एमए क्या है?

खूब अवसर हिंदी में
जहां तक स्किल का सवाल है, तो छात्र को हिंदी ऑनर्स या एमए करते समय भाषा की अच्छी समझ जरूरी है। हिंदी भाषा और साहित्य का अध्ययन एक गहन पठन-पाठन की प्रक्रिया है। पढ़ने-लिखने, विचार करने और किसी भी सिद्धांत और उसके व्यावहारिक पक्ष को समझने का भरपूर मौका इस क्षेत्र में मिलता है।
इस संबंध में दिल्ली के सत्यवती कॉलेज के प्रोफेसर मुकेश मानस का कहना है कि इसमें कविता, कहानी के अलावा मीडिया, अनुवाद और रचनात्मक लेखन जैसी कई चीजें हैं, जो करियर बनाने में मदद करती हैं। हिंदी से ऑनर्स करने वालों को नौकरी के लिए कोई दिक्कत नहीं होती। वे विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में हो सकते हैं। ऐसे अनेक क्षेत्र हैं, जहां छात्र अपनी किस्मत आजमा सकते हैं, जैसे –
अध्यापन
हिंदी से बीए व बीएड करने के बाद स्कूलों में हिंदी अध्यापक की नौकरी मिल जाती है। कॉलेज के स्तर पर अध्यापन करने वाले छात्रों को एमए के बाद एमफिल और पीएचडी करने के बाद कॉलेज में प्रवक्ता का पद मिल जाता है। पीएचडी होल्डर कॉलेज व विश्वविद्यालय स्तर पर देश में कहीं भी लेक्चरर की नौकरी पा सकते हैं। अध्यापन के लंबे अनुभव पर वे रीडर व प्रोफेसर भी बन सकते हैं।
हिंदी से स्नातक करने वालों के लिए मीडिया एक बड़ा अवसर लेकर आया है। देश-विदेश में फैला यह जाल हिंदी के छात्रों को कई तरह से काम करने का अवसर प्रदान करता है। हिंदी भाषा पर अच्छी पकड़ होने के कारण छात्रों को पत्रकारिता के क्षेत्र में प्रवेश करने में आसानी होती है। स्टूडेंट्स बीए या एमए के बाद पत्रकारिता का डिप्लोमा या सर्टिफिकेट कोर्स कर सकते हैं। यह कोर्स करने के बाद किसी भी पत्र-पत्रिका में रिपोर्टर या उप संपादक बन सकते हैं।
भारत सरकार का करीब हर संस्थान अपने यहां से हिंदी में पत्र-पत्रिकाएं प्रकाशित करता है। इन पत्रिकाओं में प्रकाशन से लेकर संपादन तक में हिंदी के छात्रों की जरूरत पड़ती है। प्रिंट मीडिया के अलावा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में भी हिंदी जानने वालों को प्राथमिकता दी जाती है। इसके अलावा रेडियो में भी रोजगार के अनेक अवसर हैं।
पर्यटन
पर्यटन के क्षेत्र में भी इनके लिए रोजगार के अवसर हैं। इस क्षेत्र में बेहतर करने के लिए कल्चरल टूरिज्म मैनेजमेंट में भी डिप्लोमा कर सकते हैं।
फिल्म और टीवी सीरियल में भी आप अपनी किस्मत आजमा सकते हैं। यदि आपको शब्दों से खेलने में मजा आता है, तो आपको यहां भी काम मिल सकता है और आपकी कल्पना उड़ान भरती है, तो स्क्रिप्ट राइटर के तौर पर आप यहां कोशिश कर सकते हैं। इसके अलावा आप गीतकार भी बन सकते हैं।
हिंदी अधिकारी
हिंदी के छात्रों के लिए विभिन्न बैंक राजभाषा अधिकारी की नियुक्ति करते हैं। हिंदी भाषा अधिनियम का प्रावधान है कि सभी संस्थानों में हिंदी अधिकारी को रखना पड़ेगा। भारत सरकार व निजी संस्थान में हिंदी अधिकारी के रूप में काम करने का अवसर सामने आता है। देश-विदेश में सरकारी संस्थानों में हिंदी सलाहकार के रूप में भी काम करने का अवसर भी मिल सकता है।
