निवेश उपकरण

Childern's Day: बच्चों के लिए LIC की इस पॉलिसी में करें निवेश, मिलेगा बंपर रिटर्न
Children's Day: बच्चों के सुरक्षित भविष्य के लिए पैरेंट्स को फाइनेंशिल प्लानिंग शुरू कर देनी चाहिए. पैरेंट्स बच्चों के नाम अच्छी जगह निवेश करें ताकि आगे चलकर उनकी पढ़ाई-लिखाई का खर्च या अन्य जरूरतें आसानी से पूरी हो सके. देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) की बच्चों के लिए एक खास पॉलिसी है 'एलआईसी न्यू चिल्ड्रन मनी बैक प्लान'. LIC की इस स्कीम में निवेश कर बच्चों के भविष्य को उज्ज्वल बना सकते हैं.
स्टार्टअप इंडिया - एक स्टार्टअप क्रांति की शुरुआत
स्टार्टअप इंडिया भारत सरकार की एक निवेश उपकरण प्रमुख पहल है जिसका उद्देश्य देश में स्टार्टअप्स और नये विचारों के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है जिससे देश का आर्थिक विकास हो एवं बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर उत्पन्न हों।
स्टार्टअप एक इकाई है, जो भारत में पांच साल से अधिक से पंजीकृत नहीं है और जिसका सालाना कारोबार किसी भी वित्तीय वर्ष में 25 करोड़ रुपये से अधिक नहीं है। यह एक इकाई है जो प्रौद्योगिकी या बौद्धिक सम्पदा से प्रेरित नये उत्पादों या सेवाओं के नवाचार, विकास, प्रविस्तारण या व्यवसायीकरण की दिशा में काम करती है।
सरकार द्वारा इस संबंध में घोषित कार्य योजना स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के सभी पहलुओं को संबोधित करने और इस आंदोलन के प्रसार में तेजी लाने की उम्मीद करती है।
कबाड़ में अरबों का खेल ……
Latehar : चंदवा को 1200 मेगावाट बिजली उत्पादन का सपना दिखाने वाले एस्सार पावर प्लांट में कबाड़ बिक्री की आड़ में अरबों रुपये का खेल खेला जा रहा है. प्लांट के लिए जमीन देने वाले रैयत परेशान हैं. प्लांट के लिए उन्होंने जो जमीन दी थी, उस पर न तो प्लांट लगा और न ही रैयतों को उनकी जमीन वापस दी गई. उन्हें उनकी जमीनों की कीमत भी नहीं दी गई. फिलहाल वे ट्रिब्यूनल के चक्कर काटने पर मजबूर हैं. पिछले दो वर्षों से कंपनी की मशीनों और कल-पूर्जों को कबाड़ के रूप में बेचा जा रहा है. पीतल और तांबे को लोहे की कीमतों में बेचा जा रहा है. कागजों में जो स्क्रैप दिखाया जा रहा है, उसका दोगुना स्थानीय प्रशासन, पुलिस एवं अन्य की कथित मिलीभगत से निकाला जा रहा है. स्थानीय विस्थापितों का आरोप है कि विरोध करने पर उन्हें झूठे मुकदमों में फंसा दिया जाता है.
वर्ष 2014 में ही लग गया था ग्रहण
एस्सार पावर झारखंड लिमिटेड की ओर से चंदवा के चकला में 1200 मेगावाट पावर प्लांट निवेश उपकरण तैयार किया गया था. यह प्रोडक्शन के लिए लगभग तैयार था. एस्सार पावर लिमिटेड को चकला व अशोका कोल ब्लॉक आवंटित हुआ था. इसी बीच कुछ लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कोल ब्लॉक आवंटन को चुनौती दी. वर्ष 2014 में सर्वोच्च न्यायालय ने कोल ब्लॉक आवंटन को गलत करार देते हुए रद्द कर दिया था. कोल ब्लॉक आवंटन रद्द होते ही कंपनी ने प्लांट में निवेश बंद कर दिया. कई वर्षों तक कंपनी में काम बंद रहा. कंपनी बंद होते ही इंफ्रास्ट्रक्चर कबाड़खाने में तब्दील होता चला गया.
