बाजार आदेश

Updated Sun, 04 Sep 2022 01:15 AM IST
कृषि बाजार नेटवर्क – एगमार्कनेट
शेखपुरा जिले में शेखपुरा नाम से एजीमार्कनेट पोर्टल पर एक बाजार है। देश के थोक बाजारों को इलेक्ट्रॉनिक कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए मार्च 2000 में लॉन्च किया गया यह ऑनलाइन बाजार मूल्य रिक्रोड सिस्टम। इसका उद्देश्य किसानों, व्यापारियों, नीति निर्माताओं और अन्य हितधारकों को बाजार की जानकारी एकत्रित करना, विश्लेषण करना और प्रसार करना है। इस योजना के तहत 3200 से अधिक बाजार शामिल हैं और 2700 से अधिक बाजार एग्मार्कमार्क पोर्टल पर डेटा रिपोर्ट कर रहे हैं। इस योजना के तहत 350 से अधिक वस्तुओं और 2000 किस्में शामिल हैं।
अधिक जानने के लिए कृपया पोर्टल पर जाएं: http://agmarknet.gov.in
मोबाइल एप्लिकेशन डाउनलोड करें
कृषि बाजार नेटवर्क – एगमार्कनेट
इस योजना को विपणन निदेशालय द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है & amp; राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) से तकनीकी सहायता के साथ निरीक्षण और राज्य कृषि विपणन बोर्ड / निदेशालयों और एपीएमसी के सहयोग से।
कृषि उत्पादन के लिए मूल्य और आगमन इत्यादि के बारे में बाजार जानकारी उचित उत्पादन और विपणन निर्णय लेने वाले किसानों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। विपणन प्रणाली में परिचालन और मूल्य निर्धारण दक्षता दोनों हासिल करने के लिए पूर्ण और सटीक बाजार जानकारी का अस्तित्व और प्रसार महत्वपूर्ण है।
तेजी से संग्रह के लिए एक राष्ट्रव्यापी बाजार सूचना नेटवर्क स्थापित करने के लिए
बाजार की जानकारी और उसके कुशल और समय पर उपयोग के लिए डेटा के बेहतर मूल्य प्रसार से संबंधित जानकारी के संग्रहण और प्रसार की सुविधा के लिए। किसानों द्वारा प्राप्ति और बाजार का उपयोग। इसमें शामिल होगा:
1. बाजार से संबंधित जानकारी
2. मूल्य संबंधित जानकारी
3. बुनियादी ढांचा संबंधित जानकारी
4. बाजार की आवश्यकता से संबंधित जानकारी
विस्तार के वाहन के रूप में आईटी का उपयोग करके कृषि विपणन में नई चुनौतियों का जवाब देने के लिए किसानों को संवेदनशील बनाने और उन्मुख करने के लिए।
क्षेत्रीय विशिष्ट किसानों को अपनी स्थानीय भाषा में पहुंचने के लिए नियमित प्रशिक्षण और विस्तार के माध्यम से कृषि विपणन में दक्षता में सुधार करना।
देश में अच्छे विपणन प्रथाओं का माहौल बनाने के लिए घास के स्तर पर किसानों और अन्य बाजार कार्यकर्ताओं के प्रसार के लिए बाजार की जानकारी उत्पन्न करने के लिए विपणन अनुसंधान के लिए सहायता प्रदान करना
सरकारी विभागों और केंद्रीय एजेंसियों द्वारा लागू कृषि विपणन के संबंध में योजनाओं से संबंधित जानकारी। एक बार खेत के उत्पादन को मानकीकृत और लेबल किया जाता है, गुणवत्ता प्रमाणन द्वारा समर्थित, इसे सीधे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में स्पॉट एक्सचेंज पर बिक्री के लिए पेश किया जा सकता है।
