बिटकॉइन का निर्माण कैसे होता है

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क्या है Cryptocurrency माइनिंग? जानिए आप खुद कैसे जेनरेट कर सकते हैं वर्चुअल करेंसी
Cryptocurrency Mining : क्रिप्टोकरेंसी को माइनिंग करके जेनरेट करते हैं.
लोगों का क्रिप्टोकरेंसी में इन्वेस्टमेंट (Cryptocurrency Investment) का ट्रेंड काफी तेजी से बढ़ रहा है. इसकी वजह है साल के शुरुआती महीनों में बिटकॉइन, ईथर और डॉजकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी में तेजी. ज्यादातर लोग इन्हें एक्सचेंजों के माध्यम से खरीदते और बेचते हैं, लेकिन इसे माइनिंग यानी कंप्यूटर के जरिए जटिल कैलकुलेशन सॉल्व करके भी हासिल किया जा सकता है. आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि बिटकॉइन का निर्माण कैसे होता है ये प्रोसेस कैसे काम करता है और आप अपने टोकन को कैसे माइन कर सकते हैं?
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बिटकॉइन, ईथर, डॉजकॉइन और अधिकांश अन्य क्रिप्टोकरेंसी ब्लॉकचेन नाम की एक तकनीक पर काम करती हैं. ये एक पब्लिक लेज़र है जिसे कॉम्प्लेक्स एन्क्रिप्शन तकनीकों का उपयोग करके सुरक्षित किया जाता है. लेजर पर नए कॉइन पाने के लिए कॉम्प्लेक्स मैथमेटिकल सवालों को हल करना होता है. ये वर्चुअल करेंसी ट्रांजैक्शन को वेरिफाई करने में मदद करता है. फिर इन्हें डिसेंट्रलाइज्ड ब्लॉकचेन लेज़र पर अपडेट किया जाता है. इस काम के बदले में, माइनर्स को क्रिप्टोकरेंसी के रूप में भुगतान किया जाता है. इस प्रक्रिया को माइनिंग कहा जाता है. यह नए कॉइन को सर्कुलेशन में लाता है. इसलिए माइनर्स क्रिप्टोकरेंसी इकोसिस्टम का एक अनिवार्य हिस्सा हैं.
माइनिंग के दौरान, कंप्यूटर कॉम्प्लेक्स मैथमेटिकल इक्वेशन को सॉल्व करते हैं. हर कोड को क्रैक करने वाला पहला कोडर ट्रांजैक्शन को ऑथराइज करने में सक्षम होता है. सर्विस के बदले में, माइनर छोटी मात्रा में क्रिप्टोकरेंसी कमाता है. एक बार जब माइनर मैथमेटिकल प्रॉब्लम को सफलतापूर्वक हल कर लेता है और ट्रांजैक्शन को बिटकॉइन का निर्माण कैसे होता है वेरीफाई कर लेता है, तो वे डेटा को पब्लिक लेज़र में जोड़ते हैं, जिसे ब्लॉकचेन कहा जाता है.
प्रूफ-ऑफ-वर्क
यह क्रिप्टोकरेंसी को सिक्योर करने का एल्गोरिदम है. माइनर्स की एक्जीक्यूट की गई यह प्रोसेस ब्लॉकचेन में ट्रांजैक्शन डेटा के नए ब्लॉक जोड़ने का एक जरूरी हिस्सा है. एक नया ब्लॉक केवल ब्लॉकचैन सिस्टम में जोड़ा जाता है यदि कोई माइनर एक नया विनिंग प्रूफ-ऑफ-वर्क लेकर आता है. प्रूफ-ऑफ-वर्क का लक्ष्य यूजर्स को उन एक्स्ट्रा कॉइन को प्रिंट करने से रोकना है जो उन्होंने खुद हासिल नहीं किए हैं.
