विदेशी मुद्रा आउटलुक और उम्मीदें

एसएंडपी ने कहा है कि अगर आर्थिक सुधारों की रफ्तार उम्मीद से कम रहती है, तो देश की रेटिंग घटाई भी जा सकती है। एसएंडपी ने उम्मीद जताई है कि देश का चालू खाते का घाटा (सीएडी) इस वित्त वर्ष में कुछ कम होगा।
Indian Economy: अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत, मूडीज ने भारत के आउटलुक को ‘नेगेटिव’ से ‘स्थिर’ श्रेणी में किया
By: एबीपी न्यूज़, एजेंसी | Updated at : 05 Oct 2021 08:32 PM (IST)
नई दिल्ली: रेटिंग एजेंसी मूडीज ने मंगलवार को भारत की साख को बरकरार रखा और देश के परिदृश्य (outlook ) को नेगेटिव (negative) से स्थिर (stable) श्रेणी में कर दिया. परिदृश्य में सुधार के लिए उसने अर्थव्यवस्था और वित्तीय प्रणाली में गिरावट के जोखिम में कमी का हवाला दिया. मूडीज ने भारत को ‘बीएएए3’ रेटिंग दी हुई है. यह निम्न निवेश स्तर की रेटिंग है और कबाड़ के दर्जे (junk status) से सिर्फ एक पायदान ऊपर है.
मूडीज इनवेस्टर सर्विसेज ने एक बयान में कहा, ‘‘हमने भारत सरकार की साख को लेकर परिदृश्य में बदलाव किया और इसे नेगेटिव से स्थिर श्रेणी में किया है. साथ ही देश की विदेशी मुद्रा तथा स्थानीय मुद्रा दीर्घकालीन निर्गमकर्ता रेटिंग और स्थानीय मुद्रा रेटिंग (सीनियर अनसिक्योर्ड) बीएए3 पर बरकरार रखी गयी है.’’
पाकिस्तान से पांच गुना छोटे बांग्लादेश का विदेशी मुद्रा भंडार 5 गुना ज्यादा, पढ़ें पूरी खबर
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) की ताजा वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक अपडेट के मुताबिक, बांग्लादेश विकास के मामले में दक्षिण एशियाई अर्थव्यवस्था में सबसे आगे खड़ा है। रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश लगातार उच्च वृद्धि दर दर्ज करता दिख रहा है, जबकि इसकी मुद्रास्फीति का स्तर स्थिर बना हुआ है।
2016 से बांग्लादेश में प्रति वर्ष सात प्रतिशत से ज्यादा की आर्थिक वृद्धि हो रही है और संभावना है कि यह इस साल के अंत तक या अगले साल तक यह आठ प्रतिशत को पार कर जाएगी। इसी अवधि में भारत ने विकास दर में गिरावट देखी है। हालांकि, आने वाले वर्षों में इसके उठने की उम्मीद लगाई जा रही है।
RBI गवर्नर का दावा- इकोनॉमी में उम्मीद से तेज रिकवरी, विदेशी मुद्रा आउटलुक और उम्मीदें लेकिन खतरा बरकरार
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने दावा किया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में उम्मीद से तेज रिकवरी देखने को मिल रही है. उन्होंने कहा कि इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में GDP में रिकॉर्ड 23.9 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई. लेकिन उसके बाद भारतीय अर्थव्यवस्था ने जोरदार रिकवरी की है.
फॉरेन एक्सचेंज डीलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (FEDAI) के वर्चुअल एनुअल प्रोग्राम में शक्तिकांत दास ने कहा कि हमने जितना अंदाजा लगाया था, उससे तेज रिकवरी हुई है. लेकिन इस गति को बनाये रखने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि तीसरी तिमाही में सबसे ज्यादा सुधार का अनुमान है.
Dollar Vs Rupee : शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 37 पैसे टूटा
Dollar Vs Rupee : विदेशी बाजारों में अमेरिकी मुद्रा की मजबूती और घरेलू शेयर बाजार में सुस्ती के बीच भारतीय रुपया गुरुवार को शुरुआती कारोबार के दौरान अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 37 पैसे टूटकर 81.63 पर आ गया. अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया डॉलर के मुकाबले 81.62 पर खुला, और फिर गिरावट के साथ विदेशी मुद्रा आउटलुक और उम्मीदें 81.63 पर आ गया, जो पिछले बंद भाव के मुकाबले 37 पैसे की कमजोरी दर्शाता है. विदेशी मुद्रा व्यापारियों ने कहा कि मजबूत अमेरिकी खुदरा बिक्री के आंकड़ों के बाद अमेरिकी करेंसी मजबूत हुई, जो धीमी अर्थव्यवस्था के बावजूद लचीली खपत की ओर इशारा करती है.
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वहीं, भारतीय रुपया बुधवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 35 पैसे लुढ़ककर 81.26 पर बंद हुआ था. इस बीच छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.26 प्रतिशत बढ़कर 106.55 पर पहुंच गया. वहीं, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड फ्यूचर्स 1.03 प्रतिशत नुकसान के साथ 91.90 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया.
घरेलू इक्विटी बाजार में, 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 72.14 अंक या 0.12 प्रतिशत की गिरावट के साथ 61,908.58 पर कारोबार कर रहा था. वहीं, व्यापक एनएसई निफ्टी 32.60 अंक या 0.16 प्रतिशत की गिरावट के साथ 18,377.05 पर कारोबार कर रहा था. एक्सचेंज के आंकड़ों विदेशी मुद्रा आउटलुक और उम्मीदें के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) कैपिटल मार्केट में शुद्ध विक्रेता रहे और उन्होंने बुधवार को 386.विदेशी मुद्रा आउटलुक और उम्मीदें 06 करोड़ रुपये के भारतीय शेयर बेचे हैं.
रिलायंस सिक्योरिटीज के सीनियर रिसर्च एनालिस्ट श्रीराम अय्यर ने कहा कि गुरुवार सुबह भारतीय रुपये की शुरुआत कमजोर नोट के साथ हुई, क्योंकि डॉलर स्थिर हो गया. निवेशकों ने उम्मीद से बेहतर खुदरा बिक्री के आंकड़ों के बाद यूएस फेड पॉलिसी के लिए आउटलुक का आकलन करने की कोशिश की.
एसएंडपी ने दी भारत की रेटिंग घटाने की चेतावनी
दुनिया की जानीमानी रेटिंग एजेंसी स्टेडर्ड एंड पुअर्स (एसएंडपी) ने चेतावनी दी है कि अगर भारत सरकार सुधारों के प्रति गंभीरता नहीं दिखाती है और बढ़ते चालू खाते के घाटे को नियंत्रित नहीं करती है, तो भारत की रेटिंग घटाई जा सकती है।
एसएंडपी ने भारत की रेटिंग को बीबीबी माइनस पर बरकरार रखा है। साथ ही आउटलुक भी निगेटिव ही रखा है। हालांकि सरकार ने एसएंडपी से रेटिंग और बढ़ाने की पैरवी की थी।
हालांकि एसएंडपी ने कहा है कि भारत में लंबी अवधि में विकास की संभावनाएं हैं और विदेशी मुद्रा के ऊंचे भंडार से राहत है। एसएंडपी के मुताबिक भारत की रेटिंग घटने की संभावना केवल 33 फीसदी है।