एजीमार्कनेट पोर्टल कृषि विपणन से संबंधित विभिन्न संगठनों की वेबसाइटों का आकलन बाजार आदेश करने के लिए एक खिड़की के रूप में भी कार्य करता है। यह प्रमुख कृषि वस्तुओं के संबंध में महत्वपूर्ण बाजारों के लिए साप्ताहिक मूल्य प्रवृत्ति रिपोर्ट भी प्रदान करता है। यह महत्वपूर्ण वस्तुओं के लिए स्पॉट और भविष्य की कीमतें प्रदान करने के लिए ऑनलाइन एक्सचेंज पोर्टल से जुड़ा हुआ है। इस पोर्टल के माध्यम से विभिन्न कृषि वस्तुओं के अंतर्राष्ट्रीय मूल्य रुझान भी उपलब्ध हैं।
जिला स्तर कृषि अधिकारी
जिला कृषि कार्यालय, शेखपुरा
जिला कृषि कार्यालय, जवाहर नवोदय स्कूल के नजदीक, वीआईपी रोड, शेखपुरा -811105
स्थान : जिला कृषि कार्यालय, शेखपुरा | शहर : शेखपुरा | पिन कोड : 811105
फोन : 06341223304 | मोबाइल : 9431818750 | ईमेल : dao-she-bih[at]nic[dot]in
सख्ती से कार्रवाई न होने से धडल्ले से बिक रही: सिंगल यूज प्लास्टिक प्रतिबंध आदेश के बाद बाजार आदेश भी बाजार में बिक रही प्लास्टिक
सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग पर रोक लगने के तीन माह बाद भी शहर सहित पूरे जिले में इसका उपयोग हो रहा है। छोटे दुकानदार हो या बड़े व्यापारी सभी ग्राहकों को पॉलिथीन में ही सामग्री थमा रहे हैं। सबसे ज्यादा इसका उपयोग फल सब्जी, किराना विक्रेता कर रहे हैं। केंद्र सरकार की ओर से एक जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक को प्रतिबंध किया गया है साथ ही उल्लंघन करने पर सख्त सजा का प्रावधान है। इसके बाद भी सिंगल यूज प्लास्टिक के आइटम खुलेआम बिक रहे हैं। सजा का प्रावधान होने के बाद भी लोगों में इन आदेशों का कोई भय दिखाई नहीं दे रहा है। जिला प्रशासन, नगर पालिका सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रतिबंध के आदेश के उल्लंघन पर मूकदर्शक बना है।
प्रतिबंध आदेश जारी के बाद नगर पालिका द्वारा औपचारिक कार्रवाई कर दुकानों से पॉलीथिन जब्त की गई थी। जिसमें 20 से 30 किलो ही पॉलीथिन जब्त की गई। लेकिन इस बीच कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की गई। कुछ दिन ही बाजार में टीम नजर आई इसके बाद कार्रवाई बंद होने से फिर प्रतिबंधित प्लास्टिक का उपयोग शुरु हो गया। खासबात यह है कि नगर पालिका द्वारा एक भी थोक व्यापारी की दुकान गोदाम पर छापामार कार्रवाई नहीं की। कार्रवाई करने टीम किराना सहित अन्य दुकानों पर पहुंची इस बीच थोक व्यापारियों को सूचना मिलने पर गोदाम बंद कर दीं गईं।
कार्रवाई थमने के बाद फिर कारोबार शुरु हो गया। बता दें कि बकौली चौक, असाटी वार्ड, स्टेशन चौराहा के पास, धगट चौराहा, पुराना थाना के पास सहित अन्य स्थानों पर थोक विक्रेताओं के द्वारा सिंगल यूज प्लास्टिक का कारोबार किया जा रहा है। यदि यहां सख्ती से कार्रवाई की जाए तो बड़ी मात्रा में प्लास्टिक जब्त होगी। नगर पालिका सीएमओ भैयालाल सिंह का कहना है कि टीम के द्वारा कार्रवाई की जाती है पुन: टीम को निर्देश देकर कार्रवाई करवाते हैं।
एसडीओ ने बाजार समिति का किया निरीक्षण, दिया आदेश
सदर एसडीओ आरके दिवाकर ने मंगलवार को बाजार समिति परिसर का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने बातजार समिति में लगने वाली जाम का मुख्य रूप से जायजा.
