर , पंजाब तथा संजना , डीएवी कॉलेज लाहौर, अम्बाला
2nd Positions:
हरीश कुमार , दयाल सिंह कॉलेज , करनाल , प्रभजोत कौर , एच एम वी कॉलेज जालंधर
3rd Positions:
पूजा जोशी ,एस एम बी कॉलेज नाथद्वारा , राजस्थान तथा सोनाली जाँगिड़, गवर्नमेंट कॉलेज बूंदी (राजस्थान)
सांत्वना पुरस्कार:
1) नवनीत , गवर्नमेंट कॉलेज फ़ॉर वीमेन , करनाल 2) आशी , गवर्नमेंट कॉलेज फ़ॉर वीमेन महेंद्रगढ़ 3) गरिमा सारस्वत , केएल मेहता दयानंद कॉलेज फ़ॉर वीमेन ,फरीदाबाद
निबंध हिंदी भाषा श्रेणी:
1st Positions:
बिरम लाल लोधा , गवर्नमेंट कॉलेज झालावाड़ राजस्थान तथा तमन्ना देवी , डीएवी कॉलेज ,चीका , हरियाणा
2nd Positions :
नाज़रीन , गवर्नमेंट कॉलेज झालावाड़ , राजस्थान , तथा राहुल , दयानंद आयुर्वेदिक कॉलेज , जालंधर, पंजाब
3rd Positions :
आकृति , पी.जी. डीएवी कॉलेज , नई दिल्ली तथा अंशु दहिया वीमेंस कॉलेज ,खरखोदा , हरियाणा
Consolation Positions :
1)निधि कुमारी , वैश्य आर्य कन्या महाविद्यालय , बहादुरगढ़
2) काजल , सी एल एस गवर्नमेंट कॉलेज करनाल
3) अंजलि , हिन्दू गर्ल्स कॉलेज सोनीपत
डीएवी कॉलेज की प्राचार्या डॉ सविता भगत ने सभी विजेता छात्रों को बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की| 5 जून को ही डॉ सविता भगत (प्राचार्या) के दिशा निर्देश में तथा प्रतियोगिता के स्तर का अध्ययन पर्यावरण विभाग एवं पर्यावरण क्लब के संयोजक डॉ नीरज सिंह और उनके साथ कॉलेज के सभी विभागों के विभागाध्यक्षों , प्राध्यापकों के व्यापक सहयोग के द्वारा 5 जून पर्यावरण दिवस के अवसर पर एक ऑनलाइन पर्यावरण सुरक्षा प्रण भी लिया गया| ऑनलाइन पोर्टल पर अपनी तरह की इस पहली मुहिम में कॉलेज के लगभग दो हज़ार छात्र छात्राओं ने अपने प्रोफेसर्स के साथ ऑनलाइन माध्यमों (ज़ूम इत्यादि) पर लाइव होकर यह प्रण लिया कि वे सभी अपने वातावरण और उसमें रहने वाले जीव- जंतुओं , पेड़-पौधों , पक्षियों और अपने स्थानिक पारिस्थितिक तंत्र को भी संजोए रखने में सदैव प्रयत्नशील एवं तत्पर रहेंगे | कॉलेज के सभी प्राध्यापकों तथा ऑनलाइन पोर्टल पर उनके छात्रों ने टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हुए अपने अपने घरों से ही पर्यावरण संरक्षण के इस शपथ ग्रहण में उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया | कॉलेज की कार्यवाहक प्राचार्या डॉ सविता भगत ने इन कार्यक्रमों के आयोजन पर विशेष तौर पर पर्यावरण विभाग के प्राध्यापक तथा पर्यावरण क्लब के संयोजक डॉ नीरज सिंह और उनके साथ विज्ञान संकाय से सुश्री प्रिया गर्ग को एक विस्तृत एवं सफल आयोजन करने के लिए विशेष तौर पर बधाई दी और साथ ही यह भी कहा कि कॉलेज स्तर पर ऐसे कार्यक्रम निकट भविष्य में और अधिक आयोजित होने चाहिए जिनमें इसी तरह से मानव मूल्यों की बात हो और उससे भी महत्वपूर्ण की कालांतर में हम सभी उन मानव मूल्यों पर अमल भी करें यही हमारे जीवन का ध्येय होना चाहिए |
