वर्तमान सोना वायदा अनुबंध क्या है

अंतरराष्ट्रटीय बाजार में सोने का भाव गिरावट के साथ 1,918 डॉलर प्रति औंस बोला जा रहा था जबकि चांदी का भाव 26.45 डॉलर प्रति औंस था। पटेल ने भी कहा कि कोविड-19 का टीका को लेकर उम्मीद बढ़ने और अमेरिकी-चीन व्यापार तनाव कम होने से बुधवार को सोने में गिरावट जारी रही।
'सराफा एक्सचेंज में प्रवेश करेगा एनएसई'
नियामक की मंजूरी मिलने के बाद जिंस वायदा शुरू किया गया है। हमने सोने और चांदी के अनुबंध शुरू किए हैं और कच्चे तेल एवं तांबे के अनुबंधों के वर्तमान सोना वायदा अनुबंध क्या है लिए नियामक के पास आवेदन किया है। दूसरे चरण में हम कृषि जिंस खंड में उतरने की योजना बना रहे हैं। इसके तहत जिंस चिह्नित करने के लिए अनुसंधान चल रहा है। हम कृषि जिंस कारोबार अगली कुछ तिमाहियों में शुरू नहीं करेंगे, लेकिन हां, यह बाद में जरूर शुरू किया जाएगा। आगे हम विकल्प कारोबार के बारे में विचार करेंगे।
अन्य एक्सचेंज भी सोने-चांदी में वायदा कारोबार की सुविधा मुहैया करा रहे हैं। इस क्षेत्र में एनएसई अन्य से कैसे अलग होगा?
कारोबारियों के लिए तरलता यानी लेनदेन का स्तर सबसे बड़ा अंतर है। हम जिस किसी भी खंड में उतरे हैं, उसमें अच्छी तरलता हासिल की है। इसलिए कारोबारियों को वर्तमान सोना वायदा अनुबंध क्या है लेनदेन के अच्छे स्तर और अच्छी डिलिवरी व्यवस्था आदि का फायदा मिल सकता है।
सोने का वायदा कारोबार कैसे होता है?
भारत में सोने का वायदा कारोबार BSE, NSE और MCX (मल्टी कॉमोडिटी एक्सचेंज) के माध्यम से एक ग्राम से लेकर एक किलो तक के विभिन्न आकारों के ऑर्डर में किया जा सकता है। खरीदार अनुबंध में निर्दिष्ट मूल्य के लिए भविष्य की तारीख में सोना खरीदने या बेचने के लिए एक समझौते के साथ एक निश्चित अवधि के अनुबंध में प्रवेश करता है। हालांकि अनुबंध में एक निश्चित मात्रा में सोने का उल्लेख हो सकता है, लेकिन आपको पूरी राशि को अग्रिम रूप से निवेश करने की आवश्यकता नहीं होती। इसके बजाए, आप कुल मूल्य का एक छोटा प्रतिशत रख सकते हैं, जिसे "मार्जिन" के रूप में जाना जाता है।
अन्य निवेशों की तरह, आप सोने के वायदा अनुबंध के माध्यम से या तो लाभ प्राप्त कर सकते हैं या आपको हानि हो सकती है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि अनुबंध अवधि के दौरान सोने की कीमत बढ़ती है या घटती है। मूल्य में परिवर्तन (ऊपर और नीचे दोनों) को टिक्स वर्तमान सोना वायदा अनुबंध क्या है में मापा जाता है, जो कि बाजारों द्वारा मापा जाने वाला सबसे छोटा मूल्य परिवर्तन होता है। उदाहरण के लिए, MCX के सोने के वायदा अनुबंध में, टिक का आकार 0.10 (या 1 रुपए प्रति 10 ग्राम) होता है। इस प्रकार, यदि आपके पास 1 किलो (1000 ग्राम) का लॉट साइज है, तो आपका लाभ या हानि 100 रुपए प्रति टिक होगा। आप अनुबंध अवधि के दौरान सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव से लाभ उठा सकते हैं या अनुबंध अवधि के अंत में भौतिक रूप से सोने की डिलीवरी का विकल्प चुन सकते हैं।
आपके लक्ष्यों के अनुरूप क्या होगा - दीर्घकालिक या अल्पकालिक अनुबंध?
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है वर्तमान सोना वायदा अनुबंध क्या है कि सोने का वायदा अनुबंध मूल्य में उतार-चढ़ाव से बचाव प्रदान करते हैं और सट्टा लाभ अर्जित करने का अवसर प्रदान करते हैं। सोने के आयात, निर्यात, निर्माण या व्यापार में संलग्न व्यवसाय इस जोखिम को कम करने और कम समय में संभावित नुकसान की भरपाई के लिए सोने के वायदा अनुबंध का उपयोग कर सकते हैं।
साधारण निवेशक भी लाभ कमाने के लिए टिक मूवमेंट का उपयोग कर सकते हैं। हालांकि अधिकांश निवेशक सोने वर्तमान सोना वायदा अनुबंध क्या है के वायदा को कम समय के हेजिंग के रूप में उपयोग करते हैं, भविष्य में सोने की कीमतों में वृद्धि को भुनाने के इच्छुक निवेशक अपने अनुबंध को एक वर्ष तक की लंबी अवधि के लिए भी निर्धारित कर सकते हैं।
आप किस प्रकार का विश्लेषण और निवेश करने की योजना बना रहे हैं?