अनुवादक
यदि आप किसी दूसरी भाषा पर पकड़ रखते हैं, तो अनुवादक भी बन सकते हैं। विभिन्न ट्रेवल एजेंसियां और सरकारी व निजी संस्थान ऐसे लोगों को मौका देते हैं। मीडिया के क्षेत्र में भी ऐसे लोगों की काफी डिमांड होती है। हिंदी का ज्ञान होने के साथ-साथ आपको अंग्रेजी का भी ज्ञान होना चाहिए। कर्मचारी चयन आयोग हर साल हिंदी अनुवादकों की भर्ती करता है।
विभिन्न प्रतियोगी परीक्षा
हिंदी से स्नातक करने के बाद विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होकर बैंक, न्यायिक सेवा, सिविल सर्विस और स्टेट सर्विस के अलावा रेलवे व बैंक आदि में भी नौकरी के बेहतर अवसर हो सकते हैं।
अन्य क्षेत्र
हिंदी भाषा और साहित्य के छात्र लिंग्विस्टिक का भी कोर्स कर सकते हैं और अच्छी नौकरी पा सकते हैं। इसके साथ ही अगर हिंदी में अच्छी पकड़ है, तो क्रिकेट कमेंटरी से लेकर फैशन जगत व एड एजेंसी और एनजीओ में भी करियर बनाया जा सकता है।
Career Guide: एमए के बाद कन्फ्युज है कि आगे क्या करें? तो आज ही जानें इन बेस्ट करियर ऑप्शन के बारे में
Career Guide for MA Students: मास्टर ऑफ आर्ट्स यानि एमए लगभग हर क्षेत्र के अभ्यर्थियों द्वारा चुना जा सकने वाला सबसे कॉमन डिग्री कोर्स है। यही कारण है, कि प्रतिवर्ष लाखों अभ्यर्थी अपनी रुचि के अनुरूप विषय चुनकर एमए करते हैं। अभ्यर्थी एमए कर तो लेते हैं, लेकिन अक्सर उन्हें ये पता नहीं होता, कि एमए करने के बाद वे किन-किन क्षेत्रों में आगे बढ़ सकते हैं। यदि आपने भी एमए किया है या आप एमए में प्रवेश लेने वाले हैं, तो यह लेख अवश्य आपके लिए लाभप्रद साबित होगा।
एमए के बाद अभ्यर्थी चुन सकते हैं इनमें से कोई एक ऑप्शन
मास्टर ऑफ आर्ट्स यानि एमए एक स्नातकोत्तर डिग्री प्रोग्राम है। आर्ट्स फील्ड के अभ्यर्थियों के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों के अभ्यर्थी भी एमए कोर्स को चुनते हैं। एमए के बाद अभ्यर्थी पीएचडी, नेट तथा व्याख्याता आदि ऑप्शन को चुन सकते हैं। इसके अतिरिक्त एमए उत्तीर्ण अभ्यर्थी किन-किन क्षेत्रों में अपना करियर बना सकते हैं, इसका विवरण जानने के लिए इस लेख को अंत तक पढ़ें।
एमए के बाद अभ्यर्थी निम्न करियर ऑप्शन को चुन सकते हैं-
[A] NET (Ph.D./JRF)
एमए उत्तीर्ण अभ्यर्थी नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट यानि नेट परीक्षा दे सकते हैं। इस परीक्षा के माध्यम से स्नातकोत्तर के पश्चात डॉक्टर ऑफ फ़िलॉसफ़ि (Ph.D.) तथा जूनियर रिसर्च फैलोशिप (JRF) के लिए अभ्यर्थियों की पात्रता तय की जाती है। पीएचडी/जेआरएफ़ के जरिये अभ्यर्थी अपने चुने गए विषय में रिसर्च कार्य कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त पीएचडी उत्तीर्ण अभ्यर्थी महा-विद्यालयों के शिक्षक पद (प्रवक्ता/व्याख्याता) के लिए भी आवेदन कर सकते हैं। ध्यान रहे, कि अभ्यर्थी केवल उसी विषय से पीएचडी/जेआरएफ़ कर सकते हैं, जो उन्होंनें स्नातकोत्तर के समय चुना था।
[B] M.Phil