एकलव्य खेल अकादमी- दो पहाड़ी कोरवा छात्रों ने तीरंदाजी में स्वर्ण पदक हासिल कर जिले को किया गौरवान्वित
जशपुरनगर/जिला प्रशासन द्वारा जिले के दूरस्थ पहाड़ी क्षेत्रों व वनांचलों के प्रतिभावान छात्रों के प्रतिभा को निखारने एवं उन्हें पढ़ाई के साथ साथ खेल के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए तीरंदाजी केन्द्र एवं एकलव्य खेल अकादमी का संचालन किया जा रहा है। जहाँ चयनित बच्चों को निःशुल्क अध्ययन, प्रशिक्षण एवं आवास की पूर्ण व्यवस्था प्रदान की गई है। शिक्षा विभाग द्वारा विगत 01 अप्रैल 2022 को संस्थान प्रारंभ किया गया है। संस्थान संचालन के केवल 7 माह के अंतर्गत ही अध्ययनरत छात्रों ने बड़ी स्पर्धाओं में अपना बेहतर खेल प्रतिभा का प्रदर्शन से पदक हासिल करने में कामयाबी पाई है।
इसी कड़ी में संस्थान में तीरंदाजी विधा के विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा वर्ग के कक्षा 7वीं में अध्ययनरत 14 वर्षीय दो छात्रों ने राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक हासिल कर जिले को गौरवांवित किया है। विगत माह कबीरधाम जिले में आयोजित 22वें राज्यस्तरीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता में मनोरा विकासखण्ड के ग्राम महरंगपाठ का छात्र अनिल राम एवं कोंडागांव जिले में आयोजित राज्य स्तरीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता में दुलदुला ब्लॉक के ग्राम मकरीबंधा के रहने वाले छात्र मनोज राम ने फिल्ड आर्चरी (तीरंदाजी) प्रतियोगिता के कम्पाउण्ड राउण्ड में प्रथम स्थान हासिल कर स्वर्ण पदक प्राप्त किया है। साथ ही दोनों छात्र छत्तीसगढ़ फिल्ड आर्चरी टीम में अपना स्थान बनाने में कामयाब हुए है। अब ये खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर छत्तीसगढ़ राज्य का प्रतिनिधित्व करेंगे।
राम व मनोज दोनों ही स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिंदी माध्यम विद्यालय जशपुर में कक्षा 7वीं में अध्ययन करते है। रणजीता स्टेडियम परिसर में स्थित छात्रावास में रहकर वे पढ़ाई के साथ ही तीरंदाजी का प्रशिक्षण ले रहे है। यहां छात्रों को कुशल प्रशिक्षकों द्वारा भविष्य की प्रतियोगिता के लिए तैयार किया जा रहा है।
उन्हें तीरंदाजी विधा की छोटी-छोटी बारीकियों के बारे में विस्तृत जानकारी देने के साथ ही लक्ष्य साधने के लिए एकाग्रता बनाए रखने की महत्ता पर बल देते हुए प्रशिक्षित किया जा रहा है। संस्था में बच्चें भी पूरे मन से अपनी विधाओं की तैयारी कर रहे है। बच्चों ने बताया कि यहां उन्हें पढ़ाई के साथ साथ रहने एवं प्रशिक्षण की पूर्ण सुविधा प्रदान की गई है। यहां उन्हें प्रशिक्षण लेने में आनंद आता है। प्रशिक्षकों द्वारा उनका उत्साहवर्धन के साथ ही अच्छे प्रदर्शन के लिए मार्गदर्शन एवं प्रोत्साहन प्रदान किया जाता है।
