शेयर मार्केट में शेयर कब ख़रीदने चाहिए

स्टॉक एक्सचेंज में 2 तरह के मार्केट या एक्सचेंज होते हैं. पहला है ‘नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (शेयर मार्केट में शेयर कब ख़रीदने चाहिए NSE)’ और दूसरा है ‘बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE)’.
Yes Bank का शेयर प्राइस क्या कभी 50 रुपए या उससे आगे निकल पाएगा?
कई लोगों का मानना है कि यस बैंक (NS:YESB) का स्टॉक यहां से 50 या 100 रुपए तक आसानी से पहुंच सकता है। हाल के दिनों में, यस बैंक के शेयर ने 400 रुपए के आसपास कारोबार किया है। बैंक का बिजनेस साइज अभी शेयर मार्केट में शेयर कब ख़रीदने चाहिए भी बड़ा है और एक बड़ा बैंक एक-एक पैसे की कीमत पर कारोबार कर रहा है। इसलिए, यह मौजूदा स्तरों पर बेहद सस्ता है।
Investing.com के इस विशलेषण से जानने की कोशिश करते हैं कि ये कितना सस्ता है और निकट भविष्य में ये 50 रुपये या उससे ज्यादा तक पहुंच सकता है या नहीं?
मौजूदा शेयर होल्डर्स के स्वामित्व का तेजी से कमजोर होना
2020 में, यस बैंक ने 2 गुना फंड जुटाने की गतिविधि को अंजाम दिया। फंड जुटाने का ये पैमाना छोटा नहीं था। 2020 के दौरान, बैंक ने इनवेस्टर्स को 10 से 13 रुपए की रेंज के बीच 2,000 करोड़ से ज्यादा नए शेयर जारी किए।
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यस बैंक में कोई भी प्रमोटर नहीं बचा है, जो बैंक में इसके स्वामित्व, मौजूदा शेयर होल्डर्स के स्वामित्व के निरंतर कमजोर पड़ने और बैलेंस शीट पर बकाया शेयरों में भारी बढ़ोतरी की परवाह कर शेयर मार्केट में शेयर कब ख़रीदने चाहिए सके। अभी तक, ये सब बातें बैंक के वर्तमान मैनेजमेंट के लिए मुख्य चिंता का विषय नहीं हैं। वर्तमान में, मैनेजमेंट का मुख्य उद्देश्य कामकाज को स्थिर करना और बिजनेस में जोखिम कम करना है।
10-13 रेंज के बीच जारी किए गए ज्यादातर नए शेयर
इक्विटी शेयरों का एक बड़ा ढेर होने से केवल मार्केट शेयर मार्केट में शेयर कब ख़रीदने चाहिए कैपिटल ही प्रभावित नहीं होता है, बल्कि ये बाजार में शेयर्स की सप्लाई को भी प्रभावित करता है। अगर यस बैंक का शेयर 25-30 रुपए के दायरे में ट्रेडिंग करना शुरू करता है, तो जिन लोगों को 10 से 13 रेंज के बीच शेयर अलॉट किए गए हैं, उन्हें अपने इनवेस्टमेंट पर 100 प्रतिशत से ज्यादा का रिटर्न मिलेगा।
फंडामेंटल मजबूती का रखें ध्यान
शेयर बाजार में खासकर दो तरह शेयर मार्केट में शेयर कब ख़रीदने चाहिए के ट्रेडर होते हैं. एक जो फंडामेंटल पर फोकस रखते हैं और दूसरे जो अटकलों पर फैसला करते हैं. दोनों में बुनियादी फर्क स्टॉक की कीमत पर उनका नजरिया रहता है. फंडामेंटल निवेशक हमेशा से कंपनी की मजबूती पर ध्यान देता है न कि शेयर की कीमत पर. हमेशा फंडामेटल मैथड पर निवेश की कोशिश करनी चाहिए. बाजार से पैसा बनाने का यह अच्छा तरीका है.
शेयर बाजार में इक्विटी की खरीद-बिक्री को लेकर किसी खास तरह की सोच में न रहे. कई ट्रेडर्स स्टॉक खरीदने या बेचने का फैसला ज्यादातर उनके जानकारों के प्रभाव में आकर करते हैं. अगर उनके आस-पास के सभी लोग किसी खास स्टॉक में निवेश कर रहे हैं, तो एक वह ट्रेडर भी उसी स्टॉक में निवेश शेयर मार्केट में शेयर कब ख़रीदने चाहिए करता है. इस तरह की स्ट्रैटजी से बचना चाहिए. लॉन्ग टर्म में यह स्ट्रैटजी सही नहीं है. दुनिया के दिग्गज निवेशक वारेन बफेट ने जब दूसरे लालची हो जाएं तो डरने की जरूरत है, वहीं जब जब दूसरे डर रहे हो, तो आप लालची बन जाएं.
