तकनीकी विश्लेषण का आधार

लागत औसत

लागत औसत
भविष्य की फाइनेंशियल जरूरतों को पूरा करने के लिए आपको अभी से समझदारी से छोटे कदम उठाने चाहिए. (फाइल फोटो)

Climate Change: मुंबई पर मंडरा रहा बड़ा खतरा, अरब सागर में डूब जाएंगे ये हिस्से

मुंबई पर बड़ा ख़तरा मंडरा रहा है. समंदर में मुंबई का एक बड़ा हिस्सा डूब सकता है.

Copyright © 2022. INDIADOTCOM DIGITAL PRIVATE LIMITED. All Rights Reserved.

MP Board class 12th economics half yearly paper solution 2022-23 || कक्षा 12वीं अर्थशास्त्र अर्धवार्षिक पेपर संपूर्ण हल 2022

(iv) बाजार में एक वस्तु के क्रेता-विक्रेताओं की अधिक संख्या किस प्रकार के बाजार की विशेषता है?

(v) वस्तु की पूर्ति किसके द्वारा की जाती है?

(vi) साधनों की मांग किस प्रकार की मांग होती है?

(vii) कुल संप्राप्ति (आगम) का सूत्र लिखिए।

प्रश्न 6. व्यष्टि अर्थशास्त्र किसे कहते हैं? (2)

अर्थव्यवस्था का अर्थ लिखिए।

प्रश्न 7. आदर्शक अर्थशास्त्र किसे कहते हैं? (2)

पूंजीवादी (बाजार) अर्थव्यवस्था किसे कहते हैं?

प्रश्न 8. कुल उपयोगिता किसे कहते हैं? (2)

सीमांत उपयोगिता का अर्थ लिखिए।

प्रश्न 9. बजट रेखा किसे कहते हैं? ‌ (2)

प्रश्न 10. अल्पकाल किसे कहते हैं? (2)

प्रश्न 11. पैमाने के प्रतिफल किसे कहते हैं? (2)

कुल उत्पादन का अर्थ लिखिए।

प्रश्न 12. सामान्य लाभ किसे कहते हैं? (2)

असामान्य लाभ का अर्थ लिखिए।

प्रश्न 13. पूर्ति का नियम लिखिए? (2)

पूर्ति की लोच का अर्थ लिखिए।

प्रश्न 14. बाजार के प्रमुख तत्व लिखिए? (2)

प्रश्न 15. उच्चतम निर्धारित कीमत किसे कहते हैं? (2)

निम्नतम निर्धारित कीमत किसे कहते हैं?

प्रश्न 16. पूरक वस्तुएं किसे कहते हैं? उदाहरण दीजिए। (3)

सीमांत उपयोगिता को उदाहरण सहित समझाइए।

प्रश्न 17. औसत लागत वक्र U आकार के क्यों होते हैं? कारण दीजिए। (3)

पैमाने के ह्मासमान प्रतिफल को समझाइए।

प्रश्न 18. पूर्ण प्रतियोगिता की तीन विशेषताओं को समझाइए। (3)

एक फर्म की पूर्ति वक्र को निर्धारित करने वाले तीन तत्वों को लिखिए।

प्रश्न 19. अधिमांग तथा अधिपूर्ति में अंतर समझाइए। ‌ (3)

बाजार मूल्य निर्धारण को चित्र द्वारा समझाइए।

प्रश्न 20. ह्मासमान सीमांत उत्पादन नियम या परिवर्ती अनुपात नियम को चित्र द्वारा समझाइए। (4)

मांग की कीमत लोच की विभिन्न श्रेणियों की व्याख्या कीजिए।

प्रश्न 21. भुगतान शेष से क्या अभिप्राय है? इसके घटकों के नाम लिखिए। (4)

भुगतान शेष सदैव संतुलन में रहता है वर्णन कीजिए?