जिससे वे प्रतियोगिताओं में बेहतर प्रदर्शन करने में सफल हुए है। उन्होंने बताया कि यहां छात्रों में खेल के प्रति रुचि जागृत की जाती है एवं उनके रुचि अनुसार विधाओं में सम्मिलित कर प्रशिक्षण दिया जाता है। जिला प्रशासन एवं शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने छात्रों के उत्कृष्ट प्रदर्शन पर उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी है। संस्थान के नियमित संचालन हेतु जिला खनिज न्यास निधि द्वारा राशि प्रदान किया गया है। साथ ही स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा अकादमी का संचालन किया जा रहा है।
संस्थान में तीरंदाजी, ताइक्वांडो एवं तैराकी विधा शामिल है। जिसके अंतर्गत कुल 30 छात्रों का चयन हुआ है। छात्रों की शैक्षणिक व्यवस्था स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिंदी माध्यम विद्यालय में एवं आवास हेतु रणजीता स्टेडियम में छात्रावास सुविधा प्रदान की गई है। जहां छात्रों को तीनों विधाओं के निपुण प्रशिक्षकों द्वारा ट्रेनिंग दिया जाता है। संस्थान के छात्रों द्वारा सत्र 2022-23 में 22वें राज्यस्तरीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता में तीरंदाजी, तैराकी एवं ताईक्वांडो विधा में जिले का नेतृत्व करते हुए उत्कृष्ट खेल दिखाते हुए राज्य स्तर पर कुल 7 पदक हासिल किए है। जिसमें तीरंदाजी विधा में 2 स्वर्ण, तैराकी में 4 रजत पदक एवं ताइक्वांडो में 1 कांस्य पदक अर्जित किया है। साथ ही अब ये खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित प्रतियोगिताओं में राज्य का प्रतिनिधित्व करेंगे।
प्रतियोगिता के स्तर का अध्ययन
वैश्विक संपर्क
निफ्ट की शैक्षिक रणनीति एक वैश्विक दृष्टिकोण को अपनाती है। संस्थान की मुख्य गतिविधियों ने इसकी अंतर्राष्ट्रीय दृश्यता तथा दर्जे को बढ़ाया है। निफ्ट के पास रणनीतिक समझौते और साझेदारी है जिसमें करीब 32 प्रमुख अंतरराष्ट्रीय फैशन संस्थान और संगठन शामिल हैं जो एक ही शैक्षणिक दिशा में भागीदारी करते हैं, वे निफ्ट छात्रों को फैशन की वैश्विक मुख्यधारा के साथ एकजुट करते हुए यह कार्य करते हैं ।
अंतर्राष्ट्रीय सहयोग छात्रों को विदेश विनिमय कार्यक्रमों के माध्यम से 'विदेशों में अध्ययन' का अनुभव करने की अनुमति देता है। यह पहल चयनित निफ्ट छात्रों को विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों के छात्रों के साथ बातचीत करने, उनकी दृष्टि को व्यापक बनाने और विभिन्न संस्कृतियों को समझने के लिए आदानप्रदान कार्यक्रम के लिए एक उत्कृष्ट अवसर प्रदान करती है। निफ्ट परिसरों और सभी पाठ्यक्रम विषयों के छात्रों द्वारा यह अवसर प्राप्त किया जा सकता है। एक शैक्षिक ढाल प्रदान करने के लिए, संस्थान के अंतर्राष्ट्रीय संबंध छात्रों को अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं/सम्मेलनों/शोध/ प्रदर्शनियों और अन्य कार्यक्रमों में भाग लेने की अनुमति देते हैं।
सभी परिसरों में निफ्ट के छात्रों को अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रमों और प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