बाजार में कभी भी जल्दबाजी न करें
स्टॉक मार्केट में कभी भी जल्दबाजी न करें. शेयर के दाम बढ़ने से पहले खरीदना और गिरने से पहले तुरंत बेचने का फैसला नुकसान करा सकता है. ज्यादातर निवेशक यह मानते हैं कि ट्राइंग टू टाइम इन मार्केट सही स्ट्रैटजी नहीं है. ऐसा इसलिए क्योंकि किसी भी स्टॉक में सटीक टॉप और बॉटम का अंदाजा लगाना मुमकिन नहीं है. अगर बाजार से पैसा कमाना है, तो इस तरह की स्ट्रैटजी से बचें.
बाजार में अनुशासन बहुत जरूरी है. बाजार के इतिहास देखें तो बुल मार्केट में भी अधिकांश निवेशकों में डर होता है. शेयर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव के चलते निवेशक अपनी कमाई डुबो देते हैं, वो भी तब जब मार्केट में बुलिश ट्रेंड रहा. यानी, तेजी का दौर रहा. इसलिए निवेशकों को निवेश को लेकर अनुशासन भरा रवैया रखना चाहिए. अगर लॉन्ग टर्म में कमाई करना चाहते हैं, शेयर मार्केट में शेयर कब ख़रीदने चाहिए तो निवेश का सिस्टमेटिक अप्रोच होना जरूरी है.
बाजार में अपना सरप्लस फंड ही लगाएं
अकसर यह सुनने में आता है कि शेयरों में निवेश के चलते कोई व्यक्ति भारी कर्ज में फंस गया. अगर आप शेयर बाजार में निवेश की शुरुआत कर रहे हैं तो हमेशा सरप्लस फंड ही निवेश करें. सरप्लस फंड से मतलब कि जो आपके पास आपके खर्चों और अन्य जरूरतों को पूरा करने के बाद बचता है. अगर आपको मुनाफ होने लगता है, तो आप उस पैसे को दोबारा निवेश करेंगे. कभी भी लोन या कर्ज लेकर निवेश न करें.
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भावनाओं पर काबू रखें
बाजार में हमेशा भावनाओं में बहकर फैसला नहीं करना चाहिए. अगर आपका शेयर खरीदने-बेचने को लेकर इमोशंस पर कंट्रोल नहीं है तो आप भारी नुकसान करा सकते हैं. जब बाजार में तेजी रहती है तो ट्रेडर्स ज्यादा आकर्षित होते हैं और उस चक्कर में गलत शेयरों में पैसा लगा बैठते हैं. डर और लालच, ये दो ऐसे फैक्टर हैं, जिन पर शेयर में ट्रेडिंग के दौरान कंट्रोल होना चाहिए.
शेयर बाजार में निवेश को लेकर एक वास्तविक गोल रखें. निवेशकों को हमेशा लगता है कि उन्होंने जो निवेश किया है वह बेस्ट रिटर्न देगा. लेकिन अगर आपका फाइनेंशियल गोल रियलस्टिक नहीं है तो आप परेशानी में फंस सकते हैं. बाजार में कभी भी समान रिटर्न की उम्मीद न करें.
(नोट: स्टॉक मार्केट के ये टिप्स ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल के ब्लॉग से लिया गया है.)
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आदित्य बिड़ला फैशन एंड रिटेल ( Aditya Birla Fashion)
टारगेट प्राइस – 360 रुपये
आदित्य बिड़ला फैशन एंड रिटेल ( ABFRL) में हाल में निवेश हुआ है. इस वजह से इसका शुद्ध कर्ज 2500 करोड़ रुपये से घट कर 870 करोड़ रुपये रह गया है. यह शेयर तेजी से चढ़ा है और यह आगे मजबूती के संकेत दे रहा है. आईसीआईसीआई डायरेक्ट के मुताबिक यह शेयर आने वाले महीनों में 360 रुपये तक शेयर मार्केट में शेयर कब ख़रीदने चाहिए पहुंच सकता है.
आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank)
टारगेट प्राइस- 900 रुपये
वित्त वर्ष 2021-22 की दूसरी तिमाही में आईसीआईसीआई बैंक के मुनाफे में 30 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. लोन ग्रोथ 17 फीसदी का रहा है. नेट इंटरेस्ट इनकम यानी NII में 24.8 फीसदी का इजाफा हुआ है. च्वाइस ब्रोकिंग ने इस शेयर के लिए 900 रुपये का टारगेट प्राइस रख कर इसे BUY की रेटिंग दी है.
यूनाइटेड स्पिरिट्स ( United Spirits)
टारगेट प्राइस – 1080 रुपये
शराब कंपनियों के शेयर में इस साल अच्छी बढ़त देखी गई. यूनाइटेड शेयर मार्केट में शेयर कब ख़रीदने चाहिए स्पिरिट्स इस साल छह साल के कंसोलिडेशन फेज से निकल आई. अब इसमें नई बुल साइकिल दिख सकती . नियर टर्म में यह शेयर 1000 रुपये तक जा सकता है. आईसीआईसीआई ने 1080 के टारगेट प्राइस के साथ इसे BUY की रेटिंग दी है. यानी इसमें मौजूदा स्तर से 22 फीसदी की बढ़ोतरी दिख सकती है.