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जनवरी 2020 में दिया गया स्क्रैप बिक्री का आदेश
सरकारी अड़चनों और अदालतों के बीच उलझकर तीन जनवरी 2020 को प्लांट लिक्विडेशन में चला गया. देश जब कोरोना की मार झेल रहा था, उस वक्त कबाड़ी अपनी कमाई के चक्कर में लगे थे. लिक्विडेटर ने एनसीएलटी में याचिका दायर की. मार्च 2020 में ई-ऑक्शन के माध्यम से कंपनी की बेशकीमती मशीनों और कल-पुर्जों को स्क्रैप बताकर पांच हजार टन की बिक्री का आदेश दिया गया. बाद में यह आंकड़ा 26,500 टन तक पहुंच गया. इस कंपनी के लिक्विडेटर मुंबई के खुजैफा सिताब खान फाखरी थे. उन्होंने प्लांट का निरीक्षण कर पेटी कांट्रेक्टरों को काम बांट दिया है.
ऐसे हो रहा अरबों का खेल
स्थानीय प्रशासन एवं पुलिस के कथित सहयोग से मार्च 2020 से इस कंपनी के कीमती कल-पुर्जों की कबाड़ के दाम में खरीद फरोख्त की जा रही है. लिक्विडेटर ने ई-ऑक्शन निवेश उपकरण के माध्यम से कंपनी को बेच डाला. बताया जाता है कि लिक्विडेटर एवं प्रशासन की कथित मिलीभगत से ऑक्शन से भी अधिक उठाव किया जा रहा है. कंपनी द्वारा नियुक्त राज सिंह एवं प्रकाश कुमार ने यह काम किया. प्रशासन के अधिकारी ट्रकों की जांच करना भी जरूरी नहीं समझते थे. सूत्रों के मुताबिक, लोहे की कीमत पर पीतल एवं तांबे तक बेच डाले गए जबकि लोहा 30 रुपये और तांबा व पीतल 600 रुपये किलो बिकता है. अदालती आदेशों की आड़ में अरबों रुपये की हेराफेरी का खेल किया जा रहा है.
एनसीएलटी पहुंचे विस्थापित
भूमि अधिग्रहण एवं विस्थापन का दंश झेल रहे स्थानीय लोग विभिन्न ट्रिब्यूनलों का चक्कर लगा निवेश उपकरण रहे हैं. कबाड़ियों का काम जारी है. प्रभावित लोगों ने अब एनसीएलटी में एक याचिका दायर की है. यहां से अधिग्रहण का आदेश तो हो चुका है लेकिन इससे विस्थापितों को कोई लाभ नहीं हो रहा.
10 टन का चालान, 25 टन निकासी
विस्थापित कारखाने के कीमती कल पुर्जों को स्क्रैप के रूप में बेचने का विरोध कर रहे हैं. वहीं, लिक्विडेटर इन पर मुकदमे कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि कंपनी द्वारा भी इस दिशा में कोई काम नहीं किया जा रहा है बल्कि कबाड़ियों की ही मदद की जा रही है. बताया जाता है कि चालान 10 टन का काटा जा रहा है जबकि ट्र्क पर 25 टन माल लादा जा रहा है. इस कारखाने के कीमती उपकरण पंजाब, मुंबई एवं राजस्थान जैसे बड़े राज्यों में बेचे जा रहा हैं.
रैयतों में आक्रोश
आईसीआईसीआई बैंक ने सबसे अधिक 3468.29 करोड़ रुपये का ऋण एस्सार पावर प्लांट के लिए दिया था. बैंक को लोन की वापसी न के बराबर है. स्थानीय रैयतों का कहना है कि जिस जमीन पर वे वर्षों से खेतीबाड़ी करते थे, उसे कारखाने के नाम पर बेच चुके हैं. उनकी जमीन पर न तो कारखाना लगा और न ही उन्हें जमीन वापस की गई. केवल स्क्रैप का खेल जारी है. इससे रैयतों में आक्रोश है. जब वे अपनी जमीन की कीमत मांगने जाते हैं तो उलटे उन पर रंगदारी मांगने के आरोप में मुकदमा दायर करा दिया जाता है.
अभिजीत ग्रुप के प्लांट का भी यही हाल
एस्सार पावर प्लांट जैसी ही स्थिति इसके बगल में स्थित कॉर्रोट पावर लिमिटेड अभिजीत ग्रुप की है. अभिजीत का प्लांट भी पूरी तरह से कबाड़ में तब्दील हो गया है. भारत के मानचित्र में औद्योगिक नगरी के रूप में उभर रहा चंदवा पुनः उसी स्थिति में आ गया है या कहें कि उसकी स्थिति और भी बदतर हो गई है.