सोना वायदा निवेशक अपने निवेश के लिए मौलिक, तकनीकी या दोनों ही दृष्टिकोण का उपयोग कर सकते हैं। मौलिक विश्लेषण सोने की मांग-आपूर्ति की गतिशीलता, वर्तमान स्थिति और बाजार की भावना के साथ-साथ आर्थिक चक्र पर भी विचार करता है। तकनीकी विश्लेषण अधिक वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर निर्भर करता है, मूल्य निर्धारण चार्ट, संकेतक और उपकरण जैसे फिबोनिकी एक्सटेंशन और मोमेंटम ऑसिलेटर्स की मदद लेता है। मौलिक दृष्टिकोण परिसंपत्ति के वास्तविक मूल्य को समझना चाहते हैं, जबकि तकनीकी विश्लेषण भविष्य के मूल्य को समझना चाहता है। सोने के वायदा निवेशकों को दोनों दृष्टिकोणों के तहत काम करने से लाभ होगा।
सोने के बाजार को समझना एक व्यापक अभिव्यक्ति है जिसमें वह सब कुछ शामिल है जो सोने की कीमत को प्रभावित करता है। एक सोने के वायदा निवेशक के रूप में, आपको अमेरिकी डॉलर के मूल्य, बॉन्ड की कीमत, सरकार की ब्याज दर नीति और सोने की कीमत को प्रभावित करने वाले प्रमुख आर्थिक निर्णयों पर नजर रखनी होगी। शादी का समय और कृषि पैटर्न के शुरु होने से भी भारत में सोने की कीमत प्रभावित हो सकती है। केंद्रीय बैंक द्वारा सोने का भारी मात्रा में व्यापार एक अन्य कारक है जो सोने के बाजार को प्रभावित कर सकता है।
आप किस प्रकार की ट्रेडिंग योजना का पालन करने का मन बना रहे हैं?
इक्विटी निवेश की तरह, आपको तेजी या मंदी की स्थिति की समझ विकसित करनी होगी और उसके अनुसार अपनी निवेश योजना बनानी होगी। इसके अलावा, आपकी परिचालन शैली भी आपकी निवेश योजना को परिभाषित करेगी। आप ऐसे निवेशक हो सकते हैं जो एक सत्र के दौरान कई बार प्रवेश करता है और बाहर निकलता है। डे ट्रेडिंग ऐसी शैली है जिसमें लोग कम काम करते हैं जहां आप एक दिन की कीमत में उतार चढ़ाव का आकलन करते हैं। एक पोजिशन ट्रेडर उतार-चढ़ाव के बजाए ट्रेंड पर ध्यान देगा, जिसके परिणामस्वरूप ट्रेडिंग बहुत कम होगा। आपकी स्थिति से कोई फर्क नहीं पड़ता, सुनिश्चित करें कि आप इसे करने से पहले इसे समझते हैं, और आप इसी ट्रेडिंग योजना के साथ बने रहते हैं।
सोने के वायदा कारोबार में निवेश एक लाभदायक विकल्प हो सकता है, बशर्ते आपको अनुबंध की पूरी समझ हो और आपके पास निवेश की एक विस्तृत योजना हो। इससे पहले कि आप सोने के वायदा कारोबार में कोई निवेश करें, यह महत्वपूर्ण है कि आप अपने लिए इन सवालों का जवाब ढूंढ लें ताकि आप सब कुछ समझ सकें।
विकल्प और वायदा में क्या अंतर है
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वायदा बनाम विकल्प: जो बेहतर है?
पिछले कुछ वर्षों में , वायदा और विकल्प निवेशकों के साथ बहुत लोकप्रिय हो गए हैं , खासकर शेयर बाजार में। इसका कारण यह है कि वे कई लाभ प्रदान करते हैं – कम जोखिम , उत्तोलन और उच्च तरलता।
वायदा और विकल्प एक प्रकार का व्युत्पन्न है , जो एक उपकरण है जिसका मूल्य एक अंतर्निहित संपत्ति के मूल्य से प्राप्त होता है। कई प्रकार की संपत्तियां हैं जिनमें डेरिवेटिव उपलब्ध हैं , जैसे स्टॉक , इंडेक्स , मुद्रा , सोना , चांदी , गेहूं , कपास , पेट्रोलियम आदि। संक्षेप में , किसी भी वित्तीय उपकरण या जिंस को बेचा या खरीदा जा सकता है जो एक व्युत्पन्न हो सकता है।
वायदा और विकल्प दो उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जाता है – हेजिंग और अटकलें। कीमतें अस्थिर हो सकती हैं , और उत्पादकों , व्यापारियों और निवेशकों के लिए नुकसान का कारण बन सकती हैं। तो , ये डेरिवेटिव ऐसी अस्थिरता के खिलाफ बचाव के लिए काम आ सकते हैं। सट्टेबाजों मूल्य आंदोलनों को भुनाने के लिए डेरिवेटिव का उपयोग करते हैं। यदि वे मूल्य आंदोलनों की सटीक भविष्यवाणी कर सकते हैं , तो वे इस तरह के डेरिवेटिव के माध्यम से पैसा कमा सकते हैं।
Gold price today in Delhi: बाजार खुलते ही सोने के दामों में कमजोरी, यहां जानिए 10 ग्राम गोल्ड के ताजा रेट
Gold Price today: सोने के दामों में मंगलवार 26-4-2021 को बाजार खुलते ही कमजोरी देखी गई. सोना (gold price today) 9.30 बजे मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर 4 रुपये की गिरावट के साथ 47458.00 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा था.
