ट्रेडिंग क्या होती है

Insider Trading: आखिर क्या है इनसाइडर ट्रेडिंग, जिसमें फंसे हैं कई मशहूर बिजनेसमैन, जानिए अब तक के बड़े मामले
Insider Trading: अगर आप शेयर मार्केट में निवेश करते ट्रेडिंग क्या होती है हैं तो आपको इससे जुड़े नियम-कानूनों को अच्छें से जान लेना चाहिए. स्टॉक मार्केट में आपने की बार इनसाइडर ट्रेडिंग शब्द सुना होगा, ट्रेडिंग क्या होती है पर क्या आपको इसकी पूरी जानकारी है.
Insider Trading (Photo: Wikimedia)
- नई दिल्ली ,
- 26 जुलाई 2022,
- (Updated 26 जुलाई 2022, 11:20 AM IST)
पिछले कुछ सालों में बढ़े हैं इनसाइडर ट्रेडिंग के मामले
राकेश झुनझुनवाला भी फंसे हैं इनसाइडर ट्रेडिंग के मामले में
हाल ही में, कई मामलों में बहुत से लोगों पर Insider Trading (इनसाइडर ट्रेडिंग) का आरोप लगाया गया है. जिसमें उन्होंने अवैध लाभ में पांच मिलियन डॉलर से अधिक कमाए हैं. एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन ने ल्यूमेंटम होल्डिंग्स के पूर्व मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारी 49 वर्षीय अमित भारद्वाज और उनके दोस्तों, धीरेनकुमार पटेल (50), श्रीनिवास कक्करा (47), अब्बास सईदी (47) और रमेश चित्तोर (45) पर आरोप लगाए हैं.
एसईसी का आरोप है कि कैलिफोर्निया में रहने वाले इन लोगों ने ल्यूमेंटम द्वारा दो कॉर्पोरेट अधिग्रहण घोषणाओं से पहले ट्रेडिंग की और 5.2 मिलियन अमरीकी डॉलर से ज्यादा अवैध फायदा कमाया. अब सवाल है कि आखिर Insider Trading या भेदिया कारोबार क्या है.
क्या है इनाइडर ट्रेडिंग
इनसाइडर ट्रेडिंग को इनसाइडर डीलिंग के रूप में भी जाना जाता है. जब कंपनी के कर्मचारी ट्रेडिंग क्या होती है अवैध तरीके से कंपनी के शयर्स की खरीद-बिक्री करके मुनाफा कमाते हैं, तो इसे इनसाइडर ट्रेडिंग कहते हैं. यह खासकर कंपनी की किसी गोपनीय जानकारी के आधार पर किया जाता है और कर्मचारियों के पता होता है कि आने वाले समय में कंपनी के शेयर्स के दाम बढ़ेंगे.
उदहारण के लिए, आपकी कंपनी का किसी दूसरी कंपनी के साथ मर्जर होने वाला है या कंपनी अपने शेयर्य गिरवी रखकर लोन लेती है. और इस तरह की गोपनीय जानकारी की खबर प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों को होती है. अगर ये अधिकारी डील को अनाउंस होने से पहले ही अपने किसी करीबी के नाम से कंपनी के शेयर खरीद ले ताकि मर्जर के बाद जब शेयर्स के दाम बढ़े तो इन्हें बेचकर वह अच्छा मुनाफा कमा सकता है.
हालांकि, प्रमोटर शेयर की खरीद SEBI के दिशा-निर्देशों के मुताबिक करता है तो यह गलत नहीं है. लेकिन गलत तरीकों से की गई खरीद और बिक्री के खिलाफ कानूनी कार्यवाही होती है.