सदर एसडीओ आरके दिवाकर ने मंगलवार को बाजार समिति परिसर का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने बातजार समिति में लगने वाली जाम का मुख्य रूप से जायजा लिया। उन्होंने पुल निर्माण विभाग द्वारा बनाये जा रहे दीवार व मुख्य गेट के कचरे की सफाई कराने व सड़क पर लगे बिजली के दो पोल को हटाने का आदेश बिजली विभाग को दिया। इसके अलाबे पीछे से बंद सड़क की मरम्मत कर चालू करने की सलाह दी। मौके पर व्यवसायी निर्मल केडिया, महावीर प्रसाद, आजाद राय आदि मौजूद थे।
kanpur dehat : मुंगीसापुर पशु बाजार के प्रबंधक के खिलाफ रिपोर्ट, डीएम के आदेश के बाद भी खोला था बाजार
कानपुर ब्यूरो
Updated Sun, 04 Sep 2022 01:15 AM IST
कानपुर देहात। डीएम के बंदी के आदेश के बाद भी शुक्रवार को मुंगीसापुर पशु बाजार लगाया गया था। इस मामले को प्रशासन ने गंभीरता से लिया है। इसकी खबर प्रकाशित होने के बाद सिकंदरा थाने की रसधान चौकी प्रभारी ने पशु बाजार के प्रबंधक अशोक कुमार के खिलाफ डीएम के आदेशों की अवहेलना व पशु क्रूरता व महामारी अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
लंपी वायरस के मद्देनजर डीएम नेहा जैन ने जिले के सभी पशु बाजार व हॉट अग्रिम आदेशों तक बंद रखे जाने के निर्देश दिए थे। पुलिस व प्रशासनिक अफसरों ने इस संबंध में नोटिस जारी कर सभी पशु बाजारों के प्रबंधकों को अवगत भी करा दिया था।
थाना प्रभारी समर बहादुर यादव ने मुंगीसापुर पशु बाजार के प्रबंधक अशोक कुमार को भी नोटिस देकर डीएम के आदेश से अवगत कराया गया था। इसके बाद भी शुक्रवार को मुंगीसापुर पशु बाजार लगा और पशुओं की खरीद-फरोख्त हुई।
इसकी खबर शनिवार के अंक में ‘बंदी का आदेश, फिर भी लगा पशु बाजार’ शीर्षक से खबर प्रमुखता से प्रकाशित की गई। इस पर पुलिस अफसरों ने इस मामले को गंभीरता ले लिया।
थाना प्रभारी ने बताया कि रसधान चौकी प्रभारी अवनीश कुमार वर्मा की तहरीर पर बाजार के प्रबंधक सिकंदरा के डुबकी गांव निवासी अशोक कुमार के खिलाफ पशु क्रूरता व महामारी अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज की गई है।
कानपुर देहात। डीएम के बंदी के आदेश के बाद भी शुक्रवार को मुंगीसापुर पशु बाजार लगाया गया था। इस मामले को प्रशासन ने गंभीरता से लिया है। इसकी खबर प्रकाशित होने के बाद सिकंदरा थाने की रसधान चौकी प्रभारी ने पशु बाजार के प्रबंधक अशोक कुमार के खिलाफ डीएम के आदेशों की अवहेलना व पशु क्रूरता व महामारी अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
लंपी वायरस के मद्देनजर डीएम नेहा जैन ने जिले के सभी पशु बाजार व हॉट अग्रिम आदेशों तक बंद रखे जाने के निर्देश दिए थे। पुलिस व प्रशासनिक अफसरों ने इस संबंध में नोटिस जारी कर सभी पशु बाजारों के प्रबंधकों को अवगत भी करा दिया था।
थाना प्रभारी समर बहादुर यादव ने मुंगीसापुर पशु बाजार के प्रबंधक अशोक कुमार को भी नोटिस देकर डीएम के आदेश से अवगत कराया गया था। इसके बाद भी शुक्रवार को मुंगीसापुर पशु बाजार लगा और पशुओं की खरीद-फरोख्त हुई।
इसकी खबर शनिवार के अंक में ‘बंदी का आदेश, फिर भी लगा पशु बाजार’ शीर्षक से खबर प्रमुखता से प्रकाशित की गई। इस पर पुलिस अफसरों ने इस मामले को गंभीरता ले लिया।