प्रश्न 22. घाट के बजट का क्या आशय है? इसके अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभावों की विवेचना कीजिए। (4)

सार्वजनिक वस्तु सरकार के द्वारा ही क्यों प्रदान की जानी चाहिए? समझाइए।

प्रश्न 23. सीमांत लागत केवल परिवर्तनशील लागत पर निर्भर है। क्या आप सहमत हैं? क्यों? (4)

निम्नलिखित तालिका श्रम का कुल उत्पादन अनुसूची को प्रदर्शित करती है। इसके आधार पर सीमांत उत्पादन अनुसूची बनाइए।

गर्दन तोड़ और तना खाने वाले कीट ने बिगाड़ दिए किसानों के समीकरण

गर्दन तोड़ और तना खाने वाले कीट ने बिगाड़ दिए किसानों के समीकरण

ग्वालियर। जिले में किसानों ने 1 लाख 10 हजार हैक्टेयर कृषि भूमि में धान की फसल रोपी थी। जुलाई से शुरू हुई बोवनी के बाद अगस्त तक धान रोपने के बाद जब मेहनत वसूलने का समय आया तो गर्दन तोड़ और तना छेदक रोग ने सारे समीकरण बिगाड़ दिए। 50 प्रतिशत से अधिक किसानों के खेतों में धान की पैदावार 6 से 8 क्विंटल प्रति बीघा की बजाय 2.5 क्विंटल से लेकर 3.5 क्विंटल प्रति बीघा तक ही पैदावार है। किसान को प्रति बीघा 10 हजार रुपए तक नुकसान हुआ है। एक बीघा में जो आमदनी 36 हजार रुपए तक होना चाहिए थी, वह अभी 15 हजार से 18 हजार रुपए पर सिमट गई है। किसान ने धान का जो बीज 12 हजार रुपए प्रति क्विंटल तक खरीदा था, वही धान उपज के बाद अब 3 हजार रुपए के आसपास मंडी में व्यापारी खरीद रहे हैं। व्यापारियों द्वारा किए जा रहे इस शोषण के बाद अब किसान फिर से खरीफ की बोवनी की तैयारी में लगा है।


उल्लेखनीय है कि रबी सीजन में किसानों ने 1 लाख 10 हजार हैक्टेयर में बासमती की पांच किस्मों सहित अन्य धान लगाई थी। इसके अलावा 13500 हैक्टेयर में ज्वार, 400 हैक्टेयर में मक्का, 20 हजार हैक्टेयर में बाजरा, 500 हैक्टेयर में अरहर, 500 हैक्टेयर में मंूग, 19 हजार हैक्टेयर में उड़द, 1050 हैक्टेयर में मंूगफली, 19 हजार 50 हैक्टेयर में तिल और 2 हजार हैक्टेयर में सोयाबीन की फसलें बोई थीं। इन फसलों में से धान की फसल को पकने के समय कीट ने खासा नुकसान पहुंचाया है। जबकि ज्वार और बाजरा को सितंबर के आखिरी और अक्टूबर के पहले सप्ताह में हुई बारिश से नुकसान पहुंचा है। इससे बाजरा और ज्वार की उपज पर भी विपरीत प्रभाव पड़ा है।


इतना लगाई थी किसान ने लागत
यह होता है खर्च
-12 हजार रुपए प्रति क्विंटल तक स्तरीय बीज
-800 से 1 हजार रुपए प्रति बीघा संघा (जमीन में पानी भरकर मिट्टी को मुलायम करना) में
-1800 से 2000 रुपए तक प्रति बीघा पौध रोपने में
-900 रुपए प्रति बीघा एक बार की दवा में
-7000 रुपए लागत प्रति बीघा 25 किलो यूरिया और 10 किलो डीएपी खाद में
-1200 रुपए प्रति बीघा फुटान (पौधे को विकसित करना) लागत औसत की दवा में
-2000 से 3000 रुपए प्रति बीघा दूसरी बार खाद का छिड़काव करने में
-8 हजार रुपए प्रति बीघा की दवा तना लागत औसत छेदक, गर्दन तोड़ से रोकथाम और दाने में चमक के लिए


समझें नुकसान का गणित
-कृषि विभाग के मानक के हिसाब से प्रति बीघा 5 से 6 क्विंटल धान तक होना चाहिए। जबकि किसानों के अनुसार अच्छी लागत लगाए जाने पर 12 क्विंटल धान तक हो सकती है। प्रति बीघा धान की लागत 21 हजार रुपए तक पहुंची है। किसान के हिसाब से धान का औसत कम निकलने की वजह से लागत औसत पैदावार लागत से भी कम यानि 18 से 20 हजार रुपए तक हुई है।