मास्टर ऑफ फ़िलॉसफ़ि यानि एम फिल एक सबसे उन्नत स्नातकोत्तर डिग्री कोर्स माना जाता है। एमए उत्तीर्ण अभ्यर्थी एम फिल में प्रवेश ले सकते हैं। ध्यान रहे, कि अभ्यर्थी केवल एमए में चुने गए विषय से ही एम फिल कर सकते हैं, उन्हें कोई अन्य विषय चुनने की अनुमति नहीं होगी। एम फिल में प्रवेश लेने के लिए आवश्यक है, कि अभ्यर्थी नें एमए यानि स्नातकोत्तर में न्यूनतम 50% अंक प्राप्त किए हों।
[C] Become a PGT Teacher
यदि अभ्यर्थी एमए के बाद आगे और नहीं पढ़ना चाहते, तो वे इस करियर ऑप्शन को चुन सकते हैं। एमए उत्तीर्ण अभ्यर्थी माध्यमिक तथा उच्च माध्यमिक विद्यालयों के वर्ग 2 तथा वर्ग 1 शिक्षक पदों (कक्षा 9वीं से 12वीं तक) पर नियुक्ति के लिए आवेदन कर सकते हैं। इन नियुक्तियों के लिए अभ्यर्थी के पास स्नातकोत्तर डिग्री के साथ-साथ एलीमेंटरी एजुकेशन से संबन्धित कोई डिप्लोमा/डिग्री तथा टीईटी परीक्षा का प्रमाण पत्र होना भी आवश्यक है।
[D] Ad Hoc Lecturer/ Guest Teacher
एड-हॉक लेक्चरर या अतिथि शिक्षक किसी शिक्षण संस्थान में में कुछ समय के लिए कांट्रैक्ट बेसिस पर नियुक्त किए जाते हैं। ऐसे अभ्यर्थी जो एमए के बाद कुछ समय पढ़ाई से ब्रेक लेना चाहते हैं, ये ऑप्शन उनके लिए सबसे उचित ऑप्शन रहेगा। इस ऑप्शन के माध्यम से अभ्यर्थी एक छोटी समयावधि के लिए कार्य कर सकते हैं, जिससे उन्हें इनकम का सोर्स भी मिल जाए एवं भविष्य के लिए विचार करने का समय भी मिल जाए। इस ऑप्शन को चुनने का एक लाभ ये भी है, कि पीएचडी करने के इच्छुक अभ्यर्थी इसके जरिये जॉब करने के साथ ही साथ अपनी पीएचडी भी पूर्ण कर सकते हैं।
[E] Govt. Jobs
चूंकि एमए एक स्नातकोत्तर डिग्री कोर्स है, जाहिर सी बात है, कि अभ्यर्थी सभी स्नातक स्तरीय नियुक्तियों के लिए भी पात्र होंगे। यदि अभ्यर्थी एमए के बाद शासकीय सेवक बनने की अभिलाषा रखते हैं, तो वे स्नातक स्तर तक की सभी शासकीय नियुक्ति परीक्षाओं के लिए आवेदन कर सकते हैं। एमए उत्तीर्ण अभ्यर्थी नीचे उल्लेखित परीक्षाओं के लिए अपना आवेदन कर सकते हैं-
इतिहास में एमए
केंद्र में प्रवेश करने वाले छात्रों को (1) प्राचीन इतिहास या (2) मध्यकालीन इतिहास या (3) आधुनिक इतिहास में विशेषज्ञता के दौरान एक लोचदार कार्यक्रम की पेशकश की जाती है। अपनी विशेषज्ञता के पाठ्यक्रमों के साथ, छात्रों को सर्वेक्षण (ए) ऐतिहासिक इतिहास और ऐतिहासिक तरीकों और (बी) सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक संरचनाओं के व्यापक पैटर्न और प्राचीन, मध्यकालीन और अंतर्निहित संरचनात्मक परिवर्तनों के लिए बनाये गए चार सामान्य पाठ्यक्रमों का एक समूह प्रदान करना आवश्यक है। इसके अलावा, छात्रों को भारत (या गैर-भारतीय इतिहास) के अलावा अन्य देशों के इतिहास पर कम से कम दो पाठ्यक्रमों की पेशकश करना आवश्यक है।