थाना प्रभारी ने बताया कि रसधान चौकी प्रभारी अवनीश कुमार वर्मा की तहरीर पर बाजार के प्रबंधक सिकंदरा के डुबकी गांव निवासी अशोक कुमार के खिलाफ पशु क्रूरता व महामारी अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज की गई है।
एनजीटी का आदेश: हाईस्कूल, हॉट बाजार, पंचायत भवन समेत 16 अतिक्रमण हटाने के निर्देश
गाडरवारा । नरसिंहपुर जिले की गाडरवारा तहसील के अंतर्गत चावरपाठा ब्लॉक में आने वाली ग्राम पंचायत लिलवानी में तालाब की जमीन में हुए अवैध अतिक्रमण को लेकर एनजीटी की जस्टिस शिवकुमार सिंह एवं एक्सपर्ट मेंबर अरुण कुमार वर्मा की सेंट्रल बैंच ने याचिकाकर्ता नागरिक उपभोक्ता मंच के मनीष शर्मा, पवन कौरव, सज्जाद अली की जनहित याचिका पर नरसिंहपुर कलेक्टर रोहित सिंह को तालाब की जमीन पर हुए 16 अवैध अतिक्रमण को 15 सितंबर तक तोडने के निर्देश जारी किए हैं । अब इस पूरे मामले में अगली सुनवाई 15 सितंबर को होगी । याचिकाकर्ताओं की ओर से इस पूरे मामले की सुनवाई एडवोकेट प्रभात यादव ने की है । याचिकाकर्ताओं ने यह याचिका 24 फरवरी 2022 को दायर की थी जिसपर एनजीटी ने 11 मार्च को जांच के आदेश दिए थे अब इस मामले में सोमवार 9 मई को एनजीटी ने 20 पेज का आदेश जारी कर पंचायत से पूछा था कि उसने किसकी अनुमति से तालाब की भूमि पर हाईस्कूल, पंचायत भवन, हॉट बाजार, सडक निर्माण का कार्य कर दिया पंचायत व प्रशासन एनजीटी के समक्ष बाजार आदेश संतोषप्रद जबाब नही दे पाया जिसके बाद 3 अगस्त को सुनवाई करते हुए एनजीटी ने नरसिंहपुर कलेक्टर को राजस्व अभिलेखों में दर्ज कुल भूमि का सीमांकन कर उसमे हुए समस्त अतिक्रमण को 15 सितंबर तक हटाने व भूमि को खाली कराने का आदेश दिया है वही 15 सितंबर को कार्यवाही की एक्शन टेकिन रिपोर्ट सबमिट करने का भी आदेश दिया है ।
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यह था पूरा मामला
लिलवानी ग्राम पंचायत में करीब 9 एकड जमीन तालाब के नाम राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज है वही कुछ जगह में तालाब भी बना हुआ है जिसे सकरा कर दिया गया था और इसी तालाब की जगह पर जिला पंचायत एवं ग्राम पंचायत लिलवानी द्वारा करोडों की लागत से स्कूल, पंचायत भवन, हॉट बाजार, मार्केट, सडक निर्माण, अन्य निर्माण कर दिए गए है जिनकी लागत करीब 5 करोड है और तालाब को सकरा कर छोटा आकर दे दिया गया है और जहाँ पर ये निर्माण कार्य कराए गए है वहा पर तालाब के पानी भराव की जगह को मिट्टी से भर दिया गया है जिसके बाद बिना पर्यावरण का ध्यान रखे करोडो के निर्माण कार्य शासन द्वारा ही तालाब की जमीन पर करा दिए गए है । वही कुछ आसपास की कैचमेंट एरिया की भूमि पर कुछ आसपास के किसानों का भी कब्जा था। तालाब पर हुए अतिक्रमण को हटाने ये याचिका दायर की गई थी ।
अधिकारियों से हो राशि की वसूली
करीब पांच करोड के निर्माण कार्य तालाब की भूमि पर बिना स्पॉट स्पेक्शन के कैंसे बना दिये गए ये सवाल आज भी खडा हो रहा है वही इतनी बडी गलती के बाद अब कोर्ट के आदेशों से ये बिल्डिंगें जिसमें पंचायत भवन, हॉट बाजार, सडक, शासकीय हाई स्कूल प्रशासन को तोडना पडेगा जो एक बडी क्षति होगी जिसकी वसूली जिम्मेदार अधिकारियों से की जानी चाहिए । याचिकाकर्ताओं का कहना है कि अतिक्रमण टूटने के पश्चात वो कोर्ट से मांग करेंगे कि नुकसान की भरपाई अधिकारियों से की जावे एवं प्रशासनिक कार्यवाही भी की जानी चाहिए ।