सामने आए हैं कई ट्रेडिंग क्या होती है बड़े मामले
बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक, SEBI ने अप्रैल 2017 से अब तक कुल 177 - एक साल में औसतन लगभग 38 इनसाइडर ट्रेडिंग मामलों की जांच की है. इन मामलों में इंडस्ट्री से जुड़े कुछ मशहूर लोग भी शामिल हैं. इनमें सन फार्मा के दिलीप शांघवी और इसके कुछ निदेशकों, किरण मजूमदार-शॉ, राकेश झुनझुनवाला, भारती एयरटेल की प्रमोटर फर्म इंडियन कॉन्टिनेंट इनवेस्टमेंट जैसे नाम शामिल हैं.
राकेश अग्रवाल बनाम सेबी
साल 1996 में, ABS इंडस्ट्रीज लिमिटेड के प्रबंध निदेशक, राकेश अग्रवाल ने एक जर्मन व्यवसाय, बेयर एजी के साथ एक समझौते किया था. जर्मन कंपनी, ABS इंडस्ट्रीज लिमिटेड के 51% शेयरों को खरीदने वाली थी. यूपीएसआई द्वारा अधिग्रहण की घोषणा के बाद, अग्रवाल ने अपने एबीएस इंडस्ट्रीज के स्वामित्व का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बेच दिया, जिसका स्वामित्व उसके बहनोई, आई.पी. केडिया के पास था. इस मामले में सेबी ने माना कि राकेश अग्रवाल इनसाइडर ट्रेडिंग के दोषी थे.
हिंदुस्तान लीवर लिमिटेड बनाम सेबी
हिंदुस्तान लीवर लिमिटेड ("एचएलएल") ने सार्वजनिक निवेश संस्थान, यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया ("यूटीआई") से ब्रुक बॉन्ड लिप्टन इंडिया लिमिटेड ("बीबीएलआईएल") के विलय की सार्वजनिक घोषणा से दो ट्रेडिंग क्या होती है सप्ताह पहले बीबीएलआईएल 8 लाख शेयर खरीदे. सेबी ने इनसाइडर ट्रेडिंग का संदेह करते हुए, अध्यक्ष, सभी कार्यकारी निदेशकों, कंपनी सचिव और एचएलएल ट्रेडिंग क्या होती है के तत्कालीन अध्यक्ष को कारण बताओ नोटिस ("एससीएन") जारी किया था.
राकेश झुनझुनवाला बनाम सेबी
सेबी ने मशहूर इकोनोमिस्ट राकेश झुनझुनवाला को भी इनसाइडर ट्रेडिंग के मामले में नोटिस भेजा था. नोटिस के अनुसार, राकेश झुनझुनवाला ने एप्टेक एजुकेशन और ट्रेनिंग कंपनी के शेयरों में इनसाइडर ट्रेडिंग किया था. यह कंपनी झुनझुनवाला और उनके परिवार की है. सेबी के अनुसार राकेश झुनझुनवाला ने साल 2006 में एप्टेक कंपनी के शेयर 56 रूपये पर खरीदे थे. उसके बाद से कंपनी में उनके और उनके परिवार के लोगों का हिस्सेदारी बढ़कर 49 प्रतिशत हो गया है.
हाल ही में, राकेश झुनझुनवाला, उनकी पत्नी रेखा और आठ अन्य लोगों ने एप्टेक के स्टॉक से जुड़े इस इनसाइडर ट्रेडिंग मामले को सेबी को सामूहिक रूप से 37 करोड़ रुपये का भुगतान करके सुलझाया है.
1 दिन में भी पैसे से बना सकते हैं पैसा, बाजार में ऐसे करें इंट्राडे ट्रेडिंग
क्या कोई ऐसी जगह है, जहां 1 दिन के लिए पैसे लगाकर मोटी कमाई की जा सकती है.
क्या कोई ऐसी जगह है, जहां 1 दिन के लिए पैसे लगाकर मोटी कमाई की जा सकती है.