इन अनिवार्य पाठ्यक्रमों के अलावा, छात्र ऐसे विकल्पों का उपयोग करके अपनी विशेषज्ञता के अलावा अन्य क्षेत्रों (1) अन्य भारतीय इतिहास के समय, और (2) अन्य केंद्रों में पाठ्यक्रम (संकाय की अनुमति के साथ) छात्र के क्षेत्र के हित और विशेषज्ञता के लिए प्रासंगिक विषयों में में पाठ्यक्रम चुन सकते हैं। छात्रों को विशेष रूप से उनके क्षेत्र विशेषज्ञता के लिए प्रासंगिक भाषा पाठ्यक्रम करने की सलाह दी जाती है।
एमए कार्यक्रम के छात्रों को पेश किए गए सभी पाठ्यक्रम चौथे और अंतिम सेमेस्टर में दो सेमिनार पाठ्यक्रमों को छोड़कर सभी व्याख्यान पाठ्यक्रम हैं । हर व्याख्यान पाठ्यक्रम में मूल्यांकन का 50 प्रतिशत परीक्षा एक सेमेस्टर के दौरान परीक्षा या शैक्षणिक में एक छात्र के प्रदर्शन पर निर्भर करता है, और पचास प्रतिशत अंतिम सेमेस्टर परीक्षा में निर्भर करंता है। कार्यक्रम के पाठ्यक्रम के एक हिस्से के रूप में छात्रों द्वारा स्वतंत्र लेखन के एक अच्छे व्यवहार की उम्मीद है।
अपने विशेषज्ञता का चयन
एमए (इतिहास) कार्यक्रम के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों को केवल एक ही विकल्प का प्रयोग करने की अनुमति है, जो कि प्राचीन या मध्यकालीन या आधुनिक है। अभ्यर्थियों को देखभाल के साथ अपने विशेषज्ञता का विशिष्ट चयन करना चाहिए; एक वर्ग से दूसरे में बदलना संभव नहीं है। प्रयोग किए गए विकल्प का स्पष्ट रूप से आवेदन पत्र में उपयुक्त कॉलम और परीक्षा हॉल में उम्मीदवारों को दिए गए उत्तर-पुस्तक के शीर्ष पर उल्लिखित किया जाना चाहिए। उम्मीदवार कृपया ध्यान दें कि एक से अधिक विकल्प रखने वाली उत्तर-पुस्तकों को अमान्य माना जाएगा। सेंटर फॉर हिस्टोरिकल स्टडीज में दूसरे एमए के लिए कोई आवेदन नहीं लिया जाएगा, जिन्होंने उन केंद्रों से एमए पूरा किया है, भले ही विशेषज्ञता की अवधि अलग-अलग हो।
प्रवेश परीक्षा
सीएचएस ने 2011 से अपनी एमए प्रवेश परीक्षा के तरीके को बदल दिया है। कुल 100 अंकों के प्रश्नपत्र को तीन भागों में बांटा गया है। छात्रों को सभी वर्गों के सवालों के जवाब देने की आवश्यकता है। भाग 1 में 30 अंक होंगे। यह अंग्रेजी में एक अवधारणा पैसेज होगा और उम्मीदवारों को दिए गए पैसेज के आधार पर छह प्रश्नों के उत्तर देने की आवश्यकता होती है। भाग 2 में 20 अंक होते हैं। इसमें सामाजिक विज्ञान और वर्तमान सम्बन्धों के अन्य सामयिक मुद्दों के व्यापक क्षेत्रों को कवर करने के 5 प्रश्न हैं। उम्मीदवारों को इस भाग से १ प्रश्न का उत्तर देने की आवश्यकता है। भाग 3 में 50 अंक होते हैं। इसमें 12 प्रश्न हैं जो एमए क्या है? इतिहास की विशिष्ट अवधि / क्षेत्रों को कवर करते हैं और उम्मीदवारों को इनमे से प्रश्न करने आवयश्क है।
पास होने वाले उम्मीदवारों से अनुरोध है कि वे जल्द से जल्द पंजीकरण करें ताकि वे शैक्षणिक प्रणाली का पूरा फायदा उठा सकें। छात्रों को संकाय के साथ उन्मुखीकरण की बैठक में भाग लेने के लिए भी अनुरोध किया जाता हैं। यह उन्हें पाठ्यक्रम की संरचना, मूल्यांकन की प्रणाली और केंद्र के नियमों और मानदंडों से परिचित करवाएगा। इस बैठक की तारीख अगस्त के पहले सप्ताह तक केंद्र के नोटिस बोर्ड पर लिखी जाएगी।