छात्रों ने एडिनबर्ग डिज़ाइन प्रतियोगिता, स्कॉटलैंड, वर्ल्ड ऑफ वनरेबल आर्ट्स, न्यूजीलैंड, मित्तेल्मोडो प्रेमियो, वर्ल्ड ऑफ वियरेबल आर्ट, न्यूजीलैंड संयुक्त राष्ट्र अमेरिका के फैशन फाउंडेशन की कला; ट्रिम्फ इंसपिरेशनल अवार्ड, मेडेलिन कोलंबिया का आईएएफ डिजाइनर अवार्ड; क्लिक! जापान फोटो प्रतियोगिता प्रदर्शनी, नीटिंग फॉर जूलियट इटली; मैक्स डिजाइन अवार्ड; तथा ई ए टी एक्सप्लोरिंग आर्ट टूगेदर आदि जैसी कई प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लिया और जीत हासिल की है।
यह संस्थान उन अंतरराष्ट्रीय छात्रों को भी आकर्षित करता है जो अपनी शैक्षिक और सांस्कृतिक समृद्धि का अनुभव करने आते हैं। विनिमय कार्यक्रमों के माध्यम से, विदेशी संस्थानों के छात्रों ने भारतीय संस्कृति, कला और शिल्प में न सिर्फ मूल्यवान अंतर्दृष्टि विकसित की है बल्कि भारतीय बाजार और इसकी गतिशीलता को भी समझा है। प्रबंधन और प्रौद्योगिकी के छात्रों ने वैश्विक बाजारों की उच्च फैशन मांगों को पूरा करने वाली उत्पादन तकनीकों के साथ अमूल्य संपर्क किया है।
रणनीतिक गठजोड़, संकाय स्तर पर शैक्षिक वृद्धि को भी प्रोत्साहित करते हैं। संकाय विनिमय और संयुक्त अनुसंधान पहलें यह सुनिश्चित करती हैं कि संस्थान की शिक्षण विधियों और सुविधाओं का निरंतर अद्यतन और दुनिया में सबसे अच्छे संस्थानों के समकक्ष उन्नयन किया जाए। शिक्षण अध्यापन, अवधारणाओं और पेशेवर विचारों के आदान-प्रदान की सुविधा के लिए, निफ्ट के संकाय शैक्षिक विनिमय कार्यक्रमों, अंतर्राष्ट्रीय मेलों, सेमिनारों, प्रदर्शनियों, सम्मेलनों और व्यापार शो में भाग लेते हैं जिससे उनके पर्याप्त अनुभव को कक्षा में लाया जाता है और इस प्रकार निफ्ट का ज्ञान सागर समृद्ध होता है।
कुछ प्रमुख संस्थान जिनके साथ निफ्ट सम्बद्ध है
- क्वींसलैंड यूनिवर्सिटी ऑफ़ टेक्नोलॉजी (ऑस्ट्रेलिया)
- डी मोंटफोर्ट यूनिवर्सिटी (यू के)
- स्विस टेक्सटाइल कॉलेज (स्विट्ज़रलैंड)
- मोड़ आर्ट इंटरनेशनल (पेरिस)
- नाबा (मिलान), इनसाइट (फ्रांस)
- यूनिवर्सिटी ऑफ़ नॉर्थम्प्टन (यू के)
- सक्सियन यूनिवर्सिटी ऑफ़ एप्लाइड साइंसेज (नेदरलैंड)
- डोंग्हुआ यूनिवर्सिटी (चीन)
- स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ़ न्यूयोर्क कॉलेज एट बफैलो स्टेट (अमेरिका)
- रॉयल अकादमी ऑफ़ आर्ट्स (नेदरलैंड)
- बगमे यूनिवर्सिटी ऑफ़ फैशन एंड टेक्नोलॉजी
- ढाका
- बांग्लादेश
- मानचेस्टर मेट्रोपोलिटन यूनिवर्सिटी (यू के)
- इकोले दुपेररे (फ्रांस)
- एसमोद (जर्मनी)
- पॉलिटेक्निक डी मिलानो (इटली)
- शेंकर कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड डिज़ाइन एंड आर्ट,(इजराइल)
- कोपेनहेगेन स्कूल ऑफ़ डिज़ाइन एंड टेक्नोलॉजी ,(डेनमार्क)
दोहरी डिग्री के अवसर