Gold price today in Delhi: बाजार खुलते ही सोने के दामों में कमजोरी, यहां जानिए 10 ग्राम गोल्ड के ताजा रेट (फोटो - प्रतिकात्मक)
Gold Price today: सोने के दामों में मंगलवार वर्तमान सोना वायदा अनुबंध क्या है 26-4-2021 को बाजार खुलते ही कमजोरी देखी गई. सोना (gold price today) 9.30 बजे मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर 4 रुपये की गिरावट के साथ 47458.00 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा था. वहीं चांदी 5.00 रुपये की तेजी के साथ 68685 रुपये प्रति किलो पर कारोबार कर रही थी.
दिवाली तक 70 हजारी हो सकता है सोना
एक्सपर्ट्स का कहना है कि दिवाली तक सोने का भाव नया रेकॉर्ड बनाएगा। वहीं जेपी मॉर्गन का कहना है कि वर्तमान में आर्थिक, महामारी और राजनीतिक हालात के मद्देनजर इसकी पूरी संभावना है कि सोना 70 हजार के स्तर को दिवाली तक छू जाए। उनका कहना है कि अगर कोरोना वैक्सीन आ भी जाती है तो भी ग्लोबल इकॉनमी में सुधार में अभी काफी समय है। तब तक सोने की कीमत में तेजी दर्ज की जाएगी।
मुसीबत की घड़ी में हमेशा बढ़ी है सोने की चमक!
सोना हमेशा ही मुसीबत की घड़ी में खूब चमका है। 1979 में कई युद्ध हुए और उस साल सोना करीब 120 फीसदी उछला था। अभी हाल ही में 2014 में सीरिया पर अमेरिका का खतरा मंडरा रहा था तो भी सोने के दाम आसमान छूने लगे थे। हालांकि, बाद में यह अपने पुराने स्तर पर आ गया। जब ईरान से अमेरिका का तनाव बढ़ा या फिर जब चीन-अमेरिका के बीच ट्रेड वॉर की स्थिति बनी, तब भी सोने की कीमत बढ़ी।
गोल्ड ईटीएफ में निवेश 86 फीसदी बढ़ा
गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) में निवेश जुलाई महीने में इससे पिछले माह की तुलना में 86 प्रतिशत बढ़कर 921 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। सोने की कीमतें उच्चस्तर पर होने के बीच निवेशकों द्वारा अपने पोर्टफोलियो में बहुमूल्य धातुओं को जोड़ने वर्तमान सोना वायदा अनुबंध क्या है को लेकर काफी उत्साह है, जिससे वे गोल्ड ईटीएफ में निवेश कर रहे हैं। एसोसिएशन ऑफ म्यचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों के अनुसार इस तरह चालू साल के पहले सात माह में गोल्ड ईटीएफ में निवेश का शुद्ध प्रवाह बढ़कर 4,452 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। आंकड़ों के अनुसार, निवेशकों ने जुलाई में गोल्ड ईटीएफ में शुद्ध रूप से 921 करोड़ रुपये का निवेश किया। इससे पिछले महीने यानी जून में उन्होंने गोल्ड ईटीएफ में 494 करोड़ रुपये डाले थे। इस निवेश के बाद गोल्ड ईटीएफ के प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियां (एयूएम) जुलाई के अंत तक 19 प्रतिशत बढ़कर 12,941 करोड़ रुपये पर पहुंच गईं, जो जून के अंत तक 10,857 करोड़ रुपये थीं।
सोने का आयात 81 प्रतिशत घटा
देश का सोने का आयात चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जुलाई की अवधि में 81.22 प्रतिशत घटकर 2.47 अरब डॉलर या 18,590 करोड़ रुपये रह गया। सोने का आयात देश के चालू खाते के घाटे (कैड) को प्रभावित करता है। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार कोविड-16 महामारी के बीच सोने की मांग में काफी कमी आई है, जिससे आयात घटा है। इससे पिछले वित्त वर्ष 2019-20 की समान अवधि में सोने का आयात 13.16 अरब डॉलर या 91,440 करोड़ रुपये रहा था। इसी तरह चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीनों में चांदी का आयात भी 56.5 प्रतिशत घटकर 68.53 करोड़ डॉलर या 5,185 करोड़ रुपये रह वर्तमान सोना वायदा अनुबंध क्या है गया। सोने और चांदी के आयात में कमी से देश के व्यापार घाटे को कम करने में मदद मिली है।