वर्सन
-हमने बीस बीघा में बासमती की 1718 और सुगंधा धान लगाई थी। धान की देखभाल में पिछले वर्ष की बजाय इस वर्ष लागत तो ज्यादा लगी लेकिन जब काटने का वक्त आया तो गर्दन तोड़ और तना छेदक कीट ने फसल में काफी नुकसान पहुंचाया है। धान की पैदावार मुश्किल से ढाई क्विंटल प्रति बीघा हुई है। जबकि सामान्य स्थिति में 6 क्विंटल तक होती है।
अरविंद सिंह गुर्जर, निवासी-सिरसा


-करीब 35 बीघा धान ठेके पर थी और 20 बीघा के आसपास खुद की जमीन पर लगाई थी। पकने से पहले ही रोग दिखने लगा था। कीट पर नियंत्रण के लिए दवा डाली थी। इसके बाद भी लगभग 30 फीसदी धान में नुकसान हुआ है। धान की पैदावार इस बार पिछले वर्ष की अपेक्षा कम हुई है।
राजेन्द्र सिंह राणा, निवासी-पठा-पनिहार


एक्सपर्ट कमेंट
-रबी के सीजन में आखिरी समय पर किसानों को सलाह तो दी गई थी। यह कीट पकने के समय ही फसलों में लगता है। इसकी दवा अगर धान में दाना पड़ते समय ही दे दी जाती तो उपज पर विपरीत प्रभाव कम पड़ता। कीट की वजह से यह बीमारी बासमती की सुगंधा और 1718 किस्मों में ज्यादा होने की जानकारी मिली है। जबकि 1121, 1509 किस्मों को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ। अब खरीफ की तैयारी कर रहे किसानों को सबसे पहले बीजोपचार करना बहुत जरूरी है। खाद की मात्रा का संतुलन रखना जरूरी है। किसान ज्यादा खाद डाल देता है उससे प्राकृतिक क्षमता में कमी आती है और जब पौधे बड़े होते हैं तो फिर रोग आने की संभावना बनने लगती है। परंपरागत खेती में बीजोपचार, खाद की सही मात्रा और रोग नियंत्रण के लिए प्राकृतिक और रासायनिक उपचार करना जरूरी है।
एमके शर्मा, सेवानिवृत, उप संचालक कृषि

-धान की फसल में थोड़ा सा नुकसान आखिरी समय में आई बारिश से हुआ था। कुछ पॉकेट्स में कीट की वजह से पौधे प्रभावित हुए थे। इसका प्रभाव पैदावार पड़ा है। हांलांकि, इस समय धान का भाव बेहतर है और किसानों को धान ने लाभ दिया है। अभी खरीफ की बोवनी के बाद फसल स्टेब्लिश हो जाए, उसके बाद किसानों को फसल की बीमारियों के संंबंध मेंं प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि समय रहते किसान उपचार कर सकें।
आरएस शाक्यवार, उप संचालक-कृषि

Top 5 Investment Options: अपने बच्चों को दें सुरक्षित भविष्य का तोहफा, इन 5 विकल्पों में करें निवेश

बच्चे के फ्यूचर को सुरक्षित रखने के लिए सबसे पहले आपको उनकी उम्र और जीवन के लक्ष्य के आधार पर निवेश स्कीम का चयन करना चाहिए. इसके साथ ही रेगुलर तौर पर निवेश पोर्टफोलियो की समीक्षा करनी चाहिए.

Top 5 Investment Options: अपने बच्चों को दें सुरक्षित भविष्य का तोहफा, इन 5 विकल्पों में करें निवेश

भविष्य की फाइनेंशियल जरूरतों को पूरा करने के लिए आपको अभी से समझदारी से छोटे कदम उठाने चाहिए. (फाइल फोटो)

Top 5 Investment Options: निवेश के कई लक्ष्य हो सकते हैं, जैसे घर या कार खरीदना या अपने बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करना हो सकता है, ताकि वे आसानी से अपने जीवन का सफर तय कर सकें. निवेश की शुरुआत जल्दी करनी चाहिए. साथ ही लागत औसत बच्चों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए निवेश में विविधता लाना भी जरूरी है. आज हम आपको निवेश के 5 ऐसे तरीकों के बारे में जानकारी दे रहे हैं, जिनमें निवेश कर आप अपने बच्चों के भविष्य को सुनिश्चत और सुरक्षित कर सकते हैं.