निफ्ट ने फैशन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एफआईटी), न्यूयॉर्क, अमरीका के साथ एक रणनीतिक गठबंधन में प्रवेश किया था। साझेदारी में निफ्ट के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि और अनूठी प्रथम पहल है। यह नया अंतर्राष्ट्रीय आयाम, निफ्ट के चयनित योग्य छात्रों को निफ्ट और एफ़आईटी दोनों से दोहरी डिग्री प्राप्त करने का अनूठा अवसर प्रदान करता है। निफ्ट के छात्रों पर अपने मातृसंस्था में दो साल का अध्ययन करने के बाद,ऍफ़ ई टी से एक वर्ष का अध्ययन करने की पाबन्दी होती है। इसके बाद, छात्र अपनी मूल संस्थान में ही अपनी पढाई जारी रख कर दोहरी डिग्री प्राप्त कर सकते हैं। पिछले दो वर्षों में कुल बत्तीस छात्रों ने दोहरी डिग्री कार्यक्रम पूरा किया है और 2016-17 में विभिन्न विषयों से प्रतियोगिता के स्तर का अध्ययन तेरह अन्य छात्रों ने दोहरी डिग्री का अवसर पाया।
विदेश अध्ययन
क्र.स | अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय | क्षेत्र |
---|---|---|
1 | क्वींसलैंड यूनिवर्सिटी ऑफ़ टेक्नोलॉजी(QUT) | ऑस्ट्रेलिया |
2 | स्विस टेक्सटाइल कॉलेज | स्विट्ज़रलैंड |
3 | दी फैशन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी | अमेरिका |
4 | एम्स्टर्डम फैशन इंस्टिट्यूट | नेदरलैंड |
5 | सक्सियन विश्वविद्यालय ऑफ़ एप्लाइड साइंसेज | नेदरलैंड |
6 | एकले नेशनल सुपेरियूरे डेस आर्ट्स एट इंडस्ट्रीज टेक्सटाइल्स | फ्रांस |
7 | नुओवा आकडेमिअ डी बेले आरती | इटली |
8 | दी मोंट फोर्ट विश्वविद्यालय | यू के |
9 | ग्लासगो स्कूल प्रतियोगिता के स्तर का अध्ययन ऑफ़ आर्ट्स | यू के |
10 | बगमे यूनिवर्सिटी ऑफ़ फैशन एंड टेक्नोलॉजी | बांग्लादेश |
11 | बुनका गकुएँ यूनिवर्सिटी | जापान |
12 | पॉलिटेक्निक डी मिलानो | इटली |
13 | केईए-कोपेनहेगेन स्कूल ऑफ़ डिज़ाइन एंड टेक्नोलॉजी | डेनमार्क |
14 | नार्थ कैरोलिना स्टेट यूनिवर्सिटी | अमेरिका |
15 | सेवन्नाह कॉलेज ऑफ़ आर्ट एंड डिज़ाइन | अमेरिका |
16 | दी फैशन एंड डिज़ाइन इंस्टिट्यूट | मॉरिशस |
17 | इंस्टिट्यूट युरोपिओ डी डिज़ाइन | इटली |
फैशन प्रौद्योगिकी का राष्ट्रीय संस्थान
हौज खास, गुलमोहर पार्क के समीप,
नई दिल्ली, भारत 110016
Monopoly and Perfect Competition: Comparison | Hindi | Markets | Economics
Read this article in Hindi to learn about the comparison between monopoly and perfect competition.
एकाधिकार एवं पूर्ण प्रतियोगिता के अन्तर्गत सन्तुलन की शर्तों तथा वस्तु कीमत-निर्धारण की प्रक्रिया के अध्ययन के बाद यह आवश्यक है कि दोनों बाजारों की तुलना की जाये ।
दोनों बाजारों में कुछ समानताएँ तथा कुछ असमानताएँ हैं ।
समानताएँ (Similarities):
1. दोनों बाजारों की लागत दशाओं में कोई अन्तर नहीं होता । दूसरे शब्दों में, दोनों बाजारों में लागत वक्र में कोई अन्तर नहीं होता ।
2. दोनों ही बाजारों में सन्तुलन उस बिन्दु पर होता है जहाँ,
सीमान्त आगम = सीमान्त लागत
3. दोनों ही बाजारों में एकसमान उत्पादन (Homogeneous Product) होता है ।
असमानताएँ (Dissimilarities):