Tips For Day Trading: क्या कोई ऐसी जगह है, जहां 1 दिन के लिए पैसे लगाकर मोटी कमाई की जा सकती है. अगर आपके मन में भी यह सवाल है तो इसका जवाब हैं हां. शेयर बाजार ऐसी जगह है, जहां महज कुछ घंटों की ट्रेडिंग में पैसे से पैसा बना सकते हैं. सही और सटीक शेयर चुनने में सफल रहते हैं तो हाथों हाथ जेब में मोटी रकम आ सकती है. ऐसा संभव है इंट्राडे ट्रेडिंग में, जिसमें बाजार निवेशकों को 1 दिन में भी बंपर मुनाफा कमाने का मौका देता है.
बाजार में एक ही ट्रेडिंग डे पर शेयर खरीदने और बेचने को इंट्रा डे ट्रेडिंग कहते हैं. इसमें सुबह पैसा लगाकर दोपहर तक अच्छी कमाई की जा सकती है. यहां शेयर खरीदा तो जाता है लेकिन उसका मकसद निवेश करना नहीं, बल्कि एक दिन में उसमें होने वाली बढ़त से मुनाफा कमाना होता है. ध्यान रहे कि इसमें जरूरी नहीं है कि आपको फायदा ही हो.
कैसे कर सकते हैं इंट्राडे ट्रेडिंग
अगर शेयर बाजार में डे-ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो इसके लिए पहले आपको डीमैट अकाउंट और एक ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना होता है. इस अकाउंट में आप या तो ब्रोकर को फोन पर ऑर्डर देकर शेयर का कारोबार कर सकते हैं या ऑनलाइन भी खुद से ट्रेडिंग कर ट्रेडिंग क्या होती है सकते हैं.
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कैसे चुनें सही स्टॉक
- सिर्फ लिक्विड स्टॉक में ट्रेडिंग करें, 2 या 3 ऐसे स्टॉक चुन सकते हैं.
- वोलेटाइल स्टॉक से दूर रहें.
- अच्छे कोरेलेशन वाले शेयरों में करें खरीददारी.
- शेयर का चुनाव करने के पहले बाजार का ट्रेंड जरूर देख लें, मार्केट के ट्रेंड के खिलाफ न जाएं.
- रिसर्च के बाद जिन शेयरों को लेकर कांफिडेंट हैं, उनमें निवेश करें.
- शेयर खरीदने के पहले यह तय करें कि किस भाव में खरीदना है और उसका लक्ष्य कितना है. स्टॉप लॉस जरूर लगाएं.
- जैसे ही लक्ष्य पूरा हो, प्रॉफिट बुकिंग करें.
कितने पैसों की पड़ती है जरूरत
इंट्रा डे में आप किसी शेयर में कितनी भी रकम लगा सकते हें. शेयर बाजार में नियम है कि जिस दिन शेयर खरीदा जाता है, उस दिन पूरा पैसा नहीं देना होता है. नियम के तहत जिस दिन शेयर खरीदा जाता है, उसके 2 ट्रेडिंग दिनों के बाद पूरा भुगतान करना होता है. फिर भी आपको शेयर के भाव का शुरू में 30 फीसदी रकम निवेश करना होता है.
कैसे मिलता है फायदा
इसका उदाहरण 29 अक्टूबर यानी मंगलवार को शेयर बाजार में होने वाली ट्रेडिंग से ले सकते हैं. टाटा मोटर्स के शेयरों में निवेश करने वालों के लिए मंगलवार का दिन बेहतर साबित हुआ. पॉजिटिव सेंटीमेंट जुड़ने के बाद कंपनी के शेयर में 16 फीसदी तक तेजी आई है. इसके पहले 3 अक्टूबर को पॉजिटिव सेंटीमेंट बनने से ही यस बैंक में करीब 29 फीसदी तेजी आई.