Money Making Stocks: अच्छा रिटर्न पाना है तो इन 5 शेयरों में करें निवेश
Money Making Stocks: एक से दो साल की अवधि में यह पांच शेयर निवेशकों को निवेश उपकरण निवेश उपकरण 31 फीसदी से अधिक का लाभ दे सकते हैं। अगर बाजार में पैसा लगाते हैं तो इन कंपनियों के शेयर में निवेश कर सकते हैं।
Money Making Stocks (सोशल मीडिया)
Money Making Stocks: शेयर बाजार पैसा कमाने का ऐसा माध्यम है, जहां पर लोग निवेश कर पल भर लाखों रुपये कमा सकते हैं तो वहीं पल भर में सारा पैसा गंवा सकते हैं। लेकिन अगर आप किसी बाजार विशेषज्ञ से सलाह से पैसा लगाते हैं तो संभावना कम होती है कि पैसा डूबे। तो ऐसा ही पांच कंपनियों के शेयर बाजार खोजकर लाएं हैं। निवेश उपकरण अगर इन शेयरों में पैसा लगाते हैं तो आने वाले समय 31 फीसदी तक रिटर्न पा सकते हैं। बाजार विशेषज्ञ भी पैसा लगाने की सलाह दे रहे हैं।
इन शेयरों पर लगाएं निवेश उपकरण पैसा
ब्रोकरेज फर्म आईसीआईसीआई डायरेक्ट का कहना है कि शेयर बाजार निवेशकों चाहतें तो महिंद्रा एंड महिंद्रा, भारत डायनामिक्स, Caplin Point, एचजी इन्फ्रा और जीआर इन्फ्रा जैसे स्टॉक पर पैसा लगा सकते निवेश उपकरण हैं। उनका कहना है कि ये स्टॉक निवेशकों को 31 फीसदी तक रिटर्न दे सकते हैं। आइये जानते हैं इन पांच कंपनियों के शेयर बाजार में पूरी जानकारी और ब्रोकरेज फर्म ने क्या रखा है टारगेट प्राइस?
- Mahindra & Mahindra
आईसीआईसीआई डायरेक्ट ने Mahindra & Mahindra कंपनी के शेयरों में निवश को खरीदने का सलाह दी है। डायरेक्ट ने टारगेट मूल्य 1590 रुपए तय किया है,जोकि मौजूदा भाव से करीब 25 फीसदी से अधिक है। डायरेक्ट ने निवेश उपकरण समय अवधि 12 महीने की रखी है।
ब्रोकरेज फर्म ने Bharat Dynamics में भी पैसा निवेश करने की सलाह दी है। फर्म ने कंपनी के लिए टारगेट प्राइस 1200 रुपए तय किया है,जोकि मौजूदा भाव से 23 फीसदी अधिक है। समय अवधि 12 से लेकर 18 महीने तक रखी है। वहीं, फर्म का कहना है कि अगले साल तक कंपनी का राजस्व 28.8 फीसदी और EBITDA 26.8 फीसदी के औसत से ग्रोथ कर सकती है।
Caplin Point के शेयर में भी निवेश कर सकते हैं। ऐसा कहना है फर्म का। फर्म ने इस कंपनी के शेयर का टारगेट प्राइस 955 रखा है। जोकि वर्तमान भाव से 31 फीसदी से अधिक है। हाल ही में कंपनी दूसरी तिमाही के नजीते जारी किये हैं। नतीजे जारी होने के बाद से अब तक 3 फीसदी से अधिक शेयरों में उछाल आ चुका है।
जीआर इन्फ्रा में भी चाहें निवेशक पैसा लगा सकते हैं। फर्म ने कंपनी के शेयर का टारगेट प्राइस 1475 रुपए रखा है,जोकि मौजूदा समय से 29 फीसदी अधिक है। कंपनी का मैनेमेंट अच्छा और बैलेंसशीट क्लीन है। इससे साफ है कि आने वाले दिनों में कंपनी को लाभ मिल सकता है।
फर्म ने HG Infra इंजीनियरिंग में निवेश करने की सलाह दी है। कंपनी के शेयर का टारगेट प्राइस 700 रुपए रखा है,जोकि 29 फीसदी अधिक है। कंपनी का मैनेजमेंट, बैलेंसशीट और रिटर्न रेशियो मजबूत है। सोमवार को कंपनी का शेयर 5 फीसदी उछल चुका है।