1. पूर्ण प्रतियोगिता तथा एकाधिकार दोनों में सन्तुलन की शर्त प्रारम्भिक रूप से समान है अर्थात् सीमान्त आगम = सीमान्त लागत (MR = MC), किन्तु पूर्ण प्रतियोगिता में,
अर्थात् पूर्ण प्रतियोगिता में वस्तु की कीमत सीमान्त लागत के बराबर होती है ।
अर्थात् एकाधिकार में वस्तु की कीमत सीमान्त लागत से अधिक होती है ।
2. पूर्ण प्रतियोगिता में सन्तुलन की शर्त के अनुसार, ”सन्तुलन बिन्दु पर MC रेखा MR रेखा को नीचे से काटनी चाहिए ।”
अर्थात् पूर्ण प्रतियोगिता में सन्तुलन बिन्दु पर MR रेखा के क्षैतिज (Horizontal) होने के कारण सीमान्त लागत (MC) रेखा चढ़ती हुई (Rising) होनी चाहिए ।
इसके विपरीत एकाधिकार में सन्तुलन MC वक्र की तीनों स्थितियों में सम्भव है – चाहे MC वक्र चढ़ता हुआ (Rising), गिरता हुआ (Falling) अथवा स्थिर (Constant) हो ।
इस प्रकार एकाधिकारी बढ़ी सीमान्त लागत (Increasing Marginal Cost), स्थिर सीमान्त लागत (Constant Marginal Cost) अथवा घटती सीमान्त लागत (Decreasing Marginal Cost) तीनों दशाओं में सन्तुलन प्राप्त कर सकता है (देखें चित्र 6, 7 एवं 8) जबकि पूर्ण प्रतियोगिता में फर्म केवल बढ़ती सीमान्त लागत दशा में ही सन्तुलन प्राप्त प्रतियोगिता के स्तर का अध्ययन प्रतियोगिता के स्तर का अध्ययन कर सकती है ।
3. एकाधिकार में पूर्ण प्रतियोगिता की तुलना में ऊँची कीमत (Higher Price) एवं कम उत्पादन (Lower Output) होता है ।
इस स्थिति को चित्र 9 में स्पष्ट किया गया है । चित्र में पूर्ण प्रतियोगी उद्योग का माँग वक्र AR = D से दिखाया गया है जबकि पूर्ति वक्र MC = S से प्रदर्शित किया गया है ।
पूर्ण प्रतियोगी सन्तुलन बिन्दु E है जहाँ कीमत OP तथा उत्पादन OQ है ।
एकाधिकारी के लिए पूर्ण प्रतियोगिता का माँग वक्र AR वक्र होता है जिसका एक सम्बन्धित MR वक्र होता है । पूर्ण प्रतियोगिता का पूर्ति वक्र वस्तुतः सीमान्त लागत वक्र (MC Curve) होता है ।
सन्तुलन की शर्तों के अनुसार एकाधिकारी सन्तुलन E1 पर उपस्थित होता है जहाँ कीमत OP1 तथा उत्पादन OQ1 है ।
चित्र से स्पष्ट है कि OP1 अधिक है OP से अर्थात् एकाधिकारी कीमत अधिक है पूर्ण प्रतियोगी कीमत से तथा OQ1 कम है OQ से अर्थात् एकाधिकारी उत्पादन कम है पूर्ण प्रतियोगी उत्पादन से । दूसरे शब्दों में, एकाधिकारी कीमत ऊँची एवं उत्पादन स्तर कम होता है ।
4. पूर्ण प्रतियोगिता में कर्म अपने अनुकूलतम आकार (Optimum Size) की प्रतियोगिता के स्तर का अध्ययन होती है । दूसरे शब्दों में, पूर्ण प्रतियोगी फर्म का सन्तुलन औसत लागत वक्र (AC Curve) के न्यूनतम बिन्दु पर होता है क्योंकि न्यूनतम बिन्दु पर ही,
जबकि एकाधिकारी फर्म का सन्तुलन सामान्यतः उस उत्पादन बिन्दु पर होता है जहाँ औसत लागत वक्र (AC Curve) अभी घट रहा होता है तथा अपने न्यूनतम बिन्दु तक नहीं पहुँचा होता । इस प्रकार, एकाधिकारी फर्म अनुकूलतम आकार से कम (Less than Optimum Size) होती है ।