700 करोड़ की क्रिप्टोकरंसी खत्म करेगी ये कंपनी, जानिए अब खरीदने वालों का क्या होगा
TV9 Bharatvarsh | Edited By: Ravikant Singh
Updated on: May 18, 2021 | 12:32 PM
क्रिप्टोकरंसी इथीरियम (cryptocurrency Ethereum) के को-फाउंडर विटालिक ब्यूटेरिन ने बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने कहा है कि शिबा इनू होल्डिंग्स में इथीरियम (Ethereum) का 90 फीसद हिस्सा वे खत्म कर देंगे. बाकी के बचे 10 परसेंट कॉइन को दान में बांट देंगे. ब्यूटेरिन के इस ऐलान से क्रिप्टो (cryptocurrency) की दुनिया में तहलका मच गया है. इथर में पैसा लगाने वालों को बिटकॉइन का निर्माण कैसे होता है कुछ सूझ नहीं रहा कि वे क्या करें, उनके निवेश का आगे भविष्य क्या है.बिटकॉइन का निर्माण कैसे होता है
कब शुरू हुआ था शिबा इनू
शिबा इनू बिटकॉइन, इथर या डोजकॉइन की तरह डिजिटल करंसी है. इसे क्रिप्टोकरंसी भी कहते हैं. इथीरियम के को-फाउंडर विटालिक ब्यूटेरिन ने शिबा इनू में बड़े पैमाने पर निवेश किया है. अब वे उसमें से हटना चाहते हैं. शिबा इनू का निर्माण अगस्त 2020 में किया गया था. तब इसे रयोशी के नाम से पुकारा जाता था. इसे जोक कॉइन का नाम भी दिया गया है. साल भर पहले डोजकॉइन का बड़ा नाम हो रहा था. उसे रोकने के लिए शिबा कॉइन की इजाद की गई. देखते-देखते शिबा इनू ने डोजकॉइन का रास्ता रोक दिया. डोजकॉइन के कस्टमर्स शिबा में निवेश करने लगे. इस करंसी का नाम जापानी कुत्ते की प्रजाति शिबा इनू के नाम पर रखा गया.
भारत में शिबा इनू की ट्रेडिंग वजीरएक्स एक्सचेंज के जरिये होती है. ब्यूटेरिन के ऐलान के बाद शिबा इनू के दाम में बड़ी गिरावट देखी जा रही है. वजीरएक्स के अलावा शिबा इनू (Shiba Inu) की ट्रेडिंग यूनीस्वैप और कॉइनडीसीएक्स से भी कर सकते हैं. यह एक्सचेंज इथीरियम और उस पर आधारित टोकन-कॉइन को बेचने और खरीदने का काम करता है. शिबा इनू को डॉलर या BUSD यानी कि बिनेंस यूएस डॉलर में ही खरीद और बेच सकते हैं.
बर्निंग का मतलब क्या है
ब्यूटेरिन ने शिबा इनू (shiba Inu holdings) को ‘बर्न’ करने की बात कही है. यहां बर्न से मतलब शिबा इनू को खत्म करना है. क्रिप्टो कॉइन को खत्म करने का भी एक प्रोसेस होता है जो पूरी तरह से डिजिटल होता है. शिबा इनू में पैसा बिटकॉइन का निर्माण कैसे होता है लगाने वाले या बाकी लोगों को भी बर्निंग का प्रोसेस समझना चाहिए. कोई भी क्रिप्टो बिटकॉइन का निर्माण कैसे होता है कॉइन या करंसी कंप्यूटर सॉफ्टवेयर से बनाई जाती है. यह सबकुछ एक कोड में होता है जो खरीदने वालों की कंपनी या उसके डेवलपर की ओर से दी जाती है. यह जानकारी पूरी तरह से सीक्रेट होती है और कोड के बारे में खरीदार और बेचने वाले को ही जानकारी होती है. कोड की हैकिंग न हो सके, इसके लिए अलग से वॉलेट बनाया जाता है जो इंटरनेट से जुड़ा नहीं होता.
बेचने वाले लोग इसी कोड को बेचते हैं और उसका ट्रांजेक्शन डॉलर आदि में करते हैं. शिबा इनू को बर्न किया जाएगा, यानी कि इसके कोड तक लोगों की पहुंच नहीं होगी. जो कॉइन पहले से है, वह बेकार हो जाएगी. अब तक 40 परसेंट शिबा इनू (shiba Inu holdings) बर्न कर दिया गया है. यह पूरी राशि 7 अरब डॉलर की है और इसमें 410 खरब कॉइन को खत्म किया गया है. ब्यूटेरिन के इस ऐलान बिटकॉइन का निर्माण कैसे होता है के बाद निवेशकों में चिंता बढ़ गई है. निवेशकों को लग रहा है कि शिबा इनू का आगे क्या होगा और क्रिप्टोकरंसी कहां जाएगी.