एक्सपर्ट ट्रेडिंग क्या होती है का मानना है कि शेयर बाजार का अधिकांश कारोबार डे ट्रेडिंग का ही होता है, लेकिन फिर भी सावधानी के साथ कारोबार करना चाहिए. शेयर का चुनाव करने के पहले बाजार का ट्रेंड जरूर देखना चाहिए. मार्केट के ट्रेंड के खिलाफ न जाएं. शेयर खरीदने के पहले यह तय करें कि किस भाव में खरीदना है और उसका लक्ष्य कितना है. स्टॉप लॉस जरूर लगाएं.
(Discliamer: हम यहां इंट्राडे कारोबार के बारे में जानकारी दे रहे हैं, न कि निवेश की सलाह. शेयर बाजार के अपने जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.)
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कम समय में चाहते हैं मोटा मुनाफा, तो आप ट्रेडिंग ऑप्शन पर लगा सकते हैं दांव
शेयर मार्केट में ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी से मोटा मुनाफा संभव है.
शेयर मार्केट के संबंध में अक्सर ट्रेंडिंग और निवेश शब्द सुनने को मिलते हैं. हालांकि, दोनों माध्यमों में निवेशकों का मकस . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : June 11, 2022, 14:52 IST
नई दिल्ली . शेयर मार्केट संबंधित चर्चा होते ही अक्सर ट्रेंडिंग और निवेश शब्द सुनने को मिलते हैं. कई लोग ट्रेडिंग और निवेश में फर्क नहीं कर पाते हैं. तो आपको बता दें कि ट्रेडिंग और निवेश के बीच सबसे अहम अंतर समय अवधि का है. निवेश की तुलना में ट्रेडिंग में समय अवधि काफी कम होती है. ट्रेडिंग कई प्रकार की होतीं हैं और ट्रेडर्स स्टॉक में अपनी पॉजिशन बहुत कम समय तक रखते हैं, जबकि निवेश वे लोग करते हैं, जो स्टॉक को वर्षों तक अपने पोर्टफोलियो में रखते हैं. अगर आप कम समय में मोटा मुनाफा चाहते हैं, तो ट्रेडिंग आपके लिए बेस्ट ऑप्शन साबित हो सकती है.
सिक्योरिटीज की खरीद-बिक्री की प्रक्रिया को ट्रेडिंग कहते हैं. फाइनेंसियल मार्केट की स्थिति और जोखिम के आधार पर ट्रेडिंग की विभिन्न स्ट्रेटेजी हैं. ट्रेडर्स अपने वित्तीय लक्ष्य के हिसाब से इनका चयन करते हैं. साथ ही विभिन्न प्रकार की ट्रेडिंग से जुड़े रिस्क और लागत को भी ध्यान में रखते हैं. आइए, यहां हम उन लोकप्रिय ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी की चर्चा करते हैं, जो अधिकतर ट्रेडर अपनाते हैं.
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इंट्राडे ट्रेडिंग
शेयर बाजार में महज 1 दिन के कारोबार में भी मोटा प्रॉफिट कमाया जा सकता है. दरअसल, बाजार में एक ही ट्रेडिंग डे पर शेयर खरीदने और बेचने को इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday trading) कहते हैं. इस स्ट्रेटेजी के तहत शेयर खरीदा तो जाता है, लेकिन उसका मकसद निवेश नहीं, बल्कि 1 दिन में ही उसमें होने वाली बढ़त से प्रॉफिट कमाना होता है. इसमें चंद मिनटों से ले कर कुछ घंटे तक में ट्रेडिंग हो जाती है. हालांकि, यह जरूरी नहीं कि इंट्रोडे ट्रेडर्स को हमेशा प्रॉफिट ही होता हो. ट्रेडर्स अपना ट्रेड शेयर मार्केट बंद होने से पहले बंद करते हैं और प्रॉफिट या लॉस उठाते हैं. इसमें तेजी से निर्णय लेना होता है.