5. पूर्ण प्रतियोगिता में फर्म का माँग वक्र पूर्ण लोचदार (Perfectly Elastic) होता है । दूसरे शब्दों में, पूर्ण प्रतियोगिता का माँग वक्र X-अक्ष के समानान्तर पड़ी रेखा (Horizontal Line Parallel to X-axis) के रूप में होता है ।
जैसा हमें ज्ञात है कि पूर्ण प्रतियोगिता में फर्म की कीमत तय करने में कोई हस्तक्षेप नहीं होता तथा फर्म कीमत प्राप्तकर्ता (Price Taker) तथा मात्रा नियोजक (Quantity Adjuster) होती है । फर्म उद्योग द्वारा माँग व पूर्ति फलनों के आधार पर निर्धारित कीमत को दिया हुआ मान लेती है जिसके कारण पूर्ण प्रतियोगिता में फर्म का माँग वक्र एक पड़ी रेखा के रूप में होता है ।
जबकि एकाधिकार में माँग वक्र बायें से दायें नीचे गिरती हुई रेखा के रूप में होता है जिसका कारण है कि एकाधिकारी स्वयं वस्तु की कीमत तय करता है और यदि एकाधिकारी वस्तु की अधिक मात्रा बेचना चाहता है तो उसे कीमत-घटानी पड़ेगी ।
6. पूर्ण प्रतियोगिता में औसत आगम और सीमान्त आगम दोनों बराबर होते हैं ।
पूर्ण प्रतियोगिता में फर्म वस्तु की अधिक मात्रा बेचने के लिए वस्तु की कीमत को कम नहीं कर सकती । यही कारण है कि प्रत्येक अतिरिक्त इकाई के विक्रय से प्राप्त आगम (MR) वस्तु की कीमत के बराबर ही होता है ।
जबकि एकाधिकार में औसत आगम सीमान्त आगम से अधिक होता है ।
अर्थात् एकाधिकारी को अतिरिक्त इकाइयों के विक्रय से कम आगम प्राप्त होता है ।
क्योंकि
7. पूर्ण प्रतियोगिता में दीर्घकाल में फर्म केवल सामान्य लाभ (Normal Profit) ही प्राप्त करती है जबकि दीर्घकाल में एकाधिकारी फर्म सदैव प्रत्येक स्थिति में लाभ (Profit) अर्जित करती है ।
8. एकाधिकारी फर्म एकसमान वस्तु को विभिन्न बाजारों में (जो पृथक् हों) भिन्न-भिन्न कीमतों पर बेचकर कीमत विभेदीकरण (Price Discrimination) की नीति अपना सकती है ।
किन्तु पूर्ण प्रतियोगी फर्म उद्योग का एक अंश मात्र होती है तथा कीमत-निर्धारण में कोई हस्तक्षेप नहीं रखती । पूर्ण प्रतियोगिता में कीमत विभेद सम्भव ही नहीं क्योंकि क्रेताओं को बाजार का पूर्ण ज्ञान होता है जिसके कारण सम्पूर्ण बाजार में एक ही कीमत प्रचलित होती है ।
9. पूर्ण प्रतियोगिता में बाजार में एकसमान उत्पादन करने वाली फर्मों की संख्या बहुत अधिक होती है जबकि एकाधिकार में केवल एक फर्म ही उत्पादन क्षेत्र में होती है ।
10. पूर्ण प्रतियोगिता में फर्मों का उत्पादन क्षेत्र में प्रवेश एवं बहिर्गमन स्वतन्त्र होता है । पूर्ण प्रतियोगिता में कोई भी फर्म दीर्घकाल में उद्योग से अलग हो सकती है अथवा नई फर्म उद्योग क्षेत्र में प्रवेश कर सकती है । किन्तु एकाधिकार में अन्य फर्मों का उत्पादन क्षेत्र में प्रवेश प्रतिबन्धित होता है अर्थात् कोई अन्य फर्म उत्पादन क्षेत्र में प्रवेश नहीं कर सकती ।
राकेश जुगराण को राज्य स्तर पर आयोजित राष्ट्रीय लेखन प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार
श्रीनगर गढ़वाल : उत्तराखंड शिक्षा विभाग के कर्मचारियों एवं साहित्य जगत से जुड़े लोगों के लिए हर्ष एवं गौरव का विषय है। देहरादून डायट प्राचार्य राकेश जुगराण ने राष्ट्रीय पत्र लेखन प्रतियोगिता में राज्य स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त किया है। राकेश जुगराण ने बताया कि नवंबर 2019 में उन्हें दैनिक समाचार पत्र से जानकारी मिली कि संचार मंत्रालय, भारतीय डाक विभाग द्वारा “ढाई आखर-2019” के अंतर्गत बापू की 150वीं जयंती के अवसर पर “प्रिय बापू आप अमर हैं” विषय पर राष्ट्रीय लेखन प्रतियोगिता के लिए प्रविष्ठियां मांगी हैं। उन्होंने भी 18 वर्ष से अधिक उम्र की श्रेणी में बापू को संबोधित पत्र डाक विभाग को प्रेषित कर दिया। जुलाई 2020 में प्रतियोगिता के स्तर का अध्ययन प्रतियोगिता का परिणाम घोषित हुआ। जिसमें उन्हें राज्य स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त करने पर प्रमाण पत्र एवं घोषित धनराशि प्राप्त हुई। अब इस पत्र को राष्ट्रीयस्तर पर होने वाली प्रतियोगिता में शामिल करने हेतु प्रेषित किया जाएगा।
मूलरूप से बनियागांव, कल्जीखाल ब्लॉक, निवासी राकेश जुगराण की शिक्षा-दीक्षा श्रीनगर में हुई है। उनके पिता श्री चंडी प्रसाद जुगराण, खण्ड विकास कार्यालय गैरसैण से सेवानिवृत्त हुए हैं। राकेश जुगराण ने गढ़वाल विश्वविद्यालय श्रीनगर के बिड़ला परिसर से एमएससी रसायन विज्ञान, एमए शिक्षा शास्त्र एवं बीएड की शिक्षा ग्रहण की। उनके बीएड के सहपाठी एवं कल्जीखाल ब्लॉक निवासी महेंद्र सिंह नेगी, प्रवक्ता गणित ने बताया कि राकेश जुगराण अध्ययन काल से ही बहुमुखी प्रतियोगिता के स्तर का अध्ययन प्रतिभा के धनी रहे हैं। वैज्ञानिक वर्ग का विद्यार्थी होने के बाद भी उन्हें हिंदी साहित्य में महारत हासिल है। साहित्य के प्रति लगाव के कारण ही उन्होंने अनेक राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में प्रतिभाग किया है, तथा राष्ट्रगौरव सम्मान, विद्या वाचस्पति उपाधि, समन्वय श्रीसम्मान, संस्कृति समन्वय सम्मान, अष्ठ क्षेत्रीय और साहित्य भूषण सम्मान हासिल किये। उनके कविता संग्रह “अन्तर्द्वंद” और सामूहिक कविता संग्रह “सपनों के मोरपंख”, “नई सदी के हस्ताक्षर” प्रकाशित हो चुके हैं। जिनमें “अन्तर्द्वंद” 75 कविताओं का संग्रह है। जिसमें से मां पर लिखी कविता बहुत सराहनीय है। शिक्षा विभाग में विभिन्न प्रशासनिक पदों पर रहने के बाद भी जुगरान अपने को एक शिक्षक की भूमिका में देखते हैं। डायट प्राचार्य जैसे दायित्व को बेहतरीन ढंग से निर्वहन करते हुए पत्र लेखन में पुरस्कार प्राप्त करने पर राकेश जुगराण को राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष मुकेश बहुगुणा, पूर्व मंडलीय प्रवक्ता महेन्द्र सिंह नेगी, विनोद किमोठी, नन्दाबल्लभ पंत, आरती ममगाईं, अर्जुन बिष्ट, सीमा वैष्णव, ललिता लोहानी, राकेश रतूड़ी एवं सहकर्मी शिक्षकों ने हार्दिक बधाई दी है। देवभूमि संवाद.कॉम की ओर से शिक्षक राकेश जुगराण को हार्दिक बधाई एवं राष्ट्रीय प्रतियोगिता हेतु शुभकामनाएं।