A warm welcome to the modified and updated एमए क्या है? website of the Centre for East Asian Studies. The East Asian region has been at the forefront of several path-breaking changes since 1970s beginning with the redefining the development architecture with its State-led development model besides emerging as a major region in the global politics and a key hub of the sophisticated technologies. The Centre is one of the thirteen Centres of the School of International Studies, Jawaharlal Nehru University, New Delhi that provides a holistic understanding of the region.
Initially, established as a Centre for Chinese and Japanese Studies, it subsequently grew to include Korean Studies as well. At present there are eight faculty members in the Centre. Several distinguished faculty who have now retired include the late Prof. Gargi Dutt, Prof. P.A.N. Murthy, Prof. G.P. Deshpande, Dr. Nranarayan Das, Prof. R.R. Krishnan and Prof. K.V. Kesavan. Besides, Dr. Madhu Bhalla served at the Centre in Chinese Studies Programme during 1994-2006. In addition, Ms. Kamlesh Jain and Dr. M. M. Kunju served the Centre as the Documentation Officers in Chinese and Japanese Studies respectively.
The academic curriculum covers both modern and contemporary facets of East Asia as each scholar specializes in an area of his/her interest in the region. The integrated course involves two semesters of classes at the M. Phil programme and a dissertation for the M. Phil and a thesis for Ph. D programme respectively. The central objective is to impart an interdisciplinary knowledge and understanding of history, foreign policy, government and politics, society and culture and political economy of the respective areas. Students can explore new and emerging themes such as East Asian regionalism, the evolving East Asian Community, the rise of China, resurgence of Japan and the prospects for reunification of the Korean peninsula. Additionally, the Centre lays great emphasis on the building of language skills. The background of scholars includes mostly from the social science disciplines; History, Political Science, Economics, Sociology, International Relations and language.
Several students of the centre have been recipients of prestigious research fellowships awarded by Japan Foundation, Mombusho (Ministry of Education, Government of Japan), Saburo Okita Memorial Fellowship, Nippon Foundation, Korea Foundation, Nehru Memorial Fellowship, and Fellowship from the Chinese and एमए क्या है? Taiwanese Governments. Besides, students from Japan receive fellowship from the Indian Council of Cultural Relations.