पॉजिशनल ट्रेडिंग
पॉजिशनल ट्रेडिंग (Positional trading) स्टॉक मार्केट की एक ऐसी ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी है, जिसमें स्टॉक को लंबे समय तक होल्ड किया जाता है. इस स्ट्रेटेजी के तहत ट्रेडर्स किसी स्टॉक को कुछ महीने से लेकर कुछ साल तक के लिए खरीदते हैं. उसके बाद उस स्टॉक को बेच कर प्रॉफिट या लॉस लेते हैं. उनका मानना होता है कि इतनी अवधि में शेयर के दाम में अच्छी बढ़ोतरी होगी. निवेशक आमतौर पर फंडामेंटल एनालिसिस के साथ टेक्निकल ग्राउंड को ध्यान में रखकर फंडामेंटल एनालिसिस के साथ टेक्निकल को ध्यान में रखकर यह स्ट्रेटेजी अपनाते हैं.
स्विंग ट्रेडिंग
स्विंग ट्रेडिंग (Swing trading) में टाइम पीरियड इंट्राडे से अधिक होता है. कोई स्विंग ट्रेडर अपनी पॉजिशन 1 दिन से अधिक से लेकर कई हफ्तों तक होल्ड कर सकता है. बड़े टाइम फ्रेम में वोलैटिलिटी कम होने के साथ प्रॉफिट बनाने की संभावना ट्रेडिंग क्या होती है काफी अधिक होती है. यही कारण है कि अधिकतर लोग इंट्राडे की अपेक्षा स्विंग ट्रेडिंग करना पसंद करते हैं.
टेक्निकल ट्रेडिंग
टेक्निकल ट्रेडिंग (technical trading) में निवेशक मार्केट में मूल्य परिवर्तन की भविष्यवाणी करने के लिए अपने टेक्निकल एनालिसिस ज्ञान का उपयोग करते हैं. हालांकि, इस ट्रेडिंग के लिए कोई समय-सीमा निर्धारित नहीं है. इसमें पॉजिशन 1 दिन से लेकर कई महीने तक रखा जा सकता है. शेयर मार्केट में कीमतों में उतार-चढ़ाव को निर्धारित करने के लिए अधिकतर ट्रेडर्स अपने टेक्निकल एनालिसिस स्किल का उपयोग करते हैं. टेक्निकल एनालिसिस के तहत देखा जाता है कि किसी खास समय अवधि में किसी शेयर की कीमत में कितना उतार-चढ़ाव आया. इस अवधि में इसकी ट्रेड की गई संख्या में क्या कभी कोई बड़ा उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है.
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What is Paper Trading : पेपर ट्रेडिंग क्या होता है ?
Paper Trading एक ऐसी ट्रेडिंग है जिसमें आप बिना पैसे निवेश किए आप अपनी ट्रेडिंग स्किल है उसे चेक कर सकते हैं, इसमें आपको पैसा जो है वह निवेश करना नहीं होता है इसकी जगह में आपको Point मिलते हैं जिसकी मदद से आप शेयर को खरीद या बेच सकते हैं लेकिन अगर आपको इसमें Profit या Loss होता है तो ना तो आपको पैसे मिलते हैं और ना ही आपके पैसे जाते हैं Paper Trading का उपयोग हम जो हैैै वह अपनी लाइव मार्केट में अपनी ट्रेडिंग तकनीक का पता करने के लिए करते हैं !
How to Start Paper Trading पेपर ट्रेडिंग कहां से करें:-
भारत में बहुत से ऐप और ब्रोकर है जो है वह पेपर ट्रेडिंग जो है वह देते हैं इसमें से जो प्रमुख और निशुल्क है वह मनीकंट्रोल इसमें जो है आप निशुल्क में पेपर ट्रेडिंग जो है वह कर सकते हैं इसमें आपको किसी तरह का चार्ज नहीं देना पड़ता आपको केवल अपने जीमेल से अकाउंट बस बनाना होता है ! इसके अलावा आप Tradingview से भी Paper Trading कर सकते है, Tradingview से आप सभी तरह के Paper Trading कर सकते है !