स्मॉल सेविंग स्कीम

सुकन्या समृद्धि योजना (एसएसएस), पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ), नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (एनएससी) जैसी छोटी बचत स्कीम्स में कम जोखिम के साथ लंबे समय में एक अच्छा रिटर्न दे सकती हैं. ये छोटी बचत योजनाएं उच्च स्तर की सुरक्षा और लंबी अवधि में अच्छा रिटर्न प्रदान करती हैं. आप अपने बच्चों की उम्र और फाइनेंशियल गोल्स के हिसाब से एक छोटी बचत योजना चुन सकते हैं. उदाहरण के तौर पर अगर आप 10 साल से कम उम्र की बेटी की शादी के लिए निवेश की योजना बना रहे हैं, तो आप सुकन्या समृद्धि योजना में लागत औसत निवेश कर सकते हैं. अगर आप किसी बच्चे की हायर एजुकेशन के लिए निवेश करना चाहते हैं, तो आप पीपीएफ, एनएससी और पोस्ट ऑफिस एफडी में निवेश कर सकते हैं.

Better than Post Office! पोस्ट ऑफिस से ज्यादा रिटर्न दे रहे ये 5 बैंक, एफडी पर सीनियर सिटिजन को 9% तक ब्याज

New Fund Offer: महिंद्रा मनुलाइफ म्यूचुअल फंड ने लॉन्च किया स्मॉल कैप फंड, 5 दिसंबर तक कर सकते हैं निवेश

SBI Reverse Mortgage Loan: सीनियर सिटिजन के लिए एसबीआई का खास प्लान, रिवर्स मॉर्गेज लोन के जरिए पा सकते हैं अतिरिक्त इनकम, चेक डिटेल

इक्विटी म्यूचुअल फंड

इक्विटी म्यूचुअल फंड आपके बच्चे के लिए किये गए निवेश पोर्टफोलियो पर आरओआई बढ़ाने में आपकी मदद कर सकता है. इक्विटी म्यूचुअल फंड में आपको ज्यादा रिटर्न मिलता है. हालांकि इसमें निवेश पर जोखिम भी ज्यादा होता है. इसलिए आप लॉन्ग टर्म के गोल्स को हासिल करने के लिए इक्विटी फंड का विकल्प चुन सकते हैं. जोखिम कम करने और रुपये की औसत लागत का फायदा पाने के लिए एसआईपी एक अच्छा विकल्प हो सकता है. इक्विटी फंड में निवेश करते समय अलग-अलग म्यूचुअल फंड कंपनियों और इक्विटी फंड की डिफरेंट कैटेगरी में निवेश को विविधता दें सकते हैं. उदाहरण के तौर पर आप मिड टू लॉन्ग टर्म अवधि के गोल्स के लिए लार्ज-कैप और लंबी लागत औसत अवधि के लक्ष्यों के लिए स्मॉल और मिड-कैप फंड में निवेश कर सकते हैं.

रिकरिंग और फिक्स्ड डिपॉजिट

अपने बच्चों के भविष्य के लिए निवेश करते समय आपको एक इमरजेंसी फंड बनाना चाहिए, जिसका इस्तेमाल आप अपने बच्चे से संबंधित फाइनेंशियल इमरजेंसी के हालातों में कर सकते हैं. उदाहरण के तौर पर आपको एजुकेशन लोन लेते समय फंडिंग गैप को पाटने के लिए एक इमरजेंसी फंड की जरूरत हो सकती है. अगर आप किसी हेल्थ इमरजेंसी की स्थिति में फंस गए हैं और वहां पर कैशलेस इंश्योरेंस क्लेम उपलब्ध नहीं है, तो मेडिकल बिलों का भुगतान करने के लिए और ऐसी कई स्थितियों से निपटने के लिए इमरजेंसी फंड को बनाए रखने के लिए आप एफडी में निवेश कर सकते हैं. अगर आप अगले कुछ सालों में धीरे-धीरे इमरजेंसी फंड बनाने की योजना बना रहे हैं, तो आप बैंक आरडी में निवेश कर सकते हैं. मौजूदा समय में बैंक डिपॉडिट पर ब्याज दर ऊपर की ओर बढ़ रही है, इसलिए आप कम मैच्योरिटी वाली FD स्कीम को चुन सकते हैं या FD लैडरिंग के विकल्प को चुन सकते हैं. आरडी या एफडी आपको उच्च स्तर की liquidity प्रदान कर सकते हैं, जो इमरजेंसी फंड का प्रबंधन करते समय जरूरी है.