Career Options After BA: बीए किसी प्रोफेशनल कोर्स से नहीं है कम, मिलते हैं ये शानदार करियर ऑप्शन
Career Options After BA: देश में ज्यादातर छात्र 12वीं के बाद बीए (बैचलर ऑफ आर्ट्स) कोर्स करना पसंद करते हैं। यह एक प्रोफेशनल कोर्स भले ही न हो, लेकिन बीए के बाद युवाओं के पास ढेरों करियर ऑप्शन रहता है। युवा बीए करने के बाद आईए जैसे उच्च पद को भी हासिल कर सकते हैं।
- बीए के बाद युवाओं को मिलता है शानदार करियर विकल्प
- बीए के बाद कर सकते हैं कई तरह के शानदार प्रोफेशनल कोर्स
- सरकारी नौकरी की तैयारी के लिए बीए कोर्स को माना जाता है बेहतर
Career Options After BA: भारत में आज भी ज्यादातर छात्र 12वीं के बाद बीए (बैचलर ऑफ आर्ट्स) करते हैं। हालांकि करियर के लिहाज से इसे अन्य विकल्पों से कमतर आंका जाता है, लेकिन ऐसा नहीं है। बीए के बाद भी ढेरों कैरियर ऑप्शन मौजूद हैं। बीए के बाद आप शानदार सरकारी नौकरी के अलावा कई प्रोफेशनल कोर्स भी कर सकते हैं। अगर आपने भी बीए की पढाई की है और अब आपके समझ में नहीं आ रहा कि इसके आगे क्या करें? आगे कौन-सी पढाई करें या कहां पर जॉब पा सकते हैं तो यहां पर आपको सभी करियर ऑप्शन के बारे में पूरी जानकारी मिलेगी।
बैचलर ऑफ एजुकेशन (B.Ed)
अगर आपको बच्चों से लगाव और रूझान टीचिंग में है और आप इस फील्ड में अपना करियर बनाना चाहते हैं तो आप इस कोर्स को कर सकते हैं। इसे करने के लिए आपके पास बीए की डिग्री होना जरूरी है तथा यह 2 साल का कोर्स होता है। इसके बाद आप किसी भी प्राइवेट या सरकारी स्कूल में जॉब हासिल कर सकते हैं।
मास्टर ऑफ आर्ट (M.A)
बीए के बाद एमए करना सबसे पसंदीदा कोर्स में से एक है। यह एक पोस्ट ग्रैजुएट डिग्री लेवल प्रोग्राम हैं जो बीए के बाद किया जाता है। आप किसी पसंदीदा सब्जेक्ट या भाषा में एमए कर शानदार करियर बना सकते हैं। पत्रिकारिता, इतिहास, भूगोल, अंग्रेजी, हिंदी जैसे विषयों में एमए करने के बाद बेहतर करियर विकल्प मिलता है।
मास्टर ऑफ बिजनेस (MBA)
बीए के एमबीए करना भी एक पसंदीदा कोर्स है। इसमें छात्रों को बिजनेस से जुड़ी समस्याओं को हल करना और बिजनेस करने के तरीके सिखाए जाते है। यह कोर्स 2 साल का होता है। इस कोर्स को करने के बाद आप किसी भी प्राइवेट या पब्लिक सेक्टर में नौकरी कर सकते हैं इसमें काफी अच्छी सैलरी दी जाती है।
मास्टर ऑफ एजुकेशन (M.Ed)
टीचिंग के क्षेत्र में जाने के लिए यह एक पोस्ट ग्रेजुएशन डिग्री है। इसकी समय अवधि 2 वर्ष की होती है। यह डिग्री हासिल करने वाले लोगों की एजुकेशन के फील्ड में काफी डिमांड रहती है।
बैचलर ऑफ लॉ (L.L.B)
बीए करने के बाद छात्र चाहें तो एल एल बी की पढ़ाई कर सकते हैं। एलएलबी के बाद आप न्यायपालिक के क्षेत्र में शानदार करियर बना सकते हैं। अगर आपकी रुचि जज बनने की है तो आप आगे की पढ़ाई भी कर सकते हैं।
अन्य प्राफेशनल कोर्स
बीए के बाद आप कई तरह के प्रोफेशनल डिप्लोमा कोर्स, होटल मैनेजमेंट कोर्स, फैशन डिजाइनर कोर्स, बेसिक ट्रेनिंग सर्टिफिकेट कोर्स, बेसिक स्कूल ट्रेनिंग जैसे कोर्स कर अच्छा करियर बना सकते हैं।
बीए के बाद सरकारी नौकरी