बिटकॉइन का निर्माण कैसे होता है
बिटकॉइन क्या चीज है : अधिकतर लोग बिटकॉइन के बारे में नहीं जानते उन्होंने लोगों से मोबाईल में टी.वी, समाचार, न्यूज इत्यादि के माध्यम से Bitcoin के विषय में सुन रखा होता है. और उनके दिमाग में यही सवाल आता है की आखिर ये बिटकॉइन है क्या, इसका कार्य क्या है. इसके फायदे और नुकसान से लेकर इसके निर्माण का प्रोसेस क्या है?
दिमाग में चल रहे सारे सवालों के जवाब के लिए यह लेख पूरा पढ़ें
Bitcoin क्या चीज है?
बिटकॉइन एक डिजिटल करेंसी है जिसे देख और पकड़ बिटकॉइन का निर्माण कैसे होता है नहीं सकते इसका कोई भौतिक आकर नहीं है.
सरल शब्दों में कहा जाये तो बिटकॉइन एक डिजिटल पैसा है जिसका कोई भौतिक आकर नहीं है परन्तु इसे ऑनलाइन वॉयलेट में अंकीय रूप में देखा जा सकता है.
ज्ञात हो की अल सल्वाडोर देश से बिटकॉइन को अपना आधिकारिक करेंसी घोसित कर दिया है. अर्थात जैसे हम अपने देश में कुछ भी सामान खरीदने बेचने के लिए रूपये का इस्तेमाल करते हैं. ठीक उसी तरह अल सल्वाडोर में सामान्य खरीददारी और लेन-देन के लिए बिटकॉइन का उपयोग किया जा सकता है.
बिटकॉइन भारत मे
भारत समेत अन्य अनेक देशों में बिटकॉइन को उतनी अहमियत नहीं दी जा रही जहाँ कुछ देशों में बिटकॉइन होटलों, कुछ दुकानों, सामान खरीदी एक्सचेंज, इत्यादि के बिटकॉइन का निर्माण कैसे होता है लिए स्तेमाल किया जा रहा है वही भारत में इसे ट्रेडिंग, इन्वेस्टिंग, एक्सचेंज के मान्यता दी गई है.
बिटकॉइन बैन के लिए लगातार सवाल उठते रहे हैं, परन्तु बिटकॉइन इन मामलों के साथ और तेजी से ग्रो हो रहा है. नतीजन आज से दस-बारह साल पहले जिस Bitcoin का मूल्य महज कुछ भी नहीं था, आज बिटकॉइन का मूल्य आसमान को छू रहा है.
लोगों द्वारा बिटकॉइन को भविष्य का करेंसी माना जाता है, जो एक दिन पूरी दुनिया में व्याप्त होगा.
आखिर में
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हिन्दुस्तान 1 दिन पहले लाइव मिंट
बीते कई हफ्ते क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) निवेशकों के लिए किसी सदमे से कम नहीं रहे हैं। पिछले दिनों हुए FTX क्राइसिस से अभी तक ग्लोबल क्रिप्टो मार्केट उबर नहीं पाया है। एक ओर दुनिया की सबसे पॉप्युलर किप्टोकरेंसी बिटकॉइन (Bitcoin) मंगलवार को 1 पर्सेंट की गिरावट के साथ 15,844 डॉलर पर ट्रेड कर रही है। वहीं बिटकॉइन के अलावा दुनिया की दूसरी बड़ी और चर्चित क्रिप्टोकरेंसी एथेरियम ब्लॉकचेन की ईथर (Ether) भी मंगलवार को 1 पर्सेंट की गिरावट के साथ 1,106 डॉलर पर ट्रेड कर रही है। इसके अलावा, ग्लोबल क्रिप्टो मार्केट कैप मंगलवार को 1 ट्रिलियन डॉलर के नीचे ट्रेड कर रहा है। CoinGecko के अनुसार पिछले 24 घंटों में ग्लोबल क्रिप्टो मार्केट कैप 2 पर्सेंट की गिरावट के साथ 820 बिलियन डॉलर पर ट्रेड कर रहा है।