शेयर कैसे खरीदे और बेचे जाते हैं? जानिए कैसे करते हैं शेयर मार्केट में इंवेस्ट?
हेलो दोस्तों ! आज के समय में हर कोई जल्दी पैसे कमाना चाहता है, लेकिन पैसे कमाना इतना भी आसान नहीं है. ऐसे में शेयर मार्केट एक ऐसी जगह है जहाँ से आप अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. लेकिन शेयर्स में पैसा लगाने से पहले आपको इस बारे में जानकारी होना बहुत जरुरी है कि शेयर में पैसा कैसे लगाया जाता है? या शेयर कैसे ख़रीदे और बेचे जाते हैं? या शेयर मार्केट में इन्वेस्टमेंट कैसे किया जाता है? यदि आप भी इस बारे में नहीं जानते हैं तो चलिए हम आपको इसकी जानकारी विस्तार से दे देते हैं.
सबसे पहले जानते हैं शेयर क्या है?
‘शेयर यानि हिस्सा’, इस शब्द से ही आपको यह समझ आ गया होगा कि शेयर यानि हिस्सा होता है. जैसे आप यदि किसी कंपनी का शेयर खरीदते हैं तो इसका मतलब है कि उस कंपनी में आपका हिस्सा है. उदाहरण से समझे तो मान लीजिए आपने टाटा का कोई शेयर ख़रीदा है. यानि अपने टाटा कंपनी में अपनी हिस्सेदारी खरीदी है. आप इसे पार्टनरशिप भी कह सकते हैं. यानि कंपनी का मुनाफा अपना मुनाफा और कंपनी का नुकसान आपका नुकसान.
IEX क्या है, कंपनी काम क्या करती है
आईईएक्स देश का प्रमुख पावर ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म है. फिलहाल एनर्जी में कुल कारोबार का सिर्फ 3 फीसदी ही एक्सचेंज के जरिए आता है. विकसित देशों में यह आंकड़ा 30 से 35 फीसदी है. इसलिए भविष्य में आईईएक्स जैसी कंपनी के लिए देश में काफी अच्छी संभावनाएं हैं.
देश के गांव-गांव तक शेयर मार्केट में शेयर कब ख़रीदने चाहिए बिजली पहुंचाने पर सरकार के जोर और उदय जैसी योजनाओं से पावर एक्सचेंज पर कारोबार बढ़ेगा. इससे कुल बिजली खरीद में एक्सचेंज की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2022 तक बढ़कर 21.1 फीसदी तक पहुंच सकती है.
क्यों आई शेयर में तेजी
IEX ने पिछली तिमाही में अच्छा प्रदर्शन किया है.जुलाई-सितंबर तिमाही में कंपनी की आमदनी 122.30 करोड़ रुपये हो गई, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में 78.71 करोड़ रुपये थी. वहीं, इस दौरान मुनाफा 75 फीसदी बढ़कर 77.38 करोड़ रुपये हो गया.इससे पिछले वित्त वर्ष 2020-21 की इसी तिमाही के दौरान उसका एकीकृत शुद्ध लाभ 44.33 करोड़ रुपये था.
कंपनी ने तिमाही नतीजों के साथ एक शेयर पर दो बोनस शेयर देने का ऐलान किया है. इस खबर के बाद कंपनी के शेयर में जोरदार तेजी आई. इस दौरान सभी तेजी के सौदे आने से शेयर में अपर सर्किट लग गया.
क्या होता है बोनस शेयर
कंपनी जब निवेशकों को मुफ्त में शेयर देती है तो उसे बोनस शेयर कहा जाता है. निवेशकों को बोनस शेयर ख़ास अनुपात में मिलता है. अगर अभी की बात करें तो IEX ने 2:1 का बोनस देने का ऐलान किया है. इसका मतलब है कि हर 1 शेयर पर आपको 2 बोनस शेयर मिलेंगे. हालांकि बोनस इश्यू के बाद इक्विटी कैपिटल बढ़ जाता है, लेकिन फेस वैल्यू में कोई बदलाव नहीं होता है. फेस वैल्यू में बदलाव नहीं होने से निवेशक को भविष्य में इसका फ़ायदा ज़्यादा डिविडेंड के तौर पर होता है.
जब किसी शेयर को ज्यादा खरीदने वाले होते है तो उस समय शेयर में अपर सर्किट लग जाता है. अगर आसान शब्दों में कहें तो एक्सचेंज शेयर की ट्रेडिंग को बंद कर देती है. यह मार्केट रेगुलेटर SEBI की तरफ से बनाए गए नियम है.
शेयरों के वॉल्युम यानी कितने शेयरों का कारोबार रोजाना होता है. उस आधार पर शेयर की सर्किट लिमिट तय की जाती है.