बीए करने के बाद लोगो की पहली पसंद सरकारी नौकरी होती हैं। ज्यादातर लोग बीए के साथ ही सरकारी नौकरी की तैयारी शुरू कर देते हैं। बीए करने के बाद सरकारी क्षेत्र में निकलने वाली जॉब वैकेंसी एग्जाम में बैठ सकते हैं। जैसे-यूपीएसी, बैंकिंग, रेलवे, पुलिस, आर्मी व अन्य सरकारी जॉब। ज्यादातर में एजुकेशन क्वालीफिकेशन ग्रेजुएशन ही मांगा जाता है।
एमए Meaning in English - Emae Meaning in Hindi
This page is about English Meaning of एमए to answer the question, "What is the Meaning of एमए in English, (एमए ka Matlab kya hota hai English me)?". जाने एमए का मतलब क्या होता है हिंदी में इस पृष्ठ पर, एमए kise kahte hai, एमए kya hai, एमए kya hota hai, एमए नाम मीनिंग, एमए Naam ka Matlab, एमए Nam Arth, एमए Name Meaning, Kyo, kya, kab, kaise, kaun, kha, kaha, naam mean words word shabd arth, kitna, kidhar, kisne, kisase, kisliye
Emae जानें एमए Emae Meaning in English Hindi , what is meaning of emae ka Matlab kya hai क्या है kise kahte hai किसे कहते हैं एमए की परिभाषा और उदाहरण Emae kya hai EMAE kya hota hai EMAE matlab kya hota hai EMAE ka arth अर्थ एमए Meaning in English, एमए in English, एमए Translate, what is meaning of एमए in English, ka Matlab English Me एमए ka Matlab Hindi Me एमए Meaning in हिंदी, paryavachi vilom shabd पर्यावाची विलोम शब्द Shabd ka Arth ka English ka Hindi MTLB
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Important Dictionary Terms
which - कौन कौन से kaun kaun se, जो , If, कौन | which one - कौनसा kaun sa | which is - जो है jo hai | whichever - इनमें से जो एमए क्या है? भी inamen se jo bhi कोई भी koi bhi, any, whichever, anybody जो जो, whatever, whatsoever, whichever, whoever | what - क्या kya, जो that, what, जो वस्तु, कैसा kaisa, of what sort, की तरह, के रूप में, जब कि as till what, की भांती, कितना kitna how, जो कुछ kuchh, whatever, whatsoever | how - किस तरह kis tarah, कैसे kaise, how, whence, where, किस प्रकार kis prakar | whose - किसका kiska, जिसका jiska, whereof, जिस किसी का jis kisi ka | who - कौन kaun | whom - किसको kisko, किसे kise, जिसे jise, जिसको jisko where - कहा पे kaha pe, जहां jahan, कहां kahan, जिस जगह jis jagah, किस जगह, किधर kidhar | when - कब kab, जब कि jab ki, किस समय kis samay, उस समय us samay | why - क्यूं कर kyu kar, क्यों kyo, किस लिये kis liye, किस कारण से kis karan se whence | why not - क्यों नहीं kyon nahin | why is that - ऐसा क्यों है aisa kyon hai | whether and whatsoever - चाहे और जो भी हो chahe aur jo bhi ho | meaning - अर्थ, मतलब, प्रयोजन, माने arth, matalab matlab mtlb, एमए क्या है? prayojan, maane mane, व्याख्या, विवेचन, vyakhya, vivechan, Interpretation, significance, महत्व, महत्ता, अभिप्राय abhipray, signification, तात्पर्य tatpary, अभिप्राय, शब्द shabd, परिभाषा paribhasha, definition, term, explanation | ko kya bolte hai क्या बोलते हैं, ka ulta sabd h उल्टा Reverse प्रतिलोम, pratilom, pratilom, उलटा opposite अपोजिट apojit, synonyms समानार्थक शब्द, पर्यायवाची paryayavachi, Ko kya kahege kahenge को क्या कहेंगे, me kya kehte kahte hai में क्या कहते हैं , hote h