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB)

पिछले कई सालों में सोना मुद्रास्फीति के खिलाफ सबसे अच्छे बचाव विकल्प के रुप में उभरकर सामने आया है. आप सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के माध्यम से सोने में निवेश कर सकते हैं, क्योंकि वे आपको MRP और पूंजी वृद्धि पर लगभग 2.5% सालाना के हिसाब से ब्याज देते हैं. एसआईपी मोड के जरिए निवेश करने के लिए आप गोल्ड ईटीएफ में निवेश कर सकते हैं.

यूलिप में निवेश

आप यूनिट लिंक्ड इन्वेस्टमेंट प्लान (ULIP) में निवेश कर सकते हैं, जबकि जोखिम लेने की क्षमता और रिटर्न की आवश्यकता के साथ डेट और इक्विटी हिस्से में आवंटन का चयन किया जाता है. यूलिप में धारा 80सी के तहत लाइफ इंश्योरेंस और टैक्स बेनिफिट्स मिलते हैं. यूलिप लंबी अवधि और उससे जुड़े की बेनिफिट्स के लिए निवेश का एक शानदार विकल्प हो साबित हो सकता है.

इन बातों का रखें ध्यान

अपने बच्चे के फ्यूचर को सुरक्षित रखने के लिए सबसे पहले आपको उनकी उम्र और जीवन के लक्ष्य के आधार पर निवेश स्कीम का चयन करना चाहिए. इसके साथ ही रेगुलर तौर पर निवेश पोर्टफोलियो लागत औसत की समीक्षा करनी चाहिए. मुद्रास्फीति, लक्ष्य परिवर्तन, जोखिम उठाने की क्षमता आदि जैसे कारकों के साथ तालमेल बिठाना चाहिए.

बैंक बाजार.कॉम के सीईओ आदिल शेट्टी के मुताबिक जब आपके बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने की बात आती है, तो आपको अपने फाइनेंशिल गोल्स जैसे उनकी शिक्षा, शादी आदि को ध्यान में रखते हुए इंवेस्टमेंट प्लानिंग करनी चाहिए. बाद में फाइनेंशियल टेंशन से बचने के लिए इन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए अभी से छोटे कदम उठाना समझदारी है. उन्होंने कहा कि आप अपने फाइनेंशियल गोल को हासिल करने के लिए छोटे, मासिक चरणों में बांटा जा सकता है. ये कदम अनिवार्य रूप से म्यूचुअल फंड एसआईपी हैं. इंडेक्स फंड एसआईपी भी लंबी अवधि में बाजार से जुड़े रिटर्न प्राप्त करने का एक शानदार तरीका है, जो आपको अपने बच्चे के कॉलेज फंड बनाने जैसे मुश्किल गोल्स को पूरा करने में मदद कर सकता है. आप अपने लक्ष्यों और जोखिम उठाने की क्षमता के आधार पर इक्विटी फंड चुन सकते हैं. जैसे-जैसे आप लक्ष्य के करीब आते जाते हैं, वैसे-वैसे आप बांडों में भी विविधता ला सकते हैं. किसी भी लंबी अवधि के लक्ष्य के लिए निवेश करते समय मुद्रास्फीति का अनुमान लगाना न भूलें.

बच्चों के निवेश पोर्टफोलियो में पर्याप्त रूप से विविध होनी चाहिए और अगर आपको अपने बच्चे के लिए निवेश की योजना बनाने में मदद की ज़रूरत है, तो बेझिझक किसी भी रजिस्टर्ड फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह लेनी चाहिए.

रेटिंग: 4.78
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 819
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *