Unlisted Shares क्या होते है

बता दें कि कंपनीज एक्ट, 2013 में सरकारी कंपनियों के साथ ही निजी कंपनियों को भी शामिल किया जाता है. आम तौर पर जिस कंपनी में 200 से ज्यादा सदस्य होते हैं, उसे ही पब्लिक कंपनियों की श्रेणी में रखा जाता है. ऐसी कंपनियों को कॉरपोरेट गवर्नेंस के नियमों का पालन करना पड़ता है.
Buy Unlisted shares |अनलिस्टेड शेयर कैसे खरीदें
जैसे-जैसे अधिक से अधिक कंपनियां लंबे समय तक निजी रहना पसंद करती हैं, रिटेल कंपनी के अल्ट्रा ग्रोथ स्टेज से चूक जाता है। सूचीबद्ध होने से पहले निजी कंपनियों का मूल्यांकन कई गुना बढ़ जाता है। आप लहर की सवारी करते हैं।
बड़ी निजी इक्विटी
किसी भी नए स्टार्टअप की सफलता तब मापी जाती है जब वे सार्वजनिक होने में सक्षम होते हैं। खुदरा निवेशक केवल अधिकतम निवेश कर सकता है। 2 लाख रु. आवेदन जबकि उनके पास निवेश करने के लिए कहीं अधिक पैसा है। भारत में प्राइवेट इक्विटी 2 करोड़ से शुरू होती है। वह पहले से ही 2 लाख बनाम 2 करोड़ का बड़ा अंतर है।
यही कारण है कि IPOINVEST खुदरा निवेशकों के लिए उन कंपनियों में निवेश करने के अवसर तलाश रहा है जो अल्पावधि से मध्य अवधि में शेयर बाजार में उतरने वाली हैं।buy unlisted shares online
IPO Invest पर असूचीबद्ध शेयरों(Unlisted shares) को खरीदने की प्रक्रिया नीचे देखें।
1. आप ट्रेडिंग मूल्य पर हमारे साथ असूचीबद्ध शेयरों की बुकिंग की पुष्टि करते हैं।
2. यदि आप सीएमआर कॉपी में उल्लिखित बैंक खाते से धनराशि स्थानांतरित नहीं कर रहे हैं तो आप पैन कार्ड और रद्द किए गए चेक के साथ अपनी क्लाइंट मास्टर रिपोर्ट (दलाल उपलब्ध नहीं होने पर पूछें) प्रदान करें। ये सेबी के नियमों के अनुसार आवश्यक केवाईसी दस्तावेज हैं।
3. हम बैंक विवरण प्रदान करेंगे।
4. आपको उस खाते में धनराशि स्थानांतरित करने की आवश्यकता है।
5. भुगतान आरटीजीएस/एनईएफटी/आईएमपीएस चेक ट्रांसफर में करना होगा। कोई नकद जमा नहीं। Unlisted Shares क्या होते है
6. भुगतान उसी खाते से करना होता है जिसमें शेयर जमा करने होते हैं।
7. यदि धन दोपहर 2 बजे से पहले जमा हो जाता है तो हम 24 घंटे में शेयरों को स्थानांतरित कर देंगे।
गैर सूचीबद्ध कंपनियों के शेयर में निवेश करने की जानकारी।
दोस्तों, आप शेयर बाजार में शेयर या स्टॉक कई बार ख़रीदा या बेचा है, लेकिन क्या आप जानते है कि शेयर बाजार में विभिन्न कम्पनियाँ सूचीबद्ध कैसे होती है ? आप कौन से मार्किट या स्टॉक एक्सचेंज (Stock Exchange) से शेयर खरीद या बेच सकते है ? आईये इसका उत्तर जानते है।
किसी भी शेयर या स्टॉक का क्रय या विक्रय प्रतिभूति बाज़ार (Security Market) के अंतर्गत आता है और प्राथमिक बाज़ार (Primary Market) और द्वितीयक बाज़ार (Secondary Market) इसके दो प्रकार है। प्रतिभूति बाज़ार में एनएसई या बीएसई दो प्रसिद्ध स्टॉक एक्सचेंज है। कोई भी कंपनी आईपीओ (IPO) के माध्यम से शेयर बाज़ार में सूचीबद्ध होता है और निवेशक प्राथमिक बाज़ार से कंपनी के शेयर सीधे खरीदते है। जब कंपनी द्वितीयक बाज़ार में सूचीबद्ध हो जाता है तो निवेशक या ट्रेडर्स उसके शेयर आपस में खरीदते या बेचते है।
अनलिस्टेड स्टॉक्स लिस्ट्स
आपके मन में एक प्रश्न उठ रहा है Unlisted Shares क्या होते है कि यदि अनलिस्टेड स्टॉक्स एनएसई या बीएसई स्टॉक एक्सचेंज में पंजीकृत नहीं है तो ऐसे स्टॉक्स कैसे ख़रीदे ?
इसका उत्तर है कि अनलिस्टेड स्टॉक्स आप किसी ब्रोकर्स कंपनियों से खरीद सकते है, जैसे Unlisted Zone, Unlisted deals, Buy Sell Unlisted Shares आदि। इसके अलावा अन्य ब्रोकर का सूचि आपको इंटरनेट के माध्यम से मिल जायेगा।
अनलिस्टेड स्टॉक्स कि श्रेणी में भिन्न-2 प्रकार के कंपनियां शामिल है जो निम्नलिखित है।
- प्रसिद्ध कंपनियों की सहायक कंपनियां है। मुख्यतः ये सहायक कंपनियां मूल कंपनी के भाग होते है, जैसे एचडीएफसी सिक्योरिटीज अनलिस्टेड स्टॉक्स है परन्तु यह एचडीएफसी बैंक का हिस्सा है।
- अन्य प्रकार के अनलिस्टेड कंपनियां जो मुख्यतः वित्तीय, तकनिकी या संचार आदि क्षेत्र में शामिल है जैसे ड्रीम 11 कंपनी शामिल है।
अनलिस्टेड स्टॉक्स में कैसे इन्वेस्ट करें
यदि आप भी अन्य निवेशक की तरह अनलिस्टेड Unlisted Shares क्या होते है शेयर में निवेश करना चाहते है, तो बहुत से माध्यम है जिसके द्वारा आप गैर सूचीबद्ध शेयर में निवेश कर सकते है।
स्टार्टअप से शुरू करें
आप किसी स्टार्टअप कंपनी के शेयर में निवेश करके शुरुवात कर सकते है। स्टार्टअप और छोटी कंपनियां शेयर की बिक्री की गारंटी नहीं देती हैं। स्टार्टअप कंपनी जल्दी और अग्रिम भुगतान करने के लिए पैसे की मांग करती है और ट्रेड के दिन से तीन दिन बाद ही डिलीवरी होती है। इसे आम तौर पर टी+3 डिलीवरी कहा जाता है।
ईसॉप शेयर
ईसॉप शेयर एक अनलिस्टेड स्टॉक है, इस शेयर को खरीदने की अनुमति सिर्फ कंपनी के आंतरिक कर्मचारियों को होता है। ईसॉप शेयर भी अन्य शेयर बाजार के शेयर के सामान होता है। एक ब्रोकर आपके लिए सही अनलिस्टेड स्टॉक खोजने में आपकी मदद कर सकता है।
प्रमोटर्स
आप गैर सूचीबद्ध शेयर में निवेश करना चाहते है तो आप सीधे प्रोमोटर्स (Promotors) से खरीद सकते है। कई निवेश बैंक और निजी प्लेसमेंट निजी या नॉन-लिस्टेड शेयरों को खरीदने में मदद प्रदान कर सकते हैं।
क्या हैं गैर-सूचीबद्ध शेयरों में निवेश करने के खतरे?
हाल में मैं अपने बचपन के एक दोस्त के घर पहुंचा. उसने मुझे निवेश पर कुछ सलाह लेने के लिए बुलाया था. उसके इक्विटी निवेश को देखकर मैं दंग रह गया. निवेश Unlisted Shares क्या होते है तो काफी ज्यादा था, लेकिन यह पूरा का पूरा गैर-सूचीबद्ध कंपनियों में था. उसके पास ओनरशिप के सभी कागज मौजूद थे. लेकिन, उसे एहसास नहीं था कि वह रिटेल इक्विटी निवेश से जुड़े दो महत्वपूर्ण पहलुओं को भूल रहा है. पहला है उचित भाव जो सार्वजनिक पारदर्शी बाजार में ही मिल सकता है. दूसरा है कभी भी इच्छा होने पर शेयरों की बिक्री की सुविधा.
अजीब यह है कि इन शेयरों को 'एक्सक्लूसिव' और 'प्राइवेट' के मुखौटे के साथ सीधे-सादे निवेशकों को बेचा जा रहा है. इन्हें Unlisted Shares क्या होते है इस तरह बेचा जाता है कि मानों कोई एहसान किया जा रहा हो. देश में गैर-सूचीबद्ध शेयरों की बिक्री का बड़ा बाजार बन चुका है. इसे इंटरनेट और सोशल मीडिया के जरिए बढ़ाया जा रहा है. इसमें लोगों को कुछ ऐसा खरीदने के लिए उकसाया जाता है जो उनके लिए उपयुक्त नहीं है.
अनलिस्टेड शेयर में ट्रेडिंग और ग्रे मार्केट एक नहीं हैं, जानिए इनमें क्या है फर्क, मार्केट में लिस्टेड होने से पहले कैसे खरीदें शेयर?
अनलिस्टेड मार्केट सेबी के गाइडलाइंस के मुताबिक रेगुलेट होता है जबकि ग्रे मार्केट को लेकर सेबी की कोई गाइडलाइंस नहीं है लेकिन यह न तो वैध और न ही अवैध.
Unlisted Market vs Grey Market: किसी कंपनी को पैसों की जरूरत पड़ती है तो उसके पास कई विकल्पों में एक शेयर इशू करने का होता है. आमतौर पर निवेशक सिर्फ उन्हीं शेयरों की खरीद-बिक्री के बारे में सोचते हैं जो मार्केट में लिस्टेड होते हैं. हालांकि लिस्टेड कंपनियों के अलावा भी शेयरों की खरीद-बिक्री होती है. इनकी बिक्री अनलिस्टेड मार्केट में होती है. इसके अलावा कंपनियां जब आईपीओ इशू करती हैं तो इसकी लिस्टिंग से पहले ग्रे मार्केट को लेकर बहुत सी बातें की जाती हैं और इसके प्रीमियम के आधार पर कई निवेशक निवेश का फैसला लेते हैं. चूंकि ग्रे मार्केट भी कंपनी के लिस्टेड होने से पहले शेयरों की खरीद-बिक्री से जुड़ा हुआ है तो ऐसे में अधिकतर लोग अनलिस्टेड और ग्रे मार्केट को एकसमान समझ लेते हैं जबकि ऐसा नहीं है.
Unlisted Market vs Grey Market को ऐसे समझें
- जब कोई कंपनी आईपीओ के प्राइस बैंड का ऐलान करती है तो उसके आस-पास ग्रे मार्केट गतिविधियां शुरू हो जाती हैं. इसके विपरीत अनलिस्टेड मार्केट में शेयरों की ट्रेडिंग आईपीओ आने से बहुत पहले भी जारी हो सकती हैं जैसे कि नजारा टेक्नोलॉजीज का आईपीओ इस साल आया है लेकिन इसके शेयर अनलिस्टेड मार्केट में वर्ष 2018 से ही उपलब्ध हैं.
- ग्रे मार्केट में शेयरों की डीलिंग में वास्तव में कोई शेयर नहीं मिलता है बल्कि एक तरह से यह अनऑफिशियल फ्यूचर/फारवर्ड की तरह हैं. इसके विपरीत अनलिस्टेड मार्केट में शेयरों को डीमैट खाते में रखा जाता है. सेबी के नियमों के मुताबिक सभी फिजिकल शेयरों को इलेक्ट्रिक फॉर्म में रखना अनिवार्य है.
- ग्रे मार्केट में शेयरों की खरीद-बिक्री कैश के जरिए होती है और इसमें पूरी प्रक्रिया भरोसे पर टिकी होती है यानी इसमें रिस्क बहुत अधिक है. इसके विपरीत अनलिस्टेड मार्केट में ट्रेडिंग के लिए सेबी की गाइडलाइंस तो नहीं है लेकिन चूंकि इसमें लेन-देन कैश में नहीं होता है और शेयर डीमैट में रखे जाते हैं, इसलिए यह लीगल है और इसमें रिस्क नहीं है.
अनलिस्टेड कंपनियों के शेयर डीमैट फॉर्म में ही होंगे जारी, सरकार ने की घोषणा
- नई दिल्ली,
- 11 सितंबर 2018,
- (अपडेटेड 11 सितंबर 2018, 6:03 PM IST)
निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए सरकार ने एक अहम फैसला लिया है. मंगलवार को केंद्र सरकार ने घोषणा की है कि अब अनलिस्टेड पब्लिक कंपनियों को अपने नये शेयर डीमैट फॉर्म में ही जारी करने होंगे. ऐसा करना इन कंपनियों के लिए 2 अक्टूबर से अनिवार्य हो जाएगा.
मंगलवार को कॉरपोरेट अफेयर्स मिनिस्ट्री ने इस संबंध में एक बयान जारी किया. इसमें उसने बताया कि अनलिस्टेड कंपनियों के शेयर भविष्य में डीमैट या इलेक्ट्रोनिक फॉर्म में ही ट्रांसफर किया जाएगा.